This presentation discusses about Elementary Education, Universalize Elementary Education, Efforts towards UEE, Indicator wise position, Right to Education Act- 2009, DPEP, SSA, NPEGEL, KGBV, Problems and Issues
NCF 2005
national curriculum framework 2005
राष्ट्ट्रीय पाठ्यचयाड रुपरेखा 2005
एनसीएफ 2005 का विकास
मार्गदर्शी सिद्धान्त Guiding Principles
प्रमुख सुझाव Key suggestions
1. ज्ञान को स्कूल के बाहरी जीवन से जोड़ा जाए।
2. पढाई को रटन्त प्रणाली से मुक्त किया जाए।
3. पाठ्यचर्या पाठ्यपुस्तक केन्द्रित न रह जाए।
4. कक्षाकक्ष को गतिविधियों से जोड़ना ।
5. राष्ट्रीय मूल्यों के प्रति आस्थावान विद्यार्थी तैयार हो।
6.परीक्षा को अधिक लचीला बनाना ।
Universalization of elementary educationAbid Nazir
This PowerPoint Presentation have Concept of Universalisation of Elementary Education,
Promotion of UEE through Sarva Shiksha Abhiyan,
Aims and Objectives of Sarva Shiksha Abhiyan
Strategies for Promotions of Sarva Shiksha Abhiyan.
This presentation discusses about Early Childhood Care and Education, Integrated Child Development Services (ICDS) scheme, Role of Government and Non-government Organization in organizing ECE, Capacity building of personnel in ECCE and Problems and issues in ECCE
This presentation discusses about Elementary Education, Universalize Elementary Education, Efforts towards UEE, Indicator wise position, Right to Education Act- 2009, DPEP, SSA, NPEGEL, KGBV, Problems and Issues
NCF 2005
national curriculum framework 2005
राष्ट्ट्रीय पाठ्यचयाड रुपरेखा 2005
एनसीएफ 2005 का विकास
मार्गदर्शी सिद्धान्त Guiding Principles
प्रमुख सुझाव Key suggestions
1. ज्ञान को स्कूल के बाहरी जीवन से जोड़ा जाए।
2. पढाई को रटन्त प्रणाली से मुक्त किया जाए।
3. पाठ्यचर्या पाठ्यपुस्तक केन्द्रित न रह जाए।
4. कक्षाकक्ष को गतिविधियों से जोड़ना ।
5. राष्ट्रीय मूल्यों के प्रति आस्थावान विद्यार्थी तैयार हो।
6.परीक्षा को अधिक लचीला बनाना ।
Universalization of elementary educationAbid Nazir
This PowerPoint Presentation have Concept of Universalisation of Elementary Education,
Promotion of UEE through Sarva Shiksha Abhiyan,
Aims and Objectives of Sarva Shiksha Abhiyan
Strategies for Promotions of Sarva Shiksha Abhiyan.
This presentation discusses about Early Childhood Care and Education, Integrated Child Development Services (ICDS) scheme, Role of Government and Non-government Organization in organizing ECE, Capacity building of personnel in ECCE and Problems and issues in ECCE
Education for All in India: Financing India's Elementary EducationJonathon Flegg
India's Sarva Shiksha Abhiyan (Education for All) Scheme is the biggest education financing programme of its kind in the world. This presentation addresses the major problems currently facing the financing of the system's, and proposes a new "grand bargain" to make the system work better for all Indians.
Education for All in India: Financing India's Elementary EducationJonathon Flegg
India's Sarva Shiksha Abhiyan (Education for All) Scheme is the biggest education financing programme of its kind in the world. This presentation addresses the major problems currently facing the financing of the system's, and proposes a new "grand bargain" to make the system work better for all Indians.
समावेशी शिक्षा
किसी भी समाज में रहने वाले सभी व्यक्ति उस समाज विशेष का ही भाग होते हैं। व्यक्ति तथा समाज, दोनों, एक-दूसरे पर अन्योनाश्रित हैं। यदि व्यक्ति को समाज अनुरूप कार्य करना अपेक्षित है तो समाज भी व्यक्ति की क्षमता/अक्षमता से अछूता नहीं है। आधुनिक काल में शिक्षा के प्रसार तथा समाज के परिवर्तित होते मूल्यों के कारण एक नए दृष्टिकोण का उद्भव हो रहा है।
शिक्षा में अंतर्भेद, विषमता, वर्ग-भेद इत्यादि का कोई स्थान नहीं है। इसलिए शिक्षा को वर्ग-विशेष के चक्रव्यूह से बाहर निकल कर सभी को समान समझते हुए समानता, स्वतंत्रता, भ्रातृव्य एवं न्याय के साथ अपने कर्त्तव्यों का निष्पादन करना होगा।
विभिन्न योग्यता वाले बालकों की सक्षमता का अधिकतम उपयोग आवश्यक है। इस कार्य हेतु समेकित शिक्षा प्रणाली द्वारा सामान्य विद्यालयों की कक्षा में, विभिन्न योग्यता वाले बालकों को समन्वित कर शिक्षण उपक्रम किए जाएँ। बालकों के अनुसार विद्यालय स्वयं में परिवर्तन करें ताकि बालकों को क्षमतानुसार अधिकाधिक विकास के अवसर सुलभ हों, उनमें आत्मविश्वास, आशा, कर्मठता तथा जीवन के प्रति आकर्षण का भाव जागृत हो तथा शिक्षा अपने मानवीय दायित्व के निर्वहन में सक्षम हो। जीवन को समाजोपयोगी बनाया जा सके।
आधुनिक समाज के बदलते जीवन-मूल्यों के फलस्वरूप आज विशिष्ट शिक्षा के क्षेत्र में दूरगामी परिवर्तन हो रहे हैं। समेकित शिक्षा भी इसी प्रकार का नवीनतम तथा अति-महत्त्वपूर्ण प्रयास है। यह शिक्षा, विभिन्न योग्यता वाले बालकों के कल्याण के लिए क्रियात्मक पक्ष का विवेचन करती है। समेकित शिक्षा की अवधारणा का उद्भव शिक्षा प्राप्ति के लिए समानता के अधिकार से हुआ है। सरकार द्वारा निःशक्त जन विधेयक-1995 समान अधिकार, अधिकार संरक्षण और पूर्ण सहभागिता के अन्तर्गत सम्मिलित शिक्षा (समन्वित शिक्षा) को समाज के सामान्य स्कूलों में चलाने की योजना का निर्माण किया गया।
समावेशी शिक्षा की परिभाषा-
1.समावेशी शिक्षा एक प्रकार की समेकित शिक्षा (Integrated Education) की ओर इंगित करती है, जिसके अंतर्गत-बिना
किसी भेदभाव व अंतर के समाज के प्रत्येक वर्ग को शिक्षा प्रदान करके, एक स्तर पर लाया जा सके।
2.संयुक्त राष्ट्रसंघ, 1993 में, सभी को समान अवसर (Equalisation of opportunities) के द्वारा सभी वंचितों की शिक्षा कराने का सभी राज्यों को आवश्यक दायित्व सौंपा गया है, जिसके अंतर्गत सभी वंचित वर्ग, शारीरिक रूप से अक्षम, अंधत्व, बधिर, विकलांग, बौद्धिक स्तर पर वंचित संवेदी, मांसपेशीय अस्थि या अन्य विकलांगता, भाषा, बोली, कामगार, जातिगत् समूह, धार्मिक अल्पसंख्यक, स्त्री-पुरुष भेदभाव को दूर करके, सर्वजन के सम्पूर्ण विकास हेतु शिक्षा का प्रावधान है।
समावेशी शिक्षा के सिद्धान्त
1.बालकों में एक-सी अधिगम की प्रवृत्ति है।
2 बालकों को समान शिक्षा का अधिकार है।
3. सभी राज्यों का यह दायित्व है कि वह सभी वर्गों के लिए यथोचित संसाधन, सामग्री धन तथा सभी संसाधन उठाकर स्कूलों के माध्यम से उनकी गुणवत्ता में सुधार करके आगे बढ़ायें।
4.शिक्षण में सभी वर्गों, शिक्षक, परिवार तथा समाज का दायित्व है कि समावेशी शिक्षा में अपेक्षित सहयोग करें।
समेकित शिक्षा की आवश्यकता तथा चुनौतियाँ
शरीर की विभिन्न मूलभूत आवश्यकताओं के साथ-साथ शिक्षा भी जीवन की अत्यन्त महत्त्वपूर्ण आवश्यकता है। शिक्षा व्यक्ति में उपस्थित विभिन्न योग्यताओं तथा क्षमताओं का विकास कर उसमें समाज से समायोजन की योग्यता को विकसित करती है। व्यक्ति को विभिन्न कौशल प्रदान कर स्वावलम्बन की दिशा में प्रेरित करते
If you Learn About Nep 2020 in hindi then click this ppt and watch. Because of the NEP 2020 launched by the BJP Govt. after 34 Year..............
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निपुण भारत मिशन- भारत सरकार द्वारा संचालित योजनाः
योजना का नामः निपुण भारत मिशन (NIPUN BHARAT YOJANA)
संबंधित विभागः स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग
मंत्रालयः शिक्षा मंत्रालय
शुरूआत की गयीः 5 जुलाई 2021, केंद्र सरकार द्वारा
भारत केंद्र सरकार द्वारा शिक्षा क्षेत्र में विकास के लिए निपुण भारत योजना-2022 की शुरूआत की है। निपुण भारत की शुरूआत 5 जुलाई 2021 में की गयी है। निपुण(NIPUN) भारत मिशन का पूरा नाम- National Initiative for Proficiency in Reading with Understanding and Numeracy हैं।
इस योजना में प्री स्कूल के विद्यार्थीयों में शिक्षा की नींव को मजबूत बनाया जाएगा और इसके लिए सभी सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों में इस मिशन के अंतर्गत सहयोग प्रदान किया जाएगा। इस योजना का संचालन स्कूल शिक्षा व साक्षरता विभाग द्वारा किया जाएगा। निपुण योजना स्कूल शिक्षा कार्यक्रम समग्र शिक्षा का एक हिस्सा होगी।
निपुण भारत मिशन के अंतरगत सभी बच्चे जो कक्षा 3 में पढ़ रहे हैं उन्हें कक्षा के अंत तक बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मकता में निपुण बनाना है।
जिससे उन्हें वर्ष 2026-2027 तक पढ़ने, लिखने व अंक गणित करने की क्षमता उनमे आ सके। बुनियादी शिक्षा मजबूत होने से छात्रों को आगे के पाठ्यक्रमों के लिए सुविधा हो जाएगी और पहले से बेहतर समझ उत्पन्न होगी। सरकार द्वारा इस निपुण भारत मिशन की शुरूआत देश में आयी नई शिक्षा नीति के बेहतर कार्यान्वयन के लिए हुआ है।
निपुण भारत योजना का उद्देश्यः
निपुण भारत मिशन का उद्देश्य कक्षा 3 तक के छात्रों में आधारभूत साक्षरता और संख्यात्मकता का ज्ञान देना है। जिससे उनकी शिक्षा की नींव मजबूत बन सके। बुनियादी ज्ञान मजबूत होना आवश्यक है। आज भी कक्षा 3 में पढ़ने वाले बच्चों की शिक्षा का स्तर बढ़ाने के लिए और उनके सम्पूर्ण मानसिक विकास करने के लिए यो आवश्यक हो कि आज के समय की मांग के अनुसार उन्हें बुनियादी शिक्षा और उसके पाठ्यक्रमों में पारंगत बनाया जाए। इस से सभी छात्रों को आगे की पढ़ाई और पाठ्यक्रमों में आसानी हो जाएगी और पहले से ही अन्य जानकारी को समझने में समर्थ हो पाएंगे।
Annual Status of education Report-
रिपोर्ट के निष्कर्षों के अनुसार लगातार कई वर्षों से स्कूलों में प्राथिमिक शिक्षा प्राप्त करने वाले अधिकतर भारतीय छात्र बुनियादी अंक गणित पढ़ और समझ नहीं पाते। इसी तथ्य को ध्यान में रखकर निपुण भारत मिशन की शुरूआत की गयी थी जिससे बच्चों की बुनियादी शिक्षा को मजबूत बना सकें। ये योजना नई शिक्षा नीति के अनुरूप शुरू की गयी है।
कार्यान्वयन प्रक्रियाः
NIPUN BHARAT 2022 की शुरूआत देश में लागू –नई शिक्षा नीति के बेहतर क्रियान्वयन के लिए किया गया है। इस नई शिक्षा नीति को देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू किया जाएगा। इसके लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 5 स्तरीय तंत्र की स्थापना की जाएगी जिसमें राष्ट्रीय, राज्य, जिला, ब्लाँक और स्कूल स्तर पर संचालन होगा। इस मिशन के अंतर्गत 3 से 9 वर्ष के बच्चों की शिक्षा पर ध्यान दिया जाएगा और उन्हें बेहतर बुनियादी शिक्षा प्रदान की जाएगी। इस मिशन के अंतर्गत वर्ष 2026-27 तक का लक्ष्य रखा गया है। इसके अंतर्गत प्री स्कूल 1, प्री स्कूल 2 और प्री स्कूल 3 (बाल वाटिका) के बाद ग्रेड 1, ग्रेड 2 और ग्रेड 3 की कक्षायें होंगी। इन छात्रों को इन कक्षाओं के दौरान भाषा और गणित का बेहतर ज्ञान दिया जाएगा।
2. परिचय –
सर्व शिक्षा अशियान जिला आधारित एक वर्शिष्ट वर्कें द्रीकृ त योिना है |
इसके शलए स्कू ल प्रणाली को सामुदाययक स्र्ाशमत्त्र् में वर्कशसत किने की
िणनीयत अपनाकि कायव ककया िा िहा है | यह योिना पूिे देि में लागू की
गई है औि इसमें सिी प्रमुख सिकािी िैक्षक्षक पहल को िाशमल ककया गया है
| इस अशियान के अंतगवत िाज्यों की िागीदािी से 6-14 आयुर्गव के सिी
बच्चों को 2010 तक प्रािंशिक शिक्षा उपलब्ध किाने का लक्ष्य िखा गया था
सर्व शिक्षा अशियान है –
1. सार्विौशमक प्रािजभिक शिक्षा के शलए एक स्पष्ट समय सीमा के साथ
कायवक्रम
2. पूिे देि के शलए गुणर्त्तापूणव आधाििूत शिक्षा की मांग का िर्ाब
3. आधाििूत शिक्षा के माध्यम से सामाजिक न्याय को बढ़ार्ा देने का
अर्सि
4. प्रािंशिक शिक्षा के प्रबंधन में- पंचायती िाि संस्थाओं, स्कू ल प्रबंधन
सशमयतओं, अशििार्क शिक्षक संगठन, माता-शिक्षक संगठन, िनिातीय
स्र्ायत्तिासी परिषद्, को प्रिार्ी रूप से िाशमल किने का प्रयास |
5. पूिे देि में UEE के शलए िािनैयतक इच्छा-िजतत की अशिव्यजतत |
6. िाज्यों के शलए प्रािजभिक शिक्षा का अपना दृजष्टकोण वर्कशसत किने का
सुनहिा अर्सि |
3.
4.
5. सर्व शिक्षा अशियान का उद्देश्य-
1. 2005 तक सिी स्कू ल में हों|
2. 2005 तक प्राथशमक शिक्षा का 5 साल पूिा
किना औि 2010 तक स्कू ल शिक्षा का 8 साल
पूिा किना |
3. संतोषिनक गुणर्त्ता औि िीर्न के शलए शिक्षा पि
बल देना |
4. 2007 तक प्राथशमक स्ति पि औि 2010 तक
प्रािजभिक स्ति पि सिी लैंगगक औि सामाजिक
अंति को समाप्त किना |
5. र्षव 2010 तक सार्विौशमक प्रयतधािण |
6.स्कू ल शिक्षा में समुदाय की िागीदािी सुयनजश्चत
किना |
6. पृष्ठभूमि –
प्रािजभिक शिक्षा के सार्विौशमकिण के शलए संर्ैधायनक, कानूनी औि
िाष्रीय घोषणा
1. संर्ैधायनक अगधदेि,1950- “ संवर्धान के सेर्ािभि से दस साल
के िीति िाज्य, िब तक बच्चे 14 साल पूिा नहीं किते तब तक
सिी बच्चों को मुफ्त औि अयनर्ायव शिक्षा मुहैया किर्ाएगा |”
2. िाष्रीय शिक्षा नीयत,1986- “यह सुयनजश्चत ककया िायेगा कक
21र्ीं सदी में प्रर्ेि किने से पहले 14 साल के सिी बच्चों को
संतोषिनक गुणर्त्ता में मुफ्त औि अयनर्ायव शिक्षा प्रदान की
िाएगी |”
3. उन्नीकृ ष्णन फै सला, 1993- “इस देि के 14 र्षव तक के प्रत्येक
शििु/नागरिक के पास मुफ्त शिक्षा पाने का अगधकाि होता है|”
उपजस्थयत कम होने के चलते मध्यान्ह िोिन की िुरुआत की
गई थी |
7. लड़ककयों की शिक्षा को प्राथशमकता –
SSA शिक्षा अर्सिों को एक समान किने औि शलंग
िेद को समाप्त किने हेतु लड़ककयों की शिक्षा को
प्रोत्साहहत किता है | SSA ने इस कायवक्रम के
अंतगवत सिी प्रयास ककये हैं |SSA के तहत
सजभमशलत दो वर्िेष कायवक्रम अथावत NPEGEL
(प्रािजभिक स्ति पि लड़ककयों की शिक्षा के शलए
िाष्रीय कायवक्रम)(NATIONAL PROGRAMME FOR
EDUCATION OF GIRLS AT ELEMENTARY LEVEL )
तथा KGBV (कस्तूिबा गााँधी बाशलका वर्द्यालय) के
माध्यम से लड़ककयों की शिक्षा को प्राथशमकता दी
गई है |
8. NPEGEL –
यह िैक्षक्षक रूप से वपछड़े ब्लाकों (EBB) में कायावजन्र्त ककया
िाता है | यह उन लड़ककयों की िरूितों को पूिा किता है िो
स्कू ल के ‘अन्दि’ औि ‘बाहि’ हैं | NPEGEL लड़ककयों के
नामांकन, उपजस्थयत तथा उपलजब्ध पि कािर्ाई किने हेतु
ग्रामीण स्ति के महहला औि सामुदाययक समूहों के माध्यम से
कायव किता है |
KGBV-
इस योिना में अनुसूगचत िायत, िनिायत, अन्य वपछड़े र्गों
तथा मुजस्लम समुदायों की लड़ककयों के शलए आर्ासीय उच्च
प्राथशमक वर्द्यालय की स्थापना किने का प्रार्धान है |इस
योिना का लक्ष्य यछटपुट बजस्तयों का क्षेत्र है, िहााँ स्कू ल
काफी दूि हैं तथा लड़ककयों को अपनी शिक्षा को छोड़ देने के
शलए बाध्य किता है | KGBV ब्लाक में ही आर्ासीय वर्द्यालयों
की स्थापना किके इसका समाधान किता है |
9. विकलाांगों के मलए सिािेशी मशक्षा –
SSA का उद्देश्य यह सुयनजश्चत किना है कक वर्िेष आर्श्यकता र्ाले
प्रत्येक बच्चे को चाहे र्ह ककसी िी श्रेणी, कोहट का हो औि उसकी
वर्कलांगता की मात्र कु छ िी हो, उपयुतत र्ातार्िण में शिक्षा प्रदान
की िाये |
उठाये गए कदम –
1. िहााँ कहीं व्यर्हायव हो, मोटि वर्कलांग तथा अन्य हलके वर्कलांग
बच्चों की शिक्षा अन्य बच्चों के समान ही होगी |
2. आगधक वर्कलांग बच्चों हेतु िहााँ तक संिर् हो जिला मुख्यालय में
ही छात्रार्ास के साथ वर्िेष स्कू ल मुहैया किाना |
3. SSA वर्िेष आर्श्यकताओं र्ाले सिी बच्चों को समेककत तथा
िाशमल की िाने र्ाली शिक्षा मुहैया किर्ाता है |
4. वर्िेष आर्श्यकता र्ाले बच्चों को स्कू लों हेतु तैयाि किने के मुख्या
उद्देश्य के साथ आर्सीय सेतु पाठ्यक्रम िी मुहैया किर्ाए िाते हैं
जिससे बेहति गुणर्त्ता को िाशमल ककया िा सके |
10. गुणर्त्ता में सुधाि-
SSA के अंतगवत बच्चों को स्कू ल में बनाये िखना औि
गुणर्त्ता में सुधि किना महत्र्पूणव घटक है | संगत,
उपयोगों औि गुणर्त्ता युतत शिक्षा सुयनजश्चत किने
के शलए SSA में शिक्षक िती औि प्रशिक्षण, पाठ्यक्रम
औि पाठ्यपुस्तकों का नर्ीकिण,शिक्षण अध्ययन
सामग्री का वर्कास र्् वर्तिण, स्कू ल के र्ावषवक
अनुदान, छात्र मूल्याङ्कन प्रणाशलयााँ, उपचािी शिक्षा
कं प्यूटि युतत शिक्षा, दूिस्थ शिक्षा, गुणर्त्ता से
सभबंगधत गयतवर्गधयााँ एर्ं अनुर्ीक्षण के शलए
सहायता का प्रार्धान है |