2. समकक्षी शिक्षण-(Peer Tutoring)
समकक्षी शिक्षण में एक से एक का शिक्षण होता है।
यहााँ एक विद्यार्थी दूसरे को पढता है जो के एक ही कक्षा
में
पढ़ते है । इसमे एक विद्यार्थी िो भी हो सकता है जो बड़ी
कक्षा में पढता हो। भारत में जहा शिक्षको की कमी रहती हो
िहाां समकक्षी शिक्षण बहूत अच्छा काम कर सकते है ।
3. जब विद्यालय में शिक्षको की कमी हो तो हम समकक्षी
शिक्षण का प्रयोग कर सकते है परन्तु इसे ज्यादातर एक
साहयक प्रक्रिया के रूप में प्रयोग क्रकया जाता है।
माना की हमारे पास शिक्षक है जजनका कायय भार अधिक
होने के कारण िे विद्यार्थी पर व्यजततगत ध्यान नहीां दे
पाते तब व्यजततगत ध्यान समकक्षी शिक्षण से ददया जा
सकता है।
• उिारणतः- कक्षा में एक विद्यार्थी है जजसकी शलखाई
अच्छी नहीां है और एक विद्यार्थी जजसकी शलखाई
अच्छी है िह उसकी सहायता कर सकता है।
4. समकक्षी शिक्षण के उद्देश्य
1. विद्यार्थी आत्म - ननभयरता से सोचने और कायय करने के योग्य बने ।
2. सहयोगी कायय करके समुदाय को बेहतर बनाना ।
3. वििार्थीयों को दूसरो की सहायता करने के शलए तैयार करना ।
4. विद्यार्थी को शिक्षण हेतु अध्यापक पर ननभयरता को कम करना ।
5. शिक्षण को सुलभ एिां सुबबिाजनक बनाना ।
6. विद्यार्थी को अधिक से अधिक आत्म विस्िास में लेने में सहायता करना
।
7. अधिगम हेतु स्िांतत्र िातािरण की व्यिस्र्था करना ।
5. समकक्षी शिक्षण को सफल बनाने हेतु
सुझाब
1. जजन विद्याधर्थययों को सहायता और ननदेिन की आिश्यकता है उनकी सूची
तैयार की जाये।
2. कु छ विद्यार्थी जजनकी परीक्षा में उपलजधि अच्छी हो,और जो कायय करने के
शलए तैयार हो उनका चयन कर उन्हें समकक्षी शिक्षण के शलए तैयार करे।
3. समकक्षी शिक्षण की प्रक्रिया के दौरान शिक्षक को देखना चादहए की काययिम
सही ढाांड से चले।
4. जजन विद्याधर्थययों से शिक्षण कराना है उन्हें प्रशिक्षण देना चादहए।
5. इसे स्कू ल से पहले या स्कू ल के बाद भी आयोजजत क्रकया जा सकता है।
6. समकक्षी शिक्षण प्रनतददन होना चादहए इसे आिश्कयता अनुसार हफ्ते में एक
या दो ददन भी क्रकया जा सकता है।
6. समकक्षी शिक्षण के लाभ
1. शिक्षण लेने िाले विद्याधर्थययों को लाभ
2. शिक्षण देने िाले विद्याधर्थययों को लाभ
3. शिक्षकों को लाभ
4. स्कू ल को लाभ
7. शिक्षण लेने िाले विद्याधर्थययों को लाभ
1) इससे जरूरतमांद विद्यार्थी प्रोत्िादहत होते है ।
2) िे अपनी समस्या दूसरे विद्याधर्थययों को बताकर उनका
समािान ढूांढ सकते है ।
3) ननदेिन लेते हुए िे अपनी पढाई में सुिार करते है ।
4) विद्यार्थी बबना क्रकसी झझझक के अपनी समस्या हल कर
सकते है ।
5) बबना क्रकसी आधर्थयक दबाब के उनको पढाई की समस्या का
समािान शमल जाता है ।
8. शिक्षण देने िाले विद्याधर्थययों को लाभ
1. जो विद्यार्थी शिक्षण देते है उनका आत्म विस्िास बढ़ता
है।
2. इससे उनमे समाज सेिा की भािना का विकास होता है।
3. उन्हें शिक्षण में अनुभि शमलता है और अपने शिक्षक से
बहुत कु छ सीखते है।
4. उनके सम्बन्ि शिक्षको के सार्थ मिुर एिां आत्मीय बनते
है।
5. कु छ विद्याधर्थययों रूधच शिक्षण में विकशसत हो जाती है
और िह इसे अपना व्यिसाय बना लेते।
9. शिक्षकों को लाभ
1. समकक्षी शिक्षण से विद्याधर्थययों की सांख्या में
सुिार होता हैं।
2. शिक्षको का कायय भार भी कम हो जाता हैं।
3. शिक्षक को शिक्षण अधिगम प्रक्रिया सहज एि
प्रभािी बनाने में मदद शमलती हैं।
4. समकक्षी शिक्षण से कमजोर विद्याधर्थययों को
सहायता शमलती हैं।
10. स्कू ल को लाभ
1. स्कू ल को अनतररतत शिक्षको की िीघ्र ननयुजतत
नहीां करनी पड़ती।
2. स्कू ल को छात्र अनुिासन की समस्या से जूझना
नहीां पड़ता।
3. इससे स्कू ल के िातािरण में सुिार होता हैं।
4. इससे कमजोर विद्याधर्थययों की पढाई में सुिार
होता हैं।
11. समकक्षी शिक्षण की सीमाएाँ
1. आजकल कक्षा में विद्याधर्थययों की सांख्या बढ़ रही है जजसमे
समकक्षी शिक्षण सम्भि नहीां हैं।
2. छात्र आपस में ही एक दूसरे से इर्षयाय रखते है ऐसे में इस
प्रकार के शिक्षण की कम ही उम्मीद की जा सकती है।
3. कई बार शिक्षक और विद्यार्थी शिक्षक में विरोि हो जाता
है जजससे सहायता लेने िाले विद्यार्थी को नुकसान होता हैं।
4. ज्यादातर विद्यार्थी शिक्षक छात्रों की आकाांक्षाओ पर खरे
नहीां उतर पाते।
5. समकक्षी शिक्षको को शिक्षण का प्रशिक्षण देना भी एक
कदिन कायय है।