SlideShare a Scribd company logo
1 of 48
Download to read offline
1
पोवारी साहित्य अना साांस्क
ृ हिक उत्कर्ष द्वारा आयोहिि
पोवारी साहित्य सररिा भाग ६९
आयोिक
डॉ. िरगोहवांद टेंभरे
मागषदर्षक
श्री. व्ही. बी.देर्मुख
2
१.कथा पोवारोां को स्थानाांिरण की
----------------🙏🕉️🙏--------------
तीनसौ साल पहले मालवा सोडीन l
पूववजोों न् आपला जुना गाोंव सोडीन l
श्रीराम रघुराई को सुममरन करक
े ,
मालवा राजस्थान का गाोंव गव्हान सोडीन ll
नगरधन को मकला मा डेरा जमाईन l
नवो पररवेश मा तालमेल बसायीन l
श्रीराम रघुराई को सुममरन करक
े ,
वैनगोंगा को आोंचल मा मकसानी बनाईन ll
पूववजोों न् तलाव बोडी बनाईन l
नवो पररवेश मा नवा गाोंव बसाईन l
श्रीराम रघुराई को सुममरन करक
े ,
3
सभी नवो गाोंव मा राम मोंमिर बनाईन ll
बैहर की भूमम ला उपजाऊ बनाईन l
गहों चना धान की फसल उगाईन l
श्रीराम रघुराई को सुममरन करक
े ,
मसहारपाठ पर रामजी को मोंमिर बनाईन ll
बैहर ला सोंस्क
ृ मत को क
ें द्र बनाईन l
नवी पीढी ला धमव की राह िेखाईन l
श्रीराम रघुराई को सुममरन करक
े ,
वैनगोंगा को आोंचल मा खुशहाली पाईन ll
इहििासकार प्राचायष ओ सी पटले
र्हन.२२/१०/२०२२.
-------------------🌹🌹----------------
4
२.स्थानाांिरण की गाथा
-----------💜💚❤️------------
िेवगढ को शासक ला साथ िेईन l
औरोंगजेब की सत्ता झुगार िेईन l
पासा पलट िेईन रण-मैिान को ,
पूववजोों न् आपलो पुरुषाथव िेखाय िेईन ll
बख्त बुलोंि की लाज बचाय लेईन l
धमवमनष्ठा आपली भी बचाय लेईन l
छोड क
े वतन राजस्थान मालवा को,
पूववजोों न् आपलो पुरुषाथव िेखाय िेईन ll
बख्त ला सोंकट मा सहयोग िेईन l
बख्त सीन खेती योग्य भूमम पाईन l
कायापलट करीन वैनगोंगा क्षेत्र को ,
पूववजोों न् आपलो पुरुषाथव िेखाय िेईन ll
5
स्विेशी शासक ला साथ िेईन l
मवधमी शासक ला परास्त करीन l
गवव हरन करीन जुल्मी औरोंगजेब को,
पूववजोों न् आपलो पुरुषाथव िेखाय िेईन ll
इहििासकार प्राचायष ओ सी पटले
रहव. २२/१०/२०२२.
------------------❤️💚💜----------------
6
3.
झुकनो भी नािाय अना रुकनो भी नािाय
==========================
मोरो सजातीय पोवार समाजबोंधु इनला महरिीलाल ठाकरे को सहृिय
सािर प्रणाम जय राजा भोज , आमरो पोवार समाजमा भी काही काही
खबराकरन षडयोंत्र रचकर समाजला मममश्रत खबराकरन करनेवाला
मवनाशकाले मवपरीत बुद्धि प्रवृतीका लोक
् सेती , उिाहरण साती हम
करे सो कायिा और हमने बनाया वो ररवाज , मोरो मुगीला एकच टाोंग ,
मी नकटा त तु भी नकटा असो मानमसकता वाला समाजगुरु इनको येन्
उद्देश्यला नाकाम करन साती व समाजमा एमतहामसक पररवतवन आनन्
साती आपलोला मनस्वाथव समाज कल्याण जनकल्याण व राष्ट्र कल्याण
करनोमा स्वच्छत अना समृिता व पारिमशवता तसोच लोकमप्रयता
िेखावन की गरज से , मनस्वाथव समाज कल्याण जनकल्याण व राष्ट्र
कल्याण करनेवाला समाजसेवक ये जनताका व समाजका सच्चा सेवक
आत या भावना समाजको समस्त जनमानसमा मनमावण करन की गरज से
अना येव होयेच पायजे ,,,!!
आपलो धन-सोंपमत्तको व समाजमा सवोच्च पि को गैरवापर करक
े
व समाजद्वारा िेयी गयी सवोच्च जवाबिारी को गैरवापर करक
े समाज
सोंगमा मवश्वासघात करक
े समाजकी सोंस्क
ृ मत सोंस्कार व पौरामणक
ओळख नष्ट्-भ्रष्ट् करक
े समाजको मातृत्वला व स्वामभमानला ठे स पहोंचे
असो पाखोंड करनो व पुरातनकाल पासून चलत आयेव गौरवशाली
इमतहास लक समाजला गुमराह करनो , आपलो समाजपर अन्य
समाजको अमतक्रमणला बढावा िेनो असो अनेकानेक प्रकारका भ्रममत
षडयोंत्रला नाकाम करन साती समाजका तमाम सुमशमक्षत सोंस्कारवान
प्रयत्नवािी कतृवत्वमनष्ठ ब्रम्हमनष्ठ मनष्ठावान युवा पीढीला सामने आयकर
समाजपर होय रही से अन्याय को मवरुि मलखन की गरज से , उनको
मवरुि बोलन की गरज से , जब् आपलीच तलवार आपलोच समाजबोंधु
7
पर चलावन को षडयोंत्र होसे तब् येव आमला बिावश्त नहीों अना
समाजमा मममश्रत षडयोंत्रकारी ( मी नकटा त जग नकटा ) इनकी
मनमानी चलन िेनो नाहाय येकी आमला सबला िक्षतापूववक काळजी
लेनकी गरज से ,,,!!
थोर क्राोंमतकारी िेशभक्तसमहत अनेक थोर माहापुरुष इनला
आपलो िेशला स्वातोंत्र्य करन साती आपलो बलीिान िेनो पडेव ,
इनकोच साकारात्मक एमतहामसक पररवतवन मवचारधारा की मशाल
आमला सबला आपलो अोंतरात्मामा पेटावन की गरज से , समाजमा
एकामधकार शाही व िबावशाही तसोच लापरवाही( हम करे सो कायिा )
असो मानमसकता वाला समाजगुरु इनको द्वारा लगायेव गयेव असत्यरुपी
गवत काटन साती आमला सत्यरुपी इरा हातमा धरन की गरज से ,
समाजमा समाजोत्थान साती एक समाज एक मबचार या ज्ञानगोंगा
बोहावन की गरज से , सोंयमरुपी घडी िेखकर टाइम को भान ठे वन की
भी गरज से , एकमेकला हात मा हात धरक
े मनस्वाथव साथ िेनकी गरज
से , या लडाई एकटोिुकटो की नोहोय या लडाई समस्त समाजबोंधु
इनकी समस्त समाज की आय , लोकशाही या सब लोक
् इन साती होसे
मुनस्यारी सब लोक
् इनला एकत्र आवन की गरज से ,,,,!!
आता आमला सबला समाज एमतहामसक पररवतवन को मागवपर न
थाोंबता , न डगमगावता आपलोला मनरोंतर चलत रव्हनो से , खालखोिर
उतार चढाव आयेती , कही कही धोका िायक प्रसोंग भी आयेती , तपण
बरसात बािरमा गजवना भी होयेती व कळकळ मबजली भी चमक
े त असा
अनेक प्रकार लक अळथळा भी मनमावण होयेत तरी प्रामामणकता
आध्याद्धत्मकता सहनशीलता व मशष्तपालन लक एमतहामसक पररवतवन
की मशाल पेटावत पेटावत अोंधारो रस्ताला प्रकामशत करत करत
आमला सबला एकसाथ ममलाकर चलनो से , खबराकरन षडयोंत्र
करनेवाला इनको सामने आमला कभी झुकनो नाहाय काही भी भयेव
कसो भी भयेव तरी आमला मबल्क
ु ल भी रुकनो नाहाय येव दृढसोंकल्प
पर आपलोला अमलबजावणी करनो से , झुक
ें गे नही और रुक
ें गे भी नहीों
8
येवच आपलो मुलमोंत्र होये पायजे जय राजा भोज जय माहामाया
गढकामलका सबको कल्याण करें,,,!!
लेखक
श्री हिरदीलाल नेिरामिी ठाकरे नागपुर
=========================
9
4.पोवारी साहित्य समूि सािी
आयी मिवारी.
सुख चैतन्य लेयकन.
सबला भरभराट.
जाये िेयकन.
पोवारी मायबोली का
मिप प्रज्वलीत भया.
हर एक पोवार लगावसे
सोंस्क
ृ ती को गवव लका मिया
हटेव मनमोंमिरमा.
अोंधारो की छाया.
शुभेच्छा सेती सबला.
धन वैभव भेटे मनरोगी काया.
र्ेर्राव येळे कर
10
5
गाय खेले हदवारी मा
(र्ोडर्ाक्षरी काव्य, यिी - ८, ८ अक्षरपर)
पूजासाती गोवधवन, बनों प्रमतक गोधन |
करोंसेती मिवारी मा, सोंग गाय को पूजन ||१||
जमा करक
े गायकी, गायी महातनी बेरा |
मबचोमबच आखर को, ठे वों गोधन को ढेरा ||२||
पाच फ
े रा गायी सोंग, मफरों गायकी बी मोंग |
नवी जनी गाय गोरा, खेलन को जमों रोंग ||३||
लेकरूला सोवायक
े , गोधन मा खेलायक
े |
पाय लगसेती सब, मटका वोको लगायक
े ||४||
11
घरों सडा सरावन, होसे चऊक चाोंिन |
बनों शेणकी डोकरी, सजों डयल आोंगन ||५||
सील जातो िेवघर, काोंडी 'ना सपरीपर |
बनों चऊक पोवारी, गायखुरी मलखकर ||६||
मिवारी को मिवो जरों, वोनों गायखुरी परों |
सोंग पूजती डोकरी, सब पोवार को घरों ||७||
एक मिवो मिवारी को, जर जाये पोवारी को |
गाय खेले मिवारी मा, मान बडे गोवारी को ||८||
© इांिी. गोवर्षन हबसेन 'गोक
ु ल'
गोांहदया, मो. नां. ९४२२८३२९४१
12
6
नेंग दस्तूर खीर को
(अष्टाक्षरी काव्य)
आयी होती मालवालों
सोंग सोंस्क
ृ ती धार की |
बैनगोंगा सहारालों
सजी खेती पोवार की ||१||
आनसेती नौतरी मा
चरू मिवारीला घरों |
खीर िुध चाऊर की
बनों टाकक
े साखरों ||२||
लक्ष्मी सोंगमा चवरी
मोंग पूोंजसे पोवार |
13
खीर मनवज चढाय
िेसे िेवला आहार ||३||
पयलोच मिवारीला
ररती ररवाज आोंिी को |
खीर टुराला चाटन
नवो चम्मच चाोंिी को ||४||
नेंग िस्तूर खीर को
होसे तुरसी जवर |
खासे खीर नवो जीव
नवा कपडा पेहर ||५||
िूर करे सब िोष
गभव मलीन आहार |
करे पुष्ट् लेकरूला
14
अन्न प्राशन सोंस्कार ||६||
© इांिी. गोवर्षन हबसेन 'गोक
ु ल'
गोांहदया, मो. नां. ९४२२८३२९४१
****************************
15
7
|| बोलीका दोर् ||
बोली असी बोलो कोई न बोले झुट
जागा असी बसो कोई न बोले उट
शास्त्र पुराण, साधू सोंत, पढ्या मलख्या जन कसेती बोली पासून
आिाममकी मवद्वत्ता बुद्धिमत्ता समजी जासे . बोली पासून प्रेरणा िेयी जासे
म्हणुन स्यानी सोच बीचारकर बोली बोले पामहजे. बापू महात्मा गाोंधी
कव्हत होतो. कम बोलो, सोच समजकर बोलो, वोन व्यद्धक्तको प्रभाव
अमधक पडसे अना शद्धक्तभी कम खचव होसे.
सामान्य बोली मा अठरा प्रकारका िोष साोंग्या गया सेती.१) मनरथवक
शब्द बोली पटर पटर नही करे पामहजे.२) घडी घडी वयच वय शब्द
िोहराये नही पामहजे.३) अशलील अशुि शब्द प्रयोग नही करे पामहजे.४)
गरज को अमधक शब्द नही बोले पामहजे.५) लाोंब लचक बोंिर को पुष्ट्ी
सारखी बोली नही बोले पामहजे.६) मन िुखावन कटू बचन नही बोले
पामहजे.७) ज्या बोली समजमा नही आवत तसो नही बोले पामहजे.८)
िीघावनोंत पिोचारण बोली मा नही करे पामहजे.९) जो आयकसे वो को
पासुन तोोंड फ
े रकर नही बोले पामहजे.१०) बनावटी, झुटमुट शब्द प्रयोग
नहीकरे पामहजे.११) मत्रवगव याोंनी धमव, काम, मोक्ष इनको बाऱ्यामा उलट
नही बोले पामहजे.१२) कानला नही भावणारा कटू बचन नही बोले
पामहजे.१३) कठीण शब्द का उच्चारण बोलीमा नही करे पामहजे.१४)
उलट पलट वाच बात नही करे पामहजे.१५) नही समज आवनेवाली बोली
मधरू मधरु नही बोले पामहजे.१६) मबना काम अकारन नही बोले
पामहजे.१७) उिेश मबना अथव महन नही बोले पामहजे.१८) समज महन बोली
नही बोले पामहजे.
16
मनमा जो कचरा भरीसे वोला खाली करन साती अमधकच पटर पटर
बोली मा नही करे पामहजे. जबरिस्ती बात बोलन को टारे पामहजे. मतखट
शब्द, गाली गलोच नही करे पामहजे. आमरी बोली आमरो बोली भाषा की
पमहचान से. मुलाखात, बातचीत, मवषय समजावन की क
ु वत परच तुम्हरी
ओळख करी जाये. गोड बोलन को रोज प्रयत्न करो तब तूम्हरी कीती
पसर जाये.
पोवारी साहित्य सररिा भाग ६९हदनाांक:२१:१०:२०२२
िेमांि पी पटले र्ामणगाव (आमगाव)९२७२११६५०१
*********************
17
8
िास्य व्यांग लावणी(मायघरका पोिा मुरा)
******
आपून एकटी एकटी या पोहा मुरा खासे
काही कवणला जासू त अोंगठा िेखावसे//ध्रु//
मी सेव भाऊ कास्तकारी लाइन को
या कसे डरेस पेहरो तुम्ही साहेबको
मोर कर िेखाशानी हातकी अोंगठी मोळसे
काही कवणला जासू त अोंगठा िेखावसे//१//
टोोंगरा वरी पच्या ना आोंगमा फतई
डोस्का पर टोपी पर साजबाज नही
कास्तकार मानुसला ला थाटबाट का शोभसे
काही कवणला जासू त अोंगठा िेखावसे//२//
18
या कसे पामहजे मस्त शटव ना प्ाोंट
डोस्का परा टोप, जरा िेखावो स्टोंट
एकमाऱ्या मोरी मोठी फमिसा होय जासे
काही कवणला जासू त अोंगठा िेखावसे//३//
गयेव िसरा ना आय गयी मिवारीों
महाोंगाई या पडगयी मोर पर भारी
क
े तरो समजावू येला या अबुला रव्हसे
काही कवणला जासू त अोंगठा िेखावसे//५//
****
डी. पी.रािाांगडालें
गोांहदया
*****************
19
9
आया हदन खुर्ालीका
------------------------------------------
मिवस उोंगतीका रोंगको मुक
ू ट
धर आयी बाली बाली
असल खेतकी फसल खुशीमा
झुम रही से हररयाली =१=
रान मसवारमा धुरा पारीपर
फ
ु ल हासता बहरोंगी
रानमेवालक लद्या झळु ला
सेंडीवरी बेला टोंगी =२=
ओलमा हासों मडरा कठानी
धान कटनकी िेखे बाट
तपन सोंगों से खेलनो वोला
20
सोंगमा बहती हवाको ठाट =३=
चलेव खेतमा मकसान हासत
नजर गळी नवधानीमा
आये नवतरी पळे त िाना
भरभर ढोला भानीमा =४=
आयी मिवारी करो तयारी
मिवो जरावो महरिामा
लछमीजीको करो शुमक्रया
मसग लगाये खुरिामा =५=
क्षमत्रय सिा उपासक आमी
खडग लेखनी क
ु िालीका
घर घर बाटो खुशी ममठाई
आया मिन खुशालीका =६=
21
---------------------------------------------
डॉ. प्रल्हाद िररणखेडे "प्रिरी"
डोांगरगाव/ उलवे, नवी मुांबई
मो. ९८६९९९३९०७
***************************
22
10
हवर्य:- हदवारी की खीर
खीर मधूर व्योंजन
ताोंिूर िूध की बनसे
पहले धोयकन ताोंिूर
बहत पकावनो पडसे
पक
े व मगलो भातमा
साखर अना िूध टाको
सब एकसाथ चूल्हापर
चाोंगला पकायकन िेखो
साखर िूध अना भात
पक
े चाोंगलो चूल्हापर
हरुहरु खीर को सुवास
23
पैले पूरे घरपर
लवोंग अना इलायची
क
ु टकन टाको खीर मा
खोबरा कीस बिाम काजू
टाक
े पायजे बािमा
वऱ्यालका थोडो
टाक सकसेव क
े सर
असी पौमष्ट्क खीर
चाोंगली करसे असर
मिवारी को मिवस खासेत
खीर सोंग पाोंढर अकस्या
साथ सुरण की भाजी
काटसे जीवनमा की अमावस्या
24
पोवार घर की खीर
खासे पशू पक्षी िेव मानव
म्हणून पोवार ला कसेत
समाज मा चलतो मफरतो िेव
र्ेर्राव येळे कर
हद. २३/१०/२२
****************
25
11
गाव की हदवारी
सब घर होसे मोरो गाव की मिवारी
खुशी उमोंग उत्साह की सौगात भारी||टेक||
हलको धान की पमहले होसे कटाई
अनाज खेती को आवसे होसे कमाई
गाडोलक आनसेती खेत मा की माती
घर आोंगण मलपकर सराव सेती
चूनो गेरू की पोताई शोभा मिस भारी ||१||
मिवारी की खीर लक्ष्मी पूजनला बनसे
सुरण की भाजी अकस्या सोंग रव्हसे
चकली शेव मचवडा को ना स्ता बनसे
सीोंगाडा बतासा पेढा ममठाई ममलसे
फ
ु रफ
ु री सोंग फटाका फ
ु ट्या भारी ||२||
26
धन तेरस को महत्वला जान सेती
सोना चाोंिी को लेनिेन ला करसेती
आयुवेि मा धन्वोंतरी की पुजा करसेती
चाोंगलो रव्ह आरोग्य िुवा मागसेती
टवरी की रोषणाई चौक चाोंिण भारी ||३||
अवस ला जमघट नवो बह बैमिको
पोवारी समाज िस्तुर करसे न्यारो
पुजा बाि ताल धरसेती फ
ु गमडको
उखानो मा कसेती नाव घरवा लोको
फ
ु गडी की परोंपरा अजब से न्यारी ||४||
गोवधवन की पुजा आखर पर भारी
गोवारो की ढाल सोंग चल्या गावकरी
नवा नवा कपडा आोंगपर का भारी
27
मोंडई की रेलचेल खावो पानसुपारी
िोंडार डर ामा नाच गाना रात का भारी ||५||
पोवारी काव्य स्पधाव
मवषय: िीवारी की खीर
हदनाांक:२३:१०:२०२२
िेमांि पी पटले र्ामणगाव (आमगाव)
९२७२११६५०१
**************
28
12. हदवो िराओ
जगमग जगमग िीवो जराओ घर आोंगन ला खुब सजाओ,
एक िीवो जराओ मन को मैल ममटावन को,
सब सोंग हासत बोलत रहो सब सोंग धुल ममल रवन को,
एक िीवो जराओ सत्य धमव शाोंमत को ,
िेश िुमनया लक अोंधकार ममटाओ,
एक िीवो जराओ प्रेम प्रीत को
मन मा सबको प्रीत जगाओ,
एक मिवो जराओ पोवार समाज ला सजग सभ्य समाज बनावन को
अपरी माय बोली की सोभा बढावन को,
एक िीवो जराओ पोवारी माय बोली की अलख जगावन को ,
हर घर माय बोली बचावन को,
जगमग जगमग िीवो जराओ घर आोंगन ला खुब सजाओ।।
सबला िीवारी की हामिवक सुभेच्छा से जी
हवद्या हबसेन
बालाघाट
29
13
भिन
परमेश्वर प्राप्तीसाठी
जन करे भक्तीमा नमन
मन भाव मा अमपवत
येला कसेत भजन
सेवा अना स्तुती
चरण मा सममपवत
मन की आतव पुकार
करे भाव मा अमपवत
भक्त अना भगवान
भजन जोडन को रस्ता
तप यज्ञ हवन पेक्षा
मागव नेक अना सस्ता
30
भजन लका होसे
आत्मा की शुिी
तल्लीन होय जासे
भगवोंत रुपमा बुिी
र्ेर्राव येळे कर
हद.२३/१०/२२
************
31
14. हदवारी
चूल्होों -चक्की ,ओखरी , डोकरी, पूजी गईन मिवारी मा।
मकसान की मेहनत महक रही से, मीठी -खीर सुआरी मा।।
नवती-नवती बह आई सेत, लक्ष्मी जसी मिवारी मा।
नाच रही सेत मुन्ना मुन्नी, घर आँगन, फ
ु लवारी मा।।
ओरी-ओरी टवरी सुँिर, घर-घर जररन मिवारी मा।
घर का कोना कोना महक रही सेती धूप बाती की िानी मा।।
घर का सायना सायनी मस्त सेती पुरानी कहानी मा ।
चचाव होय रही से क
े तरा पकवान रहेती आज मबरानी मा।।
रोंग मबरोंगी आमतशबाजी होय रही से रातरानी मा।
मबसर गया पुराना तरीका नवो ज़मानोों को शानी मा।।
सजाय क
े आरती राखी जाहे डार को अगवानी मा।।
अधी रात मनकल जासे बसकर यािन की कहानी मा।।
मनाओ मिवारी असी बस जाय मन की बानी मा।
रामराज्य की शुभकामना, सबला आज पोआरी मा।।
यर्वन्त कटरे/२४/१०/२०२२
32
गुलाब-मोोंगरा खूब फ
ू ली सेत, बाडी-बाडी क्यारी मा।
आम्बा तोरण क
े रा पत्ता सज गईन द्वार िुआरी मा ।।
चौक शोभ अ से गाय खुरी को,ओसरी ,आोंगन फ
ु लवारी मा । ओरी-
ओरी टवरी सुोंिर, घर घर जररन मिवारी मा ।।
नवती-नवती बह लगी सेत पूजन की तैयारी मा ।
राम राज की शुभकामना सबला आज पोआरी मा।।
हरकचोंि टेमरे--अध्यक्ष पोंवार समाज मजला मसवनी।ः
*****************
33
15
🙏रानी बनकर िग रिी िोिी🙏
****💚💜****
मोरा भी मिन होता
रानी बनकर जग रही होती l
मोरो भी आोंचल मा
जगमगाहट मिस रहीों होती l
सारी िुमनया मोला
वोंिन करता मिस रहीों होती ll
मोरा भी मिन होता
रजवाडाओों मा नाोंि मा नाोंि होती l
सबको ओोंठो पर
खुमशयोों लक इठलाय रहीों होती l
सबको मिलोों पर
रानी बनक
े राज कर रहीों होती ll
34
नवीन जमानोों मा
हालत मबगडता िेख रहीों होती l
सबको ओोंठो पर
महन्दी मराठी खूब खेल रही होती l
मी सबकी नजरोों मा
उपहास की मशकार होय रही होती ll
नवी क्राोंमत को मिनोों मा
अनुक
ू ल हवा बहती िेख रही होती l
सबकी वाणी लक
मोरी खूब वाहवाही िेख रहीों होती l
सबकी लेखनी लक
कमवता ना गीत मा ढल रही होती ll
35
पररवतवन की हवा
मी आपलो डोरा लक िेख रहीों होती l
मोरो मन की वेिना
धीरु धीरु िूर होती िेख रहीों होती l
मोरा भी मिन होता
रानी बनकर जग रही रही होती ll
#इहििासकार प्राचायष ओ सी पटले
#प्रणेिा:-पोवारी भार्ाहवश्व नवी क्ाांहि अहभयान, भारिवर्ष.
#लक्ष्मीपूिन,सोम.२४/१०/२०२२.
--------------------🌴🌴----------------
36
16
अि से हदवारी
सासु बाई न सागीस मोला अज से अपरी पोवारी की मिवारी,
सोंस्कार अना सोंस्क्रमत िीसे अज सबको घर वरी,
गायी को गोबर लक सडाा़ सारवन करबी मोठागन को नहानागन वरी,
गायी को गोबर आनो गोवधवन पववत बसाहो बीच आोंगन मा खुब सजाओ
बह मोरी,
गायी को गोबर लक ढोकरी बनाओ कोठा मा डहल मा ओरी ओरी
बसाहो,
जातो ,चाटु ,ओखरी, घडक
े सोंग मा ढोा़करी बसाहो
गायखुरी को चौोंक पुराओ डहल को ओर छोर,
ओसरी मा भी गायखुरी को चौोंक पुरावबी गेरू अना चाऊर को पीठ
लक पोवारी सोंस्क्रमत की मचत्रकारी घडबी,
जातो ,ओखरी , सील ,पाटा ला भी पुज सेती अज रागोली बनाओ सजे
साज,
सोंझा बेरा भयी चाऊर को पीठ का िस मिवो बनाओ,
गायी को िुध लक मनटवल खीर चुल्हो मा राोंधो,
धरो आगी पानी सोंग खीर ढोकरी ला जनाओ िस मिवो जराओ ,
37
सुन मोरी बह बाई पोवारी सोंस्क्रमत ला बचाओ,
अपरी पोवारी की अलख जगाओ,
जय जय पोवारी जय पोवार समाज
हवद्या हबसेन
बालाघाट
***************
38
17
मोरी किानी
फ
ॅ स गयेव मी, प्रेममववाह करक
े |
मुमसबत आनेव, आपल् घर धरक
े |धृ|
पहले उठत होतो आठ बजे सोयक
े ,
आता सय बजे उठु सू तडफडायक
े ,
सोवनो पडसे अलामव लगायक
े |1|
मुमसबत......
मलुसू बतवन, लगावुसू झाड
ू उठक
े ,
पाणी बी ठे वनो पडसे पुरो भरक
े ,
बायकोला िेसू बेड टी बनायक
े |2|
मुमसबत......
मोंग करुसू सयपाक गॅस जलायक
े ,
39
भात, भाजी, रोटी ठे वुसू बनायक
े ,
जासू मोंग कामपरा मी डब्बा धरक
े |3|
मुमसबत.....
मिवस बुडता आवुसू कामल् थकक
े ,
बायको िेखसे वाट डोरा लगायक
े ,
रात को सयपाक बी करुसू मबटायक
े |4|
मुमसबत......
रातक
् जेवन क
् बाि जासू थकक
े ,
मबस्तरपर जल्दी जासू मी सोयक
े ,
बायको िेखसे टी.व्ही. डोरा फाडक
े |5|
मुमसबत.......
- हचरांिीव हबसेन
गोांहदया
40
18
हसांदीपार प्रारुप : पोवार बहुल गाांवोां मा अपनावनोां आवश्यक
--------------------------------------
साकोली तहसील को मसोंिीपार मा पोवार समाज का ७-८ सामहद्धत्यक
व कलाकार सेती.वय सब आता माय बोली पोवारी को उत्कषव को भी
कायव कर रहया सेती. साल मा एक घन पोवार समाज को साोंस्क
ृ मतक
कायवक्रम भी आयोमजत कर् सेती.
आपलो मोहाडी गाोंव मा भी आता आपण येन् मिशा मा प्रयास करबी.
सब जन पोवारी भाषा मा कमवता, मवचार मलखन की शुरुआत करो. जसी
आव् से तसी पोवारी मलखोों . अना माय बोली पोवारी की सेवा करोों. एक
-ना-एक मिन आपलो गाोंव मा भी कमव, लेखक, सामहद्धत्यक तयार होयेती
व पोवार समाज की मगनती प्रगत समाज मा होये.
जय पोवारी! जय मायबोली!!
41
19
हसांदीपार को दीपोत्सव-२०२२
हरसाल सररखो मसोंिीपार को िीपोत्सव येन् साल बी मनायेव गयेव.
कायवक्रम को स्वरूप -
१.बजरोंगबली,वों.तुकडोजी महाराज अना माय गडकामलका क
् प्रमतमा को
पूजन
२."आया पाऊना" येन् पोवारी स्वागत को गाव क
् टुरीईन द्वारा गायन
३.मसोंिीपार एक्स्प्रेस कवीराज शेषुभाऊ क
् द्वारा प्रास्तामवक अना पाहणा
पररचय
४.गाव का प्रमतभावोंत नाट्यकलावोंत,सामहद्धत्यक,आयुवेमिक वैद्य,आशा
वक
व र अना बालकलाकार इनको सत्कार
५.प्रमतभािशवन लेखी परीक्षा जो कक्षा ३ पासून ५ वरी,कक्षा ६ पासून ८
वरी अना कक्षा ९ पासून सामने का ...असो ३ गट माों प्रामवण्य सूची माों
आया टुरा टुरी इनला मवशेष पाररतोमषक त् सहभागी स्पधवक इनला
प्रमाणपत्र,पेन अना प्राथवना की मकताब िेनो माों आयी.
६.मबच मबच माों टुरा टुरीईनको समूह गीत,व्यद्धक्तगत गीत,कोनी को नृत्य
करनो माों आयेव.
42
७.गाव का प्रमुख मागविशवक मुहन प्रा.डाँ.शेखरामजी येळे कर सर इनको
गावकरी मोंडली,गाव का तरूण बाल गोपालईनला समपवक मागविशवन
भयेव्.
८.कायवक्रम ला सोंगीतबि करन की प्रमुख जबाबिारी गाव का हरहन्नर
मशक्षक कवी श्री.पामलकचोंि मबसने सर इनपरा रव्हसे.वय सोंवामिनी
बजावसेत अना उनला तबला की सोंगत गाव को च चेतन बडोले िेसे.
प्रमतभािशवन लेखी परीक्षा को प्रश्नपत्र रचना बी उनकीच रव्हसे.
९.येन् कायवक्रम को अोंतगवत मच.भागवव शेखरामजी येळेकर येन् मलद्धखसेन
वोन् माझा मुोंबईचा प्रवास पुस्तक को लोकापवण करनो माों आयेव्.
तसोच गाव को मशक्षक कवी रणिीप मबसने इननों सोंपामित करीस वोन्
राष्ट्रीय मशक्षा नीमत-२०२० येन् मवशेषाोंक को लोकापवण बी येन् कायवक्रम
क
् िौरान भयेव्.
१०.कायवक्रम को सोंचालन रणिीप मबसने,आभार प्रिशवन मिलेराम
येळे कर इननों करीन.
११.कायवक्रम की भौमतक तैयारी एक घोंटा माों आमी सबजन करसेजन.
१२.पोवारी प्रमतभा िशवन समूह,स्वा.सावरकर वाचनालय,झाडीबोली
सामहत्य मोंडळ,राष्ट्रसोंत तुकडोजी महाराज मवचार क
ें द्र,गाव की राजाभोज
सोंस्था,मसोंिीपार सोंघ सायम् शाखा
असा अनेक समूह गाँव माों क
ृ मतशील सेती.अना तरूण बाल मोंडली येन्
कायवक्रम क
् सफलतासाटी झटसेती.
१३.कायवक्रम क
् बमक्षस अना सत्कार साटी आमी कोनसोंग एकबी
बरगन(चोंिा) नहीों लेसेजन.
43
कायवक्रम की मनष्पमत्त-
१.गाव की माता मशक्षण साटी सजग भयी से.
२.गाव व्यसनमुक्त ठे वनला मित भयी से.
३.गाव माों शैक्षमणक अना सामहद्धत्यक वातावरण की मनममवती भयी से.
४.गाव का टुरा मोठा सपना िेखनसाटी तयार भयासेती.
५.गाय,सेंमद्रय खेती को प्रचार भयी से.
६.प्रयोगशील खेती साटी गाव की काही मकसान मोंडली तत्पर भयी से.
७.गाव माों एकात्मता को भाव उपज रही से.
८.जातीय/धाममवक/राजकीय/सामामजक असो कोनतो बी प्रकार को
भेिभाव ला थारा नहीों |
िस गाव माों शोभसे,मोरो गाव मसोंिीपार
सांकलन व वृत्तकथन
रणदीप हबसने
*-******-*-****
44
20
देवा िीव घबराव🙏
िेवा जीव घबराव कसो कलयुग आयो ,कोनी की नही िया माया कोनी
ला यहाों नी,
मन मा सोच मोरो आयो मानुश जन्म काहे पायो,
कसो कमव को फ
े रा जीवन भयो नाकारा ,
नही मोह माया पापी भयी काया ,
कमव धमव भयो झुटो,मानुश पशु वानी िीस,
बडी लोंबी से कहानी मन कर मनमानी, ,
छल कपट को डेरा ऐन जग मा िुई रोज को बसेरा,
तोरो मोरो करता करता बीत जाहे या कहानी,
मन बडो अमभमानी सुझ बूझ मबसरानी,
िेवा जीवन की कहानी कसी बीते जीन्दगानी,
शब्द शुल वानी चुभत घर का भेिी भेि डाकत,
बोल मीठो नही बोलत कान मा जहर घोलत,
करकसा वानी बन गयी मीठी वाणी ,
कसी सागु िेवा अपरी जुबानी,
45
मन मा सोच मोरो आयो काहे मानुश जन्म पायो,
छोडो मन को सब भेि नोको करो िील मा छे ि,
सुख िुख ले भरी से सबकी कहानी,
महलममल सब मबताओ चार िीन की जीोंन्दगानी,
कौन रहे सौ बरस कौन जाहे छड, भर मा यो जीवन से पानी वानी,
मन मा सोच मोरो आयो काहे मानुश जन्म पायो।।
हवद्या हबसेन
बालाघाट🙏
**-*-**-***-**
46
अज पुरानी पेढी को बुजुगव लोगइन सोंग पोवारी बोलता बोलता का काइ
शब्द परा ध्यान गयो -
फ़ोटो हेडकर भयी ,
बेस भयौ ,
फ़ोटो महटी ,
लाखतखाड,
बक नही फ
ू टी
ये शब्द मवशेष करक
े पोवारी आत मजनको सबन्ध अन्य स्थानीय भाषा
सोंग नही चोव्ह।
**
47
21
मायबोली पोवारी
कोई बी जात की पमहचान का बहत सा मापिण्ड होय सक सेतीन।
मकन्तु सबलक प्रमुख पमहचान बोली होसे। आज नौकरी चाकरी धोंधा
व्यापार अन क ई वजह लक िुमनया भर मा हमारा जात का लोगजाय
रही सेतीन ।असो मा हमी एक िुसरो ला कसो पमहचानबो मक हमी एक
च जात का आजन।
अपरी पमहचान कायम राखन लाई सबलक सशक्त एक मात्र माध्यम
हमारी बोली से।
मकन्तु िुभावग्य लक आज पोवार समाज न अपरी पमहचान बोली लक
भारी िुरी बनाय लेई सेस।
अन पोवारी बोली को अता का महत्व से अन कोनसो काम पड से असा
लोग बोल सेतीन।
वतवमान अन आवन वाली पीढी ला बोली बोलनो या मसखावनो बोंि कर
िेई सेत। असो मा हमारी मूल पमहचान हमारी माय बोली खतम होन को
कगर मा से।
मी पोवार समाज का लगभग पन्द्रह व्हाटसाप ग्रुप लक जुडयो सेंव। िुय
चार ग्रुप ला छोडकर बाकी ग्रुप मा हमारी बोली कही नजर नहीों आव। न
ही बोली पर कोई ध्यान िेत। पोवार समाज का गाँव लक त अन्तरावष्ट्रीय
स्तर तक ढेर सारा सोंगठन बन गयी सेतीन।
लेमकन उनकी योजना अन कायवक्रम मा माय बोली ला कोई महत्व या
जाग्हा नहीों ममल।
48
मोरी सबलक प्राथवना से मक जेतरा भी सोंगठन अन ग्रुप सेत सबकी
प्राथममकता मा हमारी माय बोली होनो चामहए।
पोवारी बोलन वाला पररवार को कोई असो एक सोंगठन या ग्रुप बन
सक से मक हमी अपरो पररवार अन समाज मा मसफ
व अपरी बोली ला
बोलबो।
मोरो असो माननो से मक पररवार अन समाज की बहत सारी समस्या मात्र
अपरी बोली बोलनो लक समाप्त होय जाहेत।
अन हमारी जात की पमहचान को सोंकट भी खतम होय जाहे।
हमारी आवन वाली पीढी ला सब प्रकार को ज्ञान को सोंग अपरी बोली
को भी ज्ञान आवश्यक से।
जेको लक अपरी आवन वाली पीढी पमहचान की मोहताज नहीों होन की।
धन्यवाि।
जय राजा भोज जय भारत माता।
मनवेिक --कोमल प्रसाि राहँगडाले कल्याणपुर धारनाकलाँ तहसील
बरघाट मजला मसवनी म प्र
********************

More Related Content

Similar to पोवारी साहित्य सरिता भाग ६९

झुंझुरका बाल इ मासिक नोव्हेंबर 2022.pdf
झुंझुरका बाल इ मासिक नोव्हेंबर 2022.pdfझुंझुरका बाल इ मासिक नोव्हेंबर 2022.pdf
झुंझुरका बाल इ मासिक नोव्हेंबर 2022.pdfKshtriya Powar
 
Mithilesh written first_e_book_शुरुआत_shuruaat_initiative_mithilesh2020_writer
Mithilesh written first_e_book_शुरुआत_shuruaat_initiative_mithilesh2020_writerMithilesh written first_e_book_शुरुआत_shuruaat_initiative_mithilesh2020_writer
Mithilesh written first_e_book_शुरुआत_shuruaat_initiative_mithilesh2020_writerMithilesh
 
Lyrics murali songs
Lyrics murali songsLyrics murali songs
Lyrics murali songsmukundbade
 
VIBHOM SWAR OCTOBER DECEMBER 2023.pdf
VIBHOM SWAR OCTOBER DECEMBER 2023.pdfVIBHOM SWAR OCTOBER DECEMBER 2023.pdf
VIBHOM SWAR OCTOBER DECEMBER 2023.pdfVibhom Swar
 
Vibhom swar january march 2022
Vibhom swar january march 2022Vibhom swar january march 2022
Vibhom swar january march 2022Vibhom Swar
 
Shivna sahityiki october december 2021
Shivna sahityiki october december 2021Shivna sahityiki october december 2021
Shivna sahityiki october december 2021Shivna Prakashan
 
VIBHOM SWAR OCTOBER DECEMBER 2022.pdf
VIBHOM SWAR OCTOBER DECEMBER 2022.pdfVIBHOM SWAR OCTOBER DECEMBER 2022.pdf
VIBHOM SWAR OCTOBER DECEMBER 2022.pdfVibhom Swar
 
VIBHOM SWAR JULY SEPTEMBER 2022 WEB.pdf
VIBHOM SWAR JULY SEPTEMBER 2022 WEB.pdfVIBHOM SWAR JULY SEPTEMBER 2022 WEB.pdf
VIBHOM SWAR JULY SEPTEMBER 2022 WEB.pdfVibhom Swar
 
झुंझुरका मे 2022.pdf
झुंझुरका मे 2022.pdfझुंझुरका मे 2022.pdf
झुंझुरका मे 2022.pdfGulabRameshBisen
 
VIBHOM SWAR JULY SEPTEMBER 2023.pdf
VIBHOM SWAR JULY SEPTEMBER 2023.pdfVIBHOM SWAR JULY SEPTEMBER 2023.pdf
VIBHOM SWAR JULY SEPTEMBER 2023.pdfVibhom Swar
 
VIBHOM SWAR APRIL JUNE 2024 HINDI LITERATURE
VIBHOM SWAR APRIL JUNE 2024 HINDI LITERATUREVIBHOM SWAR APRIL JUNE 2024 HINDI LITERATURE
VIBHOM SWAR APRIL JUNE 2024 HINDI LITERATUREVibhom Swar
 
Shivna sahityiki jult september 2021
Shivna sahityiki jult september 2021Shivna sahityiki jult september 2021
Shivna sahityiki jult september 2021Shivna Prakashan
 
GURUTVA JYOTISH MARCH-2020
GURUTVA JYOTISH MARCH-2020GURUTVA JYOTISH MARCH-2020
GURUTVA JYOTISH MARCH-2020GURUTVAKARYALAY
 
Shivna sahityiki january march 2022
Shivna sahityiki january march 2022Shivna sahityiki january march 2022
Shivna sahityiki january march 2022Shivna Prakashan
 
झुंझुरका पोवारी बाल इ मासिक डिसेंम्बर 2022
झुंझुरका पोवारी बाल इ मासिक डिसेंम्बर 2022झुंझुरका पोवारी बाल इ मासिक डिसेंम्बर 2022
झुंझुरका पोवारी बाल इ मासिक डिसेंम्बर 2022Kshtriya Panwar
 
माय गढ़काली
माय गढ़कालीमाय गढ़काली
माय गढ़कालीKshtriya Panwar
 
Purusharth paramdev
Purusharth paramdevPurusharth paramdev
Purusharth paramdevgurusewa
 

Similar to पोवारी साहित्य सरिता भाग ६९ (20)

झुंझुरका बाल इ मासिक नोव्हेंबर 2022.pdf
झुंझुरका बाल इ मासिक नोव्हेंबर 2022.pdfझुंझुरका बाल इ मासिक नोव्हेंबर 2022.pdf
झुंझुरका बाल इ मासिक नोव्हेंबर 2022.pdf
 
Mithilesh written first_e_book_शुरुआत_shuruaat_initiative_mithilesh2020_writer
Mithilesh written first_e_book_शुरुआत_shuruaat_initiative_mithilesh2020_writerMithilesh written first_e_book_शुरुआत_shuruaat_initiative_mithilesh2020_writer
Mithilesh written first_e_book_शुरुआत_shuruaat_initiative_mithilesh2020_writer
 
Lyrics murali songs
Lyrics murali songsLyrics murali songs
Lyrics murali songs
 
VIBHOM SWAR OCTOBER DECEMBER 2023.pdf
VIBHOM SWAR OCTOBER DECEMBER 2023.pdfVIBHOM SWAR OCTOBER DECEMBER 2023.pdf
VIBHOM SWAR OCTOBER DECEMBER 2023.pdf
 
Vibhom swar january march 2022
Vibhom swar january march 2022Vibhom swar january march 2022
Vibhom swar january march 2022
 
Shivna sahityiki october december 2021
Shivna sahityiki october december 2021Shivna sahityiki october december 2021
Shivna sahityiki october december 2021
 
SadhanaMeinSafalata
SadhanaMeinSafalataSadhanaMeinSafalata
SadhanaMeinSafalata
 
VIBHOM SWAR OCTOBER DECEMBER 2022.pdf
VIBHOM SWAR OCTOBER DECEMBER 2022.pdfVIBHOM SWAR OCTOBER DECEMBER 2022.pdf
VIBHOM SWAR OCTOBER DECEMBER 2022.pdf
 
VIBHOM SWAR JULY SEPTEMBER 2022 WEB.pdf
VIBHOM SWAR JULY SEPTEMBER 2022 WEB.pdfVIBHOM SWAR JULY SEPTEMBER 2022 WEB.pdf
VIBHOM SWAR JULY SEPTEMBER 2022 WEB.pdf
 
झुंझुरका मे 2022.pdf
झुंझुरका मे 2022.pdfझुंझुरका मे 2022.pdf
झुंझुरका मे 2022.pdf
 
VIBHOM SWAR JULY SEPTEMBER 2023.pdf
VIBHOM SWAR JULY SEPTEMBER 2023.pdfVIBHOM SWAR JULY SEPTEMBER 2023.pdf
VIBHOM SWAR JULY SEPTEMBER 2023.pdf
 
VIBHOM SWAR APRIL JUNE 2024 HINDI LITERATURE
VIBHOM SWAR APRIL JUNE 2024 HINDI LITERATUREVIBHOM SWAR APRIL JUNE 2024 HINDI LITERATURE
VIBHOM SWAR APRIL JUNE 2024 HINDI LITERATURE
 
Bol bharat bol
Bol bharat bolBol bharat bol
Bol bharat bol
 
Shivna sahityiki jult september 2021
Shivna sahityiki jult september 2021Shivna sahityiki jult september 2021
Shivna sahityiki jult september 2021
 
GURUTVA JYOTISH MARCH-2020
GURUTVA JYOTISH MARCH-2020GURUTVA JYOTISH MARCH-2020
GURUTVA JYOTISH MARCH-2020
 
Shivna sahityiki january march 2022
Shivna sahityiki january march 2022Shivna sahityiki january march 2022
Shivna sahityiki january march 2022
 
झुंझुरका पोवारी बाल इ मासिक डिसेंम्बर 2022
झुंझुरका पोवारी बाल इ मासिक डिसेंम्बर 2022झुंझुरका पोवारी बाल इ मासिक डिसेंम्बर 2022
झुंझुरका पोवारी बाल इ मासिक डिसेंम्बर 2022
 
माय गढ़काली
माय गढ़कालीमाय गढ़काली
माय गढ़काली
 
Purusharth paramdev
Purusharth paramdevPurusharth paramdev
Purusharth paramdev
 
PurusharthParamDev
PurusharthParamDevPurusharthParamDev
PurusharthParamDev
 

More from Kshtriya Panwar

मयरी, पोवारी काव्यसंग्रह
मयरी, पोवारी काव्यसंग्रह मयरी, पोवारी काव्यसंग्रह
मयरी, पोवारी काव्यसंग्रह Kshtriya Panwar
 
गुरुगंगा काव्यसंग्रह
गुरुगंगा काव्यसंग्रहगुरुगंगा काव्यसंग्रह
गुरुगंगा काव्यसंग्रहKshtriya Panwar
 
पोवार समाज को जागरण
पोवार समाज को जागरणपोवार समाज को जागरण
पोवार समाज को जागरणKshtriya Panwar
 
पोवारी साहित्य सरिता भाग ६५
पोवारी साहित्य सरिता भाग ६५पोवारी साहित्य सरिता भाग ६५
पोवारी साहित्य सरिता भाग ६५Kshtriya Panwar
 
स्व. जयपाल सिंह पटले पोवारी साहित्य का पितामह
स्व. जयपाल सिंह पटले पोवारी साहित्य का पितामहस्व. जयपाल सिंह पटले पोवारी साहित्य का पितामह
स्व. जयपाल सिंह पटले पोवारी साहित्य का पितामहKshtriya Panwar
 
अठारह पुराण को संक्षिप्तीकरण
अठारह पुराण को संक्षिप्तीकरणअठारह पुराण को संक्षिप्तीकरण
अठारह पुराण को संक्षिप्तीकरणKshtriya Panwar
 
दुर्गा सप्तशती को संक्षिप्तीकरण
दुर्गा सप्तशती को संक्षिप्तीकरणदुर्गा सप्तशती को संक्षिप्तीकरण
दुर्गा सप्तशती को संक्षिप्तीकरणKshtriya Panwar
 
पोवार पंवार समाज के विवाह के दस्तुर
पोवार पंवार समाज के विवाह के दस्तुरपोवार पंवार समाज के विवाह के दस्तुर
पोवार पंवार समाज के विवाह के दस्तुरKshtriya Panwar
 
ओरख राजा भोज की
ओरख राजा भोज कीओरख राजा भोज की
ओरख राजा भोज कीKshtriya Panwar
 
झुंझुरका बाल इ मासिक जुलै 2022.pdf
झुंझुरका बाल इ मासिक जुलै 2022.pdfझुंझुरका बाल इ मासिक जुलै 2022.pdf
झुंझुरका बाल इ मासिक जुलै 2022.pdfKshtriya Panwar
 
Siharpath Panwar Teerth Baihar
Siharpath Panwar Teerth Baihar Siharpath Panwar Teerth Baihar
Siharpath Panwar Teerth Baihar Kshtriya Panwar
 
झुंझुरका पोवारी बाल ई मासिक पत्रिका (1).pdf
झुंझुरका पोवारी बाल ई मासिक पत्रिका (1).pdfझुंझुरका पोवारी बाल ई मासिक पत्रिका (1).pdf
झुंझुरका पोवारी बाल ई मासिक पत्रिका (1).pdfKshtriya Panwar
 
मालवा से आये वैनगंगा क्षेत्र में बसे पंवार
मालवा से आये वैनगंगा क्षेत्र में बसे पंवारमालवा से आये वैनगंगा क्षेत्र में बसे पंवार
मालवा से आये वैनगंगा क्षेत्र में बसे पंवारKshtriya Panwar
 
पंवार(पोवार) समाज की प्रतिष्ठा और वैभव.pdf
पंवार(पोवार) समाज की प्रतिष्ठा और वैभव.pdfपंवार(पोवार) समाज की प्रतिष्ठा और वैभव.pdf
पंवार(पोवार) समाज की प्रतिष्ठा और वैभव.pdfKshtriya Panwar
 
वैनगंगा क्षेत्र में बसे क्षत्रिय पंवार(पोवार) की गौरवगाथा
वैनगंगा क्षेत्र में बसे क्षत्रिय पंवार(पोवार) की गौरवगाथा वैनगंगा क्षेत्र में बसे क्षत्रिय पंवार(पोवार) की गौरवगाथा
वैनगंगा क्षेत्र में बसे क्षत्रिय पंवार(पोवार) की गौरवगाथा Kshtriya Panwar
 
Panwar(Powar) Community in Central India
Panwar(Powar) Community in Central IndiaPanwar(Powar) Community in Central India
Panwar(Powar) Community in Central IndiaKshtriya Panwar
 
Powari(Panwari) Language
Powari(Panwari) Language Powari(Panwari) Language
Powari(Panwari) Language Kshtriya Panwar
 
नगरधन-वैनगंगा क्षेत्र में पंवार(पोवार) राजपूतों का इतिहास.pdf
नगरधन-वैनगंगा क्षेत्र में पंवार(पोवार) राजपूतों का इतिहास.pdfनगरधन-वैनगंगा क्षेत्र में पंवार(पोवार) राजपूतों का इतिहास.pdf
नगरधन-वैनगंगा क्षेत्र में पंवार(पोवार) राजपूतों का इतिहास.pdfKshtriya Panwar
 

More from Kshtriya Panwar (20)

मयरी, पोवारी काव्यसंग्रह
मयरी, पोवारी काव्यसंग्रह मयरी, पोवारी काव्यसंग्रह
मयरी, पोवारी काव्यसंग्रह
 
गुरुगंगा काव्यसंग्रह
गुरुगंगा काव्यसंग्रहगुरुगंगा काव्यसंग्रह
गुरुगंगा काव्यसंग्रह
 
पोवार समाज को जागरण
पोवार समाज को जागरणपोवार समाज को जागरण
पोवार समाज को जागरण
 
पोवारी साहित्य सरिता भाग ६५
पोवारी साहित्य सरिता भाग ६५पोवारी साहित्य सरिता भाग ६५
पोवारी साहित्य सरिता भाग ६५
 
स्व. जयपाल सिंह पटले पोवारी साहित्य का पितामह
स्व. जयपाल सिंह पटले पोवारी साहित्य का पितामहस्व. जयपाल सिंह पटले पोवारी साहित्य का पितामह
स्व. जयपाल सिंह पटले पोवारी साहित्य का पितामह
 
अठारह पुराण को संक्षिप्तीकरण
अठारह पुराण को संक्षिप्तीकरणअठारह पुराण को संक्षिप्तीकरण
अठारह पुराण को संक्षिप्तीकरण
 
दुर्गा सप्तशती को संक्षिप्तीकरण
दुर्गा सप्तशती को संक्षिप्तीकरणदुर्गा सप्तशती को संक्षिप्तीकरण
दुर्गा सप्तशती को संक्षिप्तीकरण
 
Powari Kavitaye
Powari KavitayePowari Kavitaye
Powari Kavitaye
 
पोवार पंवार समाज के विवाह के दस्तुर
पोवार पंवार समाज के विवाह के दस्तुरपोवार पंवार समाज के विवाह के दस्तुर
पोवार पंवार समाज के विवाह के दस्तुर
 
ओरख राजा भोज की
ओरख राजा भोज कीओरख राजा भोज की
ओरख राजा भोज की
 
झुंझुरका बाल इ मासिक जुलै 2022.pdf
झुंझुरका बाल इ मासिक जुलै 2022.pdfझुंझुरका बाल इ मासिक जुलै 2022.pdf
झुंझुरका बाल इ मासिक जुलै 2022.pdf
 
Siharpath Panwar Teerth Baihar
Siharpath Panwar Teerth Baihar Siharpath Panwar Teerth Baihar
Siharpath Panwar Teerth Baihar
 
झुंझुरका पोवारी बाल ई मासिक पत्रिका (1).pdf
झुंझुरका पोवारी बाल ई मासिक पत्रिका (1).pdfझुंझुरका पोवारी बाल ई मासिक पत्रिका (1).pdf
झुंझुरका पोवारी बाल ई मासिक पत्रिका (1).pdf
 
मालवा से आये वैनगंगा क्षेत्र में बसे पंवार
मालवा से आये वैनगंगा क्षेत्र में बसे पंवारमालवा से आये वैनगंगा क्षेत्र में बसे पंवार
मालवा से आये वैनगंगा क्षेत्र में बसे पंवार
 
पंवार(पोवार) समाज की प्रतिष्ठा और वैभव.pdf
पंवार(पोवार) समाज की प्रतिष्ठा और वैभव.pdfपंवार(पोवार) समाज की प्रतिष्ठा और वैभव.pdf
पंवार(पोवार) समाज की प्रतिष्ठा और वैभव.pdf
 
Powar
PowarPowar
Powar
 
वैनगंगा क्षेत्र में बसे क्षत्रिय पंवार(पोवार) की गौरवगाथा
वैनगंगा क्षेत्र में बसे क्षत्रिय पंवार(पोवार) की गौरवगाथा वैनगंगा क्षेत्र में बसे क्षत्रिय पंवार(पोवार) की गौरवगाथा
वैनगंगा क्षेत्र में बसे क्षत्रिय पंवार(पोवार) की गौरवगाथा
 
Panwar(Powar) Community in Central India
Panwar(Powar) Community in Central IndiaPanwar(Powar) Community in Central India
Panwar(Powar) Community in Central India
 
Powari(Panwari) Language
Powari(Panwari) Language Powari(Panwari) Language
Powari(Panwari) Language
 
नगरधन-वैनगंगा क्षेत्र में पंवार(पोवार) राजपूतों का इतिहास.pdf
नगरधन-वैनगंगा क्षेत्र में पंवार(पोवार) राजपूतों का इतिहास.pdfनगरधन-वैनगंगा क्षेत्र में पंवार(पोवार) राजपूतों का इतिहास.pdf
नगरधन-वैनगंगा क्षेत्र में पंवार(पोवार) राजपूतों का इतिहास.pdf
 

पोवारी साहित्य सरिता भाग ६९

  • 1. 1 पोवारी साहित्य अना साांस्क ृ हिक उत्कर्ष द्वारा आयोहिि पोवारी साहित्य सररिा भाग ६९ आयोिक डॉ. िरगोहवांद टेंभरे मागषदर्षक श्री. व्ही. बी.देर्मुख
  • 2. 2 १.कथा पोवारोां को स्थानाांिरण की ----------------🙏🕉️🙏-------------- तीनसौ साल पहले मालवा सोडीन l पूववजोों न् आपला जुना गाोंव सोडीन l श्रीराम रघुराई को सुममरन करक े , मालवा राजस्थान का गाोंव गव्हान सोडीन ll नगरधन को मकला मा डेरा जमाईन l नवो पररवेश मा तालमेल बसायीन l श्रीराम रघुराई को सुममरन करक े , वैनगोंगा को आोंचल मा मकसानी बनाईन ll पूववजोों न् तलाव बोडी बनाईन l नवो पररवेश मा नवा गाोंव बसाईन l श्रीराम रघुराई को सुममरन करक े ,
  • 3. 3 सभी नवो गाोंव मा राम मोंमिर बनाईन ll बैहर की भूमम ला उपजाऊ बनाईन l गहों चना धान की फसल उगाईन l श्रीराम रघुराई को सुममरन करक े , मसहारपाठ पर रामजी को मोंमिर बनाईन ll बैहर ला सोंस्क ृ मत को क ें द्र बनाईन l नवी पीढी ला धमव की राह िेखाईन l श्रीराम रघुराई को सुममरन करक े , वैनगोंगा को आोंचल मा खुशहाली पाईन ll इहििासकार प्राचायष ओ सी पटले र्हन.२२/१०/२०२२. -------------------🌹🌹----------------
  • 4. 4 २.स्थानाांिरण की गाथा -----------💜💚❤️------------ िेवगढ को शासक ला साथ िेईन l औरोंगजेब की सत्ता झुगार िेईन l पासा पलट िेईन रण-मैिान को , पूववजोों न् आपलो पुरुषाथव िेखाय िेईन ll बख्त बुलोंि की लाज बचाय लेईन l धमवमनष्ठा आपली भी बचाय लेईन l छोड क े वतन राजस्थान मालवा को, पूववजोों न् आपलो पुरुषाथव िेखाय िेईन ll बख्त ला सोंकट मा सहयोग िेईन l बख्त सीन खेती योग्य भूमम पाईन l कायापलट करीन वैनगोंगा क्षेत्र को , पूववजोों न् आपलो पुरुषाथव िेखाय िेईन ll
  • 5. 5 स्विेशी शासक ला साथ िेईन l मवधमी शासक ला परास्त करीन l गवव हरन करीन जुल्मी औरोंगजेब को, पूववजोों न् आपलो पुरुषाथव िेखाय िेईन ll इहििासकार प्राचायष ओ सी पटले रहव. २२/१०/२०२२. ------------------❤️💚💜----------------
  • 6. 6 3. झुकनो भी नािाय अना रुकनो भी नािाय ========================== मोरो सजातीय पोवार समाजबोंधु इनला महरिीलाल ठाकरे को सहृिय सािर प्रणाम जय राजा भोज , आमरो पोवार समाजमा भी काही काही खबराकरन षडयोंत्र रचकर समाजला मममश्रत खबराकरन करनेवाला मवनाशकाले मवपरीत बुद्धि प्रवृतीका लोक ् सेती , उिाहरण साती हम करे सो कायिा और हमने बनाया वो ररवाज , मोरो मुगीला एकच टाोंग , मी नकटा त तु भी नकटा असो मानमसकता वाला समाजगुरु इनको येन् उद्देश्यला नाकाम करन साती व समाजमा एमतहामसक पररवतवन आनन् साती आपलोला मनस्वाथव समाज कल्याण जनकल्याण व राष्ट्र कल्याण करनोमा स्वच्छत अना समृिता व पारिमशवता तसोच लोकमप्रयता िेखावन की गरज से , मनस्वाथव समाज कल्याण जनकल्याण व राष्ट्र कल्याण करनेवाला समाजसेवक ये जनताका व समाजका सच्चा सेवक आत या भावना समाजको समस्त जनमानसमा मनमावण करन की गरज से अना येव होयेच पायजे ,,,!! आपलो धन-सोंपमत्तको व समाजमा सवोच्च पि को गैरवापर करक े व समाजद्वारा िेयी गयी सवोच्च जवाबिारी को गैरवापर करक े समाज सोंगमा मवश्वासघात करक े समाजकी सोंस्क ृ मत सोंस्कार व पौरामणक ओळख नष्ट्-भ्रष्ट् करक े समाजको मातृत्वला व स्वामभमानला ठे स पहोंचे असो पाखोंड करनो व पुरातनकाल पासून चलत आयेव गौरवशाली इमतहास लक समाजला गुमराह करनो , आपलो समाजपर अन्य समाजको अमतक्रमणला बढावा िेनो असो अनेकानेक प्रकारका भ्रममत षडयोंत्रला नाकाम करन साती समाजका तमाम सुमशमक्षत सोंस्कारवान प्रयत्नवािी कतृवत्वमनष्ठ ब्रम्हमनष्ठ मनष्ठावान युवा पीढीला सामने आयकर समाजपर होय रही से अन्याय को मवरुि मलखन की गरज से , उनको मवरुि बोलन की गरज से , जब् आपलीच तलवार आपलोच समाजबोंधु
  • 7. 7 पर चलावन को षडयोंत्र होसे तब् येव आमला बिावश्त नहीों अना समाजमा मममश्रत षडयोंत्रकारी ( मी नकटा त जग नकटा ) इनकी मनमानी चलन िेनो नाहाय येकी आमला सबला िक्षतापूववक काळजी लेनकी गरज से ,,,!! थोर क्राोंमतकारी िेशभक्तसमहत अनेक थोर माहापुरुष इनला आपलो िेशला स्वातोंत्र्य करन साती आपलो बलीिान िेनो पडेव , इनकोच साकारात्मक एमतहामसक पररवतवन मवचारधारा की मशाल आमला सबला आपलो अोंतरात्मामा पेटावन की गरज से , समाजमा एकामधकार शाही व िबावशाही तसोच लापरवाही( हम करे सो कायिा ) असो मानमसकता वाला समाजगुरु इनको द्वारा लगायेव गयेव असत्यरुपी गवत काटन साती आमला सत्यरुपी इरा हातमा धरन की गरज से , समाजमा समाजोत्थान साती एक समाज एक मबचार या ज्ञानगोंगा बोहावन की गरज से , सोंयमरुपी घडी िेखकर टाइम को भान ठे वन की भी गरज से , एकमेकला हात मा हात धरक े मनस्वाथव साथ िेनकी गरज से , या लडाई एकटोिुकटो की नोहोय या लडाई समस्त समाजबोंधु इनकी समस्त समाज की आय , लोकशाही या सब लोक ् इन साती होसे मुनस्यारी सब लोक ् इनला एकत्र आवन की गरज से ,,,,!! आता आमला सबला समाज एमतहामसक पररवतवन को मागवपर न थाोंबता , न डगमगावता आपलोला मनरोंतर चलत रव्हनो से , खालखोिर उतार चढाव आयेती , कही कही धोका िायक प्रसोंग भी आयेती , तपण बरसात बािरमा गजवना भी होयेती व कळकळ मबजली भी चमक े त असा अनेक प्रकार लक अळथळा भी मनमावण होयेत तरी प्रामामणकता आध्याद्धत्मकता सहनशीलता व मशष्तपालन लक एमतहामसक पररवतवन की मशाल पेटावत पेटावत अोंधारो रस्ताला प्रकामशत करत करत आमला सबला एकसाथ ममलाकर चलनो से , खबराकरन षडयोंत्र करनेवाला इनको सामने आमला कभी झुकनो नाहाय काही भी भयेव कसो भी भयेव तरी आमला मबल्क ु ल भी रुकनो नाहाय येव दृढसोंकल्प पर आपलोला अमलबजावणी करनो से , झुक ें गे नही और रुक ें गे भी नहीों
  • 8. 8 येवच आपलो मुलमोंत्र होये पायजे जय राजा भोज जय माहामाया गढकामलका सबको कल्याण करें,,,!! लेखक श्री हिरदीलाल नेिरामिी ठाकरे नागपुर =========================
  • 9. 9 4.पोवारी साहित्य समूि सािी आयी मिवारी. सुख चैतन्य लेयकन. सबला भरभराट. जाये िेयकन. पोवारी मायबोली का मिप प्रज्वलीत भया. हर एक पोवार लगावसे सोंस्क ृ ती को गवव लका मिया हटेव मनमोंमिरमा. अोंधारो की छाया. शुभेच्छा सेती सबला. धन वैभव भेटे मनरोगी काया. र्ेर्राव येळे कर
  • 10. 10 5 गाय खेले हदवारी मा (र्ोडर्ाक्षरी काव्य, यिी - ८, ८ अक्षरपर) पूजासाती गोवधवन, बनों प्रमतक गोधन | करोंसेती मिवारी मा, सोंग गाय को पूजन ||१|| जमा करक े गायकी, गायी महातनी बेरा | मबचोमबच आखर को, ठे वों गोधन को ढेरा ||२|| पाच फ े रा गायी सोंग, मफरों गायकी बी मोंग | नवी जनी गाय गोरा, खेलन को जमों रोंग ||३|| लेकरूला सोवायक े , गोधन मा खेलायक े | पाय लगसेती सब, मटका वोको लगायक े ||४||
  • 11. 11 घरों सडा सरावन, होसे चऊक चाोंिन | बनों शेणकी डोकरी, सजों डयल आोंगन ||५|| सील जातो िेवघर, काोंडी 'ना सपरीपर | बनों चऊक पोवारी, गायखुरी मलखकर ||६|| मिवारी को मिवो जरों, वोनों गायखुरी परों | सोंग पूजती डोकरी, सब पोवार को घरों ||७|| एक मिवो मिवारी को, जर जाये पोवारी को | गाय खेले मिवारी मा, मान बडे गोवारी को ||८|| © इांिी. गोवर्षन हबसेन 'गोक ु ल' गोांहदया, मो. नां. ९४२२८३२९४१
  • 12. 12 6 नेंग दस्तूर खीर को (अष्टाक्षरी काव्य) आयी होती मालवालों सोंग सोंस्क ृ ती धार की | बैनगोंगा सहारालों सजी खेती पोवार की ||१|| आनसेती नौतरी मा चरू मिवारीला घरों | खीर िुध चाऊर की बनों टाकक े साखरों ||२|| लक्ष्मी सोंगमा चवरी मोंग पूोंजसे पोवार |
  • 13. 13 खीर मनवज चढाय िेसे िेवला आहार ||३|| पयलोच मिवारीला ररती ररवाज आोंिी को | खीर टुराला चाटन नवो चम्मच चाोंिी को ||४|| नेंग िस्तूर खीर को होसे तुरसी जवर | खासे खीर नवो जीव नवा कपडा पेहर ||५|| िूर करे सब िोष गभव मलीन आहार | करे पुष्ट् लेकरूला
  • 14. 14 अन्न प्राशन सोंस्कार ||६|| © इांिी. गोवर्षन हबसेन 'गोक ु ल' गोांहदया, मो. नां. ९४२२८३२९४१ ****************************
  • 15. 15 7 || बोलीका दोर् || बोली असी बोलो कोई न बोले झुट जागा असी बसो कोई न बोले उट शास्त्र पुराण, साधू सोंत, पढ्या मलख्या जन कसेती बोली पासून आिाममकी मवद्वत्ता बुद्धिमत्ता समजी जासे . बोली पासून प्रेरणा िेयी जासे म्हणुन स्यानी सोच बीचारकर बोली बोले पामहजे. बापू महात्मा गाोंधी कव्हत होतो. कम बोलो, सोच समजकर बोलो, वोन व्यद्धक्तको प्रभाव अमधक पडसे अना शद्धक्तभी कम खचव होसे. सामान्य बोली मा अठरा प्रकारका िोष साोंग्या गया सेती.१) मनरथवक शब्द बोली पटर पटर नही करे पामहजे.२) घडी घडी वयच वय शब्द िोहराये नही पामहजे.३) अशलील अशुि शब्द प्रयोग नही करे पामहजे.४) गरज को अमधक शब्द नही बोले पामहजे.५) लाोंब लचक बोंिर को पुष्ट्ी सारखी बोली नही बोले पामहजे.६) मन िुखावन कटू बचन नही बोले पामहजे.७) ज्या बोली समजमा नही आवत तसो नही बोले पामहजे.८) िीघावनोंत पिोचारण बोली मा नही करे पामहजे.९) जो आयकसे वो को पासुन तोोंड फ े रकर नही बोले पामहजे.१०) बनावटी, झुटमुट शब्द प्रयोग नहीकरे पामहजे.११) मत्रवगव याोंनी धमव, काम, मोक्ष इनको बाऱ्यामा उलट नही बोले पामहजे.१२) कानला नही भावणारा कटू बचन नही बोले पामहजे.१३) कठीण शब्द का उच्चारण बोलीमा नही करे पामहजे.१४) उलट पलट वाच बात नही करे पामहजे.१५) नही समज आवनेवाली बोली मधरू मधरु नही बोले पामहजे.१६) मबना काम अकारन नही बोले पामहजे.१७) उिेश मबना अथव महन नही बोले पामहजे.१८) समज महन बोली नही बोले पामहजे.
  • 16. 16 मनमा जो कचरा भरीसे वोला खाली करन साती अमधकच पटर पटर बोली मा नही करे पामहजे. जबरिस्ती बात बोलन को टारे पामहजे. मतखट शब्द, गाली गलोच नही करे पामहजे. आमरी बोली आमरो बोली भाषा की पमहचान से. मुलाखात, बातचीत, मवषय समजावन की क ु वत परच तुम्हरी ओळख करी जाये. गोड बोलन को रोज प्रयत्न करो तब तूम्हरी कीती पसर जाये. पोवारी साहित्य सररिा भाग ६९हदनाांक:२१:१०:२०२२ िेमांि पी पटले र्ामणगाव (आमगाव)९२७२११६५०१ *********************
  • 17. 17 8 िास्य व्यांग लावणी(मायघरका पोिा मुरा) ****** आपून एकटी एकटी या पोहा मुरा खासे काही कवणला जासू त अोंगठा िेखावसे//ध्रु// मी सेव भाऊ कास्तकारी लाइन को या कसे डरेस पेहरो तुम्ही साहेबको मोर कर िेखाशानी हातकी अोंगठी मोळसे काही कवणला जासू त अोंगठा िेखावसे//१// टोोंगरा वरी पच्या ना आोंगमा फतई डोस्का पर टोपी पर साजबाज नही कास्तकार मानुसला ला थाटबाट का शोभसे काही कवणला जासू त अोंगठा िेखावसे//२//
  • 18. 18 या कसे पामहजे मस्त शटव ना प्ाोंट डोस्का परा टोप, जरा िेखावो स्टोंट एकमाऱ्या मोरी मोठी फमिसा होय जासे काही कवणला जासू त अोंगठा िेखावसे//३// गयेव िसरा ना आय गयी मिवारीों महाोंगाई या पडगयी मोर पर भारी क े तरो समजावू येला या अबुला रव्हसे काही कवणला जासू त अोंगठा िेखावसे//५// **** डी. पी.रािाांगडालें गोांहदया *****************
  • 19. 19 9 आया हदन खुर्ालीका ------------------------------------------ मिवस उोंगतीका रोंगको मुक ू ट धर आयी बाली बाली असल खेतकी फसल खुशीमा झुम रही से हररयाली =१= रान मसवारमा धुरा पारीपर फ ु ल हासता बहरोंगी रानमेवालक लद्या झळु ला सेंडीवरी बेला टोंगी =२= ओलमा हासों मडरा कठानी धान कटनकी िेखे बाट तपन सोंगों से खेलनो वोला
  • 20. 20 सोंगमा बहती हवाको ठाट =३= चलेव खेतमा मकसान हासत नजर गळी नवधानीमा आये नवतरी पळे त िाना भरभर ढोला भानीमा =४= आयी मिवारी करो तयारी मिवो जरावो महरिामा लछमीजीको करो शुमक्रया मसग लगाये खुरिामा =५= क्षमत्रय सिा उपासक आमी खडग लेखनी क ु िालीका घर घर बाटो खुशी ममठाई आया मिन खुशालीका =६=
  • 21. 21 --------------------------------------------- डॉ. प्रल्हाद िररणखेडे "प्रिरी" डोांगरगाव/ उलवे, नवी मुांबई मो. ९८६९९९३९०७ ***************************
  • 22. 22 10 हवर्य:- हदवारी की खीर खीर मधूर व्योंजन ताोंिूर िूध की बनसे पहले धोयकन ताोंिूर बहत पकावनो पडसे पक े व मगलो भातमा साखर अना िूध टाको सब एकसाथ चूल्हापर चाोंगला पकायकन िेखो साखर िूध अना भात पक े चाोंगलो चूल्हापर हरुहरु खीर को सुवास
  • 23. 23 पैले पूरे घरपर लवोंग अना इलायची क ु टकन टाको खीर मा खोबरा कीस बिाम काजू टाक े पायजे बािमा वऱ्यालका थोडो टाक सकसेव क े सर असी पौमष्ट्क खीर चाोंगली करसे असर मिवारी को मिवस खासेत खीर सोंग पाोंढर अकस्या साथ सुरण की भाजी काटसे जीवनमा की अमावस्या
  • 24. 24 पोवार घर की खीर खासे पशू पक्षी िेव मानव म्हणून पोवार ला कसेत समाज मा चलतो मफरतो िेव र्ेर्राव येळे कर हद. २३/१०/२२ ****************
  • 25. 25 11 गाव की हदवारी सब घर होसे मोरो गाव की मिवारी खुशी उमोंग उत्साह की सौगात भारी||टेक|| हलको धान की पमहले होसे कटाई अनाज खेती को आवसे होसे कमाई गाडोलक आनसेती खेत मा की माती घर आोंगण मलपकर सराव सेती चूनो गेरू की पोताई शोभा मिस भारी ||१|| मिवारी की खीर लक्ष्मी पूजनला बनसे सुरण की भाजी अकस्या सोंग रव्हसे चकली शेव मचवडा को ना स्ता बनसे सीोंगाडा बतासा पेढा ममठाई ममलसे फ ु रफ ु री सोंग फटाका फ ु ट्या भारी ||२||
  • 26. 26 धन तेरस को महत्वला जान सेती सोना चाोंिी को लेनिेन ला करसेती आयुवेि मा धन्वोंतरी की पुजा करसेती चाोंगलो रव्ह आरोग्य िुवा मागसेती टवरी की रोषणाई चौक चाोंिण भारी ||३|| अवस ला जमघट नवो बह बैमिको पोवारी समाज िस्तुर करसे न्यारो पुजा बाि ताल धरसेती फ ु गमडको उखानो मा कसेती नाव घरवा लोको फ ु गडी की परोंपरा अजब से न्यारी ||४|| गोवधवन की पुजा आखर पर भारी गोवारो की ढाल सोंग चल्या गावकरी नवा नवा कपडा आोंगपर का भारी
  • 27. 27 मोंडई की रेलचेल खावो पानसुपारी िोंडार डर ामा नाच गाना रात का भारी ||५|| पोवारी काव्य स्पधाव मवषय: िीवारी की खीर हदनाांक:२३:१०:२०२२ िेमांि पी पटले र्ामणगाव (आमगाव) ९२७२११६५०१ **************
  • 28. 28 12. हदवो िराओ जगमग जगमग िीवो जराओ घर आोंगन ला खुब सजाओ, एक िीवो जराओ मन को मैल ममटावन को, सब सोंग हासत बोलत रहो सब सोंग धुल ममल रवन को, एक िीवो जराओ सत्य धमव शाोंमत को , िेश िुमनया लक अोंधकार ममटाओ, एक िीवो जराओ प्रेम प्रीत को मन मा सबको प्रीत जगाओ, एक मिवो जराओ पोवार समाज ला सजग सभ्य समाज बनावन को अपरी माय बोली की सोभा बढावन को, एक िीवो जराओ पोवारी माय बोली की अलख जगावन को , हर घर माय बोली बचावन को, जगमग जगमग िीवो जराओ घर आोंगन ला खुब सजाओ।। सबला िीवारी की हामिवक सुभेच्छा से जी हवद्या हबसेन बालाघाट
  • 29. 29 13 भिन परमेश्वर प्राप्तीसाठी जन करे भक्तीमा नमन मन भाव मा अमपवत येला कसेत भजन सेवा अना स्तुती चरण मा सममपवत मन की आतव पुकार करे भाव मा अमपवत भक्त अना भगवान भजन जोडन को रस्ता तप यज्ञ हवन पेक्षा मागव नेक अना सस्ता
  • 30. 30 भजन लका होसे आत्मा की शुिी तल्लीन होय जासे भगवोंत रुपमा बुिी र्ेर्राव येळे कर हद.२३/१०/२२ ************
  • 31. 31 14. हदवारी चूल्होों -चक्की ,ओखरी , डोकरी, पूजी गईन मिवारी मा। मकसान की मेहनत महक रही से, मीठी -खीर सुआरी मा।। नवती-नवती बह आई सेत, लक्ष्मी जसी मिवारी मा। नाच रही सेत मुन्ना मुन्नी, घर आँगन, फ ु लवारी मा।। ओरी-ओरी टवरी सुँिर, घर-घर जररन मिवारी मा। घर का कोना कोना महक रही सेती धूप बाती की िानी मा।। घर का सायना सायनी मस्त सेती पुरानी कहानी मा । चचाव होय रही से क े तरा पकवान रहेती आज मबरानी मा।। रोंग मबरोंगी आमतशबाजी होय रही से रातरानी मा। मबसर गया पुराना तरीका नवो ज़मानोों को शानी मा।। सजाय क े आरती राखी जाहे डार को अगवानी मा।। अधी रात मनकल जासे बसकर यािन की कहानी मा।। मनाओ मिवारी असी बस जाय मन की बानी मा। रामराज्य की शुभकामना, सबला आज पोआरी मा।। यर्वन्त कटरे/२४/१०/२०२२
  • 32. 32 गुलाब-मोोंगरा खूब फ ू ली सेत, बाडी-बाडी क्यारी मा। आम्बा तोरण क े रा पत्ता सज गईन द्वार िुआरी मा ।। चौक शोभ अ से गाय खुरी को,ओसरी ,आोंगन फ ु लवारी मा । ओरी- ओरी टवरी सुोंिर, घर घर जररन मिवारी मा ।। नवती-नवती बह लगी सेत पूजन की तैयारी मा । राम राज की शुभकामना सबला आज पोआरी मा।। हरकचोंि टेमरे--अध्यक्ष पोंवार समाज मजला मसवनी।ः *****************
  • 33. 33 15 🙏रानी बनकर िग रिी िोिी🙏 ****💚💜**** मोरा भी मिन होता रानी बनकर जग रही होती l मोरो भी आोंचल मा जगमगाहट मिस रहीों होती l सारी िुमनया मोला वोंिन करता मिस रहीों होती ll मोरा भी मिन होता रजवाडाओों मा नाोंि मा नाोंि होती l सबको ओोंठो पर खुमशयोों लक इठलाय रहीों होती l सबको मिलोों पर रानी बनक े राज कर रहीों होती ll
  • 34. 34 नवीन जमानोों मा हालत मबगडता िेख रहीों होती l सबको ओोंठो पर महन्दी मराठी खूब खेल रही होती l मी सबकी नजरोों मा उपहास की मशकार होय रही होती ll नवी क्राोंमत को मिनोों मा अनुक ू ल हवा बहती िेख रही होती l सबकी वाणी लक मोरी खूब वाहवाही िेख रहीों होती l सबकी लेखनी लक कमवता ना गीत मा ढल रही होती ll
  • 35. 35 पररवतवन की हवा मी आपलो डोरा लक िेख रहीों होती l मोरो मन की वेिना धीरु धीरु िूर होती िेख रहीों होती l मोरा भी मिन होता रानी बनकर जग रही रही होती ll #इहििासकार प्राचायष ओ सी पटले #प्रणेिा:-पोवारी भार्ाहवश्व नवी क्ाांहि अहभयान, भारिवर्ष. #लक्ष्मीपूिन,सोम.२४/१०/२०२२. --------------------🌴🌴----------------
  • 36. 36 16 अि से हदवारी सासु बाई न सागीस मोला अज से अपरी पोवारी की मिवारी, सोंस्कार अना सोंस्क्रमत िीसे अज सबको घर वरी, गायी को गोबर लक सडाा़ सारवन करबी मोठागन को नहानागन वरी, गायी को गोबर आनो गोवधवन पववत बसाहो बीच आोंगन मा खुब सजाओ बह मोरी, गायी को गोबर लक ढोकरी बनाओ कोठा मा डहल मा ओरी ओरी बसाहो, जातो ,चाटु ,ओखरी, घडक े सोंग मा ढोा़करी बसाहो गायखुरी को चौोंक पुराओ डहल को ओर छोर, ओसरी मा भी गायखुरी को चौोंक पुरावबी गेरू अना चाऊर को पीठ लक पोवारी सोंस्क्रमत की मचत्रकारी घडबी, जातो ,ओखरी , सील ,पाटा ला भी पुज सेती अज रागोली बनाओ सजे साज, सोंझा बेरा भयी चाऊर को पीठ का िस मिवो बनाओ, गायी को िुध लक मनटवल खीर चुल्हो मा राोंधो, धरो आगी पानी सोंग खीर ढोकरी ला जनाओ िस मिवो जराओ ,
  • 37. 37 सुन मोरी बह बाई पोवारी सोंस्क्रमत ला बचाओ, अपरी पोवारी की अलख जगाओ, जय जय पोवारी जय पोवार समाज हवद्या हबसेन बालाघाट ***************
  • 38. 38 17 मोरी किानी फ ॅ स गयेव मी, प्रेममववाह करक े | मुमसबत आनेव, आपल् घर धरक े |धृ| पहले उठत होतो आठ बजे सोयक े , आता सय बजे उठु सू तडफडायक े , सोवनो पडसे अलामव लगायक े |1| मुमसबत...... मलुसू बतवन, लगावुसू झाड ू उठक े , पाणी बी ठे वनो पडसे पुरो भरक े , बायकोला िेसू बेड टी बनायक े |2| मुमसबत...... मोंग करुसू सयपाक गॅस जलायक े ,
  • 39. 39 भात, भाजी, रोटी ठे वुसू बनायक े , जासू मोंग कामपरा मी डब्बा धरक े |3| मुमसबत..... मिवस बुडता आवुसू कामल् थकक े , बायको िेखसे वाट डोरा लगायक े , रात को सयपाक बी करुसू मबटायक े |4| मुमसबत...... रातक ् जेवन क ् बाि जासू थकक े , मबस्तरपर जल्दी जासू मी सोयक े , बायको िेखसे टी.व्ही. डोरा फाडक े |5| मुमसबत....... - हचरांिीव हबसेन गोांहदया
  • 40. 40 18 हसांदीपार प्रारुप : पोवार बहुल गाांवोां मा अपनावनोां आवश्यक -------------------------------------- साकोली तहसील को मसोंिीपार मा पोवार समाज का ७-८ सामहद्धत्यक व कलाकार सेती.वय सब आता माय बोली पोवारी को उत्कषव को भी कायव कर रहया सेती. साल मा एक घन पोवार समाज को साोंस्क ृ मतक कायवक्रम भी आयोमजत कर् सेती. आपलो मोहाडी गाोंव मा भी आता आपण येन् मिशा मा प्रयास करबी. सब जन पोवारी भाषा मा कमवता, मवचार मलखन की शुरुआत करो. जसी आव् से तसी पोवारी मलखोों . अना माय बोली पोवारी की सेवा करोों. एक -ना-एक मिन आपलो गाोंव मा भी कमव, लेखक, सामहद्धत्यक तयार होयेती व पोवार समाज की मगनती प्रगत समाज मा होये. जय पोवारी! जय मायबोली!!
  • 41. 41 19 हसांदीपार को दीपोत्सव-२०२२ हरसाल सररखो मसोंिीपार को िीपोत्सव येन् साल बी मनायेव गयेव. कायवक्रम को स्वरूप - १.बजरोंगबली,वों.तुकडोजी महाराज अना माय गडकामलका क ् प्रमतमा को पूजन २."आया पाऊना" येन् पोवारी स्वागत को गाव क ् टुरीईन द्वारा गायन ३.मसोंिीपार एक्स्प्रेस कवीराज शेषुभाऊ क ् द्वारा प्रास्तामवक अना पाहणा पररचय ४.गाव का प्रमतभावोंत नाट्यकलावोंत,सामहद्धत्यक,आयुवेमिक वैद्य,आशा वक व र अना बालकलाकार इनको सत्कार ५.प्रमतभािशवन लेखी परीक्षा जो कक्षा ३ पासून ५ वरी,कक्षा ६ पासून ८ वरी अना कक्षा ९ पासून सामने का ...असो ३ गट माों प्रामवण्य सूची माों आया टुरा टुरी इनला मवशेष पाररतोमषक त् सहभागी स्पधवक इनला प्रमाणपत्र,पेन अना प्राथवना की मकताब िेनो माों आयी. ६.मबच मबच माों टुरा टुरीईनको समूह गीत,व्यद्धक्तगत गीत,कोनी को नृत्य करनो माों आयेव.
  • 42. 42 ७.गाव का प्रमुख मागविशवक मुहन प्रा.डाँ.शेखरामजी येळे कर सर इनको गावकरी मोंडली,गाव का तरूण बाल गोपालईनला समपवक मागविशवन भयेव्. ८.कायवक्रम ला सोंगीतबि करन की प्रमुख जबाबिारी गाव का हरहन्नर मशक्षक कवी श्री.पामलकचोंि मबसने सर इनपरा रव्हसे.वय सोंवामिनी बजावसेत अना उनला तबला की सोंगत गाव को च चेतन बडोले िेसे. प्रमतभािशवन लेखी परीक्षा को प्रश्नपत्र रचना बी उनकीच रव्हसे. ९.येन् कायवक्रम को अोंतगवत मच.भागवव शेखरामजी येळेकर येन् मलद्धखसेन वोन् माझा मुोंबईचा प्रवास पुस्तक को लोकापवण करनो माों आयेव्. तसोच गाव को मशक्षक कवी रणिीप मबसने इननों सोंपामित करीस वोन् राष्ट्रीय मशक्षा नीमत-२०२० येन् मवशेषाोंक को लोकापवण बी येन् कायवक्रम क ् िौरान भयेव्. १०.कायवक्रम को सोंचालन रणिीप मबसने,आभार प्रिशवन मिलेराम येळे कर इननों करीन. ११.कायवक्रम की भौमतक तैयारी एक घोंटा माों आमी सबजन करसेजन. १२.पोवारी प्रमतभा िशवन समूह,स्वा.सावरकर वाचनालय,झाडीबोली सामहत्य मोंडळ,राष्ट्रसोंत तुकडोजी महाराज मवचार क ें द्र,गाव की राजाभोज सोंस्था,मसोंिीपार सोंघ सायम् शाखा असा अनेक समूह गाँव माों क ृ मतशील सेती.अना तरूण बाल मोंडली येन् कायवक्रम क ् सफलतासाटी झटसेती. १३.कायवक्रम क ् बमक्षस अना सत्कार साटी आमी कोनसोंग एकबी बरगन(चोंिा) नहीों लेसेजन.
  • 43. 43 कायवक्रम की मनष्पमत्त- १.गाव की माता मशक्षण साटी सजग भयी से. २.गाव व्यसनमुक्त ठे वनला मित भयी से. ३.गाव माों शैक्षमणक अना सामहद्धत्यक वातावरण की मनममवती भयी से. ४.गाव का टुरा मोठा सपना िेखनसाटी तयार भयासेती. ५.गाय,सेंमद्रय खेती को प्रचार भयी से. ६.प्रयोगशील खेती साटी गाव की काही मकसान मोंडली तत्पर भयी से. ७.गाव माों एकात्मता को भाव उपज रही से. ८.जातीय/धाममवक/राजकीय/सामामजक असो कोनतो बी प्रकार को भेिभाव ला थारा नहीों | िस गाव माों शोभसे,मोरो गाव मसोंिीपार सांकलन व वृत्तकथन रणदीप हबसने *-******-*-****
  • 44. 44 20 देवा िीव घबराव🙏 िेवा जीव घबराव कसो कलयुग आयो ,कोनी की नही िया माया कोनी ला यहाों नी, मन मा सोच मोरो आयो मानुश जन्म काहे पायो, कसो कमव को फ े रा जीवन भयो नाकारा , नही मोह माया पापी भयी काया , कमव धमव भयो झुटो,मानुश पशु वानी िीस, बडी लोंबी से कहानी मन कर मनमानी, , छल कपट को डेरा ऐन जग मा िुई रोज को बसेरा, तोरो मोरो करता करता बीत जाहे या कहानी, मन बडो अमभमानी सुझ बूझ मबसरानी, िेवा जीवन की कहानी कसी बीते जीन्दगानी, शब्द शुल वानी चुभत घर का भेिी भेि डाकत, बोल मीठो नही बोलत कान मा जहर घोलत, करकसा वानी बन गयी मीठी वाणी , कसी सागु िेवा अपरी जुबानी,
  • 45. 45 मन मा सोच मोरो आयो काहे मानुश जन्म पायो, छोडो मन को सब भेि नोको करो िील मा छे ि, सुख िुख ले भरी से सबकी कहानी, महलममल सब मबताओ चार िीन की जीोंन्दगानी, कौन रहे सौ बरस कौन जाहे छड, भर मा यो जीवन से पानी वानी, मन मा सोच मोरो आयो काहे मानुश जन्म पायो।। हवद्या हबसेन बालाघाट🙏 **-*-**-***-**
  • 46. 46 अज पुरानी पेढी को बुजुगव लोगइन सोंग पोवारी बोलता बोलता का काइ शब्द परा ध्यान गयो - फ़ोटो हेडकर भयी , बेस भयौ , फ़ोटो महटी , लाखतखाड, बक नही फ ू टी ये शब्द मवशेष करक े पोवारी आत मजनको सबन्ध अन्य स्थानीय भाषा सोंग नही चोव्ह। **
  • 47. 47 21 मायबोली पोवारी कोई बी जात की पमहचान का बहत सा मापिण्ड होय सक सेतीन। मकन्तु सबलक प्रमुख पमहचान बोली होसे। आज नौकरी चाकरी धोंधा व्यापार अन क ई वजह लक िुमनया भर मा हमारा जात का लोगजाय रही सेतीन ।असो मा हमी एक िुसरो ला कसो पमहचानबो मक हमी एक च जात का आजन। अपरी पमहचान कायम राखन लाई सबलक सशक्त एक मात्र माध्यम हमारी बोली से। मकन्तु िुभावग्य लक आज पोवार समाज न अपरी पमहचान बोली लक भारी िुरी बनाय लेई सेस। अन पोवारी बोली को अता का महत्व से अन कोनसो काम पड से असा लोग बोल सेतीन। वतवमान अन आवन वाली पीढी ला बोली बोलनो या मसखावनो बोंि कर िेई सेत। असो मा हमारी मूल पमहचान हमारी माय बोली खतम होन को कगर मा से। मी पोवार समाज का लगभग पन्द्रह व्हाटसाप ग्रुप लक जुडयो सेंव। िुय चार ग्रुप ला छोडकर बाकी ग्रुप मा हमारी बोली कही नजर नहीों आव। न ही बोली पर कोई ध्यान िेत। पोवार समाज का गाँव लक त अन्तरावष्ट्रीय स्तर तक ढेर सारा सोंगठन बन गयी सेतीन। लेमकन उनकी योजना अन कायवक्रम मा माय बोली ला कोई महत्व या जाग्हा नहीों ममल।
  • 48. 48 मोरी सबलक प्राथवना से मक जेतरा भी सोंगठन अन ग्रुप सेत सबकी प्राथममकता मा हमारी माय बोली होनो चामहए। पोवारी बोलन वाला पररवार को कोई असो एक सोंगठन या ग्रुप बन सक से मक हमी अपरो पररवार अन समाज मा मसफ व अपरी बोली ला बोलबो। मोरो असो माननो से मक पररवार अन समाज की बहत सारी समस्या मात्र अपरी बोली बोलनो लक समाप्त होय जाहेत। अन हमारी जात की पमहचान को सोंकट भी खतम होय जाहे। हमारी आवन वाली पीढी ला सब प्रकार को ज्ञान को सोंग अपरी बोली को भी ज्ञान आवश्यक से। जेको लक अपरी आवन वाली पीढी पमहचान की मोहताज नहीों होन की। धन्यवाि। जय राजा भोज जय भारत माता। मनवेिक --कोमल प्रसाि राहँगडाले कल्याणपुर धारनाकलाँ तहसील बरघाट मजला मसवनी म प्र ********************