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SUBJECT HINDI
TOPIC-Vachya
MONIKA SAINI
CLASS- B.Ed 2nd YEAR
Roll No- 220241570003
I.P.S COLLEGE GANGOH
वाच्य की
परिभाषा
- क्रिया क
े उस परिवर्तन को वाच्य कहि् ेे हैं
,क्रिसक
े द्वाक्रेेायह बोध होि्ेा है ि
कक्रिया
का िवधानकि्ेार्क
े अनुसाक्रे , कर्त क
े
अनुसाक्रे या भाव क
े अनुसाक्रे है . क्रेेै से -
m
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ि्ेोहन बंशी क्रबाि् ेा है .
ि्े
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ं ने बंशी क्रबायी .
ि्े
ु झसे वंशी नहींक्रबायी क्रेेाि् ेी .
इन ि्ेीनों ि्े
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ं 'क्रबाि् ेा है ' क्रिया कि्ेार् क
े अनुसाक्रे है .
'क्रबाई'
कर्त क
े अनुसाक्रे क्रि 'क्रबाई क्रेेाि् ेी 'भाव क
े अनुसाक्रे है
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ं क्रिया का सम्बन्ध प्रायः कि्ेार्, कर्त या क्रिया
क
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भाव से होि्ेा है ,इसीक्रिएक
ु छ वाक्यों ि्े
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ं कि्ेार् या कर्त क
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प्रधान होि्ेा है।
क्रियाक
े क्रिसरूपांि् क्रे द्वाक्रेेा यह पि्ेा क्र े ि
क
वाक्य
ि्े
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ं प्रधान िवषयकि्ेार् ,कर्त या भाव है ,उसे वाच्य
कहि्े
े हैं।
वाच्य क
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हैं
-कर्तर्वाच्य (Active Voice )कर्तवाच्य
(Passive Voice )भाव वाच्य (Impersonal
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कर्तर्वाच्य
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कर्तर्वाच्यक्रियाक
े उस रूपांि् क्रे को कहि्ेे
हैं क्रिसि्ेे क्रिया कि्ेार्क
े क्रि
ं ग ,पुरुष क्रि
व न क
े
अनुसाक्रे अपना रू प परिविर्ति् क्रकि् ेी है .
कर्तर्वाच्य ि् ेे ें क्रिया क
े क्रि
ं ग,व न व पुरुष
साधाक्रेणयात कि्ेार्क
े अनुसाक्रे ही क्रेहि् ेे हैं।
कर्तर्वाच्य ि् े
े े
ं अकर्तक
क्रि सकर्तक दोनों प्रकाक्रे की क्रियाओं का प्रयोग
होि्ेा है। क्रेे
ै से - उि्े
े श दौड़ि्ेा है . क
ु सुि्
दौड़ि्ेी है
. बच्चे दौड़ि्े
े हैं। यहााााँ दौड़ि्ेा है ,दौड़ि्ेी
है ,दौड़ि्ेे हैं - ि्ेीनों क्रियाएाााँ कि्ेार् क
े क्रि
ं ग
,पुरुष क्रि व न क
े अनुसाक्रे परिविर्ति् हो गयी
हैं।
कर्त वाच्य की
परिभाषा
क्रे ब वाक्य ि् ेे ें क्रियाका िवधानकर्त क
े क्रि
ं ग ,व न क्रि
पुरुष क
े अनुसाक्रे िकयाक्रेेाि् ेा है ि् ेो उसे
'कर्तवाच्य ' कहि्ेे हैं . क्रेेै से - ि्ेोहन को पुस्तक
भेक्रेेी क्रेेायेगी।
क्रेड़
को को पुक्रेस्काक्रे िदयागया। उसने क्रेेोटी खायी। कर्त
वाच्य ि् ेे ें क्रियाक
े क्रि
ं ग ,व न क्रि पुरुष कर्त क
े
अनुसाक्रे क्रेहि् ेे हैं र्ात कि्ेार्ि् ेे ें क्रकण काक्रेक (से
,क
े ,द्वाक्रेेा) का प्रयोगहोि्ेा है। कर्त वाच्य ि् ेे ें क
े क्रव
सकर्तक क्रिया का ही प्रयोग होि्ेा है। क्रेेै से - शेक्रे क
े
द्वाक्रेेा िक्रहणि् ेाक्रेेा गया। क्रेि् ेा से गाना
गाया क्रेेाि् ेा है। यहााााँ क्रप 'भेक्रेेी क्रेेायेगी ''िदया
गया ' र्ात खायी 'क्रियाओं का िवधानकर्त क
े अनुसाक्रे
हुआ है।
भाव वाच्य की
परिभाषा
क्रिसवाक्य ि् ेे े
ं क्रियाका िवधान, न ि् ेो कि्ेार्क
े
अनुसाक्रे हो क्रि न कर्त क
े अनुसाक्रे हो बल्कि भाव क
े
अनुसाक्रे हो
,उसे 'भाव वाच्य ' कहि् ेे है . भाव वाच्य ि् ेे ें क्रिया सदा
प्रर्ि् पुरुष अर्वा अन्यपुरुष पुक्रि
ं गि् े
े े
ं ही प्रयुक्तहोि्ेी
है क्रि कि्ेार् क्रकण काक्रेक ि् े
े े
ं क्रेहि् ेा है। इसि्ेे ें
क
े क्रव अकर्तकक्रियाओं का ही प्रयोगिकयाक्रेेाि् ेा है।
क्रेेै से - ि्ेु झसे सोया नही ें क्रेेाि् ेा है। उससे
अिधकबोक्रेेा नही ें क्रेेाि् ेा है। क्रेे
ै से - ि्ेु झसे
क्र ा नहीे
ं क्रेेाि् ेा। क्रेि् े
े श से धूप ि् े
े े
ं बैठा नही े
ं
क्रेेाि् ेा। ि् ेु म्हाक्रेेा क्रेेोटी खाना हो गया।
यहााााँ क्रियाओं का ि
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नन ि् ेो कि्ेार् क
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अनुसाक्रे है क्रि न कर्त क
े अनुसाक्रे ,बल्कि भाव क
े
अनुसाक्रे है। भाववा क की क्रि
या
एाााँ सदै व अन्य
पुरुष ,पुक्रि
ं ग,एकव न ि् े
े े
ं क्रेहि् ेी हैं। अिधकि्क्रे
भाववा क की क्रियाएाााँ अकर्तक होि्ेी हैं।
कर्तृवाच्य:से कर्ृत वाच्य:
कर्तर्वाच्य:से कर्तवाच्य:क
े बी
ि्ेु ख्य अंि् क्रे नी े ि
द
एगए हैं-
कर्तृवाच्य:
क्रेड़िकया बाज़ाक्रे क्रे ेा
क्रेही है। ि् ेै ें क्रेेाि् ेायण
पढ़ क्रेहा हाााँ। ि््त ेा ने
क्रेेाि् ेायण पढ़ी।
क्रेि् ेा गाना
गाएगी। धर्तवीक्रे
वेद पढ़े गा। ि् ेु ि्
फ
ू क्रे ि्ेोड़ोगे।
नौक्रक ाय क्रेेाएगा।
कर्ृत वाच्य:
क्रेड़िकयों द्वाक्रेेा बाक्रेेाक्रे क्रेेाया
क्रे ेा क्रेहा है। ि् ेे क्रेेे द्वाक्रेेा
क्रेेाि् ेायण पढ़ी क्रे ेा क्रेही है।
ि््त ेा से क्रेेाि् ेायण पढ़ी गई।
क्रेि् ेा से गाना गाया
क्रेेाएगा। धर्तवीक्रे से वेद
पढ़ा क्रेेाएगा। ि् ेु से फ
ू
क्रे ि्ेोड़े क्रेेाएं गे।
नौक्रक द्वाक्रेेा ाय क्रेेाई क्रेेाएगी।
कर्तृवाच्य:से भाववाच्य:
कर्तर्वाच्य:से भाववाच्य: ि्ेे ें
ि्ेु ख्य अंि् क्रे नी े ि
द
एगए हैं-
कर्तृवाच्य:
क्रेेाि् ि् ेे क्रे दौड़ि्ेा
है।
ि् ेै ें स
ि
द
र्यों ि् ेे ें
नहीें नहाि्ेा। आशा
नहीें हाााँसि्ेी।
बच्चा खूब सोया।
क्रे ि् ेा नहीें
पढ़ि्ेी। ि् ेै ें
हाााँसि्ेा हाााँ।
भाववाच्य:
क्रेेाि् से ि् ेे क्रे दौड़ा
क्रेेाि् ेा है। ि्ेु झसे स
ि
द
र्
यों
ि् ेे ें नहीें नहाया क्रेेाि् ेा।
आशा से नहीें हाााँसा
क्रेेाि् ेा। बच्चे से खूब
सोया गया।
क्रेि् ेा से पढ़ा नहीें
क्रे ेा ि् ेा ।
ि्ेु झसे हाााँसा
क्रेेाि् ेा है।

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  • 1. SUBJECT HINDI TOPIC-Vachya MONIKA SAINI CLASS- B.Ed 2nd YEAR Roll No- 220241570003 I.P.S COLLEGE GANGOH
  • 2. वाच्य की परिभाषा - क्रिया क े उस परिवर्तन को वाच्य कहि् ेे हैं ,क्रिसक े द्वाक्रेेायह बोध होि्ेा है ि कक्रिया का िवधानकि्ेार्क े अनुसाक्रे , कर्त क े अनुसाक्रे या भाव क े अनुसाक्रे है . क्रेेै से -
  • 3. m ngkj.k ि्ेोहन बंशी क्रबाि् ेा है . ि्े ै े ं ने बंशी क्रबायी . ि्े ु झसे वंशी नहींक्रबायी क्रेेाि् ेी . इन ि्ेीनों ि्े े े ं 'क्रबाि् ेा है ' क्रिया कि्ेार् क े अनुसाक्रे है . 'क्रबाई' कर्त क े अनुसाक्रे क्रि 'क्रबाई क्रेेाि् ेी 'भाव क े अनुसाक्रे है .वाक्य ि्े े े ं क्रिया का सम्बन्ध प्रायः कि्ेार्, कर्त या क्रिया क े भाव से होि्ेा है ,इसीक्रिएक ु छ वाक्यों ि्े े े ं क्रिया का रू प कि्ेार्क े अनुसाक्रे होि्ेा है ,क ु छ ि्े े े ं कर्त क े अनुसाक्रे क्रि क ु छ ि्े े े ं कि्ेार् या कर्त क े अनुसाक्रे न होक्रक भाव प्रधान होि्ेा है। क्रियाक े क्रिसरूपांि् क्रे द्वाक्रेेा यह पि्ेा क्र े ि क वाक्य ि्े े े ं प्रधान िवषयकि्ेार् ,कर्त या भाव है ,उसे वाच्य कहि्े े हैं।
  • 4. वाच्य क े ि्ेीन भेद होि्ेे हैं -कर्तर्वाच्य (Active Voice )कर्तवाच्य (Passive Voice )भाव वाच्य (Impersonal Voice )
  • 5. कर्तर्वाच्य dh ifjHkk’kk कर्तर्वाच्यक्रियाक े उस रूपांि् क्रे को कहि्ेे हैं क्रिसि्ेे क्रिया कि्ेार्क े क्रि ं ग ,पुरुष क्रि व न क े अनुसाक्रे अपना रू प परिविर्ति् क्रकि् ेी है . कर्तर्वाच्य ि् ेे ें क्रिया क े क्रि ं ग,व न व पुरुष साधाक्रेणयात कि्ेार्क े अनुसाक्रे ही क्रेहि् ेे हैं। कर्तर्वाच्य ि् े े े ं अकर्तक क्रि सकर्तक दोनों प्रकाक्रे की क्रियाओं का प्रयोग होि्ेा है। क्रेे ै से - उि्े े श दौड़ि्ेा है . क ु सुि् दौड़ि्ेी है . बच्चे दौड़ि्े े हैं। यहााााँ दौड़ि्ेा है ,दौड़ि्ेी है ,दौड़ि्ेे हैं - ि्ेीनों क्रियाएाााँ कि्ेार् क े क्रि ं ग ,पुरुष क्रि व न क े अनुसाक्रे परिविर्ति् हो गयी हैं।
  • 6. कर्त वाच्य की परिभाषा क्रे ब वाक्य ि् ेे ें क्रियाका िवधानकर्त क े क्रि ं ग ,व न क्रि पुरुष क े अनुसाक्रे िकयाक्रेेाि् ेा है ि् ेो उसे 'कर्तवाच्य ' कहि्ेे हैं . क्रेेै से - ि्ेोहन को पुस्तक भेक्रेेी क्रेेायेगी। क्रेड़ को को पुक्रेस्काक्रे िदयागया। उसने क्रेेोटी खायी। कर्त वाच्य ि् ेे ें क्रियाक े क्रि ं ग ,व न क्रि पुरुष कर्त क े अनुसाक्रे क्रेहि् ेे हैं र्ात कि्ेार्ि् ेे ें क्रकण काक्रेक (से ,क े ,द्वाक्रेेा) का प्रयोगहोि्ेा है। कर्त वाच्य ि् ेे ें क े क्रव सकर्तक क्रिया का ही प्रयोग होि्ेा है। क्रेेै से - शेक्रे क े द्वाक्रेेा िक्रहणि् ेाक्रेेा गया। क्रेि् ेा से गाना गाया क्रेेाि् ेा है। यहााााँ क्रप 'भेक्रेेी क्रेेायेगी ''िदया गया ' र्ात खायी 'क्रियाओं का िवधानकर्त क े अनुसाक्रे हुआ है।
  • 7. भाव वाच्य की परिभाषा क्रिसवाक्य ि् ेे े ं क्रियाका िवधान, न ि् ेो कि्ेार्क े अनुसाक्रे हो क्रि न कर्त क े अनुसाक्रे हो बल्कि भाव क े अनुसाक्रे हो ,उसे 'भाव वाच्य ' कहि् ेे है . भाव वाच्य ि् ेे ें क्रिया सदा प्रर्ि् पुरुष अर्वा अन्यपुरुष पुक्रि ं गि् े े े ं ही प्रयुक्तहोि्ेी है क्रि कि्ेार् क्रकण काक्रेक ि् े े े ं क्रेहि् ेा है। इसि्ेे ें क े क्रव अकर्तकक्रियाओं का ही प्रयोगिकयाक्रेेाि् ेा है। क्रेेै से - ि्ेु झसे सोया नही ें क्रेेाि् ेा है। उससे अिधकबोक्रेेा नही ें क्रेेाि् ेा है। क्रेे ै से - ि्ेु झसे क्र ा नहीे ं क्रेेाि् ेा। क्रेि् े े श से धूप ि् े े े ं बैठा नही े ं क्रेेाि् ेा। ि् ेु म्हाक्रेेा क्रेेोटी खाना हो गया। यहााााँ क्रियाओं का ि व धा नन ि् ेो कि्ेार् क े अनुसाक्रे है क्रि न कर्त क े अनुसाक्रे ,बल्कि भाव क े अनुसाक्रे है। भाववा क की क्रि या एाााँ सदै व अन्य पुरुष ,पुक्रि ं ग,एकव न ि् े े े ं क्रेहि् ेी हैं। अिधकि्क्रे भाववा क की क्रियाएाााँ अकर्तक होि्ेी हैं।
  • 8. कर्तृवाच्य:से कर्ृत वाच्य: कर्तर्वाच्य:से कर्तवाच्य:क े बी ि्ेु ख्य अंि् क्रे नी े ि द एगए हैं- कर्तृवाच्य: क्रेड़िकया बाज़ाक्रे क्रे ेा क्रेही है। ि् ेै ें क्रेेाि् ेायण पढ़ क्रेहा हाााँ। ि््त ेा ने क्रेेाि् ेायण पढ़ी। क्रेि् ेा गाना गाएगी। धर्तवीक्रे वेद पढ़े गा। ि् ेु ि् फ ू क्रे ि्ेोड़ोगे। नौक्रक ाय क्रेेाएगा।
  • 9. कर्ृत वाच्य: क्रेड़िकयों द्वाक्रेेा बाक्रेेाक्रे क्रेेाया क्रे ेा क्रेहा है। ि् ेे क्रेेे द्वाक्रेेा क्रेेाि् ेायण पढ़ी क्रे ेा क्रेही है। ि््त ेा से क्रेेाि् ेायण पढ़ी गई। क्रेि् ेा से गाना गाया क्रेेाएगा। धर्तवीक्रे से वेद पढ़ा क्रेेाएगा। ि् ेु से फ ू क्रे ि्ेोड़े क्रेेाएं गे। नौक्रक द्वाक्रेेा ाय क्रेेाई क्रेेाएगी।
  • 10. कर्तृवाच्य:से भाववाच्य: कर्तर्वाच्य:से भाववाच्य: ि्ेे ें ि्ेु ख्य अंि् क्रे नी े ि द एगए हैं- कर्तृवाच्य: क्रेेाि् ि् ेे क्रे दौड़ि्ेा है। ि् ेै ें स ि द र्यों ि् ेे ें नहीें नहाि्ेा। आशा नहीें हाााँसि्ेी। बच्चा खूब सोया। क्रे ि् ेा नहीें पढ़ि्ेी। ि् ेै ें हाााँसि्ेा हाााँ।
  • 11. भाववाच्य: क्रेेाि् से ि् ेे क्रे दौड़ा क्रेेाि् ेा है। ि्ेु झसे स ि द र् यों ि् ेे ें नहीें नहाया क्रेेाि् ेा। आशा से नहीें हाााँसा क्रेेाि् ेा। बच्चे से खूब सोया गया। क्रेि् ेा से पढ़ा नहीें क्रे ेा ि् ेा । ि्ेु झसे हाााँसा क्रेेाि् ेा है।