PHYSICS LESSON PLAN IN HINDI/ SCIENCE LESSON PLAN IN HINDI/TRADITIONAL LESSON PLAN/ B.ED LESSON PLAN / M.ED/ SCIENCE EDUCATION
BOTH THE LESSON PLANS ARE IN HINDI AND BASED ON THE THE TOPICS OF FORCE AND STATE OF MATERIAL WITH NEGATIVE AND POSITIVE FEEDBACK FROM OBSERVERS THREE-TIME
NCF 2005
national curriculum framework 2005
राष्ट्ट्रीय पाठ्यचयाड रुपरेखा 2005
एनसीएफ 2005 का विकास
मार्गदर्शी सिद्धान्त Guiding Principles
प्रमुख सुझाव Key suggestions
1. ज्ञान को स्कूल के बाहरी जीवन से जोड़ा जाए।
2. पढाई को रटन्त प्रणाली से मुक्त किया जाए।
3. पाठ्यचर्या पाठ्यपुस्तक केन्द्रित न रह जाए।
4. कक्षाकक्ष को गतिविधियों से जोड़ना ।
5. राष्ट्रीय मूल्यों के प्रति आस्थावान विद्यार्थी तैयार हो।
6.परीक्षा को अधिक लचीला बनाना ।
The lecture method is a teaching method where the instructor acts as the primary information giver. The instructor typically stands in front of the students and may use a visual aid, such as a PowerPoint presentation, chalkboard or handout
NCF 2005
national curriculum framework 2005
राष्ट्ट्रीय पाठ्यचयाड रुपरेखा 2005
एनसीएफ 2005 का विकास
मार्गदर्शी सिद्धान्त Guiding Principles
प्रमुख सुझाव Key suggestions
1. ज्ञान को स्कूल के बाहरी जीवन से जोड़ा जाए।
2. पढाई को रटन्त प्रणाली से मुक्त किया जाए।
3. पाठ्यचर्या पाठ्यपुस्तक केन्द्रित न रह जाए।
4. कक्षाकक्ष को गतिविधियों से जोड़ना ।
5. राष्ट्रीय मूल्यों के प्रति आस्थावान विद्यार्थी तैयार हो।
6.परीक्षा को अधिक लचीला बनाना ।
The lecture method is a teaching method where the instructor acts as the primary information giver. The instructor typically stands in front of the students and may use a visual aid, such as a PowerPoint presentation, chalkboard or handout
ज्वालामुखी जिसके अंतर्गत वह सम्पूर्ण प्रक्रिया आ जाती है जिसके माध्यम से भू -गर्भ से मेग्मा भूतल की ओर आता है अथवा पृथ्वी के भीतरी भाग से जो दहकते हुए पदार्थ जिस मार्ग विशेष से निकलते है उसे ज्वालामुखीकहते हैं |
Learning Objectives
After going through this module the teachers will know about the transactional strategies including the assessment part that can be adopted to engage the children in learning. They will be able to
relate the competencies and skills as given in the Learning outcomes with the state syllabus
conduct appropriate pedagogical processes to help children in achieving the class level learning outcomes
integrate assessment with pedagogical processes to continuously ensure the progress in learning by all children
it's a lesson plan that can present in a class with the help of a smart board...... basically, it's a class 11th lesson plan you can drive and write your formula and relation during teaching in the blank pages
ज्वालामुखी जिसके अंतर्गत वह सम्पूर्ण प्रक्रिया आ जाती है जिसके माध्यम से भू -गर्भ से मेग्मा भूतल की ओर आता है अथवा पृथ्वी के भीतरी भाग से जो दहकते हुए पदार्थ जिस मार्ग विशेष से निकलते है उसे ज्वालामुखीकहते हैं |
Learning Objectives
After going through this module the teachers will know about the transactional strategies including the assessment part that can be adopted to engage the children in learning. They will be able to
relate the competencies and skills as given in the Learning outcomes with the state syllabus
conduct appropriate pedagogical processes to help children in achieving the class level learning outcomes
integrate assessment with pedagogical processes to continuously ensure the progress in learning by all children
it's a lesson plan that can present in a class with the help of a smart board...... basically, it's a class 11th lesson plan you can drive and write your formula and relation during teaching in the blank pages
After lockdown what types are connection issues are faced by an institute, students, parents & teachers, and what are the possible solutions for those.
Sawami Vivekanand is great philosohpor of india.In present time after the birth of vivekananda all the views of vivekananda are related with our current needs and value in today prospective also.
Swami Vivekananda's inspiring personality was well known both in India and in America during the last decade of the nineteenth century and the first decade of the twentieth.
ITS A CLASS X th SCIENCE LESSON PLAN THATS BASED ON ROLE PLAY MODEL. ROLE PLAY IS BEST METHOD IN THE WORLD THAST HELP STUDENTS TO LEARN DO MUCH BY DOING FUN. ROLE PLAY IS THE HEIGHER ORDER LEARNING METHOD. I HOPE I TRY TO HELP LEARNERS AS WELL AS TRAINEE TEACHERS ALSO FOR PREAPRING GOOD LESSON PLAN.
A community survey that was done by me during the B.Ed internship on the topic of " CHILD TRACKING SYSTEM" on word no. 10 -11 Dhanota, TEH- Shahpura jaipur(in nov. month). Aim of the survey is connect the students with near by school in appropriate age, in other words no one child should left without free and compulsory education so track them and when they are near 5 year and at 5 year we connect with child parents for admission of child.
1. पाठ योजना-1
विद्यालय का नाम - राजकीय माध्यममक विद्यालय जयपुर दिनाांक - 02 Mar 2022
कक्षा- 8th कालाांश - 3rd
विषय- भौतिक विज्ञान समय अिधि - 35 ममनट
प्रकरण - बल ि बल क
े प्रभाि
शिक्षण उद्देश्य:-
उद्देश्य अपेक्षक्षत व्यिहारगत पररिततन
1. ज्ञानात्मक विद्यार्थी बल का प्रत्यास्मरण कर सक
ें गे।
विद्यार्थी बल क
े प्रभाि का प्रत्यास्मरण कर सक
ें गे।
2. अिबोध विद्यार्थी बल का प्रत्यमभज्ञान कर सक
ें गे।
विद्यार्थी बल क
े प्रभाि की पहचान कर सक
ें गे।
3. अनुप्रयोगात्मक विद्यार्थी बल को समझ सक
ें गे।
विद्यार्थी बल क
े प्रभाि को समझ सक
ें गे।
छात्र बल क
े प्रभाि की पहचान कर सक
ें गे।
4. कौशल विद्यार्थी बल क
े प्रभाि को जानने में दक्ष हो सक
ें गे।
विद्यार्थी बल क
े प्रभाि का चचत्र बना सक
ें गे।
आिश्यक सामग्री:- स्पस्प्रांग,गेंद,अगरबत्िी, टूर्थपेस्ट, गुब्बारा, स्िेि ितििका (चाक), लपेट-फलक, सांक
े िक, चाटि ि
अन्य कक्षा उपयोगी सामग्रीआदद।
शिक्षण बिनिदुः-
1. बल लगाने से स्पस्र्थर िस्िु की स्पस्र्थति में पररिििन
2. िस्िुओां की ददशा ि आकृ ति में पररिििन
3. गुरुत्ि बल
पूित ज्ञान:-
विद्यार्थी बल ि उसक
े प्रभािों क
े बारे में सामान्य जानकारी रखिे हैं।
2. प्रस्तदतीकरण:-
शिक्षण बिांिद छात्राध्यापक क्रियाएँ विद्यार्थी क्रियाएँ सहायक
सामग्री
श्यामपट्ट सार
1-िल लगाने
से स्स्र्थर िस्तद
की स्स्र्थतत में
पररिततन
विकासात्मक प्रश्न:-
1. फशि पर रखी गेंद को
पैर से ठोकर मारने पर
क्या होिा है?
2. कागज क
े छोटे-छोटे
टुकड़ो पर फ
ूां क मारने
पर क्या होिा है?
3. िस्िुओां पर बल लगाने
पर क्या होिा है?
गेंद में गति
उत्पन्न हो जाएगी।
दूर जाकर चगरिे
हैं।
समस्यात्मक प्रश्न
गेंद , कागज
क
े टुकड़े
छात्राध्यापक कर्थन:-
बाहर से बल लगाने
पर िस्िु की स्पस्र्थति
में पररिििन हो जािा
है िर्था उसमें गति
उत्पन्न हो जािी है।
िस्िु की गति की
ददशा में बल लगाने
पर गति बढ़ जािी है
िर्था उसकी गति क
े
विपरीि ददशा में बल
लगाने पर गति कम
हो जािी है।
िोि प्रश्न:-
िस्िु की स्पस्र्थति में पररिििन
ककस कारण होिा है ?
विद्यार्थी
ध्यानपूििक सुनकर
िथ्य को समझेंगे।
सांभाविि उत्िर
बाहर से बल लगाने
पर िस्िु की
स्पस्र्थति में पररिििन
हो जािा है िर्था
उसमें गति उत्पन्न
हो जािी है।
2-िस्तदओां की
दििा ि
आकृ तत में
पररिततन
विकासात्मक प्रश्न:-
1. जलिी हुई अगरबत्िी
क
े धुप क
े फ
ू क मारने
पर क्या होिा है?
2. ऊपर से चगरिी हुई
गेंद को हार्थ से मारेंगे
िो क्या होगा?
धुएां की ददशा बदल
जाएगी।
गेंद की ददशा बदल
जाएगी।
3. 3. गतिमान िस्िुओां की
ददशा में पररिििन
ककस प्रकार ककया जा
सकिा है?
तनरुत्िर
अगरबस्पत्ियाां
, गेंद
छात्राध्यापक कर्थन:-
बल लगाने पर
गतिशील िस्िुओां की
ददशा में पररिििन
ककया जा सकिा है।
बल लगाने पर िस्िुओां
की आकृ ति में भी
पररिििन ककया जा
सकिा है।
इस प्रकार बल िह
कारक है:-
जो िस्िु की स्पस्र्थति में
पररिििन कर देिा है।
गतिमान िस्िु की
ददशा में पररिििन कर
देिा है।
िस्िु की ददशा में
पररिििन कर देिा है।
िस्िु क
े आकार में
पररिििन कर देिा है।
विद्यार्थी
ध्यानपूििक सुन
कर िथ्य को
अपनी नोटबुक में
नोट करेंगे।
बल लगाने पर
गतिशील िस्िुओां
की ददशा में
पररिििन ककया जा
सकिा है।
3-गदरुत्ि िल विकासात्मक प्रश्न:-
1. यह क्या है (चॉक का
टुकड़ा ददखािे हुए?)
2. चॉक ने ककस ददशा
में गति की? (चौक को
नीचे चगरािे हुए)
3. पेड से फल टूटकर
कहाां चगरिा है?
4. प्रत्येक िस्िु नीचे की
ओर क्यों चगरिी है?
5. पृथ्िी क
े आकषिण बल
को क्या कहिे हैं?
चॉक
नीचे की ओर
जमीन पर
पृथ्िी क
े आकषिण
बल क
े कारण
तनरुत्िर
छात्राध्यापक कर्थन:-
4. पृथ्िी प्रत्येक िस्िु को
अपनी ओर स्पजस बल
से खीांचिी है िह बल
गुरुत्ि बल कहलािा
है।
इसी बल क
े कारण ही
िस्िुएां पृथ्िी पर
विद्यमान है। गुरुत्ि
बल पृथ्िी क
े क
ें द्र से
लगिा है।
विद्यार्थी
ध्यानपूििक सुन
कर िथ्य को
अपनी नोटबुक में
नोट करेंगे।
पृथ्िी प्रत्येक िस्िु
को अपनी ओर
स्पजस बल से
खीांचिी है िह बल
गुरुत्ि बल
कहलािा है।
मूलयाांकन प्रश्न:-
1. पृथ्िी पर रखी गेंद को ठोकर मारने पर चली जािी है।
(a)दूर (b) पास (c)स्पस्र्थर (d)कोई नहीां
2. गति कर रही िस्िु की ददशा में बल लगाने पर िस्िु की गति………………….जािी है। घट/बढ़
3. बल लगाने पर िस्िु की आकृ ति में हो जािा है। पररिििन/अपितििि
4. स्पस्प्रांग क
े दोनों मसरों को पकड़कर दबाने पर क्या होिा है ?
5. फ
ू ले हुए गुब्बारे हार्थ से दबाने पर क्या होगा?
गृहकायत प्रश्न:-
बल ककसे कहिे हैं ?समझाइए।
पयतिेक्षक दिप्पणी 1:-
श्यामपट्ट लेख सुधार।
सहायक सामग्री का प्रयोग करे।
प्रकरण को मलखने क
े पश्चाि रेखाांककि करें।
पढ़ािे समय आिाज को बुलांद रखे िाकक सभी विद्याचर्थियों िक पहुुँच सक
े ।
श्यामपट्ट पर मलखिे समय मुुँह विद्याचर्थियों की ओर रखे।
पुबिलन का प्रयोग उचचि प्रकार से करें।
कक्षा कक्ष में अनुशासन बनाए रखे।
पयतिेक्षक दिप्पणी 2:-
सहायक सामग्री का प्रयोग ककया गया।
श्यामपट्ट लेख सुांदर है।
आिाज कक्षा कक्षनुक
ू ल है।
5. सांक
े िक का प्रयोग करें।
अच्छे प्रकार से पाठ पढ़ाया गया है।
पुबिलन का प्रयोग ककया गया है।
समय सीमा का ध्यान रखें।
पयतिेक्षक दिप्पणी 3:-
श्यामपट्ट लेख सुांदर है।
आिाज कक्षा कक्षनुक
ू ल है।
अच्छे प्रकार से पाठ पढ़ाया गया है।
पुबिलन का प्रयोग ककया गया है।
सहायक सामग्री का प्रयोग ककया गया।
समय सीमा को ध्यान में रखिे हुए पाठ को पूरा ककया गया।
कक्षा कक्ष में अनुशासन बनाए रखे।
6. पाठ योजना – 2
विद्यालय का नाम –राजकीय माध्यममक विद्यालय जयपुर दिनाांक - 02 Mar 2022
कक्षा- 8th कालाांि - 3rd
विषय- विज्ञान समय अिधि - 35 ममनट
प्रकरण - पदार्थि की अिस्र्थाएुँ
शिक्षण उद्देश्य:-
उद्देश्य अपेक्षक्षत व्यिहारगत पररिततन
1.ज्ञानात्मक विद्यार्थी ठोस, द्रि, गैस का प्रत्यास्मरण कर सक
ें गे।
विद्यार्थी ठोस. द्रि, गैस को पररभावषि कर सक
ें गे।
2.अिबोध छात्र ठोस और गैस में सांबांध स्र्थावपि कर सक
ें गे।
छात्र पदार्थि की अिस्र्थाओां की व्याख्या अपने शब्दों में कर सक
ें गे।
3.अनुप्रयोगात्मक छात्र पदार्थि की अिस्र्थाओां से सांबांचधि ज्ञान का उपयोग उच्च कक्षाओां में कर
सक
ें गे।
छात्र दैतनक जीिन में पदार्थि की अिस्र्थाओां से सांबांचधि जान का प्रयोग कर
सक
ें गे
4.कौशल छात्र ठोस अिस्र्था का चचत्र बनाने में दक्ष हो सक
ें गे।
छात्र आणविक व्यिस्र्था का नामाांककि चचत्र बना सक
ें गे।
5.अमभरुचच छात्र पदार्थि की अिस्र्थाओां क
े बारे में जानने में रुचच ले सक
ें गे।
विचार-विमशि कर सक
ें गे।
6.अमभिृस्पत्ि विद्यार्थी पदार्थों की अिस्र्था क
े प्रति सकारात्मक दृस्पटटकोण अपना सक
ें गे।
सहायक सामग्री:-
श्िेि ितििका (चाक), लपेट-फलक, सांक
े िक, चाटि ि अन्य कक्षा उपयोगी सामग्री आदद।
शिक्षण बिनिदुः-
1. ठोस अिस्र्था 2. द्रि अिस्र्था 3. गैस अिस्र्था
शिक्षण विधि:- प्रश्नोत्िर प्रविचध, कर्थन विचध, व्याख्यान विचध, प्रदशिन विचध |
पूित ज्ञान:- छात्र प्रकृ ति में ममलने िाली िस्िुओां का ज्ञान रखिे हैं।
7. प्रस्िािना प्रश्न:-
ि.स. छात्राध्यापक क्रियाएां विद्यार्थी क्रियाएां
1. पदार्थि का छोटे से छोटा अविभाज्य कण क्या कहलािा है? परमाणु
2. परमाणु ममलकर क्या बनािे हैं? अणु बनािे है।
3. अणु और परमाणु ममलकर क्या बनािे हैं? पदार्थि बनािे हैं।
4. पदार्थि की अिस्र्था से आप क्या समझिे हैं? समस्यात्मक प्रश्न
उद्देश्य कर्थन :- आज हम पदार्थि की अिस्र्थाओां क
े बारे में विस्िृि अध्ययन करेंगे।
प्रस्तदतीकरण:-
शिक्षण बिनिद छात्राध्यापक क्रियाएां विद्यार्थी क्रियाएां सहायक
सामग्री
श्यामपट्ट सार
1. ठोस अिस्र्था विकासात्मक प्रश्न:-
1. गुब्बारे में क्या भरिे
हैं?
2. पानी को जमने पर
क्या बनिी है?
3. हिा पानी और बफ
ि
पदार्थि की कौन सी
अिस्र्थाएां हैं?
4. ठोस अिस्र्था से आप
क्या समझिे हैं?
छात्राध्यापक कर्थन:-
पदार्थों को अिस्र्था क
े आधार
पर 3 भागों में बाांटा गया है
यह अिस्र्थाएां ठोस द्रि और
गैस है। ठोस पदार्थों में अणुओां
की स्पस्र्थति पास-पास होिी हैं।
इस कारण ठोसों में अणुओां क
े
मध्य आकषिण बल अचधक
होिा है। आकषिण बल अचधक
होने क
े कारण ठोस की
आकृ ति ि आयिन तनस्पश्चि
होिा है।
गैस, हिा
बफ
ि
गैस, दि, ठोस
तनरुत्िर
विद्यार्थी
ध्यानपूििक सुनकर
िथ्य को समझेंगे
ि नोट करेंगे।
चाटि,
सांक
े िक,
लपेटफलक,
मॉडल, श्िेि
ितििका एिां
अन्य कक्षा
उपयोगी
सामग्री
आदद।
पदार्थि की मुख्यिा
िीन अिस्र्था होिी
है। ठोस, द्रि, गैस
ठोस की अिस्र्था
आकषिण बल
अचधक आकार
अतनस्पश्चि
आयिन तनस्पश्चि
2. द्रि अिस्र्था विकासात्मक प्रश्न:-
8. 1. द्रि पदार्थों क
े उदाहरण
बिाइए?
2. द्रि का आकार क
ै सा
होिा है?
3. द्रि का आयिन क
ै सा
होिा है?
छात्राध्यापक कर्थन:-
द्रि में ठोस की अपेक्षा अणुओां
की स्पस्र्थति दूर-दूर होिी है।
इस द्रि क
े अणुओां क
े मध्य
आकषिण बल अपेक्षाकृ ि ठोसों
से कम होिा है द्रि की
आकृ ति अतनस्पश्चि होिी है।
लेककन द्रव्य का आयिन
तनस्पश्चि होिा है। इसक
े
उदाहरण जल, दूध, िेल आदद।
पानी, दूध, िेल
आदद।
अतनस्पश्चि होिा है।
तनरुत्िर
विद्यार्थी
ध्यानपूििक सुनकर
िथ्य को समझेंगे
ि नोट करेंगे।
द्रि अिस्र्था
ठोस की अपेक्षा
अणु दूर-दूर
आकार अतनस्पश्चि
आयिन तनस्पश्चि
3. गैस अिस्र्था विकासात्मक प्रश्न:-
1. गैस में अणुओां की
स्पस्र्थति क
ै सी होिी है?
2. गैसों की आकृ ति क
ै सी
होिी है?
3. गैसों क
े अरुण क
े मध्य
आकषिण बल क
ै सा
होिा है?
4. गैसों का आयिन क
ै सा
होिा है?
छात्राध्यापक कर्थन:-
गैस में अणुओां की स्पस्र्थति ठोस
द्रि की अपेक्षा बहुि दूर दूर
होिी है। इस कारण गैस क
े
अणुओां क
े मध्य आकषिण बल
बहुि कम होिा है। गैसों की
आकृ ति ि आयिन दोनों
अतनस्पश्चि होिे हैं।
बहुि दूर दूर
अतनस्पश्चि
बहुि कम
समस्यात्मक प्रश्न
विद्यार्थी ध्यान
पूििक सुनकर िथ्य
को नोट करेंगे।
गैस अिस्र्था
अतनस्पश्चि स्पस्र्थति,
दूर-दूर आकार ि
आयिन दोनों
अतनस्पश्चि
9. िोि प्रश्न:-
1. गैसों का आयिन क
ै सा
होिा है?
2. गैस में अणुओां की
स्पस्र्थति क
ै सी होिी है?
अतनस्पश्चि
बहुि दूर दूर
मूलयाांकन प्रश्न:-
1. पदार्थि की ककिनी अिस्र्थाएां होिी है?
(a)एक (b) दो (c) िीन (d) चार
2. ठोस पदार्थि में अणुओां होिे हैं? पास / दूर
3. द्रि का आयिन होिा है? तनस्पश्चि / अतनस्पश्चि
4. बफ
ि ........अिस्र्था में पाया जािा है।
5. ठोस ककसे कहिे हैं?
6. ठोस का आयिन ि आकृ ति क
ै सी होिी है।
गृहकायत प्रश्न:-
1. ठोस द्रि गैस में अांिर बिाइए।
2. ठोस की आणविक सांरचना का चचत्र बनाइए।
पयतिेक्षक दिप्पणी 1:-
श्यामपट्ट लेख सुधार।
सहायक सामग्री का प्रयोग करे।
प्रकरण को मलखने क
े पश्चाि रेखाांककि करें।
पढ़ािे समय आिाज को बुलांद रखे िाकक सभी विद्याचर्थियों िक पहुुँच सक
े ।
श्यामपट्ट पर मलखिे समय मुुँह विद्याचर्थियों की ओर रखे।
पुबिलन का प्रयोग उचचि प्रकार से करें।
कक्षा कक्ष में अनुशासन बनाए रखे।
पयतिेक्षक दिप्पणी 2:-
सहायक सामग्री का प्रयोग ककया गया।
श्यामपट्ट लेख सुांदर है।
आिाज कक्षा कक्षनुक
ू ल है।
सांक
े िक का प्रयोग करें।
अच्छे प्रकार से पाठ पढ़ाया गया है।
10. पुबिलन का प्रयोग ककया गया है।
समय सीमा का ध्यान रखें।
पयतिेक्षक दिप्पणी 3:-
श्यामपट्ट लेख सुांदर है।
आिाज कक्षा कक्षनुक
ू ल है।
अच्छे प्रकार से पाठ पढ़ाया गया है।
पुबिलन का प्रयोग ककया गया है।
सहायक सामग्री का प्रयोग ककया गया।
समय सीमा को ध्यान में रखिे हुए पाठ को पूरा ककया गया।
कक्षा कक्ष में अनुशासन बनाए रखे।