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एक तिनका
अयोध्यत ससिंह उपतध्यतय ‘हररऔध’ कत जीवन
पररचय :-
हहिंदी भाषा क
े महान लेखक औि कवि
अयोध्या स िंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ र्ी का
र्न्द्म 15 अप्रैल न् 1865 में उत्ति प्रदेि िाज्य
क
े आर्मगढ़ जर्ले क
े तनज़ामाबाद नामक
स्थान पि हुआ। ये ब्राह्मण परििाि में पैदा
हुआ थे, लेककन बाद में इन्द्होंने स ख धमा
अपनाकि अपना नाम भोला स िंह िख सलया।
एक तिनका
इन्द्होंने हहिंदी ाहहत्य में अपना अद्भुि
योगदान हदया। िे दो बाि हहिंदी ाहहत्य
म्मेलन क
े भापति िह चुक
े है औि
म्मेलन में इन्द्हें विद्यािाचस्पति की उपाधध
े म्मातनि ककया र्ा चुका है। इनकी प्रमुख
िचनाओिं में वप्रय प्रिा , कवि म्राट, िैदेही
िनिा , बाल विभि, फ
ू ल पत्ते आहद िासमल हैं।
माना र्ािा है कक न् 1947 में तनज़ामाबाद में
ही इन्द्होंने अपनी अिंतिम ााँ ें लीिं।
एक तिनका
मैं घमण्डों में भिा ऐिंठा हुआ ।
एक हदन र्ब था मुण्डेिे पि खडा ।
आ अचानक दूि े उडिा हुआ ।
एक तिनका आाँख में मेिी पडा ।1।
भतवतर्ा: एक तिनका कवििा की इन पिंजतियों
में कवि हरिऔध अपने घि की मुिंडेि पि
घमिंड में खडे हैं। िभी अचानक उनकी आाँखों
में कहीिं े उडकि एक तिनका आ धगििा है।
िब्दाथा
घमिंड – असभमान, ऐिंठा – असभमान े िनकि, मुिंडेिे – छि
का ककनािा(छज्र्ा), अचानक – एकदम, तिनका – ूखी घा
का छोटा- ा टुकडा
एक तिनका
मैं झििक उठा, हुआ बेचैन- ा ।
लाल होकि आाँख भी दुखने लगी ।
मूाँठ देने लोग कपडे की लगे ।
ऐिंठ बेचािी दबे पााँिों भगी ।2।
एक तिनका कवििा की इन पिंजतियों में कवि ने
आाँख में तिनका धगि र्ाने क
े बाद अपनी हालि
का िणान ककया है।
िब्दाथा
झििकना – डि र्ाना, बेचैन होना – आिाम न समलना,
मूिंठ देना – कपडा इत्याहद े ाफ किना,
दबे पााँि भागना – चुपचाप भागना
एक तिनका
भतवतर्ा: कवि कहिे हैं कक आाँख में
तिनका चले र्ाने े उन्द्हें बडी ही
बेचैनी होने लगी। उनकी आाँख लाल हो
गयी औि दुखने लगी। लोग कपडे का
उपयोग किक
े उनकी आाँख े तिनका
तनकालने की कोसिि किने लगे। इ
दौिान उनकी ऐिंठ औि घमिंड बबल्क
ु ल
चूि हो कि दूि भाग गए।
एक तिनका
र्ब कक ी ढब े तनकल तिनका गया ।
िब ‘ मि’ ने यों मुिे िाने हदए ।
ऐिंठिा िू कक सलए इिना िहा ।
एक तिनका है बहुि िेिे सलए ।3।
इन पिंजतियों क
े ज़रिए कवि हमें भी घमिंड े दूि
िहने का िंदेि दे िहे हैं। चाहे इिं ान ककिना भी
बडा हो र्ाए, उ का घमिंड चकनाचूि हो ही र्ािा
है।
िब्दाथा :-
ढब – ििीका, मि – बुद्धध, िाने देना – मिाना,
एक तिनका
भतवतर्ा: एक तिनका पिंजति में कवि
हरिऔध र्ी ने तिनका तनकल र्ाने क
े
बाद अपनी हालि का िणान ककया है। िे
इन पिंजतियों में कहिे हैं कक र्ै े-िै े
उनकी आाँखों े तिनका तनकल गया।
इ क
े बाद उन्द्हें मन में एक ख़याल आया
कक उन्द्हें घमिंड नहीिं किना चाहहए था,
उनका घमिंड िो एक मामूली तिनक
े ने ही
िोड हदया।
प्रश्न/उत्ति
प्रश्न 1.
नीचे दी गई कवििा की पिंजतियों को ामान्द्य िातय में बदसलए।
र्ै े-एक तिनका आाँख में मेिी पडा – मेिी आाँख में एक तिनका का पडा।
मुाँठ देने लोग कपडे की लगे – लोग कपडे की माँठ देने लगे।
(क) एक हदन र्ब था मुिंडेिे पि खडा – ………
(ख) लाल होकि भी दुखने लगी – ………..
(ग) ऐिंठ बेचािी दबे पााँिों भागी – ………
(घ) र्ब कक ी दब े तनकल तिनका गया। – ………
उत्ति-
(क) एक हदन र्ब मुिंडेिे पि खडा था।
(ख) आाँख लाल होकि दुखने लगी।
(ग) बेचािी ऐिंठ दबे पााँिों भगी।
(घ) कक ी ने ढब े तिनका तनकाला।
एक तिनका
प्रश्न 2.
‘एक तिनका’ कवििा में कक घटना की चचाा की गई है, जर् े घमिंड नहीिं
किने का िंदेि समलिा है?
उत्ति-
इ कवििा में उ घटना का िणान ककया गया है र्ब कवि की आाँख में
एक तिनका धगि गया। उ तिनक
े े काफी बेचैन हो उठा। उ का ािा
घमिंड चूि हो र्ािा है। कक ी ििह लोग कपडे की नोक े उनकी आाँखों में
पडा तिनका तनकालिे हैं िो कवि ोच में पड र्ािा है कक आझखि उ े कक
बाि का घमिंड था, र्ो एक तिनक
े ने उनक
े घमिंड को र्मीन पि लाकि खडा
कि हदया। उ की बुधध ने भी उ े िाने हदए कक िू ऐ े ही घमिंड कििा था
िेिे घमिंड को चूि किने क
े सलए तिनका ही बहुि है। इ े यह िंदेि समलिा
है कक व्यजति को स्ियिं पि घमिंड नहीिं किना चाहहए। एक िुच्छ व्यजति या
िस्िु भी हमािी पिेिानी का कािण बन किी है। हि िस्िु का अपना
महत्त्ि होिा है।
एक तिनका
प्रश्न 3.
आाँख में तिनका पडने क
े बाद घमिंडी की तया दिा हुई ?
उत्ति-
घमिंडी की आाँख में तिनका पडने पि उ की आाँख लाल होकि दुखने
लगी। िह बेचैन हो गया औि उ का ािा ऐिंठ माप्ि हो गया।
प्रश्न 4.
घमिंडी की आाँख े तिनका तनकालने क
े सलए उ क
े आ पा लोगों ने
तया ककया?
उत्ति
घमिंडी की आाँख े तिनका तनकालने क
े सलए उ क
े आ पा क
े लोगों
ने कपडे की मुाँठ बनाकि उ की आाँख में डाली।
एक तिनका
प्रश्न 5.
‘एक तिनका’ कवििा में घमिंडी को उ की ‘ मि’ ने चेिािनी दी
ऐिंठिा िू कक सलए इिना िहा,
एक तिनका है बहुि िेिे सलए।
इ ी प्रकाि की चेिािनी कबीि ने भी दी है
तिनका कब हूाँ न तनहदए पााँि िले र्ो होय।।
कबहूाँ उडड आाँझखन पिै, पीि घनेिी होय॥
• इन दोनों में तया मानिा है औि तया अिंिि? सलझखए।
उत्ति-
(क) उपयुाति काव्यािंि क
े माध्यम े कवि ने यह िंदेि हदया है कक अहिंकाि नहीिं किना चाहहए।
तयोंकक एक छोटा- ा तिनका भी अगि आाँख में पड र्ाए िो मनुष्य को बेचैन कि देिा है।
(ख) इन दोनों काव्यािंिों की पिंजतियों में अिंिि-दोनों काव्यािंिों में अिंिि यह है कक हरिऔध र्ी
द्िािा सलखी पिंजतियों में कक ी प्रकाि क
े अहिंकाि े दूि िहने की चेिािनी दी गई है, तयोंकक एक
तिनका भी हमािे अहिंकाि को चूि कि | किा है। छोटे- े छोटे िस्िु का अपना महत्त्ि होिा है।
दोनों में घमिंड े बचने की सििा दी गई है। प्रत्येक िुच्छ मिी र्ाने िाली िस्िु का अपना
महत्त्ि होिा है।
एक तिनका
अनुमतन और कल्पनत
प्रश्न 2.
नीचे दी गई पिंजतियों को ध्यान े पहढ़ए-
ऐिंठ बेचािी दबे पााँिों भगी,
िब ‘ मि’ ने यों मुिे िाने हदए।
• इन पिंजतियों में ऐिंठ’ औि ‘ मि’ िब्दों का प्रयोग र्ीि प्राणी की भााँति हुआ है। कल्पना कीजर्ए, यहद
‘ऐिंठ’ औि ‘ मि’ कक ी नाटक में दो पात्र होिे िो उनको असभनय क
ै ा होिा?
उत्ति
ऐिंठ और समझ
समझ-ऐिंठ! इिना ऐिंठिी तयों हो?
ऐिंठ- मि! यह िेिी मि े बाहि की बाि है।
समझ-ऐ ी कौन- ी बाि है र्ो मेिी मि में नहीिं आिी।
ऐिंठ- मि िेिी मि में यह नहीिं आिा कक यहद मनुष्य ुिंदि हो, धनिान हो, मार् में ऊ
ाँ चा स्थान
िखिा हो िो उ े अपने ऊपि घमिंड आ ही र्ािा है।
समझ-नहीिं! ऐिंठ, कभी घमिंड नहीिं किना चाहहए तयोंकक यह ब िो िणभिंगुि है कभी भी नष्ट हो किा
है। लेककन मनुष्य की विनम्रिा उ की पिोपकाि की भािना ि हाँ मुख स्िभाि कभी नष्ट नहीिं होिा।
(इिने में ऐिंठ की आाँख में एक तिनका उडकि पड गया।)
समझ–ऐिंठ। इिना तिलसमला तयों िही हो?
ऐिंठ-न र्ाने कहााँ े आाँख में तिनका आकि पड गया है। मैं िो बहुि बेचैन हो िही हूाँ ।
समझ-अब िुम्हािी घमिंड कहााँ गया? एक छोटे े तिनक
े े तिलसमला उठ िं।
ऐिंठ-मुिे िमा किो ‘ मि’। अब मैं कभी अपने पि घमिंड नहीिं कर
िं गी।
एक तिनका
प्रश्न 3.
नीचे दी गई कबीि की पिंजतियों में तिनका िब्द का प्रयोग एक े अधधक बाि ककया गया है।
इनक
े अलग-अलग अथों की र्ानकािी प्राप्ि किें।
उठा बबूला प्रेम का, तिनका उडा अका ।
तिनका-तिनका हो गया, तिनका तिनक
े पा ॥
उत्ति-
जर् प्रकाि क
े िोंक
े े उडकि तिनक
े आ मान में चले र्ािे हैं औि भी तिनक
े बबखि र्ािे हैं
उ ी प्रकाि ईश्िि क
े प्रेम में लीन हृदय ािं ारिक मोह-माया े मुति होकि ऊपि उठ र्ािा है। िह
आत्मा का परिचय प्राप्ि कि पिमात्मा े समल र्ािा है, यानी उ े अपने अजस्ित्ि की पहचान हो
र्ािी है औि भी प्रकाि की बाधाओिं े मुति होकि ईश्िि क
े किीब पहुाँच र्ािा है। यानी आत्मा
का पिमात्मा े समलन हो र्ािा है।
भतषत की बतत
‘कक ी ढब े तनकलना’ का अथा है कक ी ढिंग े तनकलना। ‘ढब े’ र्ै े कई िातयािंिों े आप
परिधचि होंगे, र्ै े-धम े िातयािंि है लेककन ध्ितनयों में मानिा होने क
े बाद भी ढब े औि धमा
े र्ै े िातयािंिों क
े प्रयोग में अिंिि है। ‘धम े’, ‘छप े’ इत्याहद का प्रयोग ध्ितन द्िािा कक्रया को
ूधचि किने क
े सलए ककया र्ािा है। नीचे क
ु छ ध्ितन द्िािा कक्रयों को ूधचि किने िाले िातयािंि
औि क
ु छ अधूिे िातय हदए गए हैं। उधचि िातयािंि चुनकि िातयों क
े खाली स्थान भरिए-
एक तिनका
छप े
टप े
थिा े
फ
ु िा े
न् े।
(क)मेंढक पानी में …………….. क
ू द गया।
(ख)नल बिंद होने क
े बाद पानी की एक बूिंद …………………….. चू गई।
(ि)िोि होिे ही धचडडया ………………….. उडी।
(घ) ठिंडी हिा ……………………. गुर्िी, मैं ठिंड में …………………….. कााँप गया।
उत्तर
• मेंढक पानी में छप े क
ू द गया।
• नल बिंद होने क
े बाद पानी की एक बूिंद टप े चू गई।
• िोि होिे ही धचडडया फ
ु िा े उडी।
• ठिंडी हिा न् े गुर्िी, मैं ठिंड में थिा े कााँप गया।
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  • 1. एक तिनका अयोध्यत ससिंह उपतध्यतय ‘हररऔध’ कत जीवन पररचय :- हहिंदी भाषा क े महान लेखक औि कवि अयोध्या स िंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ र्ी का र्न्द्म 15 अप्रैल न् 1865 में उत्ति प्रदेि िाज्य क े आर्मगढ़ जर्ले क े तनज़ामाबाद नामक स्थान पि हुआ। ये ब्राह्मण परििाि में पैदा हुआ थे, लेककन बाद में इन्द्होंने स ख धमा अपनाकि अपना नाम भोला स िंह िख सलया।
  • 2. एक तिनका इन्द्होंने हहिंदी ाहहत्य में अपना अद्भुि योगदान हदया। िे दो बाि हहिंदी ाहहत्य म्मेलन क े भापति िह चुक े है औि म्मेलन में इन्द्हें विद्यािाचस्पति की उपाधध े म्मातनि ककया र्ा चुका है। इनकी प्रमुख िचनाओिं में वप्रय प्रिा , कवि म्राट, िैदेही िनिा , बाल विभि, फ ू ल पत्ते आहद िासमल हैं। माना र्ािा है कक न् 1947 में तनज़ामाबाद में ही इन्द्होंने अपनी अिंतिम ााँ ें लीिं।
  • 3. एक तिनका मैं घमण्डों में भिा ऐिंठा हुआ । एक हदन र्ब था मुण्डेिे पि खडा । आ अचानक दूि े उडिा हुआ । एक तिनका आाँख में मेिी पडा ।1। भतवतर्ा: एक तिनका कवििा की इन पिंजतियों में कवि हरिऔध अपने घि की मुिंडेि पि घमिंड में खडे हैं। िभी अचानक उनकी आाँखों में कहीिं े उडकि एक तिनका आ धगििा है। िब्दाथा घमिंड – असभमान, ऐिंठा – असभमान े िनकि, मुिंडेिे – छि का ककनािा(छज्र्ा), अचानक – एकदम, तिनका – ूखी घा का छोटा- ा टुकडा
  • 4. एक तिनका मैं झििक उठा, हुआ बेचैन- ा । लाल होकि आाँख भी दुखने लगी । मूाँठ देने लोग कपडे की लगे । ऐिंठ बेचािी दबे पााँिों भगी ।2। एक तिनका कवििा की इन पिंजतियों में कवि ने आाँख में तिनका धगि र्ाने क े बाद अपनी हालि का िणान ककया है। िब्दाथा झििकना – डि र्ाना, बेचैन होना – आिाम न समलना, मूिंठ देना – कपडा इत्याहद े ाफ किना, दबे पााँि भागना – चुपचाप भागना
  • 5. एक तिनका भतवतर्ा: कवि कहिे हैं कक आाँख में तिनका चले र्ाने े उन्द्हें बडी ही बेचैनी होने लगी। उनकी आाँख लाल हो गयी औि दुखने लगी। लोग कपडे का उपयोग किक े उनकी आाँख े तिनका तनकालने की कोसिि किने लगे। इ दौिान उनकी ऐिंठ औि घमिंड बबल्क ु ल चूि हो कि दूि भाग गए।
  • 6. एक तिनका र्ब कक ी ढब े तनकल तिनका गया । िब ‘ मि’ ने यों मुिे िाने हदए । ऐिंठिा िू कक सलए इिना िहा । एक तिनका है बहुि िेिे सलए ।3। इन पिंजतियों क े ज़रिए कवि हमें भी घमिंड े दूि िहने का िंदेि दे िहे हैं। चाहे इिं ान ककिना भी बडा हो र्ाए, उ का घमिंड चकनाचूि हो ही र्ािा है। िब्दाथा :- ढब – ििीका, मि – बुद्धध, िाने देना – मिाना,
  • 7. एक तिनका भतवतर्ा: एक तिनका पिंजति में कवि हरिऔध र्ी ने तिनका तनकल र्ाने क े बाद अपनी हालि का िणान ककया है। िे इन पिंजतियों में कहिे हैं कक र्ै े-िै े उनकी आाँखों े तिनका तनकल गया। इ क े बाद उन्द्हें मन में एक ख़याल आया कक उन्द्हें घमिंड नहीिं किना चाहहए था, उनका घमिंड िो एक मामूली तिनक े ने ही िोड हदया।
  • 8. प्रश्न/उत्ति प्रश्न 1. नीचे दी गई कवििा की पिंजतियों को ामान्द्य िातय में बदसलए। र्ै े-एक तिनका आाँख में मेिी पडा – मेिी आाँख में एक तिनका का पडा। मुाँठ देने लोग कपडे की लगे – लोग कपडे की माँठ देने लगे। (क) एक हदन र्ब था मुिंडेिे पि खडा – ……… (ख) लाल होकि भी दुखने लगी – ……….. (ग) ऐिंठ बेचािी दबे पााँिों भागी – ……… (घ) र्ब कक ी दब े तनकल तिनका गया। – ……… उत्ति- (क) एक हदन र्ब मुिंडेिे पि खडा था। (ख) आाँख लाल होकि दुखने लगी। (ग) बेचािी ऐिंठ दबे पााँिों भगी। (घ) कक ी ने ढब े तिनका तनकाला।
  • 9. एक तिनका प्रश्न 2. ‘एक तिनका’ कवििा में कक घटना की चचाा की गई है, जर् े घमिंड नहीिं किने का िंदेि समलिा है? उत्ति- इ कवििा में उ घटना का िणान ककया गया है र्ब कवि की आाँख में एक तिनका धगि गया। उ तिनक े े काफी बेचैन हो उठा। उ का ािा घमिंड चूि हो र्ािा है। कक ी ििह लोग कपडे की नोक े उनकी आाँखों में पडा तिनका तनकालिे हैं िो कवि ोच में पड र्ािा है कक आझखि उ े कक बाि का घमिंड था, र्ो एक तिनक े ने उनक े घमिंड को र्मीन पि लाकि खडा कि हदया। उ की बुधध ने भी उ े िाने हदए कक िू ऐ े ही घमिंड कििा था िेिे घमिंड को चूि किने क े सलए तिनका ही बहुि है। इ े यह िंदेि समलिा है कक व्यजति को स्ियिं पि घमिंड नहीिं किना चाहहए। एक िुच्छ व्यजति या िस्िु भी हमािी पिेिानी का कािण बन किी है। हि िस्िु का अपना महत्त्ि होिा है।
  • 10. एक तिनका प्रश्न 3. आाँख में तिनका पडने क े बाद घमिंडी की तया दिा हुई ? उत्ति- घमिंडी की आाँख में तिनका पडने पि उ की आाँख लाल होकि दुखने लगी। िह बेचैन हो गया औि उ का ािा ऐिंठ माप्ि हो गया। प्रश्न 4. घमिंडी की आाँख े तिनका तनकालने क े सलए उ क े आ पा लोगों ने तया ककया? उत्ति घमिंडी की आाँख े तिनका तनकालने क े सलए उ क े आ पा क े लोगों ने कपडे की मुाँठ बनाकि उ की आाँख में डाली।
  • 11. एक तिनका प्रश्न 5. ‘एक तिनका’ कवििा में घमिंडी को उ की ‘ मि’ ने चेिािनी दी ऐिंठिा िू कक सलए इिना िहा, एक तिनका है बहुि िेिे सलए। इ ी प्रकाि की चेिािनी कबीि ने भी दी है तिनका कब हूाँ न तनहदए पााँि िले र्ो होय।। कबहूाँ उडड आाँझखन पिै, पीि घनेिी होय॥ • इन दोनों में तया मानिा है औि तया अिंिि? सलझखए। उत्ति- (क) उपयुाति काव्यािंि क े माध्यम े कवि ने यह िंदेि हदया है कक अहिंकाि नहीिं किना चाहहए। तयोंकक एक छोटा- ा तिनका भी अगि आाँख में पड र्ाए िो मनुष्य को बेचैन कि देिा है। (ख) इन दोनों काव्यािंिों की पिंजतियों में अिंिि-दोनों काव्यािंिों में अिंिि यह है कक हरिऔध र्ी द्िािा सलखी पिंजतियों में कक ी प्रकाि क े अहिंकाि े दूि िहने की चेिािनी दी गई है, तयोंकक एक तिनका भी हमािे अहिंकाि को चूि कि | किा है। छोटे- े छोटे िस्िु का अपना महत्त्ि होिा है। दोनों में घमिंड े बचने की सििा दी गई है। प्रत्येक िुच्छ मिी र्ाने िाली िस्िु का अपना महत्त्ि होिा है।
  • 12. एक तिनका अनुमतन और कल्पनत प्रश्न 2. नीचे दी गई पिंजतियों को ध्यान े पहढ़ए- ऐिंठ बेचािी दबे पााँिों भगी, िब ‘ मि’ ने यों मुिे िाने हदए। • इन पिंजतियों में ऐिंठ’ औि ‘ मि’ िब्दों का प्रयोग र्ीि प्राणी की भााँति हुआ है। कल्पना कीजर्ए, यहद ‘ऐिंठ’ औि ‘ मि’ कक ी नाटक में दो पात्र होिे िो उनको असभनय क ै ा होिा? उत्ति ऐिंठ और समझ समझ-ऐिंठ! इिना ऐिंठिी तयों हो? ऐिंठ- मि! यह िेिी मि े बाहि की बाि है। समझ-ऐ ी कौन- ी बाि है र्ो मेिी मि में नहीिं आिी। ऐिंठ- मि िेिी मि में यह नहीिं आिा कक यहद मनुष्य ुिंदि हो, धनिान हो, मार् में ऊ ाँ चा स्थान िखिा हो िो उ े अपने ऊपि घमिंड आ ही र्ािा है। समझ-नहीिं! ऐिंठ, कभी घमिंड नहीिं किना चाहहए तयोंकक यह ब िो िणभिंगुि है कभी भी नष्ट हो किा है। लेककन मनुष्य की विनम्रिा उ की पिोपकाि की भािना ि हाँ मुख स्िभाि कभी नष्ट नहीिं होिा। (इिने में ऐिंठ की आाँख में एक तिनका उडकि पड गया।) समझ–ऐिंठ। इिना तिलसमला तयों िही हो? ऐिंठ-न र्ाने कहााँ े आाँख में तिनका आकि पड गया है। मैं िो बहुि बेचैन हो िही हूाँ । समझ-अब िुम्हािी घमिंड कहााँ गया? एक छोटे े तिनक े े तिलसमला उठ िं। ऐिंठ-मुिे िमा किो ‘ मि’। अब मैं कभी अपने पि घमिंड नहीिं कर िं गी।
  • 13. एक तिनका प्रश्न 3. नीचे दी गई कबीि की पिंजतियों में तिनका िब्द का प्रयोग एक े अधधक बाि ककया गया है। इनक े अलग-अलग अथों की र्ानकािी प्राप्ि किें। उठा बबूला प्रेम का, तिनका उडा अका । तिनका-तिनका हो गया, तिनका तिनक े पा ॥ उत्ति- जर् प्रकाि क े िोंक े े उडकि तिनक े आ मान में चले र्ािे हैं औि भी तिनक े बबखि र्ािे हैं उ ी प्रकाि ईश्िि क े प्रेम में लीन हृदय ािं ारिक मोह-माया े मुति होकि ऊपि उठ र्ािा है। िह आत्मा का परिचय प्राप्ि कि पिमात्मा े समल र्ािा है, यानी उ े अपने अजस्ित्ि की पहचान हो र्ािी है औि भी प्रकाि की बाधाओिं े मुति होकि ईश्िि क े किीब पहुाँच र्ािा है। यानी आत्मा का पिमात्मा े समलन हो र्ािा है। भतषत की बतत ‘कक ी ढब े तनकलना’ का अथा है कक ी ढिंग े तनकलना। ‘ढब े’ र्ै े कई िातयािंिों े आप परिधचि होंगे, र्ै े-धम े िातयािंि है लेककन ध्ितनयों में मानिा होने क े बाद भी ढब े औि धमा े र्ै े िातयािंिों क े प्रयोग में अिंिि है। ‘धम े’, ‘छप े’ इत्याहद का प्रयोग ध्ितन द्िािा कक्रया को ूधचि किने क े सलए ककया र्ािा है। नीचे क ु छ ध्ितन द्िािा कक्रयों को ूधचि किने िाले िातयािंि औि क ु छ अधूिे िातय हदए गए हैं। उधचि िातयािंि चुनकि िातयों क े खाली स्थान भरिए-
  • 14. एक तिनका छप े टप े थिा े फ ु िा े न् े। (क)मेंढक पानी में …………….. क ू द गया। (ख)नल बिंद होने क े बाद पानी की एक बूिंद …………………….. चू गई। (ि)िोि होिे ही धचडडया ………………….. उडी। (घ) ठिंडी हिा ……………………. गुर्िी, मैं ठिंड में …………………….. कााँप गया। उत्तर • मेंढक पानी में छप े क ू द गया। • नल बिंद होने क े बाद पानी की एक बूिंद टप े चू गई। • िोि होिे ही धचडडया फ ु िा े उडी। • ठिंडी हिा न् े गुर्िी, मैं ठिंड में थिा े कााँप गया।