2. शिक्क के रूप में सेर्ा में प्रर्ेि करने के
पूर्व शिक्कों की शिक्ा।
पूर्व सेर्ाकालीन शिक्ा
3. पूर्व सेर्ाकालीन शिक्ा के उद्देश्य:
• शर्षय र्स्तु का पयावप्त ज्ञान प्राप्त करना।
जो पढ़ाना है उसके बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए
प्रलिक्षण सहायक है ।
4. • आर्श्यक शिक्ण कौिलों को प्राप्त करना।
पररलमत वातावरण में, पढ़ाने का सभी कौििों के बारे
में ज्ञान प्राप्त करना है। लिक्षक को लनरीक्षण और अनुमान
करने की क्षमता को लवकलसत करना चालहए।
5. • शिक्क को बाल मनोशर्ज्ञान की समझ प्राप्त करने
के शलए सक्म बनाना।
6. • शिक्ण के प्रशत उशित नज़ररये का शर्कास ।
लिक्षक को पढ़ाने में रूलच होना अलनवायय है । प्रलिक्षण
के दौरान यह रूलच का लवकास होता है।
7. • शिक्कों में आत्मशर्स्र्ास का शर्कास।
खुद की देखभाि करने की क्षमता ।
a. भौलतक लथिलत के साि समायोजन।
b. सामलजक वातावरण के साि थवथि समायोजन।
9. • शिक्कों को छात्रों के व्यशिगत मतभेदों को समझने
तथा उसके शर्कास के शलए उशित कदम उठाने की
क्मता।
बच्चों के साि कै से बात करनी चालहए।
उनके समथयाओंके साि कै से सौदा करना
चालहए।