1. धाराए
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1
गाथा 1 : मगलाचरण
• जाे स, श एव अकलक है एव
• जनके सदा गुणपी राे के भूषणाे का उदय रहता है,
• एेसे ी जनेवर नेमच वामी काे नमकार करके
• जीव क पणा काे कगा
स स पणमय जणदवरणेमचदमकलक
गुणरयणभूसणुदय जीवस पवण वाेछ
14 धाराए
सव धारा सम धारा वषम धारा कृ ित धारा अकृ ित धारा
घन धारा अघन धारा
कृ ित मातृक
धारा
अकृ ित मातृक
धारा
घन मातृक
धारा
अघन मातृक
धारा
प वग
धारा
प घन
धारा
प घनाघन
धारा
सव धारा
• 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7 ....... के वलान के अवभाग-
ितछेद पयत
• सव थान
– के वलान माण
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2. सम धारा
• सार सम (even) सयाए
• 2, 4, 6, 8, .....
के वलान के अवभाग-
ितछेद पयत
• सव थान
– के वलान के अध माण
वषम धारा
• सार वषम (odd) सयाए
• 1, 3, 5, 7, 9, ........
के वलान के अवभाग-
ितछेद – 1
• सवथान
– के वलान के अध माण
जतनी भी जघय सयाए है वे सब सम प है अाैर
उकृ सयाए वषम प है, एक के वलान काे छाेड़कर|
कृ ितधारा
• जसमे वगप सया वशेष
ा हाेती है
• 1, 4, 9, 16, 25, 36….
के वलान पयत
• सवथान
– के वलान
अकृ ित धारा
• जसमे वग प सया
वशेष ा नही हाेती है
• 2, 3, 5, 6, 7, 8,
10,……….के वलान – 1
• सवथान
– के वलान – के वलान
घनधारा
• जसमे घन प सया
वशेष ा हाेती है
• 1, 8, 27, 64,……
के वलान का अासघन
• सव थान
– के वलान के अासघनमूल
माण
अघन धारा
• जसमे घनप सया वशेष
ा नही हाेती
• 2, 3, 4, 5, 6, 7, 9….
के वलानपयत
• सव थान
– के वलान – घनधारा के थान
कृ ित मातृक धारा
• जाे सयाए वग काे उप
करने मे समथ हाेती है वे
सयाए इस धारा मे पाई
जाती है
• 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7….
के वलान
पयत
• सवथान
– के वलान
अकृ ित मातृक धारा
• जन सयाअाे का वग करने
पर वग सया का माण
के वलान से अागे िनकल
जाता है वे सयाए इस धारा
मे पाई जाती है
• के वलान
+1,
के वलान
+2
• सवथान
– के वलान – के वलान
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3. घन मातृक धारा
• जाे सयाए घन काे उप
करने मे समथ हाेती है वे
इस धारा मे पाई जाती है
• 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7….
के वलान का अासघनमूल
• सवथान
– के वलान के अासघनमूल
माण
अघन मातृक धारा
• जन सयाअाे का घन करने
पर घन सया का माण
के वलान से अागे िनकल
जाता है वे इस धारा मे पाई
जाती है
• के वलान के अासघन के
थम घनमूल+1, के वलान
के अासघन के थम घनमूल
+2
• सवथान
– के वलान – के वलान का
अासघनमूल
प वग धारा
• 2 के वग से ारभ कर पूव-पूव सया का वग जस धारा मे
पाया जाता है वह प वग धारा है
• प = 2
• वग = 2 2
= (2) 2 यह ारभ थान है
थान सया कै से अाई? अय प
1 4 2 x 2 2 2
2 16 4 x 4 2 4
3 256 16 x 16 2 8
4 65536 (पण) 256 x 256 2 16
5 4294967296 (बादाल) 65536 x 65536 2 32
6 18446744073709551616 (एक) 42= x 42= 2 64
पवग धारा के थान
• ववत राश का जतनी बार अाधा-अाधा हाेता है,
उतना उस राश के अछेद हाेते है जैसे
• 4 के छेद = = 2 , = 1 याने 2 छेद
• 16 के छेद = 16, 8, 4, 2, 1 याने 4 छेद
• 64 के छेद = 64, 32, 16, 8, 4, 2, 1 याने
6 छेद
• 256 के छेद = 256, 128, 64, 32, 16, 8,
4, 2, 1 याने 8 छेद
अछेद
2 256
2 128
2 64
2 32
2 16
2 8
2 4
2 2
1
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4. • जतनी ववत राश क 2 क घात है, उतने छेद उस राश के
हाेते है
• जैसे– 4=2 , ताे 4 के छेद 2
• 256 = 2 , ताे 256 के छेद 8
• 65536 = 2 , ताे 65536 के छेद 16
अछेद (2 क घात से)
• ववत राश का log2 िनकालने पर उस राश के अधछेद हाेते
है
• जैसे – 4 के छेद =log = 2
• 256 के छेद = log = 8
• 65536 के छेद = log = 16
अछेद (गणत सू से)
वगशलाका
• 2 के वग से लगाकर जतनी बार वग करने पर ववत राश उप
हाेती है, उतनी ही उस राश क वगशलाका हाेती है
• जैसे 4 क वगशलाका = 1, याेक
– 2×2=4
• 16 क वगशलाका = 2, याेक
– 2×2=4
– 4×4=16
• 256 क वगशलाका = 3, याेक
– 2×2=4
– 4×4=16
– 16×16=256
वगशलाका
• जस राश के छेद िनकाले है, उसी क वगशलाका िनकालने के
लए उस राश के छेद िनकालना
• जतने छेद हाेगे, उतनी ही मूल राश क वगशलाका हाेती है
• अथात् मूल राश के छेद के छेद = मूल राश क वगशलाका
• जैसे
4 के छेद 2 2 के छेद 1 4 सया क वगशलाका = 1
256 के छेद 8 8 के छेद 3 256 सया क वगशलाका = 3
65536 के छेद 16 16 के छेद 4 65536 सया क वगशलाका = 4
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5. • ववत राश का log2 का log2 िनकालने पर उस राश क
वगशलाका हाेती है
• जैसे – 4 क वगशलाका = log (log 4) = log = 1
• 256 क वगशलाका = log (log 256) = log = 3
• 65536 क वगशलाका = log (log 65536) = log = 4
वगशलाका (गणत सू से) पवग धारा क वगशलाका, छेद, एव थान
वगशलाका अधछेद सया
1 2 4
2 4 16
3 8 256
4 16 65536 (पण)
5 32 4294967296 (बादाल)
6 64 18446744073709551616 (इक)
प वग धारा के सव थान
सया वशेष
4
16
256
65=
42=
18=
.
.
.
सयात थान जाने पर
जघय परत असयात क वगशलाका
.
.
.
सयात थान जाने पर
जघय परत असयात के छेद
.
.
.
सयात थान जाने पर
जघय परत असयात का वगमूल एक थान जाने पर
जघय परत असयात
सया वशेष
.
.
.
सयात थान जाने पर (जघय परत असयात के छेद
मा थान)
जघय यु असयात (अावल) एक थान जाने पर
जघय असयातासयात (तरावल)
.
.
.
असयात थान जाने पर
पय क वगशलाका
.
.
.
असयात थान जाने पर
पय के छेद
.
.
.
असयात थान जाने पर
पय
एक थान जाने पर
पय
.
.
.
असयात थान जाने पर (पय क वगशलाका मा
थान)
सूयगुल एक थान जाने पर
तरागुल
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6. सया वशेष
.
.
.
असयात थान जाने पर
जगेणी
.
.
.
असयात थान जाने पर
जघय परत अनत वगशलाका
.
.
.
असयात थान जाने पर
जघय परत अनत के छेद
.
.
.
असयात थान जाने पर
जघय परत अनत
एक थान जाने पर
जघय परत अनत
.
.
.
असयात थान जाने पर
जघय युानत एक थान जाने पर
जघय अनतानत
.
.
.
अनत-अनत थान जाने पर म से जीव राश क
वगशलाका, अधछेद, वगमूल फर एक थान जाने पर
सया वशेष
जीव राश
.
.
.
अनत-अनत थान जाने पर म से पुद्गल राश क
वगशलाका, अधछेद, वगमूल फर एक थान जाने पर
पुद्गल
.
.
.
अनत-अनत थान जाने पर म से 3 कालाे के समयाे क
वगशलाका, अधछेद, वगमूल फर एक थान जाने पर
3 काल के समय
.
.
.
अनत-अनत थान जाने पर म से अाकाश देशाे क
वगशलाका, अधछेद, वगमूल फर एक थान जाने पर
ेणी-प अाकाश के देश (1 D) एक थान जाने पर
तराकाश के देश (2 D) अाकाश देशाे क वग प सया (लबाई x चाैड़ाई)
.
.
.
अनत-अनत थान जाने पर म से धम-अधम के अगुलघु गुण
के अवभाग ितछेद क वगशलाका, अधछेद, वगमूल फर
एक थान जाने पर
सया वशेष
धम-अधम के अगुलघु गुण के अवभाग ितछेद
.
.
.
अनत-अनत थान जाने पर म से एक जीव के
अगुलघु गुण के अवभागितछेद क वगशलाका,
अधछेद, वगमूल फर एक थान जाने पर
एक जीव के अगुलघु गुण के अवभागितछेद
.
.
.
अनत-अनत थान जाने पर म से जघय ान के
अवभागितछेद क वगशलाका, अधछेद, वगमूल
फर एक थान जाने पर
जघय ान के अवभागितछेद
.
.
.
अनत-अनत थान जाने पर म से जघय ायक
लध के अवभागितछेद क वगशलाका, अधछेद,
वगमूल फर एक थान जाने पर
जघय ायक लध के अवभागितछेद
.
.
.
अनत थान जाने पर
के वलान क वगशलाका
.
.
.
अनत थान जाने पर
सया वशेष
के वलान के अधछेद
.
.
.
अनत थान जाने पर
के वलान (के वलान का तृतीय वगमूल) एक थान जाने पर
के वलान (के वलान का तीय वगमूल) एक थान जाने पर
के वलान
एक थान जाने पर
के वलान यही प वगधारा का अितम थान है
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7. (देय)वरलन राशयाे के अधछेद िनकालने का सू:
– देय राश के अधछेद वरलन राश
• जघय यु असयात देय-वरलन के वधान से अाता है अत
जघय यु असयात के अधछेद =
– जघय परत असयात के अधछेद जघय परत असयात
(देय)वरलन राशयाे क वगशलाका िनकालने का सू:
– देय राश क वग शलाका + वरलन राश के अधछेद
• जघय यु असयात देय-वरलन के वधान से अाता है अत
जघय यु असयात क वगशलाका =
– जघय परत असयात क वगशलाका + जघय परत असयात के
अधछेद
प वगधारा के िनयम
• जघय यु असयात क वगशलाका अाैर छेद इस धारा मे ाे नही अाये?
– जाे राश देय-वरलन के वधान से उप हाेती है, उस राश क वगशलाका एव अधछेद उस
धारा मे उप नही हाेते है यह िनयम तीनाे धाराअाे के लये है अत जघय यु असयात
क वगशलाका एव अधछेद प वगधारा मे नही अाते
– इसी कार अय भी देय-वरलन वाल राशयाे के लये जानना
• जघय परत असयात के कतने थान अागे जाने पर जघय यु असयात
अायेगा?
– जघय परत असयात से जघय परत असयात के छेद माण थान अागे जाने पर जघय
यु असयात अायेगा ाेक जाे राश देय-वरलन के वधान से उप हाेती है वह देय
राश से वरलन राश के अधछेद मा थान ऊपर जाने पर पैदा हाेती है
– इसी कार अय भी देय-वरलन वाल राशयाे के लये जानना
Slide No 27
प घनधारा
• 2 के घन से ारभ कर पूव-पूव सया का वग जस धारा मे
पाया जाता है वह प घनधारा है
• प = 2
• इसका घन = 2 2 2
= = 8 यह इस धारा का पहला थान है
Slide No 28
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8. थान सया कै से अाई?
अय
प
1 8 2 x 2 x 2 2 3
2 64 8 x 8 2 6
3 4096 64 x 64 2 12
4 4096 4096 x 4096 2 24
5 65536 x 65536 x 65536 2 48
6 42= 42= x 42= x 42= 2 96
प घनधारा के थान
प घनधारा क वगशलाका, छेद, एव
सया
वगशला
का
अधछेद सया
1 3 8
2 6 64
3 12 4096
4 24 4096
5 48
6 96 42=
प घनधारा के सव थान
सया वशेष
8
64
4096
4096
42=.
.
.
सयात थान जाने पर
जघय परत असयात
.
.
.
सयात थान जाने पर
जघय यु असयात एक थान जाने पर
तरावल
सया वशेष
.
.
.
असयात थान जाने पर
(पय क वगशलाका)3
.
.
.
असयात थान जाने पर
(पय के छेद)3
.
.
.
असयात थान जाने पर
( पय
)3 एक थान जाने पर
(पय)3
.
.
.
असयात थान जाने पर
घनागुल
.
.
.
असयात थान जाने पर
जगेणी एक थान जाने पर
जगतर
.
.
.
अनत-अनत थान जाने पर म से जीव राश क
वगशलाका का घन, अधछेद का घन, वगमूल का घन
फर एक थान जाने पर
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9. सया वशेष
(जीव राश)3
.
.
.
अनत-अनत थान जाने पर म से पुल राश क
वगशलाका का घन, अधछेद का घन, वगमूल का
घन फर एक थान जाने पर
(पुद्गल राश)3
.
.
.
अनत-अनत थान जाने पर म से 3 कालाे के
समयाे क वगशलाका का घन, अधछेद का घन,
वगमूल का घन फर एक थान जाने पर
(3 काल के समय)3
.
.
.
अनत-अनत थान जाने पर म से अाकाश देशाे
क वगशलाका का घन, अधछेद का घन, वगमूल
का घन फर एक थान जाने पर
सव अाकाश के देश (3 D) एक थान जाने पर
.
.
.
अनतानत थान जाने पर
के वलान
के वलान के तीय वगमूल का घन यही इस
धारा का अितम थान है
वशेष
1.जाे-जाे राशया प वगधारा मे अायी है, उन-उनका घन इस
प घनधारा मे पाया जाता है |
• जैसे जघय परत असयात प वगधारा मे है, ताे उसका
घन प घनधारा मे पाया है |
2.प घनधारा क ववत राश के छेद उसी थान क
प वगधारा के छेद से तीन गुने हाेते है |
• जैसे 64 सया जाे घनधारा मे है, इसके छेद वगधारा के इसी
थान के छेद 2 से तीन गुने याने 6 हाेते है |
प घनाघनधारा
• 2 के घन के घन से ारभ कर पूव-पूव सया का वग जस
धारा मे पाया जाता है वह प घनाघनधारा है|
• प = 2
• इसका घन = 2 2 2 = = 8
• इसका भी घन = 8 8 8 = = 512 यह पहला थान
है
थान सया कै से अाई? अय प
1 512 2 x 2 x 2 x 2 x 2 x 2 x 2 x 2 x 2 2 9
2 262144 = 512 x 512 2 18
3 68719476736 = 262144 x 262144 2 36
4 x 2 72
5 = x 2 144
6 42= = x = 2 288
प घनाघनधारा के थान
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10. प घनाघनधारा क वगशलाका, छेद, एव
सया
वगशलाका अधछेद सया
1 9 512
2 18 262144 =
3 36 68719476736 =
4 72
5 144 =
6 288 42= Slide No 37
प घनाघनधारा के सव थान
सया वशेष
512
262144 =
68719476736 =
.
.
. असयात थान जाने पर
जगघन
..
. असयात थान जाने पर
अकायक जीव क गुणकार शलाका
.
.
.
असयात-असयात थान जाने पर म से
अकायक जीव राश क वगशलाका,
अधछेद, वगमूल फर एक थान जाने पर
अकायक जीव राश
सया वशेष
.
.
.
असयात-असयात थान जाने पर म से अकायक
क थित क वगशलाका, अधछेद, वगमूल फर एक
थान जाने पर
अकायक क थित
.
.
.
असयात-असयात थान जाने पर म से अवधान
सबधी उकृ े क वगशलाका, अधछेद, वगमूल
फर एक थान जाने पर
अवधान सबधी उकृ े
.
.
.
असयात-असयात थान जाने पर म से थितबध
अयवसाय थानाे क वगशलाका, अधछेद, वगमूल
फर एक थान जाने पर
सव थितबध अयवसाय थान
.
.
.
असयात-असयात थान जाने पर म से अनुभाग बध
अयवसाय थानाे क वगशलाका, अधछेद, वगमूल
फर एक थान जाने पर
सव अनुभाग बध अयवसाय थान
सया वशेष
.
.
.
असयात-असयात थान जाने पर म से िनगाेद
शरर क उकृ सया क वगशलाका, अधछेद,
वगमूल फर एक थान जाने पर
िनगाेद शरर क उकृ सया
.
..
असयात-असयात थान जाने पर म से िनगाेद
काय थित क वगशलाका, अधछेद, वगमूल
फर एक थान जाने पर
िनगाेद काय थित
.
.
.
असयात-असयात थान जाने पर म से उकृ
याेगथान के अवभागितछेदाे क वगशलाका,
अधछेद, वगमूल फर एक थान जाने पर
उकृ याेगथान के अवभागितछेद एक थान जाने पर
.
.
.
अनतानत थान जाने पर
के वलान
के वलान के चतथ वगमूल का घन का घन यही
इस धारा का अितम थान है
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11. वशेष
1. जाे-जाे राशया प वगधारा मे अायी है, उनके घन का घन इस
प घनाघनधारा मे पाया जाता है |
2. जाे-जाे राशया प घनधारा मे अायी है, उनका घन इस प
घनाघनधारा मे पाया जाता है |
• जैसे जगेणी घनधारा मे अाती है, उसका घन याने लाेक
घनाघनधारा मे अाता है |
3. प घनाघनधारा क ववत राश के छेद उसी थान क प
वगधारा के छेद से 9 गुने हाेते है |
4. प घनाघनधारा क ववत राश के छेद उसी थान क प
घनधारा के छेद से 3 गुने हाेते है |
धाराअाे क थान सया
प वगधारा के सव थानाे क सया =
•के वलान क वगशलाका माण
प घनधारा के सव थानाे क सया =
•प वगधारा के सव थान – 1
प घनाघनधारा के सव थानाे क सया =
•प वगधारा के सव थान – 3
धाराअाे क थान सया
• थ मे प घनधारा के सव थानाे क सया = (प वगधारा के सव थान – 2) द है
एेसा तीत हाेता है क प घनधारा के सभी थानाे काे एक ऊपर ले लया गया है जससे
घनधारा मे वगधारा का हर समानातर थान वगधारा क सया का घन कहला सके एेसा थ
मे कहा भी है क ‘हर वगधारा क सया का घनधारा मे उसी थान पर घन हाेता है’, जबक
वह एक थान अागे जाकर हाेता है इस कार घनधारा काे एक थान पीछे लेने पर उसके सव
थानाे क सया वगधारा के थानाे से 2 कम हाे जाती है अाैर यद इस कार एक थान पीछे
नही लया जावे, ताे वह वगधारा के थानाे से 1 ही कम हाेती है, 2 नही
• इसी कार घनाघनधारा मे भी समझना
पारभाषक शद
• काेई जीव अय काय (पृवी, जल अाद) से अाकर अकायक
मे उप अा, फर पुन जतने अधकतम काल तक
अकायक मे ही लगातार उप हाेवे, अय काय मे नही
अकायक क
थित
• सवावध ान काे जतना े जानने क श है, उसके
देशाे का माण है
अवधान सबधी
उकृ े
• िनगाेद शररप परणमे पुल कध उकृ प से जतने
काल तक िनगाेद शररपने काे नही छाेड़ते
िनगाेद काय थित
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12. Reference : ी िलाेकसारजी, ी गाेटसारजी जीवकाड
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