2. िर्मा जल संचयि
वर्षा जलसंचयन (अंग्रेज़ी: वषटरहषवेस्टंग) वर्षा के जल को सकस़ी खषस मषध्यम से संचय करने यष इकट्ठष करने की प्रसियष
को कहष जषतष है। सवश्व भर में पेयजल की कम़ी एक संकट बनत़ी जष रह़ी है। इसकष कषरण पृथ्व़ी के जल्तर कष लगषतषर
ऩीचे जषनष भ़ी है। इसके सलये असिशेर् मषनसून अपवषह जो बहकर सषगर में समल जषतष है, उसकष संचयन और पुनभारण
सकयष जषनष आवश्यक है, तषसक भूजल संसषिनों कष संविान हो पषये। अके ले भषरत में ह़ी व्यवहषया भूजल भण्डषरण कष
आकलन 214 सबसलयन घन म़ी. (ब़ीस़ीएम) के रूप में सकयष गयष है सजसमें से 160 ब़ीस़ीएम की पुन: प्रषसि हो सकत़ी
है।[1] इस सम्यष कष एक समषिषन जल संचयन है। पशुओंके प़ीने के पषऩी की उपलब्ितष, फसलों की ससंचषई के सवकल्प
के रूप में जल संचयन प्रणषल़ी को सवश्वव्यषप़ी तौरपर अपनषयष जष रहष है। जल संचयन प्रणषल़ी उन ्थषनों के सलए उसचत
है, जहषं प्रसतवर्ा न्यूनतम 200 समम़ी वर्षा होत़ी हो। इस प्रणषल़ी कष खचा 400 वगा इकषई में नयष घर बनषते समय लगभग
बषरह से पंद्रह सौ रुपए मषत्र तक आतष है।
उपयोग
जल संचयन में घर की छतों, ्थषऩीय कषयषालयों की छतों यष सफर सवशेर् रूप से बनषए गए क्षेत्र से वर्षा कष एकसत्रत सकयष
जषतष है। इसमें दोतरह के गड्ढे बनषए जषते हैं। एक गड्ढषसजसमें दैसनक प्रयोग के सलए जल संचय सकयष जषतष है औरदूसरे
कष ससंचषई के कषम में प्रयोग सकयष जषतष है। दैसनक प्रयोग के सलए पक्के गड्ढे को स़ीमेंट व ई ंट से सनमषाण करते हैं और
इसकी गहरषई सषत से दस फीट व लंबषई और चौडषई लगभग चषर फीट होत़ी है। इन गड्ढों को नषसलयों व नसलयों (पषइप)
द्वषरष छत की नषसलयों और टोसटयों से जोड सदयष जषतष है।
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3. सजससे वर्षा कष जल सषिे इन गड्ढों में पहंच सके और दूसरे गड्ढे को ऐसे ह़ी (कच्चष) रखष जषतष है। इसके जल से खेतों
की ससंचषई की जषत़ी है। घरों की छत से जमष सकए गए पषऩी को तुरंत ह़ी प्रयोग में लषयष जष सकतष है। सवश्व में कुछ ऐसे
इलषके हैं जैसे न्यूज़ीलैंड,जहषं लोग जल संचयन प्रणषल़ी पर ह़ी सनभार रहते हैं। वहषं पर लोग वर्षा होने पर अपने घरों के छत
से पषऩी एकसत्रत करते हैं।
संचयि क
े तरीक
े
शहऱी क्षेत्रों में वर्षा के जल को संसचत करने के सलए बहत स़ी संचनषओं कष प्रयोग सकयष जष सकतष है। ग्रषम़ीण क्षेत्र में वर्षा
जल कष संचयन वषटर शेड को एक इकषई के रूप लेकर करते हैं। आमतौर पर सतह़ी फै लषव तकऩीक अपनषई जषत़ी है
क्योंसक ऐस़ी प्रणषल़ी के सलए जगह प्रचुरतष में उपलब्ि होत़ी है तथष पुनभाररत जल की मषत्रष भ़ी असिक होत़ी है। ढलषन,
नसदयों व नषलों के मषध्यम से व्यथा जष रहे जल को बचषने के सलए इन तकऩीकों को अपनषयष जष सकतष है। गल़ी प्लग,
परररेखष बषंि (कं टूर बंड), गेसबयन संरचनष, पररस्त्रवण टैंक (परकोलेशन टैंक), चैक बषंि/स़ीमेन्ट प्लग/नषलष बंड, पुनभारण
शषफ्ट, कूप डग वैल पुनभारण, भूसम जल बषंि/उपसतह़ी डषईक, आसद। ग्रषम़ीण क्षेत्रों में छत से प्रषि वर्षाजल से उत्पन्न
अप्रवषह संसचत करने के सलए भ़ी बहत स़ी संरचनषओं कष प्रयोग सकयष जष सकतष है। शहऱी क्षेत्रों में इमषरतों की छत, पक्के
व कच्चे क्ष्रेत्रों से प्रषि वर्षा जल व्यथा चलष जषतष है। यह जल जलभृतों में पुनभाररत सकयष जष सकतष है व जरूरत के समय
लषभकषऱी ढंग से प्रयोग में लषयष जष सकतष है। वर्षा जल संचयन की प्रणषल़ी को इस तऱीके से असभकसल्पत सकयष जषनष
चषसहए सक यह संचयन/इकट्ठष करने व पुनभारण प्रणषल़ी के सलए ज्यषदष जगह न घेरे। शहऱी क्षेत्रों में छत से प्रषि वर्षा जल
कष भण्डषरण करने की कुछ तकऩीके इस प्रकषर से हैं पुनभारण सपट (गड्ढष), पुनभारण खषई, नलकूप और पुनभारण कूप,
आसद।
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4. िर्मा जल संचयि क
े तरीक
े
1. छत क
े ऊपर िर्मा जल संचयि :- रेनवषटर हषवेस्टंग वर्षा जल कष संचयन और भंडषरण है, सजसकष उपयोग
सषइट पर पुन: उपयोग करने के सलए सकयष जषतष है, न सक इसे बहने देने के सलए। इन संग्रसहत जल कष उपयोग बषगवषऩी,
ससंचषई आसद जैसे सवसभन्न उद्देश्यों के सलए सकयष जषतषहै। इस खंड में वर्षा जल संचयन के सवसभन्न तऱीकों कष वणान सकयष
गयष है। यह वर्षा जल को जहषाँ सगरतष है उसे पकडने की एक प्रणषल़ीहै। रूफटॉप हषवेस्टंग में, छत जलग्रहण क्षेत्र बन जषत़ी
है, और बषररश कष पषऩी घर/भवन की छत से एकत्र सकयष जषतष है। इसे यष तो एक टैंक में संग्रसहत सकयष जष सकतष है यष
कृसत्रम पुनभारण प्रणषल़ी में बदलष जष सकतष है। यह सवसि कम खचील़ी और बहत प्रभषव़ी है और अगर इसे ठ़ीक से लषगू
सकयष जषए तो क्षेत्र के भूजल ्तर को बढषने में मदद समलत़ी है।
2. भूतल अपिमह कटमई :- शहऱी क्षेत्र में वर्षा जल सतह़ी अपवषह के रूप में बह जषतष है। इस अपवषह को पकडष
जष सकतष है और उपयुक्त तऱीकों को अपनषकर एक्व़ीफसा को ररचषजा करने के सलए इ्तेमषल सकयष जष सकतष है।
रूफटॉप रेि िमटर हमिेसस्टंग क
े घटक
रूफ टॉप रेनवषटर हषवेस्टंग सस्टम के बुसनयषद़ी घटकों कष उदषहरणषत्मक सडजषइन ऩीचे सदखषए गए सवसशष्ट योजनषबद्ध
आरेख में सदयष गयष है :-
1. जलग्रहण 2. परिवहन
3. पहला फ्लश 4. फ़िल्टि
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5. 1. जलग्रहण :- वह सतह जो स़ीिे वर्षा प्रषिकरत़ी है, वर्षा जल संचयन प्रणषल़ी कष जलग्रहण क्षेत्र है। यह छत, आंगन,
यष पक्कष यष कच्चष खुलष मैदषन हो सकतष है। छत फ्लैट आरस़ीस़ी/पत्थर की छत यष ढलषन वषल़ी छत हो सकत़ी है।
इससलए जलग्रहण क्षेत्र वह क्षेत्र है, जो वष्तव में वर्षा जल को संचयन प्रणषल़ी में योगदषन देतष है।
2. परिवहन :- छत से वर्षा के पषऩी को डषउन टेक वॉटर पषइप यष नषसलयों के मषध्यम से भंडषरण / संचयन प्रणषल़ी तक ले
जषयष जषनषचषसहए। पषऩी के पषइपआवश्यक क्षमतषके यूव़ी प्रसतरोि़ी(आईएसआई एचड़ीप़ीई/प़ीव़ीस़ीपषइप) होने चषसहए।
ढलषन वषल़ी छतों से पषऩी गटर और डषउन टेक पषइप के मषध्यम से पकडष जष सकतष है। छतों पर, प्रत्येक नषले के मुहषने
पर तषर की जषल़ी होऩी चषसहए तषसक तैरत़ी सषमग्ऱी को रोकष जष सके ।
3. पहला फ्लश :- फ्टा फ्लश एक ऐसष उपकरण है सजसकष उपयोग पहले शॉवर में प्रषि पषऩी को फ्लश करने के सलए
सकयष जषतष है। वर्षा की पहल़ी बौछषर को फ्लश-ऑफ करने की आवश्यकतष है तषसक वषतषवरण और जलग्रहण छत के
संभषसवत संदूर्कों द्वषरष भंडषरण योग्य/ररचषजेबल पषऩी को दूसर्त न सकयष जष सके । यह शुष्कमौसम के दौरषन छत पर जमष
गषद और अन्य सषमग्ऱी की सफषई में भ़ी मदद करेगष, प्रत्येक ड्रेनपषइपके आउटलेटपर पहले रेन सेपरेटर कष प्रषविषन सकयष
जषनष चषसहए।
4. फ़िल्टि :- रूफ टॉप रेन वषटर हषवेस्टंग को लेकर हमेशष कुछ संशय बनष रहतष है क्योंसक संदेह जतषयष जषतष है सक
बषररश कष पषऩी भूजल को दूसर्त करसकतष है। यसद उसचत सफल्टर तंत्र नहीं अपनषयष गयष तो इस डर के सच होने की बहत
कम संभषवनष है। दूसऱी बषत यह सुसनसित करने के सलए सभ़ी ध्यषन रखष जषनष चषसहए सक भूसमगत स़ीवर नषसलयषं पंचर न
हों और आसपषस के क्षेत्र में कोई ररसषव न हो। मैलषपन, रंग और सूक्ष्मज़ीवों को प्रभषव़ी ढंग से हटषने के सलए पषऩी के
उपचषर के सलए सफल्टर कष उपयोग सकयष जषतष है।
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6. विशभन्ि प्रकमर क
े फफल्टरों कम िर्ाि
1. रेत बजरी फ़िल्टर :- ये आमतौर पर उपयोग सकए जषने वषले सफल्टर होते हैं, जो ई ंट की सचनषई से सनसमात होते हैं
और कं कड, बजऱी और रेत से भरे होते हैं जैसष सक सचत्र में सदखषयष गयष है। प्रत्येक परत को तषर की जषल़ी से अलग सकयष
जषनष चषसहए। रेत बजऱी स़िल्टर कष एक सवसशष्ट आंकडष सदखषयष गयष है।
2. कोयले की छलिी :- चषरकोल सफल्टर इन-स़ीटू यष ड्रम में बनषयष जष सकतष है। कं कड, बजऱी, रेत और लकड़ी
कष कोयलष जैसष सक सचत्र में सदखषयष गयष है, ड्रम यष कक्ष को भरनष चषसहए। प्रत्येक परत को तषर की जषल़ी से अलग
सकयष जषनष चषसहए। गंि को अवशोसर्त करने के सलए चषरकोल की पतल़ी परत कष उपयोग सकयष जषतष है। चषरकोल
सफल्टर कष एक योजनषबद्ध आरेख दशषायष गयष है।
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