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" ​कस ल है कमर अब तो, कु छ करके दखाएंगे,
आजाद ह हो लगे, या सर ह कटा दगे
हटने के नह ं पीछे, डरकर कभी जु म से
तुम हाथ उठाओगे, हम पैर बढ़ा दगे
बेश नह ं ह हम, बल है हम चरख़े का,
चरख़े से ज़मीं को हम, ता चख़ गुंजा दगे
परवाह नह ं कु छ दम क , ग़म क नह ं, मातम क ,
है जान हथेल पर, एक दम म गंवा दगे
उफ़ तक भी जुबां से हम हर गज़ न नकालगे
तलवार उठाओ तुम, हम सर को झुका दगे
सीखा है नया हमने लड़ने का यह तर का
चलवाओ गन मशीन, हम सीना अड़ा दगे
दलवाओ हम फांसी, ऐलान से कहते ह
ख़ूं से ह हम शह द के , फ़ौज बना दगे
कस ल है कमर अब तो, कु छ करके दखाएंगे,"
Bharat chodo andolan
संदभ
हाल ह म भारत छोड़ो आंदोलन क 77वीं वषगाँठ मनाई गई। ऐसा माना जाता है क यह भारतीय
वतं ता आंदोलन का आ खर सबसे बड़ा आंदोलन था, िजसम सभी भारतवा सय ने एक साथ बड़े
तर पर भाग लया था। कई जगह समानांतर सरकार भी बनाई ग , वतं ता सेनानी भू मगत होकर
भी लड़े।
पूरे देश म वतं ता क लहर दौड़ गई थी गांधी जी के नेतृ व म पूरा देश एकजुट होकर अं ेज का
सामना करने के लए खड़ा था
यह आंदोलन ऐसे समय म ारंभ कया गया जब वतीय व वयु ध जार था। औप नवे शक देश के
नाग रक वतं ता के त जाग क हो रहे थे और कई देश म सा ा यवाद एवं उप नवेशवाद के
खलाफ आंदोलन तेज़ होते जा रहे थे।
Bharat chodo andolan
​आंदोलन के बारे म
14 जुलाई, 1942 को ​वधा म काॅ ेस क कायका रणी स म त ने ‘अं ेज़ भारत छोड़ो आंदोलन’ का
ताव पा रत कया एवं इसक सावज नक घोषणा से पहले 1 अग त को इलाहाबाद ( यागराज) म
तलक दवस मनाया गया। ​8 अग त 1942 को अ खल भारतीय काॅ ेस क बैठक बंबई (मुंबई) के
वा लया टक मैदान म हुई और ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ के ताव को मंज़ूर मल । इस ताव म
यह घोषणा क गई था क भारत म टश शासन क त काल समाि त भारत म वतं ता तथा
लोकतं क थापना के लये अ यंत आव यक हो गई है।
भारत छोड़ो आंदोलन को ​‘अग त ां त’ के नाम से भी जाना जाता है। इस आंदोलन का ल य भारत
से टश सा ा य को समा त करना था। यह आंदोलन भारतीय वतं ता सं ाम के दौरान ​काकोर
कांड के ठ क स ह साल बाद 9 अग त, 1942 को गांधीजी के आ वान पर पूरे देश म एक साथ आरंभ
हुआ।
यह आंदोलन ऐसा िजसने अं ेजो क नींव हला द थी पूरे भारत म आंदोलन इतनी तेजी से फै ला क
अं ेज का भारत म रहना मुि कल हो गया था पूरे देश म गांधी जी के नेतृ व म रा य एकता क
Bharat chodo andolan
झलक दखाई द , इसी का नतीजा था क भारत आजाद क अं तम चरण पर पहुंच चुका था और 5
साल बाद ह अं ेज को भारत को छोड़ना पड़ा.
● आंदोलन क पृ ठभू म
दूसरे व वयु ध क शु आत हो चुक थी और इसम म रा हारने लगे थे। एक समय यह भी
नि चत माना जाने लगा क जापान भारत पर हमला करेगा। म देश, अमे रका, स व चीन टेन
पर लगातार दबाव डाल रहे थे क वह भारतीय का समथन ा त करने का यास करे। अपने इसी
उ दे य क पू त के लये उ ह ने टेफ़ोड स को माच 1942 म भारत भेजा। भारतीय क मांग
पूण वराज थी, जब क टश सरकार भारत को पूण वराज नह ं देना चाहती थी। वह भारत क
सुर ा अपने हाथ म ह रखना चाहती थी और साथ ह गवनरजनरल के वीटो के अ धकार को भी
बनाए रखने के प म थी। भारतीय त न धय ने स मशन के ताव को खा रज कर दया।
स मशन क असफलता के बाद 'भारतीय रा य काॅ ेस स म त' क बैठक 8 अग त, 1942
को बंबई म हुई। इसम यह नणय लया गया क भारत अपनी सुर ा वयं करेगा और सा ा यवाद
तथा फासीवाद का वरोध करता रहेगा।
इसके प चात् कां ेस भारत छोड़ो आंदोलन का ताव लाई िजसम कहा गया क वतं ता ाि त के
बाद भारत अपने सभी संसाधन के साथ फासीवाद और सा ा यवाद ताकत के व ध लड़ रहे
Bharat chodo andolan
देश क ओर से यु ध म शा मल हो जाएगा। इस ताव म देश क वतं ता के लये अ हंसा पर
आधा रत जन आंदोलन क शु आत को अनुमोदन दान कया गया।
● आंदोलन के दौरान ग त व धयाँ
भारत छोड़ो आंदोलन का ताव पा रत होने के बाद वा लया टक मैदान म गांधीजी जी ने कहा क,
“ एक छोटा सा मं है जो म आपको देता हूँ। इसे आप अपने दय म अं कत कर ल और अपनी हर
सांस म उसे अ भ य त कर। यह मं है-“करो या मरो”। अपने इस यास म हम या तो वतं ता
ा त करगे या फर जान दे दगे।”
इस तरह भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान ‘अं ेज़ भारत छोड़ो’ एवं ‘करो या मरो’ भारतीय का नारा
बन गया।
"भारत छोड़ो" का नारा युसूफ मेहर अल ने दया था
टश सरकार वारा रात को 12 बजे ​ऑपरेशन ज़ीरो ऑवर (Operation Zero Hour) के तहत
सभी बड़े नेता गर तार कर लये गए और उ ह देश के अलग-अलग भाग म जेल म डाल दया गया।
गांधीजी को पुणे के ​आगा खां पैलेस म रखा गया तो अ य सद य को ​अहमदनगर दुग म रखा गया।
साथ ह काॅ ेस को गैर-संवैधा नक सं था घो षत कर इस पर तबंध लगा दया गया।
Bharat chodo andolan
इसके वरोध म देश के येक भाग म हड़ताल और दशन का आयोजन कया गया।
मुंबई म लोग पर आंसू गैस के गोले दागे गए
उ र देश बहार मुंबई और भारत के सभी मुख शहर म से बड़े मुख कां ेस के नेताओं को
गर तार कया गया
अहमदाबाद, लखनऊ ,इलाहाबाद ,कानपुर, लाहौर ,अमृतसर भारत के बड़े-बड़े शहर म हड़ताल और
और सभाएं हुई
पुणे म छा क भीड़ पर फाय रंग क गई
मुख नेताओं के जेल चले जाने बाद नेतृ व के अभाव म लोग के बीच से नेतृ व उभरा।
अ णा आसफ अल ने 9 अग त, 1942 को वा लया टक मैदान म तरंगा फहराकर आंदोलन को
ग त द , तो जय काश नारायण, राम मनोहर लो हया, अ युत पटवधन इ या द नेताओं ने भू मगत
रहकर आंदोलन को नेतृ व दान कया।
उषा मेहता ने अपने सा थय के साथ बंबईसे काॅ ेस रे डयो का सारण कया। टश सरकार वारा
पूरे देश म गोल बार , लाठ चाज और गर ता रयाँ क गई।
टश सरकार क हंसक कारवाई क त या म लोग का गु सा भी हंसक ग त व धय म बदल
गया था। लोग ने सरकार संप य पर हमला कया, रेलवे पट रय को उखाड़ दया, डाक व तार
यव था को अ त- य त कर दया और वे सरकार इमारत पर तरंगा फहराने लगे। बहार के पटना
म स चवालय पर तरंगा फहराने के दौरान सात युवा छा शह द हो गए। अनेक थान पर पु लस
और जनता के बीच हंसक संघष भी हुए। टश सरकार ने आंदोलन से संबं धत समाचार को
का शत करने पर रोक लगा द । अनेक समाचार प ने इन तबंध को मानने क बजाय अख़बार
बंद कर दया।
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देश के कई भाग जैसे- संयु त ांत (उ र देश) म ब लया, बंगाल म तामलूक, महारा म सतारा,
कनाटक म धारवाड़ और उड़ीसा म तलचर व बालासोर म लोग वारा अ थायी सरकार क थापना
क गई। पहल अ थायी सरकार ब लया म च ू पा डेय के नेतृ व म बनी थी। सतारा म व ोह का
नेतृ व वाई.वी. चौहान और नाना पा टल ने कया था।
वष 1942 के अंत तक लगभग 60,000 लोग को जेल म डाल दया गया और कई हज़ार लोग मारे
गए िजनम म हलाएँ और ब चे भी शा मल थे। बंगाल के तामलूक म 73 वष य मतं गनी हाजरा,
असम के गोहपुर म 13 वष य कनकलता ब आ, बहार के पटना म सात युवा छा व सैकड़ लोग
दशन के दौरान गोल लगने से मारे गए।
यु ध के वष लोग के लये बेहद संघष के दन थे। इसी दौरान गर बी के कारण बंगाल म गंभीर
अकाल पड़ा िजसम लगभग तीस लाख लोग मारे गए। सरकार ने भूख से मर रहे लोग को राहत
पहुँचाने म बहुत कम च दखाई।
● मह व
यह आंदोलन वतं ता के अं तम चरण को इं गत करता है। इसने गाँव से लेकर शहर तक टश
सरकार को चुनौती द । इससे भारतीय जनता के अंदर आ म व वास बढ़ा और समानांतर सरकार के
गठन से जनता काफ उ सा हत हुई। इसम म हलाओं ने बढ़-चढ़ कर ह सा लया और जनता ने
नेतृ व अपने हाथ म लया। जो रा य आंदोलन के प रप व चरण को सू चत करता है। इस
आंदोलन के दौरान पहल बार राजाओं को जनता क सं भुता वीकार करने को कहा गया।
Bharat chodo andolan
ात य है क भारत छोड़ो आंदोलन म क यु न ट पाट व मुि लम ल ग ने भागीदार नह ं क थी।
● आज भी "Quit India"कहना है
दो त भारत छोड़ो आंदोलन म जैसे पूरे भारत के लोग का समथन ा त कर गांधीजी ने
रा य एकता का मह व दखाया और अं ेज को देश से बाहर नकालने के लए एक बड़े
राजनेता के तौर पर आ वान कया तो पूरे देश ने उनका साथ दया तब अं ेज भारत छोड़कर
चले गए| अनेक लोग ने कु बानी द अनेक नेताओं ने अपनी िजंदगी देश को आजाद करने म
के लए खपा द हम उनके ब लदान को नह ं भूल सकते.
दो त " Quit India" हम आज भी कहना है और आज अं ेज क जगह भारत म टाचार,
अ श ा, गर बी, जनसं या व फोट, को कहना है
यह तभी संभव है जब हम 76 वष पहले क अग त ां त के जैसे अपनी रा य एकता
दखाएंगे.
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" ​कस ल है कमर अब तो, कु छ करके दखाएंगे,
आजाद ह हो लगे, या सर ह कटा दगे
हटने के नह ं पीछे, डरकर कभी जु म से
तुम हाथ उठाओगे, हम पैर बढ़ा दगे
बेश नह ं ह हम, बल है हम चरख़े का,
चरख़े से ज़मीं को हम, ता चख़ गुंजा दगे
परवाह नह ं कु छ दम क , ग़म क नह ं, मातम क ,
है जान हथेल पर, एक दम म गंवा दगे
उफ़ तक भी जुबां से हम हर गज़ न नकालगे
तलवार उठाओ तुम, हम सर को झुका दगे
सीखा है नया हमने लड़ने का यह तर का
चलवाओ गन मशीन, हम सीना अड़ा दगे
दलवाओ हम फांसी, ऐलान से कहते ह
ख़ूं से ह हम शह द के , फ़ौज बना दगे
कस ल है कमर अब तो, कु छ करके दखाएंगे,"
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संदभ
हाल ह म भारत छोड़ो आंदोलन क 77वीं वषगाँठ मनाई गई। ऐसा माना जाता है क यह भारतीय
वतं ता आंदोलन का आ खर सबसे बड़ा आंदोलन था, िजसम सभी भारतवा सय ने एक साथ बड़े
तर पर भाग लया था। कई जगह समानांतर सरकार भी बनाई ग , वतं ता सेनानी भू मगत होकर
भी लड़े।
पूरे देश म वतं ता क लहर दौड़ गई थी गांधी जी के नेतृ व म पूरा देश एकजुट होकर अं ेज का
सामना करने के लए खड़ा था
यह आंदोलन ऐसे समय म ारंभ कया गया जब वतीय व वयु ध जार था। औप नवे शक देश के
नाग रक वतं ता के त जाग क हो रहे थे और कई देश म सा ा यवाद एवं उप नवेशवाद के
खलाफ आंदोलन तेज़ होते जा रहे थे।
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​आंदोलन के बारे म
14 जुलाई, 1942 को ​वधा म काॅ ेस क कायका रणी स म त ने ‘अं ेज़ भारत छोड़ो आंदोलन’ का
ताव पा रत कया एवं इसक सावज नक घोषणा से पहले 1 अग त को इलाहाबाद ( यागराज) म
तलक दवस मनाया गया। ​8 अग त 1942 को अ खल भारतीय काॅ ेस क बैठक बंबई (मुंबई) के
वा लया टक मैदान म हुई और ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ के ताव को मंज़ूर मल । इस ताव म
यह घोषणा क गई था क भारत म टश शासन क त काल समाि त भारत म वतं ता तथा
लोकतं क थापना के लये अ यंत आव यक हो गई है।
भारत छोड़ो आंदोलन को ​‘अग त ां त’ के नाम से भी जाना जाता है। इस आंदोलन का ल य भारत
से टश सा ा य को समा त करना था। यह आंदोलन भारतीय वतं ता सं ाम के दौरान ​काकोर
कांड के ठ क स ह साल बाद 9 अग त, 1942 को गांधीजी के आ वान पर पूरे देश म एक साथ आरंभ
हुआ।
यह आंदोलन ऐसा िजसने अं ेजो क नींव हला द थी पूरे भारत म आंदोलन इतनी तेजी से फै ला क
अं ेज का भारत म रहना मुि कल हो गया था पूरे देश म गांधी जी के नेतृ व म रा य एकता क
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झलक दखाई द , इसी का नतीजा था क भारत आजाद क अं तम चरण पर पहुंच चुका था और 5
साल बाद ह अं ेज को भारत को छोड़ना पड़ा.
● आंदोलन क पृ ठभू म
दूसरे व वयु ध क शु आत हो चुक थी और इसम म रा हारने लगे थे। एक समय यह भी
नि चत माना जाने लगा क जापान भारत पर हमला करेगा। म देश, अमे रका, स व चीन टेन
पर लगातार दबाव डाल रहे थे क वह भारतीय का समथन ा त करने का यास करे। अपने इसी
उ दे य क पू त के लये उ ह ने टेफ़ोड स को माच 1942 म भारत भेजा। भारतीय क मांग
पूण वराज थी, जब क टश सरकार भारत को पूण वराज नह ं देना चाहती थी। वह भारत क
सुर ा अपने हाथ म ह रखना चाहती थी और साथ ह गवनरजनरल के वीटो के अ धकार को भी
बनाए रखने के प म थी। भारतीय त न धय ने स मशन के ताव को खा रज कर दया।
स मशन क असफलता के बाद 'भारतीय रा य काॅ ेस स म त' क बैठक 8 अग त, 1942
को बंबई म हुई। इसम यह नणय लया गया क भारत अपनी सुर ा वयं करेगा और सा ा यवाद
तथा फासीवाद का वरोध करता रहेगा।
इसके प चात् कां ेस भारत छोड़ो आंदोलन का ताव लाई िजसम कहा गया क वतं ता ाि त के
बाद भारत अपने सभी संसाधन के साथ फासीवाद और सा ा यवाद ताकत के व ध लड़ रहे
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देश क ओर से यु ध म शा मल हो जाएगा। इस ताव म देश क वतं ता के लये अ हंसा पर
आधा रत जन आंदोलन क शु आत को अनुमोदन दान कया गया।
● आंदोलन के दौरान ग त व धयाँ
भारत छोड़ो आंदोलन का ताव पा रत होने के बाद वा लया टक मैदान म गांधीजी जी ने कहा क,
“ एक छोटा सा मं है जो म आपको देता हूँ। इसे आप अपने दय म अं कत कर ल और अपनी हर
सांस म उसे अ भ य त कर। यह मं है-“करो या मरो”। अपने इस यास म हम या तो वतं ता
ा त करगे या फर जान दे दगे।”
इस तरह भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान ‘अं ेज़ भारत छोड़ो’ एवं ‘करो या मरो’ भारतीय का नारा
बन गया।
"भारत छोड़ो" का नारा युसूफ मेहर अल ने दया था
टश सरकार वारा रात को 12 बजे ​ऑपरेशन ज़ीरो ऑवर (Operation Zero Hour) के तहत
सभी बड़े नेता गर तार कर लये गए और उ ह देश के अलग-अलग भाग म जेल म डाल दया गया।
गांधीजी को पुणे के ​आगा खां पैलेस म रखा गया तो अ य सद य को ​अहमदनगर दुग म रखा गया।
साथ ह काॅ ेस को गैर-संवैधा नक सं था घो षत कर इस पर तबंध लगा दया गया।
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इसके वरोध म देश के येक भाग म हड़ताल और दशन का आयोजन कया गया।
मुंबई म लोग पर आंसू गैस के गोले दागे गए
उ र देश बहार मुंबई और भारत के सभी मुख शहर म से बड़े मुख कां ेस के नेताओं को
गर तार कया गया
अहमदाबाद, लखनऊ ,इलाहाबाद ,कानपुर, लाहौर ,अमृतसर भारत के बड़े-बड़े शहर म हड़ताल और
और सभाएं हुई
पुणे म छा क भीड़ पर फाय रंग क गई
मुख नेताओं के जेल चले जाने बाद नेतृ व के अभाव म लोग के बीच से नेतृ व उभरा।
अ णा आसफ अल ने 9 अग त, 1942 को वा लया टक मैदान म तरंगा फहराकर आंदोलन को
ग त द , तो जय काश नारायण, राम मनोहर लो हया, अ युत पटवधन इ या द नेताओं ने भू मगत
रहकर आंदोलन को नेतृ व दान कया।
उषा मेहता ने अपने सा थय के साथ बंबईसे काॅ ेस रे डयो का सारण कया। टश सरकार वारा
पूरे देश म गोल बार , लाठ चाज और गर ता रयाँ क गई।
टश सरकार क हंसक कारवाई क त या म लोग का गु सा भी हंसक ग त व धय म बदल
गया था। लोग ने सरकार संप य पर हमला कया, रेलवे पट रय को उखाड़ दया, डाक व तार
यव था को अ त- य त कर दया और वे सरकार इमारत पर तरंगा फहराने लगे। बहार के पटना
म स चवालय पर तरंगा फहराने के दौरान सात युवा छा शह द हो गए। अनेक थान पर पु लस
और जनता के बीच हंसक संघष भी हुए। टश सरकार ने आंदोलन से संबं धत समाचार को
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देश के कई भाग जैसे- संयु त ांत (उ र देश) म ब लया, बंगाल म तामलूक, महारा म सतारा,
कनाटक म धारवाड़ और उड़ीसा म तलचर व बालासोर म लोग वारा अ थायी सरकार क थापना
क गई। पहल अ थायी सरकार ब लया म च ू पा डेय के नेतृ व म बनी थी। सतारा म व ोह का
नेतृ व वाई.वी. चौहान और नाना पा टल ने कया था।
वष 1942 के अंत तक लगभग 60,000 लोग को जेल म डाल दया गया और कई हज़ार लोग मारे
गए िजनम म हलाएँ और ब चे भी शा मल थे। बंगाल के तामलूक म 73 वष य मतं गनी हाजरा,
असम के गोहपुर म 13 वष य कनकलता ब आ, बहार के पटना म सात युवा छा व सैकड़ लोग
दशन के दौरान गोल लगने से मारे गए।
यु ध के वष लोग के लये बेहद संघष के दन थे। इसी दौरान गर बी के कारण बंगाल म गंभीर
अकाल पड़ा िजसम लगभग तीस लाख लोग मारे गए। सरकार ने भूख से मर रहे लोग को राहत
पहुँचाने म बहुत कम च दखाई।
● मह व
यह आंदोलन वतं ता के अं तम चरण को इं गत करता है। इसने गाँव से लेकर शहर तक टश
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नेतृ व अपने हाथ म लया। जो रा य आंदोलन के प रप व चरण को सू चत करता है। इस
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Bharat chodo andolan

  • 1. Bharat chodo andolan For more articles like this please visit my blog https://gkgyankksuri.blogspot.com/ " ​कस ल है कमर अब तो, कु छ करके दखाएंगे, आजाद ह हो लगे, या सर ह कटा दगे हटने के नह ं पीछे, डरकर कभी जु म से तुम हाथ उठाओगे, हम पैर बढ़ा दगे बेश नह ं ह हम, बल है हम चरख़े का, चरख़े से ज़मीं को हम, ता चख़ गुंजा दगे परवाह नह ं कु छ दम क , ग़म क नह ं, मातम क , है जान हथेल पर, एक दम म गंवा दगे उफ़ तक भी जुबां से हम हर गज़ न नकालगे तलवार उठाओ तुम, हम सर को झुका दगे सीखा है नया हमने लड़ने का यह तर का चलवाओ गन मशीन, हम सीना अड़ा दगे दलवाओ हम फांसी, ऐलान से कहते ह ख़ूं से ह हम शह द के , फ़ौज बना दगे कस ल है कमर अब तो, कु छ करके दखाएंगे,"
  • 2. Bharat chodo andolan संदभ हाल ह म भारत छोड़ो आंदोलन क 77वीं वषगाँठ मनाई गई। ऐसा माना जाता है क यह भारतीय वतं ता आंदोलन का आ खर सबसे बड़ा आंदोलन था, िजसम सभी भारतवा सय ने एक साथ बड़े तर पर भाग लया था। कई जगह समानांतर सरकार भी बनाई ग , वतं ता सेनानी भू मगत होकर भी लड़े। पूरे देश म वतं ता क लहर दौड़ गई थी गांधी जी के नेतृ व म पूरा देश एकजुट होकर अं ेज का सामना करने के लए खड़ा था यह आंदोलन ऐसे समय म ारंभ कया गया जब वतीय व वयु ध जार था। औप नवे शक देश के नाग रक वतं ता के त जाग क हो रहे थे और कई देश म सा ा यवाद एवं उप नवेशवाद के खलाफ आंदोलन तेज़ होते जा रहे थे।
  • 3. Bharat chodo andolan ​आंदोलन के बारे म 14 जुलाई, 1942 को ​वधा म काॅ ेस क कायका रणी स म त ने ‘अं ेज़ भारत छोड़ो आंदोलन’ का ताव पा रत कया एवं इसक सावज नक घोषणा से पहले 1 अग त को इलाहाबाद ( यागराज) म तलक दवस मनाया गया। ​8 अग त 1942 को अ खल भारतीय काॅ ेस क बैठक बंबई (मुंबई) के वा लया टक मैदान म हुई और ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ के ताव को मंज़ूर मल । इस ताव म यह घोषणा क गई था क भारत म टश शासन क त काल समाि त भारत म वतं ता तथा लोकतं क थापना के लये अ यंत आव यक हो गई है। भारत छोड़ो आंदोलन को ​‘अग त ां त’ के नाम से भी जाना जाता है। इस आंदोलन का ल य भारत से टश सा ा य को समा त करना था। यह आंदोलन भारतीय वतं ता सं ाम के दौरान ​काकोर कांड के ठ क स ह साल बाद 9 अग त, 1942 को गांधीजी के आ वान पर पूरे देश म एक साथ आरंभ हुआ। यह आंदोलन ऐसा िजसने अं ेजो क नींव हला द थी पूरे भारत म आंदोलन इतनी तेजी से फै ला क अं ेज का भारत म रहना मुि कल हो गया था पूरे देश म गांधी जी के नेतृ व म रा य एकता क
  • 4. Bharat chodo andolan झलक दखाई द , इसी का नतीजा था क भारत आजाद क अं तम चरण पर पहुंच चुका था और 5 साल बाद ह अं ेज को भारत को छोड़ना पड़ा. ● आंदोलन क पृ ठभू म दूसरे व वयु ध क शु आत हो चुक थी और इसम म रा हारने लगे थे। एक समय यह भी नि चत माना जाने लगा क जापान भारत पर हमला करेगा। म देश, अमे रका, स व चीन टेन पर लगातार दबाव डाल रहे थे क वह भारतीय का समथन ा त करने का यास करे। अपने इसी उ दे य क पू त के लये उ ह ने टेफ़ोड स को माच 1942 म भारत भेजा। भारतीय क मांग पूण वराज थी, जब क टश सरकार भारत को पूण वराज नह ं देना चाहती थी। वह भारत क सुर ा अपने हाथ म ह रखना चाहती थी और साथ ह गवनरजनरल के वीटो के अ धकार को भी बनाए रखने के प म थी। भारतीय त न धय ने स मशन के ताव को खा रज कर दया। स मशन क असफलता के बाद 'भारतीय रा य काॅ ेस स म त' क बैठक 8 अग त, 1942 को बंबई म हुई। इसम यह नणय लया गया क भारत अपनी सुर ा वयं करेगा और सा ा यवाद तथा फासीवाद का वरोध करता रहेगा। इसके प चात् कां ेस भारत छोड़ो आंदोलन का ताव लाई िजसम कहा गया क वतं ता ाि त के बाद भारत अपने सभी संसाधन के साथ फासीवाद और सा ा यवाद ताकत के व ध लड़ रहे
  • 5. Bharat chodo andolan देश क ओर से यु ध म शा मल हो जाएगा। इस ताव म देश क वतं ता के लये अ हंसा पर आधा रत जन आंदोलन क शु आत को अनुमोदन दान कया गया। ● आंदोलन के दौरान ग त व धयाँ भारत छोड़ो आंदोलन का ताव पा रत होने के बाद वा लया टक मैदान म गांधीजी जी ने कहा क, “ एक छोटा सा मं है जो म आपको देता हूँ। इसे आप अपने दय म अं कत कर ल और अपनी हर सांस म उसे अ भ य त कर। यह मं है-“करो या मरो”। अपने इस यास म हम या तो वतं ता ा त करगे या फर जान दे दगे।” इस तरह भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान ‘अं ेज़ भारत छोड़ो’ एवं ‘करो या मरो’ भारतीय का नारा बन गया। "भारत छोड़ो" का नारा युसूफ मेहर अल ने दया था टश सरकार वारा रात को 12 बजे ​ऑपरेशन ज़ीरो ऑवर (Operation Zero Hour) के तहत सभी बड़े नेता गर तार कर लये गए और उ ह देश के अलग-अलग भाग म जेल म डाल दया गया। गांधीजी को पुणे के ​आगा खां पैलेस म रखा गया तो अ य सद य को ​अहमदनगर दुग म रखा गया। साथ ह काॅ ेस को गैर-संवैधा नक सं था घो षत कर इस पर तबंध लगा दया गया।
  • 6. Bharat chodo andolan इसके वरोध म देश के येक भाग म हड़ताल और दशन का आयोजन कया गया। मुंबई म लोग पर आंसू गैस के गोले दागे गए उ र देश बहार मुंबई और भारत के सभी मुख शहर म से बड़े मुख कां ेस के नेताओं को गर तार कया गया अहमदाबाद, लखनऊ ,इलाहाबाद ,कानपुर, लाहौर ,अमृतसर भारत के बड़े-बड़े शहर म हड़ताल और और सभाएं हुई पुणे म छा क भीड़ पर फाय रंग क गई मुख नेताओं के जेल चले जाने बाद नेतृ व के अभाव म लोग के बीच से नेतृ व उभरा। अ णा आसफ अल ने 9 अग त, 1942 को वा लया टक मैदान म तरंगा फहराकर आंदोलन को ग त द , तो जय काश नारायण, राम मनोहर लो हया, अ युत पटवधन इ या द नेताओं ने भू मगत रहकर आंदोलन को नेतृ व दान कया। उषा मेहता ने अपने सा थय के साथ बंबईसे काॅ ेस रे डयो का सारण कया। टश सरकार वारा पूरे देश म गोल बार , लाठ चाज और गर ता रयाँ क गई। टश सरकार क हंसक कारवाई क त या म लोग का गु सा भी हंसक ग त व धय म बदल गया था। लोग ने सरकार संप य पर हमला कया, रेलवे पट रय को उखाड़ दया, डाक व तार यव था को अ त- य त कर दया और वे सरकार इमारत पर तरंगा फहराने लगे। बहार के पटना म स चवालय पर तरंगा फहराने के दौरान सात युवा छा शह द हो गए। अनेक थान पर पु लस और जनता के बीच हंसक संघष भी हुए। टश सरकार ने आंदोलन से संबं धत समाचार को का शत करने पर रोक लगा द । अनेक समाचार प ने इन तबंध को मानने क बजाय अख़बार बंद कर दया।
  • 7. Bharat chodo andolan देश के कई भाग जैसे- संयु त ांत (उ र देश) म ब लया, बंगाल म तामलूक, महारा म सतारा, कनाटक म धारवाड़ और उड़ीसा म तलचर व बालासोर म लोग वारा अ थायी सरकार क थापना क गई। पहल अ थायी सरकार ब लया म च ू पा डेय के नेतृ व म बनी थी। सतारा म व ोह का नेतृ व वाई.वी. चौहान और नाना पा टल ने कया था। वष 1942 के अंत तक लगभग 60,000 लोग को जेल म डाल दया गया और कई हज़ार लोग मारे गए िजनम म हलाएँ और ब चे भी शा मल थे। बंगाल के तामलूक म 73 वष य मतं गनी हाजरा, असम के गोहपुर म 13 वष य कनकलता ब आ, बहार के पटना म सात युवा छा व सैकड़ लोग दशन के दौरान गोल लगने से मारे गए। यु ध के वष लोग के लये बेहद संघष के दन थे। इसी दौरान गर बी के कारण बंगाल म गंभीर अकाल पड़ा िजसम लगभग तीस लाख लोग मारे गए। सरकार ने भूख से मर रहे लोग को राहत पहुँचाने म बहुत कम च दखाई। ● मह व यह आंदोलन वतं ता के अं तम चरण को इं गत करता है। इसने गाँव से लेकर शहर तक टश सरकार को चुनौती द । इससे भारतीय जनता के अंदर आ म व वास बढ़ा और समानांतर सरकार के गठन से जनता काफ उ सा हत हुई। इसम म हलाओं ने बढ़-चढ़ कर ह सा लया और जनता ने नेतृ व अपने हाथ म लया। जो रा य आंदोलन के प रप व चरण को सू चत करता है। इस आंदोलन के दौरान पहल बार राजाओं को जनता क सं भुता वीकार करने को कहा गया।
  • 8. Bharat chodo andolan ात य है क भारत छोड़ो आंदोलन म क यु न ट पाट व मुि लम ल ग ने भागीदार नह ं क थी। ● आज भी "Quit India"कहना है दो त भारत छोड़ो आंदोलन म जैसे पूरे भारत के लोग का समथन ा त कर गांधीजी ने रा य एकता का मह व दखाया और अं ेज को देश से बाहर नकालने के लए एक बड़े राजनेता के तौर पर आ वान कया तो पूरे देश ने उनका साथ दया तब अं ेज भारत छोड़कर चले गए| अनेक लोग ने कु बानी द अनेक नेताओं ने अपनी िजंदगी देश को आजाद करने म के लए खपा द हम उनके ब लदान को नह ं भूल सकते. दो त " Quit India" हम आज भी कहना है और आज अं ेज क जगह भारत म टाचार, अ श ा, गर बी, जनसं या व फोट, को कहना है यह तभी संभव है जब हम 76 वष पहले क अग त ां त के जैसे अपनी रा य एकता दखाएंगे.
  • 9. Bharat chodo andolan " ​कस ल है कमर अब तो, कु छ करके दखाएंगे, आजाद ह हो लगे, या सर ह कटा दगे हटने के नह ं पीछे, डरकर कभी जु म से तुम हाथ उठाओगे, हम पैर बढ़ा दगे बेश नह ं ह हम, बल है हम चरख़े का, चरख़े से ज़मीं को हम, ता चख़ गुंजा दगे परवाह नह ं कु छ दम क , ग़म क नह ं, मातम क , है जान हथेल पर, एक दम म गंवा दगे उफ़ तक भी जुबां से हम हर गज़ न नकालगे तलवार उठाओ तुम, हम सर को झुका दगे सीखा है नया हमने लड़ने का यह तर का चलवाओ गन मशीन, हम सीना अड़ा दगे दलवाओ हम फांसी, ऐलान से कहते ह ख़ूं से ह हम शह द के , फ़ौज बना दगे कस ल है कमर अब तो, कु छ करके दखाएंगे,"
  • 10. Bharat chodo andolan संदभ हाल ह म भारत छोड़ो आंदोलन क 77वीं वषगाँठ मनाई गई। ऐसा माना जाता है क यह भारतीय वतं ता आंदोलन का आ खर सबसे बड़ा आंदोलन था, िजसम सभी भारतवा सय ने एक साथ बड़े तर पर भाग लया था। कई जगह समानांतर सरकार भी बनाई ग , वतं ता सेनानी भू मगत होकर भी लड़े। पूरे देश म वतं ता क लहर दौड़ गई थी गांधी जी के नेतृ व म पूरा देश एकजुट होकर अं ेज का सामना करने के लए खड़ा था यह आंदोलन ऐसे समय म ारंभ कया गया जब वतीय व वयु ध जार था। औप नवे शक देश के नाग रक वतं ता के त जाग क हो रहे थे और कई देश म सा ा यवाद एवं उप नवेशवाद के खलाफ आंदोलन तेज़ होते जा रहे थे।
  • 11. Bharat chodo andolan ​आंदोलन के बारे म 14 जुलाई, 1942 को ​वधा म काॅ ेस क कायका रणी स म त ने ‘अं ेज़ भारत छोड़ो आंदोलन’ का ताव पा रत कया एवं इसक सावज नक घोषणा से पहले 1 अग त को इलाहाबाद ( यागराज) म तलक दवस मनाया गया। ​8 अग त 1942 को अ खल भारतीय काॅ ेस क बैठक बंबई (मुंबई) के वा लया टक मैदान म हुई और ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ के ताव को मंज़ूर मल । इस ताव म यह घोषणा क गई था क भारत म टश शासन क त काल समाि त भारत म वतं ता तथा लोकतं क थापना के लये अ यंत आव यक हो गई है। भारत छोड़ो आंदोलन को ​‘अग त ां त’ के नाम से भी जाना जाता है। इस आंदोलन का ल य भारत से टश सा ा य को समा त करना था। यह आंदोलन भारतीय वतं ता सं ाम के दौरान ​काकोर कांड के ठ क स ह साल बाद 9 अग त, 1942 को गांधीजी के आ वान पर पूरे देश म एक साथ आरंभ हुआ। यह आंदोलन ऐसा िजसने अं ेजो क नींव हला द थी पूरे भारत म आंदोलन इतनी तेजी से फै ला क अं ेज का भारत म रहना मुि कल हो गया था पूरे देश म गांधी जी के नेतृ व म रा य एकता क
  • 12. Bharat chodo andolan झलक दखाई द , इसी का नतीजा था क भारत आजाद क अं तम चरण पर पहुंच चुका था और 5 साल बाद ह अं ेज को भारत को छोड़ना पड़ा. ● आंदोलन क पृ ठभू म दूसरे व वयु ध क शु आत हो चुक थी और इसम म रा हारने लगे थे। एक समय यह भी नि चत माना जाने लगा क जापान भारत पर हमला करेगा। म देश, अमे रका, स व चीन टेन पर लगातार दबाव डाल रहे थे क वह भारतीय का समथन ा त करने का यास करे। अपने इसी उ दे य क पू त के लये उ ह ने टेफ़ोड स को माच 1942 म भारत भेजा। भारतीय क मांग पूण वराज थी, जब क टश सरकार भारत को पूण वराज नह ं देना चाहती थी। वह भारत क सुर ा अपने हाथ म ह रखना चाहती थी और साथ ह गवनरजनरल के वीटो के अ धकार को भी बनाए रखने के प म थी। भारतीय त न धय ने स मशन के ताव को खा रज कर दया। स मशन क असफलता के बाद 'भारतीय रा य काॅ ेस स म त' क बैठक 8 अग त, 1942 को बंबई म हुई। इसम यह नणय लया गया क भारत अपनी सुर ा वयं करेगा और सा ा यवाद तथा फासीवाद का वरोध करता रहेगा। इसके प चात् कां ेस भारत छोड़ो आंदोलन का ताव लाई िजसम कहा गया क वतं ता ाि त के बाद भारत अपने सभी संसाधन के साथ फासीवाद और सा ा यवाद ताकत के व ध लड़ रहे
  • 13. Bharat chodo andolan देश क ओर से यु ध म शा मल हो जाएगा। इस ताव म देश क वतं ता के लये अ हंसा पर आधा रत जन आंदोलन क शु आत को अनुमोदन दान कया गया। ● आंदोलन के दौरान ग त व धयाँ भारत छोड़ो आंदोलन का ताव पा रत होने के बाद वा लया टक मैदान म गांधीजी जी ने कहा क, “ एक छोटा सा मं है जो म आपको देता हूँ। इसे आप अपने दय म अं कत कर ल और अपनी हर सांस म उसे अ भ य त कर। यह मं है-“करो या मरो”। अपने इस यास म हम या तो वतं ता ा त करगे या फर जान दे दगे।” इस तरह भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान ‘अं ेज़ भारत छोड़ो’ एवं ‘करो या मरो’ भारतीय का नारा बन गया। "भारत छोड़ो" का नारा युसूफ मेहर अल ने दया था टश सरकार वारा रात को 12 बजे ​ऑपरेशन ज़ीरो ऑवर (Operation Zero Hour) के तहत सभी बड़े नेता गर तार कर लये गए और उ ह देश के अलग-अलग भाग म जेल म डाल दया गया। गांधीजी को पुणे के ​आगा खां पैलेस म रखा गया तो अ य सद य को ​अहमदनगर दुग म रखा गया। साथ ह काॅ ेस को गैर-संवैधा नक सं था घो षत कर इस पर तबंध लगा दया गया।
  • 14. Bharat chodo andolan इसके वरोध म देश के येक भाग म हड़ताल और दशन का आयोजन कया गया। मुंबई म लोग पर आंसू गैस के गोले दागे गए उ र देश बहार मुंबई और भारत के सभी मुख शहर म से बड़े मुख कां ेस के नेताओं को गर तार कया गया अहमदाबाद, लखनऊ ,इलाहाबाद ,कानपुर, लाहौर ,अमृतसर भारत के बड़े-बड़े शहर म हड़ताल और और सभाएं हुई पुणे म छा क भीड़ पर फाय रंग क गई मुख नेताओं के जेल चले जाने बाद नेतृ व के अभाव म लोग के बीच से नेतृ व उभरा। अ णा आसफ अल ने 9 अग त, 1942 को वा लया टक मैदान म तरंगा फहराकर आंदोलन को ग त द , तो जय काश नारायण, राम मनोहर लो हया, अ युत पटवधन इ या द नेताओं ने भू मगत रहकर आंदोलन को नेतृ व दान कया। उषा मेहता ने अपने सा थय के साथ बंबईसे काॅ ेस रे डयो का सारण कया। टश सरकार वारा पूरे देश म गोल बार , लाठ चाज और गर ता रयाँ क गई। टश सरकार क हंसक कारवाई क त या म लोग का गु सा भी हंसक ग त व धय म बदल गया था। लोग ने सरकार संप य पर हमला कया, रेलवे पट रय को उखाड़ दया, डाक व तार यव था को अ त- य त कर दया और वे सरकार इमारत पर तरंगा फहराने लगे। बहार के पटना म स चवालय पर तरंगा फहराने के दौरान सात युवा छा शह द हो गए। अनेक थान पर पु लस और जनता के बीच हंसक संघष भी हुए। टश सरकार ने आंदोलन से संबं धत समाचार को का शत करने पर रोक लगा द । अनेक समाचार प ने इन तबंध को मानने क बजाय अख़बार बंद कर दया।
  • 15. Bharat chodo andolan देश के कई भाग जैसे- संयु त ांत (उ र देश) म ब लया, बंगाल म तामलूक, महारा म सतारा, कनाटक म धारवाड़ और उड़ीसा म तलचर व बालासोर म लोग वारा अ थायी सरकार क थापना क गई। पहल अ थायी सरकार ब लया म च ू पा डेय के नेतृ व म बनी थी। सतारा म व ोह का नेतृ व वाई.वी. चौहान और नाना पा टल ने कया था। वष 1942 के अंत तक लगभग 60,000 लोग को जेल म डाल दया गया और कई हज़ार लोग मारे गए िजनम म हलाएँ और ब चे भी शा मल थे। बंगाल के तामलूक म 73 वष य मतं गनी हाजरा, असम के गोहपुर म 13 वष य कनकलता ब आ, बहार के पटना म सात युवा छा व सैकड़ लोग दशन के दौरान गोल लगने से मारे गए। यु ध के वष लोग के लये बेहद संघष के दन थे। इसी दौरान गर बी के कारण बंगाल म गंभीर अकाल पड़ा िजसम लगभग तीस लाख लोग मारे गए। सरकार ने भूख से मर रहे लोग को राहत पहुँचाने म बहुत कम च दखाई। ● मह व यह आंदोलन वतं ता के अं तम चरण को इं गत करता है। इसने गाँव से लेकर शहर तक टश सरकार को चुनौती द । इससे भारतीय जनता के अंदर आ म व वास बढ़ा और समानांतर सरकार के गठन से जनता काफ उ सा हत हुई। इसम म हलाओं ने बढ़-चढ़ कर ह सा लया और जनता ने नेतृ व अपने हाथ म लया। जो रा य आंदोलन के प रप व चरण को सू चत करता है। इस आंदोलन के दौरान पहल बार राजाओं को जनता क सं भुता वीकार करने को कहा गया।
  • 16. Bharat chodo andolan ात य है क भारत छोड़ो आंदोलन म क यु न ट पाट व मुि लम ल ग ने भागीदार नह ं क थी। ● आज भी "Quit India"कहना है दो त भारत छोड़ो आंदोलन म जैसे पूरे भारत के लोग का समथन ा त कर गांधीजी ने रा य एकता का मह व दखाया और अं ेज को देश से बाहर नकालने के लए एक बड़े राजनेता के तौर पर आ वान कया तो पूरे देश ने उनका साथ दया तब अं ेज भारत छोड़कर चले गए| अनेक लोग ने कु बानी द अनेक नेताओं ने अपनी िजंदगी देश को आजाद करने म के लए खपा द हम उनके ब लदान को नह ं भूल सकते. दो त " Quit India" हम आज भी कहना है और आज अं ेज क जगह भारत म टाचार, अ श ा, गर बी, जनसं या व फोट, को कहना है यह तभी संभव है जब हम 76 वष पहले क अग त ां त के जैसे अपनी रा य एकता दखाएंगे.