2. वाच्य की
परिभाषा
- क्रिया क
े उस परिवर्तन को वाच्य कहि् ेे हैं
,क्रिसक
े द्वाक्रेेायह बोध होि्ेा है ि
कक्रिया
का िवधानकि्ेार्क
े अनुसाक्रे , कर्त क
े
अनुसाक्रे या भाव क
े अनुसाक्रे है . क्रेेै से -
3. m
ngkj.k
ि्ेोहन बंशी क्रबाि् ेा है .
ि्े
ै े
ं ने बंशी क्रबायी .
ि्े
ु झसे वंशी नहींक्रबायी क्रेेाि् ेी .
इन ि्ेीनों ि्े
े े
ं 'क्रबाि् ेा है ' क्रिया कि्ेार् क
े अनुसाक्रे है .
'क्रबाई'
कर्त क
े अनुसाक्रे क्रि 'क्रबाई क्रेेाि् ेी 'भाव क
े अनुसाक्रे है
.वाक्य ि्े
े े
ं क्रिया का सम्बन्ध प्रायः कि्ेार्, कर्त या क्रिया
क
े
भाव से होि्ेा है ,इसीक्रिएक
ु छ वाक्यों ि्े
े े
ं क्रिया का रू प
कि्ेार्क
े अनुसाक्रे होि्ेा है ,क
ु छ ि्े
े े
ं कर्त क
े अनुसाक्रे
क्रि क
ु छ ि्े
े े
ं कि्ेार् या कर्त क
े अनुसाक्रे न होक्रक भाव
प्रधान होि्ेा है।
क्रियाक
े क्रिसरूपांि् क्रे द्वाक्रेेा यह पि्ेा क्र े ि
क
वाक्य
ि्े
े े
ं प्रधान िवषयकि्ेार् ,कर्त या भाव है ,उसे वाच्य
कहि्े
े हैं।
5. कर्तर्वाच्य
dh
ifjHkk’kk
कर्तर्वाच्यक्रियाक
े उस रूपांि् क्रे को कहि्ेे
हैं क्रिसि्ेे क्रिया कि्ेार्क
े क्रि
ं ग ,पुरुष क्रि
व न क
े
अनुसाक्रे अपना रू प परिविर्ति् क्रकि् ेी है .
कर्तर्वाच्य ि् ेे ें क्रिया क
े क्रि
ं ग,व न व पुरुष
साधाक्रेणयात कि्ेार्क
े अनुसाक्रे ही क्रेहि् ेे हैं।
कर्तर्वाच्य ि् े
े े
ं अकर्तक
क्रि सकर्तक दोनों प्रकाक्रे की क्रियाओं का प्रयोग
होि्ेा है। क्रेे
ै से - उि्े
े श दौड़ि्ेा है . क
ु सुि्
दौड़ि्ेी है
. बच्चे दौड़ि्े
े हैं। यहााााँ दौड़ि्ेा है ,दौड़ि्ेी
है ,दौड़ि्ेे हैं - ि्ेीनों क्रियाएाााँ कि्ेार् क
े क्रि
ं ग
,पुरुष क्रि व न क
े अनुसाक्रे परिविर्ति् हो गयी
हैं।
6. कर्त वाच्य की
परिभाषा
क्रे ब वाक्य ि् ेे ें क्रियाका िवधानकर्त क
े क्रि
ं ग ,व न क्रि
पुरुष क
े अनुसाक्रे िकयाक्रेेाि् ेा है ि् ेो उसे
'कर्तवाच्य ' कहि्ेे हैं . क्रेेै से - ि्ेोहन को पुस्तक
भेक्रेेी क्रेेायेगी।
क्रेड़
को को पुक्रेस्काक्रे िदयागया। उसने क्रेेोटी खायी। कर्त
वाच्य ि् ेे ें क्रियाक
े क्रि
ं ग ,व न क्रि पुरुष कर्त क
े
अनुसाक्रे क्रेहि् ेे हैं र्ात कि्ेार्ि् ेे ें क्रकण काक्रेक (से
,क
े ,द्वाक्रेेा) का प्रयोगहोि्ेा है। कर्त वाच्य ि् ेे ें क
े क्रव
सकर्तक क्रिया का ही प्रयोग होि्ेा है। क्रेेै से - शेक्रे क
े
द्वाक्रेेा िक्रहणि् ेाक्रेेा गया। क्रेि् ेा से गाना
गाया क्रेेाि् ेा है। यहााााँ क्रप 'भेक्रेेी क्रेेायेगी ''िदया
गया ' र्ात खायी 'क्रियाओं का िवधानकर्त क
े अनुसाक्रे
हुआ है।
7. भाव वाच्य की
परिभाषा
क्रिसवाक्य ि् ेे े
ं क्रियाका िवधान, न ि् ेो कि्ेार्क
े
अनुसाक्रे हो क्रि न कर्त क
े अनुसाक्रे हो बल्कि भाव क
े
अनुसाक्रे हो
,उसे 'भाव वाच्य ' कहि् ेे है . भाव वाच्य ि् ेे ें क्रिया सदा
प्रर्ि् पुरुष अर्वा अन्यपुरुष पुक्रि
ं गि् े
े े
ं ही प्रयुक्तहोि्ेी
है क्रि कि्ेार् क्रकण काक्रेक ि् े
े े
ं क्रेहि् ेा है। इसि्ेे ें
क
े क्रव अकर्तकक्रियाओं का ही प्रयोगिकयाक्रेेाि् ेा है।
क्रेेै से - ि्ेु झसे सोया नही ें क्रेेाि् ेा है। उससे
अिधकबोक्रेेा नही ें क्रेेाि् ेा है। क्रेे
ै से - ि्ेु झसे
क्र ा नहीे
ं क्रेेाि् ेा। क्रेि् े
े श से धूप ि् े
े े
ं बैठा नही े
ं
क्रेेाि् ेा। ि् ेु म्हाक्रेेा क्रेेोटी खाना हो गया।
यहााााँ क्रियाओं का ि
व
धा
नन ि् ेो कि्ेार् क
े
अनुसाक्रे है क्रि न कर्त क
े अनुसाक्रे ,बल्कि भाव क
े
अनुसाक्रे है। भाववा क की क्रि
या
एाााँ सदै व अन्य
पुरुष ,पुक्रि
ं ग,एकव न ि् े
े े
ं क्रेहि् ेी हैं। अिधकि्क्रे
भाववा क की क्रियाएाााँ अकर्तक होि्ेी हैं।