SYSTEMS OF IC ENGINE- Power transmission system.pptx
Drip irrigation
1. DRIP IRRIGATION
(टपक स िंचाई)
by
Dr. Ajay Singh Lodhi
Assistant Professor
Soil and Water Engineering
College of Agriculture, Balaghat
Jawaharlal Nehru Krishi Vishwavidyalaya, Jabalpur (M.P.)
2. DRIP IRRIGATION (टपक स िंचाई)
टपक या बिंद-बिंद स िंचाई एक ऐ ी स िंचाई विधि है जि में पानी थोडी-
थोडी मात्रा में, कम अन्तराल पर, प्लाजटटक की नासलयों द्िारा ीिा
पौिों की िडों तक पहिंचाया िाता है। परम्परागत तही स िंचाई
(conventional irrigation) द्िारा िल का उधचत उपयोग नहीिं हो
पाता, क्योंकक अधिकतर पानी, िोकक पौिों को समलना चाहहए, िमीन
में रर कर या िाष्पीकरण द्िारा व्यथथ चला िाता है। अतः उपलब्ि
िल का ही और पणथ उपयोग करने के सलए एक ऐ ी स िंचाई पद्ितत
अतनिायथ है जि के द्िारा िल का रर ाि कम े कम हो और अधिक
े अधिक पानी पौिे को उपलब्ि हो पाये।
3. कम दबाि और तनयिंत्रण के ाथ ीिे फ लों की िड में उनकी
आिश्यकतान ार पानी देना ही टपक स िंचाई है। टपक स िंचाई के
माध्यम े पौिों को उिथरक आपततथ करने की
प्रकिया फर्टिगेशन कहलाती है, िो कक पोषक तत्िों की लीधचिंग ि
िाष्पीकरण नक ान पर अिंकश लगाकर ही मय पर उपयक्त
फ ल पोषण प्रदान करती है।
4. टपक स िंचाई पद्धति की मुख्य विशेषिाएँ
िड क्षेत्र में पानी दैि पयाथप्त मात्रा में रहता है।
िमीन में िाय ि िल की मात्रा उधचत क्षमता जटथतत पर बनी
रहने े फ ल की िृद्धि तेजी े और एक मान रूप े होती
है।
फ ल को हर हदन या एक हदन छोडकर पानी हदया िाता है।
पानी अत्यिंत िीमी गतत े हदया िाता है।
5. टपक स िंचाई के लाभ
उत्पादकिा और गुणित्ता : टपक स िंचाई में पेड पौिों को प्रततहदन िरूरी मात्रा
में पानी समलता है। इ े उन पर तनाि नहीिं पडता। फलटिरूप फ लों की
बढोतरी ि उत्पादन दोनों में िृद्धि होती है। टपक स िंचाई े फल, ब्िी और
अन्य फ लों के उत्पादन में 20% े 50% तक बढोतरी िंभि है।
पानी : टपक स िंचाई द्िारा 30 े 60 प्रततशत तक स िंचाई पानी की बचत
होती है।
जमीन : ऊबड-खाबड, क्षारयक्त, बिंिर िमीन शष्क खेती िाली, पानी के कम
रर ाि िाली िमीन और अल्प िषाथ की क्षारयक्त िमीन और मद्र तटीय
िमीन भी खेती हेत उपयोग में लाई िा कती है।
खरपििार : टपक स िंचाई में पानी ीिे फ ल की िडों में हदया िाता है।
आ -पा की िमीन खी रहने े अनािश्यक खरपतिार विकस त नहीिं होते।
इ े िमीन के भी पौजष्टक तत्ि के िल फ ल को समलते हैं।
6. रा ायतनक खाद : फहटथगेशन े पोषकतत्ि बराबर मात्रा में ीिे पौिों की िडों
में पहिंचाऐ िाते हैं, जि की ििह े पौिे पोषक तत्िों का उपयक्त इटतेमाल
कर पाते हैं तथा प्रयोग ककये गए उिथरकों में होने िाले विसभन्न नक ान कम
होते हैं, जि े पैदािार में िृद्धि होती है। इ पद्ितत द्िारा 30 े 45
प्रततशत तक रा ायतनक खाद की बचत की िा कती है।
फ ल में कीट ि रोग का प्रभाि : टपक/ इन लाइन पद्ितत े पेड-पौिों का
टिटथ विका होता है। जिनमें कीट तथा रोगों े लडने की क्षमता ज्यादा
होती है। कीटनाशकों पर होने िाले खचे में भी कमी होती है।
टपक स िंचाई में होने िाला खचि और कायिक्षमिा : टपक/इनलाइन स िंचाई
पद्ितत उपयोग के कारण िड के क्षेत्र को छोडकर बाकी भाग खा रहने े
तनराई-गडाई, खदाई, कटाई आहद काम बेहतर ढिंग े ककये िा कते हैं।
इ े मिदरी, मय और पै े तीनों की बचत होती है।
7. टपक स िंचाई प्रणाली के घटक
हेडर अ ेंबली
कफल्ट थ - हायड्रो ायक्लोन, ैंड और टिीन कफल्ट थ
र ायन और खाद देने के ािन - व्हेंचरी, फहटथलाइजर टैंक
मेनलाइन
बमेन लाइन
िॉल्ि
लेटरल लाइन (पॉलीट्यब)
एमीट थ - ऑनलाइन/इनलाइन
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11. हेडर अ ेंबली मतलब बाईपा , नॉन ररटनथ िॉल्ि, एअर ररलीज िॉल्ि आहद।
टपक स िंचाई का दबाि और गतत तनयिंत्रत्रत करने के सलये बाईपा अ ेंब्ली का
उपयोग ककया िाता है।
हेडर अ ेंबली
फफल्टर
पानी में मौिद समट्टी के कणों, कचरा, शैिाल (काई) आहद े ड्रड्रप थ के तछद्र
बिंद होने की िंभािना रहती है। इ प्रकिया में टिीन कफल्टर, ैंड कफल्टर,
ैंड ेपरेटर, ेटसलिंग टैंक आहद का मािेश होता है। पानी में रेत अथिा
समट्टी होने पर हाइड्रो ाइक्लॉन कफल्टर का उपयोग ककया िाना चाहहए। पानी
में शैिाल (काई), पौिों के पत्ते, लकडी आहद क्ष्म िैविक कचरा हो तो ैंड
कफल्टर देना िरूरी है। पानी के पणथतः ाफ निर आने पर भी स िंचाई िंचन्त्र
में कम े कम टिीन कफल्टर का उपयोग तो करना ही चाहहए।
12. ैंड फफल्टर
ैंड कफल्टर का ढक्कन खोलकर बैकिॉश चाल करने के बाद कफल्टर के
अिंदर हाथ े रेत को अच्छे े तोडना चाहहए। कफल्टर े आनेिाला पानी
ढक्कन े बाहर तनकलने दें। हाथ े रेत ाफ करते मय अिंदर के काले
रिंग के कफल्टर एसलमेंट् को िक्का नहीिं लगना चाहहए। इ े रेत के टिीन
कफल्टर में िाने की आशिंका रहती है। इ दौरान बाईपा िॉल्ि द्िारा पानी
का प्रिाह नहीिं तनकले। ैंड कफल्टर में आिा भाग रेत होना चाहहए। रेत की
मात्र कम होने पर पनःनयी रेत कफल्टर पर अिंककत लेबल (तनशान) तक
भरना चाहहए। ैंड कफल्टर की रेत नदी-नाले की रेत न होकर विसशष्ट
पद्ितत े बनी तनजश्चत आकार की नकीली रेत हैं। इ रेत े पानी रर ते
मय कचरा रेत में अटक िाता है। ािारण रेत े यह प्रकिया नहीिं होती।
इ सलये ैंड कफल्टर में कभी भी नदी-नाले की रेत का इटतेमाल न करें।
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14. स्क्रीन फफल्टर
ैंड कफल्टर द्िारा नहीिं छनने िाला बारीक कचरा टिीन कफल्टर की िाली में
अटकता है। िीरे-िीरे इ कचरे के िमा होने े िाली पर एक परत बन
िाती है। इ े िाली के कायथ में रूकािट पैदा होती है।िाली ाफ करने े
पहले दोनों तरफ के रबर ील तनकाल कर, ाफ करने के पश्चात् कफर े
िाली के ऊपर ठीक े कफट करना चाहहए। अन्यथा पानी के दबाि े त्रबना
छना पानी आगे तनकल कता है।
15. र ायन और खाद देने के ाधन
टपक स िंचाई द्िारा रा ायतनक खादों का प्रयोग िेंचूरी, फर्टिलाइज़र टैंक
ि फर्टिलाइज़र पम्प के माध्यम े फकया जा किा है।
िेंचूरी : यह दाब के अिंतर पर चलने िाला यिंत्र है। रा ायतनक प्रकिया के
मय खाद और र ायन इ के द्िारा उधचत ढिंग े प्रदान ककये िा
कते हैं। इ पद्ितत े तरल पदाथथ पानी में उधचत गतत े डाले िा
कते हैं। इ के द्िारा 60 े 70 लीटर प्रतत घिंटे की गतत े खाद दे
कते हैं।
फर्टिलाइज़र टैंक : इ टैंक में तरल खाद भर कर दाब तनयिंत्रण े
रा ायतनक द्रव्य और खाद तरिंत िंयन्त्र के अिंदर छोड कते हैं।
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17. मेनलाइन
यह पम्प े बमेन तक पानी पहुँचाने के सलये उपयोग में लायी िाती
है। कएुँ का पानी मेनलाइन की हायता े बमेन तक पहुँचाया िाता
है। मेनलाइन में पीिी ी/एचडीपीई पाइप का उपयोग ककया िाता है।
मेनलाइन का पानी बमेन द्िारा लेटरल तक पहुँचाया िाता है।
बमेन के सलये पी-िी- ी/एच-डी-पी-ई पाइप का उपयोग ककया िाता है।
बमेन िमीन के अिंदर कम े कम डेढ े दो फीट की गहराई पर
रखते हैं। दबाि और प्रिाह दर गतत तनयिंत्रत्रत करने के सलये बमेन के
शरूआत में किं ट्रोल िॉल्ि और अिंत में फ्रलश िॉल्ि िडा रहता है।
बमेन
18. िॉल्ि
पानी का प्रिाह और दाब तनयिंत्रत्रत करने के सलये बमेन के आगे िॉल्ि
लगाये िाते हैं। बमेन के शरू में ‘एअर ररलीज ि िैक्यम ररलीज
िॉल्ि लगाना िरूरी है। अन्यथा पम्प बिंद करने के बाद हिा के ाथ
समट्टी के कण अिंदर खखिंचे िाने े ड्रड्रप थ के तछद्र बिंद हो कते हैं।
बमेन का पानी पॉलीट्यब द्िारा परे खेत में पहुँचाया िाता है।
हर एक पौिे के पा आिश्यकतान ार पॉलीट्यब के ऊपर ड्रड्रपर
लगाया िाता है। लेटरल् एल-एल-डी-पी-ई- े बनाये िाते हैं।
लेटरल अथिा पॉली ट्यूब
19. एमीट ि/ड्रिपर
यह टपक स िंचाई का प्रमख अिंग है।
ऑनलाइन/इनलाइन ड्रड्रप थ का प्रतत
घिंटा प्रिाह और िंख्या फ ल की
पानी की अधिकतम िरूरत के
अन ार तनजश्चत ककया िाता है।
उबड-खाबड (उतार-चढाि िाली) िमीन
पर प्रेशर कॉम्पेन ेहटिंग ड्रड्रप थ लगाने
की लाह दी िाती है।
20. टपक स िंचाई िंयन्त्रें की तनत्य देखभाल
हर हदन पम्प शरू करने के बाद, िंयन्त्र का दबाि जटथर होने पर
ैंड कफल्टर की बैकिॉसशिंग करना चाहहए तथा हायड्रो ाइक्लॉन
आरिंसभक फाई के बाद हर 5-6 घिंटे या पानी की गणित्ता के
अन ार मय- मय पर कफल्ट थ ाफ करने चाहहए।
कफल्टर की फाई होने के बाद हेडर अ ेम्बली के बाईपा िॉल्ि की
हायता े उधचत दाब तनयिंत्रत्रत करना चाहहए। उपयक्त दबाि पर
चलने िाले िंयन्त्र े पानी भी िगह मान मात्र में समलता है।
खेतों में तनरीक्षण कर कहीिं टट-फट या लीके ि होने पर तरिंत ठीक
करिाएुँ। पाईप मडा हआ या दबा हआ हो, तो तरिंत ीिा करें।
21. टपक िंयन्त्र के भी ड्रड्रप थ े पानी ठीक तरह े धगरता है या
नहीिं, इ का ध्यान रखना चाहहए।
टपक - स िंचाई पणथ होने के बाद जमीन का गीलापन भी
िगह एक िै ा है या नहीिं, यह देखना चाहहए।
टपक ही िगह लगा है, यह तनजश्चत करें।
लैंटरल/इनलाइन का अिंततम छोर खोलकर पानी को 1-2 समनट
यहािं े बाहर तनकलने दें।