स्प्रिंकलर सिंचाई तकनीक ड्रिप सिंचाई की तरह ही बूंद बूंद सिंचाई तकनीक है।इसे बौछारी सिंचाई भी कहा जाता है। इसमें पानी पौधों के जड़ों में नहीं जाकर वर्षा के फुहारों की तरह गिरता है। यह सिंचाई करने का आधुनिक तरीका है। इसमें छिद्र वाली नालियों से जल का प्रवाह किया जाता है
1. वी.के स्प्रिंकलर इरीगेशन ससरटम
स्प्रिंकलर स्प्सचाई में पानी की खपत हो कम और
ककसानों को समले भरपूर फसल
स्प्रिंकलर स्प्सचाई तकनीक सिप स्प्सचाई की तरह ही बूूंद बूूंद स्प्सचाई तकनीक है।इसे बौछारी स्प्सचाई भी कहा जाता है।
इसमें पानी पौधों के जड़ों में नहीं जाकर वषाा के फु हारों की तरह सगरता है। यह स्प्सचाई करने का आधुसनक तरीका है।
इसमें सछद्र वाली नासलयों से जल का िंवाह ककया जाता है और कफर फु हारों की तरह पानी की बूूंदें पौधों पर सगरती है।
इसमें मुख्य तत्व मोटर पूंप, पाइप किल्टर ,पाइप की मुख्य नली, बौछार करने वाली पाइप की नली और पानी फे खने
वाला फु हारा है। इनकी सहायता से ही स्प्रिंकलर काया करता है।
स्प्रिंकलर का पानी सछड़कने वाला नॉजील हमेशा घूमता रहता है सजससे आस -पास के पौधों पर पानी की फु हार पड़ती
रहती है। स्प्रिंकलर सेट को एक जगह से दूसरी जगह आसानी से ले जाया जा सकता है। इसका मतलब है इसे एक खेत से
दूसरे खेत में आसानी से सशफ्ट कर सकते है और स्प्सचाई के काम को कर सकते है।
बौछार स्प्सचाई िंणाली के मुख्य घटक :
बौछारी स्प्सचाई पद्धती मे मुख्य भाग पम्प
, मुख्य नली, बगल कक नली, पानी उठाने वाली नली एूंव पानी सछडकाव वाला फु हारा होता है|
बौछार स्प्सचाई िंणाली कक किया सवसध :
बौछारी स्प्सचाई में नली में पानी दबाव के साथ पम्प द्वारा भेजा जाता है सजससे फसल पर फु हारा द्वारा सछडकाव होता है
| मुख्य नली बगल
कक नसलयों से जुडी होती है| बगल कक नासलयों में पानी उठाने वाली नली जुडी होती है|
पानी उठाने वाली नली सजसे राइजर पाइप कहते है इसकी लम्बाई फसल कक लम्बाई पर सनभार करती है
| क्योंकी फसल कक उूंचाई सजतनी
रहती है राइजर पाइप उससे ह्मेशा उूंचा रखना पड़ता है| इसे सामान्यत: फसल कक असधकतम लम्बाई के बराबर होना चासहए| पानी
सछडकाव वाले हेड घुमने वाले होते है सजन्हें पानी उठाने वाले पाइप से लगा कदया जाता है
|पानी सछडकने वाले यूंत्र भूसम के पुरे क्षेत्रफल पर
अथाात फसल के उपर पानी सछडकते है| दबाव के कारण पानी काफी दूर तक सछडका जाता है सजससे स्प्सचाई होती है
|
स्प्रिंकलर स्प्सचाई की सवशेषताएँ :low Cost Sprinkler irrigation System
स्प्सचाई के दौरान मजदूरों पर होने वाले खचा में कमी।
इस तकनीक की मदद से पानी के साथ -साथ समय की बचत होती है।
आवश्यकता के अनुसार फसल को पानी एक या दो कदन छोड़ कर कदया जाता है।
इस तकनीक का उपयोग उबर खाबर जमीन और कम पानी उपलब्धता वाली भूसम में ककया जाता है।
यह स्प्सचाई तकनीक आसान और बेहद कम खचा में उपलब्ध है।
इस तकनीक की मदद से काम पानी में ज्यादा भूसम पर स्प्सचाई की जा सकती है।
इस तकनीक का सबसे बड़ा फायदा यह है की पानी की फु हारें पौधों की पसियों पर पड़ती है सजनसे पिे साि रहते है और उन्हें
अपना भोजन बनाने में आसानी होती है। इस कारण से पौधों का सवकास भी होता है।
सछटकावा सवसध से बोई गयी फसलों में यह तकनीक बेहतर मानी जाती है।
2. स्प्रिंकलर स्प्सचाई (Sprinkler Irrigation) के लाभ :
सतही स्प्सचाई मे पानी खेत तक पहँचने मे15-20 िंसतशत तक अनुपयोगी रहता है|
स्प्सचाई में एकसा पानी नही पहँचता जबकी बौछारी स्प्सचाई से सूंसचत क्षेत्रफल1.52 गुना बढ जाता है अथाात इस सवसध से
स्प्सचाई करने पर 25-50 िंसतशत तक पानी की सीधे बचत होती है|
जब पानी वषाा कक भाूंती सछडकाया जाता है तो भूसम पर जल भराव नही होता है जीससे समट्टी कक पानी सोखने कक दर कक अपेक्षा
सछडकाव कम होने से पानी के बहने से हानी नही होती है|
सजन जगहों पर भूसम ऊची-नीची रहती है वहाँ पर सतही स्प्सचाई सूंभव नहीं हो पाती उन जगहों पर बौछारी स्प्सचाई वरदान
सासबत होती है |
बौछारी स्प्सचाई बलुई समट्टी एव असधक ढाल वाली तथा उची-नीची जगहों के सलए उपयुक्त सवसध है
| इन जगहो पर सतही सवसध
से स्प्सचाई नही कक जा सकती है|
इस सवसध से स्प्सचाई करने पर समट्टी में नमी का उपयुक्त रतर बना रहता है सजसके कारण फसल कक वृद्धी उपज और गुणविा
अच्छी रहती है |
इस सवसध मे स्प्सचाई के पानी के साथ घुलनशील उवारक
, कीटनाशी तथा जीवनाशी या खरपतवारनाशी दवाओं का भी िंयोग
आसानी से ककया जा सकता है|
पाला पड़ने से पहलेबौछारी स्प्सचाई पद्धतीसे स्प्सचाई करने पर तापिम बढ जाने से फसल को पाले से नुकसान नही होता है
|
पानी कक कमी, सीसमत पानी कक उपलब्धता वाले क्षेत्रो मे दुगुना से तीन गुना क्षेत्रफल सतही स्प्सचाई कक अपेक्षा ककया जा सकता
है|
स्प्रिंकलर स्प्सचाई का रखरखाव एवूं सावधासनयाँ :
स्प्सचाई के िंयोग के समय एवूं िंयोग के बाद परीक्षण कर लेना चासहए और कु छ मुख्य सावधासनयाँ रखने से स्प्रिंकलर सेट अच्छी
तरह चलता है |
िंयोग होने वाला स्प्सचाई जल रवच्छ तथा बालू एवूं अत्यसधक मात्रा घुलनशील तत्वो से युक्त नही होना चाहीए
|
उवारको, फफुूं दी / खरपतवारनाशी आदी दवाओं के िंयोग के पश्चात सम्पूणा िंणाली को रवच्छ पानी से सफाई कर लेना चाहीए
|
प्लासरटक वाशरो को आवश्यकतानुसार सनरीक्षण करते रहना चासहए और बदलते रहना चाहीए
|
रबर सील को साफ रखना चाहीए तथा िंयोग के बाद अन्य कफटटग भागों को अलग कर साफ करने के उपरान्त शुष्क रथान पर
भण्डारीत करना चाहीए|