वसंत ऋतु आते ही हवाओं में खुशबू और रंगों की उमंग घुल जाती है। फाल्गुन मास में मनाया जाने वाला Holi, रंगों का त्योहार, न सिर्फ वसंत का स्वागत करता है, बल्कि बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न भी मनाता है। यह त्योहार भारत में विभिन्न तरीकों से मनाया जाता है, जो विभिन्न क्षेत्रों की संस्कृति और परंपराओं को दर्शाता है।
होली 2024: भारत के विभिन्न राज्यों में होली के अनोखे रीति-रिवाज.pdf
1. होली 2024: भारत क
े विवभन्न राज्ोोंमें होली क
े अनोखे रीवत-ररिाज
वसंत ऋतु आते ही हवाओं में खुशबू और रंग ं की उमंग घुल जाती है। फाल्गुन मास में मनाया जाने वाला Holi, रंग ं का
त्य हार, न ससफ
फ वसंत का स्वागत करता है, बल्कि बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न भी मनाता है। यह त्य हार भारत
में सवसभन्न तरीक ं से मनाया जाता है, ज सवसभन्न क्षेत् ं की संस्क
ृ सत और परंपराओं क दशाफता है।
मथुरा और िोंदािन की लठमार Holi: रोंगोोंका अनोखा उत्सि!
वृंदावन और मथुरा, भगवान क
ृ ष्ण की भूसम, ह ली क
े सलए प्रससद्ध हैं। यहां मनाई जाती है लठमार ह ली, ज रंग ं का
एक अन खा उत्सव है। इस उत्सव में मसहलाएं रंगीन लासठय ं से पुरुष ं पर प्रहार करती हैं और पुरुष रंग ं से बचाव
करते हुए उनसे सिपते हैं।
यह त्य हार राधा और क
ृ ष्ण की लीलाओं से प्रेररत है, सजसमें राधा और उनकी सल्कखयां क
ृ ष्ण और उनक
े ग्वाल ं क
े साथ
रंग ं खेलती थीं। लठमार ह ली स्त्री शल्कि का भी प्रतीक मन जाता है, सजसमें मसहलाएं अपनी शल्कि और साहस का
प्रदशफन करती हैं।
2. इस उत्सव क मनाने क
े सलए मसहलाएं रंगीन कपडे पहनती हैं और हाथ ं में रंगीन लासठयां लेती हैं। पुरुष ढाल और रंग ं
से बचाव क
े सलए अन्य साधन प्रय ग करते हैं। ह ली क
े गीत गाए जाते हैं और ढ ल-नगाड ं की थाप पर नृत्य सकया
जाता है। इस त्य हार में भाग लेने वाले सभी ल ग ं क प्रसाद सवतररत सकया जाता है।
लठमार ह ली एक अन खा और र मांचक त्य हार है । यसद आपक कभी मथुरा या वृंदावन में ह ली मनाने का अवसर
समले, त लठमार ह ली का आनंद जरूर लें।
राजस्थान की शाही होली: रोंगोों का राजसी उत्सि!
राजस्थान, वीरता और भव्यता क
े सलए जाना जाता है । यहााँ ह ली का त्य हार भी शाही अंदाज में मनाता है। यहां ‘शाही
ह ली’ का आय जन सकया जाता है, सजसमें राजसी पररवार और आम जनता एक साथ रंग ं से खेलते हैं। जयपुर में,
‘गुलाल का महल’ रंग ं से सजाया जाता है और ‘हवा महल’ से रंग ं की बौिार ह ती है। राजस्थान क
े महाराजा और
महारानी भी इस उत्सव में भाग लेते हैं और आम जनता क
े साथ रंग ं से खेलते हैं।
उदयपुर में भी शाही Holi का भव्य आय जन ह ता है। यहां ‘ससटी पैलेस’ से रंग ं की बौिार ह ती है और हाथी, घ डे
और ऊ
ं ट ं पर बैठकर ल ग रंग ं से खेलते हैं।
राजस्थान में ह ली क ‘धुलंडी’ भी कहा जाता है। ल ग ‘गुलाल’, ‘अबीर’ और ‘रंग ं’ का प्रय ग करते हैं। पारंपररक नृत्य
और संगीत का प्रदशफन भी ह ता है। इस उत्सव में सवशेष समठाइयां और व्यंजन भी बनाए जाते हैं। शाही ह ली एक
अन खा और भव्य त्य हार है। यसद आपक कभी राजस्थान में ह ली मनाने का अवसर समले, त शाही ह ली का आनंद
जरूर लें।
पोंजाब में होला मोहल्ला: रोंगोोंऔर िीरता का उत्सि!
ह ली क
े रंग ं क
े बाद, पंजाब में ह ला म हल्ला का त्य हार आता है, ज ससख समुदाय क
े सलए एक महत्वपूर्फ त्य हार है।
यह त्य हार रंग ं, वीरता और धासमफक उत्साह का प्रतीक है। ह ला म हल्ला क
े सदन, ससख समुदाय क
े ल ग धासमफक
जुलूस सनकालते हैं। इन जुलूस ं में, वे गुरु ग्रंथ सासहब का पाठ करते हैं, कीतफन गाते हैं और नगाडे बजाते हैं।
3. इसक
े अलावा, गतका नामक एक पारंपररक माशफल आटफ का प्रदशफन भी सकया जाता है। गतका में, ससख युवा
तलवारबाजी और अन्य युद्ध कौशल का प्रदशफन करते हैं, ज वीरता और साहस का प्रतीक है। ह ला म हल्ला क
े त्य हार
में रंग ं का भी सवशेष महत्व है। ल ग एक-दू सरे पर रंग ं की बौिार करते हैं और खुशी-खुशी इस त्य हार का आनंद लेते
हैं।
गोिा में वशगमो: रोंगोोंऔर नत्य का अनोखा उत्सि!
ग वा अपनी खूबसूरत समुद्र तट ं और जीवंत संस्क
ृ सत क
े सलए जाना जाता है। ह ली क
े त्य हार क
े दौरान, ग वा मे
सशगम नामक एक अन खे उत्सव का आय जन सकया जाता है, ज रंग ं और नृत्य का अद् भुत संगम है। सशगम क
े
दौरान, ग वा क
े ल ग पारंपररक वेशभूषा पहनते हैं, गीत गाते हैं और रंग ं से खेलते हैं। ढ ल, मढ़ले और ताशे जैसे वाद्य
यंत् ं की मधुर ध्वसन उत्सव में चार चााँद लगा देती है।
सशगम का त्य हार रंग ं और खुसशय ं का त्य हार है। यह त्य हार समाज में भाईचारा और एकता का प्रतीक है।
उत्तराखंड में क
ु माऊ
ं नी ह ली: रंगीन पानी क
े गुब्बार ं का र मांच!
उत्तराखंड में ह ली का त्य हार थ डा अलग तरीक
े से मनाया जाता है। यहााँ क
ु माऊ
ं नी ह ली क
े नाम से जाना जाने वाला
एक अन खा उत्सव मनाया जाता है। क
ु माऊ
ं नी ह ली में रंगीन पानी क
े गुब्बार ं का खास महत्व है। ल ग एक-दू सरे पर
रंगीन पानी क
े गुब्बारे फ
ें कते हैं और पानी क
े िींटे मारते हैं। यह खेल ि सलया क
े नाम से जाना जाता है।
4. क
ु माऊ
ं नी ह ली में पहाडी गीत और नृत्य भी शासमल ह ते हैं। ल ग पारंपररक वेशभूषा पहनते हैं और ढ ल-नगाड ं की
धुन पर नृत्य करते हैं। क
ु माऊ
ं नी ह ली का त्य हार रंग ं, खुसशय ं और र मांच का त्य हार है। यह त्य हार उत्तराखंड की
समृद्ध संस्क
ृ सत का प्रतीक है।
मंजल क
ु ली: क
े रल में ह ली का अन खा रंग!
क
े रल में मनाई जाने वाली ह ली क मंजल क
ु ली या उक
ु ली क
े नाम से भी जाना जाता है। यह ह ली का एक अन खा
रूप है, ज हल्दी या मंजल क
े रंग से खेला जाता है। क
ुं बा और क ंगर्ी समुदाय ं में, ह ली क सवशेष उत्साह क
े साथ
मनाया जाता है। ल ग हल्दी क
े घ ल में डुब ए गए कपडे पहनते हैं और एक-दू सरे पर हल्दी क
े पानी क
े िींटे मारते हैं।
5. मंजल क
ु ली का त्य हार क
े रल की समृद्ध संस्क
ृ सत और परंपराओं का प्रतीक है। यह त्य हार वसंत ऋतु क
े आगमन का
स्वागत करता है और खुशी, उत्साह और भाईचारे का संदेश देता है।
पसिम बंगाल में बसंत उत्सव और ड ल जात्ा: रंग ं, मूसतफय ं और क
ृ ष्ण जन्मलीला का उत्सव!
पसिम बंगाल में ह ली का त्य हार बसंत उत्सव और ड ल जात्ा क
े नाम से मनाया जाता है। यह त्य हार रंग ं, मूसतफय ं,
संगीत और क
ृ ष्ण जन्मलीला का अद् भुत संगम है।
बसंत उत्सव क
े सदन, ल ग रंग ं से खेलते हैं, गीत गाते हैं और नृत्य करते हैं। ड ल जात्ा में, भगवान क
ृ ष्ण और राधा की
मूसतफय ं क पालकी में सजाकर शहर में घुमाया जाता है। ल ग मूसतफय ं पर फ
ू ल और अबीर चढ़ाते हैं और क
ृ ष्ण
जन्मलीला का जश्न मनाते हैं।
यह त्य हार वसंत ऋतु क
े आगमन का प्रतीक है। यह त्य हार बंगाल की समृद्ध संस्क
ृ सत और परंपराओं क दशाफता है।
रोंगोों का त्योहार – रोंग पोंचमी!
ह ली क
े बाद रंग पंचमी का त्य हार आता है, ज रंग ं और खुसशय ं का त्य हार है। यह त्य हार महाराष्ट्र में बडे ही उत्साह
और उमंग क
े साथ मनाया जाता है। रंग पंचमी क
े सदन, ल ग रंग ं से खेलते हैं, एक-दू सरे पर रंग ं की बौिार करते हैं
और समठाइयां बांटते हैं। यह त्य हार सामासजक समरसता का प्रतीक है, सजसमें सभी ल ग जासत, धमफ और सम्प्रदाय क
े
बंधन से मुि ह कर एक साथ समलकर रंग ं क
े उत्सव का आनंद लेते हैं।
रंग पंचमी का त्य हार हमें जीवन क
े रंग ं का महत्व ससखाता है। यह त्य हार हमें बताता है सक जीवन में खुसशयां और
उत्साह हमेशा मौजूद रहना चासहए। महाराष्ट्र क
े इस अन खे उत्सव क देखने क
े सलए महाराष्ट्र क
े सलए अपनी यात्ा
एडवांस में प्लान करें और अपने पररवार क
े साथ इस उत्सव का आनंद लें।
ट्रेन में यात्रा करते समय स्वावदष्ट भोजन का आनोंद लें!
6. यात्ा करते समय, भ जन कभी कभी बडी परेशानी का कारर् बन सकता है। टरेन में भ जन अक्सर महंगा ह ता है और
स्वासदष्ट् भी नहींह ता। लेसकन अब आपक सचंता करने की क ई आवश्यकता नहींहै! Zoop क
े माध्यम से, आप टरेन में
बैठे -बैठे स्वासदष्ट् और ताजा भ जन मंगवा सकते हैं।
त इन त्य हार ं क
े अलावा, भारत में ह ली क
े दौरान कई अन्य त्य हार भी मनाए जाते हैं। ह ली का त्य हार भारत की
समृद्ध संस्क
ृ सत और सवसवधता का प्रतीक है। यह त्य हार हमें याद सदलाता है सक हमें जीवन में रंग ं का आनंद लेना
चासहए और सभी क
े साथ प्रेम और सद्भाव से रहना चासहए.
आइए, हम सब वमलकर इस होली का त्योहार खुशी और उत्साह क
े साथ मनाएों ।