NCF 2005
national curriculum framework 2005
राष्ट्ट्रीय पाठ्यचयाड रुपरेखा 2005
एनसीएफ 2005 का विकास
मार्गदर्शी सिद्धान्त Guiding Principles
प्रमुख सुझाव Key suggestions
1. ज्ञान को स्कूल के बाहरी जीवन से जोड़ा जाए।
2. पढाई को रटन्त प्रणाली से मुक्त किया जाए।
3. पाठ्यचर्या पाठ्यपुस्तक केन्द्रित न रह जाए।
4. कक्षाकक्ष को गतिविधियों से जोड़ना ।
5. राष्ट्रीय मूल्यों के प्रति आस्थावान विद्यार्थी तैयार हो।
6.परीक्षा को अधिक लचीला बनाना ।
NCF 2005
national curriculum framework 2005
राष्ट्ट्रीय पाठ्यचयाड रुपरेखा 2005
एनसीएफ 2005 का विकास
मार्गदर्शी सिद्धान्त Guiding Principles
प्रमुख सुझाव Key suggestions
1. ज्ञान को स्कूल के बाहरी जीवन से जोड़ा जाए।
2. पढाई को रटन्त प्रणाली से मुक्त किया जाए।
3. पाठ्यचर्या पाठ्यपुस्तक केन्द्रित न रह जाए।
4. कक्षाकक्ष को गतिविधियों से जोड़ना ।
5. राष्ट्रीय मूल्यों के प्रति आस्थावान विद्यार्थी तैयार हो।
6.परीक्षा को अधिक लचीला बनाना ।
This presentation contains :-
1.Growth
2. Development
3. Growth in hindi
4. Development on hindi
5. Factors affecting growth and development
6. child health nursing
Grammar is an inevitable part of a language.Without teaching and learning grammar we cannot achieve an effective language capacity.This Presentation includes the importance, aims,objectives and methods of teaching grammar in Hindi.
This presentation contains :-
1.Growth
2. Development
3. Growth in hindi
4. Development on hindi
5. Factors affecting growth and development
6. child health nursing
Grammar is an inevitable part of a language.Without teaching and learning grammar we cannot achieve an effective language capacity.This Presentation includes the importance, aims,objectives and methods of teaching grammar in Hindi.
अनुवाद के क्षेत्र कहाँ कहाँ है ......... अनुवाद की कहाँ कहाँ आवश्यकता है ।
आशुतोष कुमार विश्वकर्मा
एम.फिल( अनुवाद अध्ययन)
महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय
वर्धा , महाराष्ट्र
अधिकतर लोग ये तक नहीं जानते की वो ज़िन्दगी में खुद से चाहते क्या है और अगर जानते भी है तो उस लक्ष्य तक पहुचने का पहला नियम ही नहीं पता होता, तो क्या आप जानते है की वो नियम क्या है ?
Hindi translation of the report: Challenges to Journalism in Bastar
A Report by the Fact Finding Team of the Editors Guild of India
बस्तर में पत्रकारिता के समक्ष चुनौतियां
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के एक तथ्यान्वेषी दल की रिपोर्ट
आम्ही सर्वच माध्यमवाल्यांनी नामस्मरणाचा अत्यंत आस्थेने अभ्यास, अगत्यपूर्वक अंगिकार आणि जीव तोडून प्रसार केला पाहिजे ह्याची खोलवर आणि तीव्र जाणीव झाली आणि त्यातच आमचे आणि सर्वांचे भले आहे ह्याबद्दल खात्री झाली!!
Definition menaning and scope of communication and Language Ambuj Kushawaha
Definition,Meaning, and Scope of communication.
Human and Animal Communication
Human Communicaton (Lingustic and Non-Lingustic)
Definition, Meaning, and Scope of Language
Structure, Characteristics, and Funcation of Language
Innateness of Languge
(Hind and English)
2. सम्प्रेषण क्या ?
• ‘सम्प्रेषण’ यानि communication की उत्पत्ति ------
लैटिि भाषा के communis एवं communicare
से हुई है |
विचारणीय-------
सम्प्रेषण में आखिर होता क्या है?
सम्प्रेषण का महत्व क्या है?
सम्प्रेषण में भी रभावी सम्प्रेषण की क्या भूममका
होती है?
हमारे शैक्षिक व्ययवस्था में रभावी सम्प्रेषण की क्या
जरुरत है?
3. सम्प्रेषण ------------
तो सम्प्रेषण अन्तर्गत -----
ककसी सूचिा/ज्ञाि/आदेश व त्तवचारों संचरण होता है |
कोई स्रोत से श्रोता तक ककसी माध्यम द्वारा त्तवचारों
का आदाि-रदाि होता है|
कई संघिक होते हैं|
मसर्ग सम्प्रेषण ही िहीं बल्कक रभावी सम्प्रेषण की
आवश्यकता होती है |
अपिे शैक्षिक व्यवस्था में रभावी सम्प्रेषण की ही
आवश्यकता होती है |
4. सम्प्रेषण की पररभाषा
• “ यह ककसी सूचिा/ज्ञाि से अवर्त करािे की
रकिया है जो ककसी स्रोत एवं श्रोता(राप्तकताग)के
बीच संवाद को सही ढंर् से समझिे/समझािे के
मलए होती है|”
• “यह मािव के त्तवचार एवं अमभवृत्ति को रभात्तवत
करिे का एक जररया है जो--
ज्ञाि/त्तवचार/संवेदिा/अथगपूणग संदेशों को लोर्ों के बीच
रिता है|”
• “यह एक कौशल है ल्जसके द्वारा समस्त मािवीय
व्यहवार सम्प्पाटदत होते हैं|”
5. सम्प्रेषण के संघटक(components)
• ककसी सम्प्रेषण के मलए आवश्यक घिक हैं-----
स्रोत(source) , संिाद(message) ,राप्तकताा(receiver)
परन्तु,रभािी सम्प्रेषण हेतु जरुरी 5 संघटक होते हैं ---
--
1. स्रोत (Source). ,2. संिाद (message). , 3. माध्यम
(channel), 4. राप्तकताा (receiver), 5. रततपुष्टट
(feedback)
6. शैक्षिक व्यवस्था में सम्प्रेषण ककस रकार
• स्रोत रूप में -----------मशिक.
• श्रोता रूप में -----------त्तवद्याथी .
• माध्यम/चैिल रूप में -सभी
औपचाररक/अिौपचाररक माध्यम
• संवाद रूप में ---रेत्तषत त्तवषयवस्तु/सलाह/त्तवचार
• रनतपुल्टि रूप में --------संवाद शुरू और अन्त
में संवादकताग एवं राप्तकताग में सहमनत की
पुल्टि या जवावी संचार .
7. शैक्षिक रशासन में सम्प्बन्ध ककनके -ककनके बीच
• रबन्धक/नियन्रक का सम्प्बन्ध कमगचारी से
• मशिा त्तवभार् का अन्य सम्प्बंधधत त्तवभार् से
• त्तवद्याथी का रबंधि से /रधाि से
• मशिक/संकाय सदस्य का अपिे ही सहयोधर्यों
से
• त्तवद्यालय/संस्थािों के सदस्यों का समुदाय से
8. रभावी सम्प्रेषण की आवश्यकता
• सम्प्रेषण सुचारू हेतु योजिा की आवश्यकता
• उपयुक्त संवाद चयि की आवश्यकता
• बबिा पूवागग्रह के सम्प्रेषण की आवश्यकता
• दुसरों को सावधािी से सुििे की आवश्यकता
• उधचत भाषा-रवाह की आवश्यकता
• रनतपुल्टि पर ध्याि देिे की आवश्यकता
• रचुर जािकारी के संवाद रेषण
• संचार िेिवकग से बेहतर जुड़ाव की आवश्यकता
10. सम्प्रेषण की रकिया
(Process of communication)
1. LEVELS OF COMMUNICATION
(संरेषण स्तर)
तनम्प्न 6 स्तर होते हैं ----------
VERBAL LEVEL(शाष्ददक सम्प्रेषण स्तर)
NONVERBAL LEVEL(अशाष्ददक सम्प्रेषण स्तर)
INTERPERSONAL(अन्तिैष्क्तक सम्प्रेषण स्तर)
INTRAPERSONAL(अन्तरािैयष्क्तक सम्प्रेषण स्तर)
PUBLIC COMMUNICATION(जनता सम्प्रेषण )
MASS COMMUNICATION(जन समूह सम्प्रेषण )
11. अथग /MEANING
• सम्प्रेषण के शाल्ददक स्तर पर के संवाद रेषण में
ककसी शदद रतीकों या शददों को बोलकर उपयोर् में
लाया जाता है |यानि कक शदद रतीक को बोलकर या
मलिकर सम्प्रेषण में उपयोर् ककया जाता है जो कई
जर्हों पर अलर्-अलर् रूप में इस्तेमाल ककया जा
सकता है(ARBITRARY NATURE) जैसे—कहीं बुक/BOOK
तो कहीं ककताब या पुस्तक आटद |
• अशाल्ददक सम्प्रेषण में सम्प्रेषण शारीररक हाव-
भाव/भाव-भंधर्मा/िेर संपकग के द्वारा बबिा बोले ही
संरेषण हो जाता है|
12. जारी----------
• जब कोई व्यल्क्त स्वयं से ही वाताग करता हो जैसे कक ककसी धचन्ता
में या अत्यंत रसन्िता में,तो ऐसा सम्प्रेषण INTRAPERSONAL कहा
जाता है|
• सामान्यतः ल्जस सम्प्रेषण में कोई एक ककसी अन्य से संवाद
आदाि-रदाि करता हो ,तो ऐसा सम्प्रेषण INTERPERSONAL कहा
जाता है|
• जब संवादकताग अपिी बातों को ककसी बड़े समूह के बीच रिकर
सम्प्रेषण करता हो,ऐसा सम्प्रेषण जि सम्प्रेषण कहा जाता है |जैसे-
िेता जी का भाषण,त्तवभार्ीय रवक्ता द्वारा कोई जि घोषणा आटद
• जब कोई संरेषण इस रकार का हो कक एक ही समय में एक वृहत
जि समूह तक बातें पहुुँच जाये जैसे कक-
TV,रेडियो,कर्कम,अख़बार,पबरका,जिगल,ICT समधथगत सभी संचार
सामग्री के द्वारा हुआ सम्प्रेषण,तो इस तरह का सम्प्रेषण MASS
COMMUNICATION कहा जाता है |
13. 1.LEVELS OF COMMUNICATION
VERBAL(शाब्दिक )
• शाल्ददक(VERBAL) के भी दो रकार होते हैं---------
ORAL (मौखिक)
WRITTEN (मलखित)
ORAL
यह दो पिों के बीच आमने-सामने होता है
मुुँह से बोलने के अततररक्त यांत्रिक संयंि के सहारे
भी होता है जैसे ---टेलीफोन,सेलफोन,कं प्यूटर,विडियो
कांफ्रें मसंग,
इसके दो पहलू होते हैं—सुनना ि रस्तुतत ( listening
and presenting)
14. Mode of verbal (ORAL)communication
• शाल्ददक सम्प्रेषण(मौखिक)को निम्प्ि तरीकों से
संरेत्तषत करते हैं-----
एक सामान्य बात-चीत (dialect/discourse)
मौखिक आदेश (oral order)
सािात्कार (interview)
समूह चचाग (group discussion)
तकिकी संयंरों के द्वारा ( through technical -
device)eg.-स्मािगर्ोि,इन्िरिेि,इण्िरकॉम,
15. Advantages
& Disadvantages
of verbal (ORAL)communication
Advantages of oral verbal com(मौखिक शाल्ददक
सम्प्रेषण की िूबबयाुँ)------
कम िचीला
स्वाभात्तवक मािवीय रकृ नत
बोलिे के हाव-भाव से अथग स्पटिता अधधक
कोई िास योजिा के बबिा भी सम्प्पाटदत
इसमें अशाल्ददक संरेषण भी शाममल हो जाता है
पररचचाग/वाद-त्तववाद हेतु अनिवायग
सन्देश राप्तकताग के मलए सहज होता है
तकिीकी संयरों के इस्तेमाल हेतु उपयुक्त
16. त्तपछला जारी-----
• Disadvantages of oral verbal comm.---------
दूर वाले व्यल्क्त हेतु टदक्कत
तकिीकी संयंर द्वारा रुकावि से टदक्कतें,
तकिीकी संयंर त्तवश्वसिीय िहीं हो सकते
,जब-तक audio-video record िहीीँ रिा जाये
मौखिक सम्प्रेषि में संवादकताग संवाद को
ध्याि से िहीं लेता है व िासकर सािात्कार
में हिबिा सा जाता है
17. Verbal(written) communication
शाल्ददक (मलखित )संरेषण
• Mode of verbal (WRITTEN)communication-----
Any letter (कोई पि )
reminder (स्मारपि )
report (रततिेदन )
bulletin ( बुलेटटन )
book/magazine/journa(ककताब/पत्रिका/शोधपि)
manual (संदमशाका )
Hand notes (हस्तपुष्स्तका)
E.mail/ई.मेल ,सोशल मीडिया
18. Advantages
& Disadvantages
of verbal (WRITTEN) communication
• Advantages of verbal written comm.(मौखिक मलखित
सम्प्रेषण की िूबबयाुँ)------
दूर अवल्स्थत सन्देश राप्तकताग हेतु उिम जररया
ज्यादा ल्जम्प्मेवारी सौपिे वाला जररया
आदेश निर्गत एवं उसके र्ै लाव का जररया
रमाखणत/त्तवश्वशिीय (ररकॉिग संधारण)का जररया
आधुनिक माध्यम द्वारा र्ोपिीय सूचिा संधारण में
मददर्ार
अमभव्यल्क्त को बेखझझक रकिीकरण का अच्छा जररया
19. त्तपछला जारी ---------
• Disadvantages of written verbal comm.---------
िचीला है
ज्यादा समय लेिे वाला है
अथग समझिे में टदक्कत हो सकती है (यटद drafting
र्लत हो )
20. शाष्ददक सम्प्रेषण रभािी कै से हो ?(How the
verbal communication be effective?)
KISS factor (keep it short and simple)यातन कक
सम्प्रेषण में सरलता व संक्षिप्तता का ध्याि हो |
त्तवषयवस्तु स्प्टि हो |
भाषायी शुद्धता का पूरा ख्याल हो |
ज्यादा लच्छेदार व ल्क्लटि ि हो
िमबद्ध होिा चाटहए |
श्रोता/पाठक को अच्छा लर्े |
उधचत रवाह के साथ सम्प्रेषण होता हो|
चैिल /माध्यम अच्छा हो |
उधचत िेिवकग का टहस्सा हो|
21. Difference between ORAL & WRITTEN
Verbal communication
ORAL
बोलकर होता है
कम समय लर्ता है
संक्षिप्त /असंक्षिप्त दोिों (रायः
बड़ा ही )
रायः INFORMAL ही परन्तु,र्ॉमगल
भी होता है
सामान्यतः हककापि रहता है
कोई भी अपिे संवाद से मुकर
सकता है यटद ररकॉडििंर् ि हो
इसे अत्तवश्वसिीय मि जाता है
संवाद का भाव/अथग रायः टदि
जाता है
WRITTEN
मलिकर होता है
ज्यादा समय लर्ता है
यथासम्प्भव संक्षिप्त रििे का
रयास होता है
रायः FORMAL रकृ नत का होता
है
इसमें र्ंभीरता होती है
मलखित अपिे-आप में एक
रमाण ही होता है
इसे त्तवश्वसिीय मिा जाता है
कभी-कभी भाव अस्पटि रह
जाते हैं
22. NONVERBAL/GESTURAL COMMUNICATION
अशाष्ददक/शारीररक हाि-भाि िाला सम्प्रेषण
• सम्प्रेषण जो शारीररक हाव-भाव/भंधर्मा
/रतीकों/संके तों के आधार पर होता हो
• यह शाल्ददक सम्प्रेषण का न्युन्शेष पूरा करिे वाला
(SUPPLEMENT)होता है
• भाव,अमभवृत्ति,संवेर्,आटद के परििे में सहायक है
• यह अमभरेरणा हेतु मददर्ार है
• हाथ ममलािा,र्ले लर्ा लेिा,मुस्कु रा कर/र्ुस्सा रकि
का भाव चेहरे पे लािा,िजरे ममलािा,शरीर
घूमिा,बुदबुदािा,आटद |
23. TYPES OF GESTURES
• Enumerative gesture(संख्या रतीक शारीररक
हाव-भाव)----जैसे दो या तीि हेतु अंर्ुली संके त
• Descriptive gesture (त्तववरणात्मक शारीररक हाव-
भाव)----जैसे मारा टदिािे हेतु चुिकी से बतािा
आटद
• Symbolic gesture (सांके नतक शारीररक हाव-भाव)----
जैसे v त्तवजय धचन्ह हेतु,ट्रैकर्क मसग्िल
• Locative gesture (निधागररत शारीररक हाव-भाव)
• Emphatic gesture (जोर देिेवाला शारीररक हाव-भाव)-
---ककसी पर िास रूप से इंधर्त करिा जैसे िक़्शे
पर पॉइंिर से भूकं प रभात्तवत िेर को बतािा