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1
स्वतंत्र भारत में राजनीतत
अध्याय – 8 क्षेत्रीय आकांक्षायेँ
by
Dr Sushma Singh
(Core Academic Unit DOE GNCT of Delhi)
पाठ के अंत में हम जान पाएंगे:
एक क्षेत्र विशेष के लोगों द्िारा अपनी विशशष्ट भाषा, धर्म, संस्कृ ति भौगोशलक विशशष्टिा आदि
के आधार पर की जाने िाली विशशष्ट र्ांगो को क्षेत्रीय आकांक्षाओं के रूप र्ें सर्झा जा सकिा
हैं । यूरोप के िेशों र्ें सांस्कृ तिक विशभन्निा को राष्र के शलए खिरा र्ाना जािा हैं परंिु भारि
र्ें विविधिा की चुनौिी से तनपटने के शलए िेश की आंिररक सीर्ाओं का पुन: तनधामरण ककया
गया हैं और सभी सर्ूह के व्यक्तियों को अपनी संस्कृ ति बनाये रखने का अधधकार हैं ।
भारि र्ें सन 1980 के िशक को स्िायत्तिा के िशक के रूप र्ें िेखा जािा हैं कई बार संकीणम
स्िार्थी , वििेशी प्रोत्साहन आदि के कारण क्षेत्रीयिा की भािना जब अलगाि का रास्िा पकड़
लेिी हैं िो यह राष्रीय एकिा और अखंडिा के शलए गम्भीर चुनौिी बन जािी हैं ।
1 जम्मू
कश्मीर
•स्वतन्त्त्रता
के पूवव जम्मू
कश्मीर
•पाककस्तान
का व्यवहार
2 पंजाब
•अकाली दल
•आपरेशन ब्लू
स्टार
•पंजाब
समझौता
3 पूवोत्तर
भारत
•स्वतन्त्त्रता
की मांग
•अलगाववादी
आंदोलन 1
ममजोरम
2 नागालैंड
•बाहरी लोगों
का ववरोध
4 द्राववड
आंदोलन
•द्रववड़ कषगम
का उदय
•DMK
•AIDMK
5 मसक्ककम का
ववलय
•जनमत्त संग्रह
6 गोवा
मुक्कत
•जनमत संग्रह
7
लोकताक्न्त्त्रक
बात
• आजादी के
बाद से अब
तक उभरी
क्षेत्रीय
आकांक्षाओं
के सबक
2
क्षेत्रीयिा के प्रर्ुख कारण:
1. जम्मू कश्मीर
I. यहााँ पर िीन राजनीतिक एिं सार्ाक्जक क्षेत्र शाशर्ल हैं – जम्र्ू कश्र्ीर और
लद्िाख । कश्र्ीर का एक भाग अभी भी पाककस्िान के कब्जे र्ें हैं । और
पाककस्िान ने कश्र्ीर का भाग अिैध रूप से चीन को हस्िांिररि कर दिया हैं ।
II. स्ििन्त्रिा से पूिम जम्र्ू कश्र्ीर र्ें राजिंत्रीय शासन व्यिस्र्था र्थी । यहााँ के राजा
हरी शसंह ने इसको अलग स्ििंत्र िेश घोवषि ककया िो पाककस्िानी कबायशलयों की
घुसपैठ के कारण राजा ने भारि सरकार से सैतनक सहायिा र्ांगी और बिले र्ें
कश्र्ीर के भारि र्ें विलय करने के शलए विलय पत्र पर हस्िाक्षर ककये । िर्था
भारि ने संविधान के अनुच्छेि 370 के द्िारा विशेष राज्य का िजाम प्रिान
ककया ।
III. पाककस्िान के उग्रिािी व्यिहार के अलगा िादियों की िीन र्ुख्य धराएाँ हैं
धाममवक ववमभन्त्नता
सांस्कृ ततक ववमभन्त्नता
भौगोमलक ववमभन्त्नता
राजनीततक स्वार्व
असंतुमलत ववकास
क्षेत्रीय राजनीततक दल इत्यादद
1 कश्मीर
को अलग
राष्ट्र बनाया
जाये ।
3 कश्मीर भारत
का ही भाग रहे परंतु
इसे और अधधक
स्वायत्ता दी जाये ।
3
2. पंजाब
1920 के िशक र्ें गदठि अकाली िल ने पंजाबी भाषी क्षेत्र के गठन के शलए आंिोलन
चलाया क्जसके पररणार् स्िरूप पंजाब प्रांि से अलग करके सन1966 र्ें दहन्िी भाषी क्षेत्र
हररयाणा िर्था पहाड़ी क्षेत्र दहर्ाचल प्रिेश बनाए गए ।
I. अकाली िल से सन 1973 के आनंिपुर सादहब सम्र्ेलन र्ें पंजाब के शलए
अधधक स्िायत्तिा की र्ांग उठी कु छ धाशर्मक नेिाओं ने स्िायत्त शसतख पहचान की
र्ांग की, कु छ चरर् पंधर्थयों ने भारि से अलग हो कर खाशलस्िान बनाने की
र्ांग की ।
II. आपरेशन ब्लू स्टार – सन 1980 के बाि अकाली िल पर उग्र पंर्थी लोगों का
तनयंत्रण हो गया और इन्होंने अर्ृिसर के स्िणम र्ंदिर अपना र्ुख्यालय बनाया ।
सरकार ने जून 1984 के उग्र िादियों को स्िणम र्ंदिर से तनकालने के शलए सैन्य
कायमिाही (आपरेशन ब्लू स्टार ) की।
III. इस सैन्य कायमिाही को शसतखों ने अपने धर्म , विश्िास पर हर्ला र्ाना क्जसका
बिला लेने के शलए 31 अतिूबर 1984 को इंदिरा गांधी की हत्या की गई िो िूसरी
िरफ उत्तर भारि र्ें शसतखों के विरुद्ध दहंसा भड़क उठी ।
IV. पंजाब सर्झौिा: जुलाई 1985 र्ें अकाली िल के अध्यक्ष हर चंि शसंह लोगोिाल
िहि राजीि गांधी के सर्झौिे ने पंजाब र्ें शांति स्र्थापना के प्रयास ककए ।
3. पूवोत्तर भारत
इस क्षेत्र र्ें साि राज्य हैं भारि की 04 प्रतिशि आबािी रहिी हैं । यहााँ की सीर्ाएं चीन
, म्यांर्ार , बांग्लािेश और भूटान से लगिी हैं यह क्षेत्र भारि के शलए िक्षक्षण पूिम एशशया
का प्रिेश द्िार हैं । संचार व्यिस्र्था एिं लंबी अंिरामष्रीय सीर्ा रेखा आदि सर्स्याएं यहााँ
की राजनीति को संिेिनशील बनािी हैं। पूिोत्तर भारि की राजनीति र्ें स्िायत्तिा की र्ांग
, अलगाि िािी आंिोलन िर्था बाहरी लोगों का विरोध र्ुद्िे प्रभािी रहे हैं ।
I. स्वायत्तता की मांग:
आजािी के सर्य र्णणपुर एिं त्रत्रपुरा को छोड़ कर पूरा क्षेत्र असर् कहलािा
र्था । क्जसर्ें अनेक भाषायी जनजातियााँ सर्ुिाय रहिे र्थे इं सर्ुिायों ने अपनी
विशशष्टिा को सुरक्षक्षि रखने के शलए अलग -अलग राज्यों की र्ांग की ।
4
II. अलगाववादी आंदोलन
a. ममजोरम
सन 1959 र्ें असर् के शर्ज़ो पिमिीय क्षेत्र र्ें आए अकाल के सर्य
असर् सरकार द्िारा उधचि प्रबंध न करने पर यहााँ अलगाििािी आंिोलन
उभरे ।
• सन 1966 शर्ज़ो नेशनल फ्रं ट (MNF) ने लाल डेंगा के नेिृत्ि र्ें
आजािी की र्ांग करिे हुए सशस्त्र अशभयान चलाया । 1966 र्ें
राजीि गांधी िर्था लाल डेंगा के बीच शांति सर्झौिा हुआ और
शर्जोरर् पूणम राज्य बना ।
b. नागालैंड
नागा नेशनल काउंशसल (NNC) ने अंगर्ी जापू कफजों के नेिृत्ि सन
1951 से भारि से अलग होने और िृहि नागालैंड की र्ांग के शलए
सशस्त्र संघषम चलाया हुआ हैं । कु छ सर्य बाि NNC र्ें िो गुट एक
इशाक र्ुइिा (M) िर्था िूसरा खापलांग (K) बन गए । भारि सरकार ने
सन 2015 NNC- M गुट से शांति स्र्थापना के शलए सर्झौिा ककया
परन्िु स्र्थाई शांति अभी बाकी हैं ।
III. बाहरी लोगों का ववरोध
पूिोत्तर के क्षेत्र र्ें बंगला िेशी घुस पैठ िर्था भारि के िूसरे प्रान्िों से आये लोगों
को यहााँ की जनिा अपने रोजगार और संस्कृ ति के शलए खिरा र्ानिी हैं ।
1979 से असर् के छात्र संगठन आसू (AASU) ने बाहरी लोगों के विरोध र्ें
ये आंिोलन चलाया क्जसके पररणार् स्िरूप आसू और राजीि गांधी के बीच शांति
सर्झौिा हुआ सन 2016 के असर् विधान सभा चुनािों र्ें भी बंगलािेशी
घुसपैठ का प्रर्ुख र्ुििा र्था ।
ममजोरम नागालैंड
a
b
5
4. द्राववड आंदोलन
िक्षक्षण भारि के इस आंिोलन का नेिृत्ि िशर्ल सर्ाज सुधारक ई बी रार्ास्िार्ी नायकार
पेररयार ने ककया । इस आंिोलन ने उत्तर भारि के राजनीतिक, आधर्थमक ि सांस्कृ तिक
प्रभुत्ि ब्राह्र्ण िाि ि दहन्िी भाषा का विरोध िर्था क्षेत्रीय गौरि बढ़ाने पर ज़ोर दिया गया
इसे िूसरे िक्षक्षण राज्यों र्ें सर्र्थमन न शर्लने पर उह िशर्लनाडु िक शसर्ट कर रह गया
। इस आंिोलन के कारण एक नये राजनीतिक िल – ‘द्रविड़ कषगर् ‘ का उिय हुआ यह
िल कु छ िषों के बाि िो भागों (DMK एिं AIDMK) र्ें बंट गया ये िोनों िल अब
िशर्लनाडु राजनीति र्ें प्रभािी हैं ।
5. मसक्ककम का ववलय
आजािी के बाि भारि सरकार ने शसक्तकर् के रक्षा ि वििेश र्ार्ले अपने पास रखे और
राजा चोग्याल को आंिररक प्रशासन के अधधकार दिये । परंिु राजा जनिा की लोकिाक्न्त्रक
भािनाओं को नहीं साँभाल सका और अप्रैल 1975 र्ें शसक्तकर् विधान सभा ने शसक्तकर्
का भारि र्ें विलय प्रस्िाि पास करके जनर्ि संग्रह कराया क्जसे जनिा ने सहर्ति
प्रिान की । भारि सरकार ने प्रस्िाि को स्िीकार कर शसक्तकर् को भारि का 22 िां राज्य
बनाया ।
6. गोवा मुक्कत
गोिा िर्न और िीि सोलहिीं सिी से पुिमगाल के आधीन र्थे और 1947 र्ें भारि की
आजािी के बाि भी पुिमगाल के अधीन रहे । र्हाराष्र के सार्ाजिािी सत्याग्रदहयों के
सहयोग से गोिा र्ें आजािी का आंिोलन चला दिसंबर 1961 र्ें भारि सरकार ने गोिा
र्ें सेना भेजकर आजाि कराया और गोिा िर्न , िीि को संघ शाशसि क्षेत्र बनाया ।
गोिा को र्हाराष्र र्ें शाशर्ल होने या अलग बने रहने के शलए जनर्ि संग्रह जनिरी
1967 र्ें कराया गया और सन 1987 र्ें गोिा को राज्य बनाया गया ।
7. आजादी के बाद से अब तक उभरी क्षेत्रीय आकांक्षाओं के सबक
I. क्षेत्रीय आकांक्षाएाँ लोकिाक्न्त्रक राजनीति की अशभन्न अंग हैं ।
II. क्षेत्रीय आकांक्षाओं को िबाने की बजाय लोकिाक्न्त्रक बािचीि को अपनाना अच्छा
होिा हैं । सत्ता की साझेिारी के र्हत्ि को सर्झना ।
III. क्षेत्रीय असंिुलन पर तनयंत्रण रखना ।
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Chapter 8 regional aspirations

  • 1. 1 स्वतंत्र भारत में राजनीतत अध्याय – 8 क्षेत्रीय आकांक्षायेँ by Dr Sushma Singh (Core Academic Unit DOE GNCT of Delhi) पाठ के अंत में हम जान पाएंगे: एक क्षेत्र विशेष के लोगों द्िारा अपनी विशशष्ट भाषा, धर्म, संस्कृ ति भौगोशलक विशशष्टिा आदि के आधार पर की जाने िाली विशशष्ट र्ांगो को क्षेत्रीय आकांक्षाओं के रूप र्ें सर्झा जा सकिा हैं । यूरोप के िेशों र्ें सांस्कृ तिक विशभन्निा को राष्र के शलए खिरा र्ाना जािा हैं परंिु भारि र्ें विविधिा की चुनौिी से तनपटने के शलए िेश की आंिररक सीर्ाओं का पुन: तनधामरण ककया गया हैं और सभी सर्ूह के व्यक्तियों को अपनी संस्कृ ति बनाये रखने का अधधकार हैं । भारि र्ें सन 1980 के िशक को स्िायत्तिा के िशक के रूप र्ें िेखा जािा हैं कई बार संकीणम स्िार्थी , वििेशी प्रोत्साहन आदि के कारण क्षेत्रीयिा की भािना जब अलगाि का रास्िा पकड़ लेिी हैं िो यह राष्रीय एकिा और अखंडिा के शलए गम्भीर चुनौिी बन जािी हैं । 1 जम्मू कश्मीर •स्वतन्त्त्रता के पूवव जम्मू कश्मीर •पाककस्तान का व्यवहार 2 पंजाब •अकाली दल •आपरेशन ब्लू स्टार •पंजाब समझौता 3 पूवोत्तर भारत •स्वतन्त्त्रता की मांग •अलगाववादी आंदोलन 1 ममजोरम 2 नागालैंड •बाहरी लोगों का ववरोध 4 द्राववड आंदोलन •द्रववड़ कषगम का उदय •DMK •AIDMK 5 मसक्ककम का ववलय •जनमत्त संग्रह 6 गोवा मुक्कत •जनमत संग्रह 7 लोकताक्न्त्त्रक बात • आजादी के बाद से अब तक उभरी क्षेत्रीय आकांक्षाओं के सबक
  • 2. 2 क्षेत्रीयिा के प्रर्ुख कारण: 1. जम्मू कश्मीर I. यहााँ पर िीन राजनीतिक एिं सार्ाक्जक क्षेत्र शाशर्ल हैं – जम्र्ू कश्र्ीर और लद्िाख । कश्र्ीर का एक भाग अभी भी पाककस्िान के कब्जे र्ें हैं । और पाककस्िान ने कश्र्ीर का भाग अिैध रूप से चीन को हस्िांिररि कर दिया हैं । II. स्ििन्त्रिा से पूिम जम्र्ू कश्र्ीर र्ें राजिंत्रीय शासन व्यिस्र्था र्थी । यहााँ के राजा हरी शसंह ने इसको अलग स्ििंत्र िेश घोवषि ककया िो पाककस्िानी कबायशलयों की घुसपैठ के कारण राजा ने भारि सरकार से सैतनक सहायिा र्ांगी और बिले र्ें कश्र्ीर के भारि र्ें विलय करने के शलए विलय पत्र पर हस्िाक्षर ककये । िर्था भारि ने संविधान के अनुच्छेि 370 के द्िारा विशेष राज्य का िजाम प्रिान ककया । III. पाककस्िान के उग्रिािी व्यिहार के अलगा िादियों की िीन र्ुख्य धराएाँ हैं धाममवक ववमभन्त्नता सांस्कृ ततक ववमभन्त्नता भौगोमलक ववमभन्त्नता राजनीततक स्वार्व असंतुमलत ववकास क्षेत्रीय राजनीततक दल इत्यादद 1 कश्मीर को अलग राष्ट्र बनाया जाये । 3 कश्मीर भारत का ही भाग रहे परंतु इसे और अधधक स्वायत्ता दी जाये ।
  • 3. 3 2. पंजाब 1920 के िशक र्ें गदठि अकाली िल ने पंजाबी भाषी क्षेत्र के गठन के शलए आंिोलन चलाया क्जसके पररणार् स्िरूप पंजाब प्रांि से अलग करके सन1966 र्ें दहन्िी भाषी क्षेत्र हररयाणा िर्था पहाड़ी क्षेत्र दहर्ाचल प्रिेश बनाए गए । I. अकाली िल से सन 1973 के आनंिपुर सादहब सम्र्ेलन र्ें पंजाब के शलए अधधक स्िायत्तिा की र्ांग उठी कु छ धाशर्मक नेिाओं ने स्िायत्त शसतख पहचान की र्ांग की, कु छ चरर् पंधर्थयों ने भारि से अलग हो कर खाशलस्िान बनाने की र्ांग की । II. आपरेशन ब्लू स्टार – सन 1980 के बाि अकाली िल पर उग्र पंर्थी लोगों का तनयंत्रण हो गया और इन्होंने अर्ृिसर के स्िणम र्ंदिर अपना र्ुख्यालय बनाया । सरकार ने जून 1984 के उग्र िादियों को स्िणम र्ंदिर से तनकालने के शलए सैन्य कायमिाही (आपरेशन ब्लू स्टार ) की। III. इस सैन्य कायमिाही को शसतखों ने अपने धर्म , विश्िास पर हर्ला र्ाना क्जसका बिला लेने के शलए 31 अतिूबर 1984 को इंदिरा गांधी की हत्या की गई िो िूसरी िरफ उत्तर भारि र्ें शसतखों के विरुद्ध दहंसा भड़क उठी । IV. पंजाब सर्झौिा: जुलाई 1985 र्ें अकाली िल के अध्यक्ष हर चंि शसंह लोगोिाल िहि राजीि गांधी के सर्झौिे ने पंजाब र्ें शांति स्र्थापना के प्रयास ककए । 3. पूवोत्तर भारत इस क्षेत्र र्ें साि राज्य हैं भारि की 04 प्रतिशि आबािी रहिी हैं । यहााँ की सीर्ाएं चीन , म्यांर्ार , बांग्लािेश और भूटान से लगिी हैं यह क्षेत्र भारि के शलए िक्षक्षण पूिम एशशया का प्रिेश द्िार हैं । संचार व्यिस्र्था एिं लंबी अंिरामष्रीय सीर्ा रेखा आदि सर्स्याएं यहााँ की राजनीति को संिेिनशील बनािी हैं। पूिोत्तर भारि की राजनीति र्ें स्िायत्तिा की र्ांग , अलगाि िािी आंिोलन िर्था बाहरी लोगों का विरोध र्ुद्िे प्रभािी रहे हैं । I. स्वायत्तता की मांग: आजािी के सर्य र्णणपुर एिं त्रत्रपुरा को छोड़ कर पूरा क्षेत्र असर् कहलािा र्था । क्जसर्ें अनेक भाषायी जनजातियााँ सर्ुिाय रहिे र्थे इं सर्ुिायों ने अपनी विशशष्टिा को सुरक्षक्षि रखने के शलए अलग -अलग राज्यों की र्ांग की ।
  • 4. 4 II. अलगाववादी आंदोलन a. ममजोरम सन 1959 र्ें असर् के शर्ज़ो पिमिीय क्षेत्र र्ें आए अकाल के सर्य असर् सरकार द्िारा उधचि प्रबंध न करने पर यहााँ अलगाििािी आंिोलन उभरे । • सन 1966 शर्ज़ो नेशनल फ्रं ट (MNF) ने लाल डेंगा के नेिृत्ि र्ें आजािी की र्ांग करिे हुए सशस्त्र अशभयान चलाया । 1966 र्ें राजीि गांधी िर्था लाल डेंगा के बीच शांति सर्झौिा हुआ और शर्जोरर् पूणम राज्य बना । b. नागालैंड नागा नेशनल काउंशसल (NNC) ने अंगर्ी जापू कफजों के नेिृत्ि सन 1951 से भारि से अलग होने और िृहि नागालैंड की र्ांग के शलए सशस्त्र संघषम चलाया हुआ हैं । कु छ सर्य बाि NNC र्ें िो गुट एक इशाक र्ुइिा (M) िर्था िूसरा खापलांग (K) बन गए । भारि सरकार ने सन 2015 NNC- M गुट से शांति स्र्थापना के शलए सर्झौिा ककया परन्िु स्र्थाई शांति अभी बाकी हैं । III. बाहरी लोगों का ववरोध पूिोत्तर के क्षेत्र र्ें बंगला िेशी घुस पैठ िर्था भारि के िूसरे प्रान्िों से आये लोगों को यहााँ की जनिा अपने रोजगार और संस्कृ ति के शलए खिरा र्ानिी हैं । 1979 से असर् के छात्र संगठन आसू (AASU) ने बाहरी लोगों के विरोध र्ें ये आंिोलन चलाया क्जसके पररणार् स्िरूप आसू और राजीि गांधी के बीच शांति सर्झौिा हुआ सन 2016 के असर् विधान सभा चुनािों र्ें भी बंगलािेशी घुसपैठ का प्रर्ुख र्ुििा र्था । ममजोरम नागालैंड a b
  • 5. 5 4. द्राववड आंदोलन िक्षक्षण भारि के इस आंिोलन का नेिृत्ि िशर्ल सर्ाज सुधारक ई बी रार्ास्िार्ी नायकार पेररयार ने ककया । इस आंिोलन ने उत्तर भारि के राजनीतिक, आधर्थमक ि सांस्कृ तिक प्रभुत्ि ब्राह्र्ण िाि ि दहन्िी भाषा का विरोध िर्था क्षेत्रीय गौरि बढ़ाने पर ज़ोर दिया गया इसे िूसरे िक्षक्षण राज्यों र्ें सर्र्थमन न शर्लने पर उह िशर्लनाडु िक शसर्ट कर रह गया । इस आंिोलन के कारण एक नये राजनीतिक िल – ‘द्रविड़ कषगर् ‘ का उिय हुआ यह िल कु छ िषों के बाि िो भागों (DMK एिं AIDMK) र्ें बंट गया ये िोनों िल अब िशर्लनाडु राजनीति र्ें प्रभािी हैं । 5. मसक्ककम का ववलय आजािी के बाि भारि सरकार ने शसक्तकर् के रक्षा ि वििेश र्ार्ले अपने पास रखे और राजा चोग्याल को आंिररक प्रशासन के अधधकार दिये । परंिु राजा जनिा की लोकिाक्न्त्रक भािनाओं को नहीं साँभाल सका और अप्रैल 1975 र्ें शसक्तकर् विधान सभा ने शसक्तकर् का भारि र्ें विलय प्रस्िाि पास करके जनर्ि संग्रह कराया क्जसे जनिा ने सहर्ति प्रिान की । भारि सरकार ने प्रस्िाि को स्िीकार कर शसक्तकर् को भारि का 22 िां राज्य बनाया । 6. गोवा मुक्कत गोिा िर्न और िीि सोलहिीं सिी से पुिमगाल के आधीन र्थे और 1947 र्ें भारि की आजािी के बाि भी पुिमगाल के अधीन रहे । र्हाराष्र के सार्ाजिािी सत्याग्रदहयों के सहयोग से गोिा र्ें आजािी का आंिोलन चला दिसंबर 1961 र्ें भारि सरकार ने गोिा र्ें सेना भेजकर आजाि कराया और गोिा िर्न , िीि को संघ शाशसि क्षेत्र बनाया । गोिा को र्हाराष्र र्ें शाशर्ल होने या अलग बने रहने के शलए जनर्ि संग्रह जनिरी 1967 र्ें कराया गया और सन 1987 र्ें गोिा को राज्य बनाया गया । 7. आजादी के बाद से अब तक उभरी क्षेत्रीय आकांक्षाओं के सबक I. क्षेत्रीय आकांक्षाएाँ लोकिाक्न्त्रक राजनीति की अशभन्न अंग हैं । II. क्षेत्रीय आकांक्षाओं को िबाने की बजाय लोकिाक्न्त्रक बािचीि को अपनाना अच्छा होिा हैं । सत्ता की साझेिारी के र्हत्ि को सर्झना । III. क्षेत्रीय असंिुलन पर तनयंत्रण रखना । -------------------------------------------------------------------------------------------------