श्री तुमेश जी पटले को द्वारा पोवारी भाषा मा लिखी यन किताब मा छत्तीस कविता इनको संग्रह आय। पोवारी भाषा छत्तीस कुर पोवार(पंवार) समाज की आपरी मातृभाषा आय। यन भाषा मा लिखी किताब, "पोवारी कुनबा को ठाठ" मा पोवारी संस्कृति अना खेती किसानी असो कई विषय परअ साजरी कविता इनको लिखान भई से।
पोवारी कुनबा को ठाठ, श्री तुमेश जी पटले (सारथी) द्वारा पोवारी भाषा मा रचित विविध विषय परा छत्तीस .pdf
1. पोवारी कु नबा को ठाठ, श्री तुमेश जी पटले (सारथी) द्वारा पोवारी भाषा मा रचित विविध विषय परा छत्तीस कविता
इनको संग्रह आय। पोवारी भाषा गोंदिया, सिवनी, बालाघाट, भंडारा अना नागपुर ज़िला मा मुख्य रूप लक़(अ)
निवासरत पोवार(छत्तीस कु रया पंवार) समाज की मायबोली आय। भाषाई अध्ययनकर्ता इनको अनुसार पोवारी
भाषा को मूल स्वरूप, पोवार समाज को मूल स्थान पश्चिम मालवा (अज़ को उत्तर-पश्चिम भारत का क्षेत्र) की भाषा
इनको आय। येको लाई यन(अ) भाषा मा राजस्थानी, गुजराती, मालवी को संग समाज जन को बाद मा विस्थापन
का क्षेत्र को संगमा विदर्भ की भाषा इनको प्रभाव दिस जासे। पोवारी भाषा का स्वरुप को अध्ययन मा समाजजन
का क्षेत्रवार बदलाव को इतिहास समाहित से। यव कारन आय की पोवारी भाषा वैनगंगा क्षेत्र मा निवासरत
पोवार(छत्तीस कु र पंवार) समाज की आपरी मातृभाषा से।
श्री तुमेश जी ना आपरो साहित्य मा छत्तीस कु रया पंवार समाज का संस्कार इनला ठेवन को आह्वान को संगमा
आदर्श पोवारी जीवन दर्शन पर(अ) आपरी लेखनी लक(अ) काव्य रूप मा साहित्य को दिवा पेटावन का भागीरथ
जतन करीसेन्। मालवा लक(अ) इतन आवन को बाद मा पोवार समाज इनला युद्ध इनमा जीत को कारन वैनगंगा
को क्षेत्र मा जाघा ज़मीन भेटी होती अना वय इतच बसकन आपरी क्षत्रिय तलवार ला देवघर मा ठेयकन सैन्य योद्धा
लक उन्नत कास्तकार भय गया। यन क्षेत्र मा पोवार समाज ना खूब तरक्की करीन। श्री तुमेश जी ना छत्तीस कु रया
पंवार समाज को सामाजिक स्वरूप को संग मा खेती किसानी को कई विषय परा लगत साजरी अना सुन्दर कविता
इनको लिखान करीसेती।
समाज मा रिश्ता-नाता, आपरो पोवारी कु र को मान्, पोवार समाज को सम्मान, पोवारी का नेंग-दस्तूर, सन्-
तिव्हार जसो विषय परा लगत साजरी कविता, पोवारी कु नबा को थाट मा समाहित सेती। आपरो सनातनी संस्कार
का चित्रन् काव्य रूप मा उतारकन कवी ना नवी पीढ़ी ला यव सीख देयीन की आमरो पुरातन संस्कार ला भूलनो
नहाय। छत्तीस कविता संग्रह रूपी माला लक(अ), छत्तीस कु रया पंवार समाज को जीवन दर्शन अना ओनको
कास्तकारी जीवन को संगमा पुरातन वैभव को दरसन होय जासे।
अखिल भारतीय क्षत्रिय पोवार (पंवार) महासंघ
जय श्रीराम जय राजाभोज
पोवारी कु नबा को ठाठ, श्री तुमेश जी
पटले (सारथी) द्वारा पोवारी भाषा मा
रचित विविध विषय परा छत्तीस
कविता संग्रह को प्रकाशन
पोवारी कु नबा को ठाठ
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