8. • श्रह अरशर्ोंद ने पशिम के शिक्षव और
भवरतहय शिक्षव कव अद् भऺत सवमोंजस्य
स्थवशपत करने कव प्रयवस शकयव।
• रवष्ट्र हय और अोंतररवष्ट्र हय शर्द्यवलय कह
स्थवपनव श्रह अरशर्ोंद कह शिक्षव क्षेत्र कह
महवन देन है |
• शिक्षव के क्षेत्र में श्रह अरशर्ोंद कव सबसे
बडव य गदवन है |
9. • अरशर्ोंद के अनऺसवर मनऺष्य कह
आशथणक व्यर्स्थव में मवनशसक प्रक़ शत
नैशतकतव पर शटकतह है।
• श्रह अरशर्ोंद मवनते हैं शक आधऺशनक
शर्द्यवलय ों में नैशतकतव और धवशमणक
शिक्षव कव प्रबोंध करने में कवफह
कशिनवई कव अनऺभर् ह गव |
10. • श्रह अरशर्ोंद भवरत कह दऺदणिव क
देखकर रवजनहशत कह ओर भह
आकशषणत हुए थे।
• 1806 ई0 मैं उन् ोंने रवष्ट्र हय शिक्षव
के हेतऺ प्रयवस शकयव।
11. निष्कर्ष:-
• श्रह अरशर्ोंद भवरत कह दऺदणिव क देखकर रवजनहशत
कह ओर भह आकशषणत हुए थे।
• शिक्षव के क्षेत्र में श्रह अरशर्ोंद कव सबसे बडव य गदवन
है |
• पवठ्यक्रम बवल मन शर्ज्ञवन पर आधवषरत ह नव
चवशहए।