3. Gandhi And Bose
• 18 January 1938 – 29
April 1939
• 1939- Pattabhi
Sitaramayya secured 1377
votes while Bose got 1580
votes
• In April 1939, Bose
stepped down and .
• In May 1939, he formed
the Forward Block within
Congress
10. राष्ट्रीय अवकाश
• संववधान सभा की काररवाई दिनांक 22 जनवरी
1948 को माननीय सिस्य श्री एच.वी. कामथ
द्वारा 23 जनवरी को राष्ट्रीय अवकाश घोवित
करने की इच्छा जताई थी। अतः भारत सरकार
द्वारा 23 जनवरी को पराक्रम दिवस क
े रूप में
मानने की घोिणा संववधान सभा की भावना क
े
अनुरूप ही है। प्रत्येक विर नेताजी बोस की जयंती
को पराक्रम दिवस क
े रूप में मानने से िेश क
े
लोगों को ववशेिकर युवाओं को ववपवि का सामना
करने क
े ललए नेताजी क
े जीवन से प्रेरणा लमलेगी
और उनमें िेशभक्तत और साहस की भावना
समादहत होगी।
11. NCC
• इसी प्रकार 3 दिसम्बर 1948 को भी नेताजी
बोस को स्मरण ककया गया। जहां नेताजी बोस
से प्रेररत एक प्रस्ताव की चचार हुई कक भारत
क
े प्रत्येक नागररक को सामाक्जक सेवा क
े ललए
ववद्याथी काल में क
ु छ समय िेना चादहए।
इसी भावना से प्रेररत होकर एनसीसी का
गठन ककया गया।
12. आध्याक्त्मक प्रलशक्षण
• सेतयूलररज्म और आध्याक्त्मक प्रलशक्षण वविय पर नेताजी बोस की
आजाि दहन्ि फौज का स्मरण 6 दिसम्बर 1948 को पुनः ककया
गया। जहां यह उल्लेख ककया गया कक आजाि दहन्ि फौज क
े
पाठ्यक्रम में आध्याक्त्मक प्रलशक्षण का आधार बनाकर राष्ट्रवाि की
नींव रखी गई थी और यहीं भावना सेतयूलररज्म को समझने क
े
ललए अतत आवश्यक है। आध्याक्त्मक प्रलशक्षण में वेि, उपतनिेिों को
प्रलशक्षण का आधार बनाया गया। वहीं परम्परा नेताजी सुभाि चन्र
बोस की आजाि दहन्ि फौज ने भी दिखाई िेती है। अतः यह अपेक्षा
की गई है कक भारत में आध्याक्त्मक प्रलशक्षण एवं आध्याक्त्मक
तनिेश स्वतंत्र एवं गणतंत्र भारत में नागररकता क
े आधार बनेंगे।
नेताजी सुभाि चन्र बोस ने राष्ट्रवाि में आध्याक्त्मकता को आधार
की प्रेरणा श्रीअरववन्ि से ली थी। क्जसका क्जक्र उनकी पुस्तक ‘‘एन
इंडियन वपलग्रिम’’ में लमलता है।
13. • नेताजी सुभाि चन्र बोस को 27 दिसम्बर
1948 को संववधान सभा ने स्मरण ककया और
उनकी प्रेरणा से संववधान में शपथ क
े प्रारूप में
ईश्वर क
े आव्हान को जुड़वाया। इसक
े ललए
नेताजी बोस की शपथ का दृष्ट््ांत दिया गया।
आजाि दहन्ि फौज में शपथ - ‘‘ईश्वर क
े नाम
पर मैं प्रततज्ञा करता हूं।’’