SlideShare a Scribd company logo
1 of 4
इकाई पाठ – योजना
 कक्षा – दसव ीं
 पुस्तक – स्पर्श (भाग-२)
 विषय-िस्तु – कहान
 प्रकरण – अब कककक ककककक कक ककक कक कककक कककक कककक
विक्षण- उद्देश्य :-
(क) ज्ञानामक –
(१) मनुष्य-मात्र क
े स्वभाव एवीं व्यवहार क जानकार देना।
पाठ में वर्णशत घटनाओीं क सूच बनाना। (२ )कहान क र्वषयवस्तु
को पूवश में सुन हुई कहान से सींबद्ध करना।
(१) नए र्ब्ोीं क
े अर्श समझकर अपने र्ब्- भींडार में वृद्धद्ध करना।
(२) सार्हत्य क
े गद्य –र्वधा (कहान -कला)क जानकार देना।
(३) छात्रोीं को अपने पररवेर् एवीं प्रक
ृ र्त क
े बारे में जानकार देना।
(४) नैर्तक मूल्ोीं क ओर प्रेररत करना।
(५) ज व-जींतुओीं क
े प्रर्त करूणा, सहानुभूर्त, प्रेम आर्द क भावनाएँ जागृत करना।
(ख) कौिलामक -
(१) स्वयीं कहान र्लखने क योग्यता का र्वकास करना।
(२) पयाशवरण – प्रदू षण को रोकने क
े र्वर्भन्न उपायोीं का व्यावहाररक ज्ञान प्राप्त करना।
(ग) बोधामक –
(१) कहान क
े उउउउउउउ उउउउ को समझने का प्रयास करना।
(२) रचनाकार क
े उद्देश्य को स्पष्ट करना।
(३) कहान में आए सींवेदनर् ल स्र्लोीं का चुनाव करना।
(४) समाज में व्याप्त र्वसींगर्तयोीं क
े बारे में सजग होना।
(घ) प्रयोगामक –
(१) कहान को अपने दैर्नक ज वन क
े सींदभश में जोड़कर देखना।
(२) कहान उउ उउउउउ उउउउउ उउ उउउउउउउउउ उउउउउ
उउउउउउउ उउउउउ
(३) पाठ का साराींर् अपने र्ब्ोीं में र्लखना।
(४) कहान क घटनाओीं का वणशन सींक्षेप में अपने र्ब्ोीं में करना।
(५) कहान को एकाींक क
े रूप में मींचस्र् करना।
सहायक विक्षण – सामग्री:-
(१) चाक , डस्टर आर्द।
(२) पावर प्वाइींट क
े द्वारा पाठ क प्रस्तुर्त।
पूिव ज्ञान:-
(१) ‘ कबूतर ’ , जींगल , पृथ्व क उत्पर्ि क
े बारे में ज्ञान है।
(२) प्राक
ृ र्तक र्वपर्ि तर्ा समुद्र क
े बारे में आधारभूत ज्ञान है।
(३) कहान -कला का ज्ञान है।
(४) पयाशवरण - प्रदू षण क र्ोड़ -बहुत जानकार है।
(५) सामार्जक बुराइयोीं से वार्िफ़ हैं।
(६) मानव य स्वभाव क जानकार है।
प्रस्तािना – प्रश्न :-
(१) बच्चो! क्या आपक
े आसपास ऐसे लोग रहते हैं जो ज व-जींतुओीं क
े सार् बुरा व्यवहार
करते हैं?
(२) क्या आपने उउउउउउ उउउ उउउउ उउउउ उउउ? उनक कोई दो
र्वर्ेषताएँ बताइए।
(३) ऐसे दो लोगोीं क
े बारे में बताइए र्जन्ोींने कभ र्कस पर्ु-पक्ष क मदद
क हो।
(४) मनुष्य क स्वभावगत र्वर्ेषताएँ बताइए।
उद्देश्य कथन :- बच्चो! आज हम लेखक ‘ उउउउ उउउउउ ’ क
े द्वारा रर्चत कहान ‘अब उउउउ
उउउउउ उउ उउउ उउ उउउउ उउउउ उउउउ ’ का अध्ययन करेंगे।
पाठ की इकाइयााँ—
प्रथम अन्विवि— (उउउउउउ , उउउ उउउउउ उउ उउउउ उउउ उउउ उउ
उउउउउ )
 सोलेमन क
े द्वारा च ींर्टयोीं क रक्षा।
 र्ेख़ अयाज़ क
े र्पता का च्ोींटा को उसक
े घर तक
पहुँचाना।
 क
ु िे क बातोीं से नूह का रोना।
 वििीय अन्विवि :- (उउउउउउ पर जन-उउउउ उउ उउउउउ , उउउउउउ
उउ उउउउ)
 उउउउउउ उउ उउउउउउउउ
 उउउउउउ पर उउउउ
 उउउउ उउ उउउउउउउ उउ उउउउउउ पर
उउउउउउ
 सउउउउउ उउ उउउ उउउउउउउ , उउउउउउ
उउ उउउउउउ उउ उउउउउउ
ककककक ककककककक :- ( उउउउ उउ उउउ उउ उउउउउउउ ,
उउउउ उउ उउउउउ उउ उउउउउउउ)
(१) उउउउ उउ उउउ उउ उउउउउउ उउउउउ उउ
उउउउउ उउ उउउउउ उउउ उउउउ उउ उउउ उउउउउ उउउउउउउउ उउ
उउउ उउउ उउउ उउ उउउउस उउउउउ
(२ ) उउउउ उउ उउउउउ उउ उउउउउउउ उउ घर उउ उउउउउउ
विक्षण विवध :-
क्रमाांक अध्यापक - वक्रया छात्र - वक्रया
१. कहानी का साराांि :-
प्रस्तुत कहान उउउउउउ उउ उउउउउउउउ
उउउउउउ पर उउउउउउ उउउ उउउउउउ
उउ उउउउ उउउउ उउ उउ उउउउ
उउउउउ उउउ उउउउ उउउ अब वह उउउउ
उउउउउउउउउ उउ उउ उउउउ उउउ
उउउउ उउउ उउ उउ उउउउउ उउउउ उउ
उउ उउउउ उउ उउउउउउ उउउउ उउउउउ
उउउउउउ उउउ उउउउउ उउउ उउउउउउ
उउउउउउउ उउउ उउउ उउउ उउउउ
उउउउउउउउ उउ उउउउउ उउ उउउ
उउउउ उउउ उउ उउउ उउउउ उउउ
उउउउ उउउउउ उउ उउउउ उउउउ
उउउउउ एक उउउउउउउ उउ उउउउ घर
तक उउउउउउउउ उउ उउउ उउउउ उउउ
और उउउउ उउउउउउउ उउ उउउउउ
उउउउ उउउउ‘उउउ’ उउउउउउ उउ
उउउउउउ उउउउउ कर उउउउउउउउ
कहान को ध्यानपूवशक सुनना और
समझने का प्रयास करना। नायक क
े
चररत्र पर तर्ा सामार्जक बुराई पर
अपने र्वचार प्रस्तुत करना।
उउउउ उउउ उउउउ उउउउउउउ उउउउ
उउउउ उउउ उउउउ उउउउउउ उउ
उउउउउउउउ उउउ उउउउ उउ उउउउ
उउउ-उउउउउउ पर उउउउउउ उउ
उउउउउउप उउउ उउउउउ उउउ उउउउउउ
उउ उउउ उउउउउउउ उउउ उउउउ पर
उउउउउउ उउउउ उउउउउ पर उउउ उउउ
उउउउउउ उउ उउउउ पटककर उउउउ
उउउउ उउउ उउउ उउउउ उउउउउउउउ
उउउउउउउ पर उउउउउ उउउउउ उउउ
उउउउ उउ उउउउउउ उउ उउउउ उउ
उउउउ उउउ उउउउउ उउउ उउउउ उउ
उउउ उउउउ उउउ उउ उउउउ उउउ
उउउउउ उउ उउउउ पर उउख उउउउउ
उउउ उउउउउउउउउउ उउउउ उउउ
उउउउउ उउउउ उउ उउउउउ उउ
उउउउउउउ उउउउ उउउउउउ उउउउ
उउउ वह उउउउउउउ उउ घर उउउ उउउउ
उउ जगह उउउउ उउउउ ; उउउउउ पर
उउउउ उउउ उउउउ उउउ
२. लेखक-पररचय :- ‘कककक ककककक’(उउउउ-
१९३८) उउउउउ उउ उउउउउउउउउ उउउउ
क
े एक महान सार्हत्यकार हैं र्जन्ोींने कहान र्वधा क
े क्षेत्र
में अर्द्वत य सफलता प्राप्त क है। उउ इन उउउउउ
उउउउउ उउउउउउ उउ उउउउउउ उउउ।
उनक कहार्नयाँ मानव –ज वन से काफ़ गहराई से जुड़
हुई हैं। सत्य क
े प्रर्त आस्र्ा और र्नष्ठा ह उउउउउ क
धरोहर है। उउउउउ क प्रमुख कहार्नयाँ –
उउउउउउ उउ उउउ , उउउउ उउ उउउ ,
उउउउउउउ उउ उउउ , उउउउउ उउउउ
उउउ आर्द हैं। यह कहान ‘ तमार्ा मेरे आगे ’
का एक अींर् है।
लेखक क
े बारे में आवश्यक जानकाररयाँ
अपन अभ्यास –पुद्धस्तका में र्लखना।
३. र्र्क्षक क
े द्वारा पाठ का उच्च स्वर में पठन करना। उच्चारण एवीं पठन – र्ैल को ध्यान से
सुनना।
४. पाठ क
े अवतरणोीं क व्याख्या करना। पाठ को हॄदयींगम करने क क्षमता को
र्वकर्सत करने क
े र्लए पाठ को ध्यान से
सुनना। पाठ से सींबर्धत अपन
र्जज्ञासाओीं का र्नराकरण करना।
५. कवठन िब्ोां क
े अथव :-
उउउउउ – उउउउ / उउउउउ
उउउउउउउउ
उउउउउ – उउउउउउ ; उउउउ -
उउउउ
उउउउउ – उउउउउ ; उउउउउउ -
उउउउउउ
उउउउउ – उउउउ ; उउउउउ –
उउउउउउ
लकब
- पद उउउउ उउउ
उउउउ – उउउउउउउ उउउउ
उउउउउउउ उउउउउउ उउउउ
उउउउउउ- उउउउउउउउ
उउउ उउउउउउ
६. छात्रोीं द्वारा पर्ठत अनुच्छे दोीं में होने वाले उच्चारण सींबध
अर्ुद्धद्धयोीं को दू र करना।
छात्रोीं द्वारा पठन।
७. पाठ में आए व्याकरण का व्यावहाररक ज्ञान प्रदान करना।
 नुक़्ता (.)
 र्वराम र्चह्न
 कारक ; वचन
व्याकरण क
े इन अींगोीं क
े र्नयम, प्रयोग
एवीं उदाहरण को अभ्यास-पुद्धस्तका में
र्लखना।
गृह – कायव :-
(१) पाठ का सह उच्चारण क
े सार् उच्च स्वर मेँ पठन करना।
(२) पाठ क
े प्रश्न – अभ्यास करना।
(३) कहान क प्रमुख घटनाओीं क सींक्षेप में सूच तैयार करना।
(४) पाठ में आए कर्ठन र्ब्ोीं का अपने वाक्योीं में प्रयोग करना।
पररयोजना कायव :-
(१) कहान पुस्तकालय आर्द से सींग्रह करना।
(२) समाज में व्याप्त र्कस समस्या पर आधाररत कोई कहान र्लखना।
मूल्ाांकन :-
र्नम्न र्वर्धयोीं से मूल्ाींकन र्कया जाएगा :-
१. पाठ्य-पुस्तक क
े बोधात्मक प्रश्न—
 ज वन क
ै से घरोीं में र्समटने लगा है?
 लेखक क माँ ने पूरे र्दन का रोज़ा क्योीं रखा?
 उउउउउउउ उउउ आए उउउउउउउ उउ उउउउ उउउउ उउ?
 उउउउ उउ उउउउउ उउ उउउउउ उउउ उउउउ उउउउउ उउउउउउ
उउउ?
 अरब उउउ उउउउउ उउ उउउ उउ उउउ उउ उउउउउ उउउ उउउउ
उउउ?
२. उउउउ उउउउउउउउउ
३. उउउ – उउउउउ
४. उउउउउउउउ - उउउउउ

More Related Content

Similar to ab-kahan-doosare.doc

Gyanmargna - Shrutgyan
Gyanmargna - ShrutgyanGyanmargna - Shrutgyan
Gyanmargna - ShrutgyanJainkosh
 
E patrika Hindi Dept. Meridian school,Madhapur
E patrika Hindi Dept. Meridian school,MadhapurE patrika Hindi Dept. Meridian school,Madhapur
E patrika Hindi Dept. Meridian school,MadhapurAnju Dubey
 
Pran Prarupna
Pran PrarupnaPran Prarupna
Pran PrarupnaJainkosh
 
Leshaya Margna
Leshaya MargnaLeshaya Margna
Leshaya MargnaJainkosh
 
एक एक (कविता) प्रशोत्तर कार्य (Question answer)
एक एक (कविता) प्रशोत्तर कार्य (Question  answer)एक एक (कविता) प्रशोत्तर कार्य (Question  answer)
एक एक (कविता) प्रशोत्तर कार्य (Question answer)Koteswaran Chandra Mohan
 
Gunsthan 1-2
Gunsthan 1-2Gunsthan 1-2
Gunsthan 1-2Jainkosh
 
Gati Margna
Gati MargnaGati Margna
Gati MargnaJainkosh
 
Chadhala Dhaal -1 | छहढाला ढाल 1
Chadhala Dhaal -1 | छहढाला ढाल 1 Chadhala Dhaal -1 | छहढाला ढाल 1
Chadhala Dhaal -1 | छहढाला ढाल 1 Prakash Jain
 
पाठ 5 अक्षरों का महत्व 1.pptx
पाठ 5 अक्षरों का महत्व 1.pptxपाठ 5 अक्षरों का महत्व 1.pptx
पाठ 5 अक्षरों का महत्व 1.pptxPuliKesi1
 
GyanMargna - Matigyan
GyanMargna - MatigyanGyanMargna - Matigyan
GyanMargna - MatigyanJainkosh
 
पाठ 4 चांद से थोड़ी सी गप्पे 1.pptx
पाठ 4 चांद से थोड़ी सी गप्पे 1.pptxपाठ 4 चांद से थोड़ी सी गप्पे 1.pptx
पाठ 4 चांद से थोड़ी सी गप्पे 1.pptxPuliKesi1
 
शुरुआती लोगों के लिए योग - Hindi.pdf
शुरुआती लोगों के लिए योग - Hindi.pdfशुरुआती लोगों के लिए योग - Hindi.pdf
शुरुआती लोगों के लिए योग - Hindi.pdfHasenchat Books
 
What is the benefits of yoga in students life
What is the benefits of yoga in students lifeWhat is the benefits of yoga in students life
What is the benefits of yoga in students lifeShivartha
 
Indriya Margna
Indriya MargnaIndriya Margna
Indriya MargnaJainkosh
 
अनुवाद के क्षेत्र
अनुवाद के क्षेत्र अनुवाद के क्षेत्र
अनुवाद के क्षेत्र ASHUTOSH KUMAR VISHWAKARMA
 

Similar to ab-kahan-doosare.doc (20)

Pawari Boli bhasha - Speech in Hindi.pdf
Pawari Boli bhasha - Speech in Hindi.pdfPawari Boli bhasha - Speech in Hindi.pdf
Pawari Boli bhasha - Speech in Hindi.pdf
 
Gyanmargna - Shrutgyan
Gyanmargna - ShrutgyanGyanmargna - Shrutgyan
Gyanmargna - Shrutgyan
 
E patrika Hindi Dept. Meridian school,Madhapur
E patrika Hindi Dept. Meridian school,MadhapurE patrika Hindi Dept. Meridian school,Madhapur
E patrika Hindi Dept. Meridian school,Madhapur
 
Pran Prarupna
Pran PrarupnaPran Prarupna
Pran Prarupna
 
Leshaya Margna
Leshaya MargnaLeshaya Margna
Leshaya Margna
 
एक एक (कविता) प्रशोत्तर कार्य (Question answer)
एक एक (कविता) प्रशोत्तर कार्य (Question  answer)एक एक (कविता) प्रशोत्तर कार्य (Question  answer)
एक एक (कविता) प्रशोत्तर कार्य (Question answer)
 
Gunsthan 1-2
Gunsthan 1-2Gunsthan 1-2
Gunsthan 1-2
 
Gati Margna
Gati MargnaGati Margna
Gati Margna
 
Chadhala Dhaal -1 | छहढाला ढाल 1
Chadhala Dhaal -1 | छहढाला ढाल 1 Chadhala Dhaal -1 | छहढाला ढाल 1
Chadhala Dhaal -1 | छहढाला ढाल 1
 
पाठ 5 अक्षरों का महत्व 1.pptx
पाठ 5 अक्षरों का महत्व 1.pptxपाठ 5 अक्षरों का महत्व 1.pptx
पाठ 5 अक्षरों का महत्व 1.pptx
 
EK TINKA-PPT CLASS 7.pdf
EK TINKA-PPT CLASS 7.pdfEK TINKA-PPT CLASS 7.pdf
EK TINKA-PPT CLASS 7.pdf
 
GyanMargna - Matigyan
GyanMargna - MatigyanGyanMargna - Matigyan
GyanMargna - Matigyan
 
पाठ 4 चांद से थोड़ी सी गप्पे 1.pptx
पाठ 4 चांद से थोड़ी सी गप्पे 1.pptxपाठ 4 चांद से थोड़ी सी गप्पे 1.pptx
पाठ 4 चांद से थोड़ी सी गप्पे 1.pptx
 
एक तिनका.pdf
एक तिनका.pdfएक तिनका.pdf
एक तिनका.pdf
 
शुरुआती लोगों के लिए योग - Hindi.pdf
शुरुआती लोगों के लिए योग - Hindi.pdfशुरुआती लोगों के लिए योग - Hindi.pdf
शुरुआती लोगों के लिए योग - Hindi.pdf
 
BalSanskarKendraPathhykram
BalSanskarKendraPathhykramBalSanskarKendraPathhykram
BalSanskarKendraPathhykram
 
What is the benefits of yoga in students life
What is the benefits of yoga in students lifeWhat is the benefits of yoga in students life
What is the benefits of yoga in students life
 
Indriya Margna
Indriya MargnaIndriya Margna
Indriya Margna
 
अनुवाद के क्षेत्र
अनुवाद के क्षेत्र अनुवाद के क्षेत्र
अनुवाद के क्षेत्र
 
Konkani - The Apostles' Creed.pdf
Konkani - The Apostles' Creed.pdfKonkani - The Apostles' Creed.pdf
Konkani - The Apostles' Creed.pdf
 

ab-kahan-doosare.doc

  • 1. इकाई पाठ – योजना  कक्षा – दसव ीं  पुस्तक – स्पर्श (भाग-२)  विषय-िस्तु – कहान  प्रकरण – अब कककक ककककक कक ककक कक कककक कककक कककक विक्षण- उद्देश्य :- (क) ज्ञानामक – (१) मनुष्य-मात्र क े स्वभाव एवीं व्यवहार क जानकार देना। पाठ में वर्णशत घटनाओीं क सूच बनाना। (२ )कहान क र्वषयवस्तु को पूवश में सुन हुई कहान से सींबद्ध करना। (१) नए र्ब्ोीं क े अर्श समझकर अपने र्ब्- भींडार में वृद्धद्ध करना। (२) सार्हत्य क े गद्य –र्वधा (कहान -कला)क जानकार देना। (३) छात्रोीं को अपने पररवेर् एवीं प्रक ृ र्त क े बारे में जानकार देना। (४) नैर्तक मूल्ोीं क ओर प्रेररत करना। (५) ज व-जींतुओीं क े प्रर्त करूणा, सहानुभूर्त, प्रेम आर्द क भावनाएँ जागृत करना। (ख) कौिलामक - (१) स्वयीं कहान र्लखने क योग्यता का र्वकास करना। (२) पयाशवरण – प्रदू षण को रोकने क े र्वर्भन्न उपायोीं का व्यावहाररक ज्ञान प्राप्त करना। (ग) बोधामक – (१) कहान क े उउउउउउउ उउउउ को समझने का प्रयास करना। (२) रचनाकार क े उद्देश्य को स्पष्ट करना। (३) कहान में आए सींवेदनर् ल स्र्लोीं का चुनाव करना। (४) समाज में व्याप्त र्वसींगर्तयोीं क े बारे में सजग होना। (घ) प्रयोगामक – (१) कहान को अपने दैर्नक ज वन क े सींदभश में जोड़कर देखना। (२) कहान उउ उउउउउ उउउउउ उउ उउउउउउउउउ उउउउउ उउउउउउउ उउउउउ (३) पाठ का साराींर् अपने र्ब्ोीं में र्लखना। (४) कहान क घटनाओीं का वणशन सींक्षेप में अपने र्ब्ोीं में करना। (५) कहान को एकाींक क े रूप में मींचस्र् करना। सहायक विक्षण – सामग्री:- (१) चाक , डस्टर आर्द। (२) पावर प्वाइींट क े द्वारा पाठ क प्रस्तुर्त। पूिव ज्ञान:- (१) ‘ कबूतर ’ , जींगल , पृथ्व क उत्पर्ि क े बारे में ज्ञान है। (२) प्राक ृ र्तक र्वपर्ि तर्ा समुद्र क े बारे में आधारभूत ज्ञान है। (३) कहान -कला का ज्ञान है। (४) पयाशवरण - प्रदू षण क र्ोड़ -बहुत जानकार है। (५) सामार्जक बुराइयोीं से वार्िफ़ हैं। (६) मानव य स्वभाव क जानकार है। प्रस्तािना – प्रश्न :- (१) बच्चो! क्या आपक े आसपास ऐसे लोग रहते हैं जो ज व-जींतुओीं क े सार् बुरा व्यवहार करते हैं?
  • 2. (२) क्या आपने उउउउउउ उउउ उउउउ उउउउ उउउ? उनक कोई दो र्वर्ेषताएँ बताइए। (३) ऐसे दो लोगोीं क े बारे में बताइए र्जन्ोींने कभ र्कस पर्ु-पक्ष क मदद क हो। (४) मनुष्य क स्वभावगत र्वर्ेषताएँ बताइए। उद्देश्य कथन :- बच्चो! आज हम लेखक ‘ उउउउ उउउउउ ’ क े द्वारा रर्चत कहान ‘अब उउउउ उउउउउ उउ उउउ उउ उउउउ उउउउ उउउउ ’ का अध्ययन करेंगे। पाठ की इकाइयााँ— प्रथम अन्विवि— (उउउउउउ , उउउ उउउउउ उउ उउउउ उउउ उउउ उउ उउउउउ )  सोलेमन क े द्वारा च ींर्टयोीं क रक्षा।  र्ेख़ अयाज़ क े र्पता का च्ोींटा को उसक े घर तक पहुँचाना।  क ु िे क बातोीं से नूह का रोना।  वििीय अन्विवि :- (उउउउउउ पर जन-उउउउ उउ उउउउउ , उउउउउउ उउ उउउउ)  उउउउउउ उउ उउउउउउउउ  उउउउउउ पर उउउउ  उउउउ उउ उउउउउउउ उउ उउउउउउ पर उउउउउउ  सउउउउउ उउ उउउ उउउउउउउ , उउउउउउ उउ उउउउउउ उउ उउउउउउ ककककक ककककककक :- ( उउउउ उउ उउउ उउ उउउउउउउ , उउउउ उउ उउउउउ उउ उउउउउउउ) (१) उउउउ उउ उउउ उउ उउउउउउ उउउउउ उउ उउउउउ उउ उउउउउ उउउ उउउउ उउ उउउ उउउउउ उउउउउउउउ उउ उउउ उउउ उउउ उउ उउउउस उउउउउ (२ ) उउउउ उउ उउउउउ उउ उउउउउउउ उउ घर उउ उउउउउउ विक्षण विवध :- क्रमाांक अध्यापक - वक्रया छात्र - वक्रया १. कहानी का साराांि :- प्रस्तुत कहान उउउउउउ उउ उउउउउउउउ उउउउउउ पर उउउउउउ उउउ उउउउउउ उउ उउउउ उउउउ उउ उउ उउउउ उउउउउ उउउ उउउउ उउउ अब वह उउउउ उउउउउउउउउ उउ उउ उउउउ उउउ उउउउ उउउ उउ उउ उउउउउ उउउउ उउ उउ उउउउ उउ उउउउउउ उउउउ उउउउउ उउउउउउ उउउ उउउउउ उउउ उउउउउउ उउउउउउउ उउउ उउउ उउउ उउउउ उउउउउउउउ उउ उउउउउ उउ उउउ उउउउ उउउ उउ उउउ उउउउ उउउ उउउउ उउउउउ उउ उउउउ उउउउ उउउउउ एक उउउउउउउ उउ उउउउ घर तक उउउउउउउउ उउ उउउ उउउउ उउउ और उउउउ उउउउउउउ उउ उउउउउ उउउउ उउउउ‘उउउ’ उउउउउउ उउ उउउउउउ उउउउउ कर उउउउउउउउ कहान को ध्यानपूवशक सुनना और समझने का प्रयास करना। नायक क े चररत्र पर तर्ा सामार्जक बुराई पर अपने र्वचार प्रस्तुत करना।
  • 3. उउउउ उउउ उउउउ उउउउउउउ उउउउ उउउउ उउउ उउउउ उउउउउउ उउ उउउउउउउउ उउउ उउउउ उउ उउउउ उउउ-उउउउउउ पर उउउउउउ उउ उउउउउउप उउउ उउउउउ उउउ उउउउउउ उउ उउउ उउउउउउउ उउउ उउउउ पर उउउउउउ उउउउ उउउउउ पर उउउ उउउ उउउउउउ उउ उउउउ पटककर उउउउ उउउउ उउउ उउउ उउउउ उउउउउउउउ उउउउउउउ पर उउउउउ उउउउउ उउउ उउउउ उउ उउउउउउ उउ उउउउ उउ उउउउ उउउ उउउउउ उउउ उउउउ उउ उउउ उउउउ उउउ उउ उउउउ उउउ उउउउउ उउ उउउउ पर उउख उउउउउ उउउ उउउउउउउउउउ उउउउ उउउ उउउउउ उउउउ उउ उउउउउ उउ उउउउउउउ उउउउ उउउउउउ उउउउ उउउ वह उउउउउउउ उउ घर उउउ उउउउ उउ जगह उउउउ उउउउ ; उउउउउ पर उउउउ उउउ उउउउ उउउ २. लेखक-पररचय :- ‘कककक ककककक’(उउउउ- १९३८) उउउउउ उउ उउउउउउउउउ उउउउ क े एक महान सार्हत्यकार हैं र्जन्ोींने कहान र्वधा क े क्षेत्र में अर्द्वत य सफलता प्राप्त क है। उउ इन उउउउउ उउउउउ उउउउउउ उउ उउउउउउ उउउ। उनक कहार्नयाँ मानव –ज वन से काफ़ गहराई से जुड़ हुई हैं। सत्य क े प्रर्त आस्र्ा और र्नष्ठा ह उउउउउ क धरोहर है। उउउउउ क प्रमुख कहार्नयाँ – उउउउउउ उउ उउउ , उउउउ उउ उउउ , उउउउउउउ उउ उउउ , उउउउउ उउउउ उउउ आर्द हैं। यह कहान ‘ तमार्ा मेरे आगे ’ का एक अींर् है। लेखक क े बारे में आवश्यक जानकाररयाँ अपन अभ्यास –पुद्धस्तका में र्लखना। ३. र्र्क्षक क े द्वारा पाठ का उच्च स्वर में पठन करना। उच्चारण एवीं पठन – र्ैल को ध्यान से सुनना। ४. पाठ क े अवतरणोीं क व्याख्या करना। पाठ को हॄदयींगम करने क क्षमता को र्वकर्सत करने क े र्लए पाठ को ध्यान से सुनना। पाठ से सींबर्धत अपन र्जज्ञासाओीं का र्नराकरण करना। ५. कवठन िब्ोां क े अथव :- उउउउउ – उउउउ / उउउउउ उउउउउउउउ उउउउउ – उउउउउउ ; उउउउ - उउउउ उउउउउ – उउउउउ ; उउउउउउ - उउउउउउ उउउउउ – उउउउ ; उउउउउ – उउउउउउ लकब - पद उउउउ उउउ उउउउ – उउउउउउउ उउउउ उउउउउउउ उउउउउउ उउउउ उउउउउउ- उउउउउउउउ उउउ उउउउउउ
  • 4. ६. छात्रोीं द्वारा पर्ठत अनुच्छे दोीं में होने वाले उच्चारण सींबध अर्ुद्धद्धयोीं को दू र करना। छात्रोीं द्वारा पठन। ७. पाठ में आए व्याकरण का व्यावहाररक ज्ञान प्रदान करना।  नुक़्ता (.)  र्वराम र्चह्न  कारक ; वचन व्याकरण क े इन अींगोीं क े र्नयम, प्रयोग एवीं उदाहरण को अभ्यास-पुद्धस्तका में र्लखना। गृह – कायव :- (१) पाठ का सह उच्चारण क े सार् उच्च स्वर मेँ पठन करना। (२) पाठ क े प्रश्न – अभ्यास करना। (३) कहान क प्रमुख घटनाओीं क सींक्षेप में सूच तैयार करना। (४) पाठ में आए कर्ठन र्ब्ोीं का अपने वाक्योीं में प्रयोग करना। पररयोजना कायव :- (१) कहान पुस्तकालय आर्द से सींग्रह करना। (२) समाज में व्याप्त र्कस समस्या पर आधाररत कोई कहान र्लखना। मूल्ाांकन :- र्नम्न र्वर्धयोीं से मूल्ाींकन र्कया जाएगा :- १. पाठ्य-पुस्तक क े बोधात्मक प्रश्न—  ज वन क ै से घरोीं में र्समटने लगा है?  लेखक क माँ ने पूरे र्दन का रोज़ा क्योीं रखा?  उउउउउउउ उउउ आए उउउउउउउ उउ उउउउ उउउउ उउ?  उउउउ उउ उउउउउ उउ उउउउउ उउउ उउउउ उउउउउ उउउउउउ उउउ?  अरब उउउ उउउउउ उउ उउउ उउ उउउ उउ उउउउउ उउउ उउउउ उउउ? २. उउउउ उउउउउउउउउ ३. उउउ – उउउउउ ४. उउउउउउउउ - उउउउउ