यह अध्ययन सामग्री मीमांसा दर्शन से सम्बन्धित एक परिचयात्मक अध्ययन है, जिसे विश्वविद्यालय स्तर के एम. ए. शिक्षाशास्त्र विषय के विद्यार्थी को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है. हमें आशा ही नहीं अपितु पूर्ण विश्वास है कि यह अध्ययन सामग्री मीमांसा दर्शन के प्रति जिज्ञासु लोगों के लिए यत्किंचित् रूप में उपादेय सिद्ध हो सकता है.
यह अध्ययन सामग्री मीमांसा दर्शन से सम्बन्धित एक परिचयात्मक अध्ययन है, जिसे विश्वविद्यालय स्तर के एम. ए. शिक्षाशास्त्र विषय के विद्यार्थी को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है. हमें आशा ही नहीं अपितु पूर्ण विश्वास है कि यह अध्ययन सामग्री मीमांसा दर्शन के प्रति जिज्ञासु लोगों के लिए यत्किंचित् रूप में उपादेय सिद्ध हो सकता है.
2. वाकय मे संजा अथवा सवन
व ाम की िवशेषता बताने वाले शबदो को
िवशेषण कहते है। ििस िवकारी शबद से संजा की वयािि
मयाि
व दत होती है, उसे भी िवशेषण कहते है। ििस शबद (संजा
अथवा सवन
व ाम) की िवशेषता बतायी िाती है उसे िवशेषय कहते
है। िैसे -
काला क
ु ता।इस वाकय मे काला िवशेषण है।क
ु ता िवशेषय है ।
मेहनती िवदाथी सफलता पाते है। धरमपुर सवचछ नगर है। वह
पीला है। ऐसा आदमी कहाँ िमलेगा? इन वाकयो मे मेहनती,
सवचछ, पीला और ऐसा शबद िवशेषण है। िो कमशः िवदाथी,
धरमपुर, वह और आदमी की िवशेषता बताते है।िवदाथी, धरमपुर,
वह और आदमी शबद िवशेषय है।
िवशेषण
3. िवशेषण क
े पकार
िवशेषण क
े चार पकार है-
2.गुणवाचक िवशेषण
(Adjective of quality)
2.संखयावाचक िवशेषण
(Adjective of number)
3.पिरमाण-बोधक िवशेषण, और
(Adjective of quantity)
4.सावन
व ािमक िवशेषण।
(Demonstrative adjective)
4. 1. गुणवाचक िवशेषणः
ििस शबद से संजा या सवन
व ाम क
े गुण, रप, रंग आिद का बोध
होता है, उसे गुण वाचक िवशेषण कहते है। िैसे-
1. बगीचे मे सुंदर फ
ू ल है। 2. धरमपुर सवचछ नगर है। 3.
सवगव
व ािहनी गंदी नदी है। 4. सवसथ बचचे खेल रहे है।
उपयुक
व वाकयो मे सुंदर, सवचछ, गंदी और सवसथ शबद गुणवाचक
िवशेषण है।
1. समय संबंधी- नया, पुराना, तािा, वतम
व ान, भूत, भिवषय,
अगला, िपछला आिद।
2. सथान संबंधी- लंबा, चौडा, ऊ
ँ चा, नीचा, सीधा, बाहरी, भीतरी
आिद।
3. आकार संबंधी- गोल. चौकोर, सुडौल, पोला, सुंदर आिद।
6. 2.संखयावाचक िवशेषणः
ििस िवशेषण से संजा या सवन
व ाम की संखया का बोध होता है, उसे
संखयावाचक िवशेषण कहते है। िस
ै े-
1. कका मे चालीस िवदाथी उपिसथत है।
2. दोनो भाइयो मे बडा पेम है।
3. उनकी दस
ू री लडकी की शादी है।
4. देश का हरेक बालक वीर है।
उपयुक
व वाकयो मे चालीस, दोनो, दस
ू री और हरेक शबद संखयावाचक िवशेषण है।
संखयावाचक िवशेषण क
े भी दो पकार है-
1. िनिित संखयावाचक
2. अिििित संखयावाचक
8. अिििित संखयावाचक िवशेषण
अिनिित संखयावाचक िवशेषणओं से अिधकतर बहुतव का बोध होता है।
िस
ै े-
1. सारे आम सड गए।
2. पुसतकालय मे असंखय पुसतक
े है।
3. लंका मे अनेक महल िल गए।
4. सुनामी मे बहुत सारे लोग मारे गए।
िनिित संखयावाचक क
े अत
ं गत
व आनेवाले पूणाक
ा बोधक िवशेषण क
े पहले
लगभग या करीब और बाद मे एक या ओं पतयय लगाने से अिनिित
संखयावाचक िवशेषण हो िाता है। िस
ै े-
1.लगभग पचास लोग आएँगे।
2. करीब बीस रपए चािहए।
3. सैकडो लोग मारे गए।
कभी-कभी दो पूणाक
ा बोधक साथ मे आकर अिनिय वाचक बन िाते है। िस
ै े-
1. चालीस-पचास रपये चािहए।
2. काम मे दो-तीन घंटे लगेगे।
9. 3.पिरमाण-बोधक िवशेषणः
ििस िवशेषण से िकसी वसतु की नाप-तौल का बोध होता है, उसे पिरमाण-
बोधक िवशेषण कहते है। िस
ै े-
1. मुझे दो मीटर कपडा दो।
2. उसे एक िकलो चीनी चािहए।
3. बीमार को थोडा पानी देना चािहए।
उपयुक
व वाकयो मे दो मीटर, एक िकलो और थोडा पानी शबद पिरमाण-बोधक
िवशेषण है। पिरमाण-बोधक िवशेषण क
े दो पकार है-
1. िनिित पिरमाण-बोधकः िस
ै े, दो सेर गेहूँ, पाँच मीटर कपडा, एक लीटर
दध
ू आिद।
2. अिनिित पिरमाण-बोधकः िस
ै े, थोडा पानी, और अिधक काम, क
ु छ
पिरशम आिद। पिरमाण-बोधक िवशेषण अिधकतर भाववाचक, दवयवाचक और
समूहवाचक संजाओं क
े साथ आते है।
10. 4.साववनािमक िवशेषणः
िब कोई सवन
व ाम शबद संजा शबद से पहले आए तथा वह िवशेषण शबद की
तरह संजा की िवशेषता बताये, उसे सावन
व ािमक िवशेषण कहते है। िस
ै े-
1. वह आदमी वयवहार क
ु शल है।
2. कौन छात मेरा काम करेगा।
उपयुक
व वाकयो मे वह और कौन शबद सावन
व ािमक िवशेषण है। पुरषवाचक
और िनिवाचक सवन
व ामो को छोड बाकी सभी सवन
व ाम संजा क
े साथ पयुक
होकर सावन
व ािमक िवशेषण बन िाते है। िस
ै े-
1. िनियवाचक- यह मूितव, ये मूितय
व ाँ, वह मूितव, वे मूितय
व ाँ आिद।
2. अििियवाचक- कोई वयिक, कोई लडका, क
ु छ लाभ आिद।
3. पशवाचक- कौन आदमी? कौन लौग?, कया काम?, कया सहायता?
आिद।
4. संबंधवाचक- िो पुसतक, िो लडका, िो वसतुएँ आिद।
वयुतपित की दिि से सावन
व ािमक िवशेषण क
े दो पकार है-
1.मूल साववनािमक िवशेषण और
2.यौिगक साववनािमक िवशेषण।
11. 1.मूल साववनािमक िवशेषणः िो सववनाम िबना िकसी रपांतर क
े िवशेषण क
े
रप मे पयुक होता है उसे मूल साववनािमक िवशेषण कहते है। िैसे -
1. वह लडकी िवदालय िा रही है।
2. कोई लडका मेरा काम कर दे।
3. क
ुछ िवदाथी अनुपिसथत है।
उपयुवक वाकयो मे वह, कोई और क
ुछ शबद मूल साववनािमक िवशेषण है।
2.यौिगक साववनािमक िवशेषणः िो सववनाम मूल सववनाम मे पतयय आिद
िुड िाने से िवशेषण क
े रप मे पयुक होता है उसे यौिगक साववनािमक
िवशेषण कहते है। िैसे -
1. ऐसा आदमी कहाँ िमलेगा?
2. िकतने रपये तुमहे चािहए ?
3. मुझसे इतना बोझ उठाया नहीं िाता।
उपयुवक वाकयो मे ऐसा, िकतने और इतना शबद यौिगक साववनािमक
िवशेषण है। यौिगक साववनािमक िवशेषण िनमनिलिखत साववनािमक
िवशेषणो से बनते है - यह से इतना, इतने, इतनी, ऐसा, ऐसी, ऐसे। वह से
उतना, उतने, उतनी, वैसा, वैसी, वैसे। िो से िितना, िितनी, िितने, िैसा,
िैसी, िैसे। कौन से िकतना,िकतनी, िकतने, क
ैसा , क
ैसी , क
ैसे।
4.साववनािमक िवशेषणः
12. ivaSaoYaNaaoM kI
ivaSaoYaNaaoM kI
rcanaa
rcanaa
kucC Sabd maUla $p maoM hI ivaSaoYaNa
haoto hOM :
jaOsao- AcCa, baura, gau$, sauMdr, catur,
maQaur, Aaid. kucC ivaSaoYaNa
SabdaoM kI rcanaa inamnailaiKt p`kar
sao kI jaatI hO.
1 maUla $p maoM p`%yaya, ]psaga- Aqavaa
samaasa ka p`yaaoga kr nae ivaSaoYaNa
kI rcanaa .
2 saM&a SabdaoM sao ivaSaoYaNaaoM kI
rcanaa.
13. ]psaga- sao
]psaga- sao
ivaSaoYaNa rcanaa
ivaSaoYaNa rcanaa
]psaga- nae ivaSaoYaNa
Sabd
A Aivakisat, Aivacala, Asamaqa-,
AbaaoQa
sa safla, saica~, sapUt, sajala
ina: inaBa-ya, inagau-Na, inadao-Ya,
inama-ma
ina inaDr, inakmmaa
du dubalaa