WASH( Water Sanitation and Hygiene) by Dr Sushma Singh
Chapter 4 india's external relations
1. 1
स्वतंत्र भारत में राजनीतत
अध्याय – 4 भारत के ववदेश संबंध
by
Dr Sushma Singh
(Core Academic Unit DOE GNCT of Delhi)
पाठ के अंत में हम जान पाएंगे:
1. भूममका
भारत बहुत चुनौती पूर्ण अंतराणष्ट्रीय पररस्थिततयों में आजाद हुआ िा । उस समय लगभग
संपूर्ण विश्ि दो ध्रुिों में बँट चुका िा ऐसे में भारत के प्रधानमंत्री जिाहर लाल नेहरू ने
बड़ी दूरदर्शणता के साि भारत की विदेश नीतत तय की । भारत की विदेश नीतत पर देश
के पहले प्रधान मंत्री ि विदेश मंत्री पं जिाहर लाल नेहरू की अर्मट छाप हैं । नेहरू जी
की विदेश नीतत के तीन मुख्य उद्देश्य िे ।
1 भूममका
2 पंचशील
3 गुट तनरपेक्ष की नीतत
4 भारत चीन संबंध
5 भारत पाककस्तान संबंध
6 भारत का परमाणु काययक्रम
7 भारत की परमाणु नीतत
ववदेश नीतत के मुख्य 3 उद्देश्यय
3 तेज गतत से आर्थयक ववकास करना
1 संघर्य से प्राप्त संप्रभुता को बचाए रनना 2 क्षेत्रीय अनंडता को बनाए रनना
2. 2
2. पंचशील
29 अप्रैल 1954 को भारत के प्रधानमंत्री पं नेहरू तिा चीन के प्रमुख चाऊ एन लाई के
बीच द्विपक्षीय समझौता हुआ स्जसके अग्र र्लखखत पाँच बबन्दु हैं:
3. गुट तनरपेक्ष की नीतत
अिक प्रयासों के बाद र्मली थितन्त्रता के पश्चात भारत के समक्ष एक बड़ी चुनौती अपनी
संप्रभुता को बतनए रखने की िी । इसके अततररक्त भारत को तीव्र आर्िणक ि सामास्जक
विकास के लक्ष्य को भी प्राप्त करना िा । अत: इन दोनों उद्देश्यों की प्रास्प्त के र्लए
भारत ने गुट तनरपेक्षता की नीतत अपनी विदेश नीतत के एक प्रमुख तत्ि के रूप में
अंगीकार ककया । इस नीतत के द्िारा भारत जहाँ शीत युद्ध के परथपर विरोधी खेमों
भारत की
ववदेश नीतत
के तत्व
गुट तनरपेक्षता
वसुद्यैव
कु टुंबकम
अंतरायइष्ट्रीय
मामलों में
स्वतन्त्त्रतापूवयक
एवं सकक्रय
भागीदारी
पंचशील
साम्राज्यवाद
का ववरोध
अंतरायष्ट्रीय
वववादों का
शांततपूणय हल
तन : शस्त्रीकरण
1 एक दूसरे के विरुद्ध आक्रमर् न करना ।
2 एक दूसरे के आंतररक मामलों में हथतक्षेप न करना ।
3 एक दूसरे की क्षेत्रीय अखंडता का आदर करना
4 समानता और परथपर र्मत्रता की भािना
5 शांततपूर्ण सह - अस्थतत्ि
3. 3
तिा उनके द्िारा संचार्लत सैन्य संगठनों जैसे – नाटो , िारसा पेक्ट आइड से अपने को
दूर रख सका । िहीं आिश्यकता पड़ने पर दोनों ही खेमों से आर्िणक ि सामररक सहायता
भी प्राप्त कर सका ।
एर्शया तिा अफ्रीका के नि थितंत्र देशों के मध्य भविष्ट्य में अपनी महत्िपूर्ण ि विर्शष्ट्ट
स्थितत की संभािना को भाँपते हुए भारत ने वि-औपतनिेर्शकरर् की प्रकक्रया का प्रबल
समिणन ककया । इसी कड़ी में 1955 में इन्डोनेर्शया के शहर बांडुंग में एफ्रो- एर्शयाई
सम्मेलन हुआ, स्जसमें गुट तनरपेक्ष आंदोलन की नींि पड़ी । र्सतम्बर 1961 में बेलग्रेड में
प्रिम गुट तनरपेक्ष सम्मेलन के साि इस आंदोलन का औपचाररक प्रारम्भ हुआ । ितणमान
समय में इस आंदोलन में तृतीय विश्ि के 120 सदथय देश हैं । र्सतंबर 2016 में गुट
तनरपेक्ष आंदोलन का 17 िां सम्मेलन िेनेजुएला में सम्पन्न हुआ । 18 िां सम्मेलन जून
2019 में अजरबैजान में प्रथतावित हुआ ।
4. भारत चीन संबंध
I. 1949 में चीन क्रांतत के बाद चीन की कम्युतनथट सरकार को मान्यता देने िाला
भारत पहले देशों में एक िा । नेहरू जी ने अच्छे संबंध बनाने की पहल की । उप
– प्रधानमंत्री एिं तत्कालीन गृहमंत्री सरदार बल्लभभाई पटेल ने आशंका जताई कक
चीन भारत पर आक्रमर् कर सकता हैं । नेहरू जी का मत इसके विपरीत यह िा
कक इसकी संभािना नहीं हैं ।
II. जब 1950 में चीन ने ततब्बत पर अपना तनयंत्रर् जमा र्लया । ततब्बती जनता ने
इसका विरोध ककया । भारत ने इसका खुला विरोध नहीं ककया । ततब्बती धार्मणक
नेता दलाई लामा ने अपने अनुयातययों सहहत भारत से राजनीततक शरर् मांगी
और 1959 में भारत ने उन्हे राजनीततक शरर् दे दी । चीन ने भारत के इस
कदम को अपने अंदरूनी मामलों में दखलंदाज़ी माना ।
III. चीन और भारत के मध्य वििाद का दूसरा बड़ा कारर् सीमा -वििाद िा । चीन ,
जम्मू -कश्मीर के लददाख िाले हहथसे के अक्साई -चीन और अरुर्ाचल प्रदेश के
अर्धकतर हहथसों पर अपना अर्धकार जताता हैं ।
IV. 1962 में चीन ने भारत पर हमला कर हदया । भारतीय सेना ने इसका कड़ी
प्रततरोध ककया । परंतु चीनी बढ़त रोकने में नाकामयाब रहे । आखखरकार चीन ने
एक तरफा युद्ध विराम घोवित कर हदया ।
4. 4
V. चीन ने हारकर भारत की खासकर नेहरू जी की छ्वि को अंतरणराष्ट्रीय थतर पर
बहुत नुकसान हुआ ।
VI. 1962 के बाद भारत चीन संबंधों को 1976 में राजनतयक संबंध बहाल कर, शूरु
ककया गया ।
VII. 1979 में श्री अटल बबहारी िाजपेयी (विदेश मंत्री ) तिा श्री राजीि गांधी ने 1962
के बाद पहले प्रधानमंत्री के तौर पर चीन की यात्रा की परंतु चीन के साि व्यापाररक
संबंधों पर ही ज्यादा चचाण हुई ।
VIII. 2003 में भी अटल बबहारी िाजपेयी ने प्रधान मंत्री के तौर पर चीन की यात्रा की
स्जसमें प्राचीन र्सल्क रूट (नािुला दराण) को व्यापार के र्लए खोलने पर सहमतत
हुई जो 1962 से बंद िा। इससे यह मान्यता भी र्मली कक चीन र्सस्क्कम को
भारत का अंग मानता हैं ।
IX. चीन द्िारा अरुर्ाचल प्रदेश में दािेदारी जताने , पाककथतान से चीन की र्मत्रता
एिं भारत के खखलाफ चीनी मदद से भारत चीन संबंध खराब होते हैं । चीन और
भारत सीमा वििाद सुलझाने के र्लए प्रयत्नशील हैं ।
X. सान 2014 में चीनी राष्ट्रपतत शी स्जन्नवपंग ने भारत का दौरा ककया । इसमें मुख्य
समझौता कै लाश मानसरोिर यात्रा हेतु िैकस्ल्पक सुगम सड़क मागण खोलना िा ।
XI. मई 2016 में भारत के राष्ट्रपतत श्री प्रर्ि मुखजी चीन यात्रा पर गए हैं यह यात्रा
चीन द्िारा संयुक्त राष्ट्र संघ में पाककथतान के आतंकिादी अज़हर मसूद के पक्ष
में िीटो करने तिा परमार्ु आपूततण समूह (एनएसजी) द्िारा यूरेतनयम की भारत
को आपूततण से पहले चीन द्िारा भारत को एनपीटी पर हथताक्षर करने के र्लए
बाध्य करने जैसे जहटल मुददों की छाया में हो रही हैं ।
XII. भारत ि चीन के मध्य संबंधों को सकारात्मक रूप देने के र्लए भारतीय प्रधानमंत्री
श्री नरेंद्र मोदी तिा चीन के राष्ट्रपतत शी स्जन्नवपंग के द्िारा प्रयास ककए जा रहे
हैं । दोनों देश शांतत ि पारदर्शणता (भारत चीन सीमा पर ) बढ़ाने के र्लए संलक्पबद्ध
हैं ।
XIII. भारतीय प्रधानमंत्री द्िारा P2P (People to People) संबंधों पर STRENGTH
की संकल्पना के आधार पर ज़ोर हदया जा रहा हैं ।
5. 5
भारत ि चीन के मध्य डोकलाम क्षेत्र में सैतनक तनातनी 16 जून 2017 को शुरू
हुई िी दोनों देशों के आपसी कू टनीततक प्रयासों से यह सैन्य तनातनी 28 अगथत
2017 को समाप्त हो गई ।
हाल ही में चीन द्िारा भारत की ओर से तनरंतर की जाने िाली मांग को मानते
हुए पाककथतान के आतंकिादी संगठन जैश -ए – मुहम्मद के सरगना अज़हर मसूद
को िैस्श्िक आतंकी घोवित करने के सुरक्षा पररिद के प्रथताि पर अपनी सहमतत
दी गई , स्जसे भारत -चीन संबंधों के मध्य सुधार के रूप में देखा जा सकता हैं ।
5. भारत पाककस्तान संबंध
I. भारत विभाजन (1947) द्िारा पाककथतान का जन्म हुआ । पाककथतान के साि
भारत के संबन्ध शुरू से ही कडिे रहे हैं । कश्मीर मुद्दे पर 1947 में ही दोनों
देशों की सेनाओं के बीच छाया - युद्ध तछड़ गया । इसी छाया युद्ध में पाककथतान
ने कश्मीर के एक बड़े भाग पर अनार्धकृ त कब्जा जमा ककया ।
II. सरक्रीक रेखा, र्सयार्चन ग्लेर्शयर , सीमापार आतंकिाद और कश्मीर दोनों के मध्य
वििाद मुख्य कारर् हैं ।
S- Spirituality
आध्यात्त्मकता
T - Tradition, Trade, Technology रीततयााँ
, व्यापार , तकनीक
R - Relationship संबंध
Entertainment (Art , Movies )
कला व मसनेमा
N - Nature Conservation प्रकृ तत
का संरक्षण
G - Games नेल
T- Tourism पययटन
H- Health & Healing
स्वास््य व तनदान
6. 6
III. 1960 में विश्ि बैंक की मध्यथिता में दोनों के बीच र्संधु नदी जल सस्न्ध की
गई । इस पर पं नेहरू और जनरल आयुब खाँ ने हथताक्षर ककए । वििादों के
बािजूद इस संर्ध पर ठीक -ठाक अमल रहा हैं ।
IV. 1965 में पाककथतान ने भारत पर हमला कर हदया । तत्कालीन प्रधान मंत्री श्री
लाल बहादुर शाथत्री ने ‘जय जिान , जय ककसान ‘ का नारा हदया । इस समय
भारत में अकाल की स्थितत भी िी । हमारी सेना लाहौर के नजदीक तक पहुच गई
िी ।
V. संयुक्त राष्ट्र संघ ( यू एन ओ ) के हथतक्षेप से युद्ध समाप्त हुआ । 1966 में
ताशकं द समझौता हुआ स्जसमें भारत की और से श्री लाल बहादुर शाथत्री और
पाककथतान के राष्ट्रपतत जनरल आयुब खाँ ने हथताक्षर ककए ।
VI. 1970 में पाककथतान के पहले आम चुनािों में पस्श्चमी पाककथतान में पीपीपी के
जुस्ल्फकार आली भुट्टो जबकक पूिी पाककथतान (अब बांगला देश ) में अिामी लीग
के शेख – मुजीबुरणहमान (बंग -बंधु ) विजयी हुए । दोनों भागों में संथकृ तत एिं
भािा को लेकर गंभीर मतभेद िे । अिामी लीग ने एक पररसंघ बनाए की मांग
रखी ।
VII. पाककथतान द्िारा पूिी पाककथतान में दमन के विरोध में जनता ने विद्रोह कर हदया
। शेख मुजीब र्गरफ्तार कर र्लए गए । 80 लाख बंगलादेशी शरर्ािी भारत में
घुस आए । प्रधान मंत्री श्री मतत इंद्रा गांधी ने इस मुस्क्त संग्राम को अपना नैततक
एिं भौततक समिणन हदया ।
VIII. 1971 में पाककथतान को चीन तिा अमेररका से मदद र्मली । इस में श्री मतत
इंहदरा गांधी ने सोवियत संघ के साि 20 ििीय मैत्री संर्ध पर हथताक्षर ककए ।
IX. 1971 में पाककथतान ने भारत के खखलाफ पूर्ण व्यापी युद्ध छेड़ हदया । भारत
विजयी हुआ पाककथतान सेना ने 90,000 सैतनकों के साि आत्मसमपणर् कर हदया ।
नये बांग्लादेश का उदय हुआ ।
X. 1972 में र्शमला समझौता हुआ इस पर भारत की ओर से प्रधानमंत्री श्री मतत
इस्न्दरा गांधी और पाककथतान की ओर से जुल्फ़ीकार आली भुट्टो ने हथताक्षर
ककए ।
XI. 1999 में भारत ने पाककथतान से संबंध सुधारने की पहल करते हुए हदल्ली -लाहौर
बस सेिा शुरू की परंतु पाककथतान ने भर के खखलाफ कारर्गल संघिण छेड़ हदया ।
7. 7
XII. कारर्गल में अपने को मुजाहहद्दीन कहने िालों ने सामररक महत्ि के कई इलाकों
जैसे – द्रास , माशकोह, ितार्लक आहद पर कब्जा कर र्लया । भारतीय सेना ने
बहादुरी से अपने इलाके खाली करा र्लए ।
XIII. पाककथतान के प्रधानमंत्री निाज शरीफ की भारत यात्रा तिा भारतीय प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी की पाककथतान यात्रा दोनों देशों के बीच संबंधों को सुधारने के र्लए की
गयी । लेककन पाककथतान की ओर से सीजफायर का उल्लघन ि आंतकी घुसपैठ
की कायणिाही से दोनों देशों के संबंधों में कटुता बनी रही ।
XIV. 2016 में उरी में सेना मुख्यालय पर पाककथतान समर्िणत आंतकिाहदयों द्िारा ककए
गए आंतकी हमले ने तिा जिाब में भारत की ओर से की गयी सैन्य कायणिाही ने
दोनों देशों के मध्य कटुता को और अर्धक बढ़ािा हदया । 2018 में पाककथतान में
इमरान खाँ के नेतृत्ि में नि -तनिाणर्चत सरकार के साि भारत द्िारा ककए गए
शांतत प्रयासों के बाद भी पाककथतान की ओर से तनरंतर संघिण विराम के उल्लंघन
तिा आंतकी घुसपैठ के कारर् दोनों देशों के मध्य संबंधों में सुधार की संभािनाएँ
तनरंतर कम हुई हैं ।
XV. जनिरी 2019 में जम्मू -कश्मीर में सी आर पी एफ के जिानों पर पाककथतानी
आंतककयों द्िारा आत्मघाती हमला ककया गया स्जसके जिाब में भारतीय िायु
सेना द्िार की गयी कायणिाही ने दोनों देशों की मध्य युद्ध की स्थिततयां उत्पन्न
की । इसके अततररक्त भारत ने पाककथतान को सन 1996 में हदया सिाणर्धक िरीय
राष्ट्र (MFN) का दजाण भी छीन र्लया ।
6. भारत का परमाणु काययक्रम
I. मई 1974 में पोखरर् में भारत ने अपना पहला परमार्ु परीक्षर् ककया कफर मई
1998 में पोखरर् में ही भारत ने पाँच परमार्ु परीक्षर् कर थियं को परमार्ु
सम्पन्न घोवित कर हदया । इसके तुरंत बाद पाककथतान ने भी परमार्ु परीक्षर्
कर थियं को परमार्ु शस्क्त घोवित कर हदया ।
II. इन परीक्षर्ों के कारर् क्षेत्र में एक नये प्रकार का शस्क्त संतुलन बन गया । दोनों
देशों पर अमेररका सहहत कई देशों ने आर्िणक प्रततबंध लगा हदये ।
III. भारत ने 1968 की परमार्ु अप्रसार संर्ध एिं 1995 की ‘व्यापक परीक्षर् तनिेध
संर्ध ‘ CTBT पर हथताक्षर नहीं ककए क्योंकक भर इन्हें भेदभािपूर्ण मानता हैं ।
7. भारत की परमाणु नीतत
8. 8
I. भारत शांततपूर्ण कायों हेतु परमार्ु शस्क्त का प्रयोग करेगा ।
II. भारत अपनी सुरक्षा तिा आिश्यकता के अनुसार परमार्ु हर्ियारों का तनमाणर्
करेगा ।
III. भारत परमार्ु हर्ियारों का प्रयोग पहले नहीं करेगा।
IV. परमार्ु हर्ियारों को प्रयोग करने की शस्क्त सिोच्च राजनीततक सत्ता के हाि
होगी ।
V. भारतीय विदेश नीतत के बारे में राजनीततक दल िोड़े बहुत मतभेद के अलािा
राष्ट्रीय अखंडता, अंतराणष्ट्रीय सीमा रेखा की सुरक्षा तिा राष्ट्रीय हहतों के मसले पर
व्यापक सहमतत हैं ।
VI. 1991 में शीत युद्ध की समास्प्त के बाद विदेश नीतत का तनमाणर् अमेररका द्िारा
पोवित उदारीकरर् ि िैश्िीकरर् को ध्यान में रखकर ककया जाने लगा तिा क्षेत्रीय
सहयोग को भी विशेि महत्ि हदया गया ।
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