तपेदिक (टी.बी.) के लक्षण व उपचार: (http://spiritualworld.co.in) तपेदिक को राजयक्ष्मा या टी.बी. भी कहा जाता है| यह एक बड़ी भयानक बीमारी है| आम जनता इसका नाम लेने से भी डरती है| जिस परिवार में यह रोग हो जाता है, उसकी हालत बड़ी दयनीय हो जाती है| किसी समय यह रोग राजा-महाराजाओं को होता था क्योंकि वे विलासितापूर्ण जीवन बिताया करते थे| यह विलासिता की सबसे बड़ी दुश्मन है| लेकिन आजकल यह रोग आम जनता में भी फैल रहा है| पौष्टिक भोजन की कमी, प्रदूषित वातावरण तथा अत्यधिक वीर्य नष्ट करने से इस रोग के कीटाणु शरीर को दीमक की तरह चाट जाते हैं| इसलिए इसके विभिन्न पहलुओं पर विचार करना जरूरी है| यह रोग सांस की वायु, खान-पान तथा गहरे मेल-जोल से भी एक से दूसरे व्यक्ति को लग जाता है| दूसरे शब्दों में हम कह सकते हैं की यह एक संक्रामक व्याधि है| इसके जीवाणु चारों ओर वायु में मंडराते रहते हैं और एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के शरीर में पहुंच जाते हैं| यह रोग धातुओं की कमी से होता है| जब शरीर की स्वाभाविक क्रियाओं में कोई खामी उत्पन्न हो जाती है तो यह रोग लग जाता है| more on http://spiritualworld.co.in