निपुण भारत मिशन- भारत सरकार द्वारा संचालित योजनाः
योजना का नामः निपुण भारत मिशन (NIPUN BHARAT YOJANA)
संबंधित विभागः स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग
मंत्रालयः शिक्षा मंत्रालय
शुरूआत की गयीः 5 जुलाई 2021, केंद्र सरकार द्वारा
भारत केंद्र सरकार द्वारा शिक्षा क्षेत्र में विकास के लिए निपुण भारत योजना-2022 की शुरूआत की है। निपुण भारत की शुरूआत 5 जुलाई 2021 में की गयी है। निपुण(NIPUN) भारत मिशन का पूरा नाम- National Initiative for Proficiency in Reading with Understanding and Numeracy हैं।
इस योजना में प्री स्कूल के विद्यार्थीयों में शिक्षा की नींव को मजबूत बनाया जाएगा और इसके लिए सभी सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों में इस मिशन के अंतर्गत सहयोग प्रदान किया जाएगा। इस योजना का संचालन स्कूल शिक्षा व साक्षरता विभाग द्वारा किया जाएगा। निपुण योजना स्कूल शिक्षा कार्यक्रम समग्र शिक्षा का एक हिस्सा होगी।
निपुण भारत मिशन के अंतरगत सभी बच्चे जो कक्षा 3 में पढ़ रहे हैं उन्हें कक्षा के अंत तक बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मकता में निपुण बनाना है।
जिससे उन्हें वर्ष 2026-2027 तक पढ़ने, लिखने व अंक गणित करने की क्षमता उनमे आ सके। बुनियादी शिक्षा मजबूत होने से छात्रों को आगे के पाठ्यक्रमों के लिए सुविधा हो जाएगी और पहले से बेहतर समझ उत्पन्न होगी। सरकार द्वारा इस निपुण भारत मिशन की शुरूआत देश में आयी नई शिक्षा नीति के बेहतर कार्यान्वयन के लिए हुआ है।
निपुण भारत योजना का उद्देश्यः
निपुण भारत मिशन का उद्देश्य कक्षा 3 तक के छात्रों में आधारभूत साक्षरता और संख्यात्मकता का ज्ञान देना है। जिससे उनकी शिक्षा की नींव मजबूत बन सके। बुनियादी ज्ञान मजबूत होना आवश्यक है। आज भी कक्षा 3 में पढ़ने वाले बच्चों की शिक्षा का स्तर बढ़ाने के लिए और उनके सम्पूर्ण मानसिक विकास करने के लिए यो आवश्यक हो कि आज के समय की मांग के अनुसार उन्हें बुनियादी शिक्षा और उसके पाठ्यक्रमों में पारंगत बनाया जाए। इस से सभी छात्रों को आगे की पढ़ाई और पाठ्यक्रमों में आसानी हो जाएगी और पहले से ही अन्य जानकारी को समझने में समर्थ हो पाएंगे।
Annual Status of education Report-
रिपोर्ट के निष्कर्षों के अनुसार लगातार कई वर्षों से स्कूलों में प्राथिमिक शिक्षा प्राप्त करने वाले अधिकतर भारतीय छात्र बुनियादी अंक गणित पढ़ और समझ नहीं पाते। इसी तथ्य को ध्यान में रखकर निपुण भारत मिशन की शुरूआत की गयी थी जिससे बच्चों की बुनियादी शिक्षा को मजबूत बना सकें। ये योजना नई शिक्षा नीति के अनुरूप शुरू की गयी है।
कार्यान्वयन प्रक्रियाः
NIPUN BHARAT 2022 की शुरूआत देश में लागू –नई शिक्षा नीति के बेहतर क्रियान्वयन के लिए किया गया है। इस नई शिक्षा नीति को देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू किया जाएगा। इसके लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 5 स्तरीय तंत्र की स्थापना की जाएगी जिसमें राष्ट्रीय, राज्य, जिला, ब्लाँक और स्कूल स्तर पर संचालन होगा। इस मिशन के अंतर्गत 3 से 9 वर्ष के बच्चों की शिक्षा पर ध्यान दिया जाएगा और उन्हें बेहतर बुनियादी शिक्षा प्रदान की जाएगी। इस मिशन के अंतर्गत वर्ष 2026-27 तक का लक्ष्य रखा गया है। इसके अंतर्गत प्री स्कूल 1, प्री स्कूल 2 और प्री स्कूल 3 (बाल वाटिका) के बाद ग्रेड 1, ग्रेड 2 और ग्रेड 3 की कक्षायें होंगी। इन छात्रों को इन कक्षाओं के दौरान भाषा और गणित का बेहतर ज्ञान दिया जाएगा।
PHYSICS LESSON PLAN IN HINDI/ SCIENCE LESSON PLAN IN HINDI/TRADITIONAL LESSON PLAN/ B.ED LESSON PLAN / M.ED/ SCIENCE EDUCATION
BOTH THE LESSON PLANS ARE IN HINDI AND BASED ON THE THE TOPICS OF FORCE AND STATE OF MATERIAL WITH NEGATIVE AND POSITIVE FEEDBACK FROM OBSERVERS THREE-TIME
निपुण भारत मिशन- भारत सरकार द्वारा संचालित योजनाः
योजना का नामः निपुण भारत मिशन (NIPUN BHARAT YOJANA)
संबंधित विभागः स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग
मंत्रालयः शिक्षा मंत्रालय
शुरूआत की गयीः 5 जुलाई 2021, केंद्र सरकार द्वारा
भारत केंद्र सरकार द्वारा शिक्षा क्षेत्र में विकास के लिए निपुण भारत योजना-2022 की शुरूआत की है। निपुण भारत की शुरूआत 5 जुलाई 2021 में की गयी है। निपुण(NIPUN) भारत मिशन का पूरा नाम- National Initiative for Proficiency in Reading with Understanding and Numeracy हैं।
इस योजना में प्री स्कूल के विद्यार्थीयों में शिक्षा की नींव को मजबूत बनाया जाएगा और इसके लिए सभी सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों में इस मिशन के अंतर्गत सहयोग प्रदान किया जाएगा। इस योजना का संचालन स्कूल शिक्षा व साक्षरता विभाग द्वारा किया जाएगा। निपुण योजना स्कूल शिक्षा कार्यक्रम समग्र शिक्षा का एक हिस्सा होगी।
निपुण भारत मिशन के अंतरगत सभी बच्चे जो कक्षा 3 में पढ़ रहे हैं उन्हें कक्षा के अंत तक बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मकता में निपुण बनाना है।
जिससे उन्हें वर्ष 2026-2027 तक पढ़ने, लिखने व अंक गणित करने की क्षमता उनमे आ सके। बुनियादी शिक्षा मजबूत होने से छात्रों को आगे के पाठ्यक्रमों के लिए सुविधा हो जाएगी और पहले से बेहतर समझ उत्पन्न होगी। सरकार द्वारा इस निपुण भारत मिशन की शुरूआत देश में आयी नई शिक्षा नीति के बेहतर कार्यान्वयन के लिए हुआ है।
निपुण भारत योजना का उद्देश्यः
निपुण भारत मिशन का उद्देश्य कक्षा 3 तक के छात्रों में आधारभूत साक्षरता और संख्यात्मकता का ज्ञान देना है। जिससे उनकी शिक्षा की नींव मजबूत बन सके। बुनियादी ज्ञान मजबूत होना आवश्यक है। आज भी कक्षा 3 में पढ़ने वाले बच्चों की शिक्षा का स्तर बढ़ाने के लिए और उनके सम्पूर्ण मानसिक विकास करने के लिए यो आवश्यक हो कि आज के समय की मांग के अनुसार उन्हें बुनियादी शिक्षा और उसके पाठ्यक्रमों में पारंगत बनाया जाए। इस से सभी छात्रों को आगे की पढ़ाई और पाठ्यक्रमों में आसानी हो जाएगी और पहले से ही अन्य जानकारी को समझने में समर्थ हो पाएंगे।
Annual Status of education Report-
रिपोर्ट के निष्कर्षों के अनुसार लगातार कई वर्षों से स्कूलों में प्राथिमिक शिक्षा प्राप्त करने वाले अधिकतर भारतीय छात्र बुनियादी अंक गणित पढ़ और समझ नहीं पाते। इसी तथ्य को ध्यान में रखकर निपुण भारत मिशन की शुरूआत की गयी थी जिससे बच्चों की बुनियादी शिक्षा को मजबूत बना सकें। ये योजना नई शिक्षा नीति के अनुरूप शुरू की गयी है।
कार्यान्वयन प्रक्रियाः
NIPUN BHARAT 2022 की शुरूआत देश में लागू –नई शिक्षा नीति के बेहतर क्रियान्वयन के लिए किया गया है। इस नई शिक्षा नीति को देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू किया जाएगा। इसके लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 5 स्तरीय तंत्र की स्थापना की जाएगी जिसमें राष्ट्रीय, राज्य, जिला, ब्लाँक और स्कूल स्तर पर संचालन होगा। इस मिशन के अंतर्गत 3 से 9 वर्ष के बच्चों की शिक्षा पर ध्यान दिया जाएगा और उन्हें बेहतर बुनियादी शिक्षा प्रदान की जाएगी। इस मिशन के अंतर्गत वर्ष 2026-27 तक का लक्ष्य रखा गया है। इसके अंतर्गत प्री स्कूल 1, प्री स्कूल 2 और प्री स्कूल 3 (बाल वाटिका) के बाद ग्रेड 1, ग्रेड 2 और ग्रेड 3 की कक्षायें होंगी। इन छात्रों को इन कक्षाओं के दौरान भाषा और गणित का बेहतर ज्ञान दिया जाएगा।
PHYSICS LESSON PLAN IN HINDI/ SCIENCE LESSON PLAN IN HINDI/TRADITIONAL LESSON PLAN/ B.ED LESSON PLAN / M.ED/ SCIENCE EDUCATION
BOTH THE LESSON PLANS ARE IN HINDI AND BASED ON THE THE TOPICS OF FORCE AND STATE OF MATERIAL WITH NEGATIVE AND POSITIVE FEEDBACK FROM OBSERVERS THREE-TIME
आदर्श शिक्षक के गुण (Qualities of an Ideal Teacher).pdfRavi Prakash
#आदर्श शिक्षक के गुण (Qualities of an Ideal Teacher)
प्रभावशाली (कुशल) वक्ता
आत्मविश्वासी
प्रेरित करने की क्षमता (कौशल क्षमता)
अच्छा सलाहकार (अच्छा वाक्पटु)
छात्रों के प्रति प्रेम व सहानुभूति
निर्देशन एवं नेतृत्व का ज्ञान
विषय का पूर्ण (गहन) ज्ञान
शिक्षण विधियों का प्रयोग
शिक्षण अधिगम सामग्री का उपयोग (टीएलएम)
मनोविज्ञान का ज्ञान
धैर्यवान
सहनशीलता
अनुशासन
वेशभूषा (वर्दी)
उत्साह
उच्च गुणवत्ता
अच्छा स्वास्थ्य
विनोद प्रिय
ज्ञान पिपासा
व्यवसाय के प्रति रुचि निष्ठा
मधुर वाणी और शांत विनम्र स्वभाव
दोषों को स्वीकारने का भाव
स्वाध्याय में निरन्तरता (स्वयं अध्ययन)
निरन्तर स्व मूल्यांकन ( आत्म-मूल्यांकन) का भाव
efficient speaker
confident
ability to motivate
good adviser (good eloquence)
love and sympathy for students
Knowledge of Direction and Leadership
thorough (deep) knowledge of the subject
use of teaching methods
Use of Teaching Learning Materials (TLM)
knowledge of psychology
patient
Tolerance
discipline
costume (uniform)
excitement
high quality
good health
thirst for knowledge
interest in business loyalty
melodious speech and calm polite disposition
acceptance of guilt
Continuity in self-study (self-study)
a sense of continuous self-evaluation (self-evaluation)
constructivism , types of constructivism, theories of constructivism,critical constructivism , social and cultural constructivism,creation of knowledge,student centric teaching technique
ज्वालामुखी जिसके अंतर्गत वह सम्पूर्ण प्रक्रिया आ जाती है जिसके माध्यम से भू -गर्भ से मेग्मा भूतल की ओर आता है अथवा पृथ्वी के भीतरी भाग से जो दहकते हुए पदार्थ जिस मार्ग विशेष से निकलते है उसे ज्वालामुखीकहते हैं |
आदर्श शिक्षक के गुण (Qualities of an Ideal Teacher).pdfRavi Prakash
#आदर्श शिक्षक के गुण (Qualities of an Ideal Teacher)
प्रभावशाली (कुशल) वक्ता
आत्मविश्वासी
प्रेरित करने की क्षमता (कौशल क्षमता)
अच्छा सलाहकार (अच्छा वाक्पटु)
छात्रों के प्रति प्रेम व सहानुभूति
निर्देशन एवं नेतृत्व का ज्ञान
विषय का पूर्ण (गहन) ज्ञान
शिक्षण विधियों का प्रयोग
शिक्षण अधिगम सामग्री का उपयोग (टीएलएम)
मनोविज्ञान का ज्ञान
धैर्यवान
सहनशीलता
अनुशासन
वेशभूषा (वर्दी)
उत्साह
उच्च गुणवत्ता
अच्छा स्वास्थ्य
विनोद प्रिय
ज्ञान पिपासा
व्यवसाय के प्रति रुचि निष्ठा
मधुर वाणी और शांत विनम्र स्वभाव
दोषों को स्वीकारने का भाव
स्वाध्याय में निरन्तरता (स्वयं अध्ययन)
निरन्तर स्व मूल्यांकन ( आत्म-मूल्यांकन) का भाव
efficient speaker
confident
ability to motivate
good adviser (good eloquence)
love and sympathy for students
Knowledge of Direction and Leadership
thorough (deep) knowledge of the subject
use of teaching methods
Use of Teaching Learning Materials (TLM)
knowledge of psychology
patient
Tolerance
discipline
costume (uniform)
excitement
high quality
good health
thirst for knowledge
interest in business loyalty
melodious speech and calm polite disposition
acceptance of guilt
Continuity in self-study (self-study)
a sense of continuous self-evaluation (self-evaluation)
constructivism , types of constructivism, theories of constructivism,critical constructivism , social and cultural constructivism,creation of knowledge,student centric teaching technique
ज्वालामुखी जिसके अंतर्गत वह सम्पूर्ण प्रक्रिया आ जाती है जिसके माध्यम से भू -गर्भ से मेग्मा भूतल की ओर आता है अथवा पृथ्वी के भीतरी भाग से जो दहकते हुए पदार्थ जिस मार्ग विशेष से निकलते है उसे ज्वालामुखीकहते हैं |
Learning Objectives
After going through this module the teachers will know about the transactional strategies including the assessment part that can be adopted to engage the children in learning. They will be able to
relate the competencies and skills as given in the Learning outcomes with the state syllabus
conduct appropriate pedagogical processes to help children in achieving the class level learning outcomes
integrate assessment with pedagogical processes to continuously ensure the progress in learning by all children
Grammar is an inevitable part of a language.Without teaching and learning grammar we cannot achieve an effective language capacity.This Presentation includes the importance, aims,objectives and methods of teaching grammar in Hindi.
2. NEP, 2020 क
े क
ु छ िुख्य न िंदु
NEP, 2020 के अनुसार
● पूरे देश भर में 5 करोड़ से अधिक बच्चों ने बुधनयादी
कौशल प्राप्त नहीं कर पाए हैं ।
● बुधनयादी साक्षरता और संख्या ज्ञान हाधसल करना
हमारी सर्वोच्च प्राथधमकता होनी चाधहए । बाकी की
धशक्षा नीधत तभी प्रासंधिक होिी जब बच्चे ये बुधनयादी
कौशल हाधसल करें ।
3. निपुण भारत मिशि से पररचय
NIPUN BHARAT
National Initiative for Proficiency in
Reading with Understanding and
Numeracy
ुनियादी साक्षरता एविं सिंख्या ज्ञाि
का राष्ट्रीय मिशि
4. सिग्र नवकास का उद्देश्य
मिशन िें बच्चों के सिग्र मिकास पर
ध्यान कें मित मकया गया है । इसमिए,
मिकास के सभी क्षेत्रों से जुड़ी दक्षताओं
के मिए सीखने के प्रमतफि मदए गए हैं ।
5. निपुण भारत मिशि का पररचय
● इस धमशन का उद्देश्य एक सक्षम पररर्वेश का धनमााण करना है ताधक 2026-27 तक कक्षा 3
की समाधप्त तक प्रत्येक बच्चा मूलभूत साक्षरता और संख्या ज्ञान प्राप्त कर ले ।
● यह धमशन 3 से 9 िर्ष तक के बच्चों यानी प्रारंमभक बाल्यािस्था से िेकर कक्षा 3
तक के बच्चों पर केंधित है।
● इस धमशन की सफलता के धलए आर्वश्यक है धक सभी स्तरों पर, शुरुआती कक्षाओंसे
जुड़े सभी िोग इस पर मििकर काि करें ।
6. कक्षा 3 तक आधारभूत शिक्षा में सम्पूर्ण उपलब्धध पाना स्क
ू ली शिक्षा की सर्वोच्च
प्राथशमकता होगी
जो बच्चे पीछे रह जाते हैं वो पीछे छ
ू ट जाते हैं
कक्षा 3 एक निर्णायक न िंदु है जहणाँ यह उम्मीद की जणती है नक च्चे इस न िंदु तक "पढ़िण
सीख” जणयेंगे नजससे वो आगे "पढ़ कर सीख पणएिं गे"
निपुण भारत अनभयाि का लक्ष्य
2026-27 तक कक्षा 3 तक प्रत्येक बच्चा आधारभूत साक्षरता और संख्या ज्ञान प्राप्त कर सक
े गा
समझ क
े साथ पढ़ना लिखना बेलसक गणना क
े काम जीवन क
े बुलनयादी कौशि
आधारभूत सीख
सीखने का उच्च स्तर
सीखने क
े बेहतर पररणाम
6
7. लनपुण भारत लमशन: उद्देश्य
खेल, खोज और गतिविधि-आिाररि
शिक्षािास्त्र
बच्चों को प्रेररि, स्त्ििंर, समझ क
े
साथ पढ़ने शलखने में संलग्न और
शलखने और पढ़ने क
े स्त्थायी कौिल
िाला बनाना |
बच्चों को संख्या, माप और आकार
क
े क्षेर को िक
क क
े साथ समझने
और उन्हें गणना और समस्त्या क
े
समािान में स्त्ििंर बनाना |
1
2
3 बच्चों की पररधचि/घर/मािृभाषा
(भाषाओं) में शिक्षण सामग्री की
उपलब्ििा सुतनश्चचि करना।
4
शिक्षकों, प्रिानाध्यापकों, और शिक्षा
प्रिासकों का क्षमिा तनमाकण ।
5
आजीिन सीखने की एक मजबूि
नींि बनाना।
6
पोर्कफोशलयो, समूह और शमल जुल
कर ककये कायक, पररयोजना कायक,
प्रचनोत्तरी, रोल प्ले, खेल, मौखखक
प्रस्त्िुिीकरण, छोर्े र्ेस्त्र् आदि क
े
माध्यम से सीखना ।
7
सभी विद्याधथकयों क
े सीखने क
े स्त्िर
की ट्रैककं ग सुतनश्चचि करना।
8
7
8. ुनियादी कौशल क्यों ज़रूरी हैं?
● सभी तरह के सीखने ि एक बेहतर जीिन की नींि प्रदान करते हैं ।
● बुमनयादी कौशिों िें िहारत आगे की कक्षाओंिें अकादमिक उपिमधि के मिए
आिश्यक हैं ।
● बच्चों के िमस्तष्क का िगभग 85% मिकास 6 िर्ष की उम्र तक हो जाता है । इसमिए
शुरुआती िर्ष सीखने के मिए सबसे अमिक िहत्िपूर्ष हैं ।
● जो बच्चे उमचत सिय पर पर बुमनयादी कौशि नहीं सीख पाते, िे आगे चिकर भी
सीखने िें पीछे रहते हैं ।
● मशक्षा िें सिता के मिए ज़रूरी है मक सभी बच्चों िें सिय पर बुमनयादी कौशि
मिकमसत मकए जाएँ ।
10. मौखखक भाषा का लवकास
इसमें शणनमल है सुिकर ेहतर समझिण, मौखखक शब्दणवली और णतचीत कण ढ़ण हुआ कौशल। मौखखक
भणषण क
े अिुभव पढ़िे और नलखिे क
े कौशल को नवकनसत करिे क
े नलए महत्वपूर्ा हैं।
लिकोलिंग
आवणज और प्रतीकोिं क
े ीच क
े सम्बन्ध क
े आधणर पर नलखे हुए शब्दोिं का अर्ा निकणलिण इसमें शणनमल है,
तर्ण शब्द पहचणििण ।
धाराप्रवाह पढ़ना
यह पणठ को सटीकतण, गनत (ऑटोमॅनटकली) भणव क
े प्रदशाि (दृश्य) और समझ क
े सणर् पढ़िे की क्षमतण को
तणतण है, यह च्चोिं को शब्दोिं से अर्ा निकणलिे की क्षमतण देतण है । कई च्चे अक्षरोिं को पहचणिते हैं, लेनकि
उन्हें एक-एक करक
े डी मेहित से पढ़ते हैं ।
समझबूझ कर पढ़ना
एक पणठ को पढ़ कर अर्ा िणिण और इसक
े णरे में तक
ा पूर्ा ढिंग से सोचिण । इस क्षेत्र में पणठ को समझिे
और उिसे जणिकणरी प्रणप्त करिे क
े सणर् पणठ की व्यणख्यण करिे की दक्षतणयें आती हैं ।
लिखना
इस क्षेत्र में अक्षर और शब्द नलखिे की दक्षतणओिं क
े सणर्-सणर् अनभव्यखि क
े नलए नलखिे की क्षमतण भी
शणनमल हैं ।
10
11. ुनियादी सिंख्या ज्ञाि क्या है ?
संख्या पूिष
अििारर्ाएँ
संख्या ज्ञान ि
संमियाएँ
आकृ मतयाँ ि
स्थामनक
सिझ
िापन
12. ुनियादी सिंख्या ज्ञाि क्या है ?
पैटनष आँकड़ों को
व्यिमस्थत
करना
गमर्तीय
संप्रेर्र्
गमर्तीय
सोच ि
कौशि
13. बच्चोंकी कक्षा एक क
े लिए तैयारी
कक्षा एक में प्रथम तीन माह: लवद्या प्रवेश मॉड्यूि
क्यों?? बच्चे क
े दिमाग का 85% दहस्सा 6 साल की उम्र से पहले वर्वकशसत हो जाता है
NEP-2020 िे NCERT द्वणरण सभी कक्षण 1 क
े िव प्रवेशी नवद्यणनर्ायोिं क
े नलए '3-महीिे कण प्ले-
आधणररत' स्क
ू ल तैयणरी मॉड्यूल ’क
े नवकणस की नसफणररश की है, यह सुनिनित करिे क
े नलए
नक एक अिंतररम उपणय क
े रूप में नक गुर्वत्तणपूर्ा पूवास्क
ू ली नशक्षण कण सणवाभौनमक प्रणवधणि
प्रणप्त होिे तक सभी च्चे स्क
ू ल क
े नलए तैयणर हैं ।
नवद्यण प्रवेश मॉड्यूल अनिवणया रूप से कक्षण एक की शुरुआत में लगभग 12 सप्तणह कण
नवकणसणत्मक रूप से उपयुि निदेश है नजसे च्चे की पूवा-सणक्षरतण, पूवा-सिंख्यणत्मकतण,
सिंज्ञणिणत्मक और सणमणनजक कौशल को ढ़णिे क
े नलए निजणइि नकयण गयण है।
एनसीईआरटी क
े 3
महीने का खेि आधाररत
'स्क
ू ि तैयारी मॉड्यूि'
क
े आधार पर
एससीईआरटी द्वारा
‘स्क
ू ि रेिीनेस/लवद्या
प्रवेश पैक
े ज’ लवकलसत
लकया है l
इस मॉड्यूल में अक्षर, ध्वनियोिं, शब्दोिं, रिंगोिं, आक
ृ नतयोिं और सिंख्यणओिं क
े से सिं िंनधत गनतनवनधयोिं
और कणयापुखिकणएिं शणनमल हैं ।
14. ननपुर् भारत शमिन: लक्ष्य सूची
नमशि क
े उद्देश्योिं को प्रणप्त करिे क
े नलए सम्पूणण साक्षरता और संख्या ज्ञान क
े
टणरगेट यण लक्ष्य णलवणनटकण से शुरू होकर कक्षण तीि तक क
े नलए निधणाररत नकए
गए हैं । इसमें प्रत्येक रणज्य/सिंघ तक प्रणप्त नकए जणिे वणले वषावणर लक्ष्य शणनमल होिंगे
|
कक्षा 1
कक्षा 2
कक्षा 3
• 99 तक की संख्याएँ
पढ़ें और लिखें
• सरि जोड़ और
घटाव करें
• अथण क
े साथ पढ़ें
• कम से कम 60 शब्द
प्रलत लमनट
• 9999 तक की संख्याएँ
पढ़ें और लिखें
• सरि गुणा समस्याओं
को हि करें
• अथण क
े साथ पढ़े
• 45-60 शब्द प्रलत
लमनट
• 999 तक की संख्याएँ पढ़ें
और लिखें
• 99 तक की संख्याएँ
घटाएं
अथण क
े साथ पढ़ें
ऐसे छोटे वाक्य जो
उम्र क
े अनुसार लकसी
अज्ञात पाठ का भाग
हो लजसमें चार-पांच
सरि शब्द हों
बािवालटका
• अक्षरों और संगत
ध्वलनयों को पहचानना
• कम से कम दो अक्षर
वािे सरि शब्दों को
पढ़ना
• 10 तक क
े अंकों को
पहचानना और पढ़ना
• एक क्रम में घटनाओं की
संख्या/वस्तुओं/आक
ृ लतयों/
घटनाओं को व्यवखथथत
करना
14
U-DISE आँकड़ों के अनुसार - 2019-20 में प्राथमिक कक्षाओं मे पढ़ने वाले बच्चों के कुल संख्या - 12 करोड़
चारों कौशलों को संक्षिप्त में समझाएं, जैसे कि - मौखिक भाषा-आम बोलचाल, सोच-विचार, चिंतन के लिए भाषा का उपयोग, ध्वनि जागरूकता यानि वर्णों-अक्षरों को उनकी ध्वनि से पहचानना, इन्हें जोड़ कर शब्द बना पाना, पठन - प्रवाहपूर्ण रूप से पाठ को पढ़कर समझना, उससे जुड़ा विश्लेषण करना, अनुमान लगाना, आदि , लेखन - अपनी बात, जैसे कि किसी अनुभव, विचार को चित्रों, शब्दों, वाक्यों में लिख पाना
कौशलों को संक्षिप्त में समझाएं, विवरण के लिए सत्र योजना देखें ।
कौशलों को संक्षिप्त में समझाएं, विवरण के लिए सत्र योजना देखें । गणितीय संप्रेषण पर बात करते हुए इस पर भी ध्यान दें कि गणित की समझ बनाने के लिए भी बच्चों के घर की भाषा का उपयोग ज़रूरी है । बच्चों की शब्दावली का उपयोग करते हुए, उन्हें सोचने और तर्क करने के मौके देना और धीरे-धीरे गणित की शब्दावली से परिचित कराना ज़रूरी है ।