SlideShare a Scribd company logo
1 of 19
Your Logo or Name Here
१
Your Logo or Name Here
पृष्ठ संख्या विषय
३ आभार ज्ञान
४ प्रमाणपत्र
५ भारतीय कला
६ हस्तकला
७ तंजौर कला - तममलनाडु
८ मधुबनी चित्रकारी - बबहार
१0 मीनाकारी-राजस्थान
११ लाख का काम – राजस्था
१२ असम की कला
१४ कश्मीर की कला
१५ अततररक्त जानकारी
१६ स्त्रोत
२
Your Logo or Name Here
३
Your Logo or Name Here
४
Your Logo or Name Here
 वह धरती जहााँ शास्त्रीय संगीत की स्त्वर लहररयााँ खूबसूरत चिरों
की बारीक कारीगरी, प्रािीन काल की कालीन बुनकर कला और
हस्त्तकलाओं, नृत्य के दिव्य प्रकारों, शानिार प्रततमाओं और मन
को मोह लेने वाले त्यौहारों से घुली ममली हुई हैं, भारत कला और
मशल्प का सुंिर सम्ममश्रण है। इसका हर प्रांत और कें द्र शामसत
प्रिेश परंपरा की सुगंध में सराबोर है, जो इसकी हर गली, हर मोड
में फै ली हुई है। यह िेश जीवनी शम्तत और म् ंिादिली की िमक
से जगमगाता रहता है।
 हमेशा से ही भारत की कलाएं और हस्त्तमशल्प इसकी सांस्त्कृ ततक
और परमपरागत प्रभावशीलता को अमभव्यतत करने का माध्यम
बने रहे हैं। िेश भर में फै ले इसके 35 राज्यों और संघ राज्य क्षेरों
की अपनी ववशेष सांस्त्कृ ततक और पारमपररक पहिान है, जो वहां
प्रिमलत कला के मभन्न-मभन्न रूपों में दिखाई िेती है। भारत के
हर प्रिेश में कला की अपनी एक ववशेष शैली और पद्धतत है
म्जसे लोक कला के नाम से जाना जाता है। लोककला के अलावा
भी परमपरागत कला का एक अन्य रूप है जो अलग-अलग
जनजाततयों और िेहात के लोगों में प्रिमलत है। इसे जनजातीय
कला के रूप में वगीकृ त ककया गया है। भारत की लोक और
जनजातीय कलाएं बहुत ही पारमपररक और साधारण होने पर भी
इतनी सजीव और प्रभावशाली हैं कक उनसे िेश की समृद्ध
ववरासत का अनुमान स्त्वत: हो जाता है।
५
Your Logo or Name Here
६
Your Logo or Name Here
 हर कृ तत अपने आप में एक पूणण वृतान्त है जो प्रािीन काल की एक झांकी
प्रस्त्तुत करती है म्जसे हमारे कलाकारों की प्रवीणता और तनष्ठा ने जीववत
रखा है।
 एक राजसी ववरासत वाले धाममणक चिर तंजावर चिरकारी, म्जसे अब तंजौर
चिरकारी के नाम से जाना जाता है, की सवोत्तम पररभाषा है। तंजौर की
चिरकारी महान पारमपररक कला रूपों में से है म्जसने भारत को ववश्व
प्रमसद्ध बनाया है। इनका ववषय मूलत: पौराणणक है। ये धाममणक चिर िशाणते
हैं कक आध्याम्त्मकता रिनात्मक कायण का सार है। कला के कु छ रूप ही
तंजौर की चिरकारी की सुन्िरता और भव्यता से मेल खाते हैं।कला और
मशल्प िोनों का एक ववलक्षण ममचश्रत रूप तंजौर की इस चिरकारी का ववषय
मुख्य रूप से दहन्िू िेवता और िेववयां हें।
 कृ ष्ण इनके वप्रय िेव थे म्जनके ववमभन्न मुद्राओं में चिर बनाए गए है जो
उनके जीवन की ववमभन्न अवस्त्थाओं को व्यतत करते हैं। तंजौर चिरकारी
की मुख्य ववशेषताएं उनकी बेहतरीन रंग सज्जा, रत्नों और कांि से गढे गए
सुन्िर आभूषणों की सजावट और उल्लेखनीय स्त्वणणपरक का काम हैं।
स्त्वणणपिक और बहुमूल्य और अद्णध-मूल्य पत्थरों के भरपूर प्रयोग ने चिरों
को भव्य रूप प्रिान ककया है। इन्होंने तस्त्वीरों में इस किर जान डाल िी हैं
कक ये तस्त्वीरें एक ववलक्षण रूप में सजीव प्रतीत होती हैं। मातनक, हीरे और
अन्य मूल्यवान रत्न-मणणयों से जडडत और स्त्वणण-पिक से सजी तंजौर के ये
चिर एक असली खजाना थे। तंजौर शैली की चिरकारी में प्रयुतत स्त्वणण
परकों की िमक और आभा सिैव बनी रहेगी।
७
Your Logo or Name Here
८
Your Logo or Name Here
९
मधुबनी चित्रकारी
Your Logo or Name Here
१0
 मीनाकारी एक कलात्मक प्रकिया है।
इसमें काि के बारीक पाउडर को ७५० डडग्री
सेम्ल्सयस से ८५० डडग्री सेम्ल्सयस तक गमण करके
वपघलाकर धातु ऑतसाइड
जैसे िांिी, सोना, तांबा और म्जंक के ऊपर
किस्त्टलीय पारिशी रूप में जड़ दिया जाता है।
तांबे, िांिी या सोने पर ककए गए असली इनामेल
से मणणयों जैसे खूबसूरत रंग पैिा होते हैं।
 मीनाकारी का कायण मूल्यवान व अद्णधमूल्वान
रत्नों तथा सोने व िांिी के आभूषणों पर ककया
जाता है। जयपुर में सोने के आभूषणों और
णखलौनों पर बड़ी सुंिर मीनाकारी की जाती है।
 मीनाकारी एक पुरानी और अतत-प्रिमलत
प्रौद्योचगकी है। अपने अचधकांश इततहास में यह
मुख्यतः आभूषणों और सजावटी कलाओं के ऊपर
की जाती रही है। ककन्तु उन्नीसवीं शती के बाि
मीनाकारी का उपयोग औद्योचगक वस्त्तुओं और
िैनम्न्िन उपयोग की वस्त्तुओं पर भी ककया जाने
लगा
Your Logo or Name Here
११
Your Logo or Name Here
१२
Your Logo or Name Here
१३
Your Logo or Name Here
१४
 जममू और कश्मीर में बहुत
खूबसूरत और अनूठी कला और
मशल्प हैं। रेशम के कालीन, बुना
कालीन, ऊनी शॉल, कालीन, कु ताण
और बतणनों को शानिार ढंग से
सुशोमभत ककया गया है। इसके
अततररतत जममू और कश्मीर
राज्य में पारंपररक और अच्छी
तरह से डडजाइन की गई नौकाओं
को िेखा जा सकता है और इन्हें
लकड़ी से बना है। इन नावों को
मूल रूप से मशकारस कहा जाता
है। इस प्रकार, जममू और कश्मीर
की परंपरा और संस्त्कृ तत एक
यौचगक है। यह ववववधता में
सद्भाव के साथ एक मसंथेदटक
रूपरेखा पेश करता है
Your Logo or Name Here
१५
मशल्प समुिाय की गततववचधयों व उनकी सकियता का प्रमाण हमें मसंधु घाटी सभ्यता (3000-1500
ई.पू.) काल में ममलता है। इस समय तक ‘ववकमसत शहरी संस्त्कृ तत’ का उद्भव हो िुका था, जो
अफगातनस्त्तान से गुजरात तक फै ली थी। इस स्त्थल से ममले सूती वस्त्र और ववमभन्न, आकृ ततयों,
आकारों और डडजाइनों के ममट्टी के पार, कम मूल्यवान पत्थरों से बने मनके , चिकनी ममट्टी से
बनी मूततणयां, मोहरें (सील) एक पररष्कृ त मशल्प संस्त्कृ तत की ओर इशारा करते हैं। 5 हजार वषण पूवण
ववमशष्ट मशल्प समुिायों ने सामाम्जक आवश्यकताओं और अपेक्षाओं की पूततण का सरल और
व्यावहाररक समाधान खोजा, म्जससे कक लोगों के जीवन को सुधारा जा सका। कौदटल्य के अथणशास्त्र
में िो प्रकार के कारीगरों के मध्य भेि बताया गया है- पहले, वे ववशेषज्ञ मशल्पकार, जो मजिूरी पर
कायण करने वाले कई कारीगरों को रोजगार िेते थे और िूसरे, वे कारीगर जो स्त्वयं की पूंजी से
अपनी कायणशालाओं में कायण करते थे। कारीगरों को पाररश्रममक या तो सामग्री के रूप में या नकि
दिया जाता था, सेवा संबंध और वस्त्तुओं का आिान-प्रिान ही िलता था। संभवतः यजमानी प्रणाली
इन्हीं सेवा संबंधों का पररणाम है।
Your Logo or Name Here
१६
Your Logo or Name Here
१८
Your Logo or Name Here
धन्यवाद्
१८

More Related Content

What's hot

Classical dance of india
Classical dance of indiaClassical dance of india
Classical dance of india
Heena Tomar
 
438583739-English-project-for-class-11.pptx
438583739-English-project-for-class-11.pptx438583739-English-project-for-class-11.pptx
438583739-English-project-for-class-11.pptx
AadiVora1
 

What's hot (20)

Indian Art Culture & Heritage
Indian Art Culture & HeritageIndian Art Culture & Heritage
Indian Art Culture & Heritage
 
ppt on hindi ke mahan kavi
ppt on hindi ke mahan kavippt on hindi ke mahan kavi
ppt on hindi ke mahan kavi
 
Classical dance of india
Classical dance of indiaClassical dance of india
Classical dance of india
 
hindi project for class 10
hindi project for class 10hindi project for class 10
hindi project for class 10
 
Karak ppt
Karak ppt Karak ppt
Karak ppt
 
Hindi ppt
Hindi pptHindi ppt
Hindi ppt
 
438583739-English-project-for-class-11.pptx
438583739-English-project-for-class-11.pptx438583739-English-project-for-class-11.pptx
438583739-English-project-for-class-11.pptx
 
Kuchipudi
KuchipudiKuchipudi
Kuchipudi
 
Sangatkar ppt
Sangatkar  pptSangatkar  ppt
Sangatkar ppt
 
काल
कालकाल
काल
 
Indian aesthetics 1
Indian aesthetics 1Indian aesthetics 1
Indian aesthetics 1
 
Costumes of Sikkim & manipur
Costumes of Sikkim & manipurCostumes of Sikkim & manipur
Costumes of Sikkim & manipur
 
alankar
alankaralankar
alankar
 
Ram Lakshman Parshuram Samvad PPT Poem Class 10 CBSE
Ram Lakshman Parshuram Samvad PPT Poem Class 10 CBSERam Lakshman Parshuram Samvad PPT Poem Class 10 CBSE
Ram Lakshman Parshuram Samvad PPT Poem Class 10 CBSE
 
A Glimpse Of India
A Glimpse Of IndiaA Glimpse Of India
A Glimpse Of India
 
Tea From Assam | Glimpses Of India | CBSE Class 10 | English PPT | Pritam Pri...
Tea From Assam | Glimpses Of India | CBSE Class 10 | English PPT | Pritam Pri...Tea From Assam | Glimpses Of India | CBSE Class 10 | English PPT | Pritam Pri...
Tea From Assam | Glimpses Of India | CBSE Class 10 | English PPT | Pritam Pri...
 
Hindi रस
Hindi रसHindi रस
Hindi रस
 
मुंशी प्रेमचंद
मुंशी प्रेमचंदमुंशी प्रेमचंद
मुंशी प्रेमचंद
 
Munshi premchand ppt by satish
Munshi premchand ppt by  satishMunshi premchand ppt by  satish
Munshi premchand ppt by satish
 
Glimpses of India
Glimpses of IndiaGlimpses of India
Glimpses of India
 

Similar to Bhartiya kala project

Gram shree by sumitranandan pant
Gram shree by sumitranandan pantGram shree by sumitranandan pant
Gram shree by sumitranandan pant
RoyB
 

Similar to Bhartiya kala project (17)

होली 2024: भारत के विभिन्न राज्यों में होली के अनोखे रीति-रिवाज.pdf
होली 2024: भारत के विभिन्न राज्यों में होली के अनोखे रीति-रिवाज.pdfहोली 2024: भारत के विभिन्न राज्यों में होली के अनोखे रीति-रिवाज.pdf
होली 2024: भारत के विभिन्न राज्यों में होली के अनोखे रीति-रिवाज.pdf
 
Cultural of Assam and Rajasthan
Cultural of Assam and Rajasthan Cultural of Assam and Rajasthan
Cultural of Assam and Rajasthan
 
Lok kala लोक कला.pptx
Lok kala लोक कला.pptxLok kala लोक कला.pptx
Lok kala लोक कला.pptx
 
Course 211 लोक और जनजातीय कला Folk Art WARLI.pptx
Course 211 लोक और जनजातीय कला Folk Art WARLI.pptxCourse 211 लोक और जनजातीय कला Folk Art WARLI.pptx
Course 211 लोक और जनजातीय कला Folk Art WARLI.pptx
 
Course 211 Folk Art WARLI.pptx
Course 211 Folk Art WARLI.pptxCourse 211 Folk Art WARLI.pptx
Course 211 Folk Art WARLI.pptx
 
12 PPTClassicalDancesOfIndia.pdf
12 PPTClassicalDancesOfIndia.pdf12 PPTClassicalDancesOfIndia.pdf
12 PPTClassicalDancesOfIndia.pdf
 
वह जन्मभूमि मेरी
वह जन्मभूमि मेरीवह जन्मभूमि मेरी
वह जन्मभूमि मेरी
 
भारत के ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक स्थल
भारत के ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक स्थलभारत के ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक स्थल
भारत के ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक स्थल
 
Uttarakhand.docx
Uttarakhand.docxUttarakhand.docx
Uttarakhand.docx
 
group work.en.hi.pdf
group work.en.hi.pdfgroup work.en.hi.pdf
group work.en.hi.pdf
 
Culture of rajasthan
Culture of rajasthanCulture of rajasthan
Culture of rajasthan
 
TRIBAL COINS MARKS AND SYMBOLS
TRIBAL COINS MARKS AND SYMBOLSTRIBAL COINS MARKS AND SYMBOLS
TRIBAL COINS MARKS AND SYMBOLS
 
पोवारी कुनबा को ठाठ, श्री तुमेश जी पटले (सारथी) द्वारा पोवारी भाषा मा रचित वि...
पोवारी कुनबा को ठाठ, श्री तुमेश जी पटले (सारथी) द्वारा पोवारी भाषा मा रचित वि...पोवारी कुनबा को ठाठ, श्री तुमेश जी पटले (सारथी) द्वारा पोवारी भाषा मा रचित वि...
पोवारी कुनबा को ठाठ, श्री तुमेश जी पटले (सारथी) द्वारा पोवारी भाषा मा रचित वि...
 
Gram shree by sumitranandan pant
Gram shree by sumitranandan pantGram shree by sumitranandan pant
Gram shree by sumitranandan pant
 
श्री कृष्ण जन्माष्टमी (krishna Janmashtami) 2021
श्री कृष्ण जन्माष्टमी (krishna Janmashtami) 2021श्री कृष्ण जन्माष्टमी (krishna Janmashtami) 2021
श्री कृष्ण जन्माष्टमी (krishna Janmashtami) 2021
 
Art galleries in delhi
Art galleries in delhiArt galleries in delhi
Art galleries in delhi
 
POWERPOINT ON GUJARAT
POWERPOINT ON GUJARAT POWERPOINT ON GUJARAT
POWERPOINT ON GUJARAT
 

Bhartiya kala project

  • 1.
  • 2. Your Logo or Name Here १
  • 3. Your Logo or Name Here पृष्ठ संख्या विषय ३ आभार ज्ञान ४ प्रमाणपत्र ५ भारतीय कला ६ हस्तकला ७ तंजौर कला - तममलनाडु ८ मधुबनी चित्रकारी - बबहार १0 मीनाकारी-राजस्थान ११ लाख का काम – राजस्था १२ असम की कला १४ कश्मीर की कला १५ अततररक्त जानकारी १६ स्त्रोत २
  • 4. Your Logo or Name Here ३
  • 5. Your Logo or Name Here ४
  • 6. Your Logo or Name Here  वह धरती जहााँ शास्त्रीय संगीत की स्त्वर लहररयााँ खूबसूरत चिरों की बारीक कारीगरी, प्रािीन काल की कालीन बुनकर कला और हस्त्तकलाओं, नृत्य के दिव्य प्रकारों, शानिार प्रततमाओं और मन को मोह लेने वाले त्यौहारों से घुली ममली हुई हैं, भारत कला और मशल्प का सुंिर सम्ममश्रण है। इसका हर प्रांत और कें द्र शामसत प्रिेश परंपरा की सुगंध में सराबोर है, जो इसकी हर गली, हर मोड में फै ली हुई है। यह िेश जीवनी शम्तत और म् ंिादिली की िमक से जगमगाता रहता है।  हमेशा से ही भारत की कलाएं और हस्त्तमशल्प इसकी सांस्त्कृ ततक और परमपरागत प्रभावशीलता को अमभव्यतत करने का माध्यम बने रहे हैं। िेश भर में फै ले इसके 35 राज्यों और संघ राज्य क्षेरों की अपनी ववशेष सांस्त्कृ ततक और पारमपररक पहिान है, जो वहां प्रिमलत कला के मभन्न-मभन्न रूपों में दिखाई िेती है। भारत के हर प्रिेश में कला की अपनी एक ववशेष शैली और पद्धतत है म्जसे लोक कला के नाम से जाना जाता है। लोककला के अलावा भी परमपरागत कला का एक अन्य रूप है जो अलग-अलग जनजाततयों और िेहात के लोगों में प्रिमलत है। इसे जनजातीय कला के रूप में वगीकृ त ककया गया है। भारत की लोक और जनजातीय कलाएं बहुत ही पारमपररक और साधारण होने पर भी इतनी सजीव और प्रभावशाली हैं कक उनसे िेश की समृद्ध ववरासत का अनुमान स्त्वत: हो जाता है। ५
  • 7. Your Logo or Name Here ६
  • 8. Your Logo or Name Here  हर कृ तत अपने आप में एक पूणण वृतान्त है जो प्रािीन काल की एक झांकी प्रस्त्तुत करती है म्जसे हमारे कलाकारों की प्रवीणता और तनष्ठा ने जीववत रखा है।  एक राजसी ववरासत वाले धाममणक चिर तंजावर चिरकारी, म्जसे अब तंजौर चिरकारी के नाम से जाना जाता है, की सवोत्तम पररभाषा है। तंजौर की चिरकारी महान पारमपररक कला रूपों में से है म्जसने भारत को ववश्व प्रमसद्ध बनाया है। इनका ववषय मूलत: पौराणणक है। ये धाममणक चिर िशाणते हैं कक आध्याम्त्मकता रिनात्मक कायण का सार है। कला के कु छ रूप ही तंजौर की चिरकारी की सुन्िरता और भव्यता से मेल खाते हैं।कला और मशल्प िोनों का एक ववलक्षण ममचश्रत रूप तंजौर की इस चिरकारी का ववषय मुख्य रूप से दहन्िू िेवता और िेववयां हें।  कृ ष्ण इनके वप्रय िेव थे म्जनके ववमभन्न मुद्राओं में चिर बनाए गए है जो उनके जीवन की ववमभन्न अवस्त्थाओं को व्यतत करते हैं। तंजौर चिरकारी की मुख्य ववशेषताएं उनकी बेहतरीन रंग सज्जा, रत्नों और कांि से गढे गए सुन्िर आभूषणों की सजावट और उल्लेखनीय स्त्वणणपरक का काम हैं। स्त्वणणपिक और बहुमूल्य और अद्णध-मूल्य पत्थरों के भरपूर प्रयोग ने चिरों को भव्य रूप प्रिान ककया है। इन्होंने तस्त्वीरों में इस किर जान डाल िी हैं कक ये तस्त्वीरें एक ववलक्षण रूप में सजीव प्रतीत होती हैं। मातनक, हीरे और अन्य मूल्यवान रत्न-मणणयों से जडडत और स्त्वणण-पिक से सजी तंजौर के ये चिर एक असली खजाना थे। तंजौर शैली की चिरकारी में प्रयुतत स्त्वणण परकों की िमक और आभा सिैव बनी रहेगी। ७
  • 9. Your Logo or Name Here ८
  • 10. Your Logo or Name Here ९ मधुबनी चित्रकारी
  • 11. Your Logo or Name Here १0  मीनाकारी एक कलात्मक प्रकिया है। इसमें काि के बारीक पाउडर को ७५० डडग्री सेम्ल्सयस से ८५० डडग्री सेम्ल्सयस तक गमण करके वपघलाकर धातु ऑतसाइड जैसे िांिी, सोना, तांबा और म्जंक के ऊपर किस्त्टलीय पारिशी रूप में जड़ दिया जाता है। तांबे, िांिी या सोने पर ककए गए असली इनामेल से मणणयों जैसे खूबसूरत रंग पैिा होते हैं।  मीनाकारी का कायण मूल्यवान व अद्णधमूल्वान रत्नों तथा सोने व िांिी के आभूषणों पर ककया जाता है। जयपुर में सोने के आभूषणों और णखलौनों पर बड़ी सुंिर मीनाकारी की जाती है।  मीनाकारी एक पुरानी और अतत-प्रिमलत प्रौद्योचगकी है। अपने अचधकांश इततहास में यह मुख्यतः आभूषणों और सजावटी कलाओं के ऊपर की जाती रही है। ककन्तु उन्नीसवीं शती के बाि मीनाकारी का उपयोग औद्योचगक वस्त्तुओं और िैनम्न्िन उपयोग की वस्त्तुओं पर भी ककया जाने लगा
  • 12. Your Logo or Name Here ११
  • 13. Your Logo or Name Here १२
  • 14. Your Logo or Name Here १३
  • 15. Your Logo or Name Here १४  जममू और कश्मीर में बहुत खूबसूरत और अनूठी कला और मशल्प हैं। रेशम के कालीन, बुना कालीन, ऊनी शॉल, कालीन, कु ताण और बतणनों को शानिार ढंग से सुशोमभत ककया गया है। इसके अततररतत जममू और कश्मीर राज्य में पारंपररक और अच्छी तरह से डडजाइन की गई नौकाओं को िेखा जा सकता है और इन्हें लकड़ी से बना है। इन नावों को मूल रूप से मशकारस कहा जाता है। इस प्रकार, जममू और कश्मीर की परंपरा और संस्त्कृ तत एक यौचगक है। यह ववववधता में सद्भाव के साथ एक मसंथेदटक रूपरेखा पेश करता है
  • 16. Your Logo or Name Here १५ मशल्प समुिाय की गततववचधयों व उनकी सकियता का प्रमाण हमें मसंधु घाटी सभ्यता (3000-1500 ई.पू.) काल में ममलता है। इस समय तक ‘ववकमसत शहरी संस्त्कृ तत’ का उद्भव हो िुका था, जो अफगातनस्त्तान से गुजरात तक फै ली थी। इस स्त्थल से ममले सूती वस्त्र और ववमभन्न, आकृ ततयों, आकारों और डडजाइनों के ममट्टी के पार, कम मूल्यवान पत्थरों से बने मनके , चिकनी ममट्टी से बनी मूततणयां, मोहरें (सील) एक पररष्कृ त मशल्प संस्त्कृ तत की ओर इशारा करते हैं। 5 हजार वषण पूवण ववमशष्ट मशल्प समुिायों ने सामाम्जक आवश्यकताओं और अपेक्षाओं की पूततण का सरल और व्यावहाररक समाधान खोजा, म्जससे कक लोगों के जीवन को सुधारा जा सका। कौदटल्य के अथणशास्त्र में िो प्रकार के कारीगरों के मध्य भेि बताया गया है- पहले, वे ववशेषज्ञ मशल्पकार, जो मजिूरी पर कायण करने वाले कई कारीगरों को रोजगार िेते थे और िूसरे, वे कारीगर जो स्त्वयं की पूंजी से अपनी कायणशालाओं में कायण करते थे। कारीगरों को पाररश्रममक या तो सामग्री के रूप में या नकि दिया जाता था, सेवा संबंध और वस्त्तुओं का आिान-प्रिान ही िलता था। संभवतः यजमानी प्रणाली इन्हीं सेवा संबंधों का पररणाम है।
  • 17. Your Logo or Name Here १६
  • 18. Your Logo or Name Here १८
  • 19. Your Logo or Name Here धन्यवाद् १८