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IMMUNIZATION MYTHS AND FACTS IN HINDI
• DR DHAN RAJ BAGRI
• ASSISTANT PROFESSOR PEDIATRICS
• INCHARGE IMMUNIZATION AT J K LONE HOSPITAL , JAIPUR, RAJASTHAN
• THIS PRESENTATION IS BEING SHARED SOLELY FOR CREATING AWARENESS IN
GENERAL PUBLIC.
• WE ACKNOWLEDGE ALL THE SOURCES WHICH HELPED US IN PREPARING THE
SLIDES.
टीकाकरण तथ्य व भ्ाांततयााँ
टीक
े क
ै से काम करते हैं? क्या वे वायरस और
बैक्टीररया क
े खिलाफ काम करते हैं?
टीक
े ककसी ववशेष बीमारी द्वारा भववष्य में होने वाले “हमले” क
े खिलाफ आपकी प्रततरक्षी तांत्र को प्रेररत करते हैं।
क
ु छ टीक
े हैं जो वायरल और बैक्टीररयल पैथोजन दोनों क
े खिलाफ होते हैं, या रोग उत्पन्न करने वाले कारकों क
े
खिलाफ।
जब कोई पैथोजन आपक
े शरीर में प्रवेश करता है, तब आपका प्रततरक्षी तांत्र एांटीबॉडीज का तनमााण करता है जो इस
पैथोजन से लड़ने की कोशशश करते हैं। आपकी प्रततरक्षी अनुकिया की शक्क्त क
े आधार पर और इस आधार पर कक
एांटीबॉडीज ककतने प्रभावी तरीक
े से पथोजन से लड़ता है, आप बीमार हो सकते हैं या नहीां भी हो सकते। हालाांकक,
यदद आप बीमार होते हैं, तो क
ु छ एांटीबॉडीज क्जनका तनमााण होता है वे आपक
े शरीर में बने रहेंगे और आपक
े ठीक
होने क
े बाद वाचडॉग की भूशमका तनभाएांगे। यदद आप भववष्य में उसी पैथोजन क
े सांपक
ा में आते हैं तो एांटीबॉडीज
इसे पहचान लेंगे और इससे मुकाबला करेंगे।
प्रततरक्षी तांत्र क
े इसी कायाप्रणाली क
े कारण टीक
े काम करते हैं। उनका तनमााण मृत, कमजोर या पैथोजन क
े आांशशक
सांस्करण क
े रूप में ककया जाता है। जब आप कोई टीका लेते हैं, इसमें मौजूद पैथोजन का कोई भी सांस्करण इतना
मजबूत या इतना पयााप्त नहीां होता कक वह आपको बीमार कर दे, लेककन यह आपक
े प्रततरक्षी तांत्र क
े शलए इतना
पयााप्त होता है कक वह इस पैथोजन क
े खिलाफ एांटीबॉडीज का तनमााण कर सकता है। पररणामस्वरूप, आपको भववष्य
में बबना बीमार हुए रोग क
े खिलाफ प्रततरक्षा हाशसल होता है: यदद आप पैथोजन क
े सांपक
ा में दुबारा आते हैं, तो
आपका प्रततरक्षी तांत्र इसे पहचान लेगा और इसका मुकाबला करेगा।
क्यों सभी टीक
े 100% कारगर नहीां होते?
• टीकों को प्रततरक्षी अनुकिया उत्पन्न करने क
े शलए तैयार ककया जाता है जो टीका शलए हुए
व्यक्क्त को भववष्य में रोग क
े सांपक
ा में आने क
े दौरान प्रततरक्षा प्रदान करेगा। हालाांकक,
व्यक्क्तगत प्रततरक्षी तांत्र क
ु छ मामलों में इतने पयााप्त रूप से अलग-अलग होते हैं कक व्यक्क्त
का प्रततरक्षी तांत्र समुचचत अनुकिया उत्पन्न नहीां कर पाता। पररणामस्वरूप, वह व्यक्क्त या
मदहला टीकाकरण क
े बाद प्रभावी रूप से सुरक्षक्षत नहीां हो पाती।
• माना जाता है कक अचधकाांश टीकों की प्रभावकाररता उच्च होती है। MMR टीक
े (िसरा,
गलसुआ और रुबेला) या क
े वल िसरा टीक
े की दूसरी िुराक लेने क
े बाद, 99.7% टीका युक्त
व्यक्क्त िसरा क
े प्रतत सुरक्षक्षत हो जाते हैं। तनक्ष्िय पोशलयो का टीका तीन िुराक क
े बाद
99% प्रभावी होता है। छोटी चेचक (चेचक) का टीका सभी वैररसेला सांिमणों से बचाव में
85% और 90% क
े बीच प्रभावी होता है, लेककन हल्क
े और गांभीर चेचक क
े मामले में 100%
कारगर है।
इतने सारे टीक
े क्यों हैं?
• वतामान में, डब्लूएचओ बाल्यावस्था टीकाकरण ने जन्म से लेकर छ वषा की आयु क
े सभी
बच्चों क
े शलए 11 ववशभन्न रोगों क
े शलए प्रततरक्षण शाशमल करने की अनुशांसा की है। प्रत्येक
बीमारी क्जसक
े शलए टीकाकरण की सलाह दी जाती है उनक
े कारण गांभीर अस्वस्थ्यता हो
सकती है या मृत्यु भी हो सकती है, और यहाां तक कक टीकाकरण की तनधााररत दर में कमी
आने पर बीमारी दुबारा तेजी से प्रकट हो सकती है।
• पाककस्तान, अफगातनस्तान, और क
ु छ मध्य पूवी और अफ्रीकी देशों में, धाशमाक, साांस्कृ ततक
और राजनैततक कारकों क
े कारण टीकाकरण की दरों कमी आई क्जससे पोशलयो और िसरा का
प्रकोप दुबारा शुरू हुआ। इन रोगों ने क
ु छ लोगों को जीवन भर क
े शलए शारीररक रूप से
ववकलाांग बना ददया। अनुसूचचत देशों पर प्रत्येक टीक
े की अनुशांसा की जाती है क्योंकक तीव्र
सांिमण क
े ितरे हैं।
क्या प्राकृ ततक प्रततरक्षा क्षमता टीका अक्जात प्रततरक्षा
क्षमता से बेहतर होती?
• क
ु छ मामलों में, प्राकृ ततक प्रततरक्षा क्षमता टीकाकरण से प्राप्त प्रततरक्षा क्षमता से अचधक
दटकाऊ होती है। हालाांकक, प्राकृ ततक सांिमण का ितरा प्रत्येक अनुशांशसत टीका क
े शलए
प्रततरक्षण क
े ितरे से अचधक होता है। उदाहारण क
े शलए, तीव्र िसरा क
े सांिमण से प्रत्येक
1,000 सांिशमत व्यक्क्त में से एक व्यक्क्त को एांसेफ
े लाइदटस (मक्स्तष्क प्रदाह) होता है।
• क
ु ल शमलाकर, िसरा का सांिमण प्रत्येक 1,000 सांिशमत व्यक्क्त में से दो की जान लेता है।
इसक
े ववपरीत, कॉक्बबनेशन MMR (िसरा, गलसुआ और रुबेला) का टीक
े से गांभीर एलक्जाक
ररऐक्शन प्रत्येक दस लाि टीकायुक्त लोगों में होता है, साथ ही िसरा क
े सांिमण की
रोकथाम करता है। टीका-अक्जात प्रततरक्षा क्षमता क
े फायदे, प्राकृ ततक सांिमण क
े गांभीर ितरों
की तुलना में असाधारण रूप से अचधक हैं। इसक
े अलावा, दटटनस क
े टीक
े , और क
ु छ अन्य
टीक
े , वास्तव में प्राकृ ततक सांिमण की तुलना में अचधक प्रभावकारी प्रततरक्षा क्षमता प्रदान
करते हैं।
क्यों क
ु छ टीकों को बूस्टसा की आवश्यकता होती है?
• यह पूरी तरह से नहीां जाना गया है कक क्यों अक्जात प्रततरक्षा क्षमता की अवचध अलग-अलग टीकों क
े
शलए अलग-अलग होती है। क
ु छ टीक
े क
े वल एक ही िुराक में जीवन भर प्रततरक्षा प्रदान करते हैं, जबकक
क
ु छ टीकों को प्रततरक्षा बनाए रिने क
े शलए बूस्टसा की जरूरत होती है। हाल क
े शोध से पता चलता है
कक ककसी ववशेष रोग क
े खिलाफ प्रततरक्षा क्षमता की तनरांतरता उस गतत पर तनभार कर सकती है क्जसपर
रोग शरीर में बढ़ता है।
• यदद रोग बहुत तेजी क
े बढ़ता है, तो हो सकता है कक प्रततरक्षी तांत्र की स्मृतत अनुकिया (अथाात, वपछले
सांिमण या टीकाकरण क
े बाद उत्पन्न “वाचडॉग एांटीबॉडीज”) इतनी तेजी से प्रततकिया न दे पाए क्जससे
रोग से बचाव हो सक
े - यदद वे रोग क
े बारे में हाल में “ररमाइांडेड” न हो और पहले से इसकी तनगरानी
न कर रहा हो। बूस्टसा आपक
े प्रततरक्षी तांत्र क
े शलए एक “ररमाइांडर” का काम करते हैं।
• टीकों द्वारा उत्पन्न प्रततरक्षा क्षमता को तनरांतर बनाए रिने क
े शलए शोध लगातार जारी है।
क्या आपको उस टीक
े से रोग हो सकता है जो इसकी रोकथाम क
े शलए
होता है? और क्यों क
ु छ टीकों में लाइव पैथोजन होते हैं जबकक क
ु छ
टीकों में मृत पैथोजन होते हैं?
• मृत पैथोजन क
े सांस्करण क
े साथ बने टीकों या पैथोजन क
े एक अांश क
े साथ बने टीकों से अस्वस्थ्यता
नहीां होती। जब कोई व्यक्क्त ये टीक
े लेते हैं, तो उसक
े शलए इस बात की बबल्क
ु ल सांभावना नहीां होती है
कक वे बीमार होंगे। जीववत, दुबालीकृ त (या कमजोर) टीक
े सैद्धाांततक रूप से अस्वस्थ्यता पैदा कर सकते
हैं: क्योंकक वे अभी भी द्ववगुखणत (हालाांकक भली-भाांतत नहीां) हो सकते हैं, उत्पररवतान सांभव है, क्जससे
पैथोजन का स्वरूप उग्र हो सकता है। हालाांकक, टीकों का तनमााण इस बात को ध्यान में रि कर ककया
जाता है, और इस सांभावना को न्यूनतम करने क
े शलए दुबालीकृ त ककया जाता है।
• .यह ध्यान देना महत्वपूणा है कक दुबालीकृ त टीकों क
े कारण उन व्यक्क्तयों को गांभीर समस्या हो सकती हैं
क्जनक
े प्रततरक्षी तांत्र कमजोर हैं, जैसे कैं सर क
े रोगी। ऐसे व्यक्क्तयों को यदद उपलब्ध हो तो टीकों का
मृत स्वरूप ददया जा सकता है। यदद उपलब्ध नहीां है, तो उनक
े चचककत्सक टीकाकरण नहीां करने की
सलाह दे सकते हैं। ऐसी क्स्थततयों में, व्यक्क्त सुरक्षा क
े शलए समूह प्रततरक्षा क्षमता पर तनभार करते हैं।
क्यों क
ु छ टीकों में जीववत पैथोजन होते हैं और क्यों क
ु छ
टीकों में मृत पैथोजन होते हैं,
• इसक
े कारण अस्वस्थ्यता क
े अनुसार अलग-अलग होते हैं। हालाांकक, सामान्य तौर पर
बोलते हुए, जीववत, दुबालीकृ त टीक
े मृत टीकों की तुलना में दीर्ाकाशलक प्रततरक्षा क्षमता
का तनमााण करते हैं।
• इसशलए, मृत टीकों को प्रततरक्षा क्षमता बनाए रिने क
े शलए बूस्टसा की आवश्यक हो
सकती है। हालाांकक, मृत टीक
े स्टोरेज क
े उद्देश्यों से अचधक स्थायी होते हैं, और उनसे
कोई अस्वस्थ्यता नहीां होती।
• चचककत्सा समुदाय को इस दुववधा को समझना चादहए इस बात का तनणाय करने क
े शलए
कक ककसी ववशेष रोग क
े खिलाफ ककस ववचध का इस्तेमाल होना चादहए।
क्या शशशुओां का प्रततरक्षी तांत्र बहुत से टीकों को सांभाल
सकता है?
• हाां। अध्ययनों से यह पता चलता है कक नवजातों क
े प्रततरक्षी तांत्र एक बार से एक से
अचधक टीकों को झेल सकते हैं - वतामान में अनुशांशसत सांख्याओां से अचधक।
• प्रततरक्षण शेड्यूल नवजात की प्रततरक्षा अनुकिया उत्पन्न करने की क्षमता पर आधाररत
होता है, साथ ही जब उन्हें ककसी तनक्श्चत अस्वस्थ्यताओां का ितरा होता है।
• उदाहरण क
े शलए, जन्म क
े समय माां से बच्चे में हस्ताांतररत प्रततरक्षा क्षमता अस्थायी
होती है, और इसमें ववशेष रूप से पोशलयो और हेपाटाइदटस B क
े शलए प्रततरक्षा शाशमल
नहीां होती।
समूह प्रततरक्षा क्या है? क्या यह वास्तववक है? क्या यह
काम करता है?
• समूह प्रततरक्षा, क्जसे समुदाय प्रततरक्षा भी कहते हैं, वह सुरक्षा है जो उच्च टीकाकरण दरों
द्वारा समुदाय में सभी लोगों को प्रदान ककया जाता है।
• ककसी ददए गए रोग क
े खिलाफ पयााप्त टीकाकृ त लोगों क
े साथ, समुदाय में रोगों क
े शलए पैर
पसारना कदठन हो जाता है।
• यह रोग क
े प्रकोप की सांभावना को कम करने द्वारा उन लोगों को भी क
ु छ सुरक्षा प्रदान
करता है जो टीका लेने में सक्षम नहीां होते हैं - क्जसमें नवजात और वे व्यक्क्त शाशमल होते हैं
क्जन्हें पुरानी रुग्णताएां होती हैं।
अांडे से एलजी का क
ु छ टीकों से अांतववारोध क्यों है?
• क
ु छ टीकों, क्जसमें इांफ्लुएांजा क
े खिलाफ बहुत से टीक
े शाशमल हैं, का सांवधान मुगी क
े अांडे में
ककया जाता है। टीका तनमााण करने की प्रकिया क
े दौरान, अचधकाांश अांडा प्रोटीन हटा ददए
जाते हैं, लेककन इस बात की क
ु छ चचांता होती है कक ये टीक
े उन लोगों में एलक्जाक ररऐक्शन
पैदा कर सकते हैं क्जन्हें अांडे से ऐलजी होती है।
• हाल क
े ररपोटा से पता चला है कक अांडे से एलजी वाले बहुत से बच्चों में क्जन्हें अांडों क
े प्रयोग
से तनशमात इांफ्लुएांजा का टीका ददया गया था, कोई दुष्पररणाम नहीां उत्पन्न हुआ; अध्ययन
समूह क
े लगभग 5% बच्चों में तुलनात्मक रूप से नगण्य प्रभाव देिने को शमला जैसे
वपवियाां, उनमें से अचधकाांश बबना ककसी इलाज क
े ठीक हो गए. आगे इस समस्या क
े
अध्ययन क
े शलए अततररक्त शोध जारी है। क
ु छ मामलों में, क
े वल उन लोगों को अांडा-
आधाररत टीक
े नहीां लेने की सलाह दी जाती है क्जन्हें अांडे से गांभीर (जानलेवा) एलजी है।
आपका डॉक्टर आपको ववशेष जानकारी प्रदान कर सकता है।
मैंने क
ु छ लोगों से सुना है कक टीक
े दीर्ा-काशलक स्वास्थ्य समस्याओां से जुड़े
होते हैं जैसे मधुमेह, बाांझपन, और ऑदटज्म। क्या यह सही है?
• नहीां, यह सही नहीां है। टीकों से ऑदटज्म होने की सांभावना का प्रकाशन उस बिदटश कफज़ीशशयन द्वारा
1998 पेपर क
े बाद ककया गया था क्जन्होंने दावा ककया था कक उनक
े पास यह प्रमाण है कक MMR
(िसरा, गलसुआ और रुबेला) टीका का सांबांध ऑदटज्म से था। सांभाववत सांबांध की गहन िोज की गई;
ऐसे सांबांध पर एक से एक अध्ययन ककए गए क्जसमें ऐसा कोई शलांक नहीां पाया गया, और मूल 1998
अध्ययन को लैनसेट द्वारा औपचाररक रूप से वापस ले शलया गया, लैनसेट ने ही इसे मूल रूप से
प्रकाशशत ककया था।
• परररक्षक थाइमेरोसल, क्जसका प्रयोग क
ु छ टीकों में ककया जाता है, और ऑदटज्म क
े बीच क
े सांभाववत
शलांक पर बहुत से अध्ययन ककए गए; एक बार ऐसा कोई शलांक नहीां पाया गया। इस बात की सांभावना है
कक यह भ्ाांतत इसशलए फ
ै ली कक शुरुआती बाल्यावस्था टीकाकरण और ऑदटज्म क
े लक्षण क
े पहले
प्रकटीकरण क
े बीच का समय एक ही था। इसक
े अलावा, इस बात का कोई साक्ष्य नहीां पाया गया कक
टीकों क
े कारण दीर्ाकाशलक स्वास्थ्य समस्याएां होती हैं जैसे मधुमेह और बाांझपन।
मुझे मेरे बच्चे क
े हाल क
े प्रततरक्षण से क
ु छ जानकारी शमली है कक टीकों क
े
बहुत से सांभाववत दुष्पररणाम होते हैं। टीकाकरण की अनुशांसा क्यों की जाती
है यदद इनसे सारे दुष्पररणाम उत्पन्न हो सकते हैं?
• प्रत्येक टीक
े का एक सांभाववत दुष्पररणाम होता है। ववशेष रूप से ये बहुत हल्क
े होते हैं: इांजैक्शन क
े
स्थान (शॉट क
े जररए ददए जाने वाले टीक
े क
े शलए) पर जख्म, शसरददा, और हल्का बुिार टीका क
े
दुष्पररणाम क
े आम उदाहरण हैं।
• हालाांकक गांभीर दुष्पररणाम की सांभावना होती है क्जसक
े अांतगात गांभीर एलक्जाक ररऐक्शन आते हैं।
हालाांकक, इन दुष्पररणामों का उत्पन्न होना अत्यांत ववरले होता है। (आपक
े चचककत्सक ववशेष टीकों क
े
जोखिमों क
े बारे में बता सकते हैं; ववश्व स्वास्थ्य सांगठन की वेबसाइट से अचधक जानकारी प्राप्त कर
सकते हैं।)।
• टीकाकरण क
े सांभाववत दुष्पररणामों पर ववचार करते समय, इसे सांदभा क
े साथ करना महत्वपूणा होता
है। हालाांकक क
ु छ दुष्पररणाम गांभीर होते हैं, लेककन वे अत्यांत ववरले होते हैं। यह याद रिना अहम है
कक टीका नहीां लेने क
े फ
ै सले का गांभीर ितरा है। टीक
े र्ातक सांिामक रोगों से सुरक्षा प्रदान करते हैं;
टीका न लेने से इस रोगों से सांिशमत होने और इसे दूसरों में प्रसाररत होने का ितरा बढ़ जाता है।
क्य हम टीकों क
े साथ पयााप्त सुरक्षा परीक्षण करते हैं?
• टीकों को स्वीकृ त करने से पहले बार-बार मनुष्यों में जाांच ककया जाता है, और उनक
े
जारी होने क
े बाद दुष्पररणामों क
े शलए लगातार उनकी तनगरानी की जाती है।
क्या टीकों में चगराए गए भ्ूण का ऊतक या क्जलेदटन
होता है?
• रुबेला क
े टीक
े क
े वायरस, जो MMR (िसरा, गलसुआ, और रुबेला) शॉट में होता है, का
सांवधान मानव सेल लाइनों क
े प्रयोग से ककया जाता है। इनमें से क
ु छ सेल लाइनों का
शुरुआत भ्ूण ऊतकों से की गई थी क्जसे 1960 क
े दशक में कानूनी गभापातों से शलया
गया था।
• रुबेला क
े टीका क
े तनमााण क
े शलए ककसी नए भ्ूण ऊतक की जरूरत नहीां होती। क
ु छ
टीकों में क्स्थततररकरण सामग्री क
े रूप में क्जलेदटन शाशमल होता है। यदद आपको
क्जलेदटन क
े बारे में क
ु छ पूछना हो, या आप या आपक
े बच्चे को क्जलेदटन से एलजी है
तो, अपने चचककत्सक से सांपक
ा करें।
क्या यह सच है कक बेहतर स्वच्छता और पोषण से मृत्यु और
रोग की दरों में कमी आती है, न कक टीकों से?
• अन्य कारकों क
े साथ-साथ उच्च स्वच्छता और पोषण, तनक्श्चत रूप से क
ु छ रोगों की र्टना और तीव्रता को
कम सकते हैं। टीका से पहले और टीका क
े बाद ककसी रोग की सांख्या का डेटा प्रलेिन, हालाांकक, दशााता है कक
टीक
े बीमारी की दरों में बड़ी चगरावट क
े शलए भारी रूप से क्जबमेदार होते हैं। उदाहरण क
े शलए, ववकशसत देशों
में जैसे अमेररका में, िसरा क
े मामलों की सांख्या वषा 1950 और 1963 क
े बीच प्रतत वषा 300,000 से लेकर
800,000 थी, जब िसरा क
े टीकों का प्रयोग पहली बार व्यापक रूप से ककया गया था। वषा 1965 तक, यूएस
िसरा क
े मामलों में नाटकीय ढांग से कमी आनी शुरू हुई। 1968 में, लगभग 22,000 मामलों की सूचना शमली
(जो क
े वल तीन वषों में 800,000 मामलों में 97.25% की कमी है); 1998 तक, मामलों की सांख्या औसतन
लगभग 100 प्रतत वषा या इससे भी कम रह गई।
• उन रोगों में भी टीकाकरण क
े बाद इसी तरह की कमी आई क्जनक
े शलए टीक
े उपलब्ध हैं। शायद यह सवोिम
प्रमाण है कक टीक
े , न कक स्वच्छता या पोषण, बीमारी और चेचक क
े टीक
े से होने वाली मृत्यु दरों में भारी
कमी क
े शलए क्जबमेदार हैं। यदद स्वच्छता और पोषण ही क
े वल सांिामक रोगों की रोकथाम क
े शलए पयााप्त
होते तो, अमेररका में 1990 क
े दशक क
े मध्य में छोटी चेचक क
े टीक
े की शुरुआत से पहले चेचक की दरों में
िासी कमी होती। जबकक इसक
े ववपरीत, 1995 में टीक
े की शुरुआत से पहले, 1990 क
े दशक क
े आरांभ में
अमेररका में चेचक मामलों की सांख्या प्रतत वषा चार शमशलयन थी। वषा 2004 तक, रोग की र्टना में 85% तक
की कमी आई।
क्या पोशलयो का टीका HIV, कैं सर, मानशसक मांदन, या
पुरुषों या मदहलाओां क
े बाांझपन से जुड़ा है?
• 1990 क
े दशक में, क
ु छ आलोचकों ने अक्वायडा इबयून डडकफशशएांसी शसांड्रोम (AIDS) क
े शलए 1950 क
े दशक में
अफ्रीका में जीववत, कमजोर पोशलयो क
े टीका क
े परीक्षण को क्जबमेदार ठहराया। आरोप लगाने वालों की यह
दलील पेश की कक टीका क
े तनमााण में चचबपेंजी की कोशशकाओां का इस्तेमाल ककया गया था, और यह ककए वे
कोशशकाएां उस वायरस से सांिशमत थी जो कभी-कभी चचबप्स को प्रभाववत करती है: शसशमअन
इबयूनोडडकफशशएांसी वायरस या SIV. जब अफ्रीका में बच्चों को टीका ददया गया था, तब उन्होंने कहा था कक SIV
ह्युमैन इबयूनोडडकफशशएांसी वायरस, या HIV में बदल सकता है, क्जससे AIDS होता है। हालाांकक, आरोप कई
कारणों से प्रामाखणक रूप से गलत साबबत हुए थे।
• सबसे महत्वपूणा, कमजोर पोशलयो क
े टीक
े का तनमााण चचबपेंजी की कोशशकाओां से नहीां ककया गया था, बक्ल्क
बांदरों की कोशशकाओां से ककया गया था। बाद में टीकों का परीक्षण एक ऐसी तकनीकी क
े प्रयोग से ककया गया
क्जससे वायरल DNA (PCR तकनीक, या पॉशलमेरैज श्ृांिला अशभकिया) का पता लगाया जा सकता है; इसमें SIV
या HIV नहीां पाया गया। अल्बामा क
े बशमिंर्म युतनवशसाटी क
े शोधकतााओां ने 2006 में ददिाया कक यद्यवप HIV
दरअसल SIV का एक व्युत्पन्न था, क
ै मरून में चचबपेंजीज जो 1930 क
े दशक में SIV से सांिशमत थे, वे AIDS
महामारी क
े सबसे सांभावी स्रोत थे - अफ्रीका में कमजोर पोशलयो क
े टीका क
े परीक्षण क
े दशकों पहले।
• 20वीां शताब्दी क
े मध्य में पोशलयो क
े टीकों का तनमााण बांदरों की कोशशकाओां से ककया जाता
था। उनक
े लाइसेंस प्राप्त होने क
े क
ु छ वषों बाद, माइिोबायोलॉक्जस््स ने दोनों टीकों में
बांदर क
े वायरस पाए। इस वायरस का नाम शसशमअन वायरस 40 (SV40) रिा गया था।
तनमााताओां ने टीका से वायरस हटाने क
े शलए तेजी से अपने तनमााण की ववचध को बदल
ददया।
• इस बात की सांभावना नहीां थी कक सांदूवषत टीकों से ककसी को नुकसान पहुांचा हो। अध्ययनों
से पता चला कक क्जन बच्चों में SV40 वाला टीका ददया गया है उन बच्चों में SV40 क
े शलए
एांटीबॉडीज ववकशसत नहीां हुआ; वायरस क
े वल उनक
े पाचन तांत्र से होकर तनकल गया, कभी
कोई सांिमण पैदा नहीां ककया।
• बच्चों को SV40-सांदूवषत टीक
े ददए जाने क
े बाद आठ वषों, पांद्रह वषों और तीस वषों तक
चले अध्ययनों से पता चला कक उन्हें भी ठीक वैसी ही कैं सर की र्टना हुई थी जैसी ककए
टीका नहीां शलए हुए समूहों की थी। ककसी भी ववश्वसनीय साक्ष्यों से यह पता नहीां चलता है
कक SV40 क
े कारण कभी मनुष्यों में कैं सर हुआ था।
• पोशलयो का टीका क
े सांबांध में क
ु छ तनक्श्चत र्ाशमाक नेताओां द्वारा अनेक भ्ाांततयाां फ
ै लाई
जाती हैं और उनक
े पास कोई तथ्य या प्रमाण नहीां होता।
• बच्चों में कैं सर, बाांझपन, HIV, या मानशसक मांदन और पोशलयो टीका क
े बीच कोई
सहसांबांध नहीां है।
• हालाांकक, अपने बच्चे को पोशलयो का टीका नहीां देने से स्थायी शारीररक ववकलाांगता हो
सकती है।
BCG का टीका लेना बच्चों क
े शलए क्यों महत्वपूणा है?
• पाककस्तान, भारत और अफगातनस्तान जैसे ववकासशील देशों में, जहाां TB क
े अनेक मामले हैं,
राष्रीय टीकाकरण कायािमों क
े भाग क
े रूप में बैशसलस क
ै ल्मेट-गुएररन (BCG) टीका का
प्रयोग ककया जाता है।
• टीका, TB क
े जीवाणु क
े कारण होने वाले फ
े फड़ा-सांबांधी रोग से बच्चों को सुरक्षक्षत नहीां रिता
है, और न ही यह सकिय रोग का रूप लेने वाले सुप्त TB सांिमण से रक्षा करता है। हालाांकक,
यह बच्चों में होने वाली क
ु छ गांभीर जदटलताओां को रोकता है जैसे TB मेतनांजाइदटस।
क्यों हेपाटाइदटस B का टीका शशशुओां क
े शलए महत्वपूणा
है?
• हेपाटाइदटस B ववषाणु (HBV) शरीर क
े सांिमणकारी द्रवों (जैसे रक्त, लार, और वीया) क
े सांपक
ा में आने से
फ
ै ल सकता है। यह लैंचगक रूप से प्रसाररत हो सकता है, या इांजैक्शन में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों जैसे
सूई, टाांक
े को साझा करने से, सांिशमत माां क
े बच्चे में, सांिशमत व्यक्क्त क
े िुले फोड़ों या र्ावों क
े सांपक
ा में
आने से, और सांिशमत व्यक्क्त क
े साथ रेज़र या टूथिश साझा करने से फ
ै ल सकता है। दाांत से काटने की
क्स्थतत में लार रोग क
े प्रसार का एक माध्यम बन सकता है।
• तेज HBV सांिशमत लगभग 95% वयस्क स्वस्थ होते हैं और स्थायी रूप से सांिशमत नहीां होते, हालाांकक तेज
चरण में वे शरीर क
े उत्सजानों क
े जररए दूसरे व्यक्क्त को सांिशमत कर सकते हैं। दूसरे लोग स्थायी रूप से
सांिशमत हो सकते हैं - और लांबे समय (क
ु छ मामलों में कई वषा) में अन्य लोगों को सांिशमत कर सकते हैं
- और उन्हें गांभीर लीवर की बीमारी का ितरा होता है। बच्चों क
े शलए पररक्स्थतत दूसरी होती है : HBV से
सांिशमत नवजात शशशु एवां बच्चे में स्थायी सांिमण की सांभावना वयस्क की तुलना में अचधक होती है और
इसशलए जदटलताएां गांभीर होती हैं और देर से उत्पन्न होती हैं। HBV क
े स्थायी सांिमण क
े कारण शसरोशसस,
लीवर की िराबी, और लीवर कैं सर हो सकता है। इसशलए, इस जानलेवा बीमारी की रोकथाम क
े शलए टीका
एक प्रभावी उपाय है।
दटटनस का टीक
े से मेरे बच्चे को क्या करना है? वह कहीां भी
नहीां चगरा और न ही उसे कोई कट का जख्म है।
• तांबत्रका तांत्र का एक रोग है जो क्लोदरडडयम टेटानी नामक वायरस क
े कारण होता है जो वातावरण में व्यापक रूप से मौजूद है।
यह बैक्टीररयम दो एक्सोटॉक्क्सन पैदा करता है, इसमें से एक (टेटानोस्पैक्स्मन) है न्यूरोटॉक्क्सन क्जसक
े कारण दटटनस क
े
लक्षण उत्पन्न होते हैं। जीवाणु यह न्यूरोटॉक्क्सन ऑक्सीजन की अनुपक्स्थतत में पैदा करता है जैसे गहरे र्ावों और नाशभ-रज्जु
में, यदद इसे रोगाणुयुक्त उपकरण से काटा जाता है।
• 10% से 20% दटटनस क
े मामलों में मृत्यु होती है, हालाांकक 60 से अचधक वषा की आयु क
े रोचगयों में और अप्रततरक्षक्षत
व्यक्क्तयों में मृत्यु दरें अचधक होने की सांभावना होती है। सूचचत दटटनस क
े सबसे सामान्य प्रकार ("जेनरलाइज्ड दटटनस") में,
स्पैज्म 3-4 हफ्तों तक जारी रहता है, और ठीक होने में महीनों लग जाते हैं। वषा 2014 में, दुतनया भर में दटटनस क
े 11,367
मामले थे और 5 वषों क
े अांदर (2011) लगभग 72,600 लोगों की मृत्यु हुई।
• बाल्यावस्था प्रततरक्षण कायािम द्वारा दटटनस टॉक्साइड युक्त टीका (इसे प्राय: DTP, DTaP, or DTwP कहा जाता है) क
े अनेक
िुराक की अनुशांसा की जाती है ताकक दटटनस से सुरक्षा शमल सक
े , जहाां पहली िुराक की शुरुआत दो महीने की आयु से होनी
चादहए। दटटनस टॉक्साइड युक्त टीक
े की बूस्टर िुराकों की सलाह जीवन भर दी जाती है।
टाइफाइड का टीका लेना क्यों महत्वपूणा है? और क्यों
क
ु छ डॉक्टर इसे बसांत ऋतु में लेने की सलाह देते हैं?
• टाइफाइड का बुिार सांदूवषत भोजन और पानी क
े जररए एक व्यक्क्त से दूसरे व्यक्क्त में फ
ै लता है। इसका
प्रसार ववष्ठा-मुांह मागा से होता है, अथाात, सांदूवषत ववष्ठा (और कभी-कभी पेशाब) जलापूततायों या िाद्य
आपूततायों में प्रवेश कर जाते हैं, जो हो सकता है कक बाद में दूसरों क
े मुांह क
े जररए पेट में चले जाए
और सांिशमत करे।
• दुतनया भर में हर साल टाइफाइड बुिार क
े लगभग 21 शमशलयन मामले उत्पन्न होते हैं और 220,000
मौंतें हो जाती हैं। पाककस्तान, भारत, नाइजीररया, और अफगातनस्तान जैसे अनेक ववकासशील देशों में,
बबजली की कमी क
े कारण िाद्य पदाथों को सुरक्षक्षत तापमान पर नहीां रिा जाता और स्वच्छ और
साफ-सफाई की क्स्थतत ठीक नहीां होती। इसशलए, टाइफाइड का बुिार उत्पन्न करने वाले जीवाणु क
े
प्रसार का ितरा गशमायों क
े महीनों में अचधक होता है, और टाइफाइड बुिार क
े बचावकारी टीक
े लेने की
सलाह गमी क
े महीनों से पहले दी जाती है। टाइफाइड बुिार क
े टीक
े लेने की सलाह उन क्षेत्रों में तीन से
सात वषों तक लेने की सलाह दी जाती है जहाां इसका प्रयोग तनयशमत टीक
े क
े रूप में होता है।
शमथक 1- वैक्सीन से होता है कोववड
कई लोग हैं क्जन्हें वैक्सीन दी गई उसक
े बाद भी वह सांिशमत हो गए। इसक
े चलते
वैक्सीन क
े असर को लेकर शक ककया जाने लगा है। हालाांकक यह सही नहीां है।
एक बात जो यहाां समझने की है वह यह कक कोववड वैक्सीन सांिमण क
े खिलाफ
एक हद तक प्रभावी है लेककन यह वायरस की गांभीरता और मृत्यु दर को 100
प्रततशत कम करती है। वैक्सीन इांफ
े क्शन की सांभावना को भी कम करती है इसशलए
इसक
े बारे में सांदेह करने की कोई वजह नहीां है।
यह वैक्सीन दूसरी डोज लेने क
े 14 ददन बाद ही पूरी तरह प्रततरोधक क्षमता
ववकशसत करती है। उसक
े बाद भी आपको मास्क पहनना, सोशल डडस्टेंशसांग का
पालन करना जरूरी है। ये तब तक ककया जाना चादहए जब तक कक बड़े स्तर पर
लोग तनगेदटव न हो जाएां।
शमथक 2- कोववड हो चुका है तो वैक्सीन की जरूरत नहीां
कोववड-19 होने क
े बाद आपका शरीर इससे लड़ाई लड़ता है
और इसक
े खिलाफ एांटीजेन तैयार करता है। ऐसे में कई लोग
क्जन्हें कोववड-19 हो चुका है वे समझते हैं उन्हें वैक्सीन की
जरूरत नहीां है। ऐसा सोचना ठीक नहीां है। सांिमण क
े बाद
तैयार प्रततरोधक क्षमता ककतनी प्रभावी है और कब तक रहेगी
इस बारे में कोई तनक्श्चत शोध नहीां हुआ है। हमें यह नहीां पता
है कक यह ककतने ददन तक रहता है और ककस तरह से असर
करता है। ऐसे में वैक्सीन से इनकार करना भूल होगी। सांिशमत
होने क
े बाद भी वैक्सीन लेने से पहले से मौजूद प्रततरक्षा क
े
स्तर में वृद्चध होगी और कोववड क
े खिलाफ अततररक्त सुरक्षा
शमलेगी।
डेनमाक
ा क
े वैज्ञातनकों ने दावा ककया कक कोववड वैक्सीन लेने क
े
बाद शरीर में रक्त क
े थक्क
े बन रहे हैं। इस िबर ने पूरी दुतनया,
िासतौर पर बुजुगों, को डराया है।
लोग इस बात से आशांककत हैं और टीका लेने से बच रहे हैं।
वैक्सीन में साइड-इफ
े क्ट को ध्यान में रिा गया है लेककन हमें यह
समझने की जरूरत है कक टीक
े बड़े पैमाने पर उपयोग क
े शलए
सुरक्षक्षत हैं।
इसक
े साथ ही डब्ल्यूएचओ वैक्सीन से रक्त क
े थक्का बनने क
े
सांभाववत साइड इफ
े क्ट को लेकर तनक्श्चत नहीां है।इसी तरह पतले
रक्त वाले लोगों में भी इसी आशांका क
े चलते टीकाकरण को लेकर
सांदेह बना हुआ है। लोगों को डरने की जरूरत नहीां है। लेककन कफर
भी ऐसा होता है तो टीका लेने से पहले डॉक्टर से सांपक
ा करें।
शमथक 3- वैक्सीन से ब्लड क्लॉट हो सकता है
शमथक 4- डीएनए बदल देगी कोववड वैक्सीन
• वैक्सीन से जुड़ा एक शमथक यह है कक कोरोना वायरस का टीका हमारे जेनेदटक कोड
यातन डीएनए में छेड़छाड़ कर सकता है। ये अफवाह तब से ही फ
ै लनी शुरू हो गई थी जब
वैक्सीन को मांजूरी शमली थी।
• ये अफवाहें दूसरी वैक्सीन क
े साथ भी चलती रहती हैं। इसशलए अच्छा होगा कक इन पर
ध्यान न दें क्योंकक इनमें कोई दम नहीां है।
• वैक्सीन को क
े वल हमारे शरीर में कोरोना वायरस को पहचानने को उसक
े खिलाफ
प्रततरक्षा प्रणाली ववकशसत करने क
े शलए बनाया गया है। इसमें हमारी कोशशकाओां (सेल्स)
क
े अांदर प्रवेश करने की क्षमता नहीां होती है। जेनेदटक कोड इन्हीां कोशशकाओां क
े अांदर
मौजूद रहते हैं।
शमथक 5- वैक्सीन भरोसेमांद नहीां
• एक और लांबा डर जो नागररकों को वैक्सीन जैब शमलने से रोक रहा है, वह छोटी समयरेिा है क्जसमें
वैक्सीन मॉडल को इस्तेमाल क
े शलए मांजूरी दे दी गई है।
• वैक्सीन को लेकर एक बड़ा डर जो लोगों क
े मन में बैठा हुआ है वह वैक्सीन का कम समय में तैयार
होना है। दूसरी वैक्सीन क
े तैयार होने में वषों का समय लगता है लेककन कोरोना वायरस वैक्सीन को
जल्दी मांजूरी शमल गई है। इसे लेकर लोगों क
े मन में शक है और टीका लगवाने से पीछे हट रहे
हैं।वैक्सीन की टाइमलाइन को लेकर जो भी डर है वह बबल्क
ु ल सही नहीां है।
• वैक्सीन की मांजूरी क
े शलए कड़े परीक्षण और अध्ययन ककए गए हैं जो सुरक्षा क
े सभी मानकों को पूरा
करते हैं और वैक्श्वक स्वास्थ्य तनयामक से इन उपायों को मान्यता शमली है। चूांकक यह वायरस तेजी से
फ
ै ल रहा है शसफ
ा इसशलए टीकों को जल्दी से उतारा गया है लेककन यह सांदेह की कोई वजह नहीां है।
शमथक 6- वैक्सीन से प्रजनन क्षमता पर असर
वैक्सीन को लेकर एक अफवाह और भी है कक वैक्सीन आपकी प्रजनन क्षमता
को ित्म करता है और बाांझपन की समस्या पैदा करती है। लेककन ये बात
पूरी तरह से गलत है और इस बारे में ध्यान देने की जरूरत ही नहीां है।
ऐसी अफवाहें कई वैक्सीन क
े साथ पहले भी फ
ै लाई जाती रही हैं। कोववड-19
या ककसी अन्य वैक्सीन से बाांझपन या यौन रोग को लेकर कोई साइड इफ
े क्ट
नहीां है।
आज तक ककसी भी शोध में ऐसी कोई बात सामने नहीां आई है और न ही
इसक
े कोई प्रमाण शमले हैं।
यह अफवाह इस वजह से फ
ै ली है क्योंकक अभी गभावती मदहलाओां को इस
टीक
े से अलग रिा गया है। गभावती मदहलाओां को इसशलए बाहर रिा गया है
क्योंकक उनक
े अांदर प्रततरक्षा की कमी होती है।
स्रोत
• सेंटसा फॉर डडजीज क
ां रोल एांड वप्रवेंशन। Prevention and Control of Influenza with
Vaccines: Recommendations of the Advisory Committee on Immunization Practices,
United States, 2015-16 Influenza Season. 16 जून 2016 को प्रयुक्त।
• सेंटसा फॉर डडजीज क
ां रोल एांड वप्रवेंशन। History and Epidemiology of Global Smallpox
Eradication (10.4 MB). 14 जून 2016 को प्रयुक्त।
• Children’s Hospital of Philadelphia. Vaccine Safety: Immune System and Health. 16
जून 2016 को प्रयुक्त।
• Children’s Hospital of Philadelphia. Are Vaccines Safe? 16 जून 2016 को प्रयुक्त।
• सेंटसा फॉर डडजीज क
ां रोल एांड वप्रवेंशन। Varicella (Chickenpox) Vaccine Q&A. 18/4/2017
को प्रयुक्त।
• The Carter Center. International Task Force for Disease Eradication. 18/4/2017 को
प्रयुक्त।
• MedPage Today. AAAAI: Egg Allergy No Bar to Flu Shot. 17/4/2017 को प्रयुक्त।

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  • 4. क्यों सभी टीक े 100% कारगर नहीां होते? • टीकों को प्रततरक्षी अनुकिया उत्पन्न करने क े शलए तैयार ककया जाता है जो टीका शलए हुए व्यक्क्त को भववष्य में रोग क े सांपक ा में आने क े दौरान प्रततरक्षा प्रदान करेगा। हालाांकक, व्यक्क्तगत प्रततरक्षी तांत्र क ु छ मामलों में इतने पयााप्त रूप से अलग-अलग होते हैं कक व्यक्क्त का प्रततरक्षी तांत्र समुचचत अनुकिया उत्पन्न नहीां कर पाता। पररणामस्वरूप, वह व्यक्क्त या मदहला टीकाकरण क े बाद प्रभावी रूप से सुरक्षक्षत नहीां हो पाती। • माना जाता है कक अचधकाांश टीकों की प्रभावकाररता उच्च होती है। MMR टीक े (िसरा, गलसुआ और रुबेला) या क े वल िसरा टीक े की दूसरी िुराक लेने क े बाद, 99.7% टीका युक्त व्यक्क्त िसरा क े प्रतत सुरक्षक्षत हो जाते हैं। तनक्ष्िय पोशलयो का टीका तीन िुराक क े बाद 99% प्रभावी होता है। छोटी चेचक (चेचक) का टीका सभी वैररसेला सांिमणों से बचाव में 85% और 90% क े बीच प्रभावी होता है, लेककन हल्क े और गांभीर चेचक क े मामले में 100% कारगर है।
  • 5. इतने सारे टीक े क्यों हैं? • वतामान में, डब्लूएचओ बाल्यावस्था टीकाकरण ने जन्म से लेकर छ वषा की आयु क े सभी बच्चों क े शलए 11 ववशभन्न रोगों क े शलए प्रततरक्षण शाशमल करने की अनुशांसा की है। प्रत्येक बीमारी क्जसक े शलए टीकाकरण की सलाह दी जाती है उनक े कारण गांभीर अस्वस्थ्यता हो सकती है या मृत्यु भी हो सकती है, और यहाां तक कक टीकाकरण की तनधााररत दर में कमी आने पर बीमारी दुबारा तेजी से प्रकट हो सकती है। • पाककस्तान, अफगातनस्तान, और क ु छ मध्य पूवी और अफ्रीकी देशों में, धाशमाक, साांस्कृ ततक और राजनैततक कारकों क े कारण टीकाकरण की दरों कमी आई क्जससे पोशलयो और िसरा का प्रकोप दुबारा शुरू हुआ। इन रोगों ने क ु छ लोगों को जीवन भर क े शलए शारीररक रूप से ववकलाांग बना ददया। अनुसूचचत देशों पर प्रत्येक टीक े की अनुशांसा की जाती है क्योंकक तीव्र सांिमण क े ितरे हैं।
  • 6. क्या प्राकृ ततक प्रततरक्षा क्षमता टीका अक्जात प्रततरक्षा क्षमता से बेहतर होती? • क ु छ मामलों में, प्राकृ ततक प्रततरक्षा क्षमता टीकाकरण से प्राप्त प्रततरक्षा क्षमता से अचधक दटकाऊ होती है। हालाांकक, प्राकृ ततक सांिमण का ितरा प्रत्येक अनुशांशसत टीका क े शलए प्रततरक्षण क े ितरे से अचधक होता है। उदाहारण क े शलए, तीव्र िसरा क े सांिमण से प्रत्येक 1,000 सांिशमत व्यक्क्त में से एक व्यक्क्त को एांसेफ े लाइदटस (मक्स्तष्क प्रदाह) होता है। • क ु ल शमलाकर, िसरा का सांिमण प्रत्येक 1,000 सांिशमत व्यक्क्त में से दो की जान लेता है। इसक े ववपरीत, कॉक्बबनेशन MMR (िसरा, गलसुआ और रुबेला) का टीक े से गांभीर एलक्जाक ररऐक्शन प्रत्येक दस लाि टीकायुक्त लोगों में होता है, साथ ही िसरा क े सांिमण की रोकथाम करता है। टीका-अक्जात प्रततरक्षा क्षमता क े फायदे, प्राकृ ततक सांिमण क े गांभीर ितरों की तुलना में असाधारण रूप से अचधक हैं। इसक े अलावा, दटटनस क े टीक े , और क ु छ अन्य टीक े , वास्तव में प्राकृ ततक सांिमण की तुलना में अचधक प्रभावकारी प्रततरक्षा क्षमता प्रदान करते हैं।
  • 7. क्यों क ु छ टीकों को बूस्टसा की आवश्यकता होती है? • यह पूरी तरह से नहीां जाना गया है कक क्यों अक्जात प्रततरक्षा क्षमता की अवचध अलग-अलग टीकों क े शलए अलग-अलग होती है। क ु छ टीक े क े वल एक ही िुराक में जीवन भर प्रततरक्षा प्रदान करते हैं, जबकक क ु छ टीकों को प्रततरक्षा बनाए रिने क े शलए बूस्टसा की जरूरत होती है। हाल क े शोध से पता चलता है कक ककसी ववशेष रोग क े खिलाफ प्रततरक्षा क्षमता की तनरांतरता उस गतत पर तनभार कर सकती है क्जसपर रोग शरीर में बढ़ता है। • यदद रोग बहुत तेजी क े बढ़ता है, तो हो सकता है कक प्रततरक्षी तांत्र की स्मृतत अनुकिया (अथाात, वपछले सांिमण या टीकाकरण क े बाद उत्पन्न “वाचडॉग एांटीबॉडीज”) इतनी तेजी से प्रततकिया न दे पाए क्जससे रोग से बचाव हो सक े - यदद वे रोग क े बारे में हाल में “ररमाइांडेड” न हो और पहले से इसकी तनगरानी न कर रहा हो। बूस्टसा आपक े प्रततरक्षी तांत्र क े शलए एक “ररमाइांडर” का काम करते हैं। • टीकों द्वारा उत्पन्न प्रततरक्षा क्षमता को तनरांतर बनाए रिने क े शलए शोध लगातार जारी है।
  • 8. क्या आपको उस टीक े से रोग हो सकता है जो इसकी रोकथाम क े शलए होता है? और क्यों क ु छ टीकों में लाइव पैथोजन होते हैं जबकक क ु छ टीकों में मृत पैथोजन होते हैं? • मृत पैथोजन क े सांस्करण क े साथ बने टीकों या पैथोजन क े एक अांश क े साथ बने टीकों से अस्वस्थ्यता नहीां होती। जब कोई व्यक्क्त ये टीक े लेते हैं, तो उसक े शलए इस बात की बबल्क ु ल सांभावना नहीां होती है कक वे बीमार होंगे। जीववत, दुबालीकृ त (या कमजोर) टीक े सैद्धाांततक रूप से अस्वस्थ्यता पैदा कर सकते हैं: क्योंकक वे अभी भी द्ववगुखणत (हालाांकक भली-भाांतत नहीां) हो सकते हैं, उत्पररवतान सांभव है, क्जससे पैथोजन का स्वरूप उग्र हो सकता है। हालाांकक, टीकों का तनमााण इस बात को ध्यान में रि कर ककया जाता है, और इस सांभावना को न्यूनतम करने क े शलए दुबालीकृ त ककया जाता है। • .यह ध्यान देना महत्वपूणा है कक दुबालीकृ त टीकों क े कारण उन व्यक्क्तयों को गांभीर समस्या हो सकती हैं क्जनक े प्रततरक्षी तांत्र कमजोर हैं, जैसे कैं सर क े रोगी। ऐसे व्यक्क्तयों को यदद उपलब्ध हो तो टीकों का मृत स्वरूप ददया जा सकता है। यदद उपलब्ध नहीां है, तो उनक े चचककत्सक टीकाकरण नहीां करने की सलाह दे सकते हैं। ऐसी क्स्थततयों में, व्यक्क्त सुरक्षा क े शलए समूह प्रततरक्षा क्षमता पर तनभार करते हैं।
  • 9. क्यों क ु छ टीकों में जीववत पैथोजन होते हैं और क्यों क ु छ टीकों में मृत पैथोजन होते हैं, • इसक े कारण अस्वस्थ्यता क े अनुसार अलग-अलग होते हैं। हालाांकक, सामान्य तौर पर बोलते हुए, जीववत, दुबालीकृ त टीक े मृत टीकों की तुलना में दीर्ाकाशलक प्रततरक्षा क्षमता का तनमााण करते हैं। • इसशलए, मृत टीकों को प्रततरक्षा क्षमता बनाए रिने क े शलए बूस्टसा की आवश्यक हो सकती है। हालाांकक, मृत टीक े स्टोरेज क े उद्देश्यों से अचधक स्थायी होते हैं, और उनसे कोई अस्वस्थ्यता नहीां होती। • चचककत्सा समुदाय को इस दुववधा को समझना चादहए इस बात का तनणाय करने क े शलए कक ककसी ववशेष रोग क े खिलाफ ककस ववचध का इस्तेमाल होना चादहए।
  • 10. क्या शशशुओां का प्रततरक्षी तांत्र बहुत से टीकों को सांभाल सकता है? • हाां। अध्ययनों से यह पता चलता है कक नवजातों क े प्रततरक्षी तांत्र एक बार से एक से अचधक टीकों को झेल सकते हैं - वतामान में अनुशांशसत सांख्याओां से अचधक। • प्रततरक्षण शेड्यूल नवजात की प्रततरक्षा अनुकिया उत्पन्न करने की क्षमता पर आधाररत होता है, साथ ही जब उन्हें ककसी तनक्श्चत अस्वस्थ्यताओां का ितरा होता है। • उदाहरण क े शलए, जन्म क े समय माां से बच्चे में हस्ताांतररत प्रततरक्षा क्षमता अस्थायी होती है, और इसमें ववशेष रूप से पोशलयो और हेपाटाइदटस B क े शलए प्रततरक्षा शाशमल नहीां होती।
  • 11. समूह प्रततरक्षा क्या है? क्या यह वास्तववक है? क्या यह काम करता है? • समूह प्रततरक्षा, क्जसे समुदाय प्रततरक्षा भी कहते हैं, वह सुरक्षा है जो उच्च टीकाकरण दरों द्वारा समुदाय में सभी लोगों को प्रदान ककया जाता है। • ककसी ददए गए रोग क े खिलाफ पयााप्त टीकाकृ त लोगों क े साथ, समुदाय में रोगों क े शलए पैर पसारना कदठन हो जाता है। • यह रोग क े प्रकोप की सांभावना को कम करने द्वारा उन लोगों को भी क ु छ सुरक्षा प्रदान करता है जो टीका लेने में सक्षम नहीां होते हैं - क्जसमें नवजात और वे व्यक्क्त शाशमल होते हैं क्जन्हें पुरानी रुग्णताएां होती हैं।
  • 12. अांडे से एलजी का क ु छ टीकों से अांतववारोध क्यों है? • क ु छ टीकों, क्जसमें इांफ्लुएांजा क े खिलाफ बहुत से टीक े शाशमल हैं, का सांवधान मुगी क े अांडे में ककया जाता है। टीका तनमााण करने की प्रकिया क े दौरान, अचधकाांश अांडा प्रोटीन हटा ददए जाते हैं, लेककन इस बात की क ु छ चचांता होती है कक ये टीक े उन लोगों में एलक्जाक ररऐक्शन पैदा कर सकते हैं क्जन्हें अांडे से ऐलजी होती है। • हाल क े ररपोटा से पता चला है कक अांडे से एलजी वाले बहुत से बच्चों में क्जन्हें अांडों क े प्रयोग से तनशमात इांफ्लुएांजा का टीका ददया गया था, कोई दुष्पररणाम नहीां उत्पन्न हुआ; अध्ययन समूह क े लगभग 5% बच्चों में तुलनात्मक रूप से नगण्य प्रभाव देिने को शमला जैसे वपवियाां, उनमें से अचधकाांश बबना ककसी इलाज क े ठीक हो गए. आगे इस समस्या क े अध्ययन क े शलए अततररक्त शोध जारी है। क ु छ मामलों में, क े वल उन लोगों को अांडा- आधाररत टीक े नहीां लेने की सलाह दी जाती है क्जन्हें अांडे से गांभीर (जानलेवा) एलजी है। आपका डॉक्टर आपको ववशेष जानकारी प्रदान कर सकता है।
  • 13. मैंने क ु छ लोगों से सुना है कक टीक े दीर्ा-काशलक स्वास्थ्य समस्याओां से जुड़े होते हैं जैसे मधुमेह, बाांझपन, और ऑदटज्म। क्या यह सही है? • नहीां, यह सही नहीां है। टीकों से ऑदटज्म होने की सांभावना का प्रकाशन उस बिदटश कफज़ीशशयन द्वारा 1998 पेपर क े बाद ककया गया था क्जन्होंने दावा ककया था कक उनक े पास यह प्रमाण है कक MMR (िसरा, गलसुआ और रुबेला) टीका का सांबांध ऑदटज्म से था। सांभाववत सांबांध की गहन िोज की गई; ऐसे सांबांध पर एक से एक अध्ययन ककए गए क्जसमें ऐसा कोई शलांक नहीां पाया गया, और मूल 1998 अध्ययन को लैनसेट द्वारा औपचाररक रूप से वापस ले शलया गया, लैनसेट ने ही इसे मूल रूप से प्रकाशशत ककया था। • परररक्षक थाइमेरोसल, क्जसका प्रयोग क ु छ टीकों में ककया जाता है, और ऑदटज्म क े बीच क े सांभाववत शलांक पर बहुत से अध्ययन ककए गए; एक बार ऐसा कोई शलांक नहीां पाया गया। इस बात की सांभावना है कक यह भ्ाांतत इसशलए फ ै ली कक शुरुआती बाल्यावस्था टीकाकरण और ऑदटज्म क े लक्षण क े पहले प्रकटीकरण क े बीच का समय एक ही था। इसक े अलावा, इस बात का कोई साक्ष्य नहीां पाया गया कक टीकों क े कारण दीर्ाकाशलक स्वास्थ्य समस्याएां होती हैं जैसे मधुमेह और बाांझपन।
  • 14. मुझे मेरे बच्चे क े हाल क े प्रततरक्षण से क ु छ जानकारी शमली है कक टीकों क े बहुत से सांभाववत दुष्पररणाम होते हैं। टीकाकरण की अनुशांसा क्यों की जाती है यदद इनसे सारे दुष्पररणाम उत्पन्न हो सकते हैं? • प्रत्येक टीक े का एक सांभाववत दुष्पररणाम होता है। ववशेष रूप से ये बहुत हल्क े होते हैं: इांजैक्शन क े स्थान (शॉट क े जररए ददए जाने वाले टीक े क े शलए) पर जख्म, शसरददा, और हल्का बुिार टीका क े दुष्पररणाम क े आम उदाहरण हैं। • हालाांकक गांभीर दुष्पररणाम की सांभावना होती है क्जसक े अांतगात गांभीर एलक्जाक ररऐक्शन आते हैं। हालाांकक, इन दुष्पररणामों का उत्पन्न होना अत्यांत ववरले होता है। (आपक े चचककत्सक ववशेष टीकों क े जोखिमों क े बारे में बता सकते हैं; ववश्व स्वास्थ्य सांगठन की वेबसाइट से अचधक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।)। • टीकाकरण क े सांभाववत दुष्पररणामों पर ववचार करते समय, इसे सांदभा क े साथ करना महत्वपूणा होता है। हालाांकक क ु छ दुष्पररणाम गांभीर होते हैं, लेककन वे अत्यांत ववरले होते हैं। यह याद रिना अहम है कक टीका नहीां लेने क े फ ै सले का गांभीर ितरा है। टीक े र्ातक सांिामक रोगों से सुरक्षा प्रदान करते हैं; टीका न लेने से इस रोगों से सांिशमत होने और इसे दूसरों में प्रसाररत होने का ितरा बढ़ जाता है।
  • 15. क्य हम टीकों क े साथ पयााप्त सुरक्षा परीक्षण करते हैं? • टीकों को स्वीकृ त करने से पहले बार-बार मनुष्यों में जाांच ककया जाता है, और उनक े जारी होने क े बाद दुष्पररणामों क े शलए लगातार उनकी तनगरानी की जाती है।
  • 16. क्या टीकों में चगराए गए भ्ूण का ऊतक या क्जलेदटन होता है? • रुबेला क े टीक े क े वायरस, जो MMR (िसरा, गलसुआ, और रुबेला) शॉट में होता है, का सांवधान मानव सेल लाइनों क े प्रयोग से ककया जाता है। इनमें से क ु छ सेल लाइनों का शुरुआत भ्ूण ऊतकों से की गई थी क्जसे 1960 क े दशक में कानूनी गभापातों से शलया गया था। • रुबेला क े टीका क े तनमााण क े शलए ककसी नए भ्ूण ऊतक की जरूरत नहीां होती। क ु छ टीकों में क्स्थततररकरण सामग्री क े रूप में क्जलेदटन शाशमल होता है। यदद आपको क्जलेदटन क े बारे में क ु छ पूछना हो, या आप या आपक े बच्चे को क्जलेदटन से एलजी है तो, अपने चचककत्सक से सांपक ा करें।
  • 17. क्या यह सच है कक बेहतर स्वच्छता और पोषण से मृत्यु और रोग की दरों में कमी आती है, न कक टीकों से? • अन्य कारकों क े साथ-साथ उच्च स्वच्छता और पोषण, तनक्श्चत रूप से क ु छ रोगों की र्टना और तीव्रता को कम सकते हैं। टीका से पहले और टीका क े बाद ककसी रोग की सांख्या का डेटा प्रलेिन, हालाांकक, दशााता है कक टीक े बीमारी की दरों में बड़ी चगरावट क े शलए भारी रूप से क्जबमेदार होते हैं। उदाहरण क े शलए, ववकशसत देशों में जैसे अमेररका में, िसरा क े मामलों की सांख्या वषा 1950 और 1963 क े बीच प्रतत वषा 300,000 से लेकर 800,000 थी, जब िसरा क े टीकों का प्रयोग पहली बार व्यापक रूप से ककया गया था। वषा 1965 तक, यूएस िसरा क े मामलों में नाटकीय ढांग से कमी आनी शुरू हुई। 1968 में, लगभग 22,000 मामलों की सूचना शमली (जो क े वल तीन वषों में 800,000 मामलों में 97.25% की कमी है); 1998 तक, मामलों की सांख्या औसतन लगभग 100 प्रतत वषा या इससे भी कम रह गई। • उन रोगों में भी टीकाकरण क े बाद इसी तरह की कमी आई क्जनक े शलए टीक े उपलब्ध हैं। शायद यह सवोिम प्रमाण है कक टीक े , न कक स्वच्छता या पोषण, बीमारी और चेचक क े टीक े से होने वाली मृत्यु दरों में भारी कमी क े शलए क्जबमेदार हैं। यदद स्वच्छता और पोषण ही क े वल सांिामक रोगों की रोकथाम क े शलए पयााप्त होते तो, अमेररका में 1990 क े दशक क े मध्य में छोटी चेचक क े टीक े की शुरुआत से पहले चेचक की दरों में िासी कमी होती। जबकक इसक े ववपरीत, 1995 में टीक े की शुरुआत से पहले, 1990 क े दशक क े आरांभ में अमेररका में चेचक मामलों की सांख्या प्रतत वषा चार शमशलयन थी। वषा 2004 तक, रोग की र्टना में 85% तक की कमी आई।
  • 18. क्या पोशलयो का टीका HIV, कैं सर, मानशसक मांदन, या पुरुषों या मदहलाओां क े बाांझपन से जुड़ा है? • 1990 क े दशक में, क ु छ आलोचकों ने अक्वायडा इबयून डडकफशशएांसी शसांड्रोम (AIDS) क े शलए 1950 क े दशक में अफ्रीका में जीववत, कमजोर पोशलयो क े टीका क े परीक्षण को क्जबमेदार ठहराया। आरोप लगाने वालों की यह दलील पेश की कक टीका क े तनमााण में चचबपेंजी की कोशशकाओां का इस्तेमाल ककया गया था, और यह ककए वे कोशशकाएां उस वायरस से सांिशमत थी जो कभी-कभी चचबप्स को प्रभाववत करती है: शसशमअन इबयूनोडडकफशशएांसी वायरस या SIV. जब अफ्रीका में बच्चों को टीका ददया गया था, तब उन्होंने कहा था कक SIV ह्युमैन इबयूनोडडकफशशएांसी वायरस, या HIV में बदल सकता है, क्जससे AIDS होता है। हालाांकक, आरोप कई कारणों से प्रामाखणक रूप से गलत साबबत हुए थे। • सबसे महत्वपूणा, कमजोर पोशलयो क े टीक े का तनमााण चचबपेंजी की कोशशकाओां से नहीां ककया गया था, बक्ल्क बांदरों की कोशशकाओां से ककया गया था। बाद में टीकों का परीक्षण एक ऐसी तकनीकी क े प्रयोग से ककया गया क्जससे वायरल DNA (PCR तकनीक, या पॉशलमेरैज श्ृांिला अशभकिया) का पता लगाया जा सकता है; इसमें SIV या HIV नहीां पाया गया। अल्बामा क े बशमिंर्म युतनवशसाटी क े शोधकतााओां ने 2006 में ददिाया कक यद्यवप HIV दरअसल SIV का एक व्युत्पन्न था, क ै मरून में चचबपेंजीज जो 1930 क े दशक में SIV से सांिशमत थे, वे AIDS महामारी क े सबसे सांभावी स्रोत थे - अफ्रीका में कमजोर पोशलयो क े टीका क े परीक्षण क े दशकों पहले।
  • 19. • 20वीां शताब्दी क े मध्य में पोशलयो क े टीकों का तनमााण बांदरों की कोशशकाओां से ककया जाता था। उनक े लाइसेंस प्राप्त होने क े क ु छ वषों बाद, माइिोबायोलॉक्जस््स ने दोनों टीकों में बांदर क े वायरस पाए। इस वायरस का नाम शसशमअन वायरस 40 (SV40) रिा गया था। तनमााताओां ने टीका से वायरस हटाने क े शलए तेजी से अपने तनमााण की ववचध को बदल ददया। • इस बात की सांभावना नहीां थी कक सांदूवषत टीकों से ककसी को नुकसान पहुांचा हो। अध्ययनों से पता चला कक क्जन बच्चों में SV40 वाला टीका ददया गया है उन बच्चों में SV40 क े शलए एांटीबॉडीज ववकशसत नहीां हुआ; वायरस क े वल उनक े पाचन तांत्र से होकर तनकल गया, कभी कोई सांिमण पैदा नहीां ककया। • बच्चों को SV40-सांदूवषत टीक े ददए जाने क े बाद आठ वषों, पांद्रह वषों और तीस वषों तक चले अध्ययनों से पता चला कक उन्हें भी ठीक वैसी ही कैं सर की र्टना हुई थी जैसी ककए टीका नहीां शलए हुए समूहों की थी। ककसी भी ववश्वसनीय साक्ष्यों से यह पता नहीां चलता है कक SV40 क े कारण कभी मनुष्यों में कैं सर हुआ था।
  • 20. • पोशलयो का टीका क े सांबांध में क ु छ तनक्श्चत र्ाशमाक नेताओां द्वारा अनेक भ्ाांततयाां फ ै लाई जाती हैं और उनक े पास कोई तथ्य या प्रमाण नहीां होता। • बच्चों में कैं सर, बाांझपन, HIV, या मानशसक मांदन और पोशलयो टीका क े बीच कोई सहसांबांध नहीां है। • हालाांकक, अपने बच्चे को पोशलयो का टीका नहीां देने से स्थायी शारीररक ववकलाांगता हो सकती है।
  • 21. BCG का टीका लेना बच्चों क े शलए क्यों महत्वपूणा है? • पाककस्तान, भारत और अफगातनस्तान जैसे ववकासशील देशों में, जहाां TB क े अनेक मामले हैं, राष्रीय टीकाकरण कायािमों क े भाग क े रूप में बैशसलस क ै ल्मेट-गुएररन (BCG) टीका का प्रयोग ककया जाता है। • टीका, TB क े जीवाणु क े कारण होने वाले फ े फड़ा-सांबांधी रोग से बच्चों को सुरक्षक्षत नहीां रिता है, और न ही यह सकिय रोग का रूप लेने वाले सुप्त TB सांिमण से रक्षा करता है। हालाांकक, यह बच्चों में होने वाली क ु छ गांभीर जदटलताओां को रोकता है जैसे TB मेतनांजाइदटस।
  • 22. क्यों हेपाटाइदटस B का टीका शशशुओां क े शलए महत्वपूणा है? • हेपाटाइदटस B ववषाणु (HBV) शरीर क े सांिमणकारी द्रवों (जैसे रक्त, लार, और वीया) क े सांपक ा में आने से फ ै ल सकता है। यह लैंचगक रूप से प्रसाररत हो सकता है, या इांजैक्शन में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों जैसे सूई, टाांक े को साझा करने से, सांिशमत माां क े बच्चे में, सांिशमत व्यक्क्त क े िुले फोड़ों या र्ावों क े सांपक ा में आने से, और सांिशमत व्यक्क्त क े साथ रेज़र या टूथिश साझा करने से फ ै ल सकता है। दाांत से काटने की क्स्थतत में लार रोग क े प्रसार का एक माध्यम बन सकता है। • तेज HBV सांिशमत लगभग 95% वयस्क स्वस्थ होते हैं और स्थायी रूप से सांिशमत नहीां होते, हालाांकक तेज चरण में वे शरीर क े उत्सजानों क े जररए दूसरे व्यक्क्त को सांिशमत कर सकते हैं। दूसरे लोग स्थायी रूप से सांिशमत हो सकते हैं - और लांबे समय (क ु छ मामलों में कई वषा) में अन्य लोगों को सांिशमत कर सकते हैं - और उन्हें गांभीर लीवर की बीमारी का ितरा होता है। बच्चों क े शलए पररक्स्थतत दूसरी होती है : HBV से सांिशमत नवजात शशशु एवां बच्चे में स्थायी सांिमण की सांभावना वयस्क की तुलना में अचधक होती है और इसशलए जदटलताएां गांभीर होती हैं और देर से उत्पन्न होती हैं। HBV क े स्थायी सांिमण क े कारण शसरोशसस, लीवर की िराबी, और लीवर कैं सर हो सकता है। इसशलए, इस जानलेवा बीमारी की रोकथाम क े शलए टीका एक प्रभावी उपाय है।
  • 23. दटटनस का टीक े से मेरे बच्चे को क्या करना है? वह कहीां भी नहीां चगरा और न ही उसे कोई कट का जख्म है। • तांबत्रका तांत्र का एक रोग है जो क्लोदरडडयम टेटानी नामक वायरस क े कारण होता है जो वातावरण में व्यापक रूप से मौजूद है। यह बैक्टीररयम दो एक्सोटॉक्क्सन पैदा करता है, इसमें से एक (टेटानोस्पैक्स्मन) है न्यूरोटॉक्क्सन क्जसक े कारण दटटनस क े लक्षण उत्पन्न होते हैं। जीवाणु यह न्यूरोटॉक्क्सन ऑक्सीजन की अनुपक्स्थतत में पैदा करता है जैसे गहरे र्ावों और नाशभ-रज्जु में, यदद इसे रोगाणुयुक्त उपकरण से काटा जाता है। • 10% से 20% दटटनस क े मामलों में मृत्यु होती है, हालाांकक 60 से अचधक वषा की आयु क े रोचगयों में और अप्रततरक्षक्षत व्यक्क्तयों में मृत्यु दरें अचधक होने की सांभावना होती है। सूचचत दटटनस क े सबसे सामान्य प्रकार ("जेनरलाइज्ड दटटनस") में, स्पैज्म 3-4 हफ्तों तक जारी रहता है, और ठीक होने में महीनों लग जाते हैं। वषा 2014 में, दुतनया भर में दटटनस क े 11,367 मामले थे और 5 वषों क े अांदर (2011) लगभग 72,600 लोगों की मृत्यु हुई। • बाल्यावस्था प्रततरक्षण कायािम द्वारा दटटनस टॉक्साइड युक्त टीका (इसे प्राय: DTP, DTaP, or DTwP कहा जाता है) क े अनेक िुराक की अनुशांसा की जाती है ताकक दटटनस से सुरक्षा शमल सक े , जहाां पहली िुराक की शुरुआत दो महीने की आयु से होनी चादहए। दटटनस टॉक्साइड युक्त टीक े की बूस्टर िुराकों की सलाह जीवन भर दी जाती है।
  • 24. टाइफाइड का टीका लेना क्यों महत्वपूणा है? और क्यों क ु छ डॉक्टर इसे बसांत ऋतु में लेने की सलाह देते हैं? • टाइफाइड का बुिार सांदूवषत भोजन और पानी क े जररए एक व्यक्क्त से दूसरे व्यक्क्त में फ ै लता है। इसका प्रसार ववष्ठा-मुांह मागा से होता है, अथाात, सांदूवषत ववष्ठा (और कभी-कभी पेशाब) जलापूततायों या िाद्य आपूततायों में प्रवेश कर जाते हैं, जो हो सकता है कक बाद में दूसरों क े मुांह क े जररए पेट में चले जाए और सांिशमत करे। • दुतनया भर में हर साल टाइफाइड बुिार क े लगभग 21 शमशलयन मामले उत्पन्न होते हैं और 220,000 मौंतें हो जाती हैं। पाककस्तान, भारत, नाइजीररया, और अफगातनस्तान जैसे अनेक ववकासशील देशों में, बबजली की कमी क े कारण िाद्य पदाथों को सुरक्षक्षत तापमान पर नहीां रिा जाता और स्वच्छ और साफ-सफाई की क्स्थतत ठीक नहीां होती। इसशलए, टाइफाइड का बुिार उत्पन्न करने वाले जीवाणु क े प्रसार का ितरा गशमायों क े महीनों में अचधक होता है, और टाइफाइड बुिार क े बचावकारी टीक े लेने की सलाह गमी क े महीनों से पहले दी जाती है। टाइफाइड बुिार क े टीक े लेने की सलाह उन क्षेत्रों में तीन से सात वषों तक लेने की सलाह दी जाती है जहाां इसका प्रयोग तनयशमत टीक े क े रूप में होता है।
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  • 29. शमथक 1- वैक्सीन से होता है कोववड कई लोग हैं क्जन्हें वैक्सीन दी गई उसक े बाद भी वह सांिशमत हो गए। इसक े चलते वैक्सीन क े असर को लेकर शक ककया जाने लगा है। हालाांकक यह सही नहीां है। एक बात जो यहाां समझने की है वह यह कक कोववड वैक्सीन सांिमण क े खिलाफ एक हद तक प्रभावी है लेककन यह वायरस की गांभीरता और मृत्यु दर को 100 प्रततशत कम करती है। वैक्सीन इांफ े क्शन की सांभावना को भी कम करती है इसशलए इसक े बारे में सांदेह करने की कोई वजह नहीां है। यह वैक्सीन दूसरी डोज लेने क े 14 ददन बाद ही पूरी तरह प्रततरोधक क्षमता ववकशसत करती है। उसक े बाद भी आपको मास्क पहनना, सोशल डडस्टेंशसांग का पालन करना जरूरी है। ये तब तक ककया जाना चादहए जब तक कक बड़े स्तर पर लोग तनगेदटव न हो जाएां।
  • 30. शमथक 2- कोववड हो चुका है तो वैक्सीन की जरूरत नहीां कोववड-19 होने क े बाद आपका शरीर इससे लड़ाई लड़ता है और इसक े खिलाफ एांटीजेन तैयार करता है। ऐसे में कई लोग क्जन्हें कोववड-19 हो चुका है वे समझते हैं उन्हें वैक्सीन की जरूरत नहीां है। ऐसा सोचना ठीक नहीां है। सांिमण क े बाद तैयार प्रततरोधक क्षमता ककतनी प्रभावी है और कब तक रहेगी इस बारे में कोई तनक्श्चत शोध नहीां हुआ है। हमें यह नहीां पता है कक यह ककतने ददन तक रहता है और ककस तरह से असर करता है। ऐसे में वैक्सीन से इनकार करना भूल होगी। सांिशमत होने क े बाद भी वैक्सीन लेने से पहले से मौजूद प्रततरक्षा क े स्तर में वृद्चध होगी और कोववड क े खिलाफ अततररक्त सुरक्षा शमलेगी।
  • 31. डेनमाक ा क े वैज्ञातनकों ने दावा ककया कक कोववड वैक्सीन लेने क े बाद शरीर में रक्त क े थक्क े बन रहे हैं। इस िबर ने पूरी दुतनया, िासतौर पर बुजुगों, को डराया है। लोग इस बात से आशांककत हैं और टीका लेने से बच रहे हैं। वैक्सीन में साइड-इफ े क्ट को ध्यान में रिा गया है लेककन हमें यह समझने की जरूरत है कक टीक े बड़े पैमाने पर उपयोग क े शलए सुरक्षक्षत हैं। इसक े साथ ही डब्ल्यूएचओ वैक्सीन से रक्त क े थक्का बनने क े सांभाववत साइड इफ े क्ट को लेकर तनक्श्चत नहीां है।इसी तरह पतले रक्त वाले लोगों में भी इसी आशांका क े चलते टीकाकरण को लेकर सांदेह बना हुआ है। लोगों को डरने की जरूरत नहीां है। लेककन कफर भी ऐसा होता है तो टीका लेने से पहले डॉक्टर से सांपक ा करें। शमथक 3- वैक्सीन से ब्लड क्लॉट हो सकता है
  • 32. शमथक 4- डीएनए बदल देगी कोववड वैक्सीन • वैक्सीन से जुड़ा एक शमथक यह है कक कोरोना वायरस का टीका हमारे जेनेदटक कोड यातन डीएनए में छेड़छाड़ कर सकता है। ये अफवाह तब से ही फ ै लनी शुरू हो गई थी जब वैक्सीन को मांजूरी शमली थी। • ये अफवाहें दूसरी वैक्सीन क े साथ भी चलती रहती हैं। इसशलए अच्छा होगा कक इन पर ध्यान न दें क्योंकक इनमें कोई दम नहीां है। • वैक्सीन को क े वल हमारे शरीर में कोरोना वायरस को पहचानने को उसक े खिलाफ प्रततरक्षा प्रणाली ववकशसत करने क े शलए बनाया गया है। इसमें हमारी कोशशकाओां (सेल्स) क े अांदर प्रवेश करने की क्षमता नहीां होती है। जेनेदटक कोड इन्हीां कोशशकाओां क े अांदर मौजूद रहते हैं।
  • 33. शमथक 5- वैक्सीन भरोसेमांद नहीां • एक और लांबा डर जो नागररकों को वैक्सीन जैब शमलने से रोक रहा है, वह छोटी समयरेिा है क्जसमें वैक्सीन मॉडल को इस्तेमाल क े शलए मांजूरी दे दी गई है। • वैक्सीन को लेकर एक बड़ा डर जो लोगों क े मन में बैठा हुआ है वह वैक्सीन का कम समय में तैयार होना है। दूसरी वैक्सीन क े तैयार होने में वषों का समय लगता है लेककन कोरोना वायरस वैक्सीन को जल्दी मांजूरी शमल गई है। इसे लेकर लोगों क े मन में शक है और टीका लगवाने से पीछे हट रहे हैं।वैक्सीन की टाइमलाइन को लेकर जो भी डर है वह बबल्क ु ल सही नहीां है। • वैक्सीन की मांजूरी क े शलए कड़े परीक्षण और अध्ययन ककए गए हैं जो सुरक्षा क े सभी मानकों को पूरा करते हैं और वैक्श्वक स्वास्थ्य तनयामक से इन उपायों को मान्यता शमली है। चूांकक यह वायरस तेजी से फ ै ल रहा है शसफ ा इसशलए टीकों को जल्दी से उतारा गया है लेककन यह सांदेह की कोई वजह नहीां है।
  • 34. शमथक 6- वैक्सीन से प्रजनन क्षमता पर असर वैक्सीन को लेकर एक अफवाह और भी है कक वैक्सीन आपकी प्रजनन क्षमता को ित्म करता है और बाांझपन की समस्या पैदा करती है। लेककन ये बात पूरी तरह से गलत है और इस बारे में ध्यान देने की जरूरत ही नहीां है। ऐसी अफवाहें कई वैक्सीन क े साथ पहले भी फ ै लाई जाती रही हैं। कोववड-19 या ककसी अन्य वैक्सीन से बाांझपन या यौन रोग को लेकर कोई साइड इफ े क्ट नहीां है। आज तक ककसी भी शोध में ऐसी कोई बात सामने नहीां आई है और न ही इसक े कोई प्रमाण शमले हैं। यह अफवाह इस वजह से फ ै ली है क्योंकक अभी गभावती मदहलाओां को इस टीक े से अलग रिा गया है। गभावती मदहलाओां को इसशलए बाहर रिा गया है क्योंकक उनक े अांदर प्रततरक्षा की कमी होती है।
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  • 37. स्रोत • सेंटसा फॉर डडजीज क ां रोल एांड वप्रवेंशन। Prevention and Control of Influenza with Vaccines: Recommendations of the Advisory Committee on Immunization Practices, United States, 2015-16 Influenza Season. 16 जून 2016 को प्रयुक्त। • सेंटसा फॉर डडजीज क ां रोल एांड वप्रवेंशन। History and Epidemiology of Global Smallpox Eradication (10.4 MB). 14 जून 2016 को प्रयुक्त। • Children’s Hospital of Philadelphia. Vaccine Safety: Immune System and Health. 16 जून 2016 को प्रयुक्त। • Children’s Hospital of Philadelphia. Are Vaccines Safe? 16 जून 2016 को प्रयुक्त। • सेंटसा फॉर डडजीज क ां रोल एांड वप्रवेंशन। Varicella (Chickenpox) Vaccine Q&A. 18/4/2017 को प्रयुक्त। • The Carter Center. International Task Force for Disease Eradication. 18/4/2017 को प्रयुक्त। • MedPage Today. AAAAI: Egg Allergy No Bar to Flu Shot. 17/4/2017 को प्रयुक्त।