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Introduction to
CommunicationPrepared by----------
Sanjeev kumar.
M.Sc.(Physics ,MU ),M.Ed.(Punjab univ.)
NET(Education) qualified.
Faculty of Education
Govt.college of Teacher Education,
Turki(Muzaffarpur)
सम्प्रेषण क्या ?
• ‘सम्प्रेषण’ यानि communication की उत्पत्ति ------
लैटिि भाषा के communis एवं communicare
से हुई है |
विचारणीय-------
सम्प्रेषण में आखिर होता क्या है?
 सम्प्रेषण का महत्व क्या है?
सम्प्रेषण में भी रभावी सम्प्रेषण की क्या भूममका
होती है?
हमारे शैक्षिक व्ययवस्था में रभावी सम्प्रेषण की क्या
जरुरत है?
सम्प्रेषण ------------
तो सम्प्रेषण अन्तर्गत -----
ककसी सूचिा/ज्ञाि/आदेश व त्तवचारों संचरण होता है |
कोई स्रोत से श्रोता तक ककसी माध्यम द्वारा त्तवचारों
का आदाि-रदाि होता है|
कई संघिक होते हैं|
मसर्ग सम्प्रेषण ही िहीं बल्कक रभावी सम्प्रेषण की
आवश्यकता होती है |
अपिे शैक्षिक व्यवस्था में रभावी सम्प्रेषण की ही
आवश्यकता होती है |
सम्प्रेषण की पररभाषा
• “ यह ककसी सूचिा/ज्ञाि से अवर्त करािे की
रकिया है जो ककसी स्रोत एवं श्रोता(राप्तकताग)के
बीच संवाद को सही ढंर् से समझिे/समझािे के
मलए होती है|”
• “यह मािव के त्तवचार एवं अमभवृत्ति को रभात्तवत
करिे का एक जररया है जो--
ज्ञाि/त्तवचार/संवेदिा/अथगपूणग संदेशों को लोर्ों के बीच
रिता है|”
• “यह एक कौशल है ल्जसके द्वारा समस्त मािवीय
व्यहवार सम्प्पाटदत होते हैं|”
सम्प्रेषण के संघटक(components)
• ककसी सम्प्रेषण के मलए आवश्यक घिक हैं-----
स्रोत(source) , संिाद(message) ,राप्तकताा(receiver)
परन्तु,रभािी सम्प्रेषण हेतु जरुरी 5 संघटक होते हैं ---
--
1. स्रोत (Source). ,2. संिाद (message). , 3. माध्यम
(channel), 4. राप्तकताा (receiver), 5. रततपुष्टट
(feedback)
शैक्षिक व्यवस्था में सम्प्रेषण ककस रकार
• स्रोत रूप में -----------मशिक.
• श्रोता रूप में -----------त्तवद्याथी .
• माध्यम/चैिल रूप में -सभी
औपचाररक/अिौपचाररक माध्यम
• संवाद रूप में ---रेत्तषत त्तवषयवस्तु/सलाह/त्तवचार
• रनतपुल्टि रूप में --------संवाद शुरू और अन्त
में संवादकताग एवं राप्तकताग में सहमनत की
पुल्टि या जवावी संचार .
शैक्षिक रशासन में सम्प्बन्ध ककनके -ककनके बीच
• रबन्धक/नियन्रक का सम्प्बन्ध कमगचारी से
• मशिा त्तवभार् का अन्य सम्प्बंधधत त्तवभार् से
• त्तवद्याथी का रबंधि से /रधाि से
• मशिक/संकाय सदस्य का अपिे ही सहयोधर्यों
से
• त्तवद्यालय/संस्थािों के सदस्यों का समुदाय से
रभावी सम्प्रेषण की आवश्यकता
• सम्प्रेषण सुचारू हेतु योजिा की आवश्यकता
• उपयुक्त संवाद चयि की आवश्यकता
• बबिा पूवागग्रह के सम्प्रेषण की आवश्यकता
• दुसरों को सावधािी से सुििे की आवश्यकता
• उधचत भाषा-रवाह की आवश्यकता
• रनतपुल्टि पर ध्याि देिे की आवश्यकता
• रचुर जािकारी के संवाद रेषण
• संचार िेिवकग से बेहतर जुड़ाव की आवश्यकता
सम्प्रेषण की रकिया में शाममल
• 1.सम्प्रेषण रकिया हेतु सम्प्रेषण-
स्तर(communication level)
• 2.सम्प्रेषण-रवाह (communication flow)
• 3.भाषा रयोर् (use of language)
• 4.सम्प्रेषण िेिवकग (communication network )
• 5.तकिीकी उपार्म (technical approach)
सम्प्रेषण की रकिया
(Process of communication)
1. LEVELS OF COMMUNICATION
(संरेषण स्तर)
तनम्प्न 6 स्तर होते हैं ----------
VERBAL LEVEL(शाष्ददक सम्प्रेषण स्तर)
NONVERBAL LEVEL(अशाष्ददक सम्प्रेषण स्तर)
INTERPERSONAL(अन्तिैष्क्तक सम्प्रेषण स्तर)
INTRAPERSONAL(अन्तरािैयष्क्तक सम्प्रेषण स्तर)
PUBLIC COMMUNICATION(जनता सम्प्रेषण )
MASS COMMUNICATION(जन समूह सम्प्रेषण )
अथग /MEANING
• सम्प्रेषण के शाल्ददक स्तर पर के संवाद रेषण में
ककसी शदद रतीकों या शददों को बोलकर उपयोर् में
लाया जाता है |यानि कक शदद रतीक को बोलकर या
मलिकर सम्प्रेषण में उपयोर् ककया जाता है जो कई
जर्हों पर अलर्-अलर् रूप में इस्तेमाल ककया जा
सकता है(ARBITRARY NATURE) जैसे—कहीं बुक/BOOK
तो कहीं ककताब या पुस्तक आटद |
• अशाल्ददक सम्प्रेषण में सम्प्रेषण शारीररक हाव-
भाव/भाव-भंधर्मा/िेर संपकग के द्वारा बबिा बोले ही
संरेषण हो जाता है|
जारी----------
• जब कोई व्यल्क्त स्वयं से ही वाताग करता हो जैसे कक ककसी धचन्ता
में या अत्यंत रसन्िता में,तो ऐसा सम्प्रेषण INTRAPERSONAL कहा
जाता है|
• सामान्यतः ल्जस सम्प्रेषण में कोई एक ककसी अन्य से संवाद
आदाि-रदाि करता हो ,तो ऐसा सम्प्रेषण INTERPERSONAL कहा
जाता है|
• जब संवादकताग अपिी बातों को ककसी बड़े समूह के बीच रिकर
सम्प्रेषण करता हो,ऐसा सम्प्रेषण जि सम्प्रेषण कहा जाता है |जैसे-
िेता जी का भाषण,त्तवभार्ीय रवक्ता द्वारा कोई जि घोषणा आटद
• जब कोई संरेषण इस रकार का हो कक एक ही समय में एक वृहत
जि समूह तक बातें पहुुँच जाये जैसे कक-
TV,रेडियो,कर्कम,अख़बार,पबरका,जिगल,ICT समधथगत सभी संचार
सामग्री के द्वारा हुआ सम्प्रेषण,तो इस तरह का सम्प्रेषण MASS
COMMUNICATION कहा जाता है |
1.LEVELS OF COMMUNICATION
VERBAL(शाब्दिक )
• शाल्ददक(VERBAL) के भी दो रकार होते हैं---------
 ORAL (मौखिक)
 WRITTEN (मलखित)
ORAL
यह दो पिों के बीच आमने-सामने होता है
मुुँह से बोलने के अततररक्त यांत्रिक संयंि के सहारे
भी होता है जैसे ---टेलीफोन,सेलफोन,कं प्यूटर,विडियो
कांफ्रें मसंग,
इसके दो पहलू होते हैं—सुनना ि रस्तुतत ( listening
and presenting)
Mode of verbal (ORAL)communication
• शाल्ददक सम्प्रेषण(मौखिक)को निम्प्ि तरीकों से
संरेत्तषत करते हैं-----
 एक सामान्य बात-चीत (dialect/discourse)
 मौखिक आदेश (oral order)
 सािात्कार (interview)
 समूह चचाग (group discussion)
 तकिकी संयंरों के द्वारा ( through technical -
device)eg.-स्मािगर्ोि,इन्िरिेि,इण्िरकॉम,
Advantages
& Disadvantages
of verbal (ORAL)communication
Advantages of oral verbal com(मौखिक शाल्ददक
सम्प्रेषण की िूबबयाुँ)------
कम िचीला
स्वाभात्तवक मािवीय रकृ नत
बोलिे के हाव-भाव से अथग स्पटिता अधधक
कोई िास योजिा के बबिा भी सम्प्पाटदत
इसमें अशाल्ददक संरेषण भी शाममल हो जाता है
पररचचाग/वाद-त्तववाद हेतु अनिवायग
सन्देश राप्तकताग के मलए सहज होता है
तकिीकी संयरों के इस्तेमाल हेतु उपयुक्त
त्तपछला जारी-----
• Disadvantages of oral verbal comm.---------
दूर वाले व्यल्क्त हेतु टदक्कत
तकिीकी संयंर द्वारा रुकावि से टदक्कतें,
 तकिीकी संयंर त्तवश्वसिीय िहीं हो सकते
,जब-तक audio-video record िहीीँ रिा जाये
 मौखिक सम्प्रेषि में संवादकताग संवाद को
ध्याि से िहीं लेता है व िासकर सािात्कार
में हिबिा सा जाता है
Verbal(written) communication
शाल्ददक (मलखित )संरेषण
• Mode of verbal (WRITTEN)communication-----
 Any letter (कोई पि )
 reminder (स्मारपि )
 report (रततिेदन )
 bulletin ( बुलेटटन )
 book/magazine/journa(ककताब/पत्रिका/शोधपि)
 manual (संदमशाका )
 Hand notes (हस्तपुष्स्तका)
 E.mail/ई.मेल ,सोशल मीडिया
Advantages
& Disadvantages
of verbal (WRITTEN) communication
• Advantages of verbal written comm.(मौखिक मलखित
सम्प्रेषण की िूबबयाुँ)------
 दूर अवल्स्थत सन्देश राप्तकताग हेतु उिम जररया
 ज्यादा ल्जम्प्मेवारी सौपिे वाला जररया
आदेश निर्गत एवं उसके र्ै लाव का जररया
रमाखणत/त्तवश्वशिीय (ररकॉिग संधारण)का जररया
आधुनिक माध्यम द्वारा र्ोपिीय सूचिा संधारण में
मददर्ार
अमभव्यल्क्त को बेखझझक रकिीकरण का अच्छा जररया
त्तपछला जारी ---------
• Disadvantages of written verbal comm.---------
 िचीला है
ज्यादा समय लेिे वाला है
अथग समझिे में टदक्कत हो सकती है (यटद drafting
र्लत हो )
शाष्ददक सम्प्रेषण रभािी कै से हो ?(How the
verbal communication be effective?)
 KISS factor (keep it short and simple)यातन कक
सम्प्रेषण में सरलता व संक्षिप्तता का ध्याि हो |
त्तवषयवस्तु स्प्टि हो |
भाषायी शुद्धता का पूरा ख्याल हो |
ज्यादा लच्छेदार व ल्क्लटि ि हो 
िमबद्ध होिा चाटहए |
श्रोता/पाठक को अच्छा लर्े |
उधचत रवाह के साथ सम्प्रेषण होता हो|
चैिल /माध्यम अच्छा हो |
उधचत िेिवकग का टहस्सा हो|
Difference between ORAL & WRITTEN
Verbal communication
ORAL
 बोलकर होता है
 कम समय लर्ता है
 संक्षिप्त /असंक्षिप्त दोिों (रायः
बड़ा ही )
 रायः INFORMAL ही परन्तु,र्ॉमगल
भी होता है
 सामान्यतः हककापि रहता है
 कोई भी अपिे संवाद से मुकर
सकता है यटद ररकॉडििंर् ि हो
 इसे अत्तवश्वसिीय मि जाता है
 संवाद का भाव/अथग रायः टदि
जाता है
WRITTEN
 मलिकर होता है
 ज्यादा समय लर्ता है
 यथासम्प्भव संक्षिप्त रििे का
रयास होता है
 रायः FORMAL रकृ नत का होता
है
 इसमें र्ंभीरता होती है
 मलखित अपिे-आप में एक
रमाण ही होता है
 इसे त्तवश्वसिीय मिा जाता है
 कभी-कभी भाव अस्पटि रह
जाते हैं
NONVERBAL/GESTURAL COMMUNICATION
अशाष्ददक/शारीररक हाि-भाि िाला सम्प्रेषण
• सम्प्रेषण जो शारीररक हाव-भाव/भंधर्मा
/रतीकों/संके तों के आधार पर होता हो
• यह शाल्ददक सम्प्रेषण का न्युन्शेष पूरा करिे वाला
(SUPPLEMENT)होता है
• भाव,अमभवृत्ति,संवेर्,आटद के परििे में सहायक है
• यह अमभरेरणा हेतु मददर्ार है
• हाथ ममलािा,र्ले लर्ा लेिा,मुस्कु रा कर/र्ुस्सा रकि
का भाव चेहरे पे लािा,िजरे ममलािा,शरीर
घूमिा,बुदबुदािा,आटद |
TYPES OF GESTURES
• Enumerative gesture(संख्या रतीक शारीररक
हाव-भाव)----जैसे दो या तीि हेतु अंर्ुली संके त
• Descriptive gesture (त्तववरणात्मक शारीररक हाव-
भाव)----जैसे मारा टदिािे हेतु चुिकी से बतािा
आटद
• Symbolic gesture (सांके नतक शारीररक हाव-भाव)----
जैसे v त्तवजय धचन्ह हेतु,ट्रैकर्क मसग्िल
• Locative gesture (निधागररत शारीररक हाव-भाव)
• Emphatic gesture (जोर देिेवाला शारीररक हाव-भाव)-
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सम्प्रेषण ,प्रभावी सम्प्रेषण की आवश्यकता

  • 1. Introduction to CommunicationPrepared by---------- Sanjeev kumar. M.Sc.(Physics ,MU ),M.Ed.(Punjab univ.) NET(Education) qualified. Faculty of Education Govt.college of Teacher Education, Turki(Muzaffarpur)
  • 2. सम्प्रेषण क्या ? • ‘सम्प्रेषण’ यानि communication की उत्पत्ति ------ लैटिि भाषा के communis एवं communicare से हुई है | विचारणीय------- सम्प्रेषण में आखिर होता क्या है?  सम्प्रेषण का महत्व क्या है? सम्प्रेषण में भी रभावी सम्प्रेषण की क्या भूममका होती है? हमारे शैक्षिक व्ययवस्था में रभावी सम्प्रेषण की क्या जरुरत है?
  • 3. सम्प्रेषण ------------ तो सम्प्रेषण अन्तर्गत ----- ककसी सूचिा/ज्ञाि/आदेश व त्तवचारों संचरण होता है | कोई स्रोत से श्रोता तक ककसी माध्यम द्वारा त्तवचारों का आदाि-रदाि होता है| कई संघिक होते हैं| मसर्ग सम्प्रेषण ही िहीं बल्कक रभावी सम्प्रेषण की आवश्यकता होती है | अपिे शैक्षिक व्यवस्था में रभावी सम्प्रेषण की ही आवश्यकता होती है |
  • 4. सम्प्रेषण की पररभाषा • “ यह ककसी सूचिा/ज्ञाि से अवर्त करािे की रकिया है जो ककसी स्रोत एवं श्रोता(राप्तकताग)के बीच संवाद को सही ढंर् से समझिे/समझािे के मलए होती है|” • “यह मािव के त्तवचार एवं अमभवृत्ति को रभात्तवत करिे का एक जररया है जो-- ज्ञाि/त्तवचार/संवेदिा/अथगपूणग संदेशों को लोर्ों के बीच रिता है|” • “यह एक कौशल है ल्जसके द्वारा समस्त मािवीय व्यहवार सम्प्पाटदत होते हैं|”
  • 5. सम्प्रेषण के संघटक(components) • ककसी सम्प्रेषण के मलए आवश्यक घिक हैं----- स्रोत(source) , संिाद(message) ,राप्तकताा(receiver) परन्तु,रभािी सम्प्रेषण हेतु जरुरी 5 संघटक होते हैं --- -- 1. स्रोत (Source). ,2. संिाद (message). , 3. माध्यम (channel), 4. राप्तकताा (receiver), 5. रततपुष्टट (feedback)
  • 6. शैक्षिक व्यवस्था में सम्प्रेषण ककस रकार • स्रोत रूप में -----------मशिक. • श्रोता रूप में -----------त्तवद्याथी . • माध्यम/चैिल रूप में -सभी औपचाररक/अिौपचाररक माध्यम • संवाद रूप में ---रेत्तषत त्तवषयवस्तु/सलाह/त्तवचार • रनतपुल्टि रूप में --------संवाद शुरू और अन्त में संवादकताग एवं राप्तकताग में सहमनत की पुल्टि या जवावी संचार .
  • 7. शैक्षिक रशासन में सम्प्बन्ध ककनके -ककनके बीच • रबन्धक/नियन्रक का सम्प्बन्ध कमगचारी से • मशिा त्तवभार् का अन्य सम्प्बंधधत त्तवभार् से • त्तवद्याथी का रबंधि से /रधाि से • मशिक/संकाय सदस्य का अपिे ही सहयोधर्यों से • त्तवद्यालय/संस्थािों के सदस्यों का समुदाय से
  • 8. रभावी सम्प्रेषण की आवश्यकता • सम्प्रेषण सुचारू हेतु योजिा की आवश्यकता • उपयुक्त संवाद चयि की आवश्यकता • बबिा पूवागग्रह के सम्प्रेषण की आवश्यकता • दुसरों को सावधािी से सुििे की आवश्यकता • उधचत भाषा-रवाह की आवश्यकता • रनतपुल्टि पर ध्याि देिे की आवश्यकता • रचुर जािकारी के संवाद रेषण • संचार िेिवकग से बेहतर जुड़ाव की आवश्यकता
  • 9. सम्प्रेषण की रकिया में शाममल • 1.सम्प्रेषण रकिया हेतु सम्प्रेषण- स्तर(communication level) • 2.सम्प्रेषण-रवाह (communication flow) • 3.भाषा रयोर् (use of language) • 4.सम्प्रेषण िेिवकग (communication network ) • 5.तकिीकी उपार्म (technical approach)
  • 10. सम्प्रेषण की रकिया (Process of communication) 1. LEVELS OF COMMUNICATION (संरेषण स्तर) तनम्प्न 6 स्तर होते हैं ---------- VERBAL LEVEL(शाष्ददक सम्प्रेषण स्तर) NONVERBAL LEVEL(अशाष्ददक सम्प्रेषण स्तर) INTERPERSONAL(अन्तिैष्क्तक सम्प्रेषण स्तर) INTRAPERSONAL(अन्तरािैयष्क्तक सम्प्रेषण स्तर) PUBLIC COMMUNICATION(जनता सम्प्रेषण ) MASS COMMUNICATION(जन समूह सम्प्रेषण )
  • 11. अथग /MEANING • सम्प्रेषण के शाल्ददक स्तर पर के संवाद रेषण में ककसी शदद रतीकों या शददों को बोलकर उपयोर् में लाया जाता है |यानि कक शदद रतीक को बोलकर या मलिकर सम्प्रेषण में उपयोर् ककया जाता है जो कई जर्हों पर अलर्-अलर् रूप में इस्तेमाल ककया जा सकता है(ARBITRARY NATURE) जैसे—कहीं बुक/BOOK तो कहीं ककताब या पुस्तक आटद | • अशाल्ददक सम्प्रेषण में सम्प्रेषण शारीररक हाव- भाव/भाव-भंधर्मा/िेर संपकग के द्वारा बबिा बोले ही संरेषण हो जाता है|
  • 12. जारी---------- • जब कोई व्यल्क्त स्वयं से ही वाताग करता हो जैसे कक ककसी धचन्ता में या अत्यंत रसन्िता में,तो ऐसा सम्प्रेषण INTRAPERSONAL कहा जाता है| • सामान्यतः ल्जस सम्प्रेषण में कोई एक ककसी अन्य से संवाद आदाि-रदाि करता हो ,तो ऐसा सम्प्रेषण INTERPERSONAL कहा जाता है| • जब संवादकताग अपिी बातों को ककसी बड़े समूह के बीच रिकर सम्प्रेषण करता हो,ऐसा सम्प्रेषण जि सम्प्रेषण कहा जाता है |जैसे- िेता जी का भाषण,त्तवभार्ीय रवक्ता द्वारा कोई जि घोषणा आटद • जब कोई संरेषण इस रकार का हो कक एक ही समय में एक वृहत जि समूह तक बातें पहुुँच जाये जैसे कक- TV,रेडियो,कर्कम,अख़बार,पबरका,जिगल,ICT समधथगत सभी संचार सामग्री के द्वारा हुआ सम्प्रेषण,तो इस तरह का सम्प्रेषण MASS COMMUNICATION कहा जाता है |
  • 13. 1.LEVELS OF COMMUNICATION VERBAL(शाब्दिक ) • शाल्ददक(VERBAL) के भी दो रकार होते हैं---------  ORAL (मौखिक)  WRITTEN (मलखित) ORAL यह दो पिों के बीच आमने-सामने होता है मुुँह से बोलने के अततररक्त यांत्रिक संयंि के सहारे भी होता है जैसे ---टेलीफोन,सेलफोन,कं प्यूटर,विडियो कांफ्रें मसंग, इसके दो पहलू होते हैं—सुनना ि रस्तुतत ( listening and presenting)
  • 14. Mode of verbal (ORAL)communication • शाल्ददक सम्प्रेषण(मौखिक)को निम्प्ि तरीकों से संरेत्तषत करते हैं-----  एक सामान्य बात-चीत (dialect/discourse)  मौखिक आदेश (oral order)  सािात्कार (interview)  समूह चचाग (group discussion)  तकिकी संयंरों के द्वारा ( through technical - device)eg.-स्मािगर्ोि,इन्िरिेि,इण्िरकॉम,
  • 15. Advantages & Disadvantages of verbal (ORAL)communication Advantages of oral verbal com(मौखिक शाल्ददक सम्प्रेषण की िूबबयाुँ)------ कम िचीला स्वाभात्तवक मािवीय रकृ नत बोलिे के हाव-भाव से अथग स्पटिता अधधक कोई िास योजिा के बबिा भी सम्प्पाटदत इसमें अशाल्ददक संरेषण भी शाममल हो जाता है पररचचाग/वाद-त्तववाद हेतु अनिवायग सन्देश राप्तकताग के मलए सहज होता है तकिीकी संयरों के इस्तेमाल हेतु उपयुक्त
  • 16. त्तपछला जारी----- • Disadvantages of oral verbal comm.--------- दूर वाले व्यल्क्त हेतु टदक्कत तकिीकी संयंर द्वारा रुकावि से टदक्कतें,  तकिीकी संयंर त्तवश्वसिीय िहीं हो सकते ,जब-तक audio-video record िहीीँ रिा जाये  मौखिक सम्प्रेषि में संवादकताग संवाद को ध्याि से िहीं लेता है व िासकर सािात्कार में हिबिा सा जाता है
  • 17. Verbal(written) communication शाल्ददक (मलखित )संरेषण • Mode of verbal (WRITTEN)communication-----  Any letter (कोई पि )  reminder (स्मारपि )  report (रततिेदन )  bulletin ( बुलेटटन )  book/magazine/journa(ककताब/पत्रिका/शोधपि)  manual (संदमशाका )  Hand notes (हस्तपुष्स्तका)  E.mail/ई.मेल ,सोशल मीडिया
  • 18. Advantages & Disadvantages of verbal (WRITTEN) communication • Advantages of verbal written comm.(मौखिक मलखित सम्प्रेषण की िूबबयाुँ)------  दूर अवल्स्थत सन्देश राप्तकताग हेतु उिम जररया  ज्यादा ल्जम्प्मेवारी सौपिे वाला जररया आदेश निर्गत एवं उसके र्ै लाव का जररया रमाखणत/त्तवश्वशिीय (ररकॉिग संधारण)का जररया आधुनिक माध्यम द्वारा र्ोपिीय सूचिा संधारण में मददर्ार अमभव्यल्क्त को बेखझझक रकिीकरण का अच्छा जररया
  • 19. त्तपछला जारी --------- • Disadvantages of written verbal comm.---------  िचीला है ज्यादा समय लेिे वाला है अथग समझिे में टदक्कत हो सकती है (यटद drafting र्लत हो )
  • 20. शाष्ददक सम्प्रेषण रभािी कै से हो ?(How the verbal communication be effective?)  KISS factor (keep it short and simple)यातन कक सम्प्रेषण में सरलता व संक्षिप्तता का ध्याि हो | त्तवषयवस्तु स्प्टि हो | भाषायी शुद्धता का पूरा ख्याल हो | ज्यादा लच्छेदार व ल्क्लटि ि हो िमबद्ध होिा चाटहए | श्रोता/पाठक को अच्छा लर्े | उधचत रवाह के साथ सम्प्रेषण होता हो| चैिल /माध्यम अच्छा हो | उधचत िेिवकग का टहस्सा हो|
  • 21. Difference between ORAL & WRITTEN Verbal communication ORAL  बोलकर होता है  कम समय लर्ता है  संक्षिप्त /असंक्षिप्त दोिों (रायः बड़ा ही )  रायः INFORMAL ही परन्तु,र्ॉमगल भी होता है  सामान्यतः हककापि रहता है  कोई भी अपिे संवाद से मुकर सकता है यटद ररकॉडििंर् ि हो  इसे अत्तवश्वसिीय मि जाता है  संवाद का भाव/अथग रायः टदि जाता है WRITTEN  मलिकर होता है  ज्यादा समय लर्ता है  यथासम्प्भव संक्षिप्त रििे का रयास होता है  रायः FORMAL रकृ नत का होता है  इसमें र्ंभीरता होती है  मलखित अपिे-आप में एक रमाण ही होता है  इसे त्तवश्वसिीय मिा जाता है  कभी-कभी भाव अस्पटि रह जाते हैं
  • 22. NONVERBAL/GESTURAL COMMUNICATION अशाष्ददक/शारीररक हाि-भाि िाला सम्प्रेषण • सम्प्रेषण जो शारीररक हाव-भाव/भंधर्मा /रतीकों/संके तों के आधार पर होता हो • यह शाल्ददक सम्प्रेषण का न्युन्शेष पूरा करिे वाला (SUPPLEMENT)होता है • भाव,अमभवृत्ति,संवेर्,आटद के परििे में सहायक है • यह अमभरेरणा हेतु मददर्ार है • हाथ ममलािा,र्ले लर्ा लेिा,मुस्कु रा कर/र्ुस्सा रकि का भाव चेहरे पे लािा,िजरे ममलािा,शरीर घूमिा,बुदबुदािा,आटद |
  • 23. TYPES OF GESTURES • Enumerative gesture(संख्या रतीक शारीररक हाव-भाव)----जैसे दो या तीि हेतु अंर्ुली संके त • Descriptive gesture (त्तववरणात्मक शारीररक हाव- भाव)----जैसे मारा टदिािे हेतु चुिकी से बतािा आटद • Symbolic gesture (सांके नतक शारीररक हाव-भाव)---- जैसे v त्तवजय धचन्ह हेतु,ट्रैकर्क मसग्िल • Locative gesture (निधागररत शारीररक हाव-भाव) • Emphatic gesture (जोर देिेवाला शारीररक हाव-भाव)- ---ककसी पर िास रूप से इंधर्त करिा जैसे िक़्शे पर पॉइंिर से भूकं प रभात्तवत िेर को बतािा