visheshan in hindi examples, types of visheshan,
visheshan worksheet,
visheshan ke bhed, sarvanamik visheshan, visheshan ki paribhasha, visheshan ppt, विशेषण शब्द के उदाहरण वाक्य, विशेषण अभ्यास, What means Visheshan
https://leverageedu.com/blog/hi/visheshan/
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Here a brief description of hindi grammar. In hindi grammar I picked up important topics i.e. Kirya, Visheshan and visheshay. These are most important topic of hindi grammar.
यह अध्ययन सामग्री मीमांसा दर्शन से सम्बन्धित एक परिचयात्मक अध्ययन है, जिसे विश्वविद्यालय स्तर के एम. ए. शिक्षाशास्त्र विषय के विद्यार्थी को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है. हमें आशा ही नहीं अपितु पूर्ण विश्वास है कि यह अध्ययन सामग्री मीमांसा दर्शन के प्रति जिज्ञासु लोगों के लिए यत्किंचित् रूप में उपादेय सिद्ध हो सकता है.
2. ्ह लयल बक्सय है| पड़ों पे पील
ेसील आम हैं|
इन िोनों वयक््ों में बक्स औे आमों की ववश षतय कय वर्णन कक्य ग्य
है, जिसमें लयल एवां पील ेसील श ब्िों स बक्स औे आम कक ववश षतय
बतयई ग्ी है| ऐसे शब्द जो संज्ञा या सर्वनाम की वर्शेषता बताते हैं,
उन्हें वर्शेषण कहते हैं|
3.
4. ध्रुवी् भयलू सफ़ि
होतय है|
चेी लयल ेांग की
होती है|
इन िोनों ही वयक््ों में सफ़ि औे लयल ककसी गुर् की ववश षतय बतलयत
हैं| अतः ् गुर्वयचक ववश षर् हैं| जजन शब्दों से संज्ञा अथर्ा सर्वनाम
शब्दों के गुण-दोष का बोध होता है, उन्हें गुणर्ाचक वर्शेषण कहते हैं|
5. िो कु त्त आपस में
रल ेह हैं|
तीन पक्षी एक पड़
की डयली पे बैठें हैं|
ऊपे क िोनों वक््ों में िो कु त्त औे तीन पक्षी श ब्ि कु त्तों औे पक्षक्ष्ों
परेमयर् बतय ेहें हैं| ऐस श ब्ि परेमयर्वयचक ववश षर् कहलयत हैं| जजन
शब्दों से संज्ञा अथर्ा सर्वनाम शब्दों की मात्रा अथर्ा नाप-तोल का ज्ञान हो
र्े परिमाणर्ाचक वर्शेषण कहलते हैं| परेमयर्वयचक ववश षर् क िो उपभि
हैं-तनजचचत परेमयर्वयचक औे अतनजचचत परेमयर्वयचक ववश षर्|
6. ्ह एक 90 हॉसण
पयवे कय ट्रैकटे है|
्हयां िूध की तीन
बोतलें ेरी हैं|
ऊपे दि् ग् वयक््ों में 90 हॉसण पयवे औे तीन बोतलें ककसस वस्तु
की तनजचचत मयत्रय कय ज्ञयन केयती हैं| अतः ् तनजचचत परेमयर्वयचयक
ववश षर् हैं| जजन वर्शेषण शब्दों से र्स्तु की ननजचचत मात्रा का ज्ञान हो
र्े ननजचचत परिमाणर्ाचक वर्शेषण कहलते हैं|
7. ्हयां बहुत सये गुलयब
क फू ल हैं|
झुांड में कु छ बतरें
हैं|
इन िोनों वयक््ों में बहुत से औे कु छ ककसी ववश ष्् की मयत्रय कय बोध
केय ेहें हैं, पेांतु वह मयत्रय तनजचचत नहीां है, अतः ् श ब्ि अतनजचचत
परेमयर्वयचक ववश षर् हैं| जजन वर्शेषण शब्दों से ककसी र्स्तु की अननजचचत
मात्रा का ज्ञान हो र्े अननजचचत परिमाणर्ाचक वर्शेषण कहलाते हैं|
8. िो घोड़ घयस चे ेह
हैं|
तीन कु त्त िौड़ ेह हैं|
उपे क िोनों वक््ों में िो औे तीन श ब्ि घोड़ों औे कु त्तों की सांख््य बतय
ेह हैं| ऐस श ब्ि सांख््यवयचक ववश षर् कहलयत हैं| जजन वर्शेषण शब्दों से
संज्ञा या सर्वनाम की संख्यार्ाचक वर्शेषण कहलाते हैं| सांख््यवयचक
ववश षर् क िो उपभि हैं-तनजचचत सांख््यवयचक औे अतनजचचत सांख््यवयचक
ववश षर्|
9. ्हयां एक हयथी
है|
किकट की एक टीम में
ग््येह खरलयड़ी होत हैं|
उपे दि् गए िोनों वयक््ों में एक औे ग््येह ककसी ववश ष्् की एक
तनजचचत सांख््य बतय ेह हैं| अतः ् तनजचचत सांख््यवयचक ववश षर्
कहलयत हैं| जजन वर्शेषण शब्दों से ककसस र्स्तु की ननजचचत संख्या का
बोध हो र्े ननजचचत संख्यार्ाचक वर्शेषण कहलाते हैं| तनजचचत
सांख््यवयचक ववश षर् क चये भि हैं|
10.
11.
12. ्हयां बहुत सये
फल हैं|
्हयां ववसभन्न अनयिों
क कई ियन हैं|
तनम्नसलखरत िोनों वक््ों में कई औे बहुत सये श ब्ि ककसी वस्तु की
अतनजचचत सांख््य कय बोध केय ेह हैं| अतः ् अतनजचचत सांख््यवयचक
ववश षर् श ब्िों की कोटी में आत हैं| जजन शब्दों से ननजचचत संख्या का बोध
न हो उन्हें अननजचचत संख्यार्ाचक वर्शेषण कहते हैं|
13. व ऊँ ट िय ेह हैं| ् बयलक अपन-
अपन घे िय ेह हैं|
इन िोनों वक््ों में व औे ् श ब्ि ककसी ववश ष्् की ओे सांकत के
ेह हैं| इसी कयेर् ऐस श ब्ि सांकतवयचक ववश षर् कहलयत हैं| जो
सर्वनाम संके त द्र्ािा संज्ञा या सर्वनाम की वर्शेषता बतलाते हैं र्े
संके तर्ाचक वर्शेषण कहलाते हैं| क््ोंकक सांकतवयचक ववश षर् सवणनयम
श ब्िों स बनत हैं इससल् ् सयवणनयसमक ववश षर् भी कहलयत हैं|