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प्रस्तुतकर्त्ता:
विजीन्द्रत.सि.यु
हिन्द्दी
क्रमिंख्यत:17014361034
इम्मतनुिल कॉलेज आफ बिएड ट्रइननङ
प्रक्रक्रयत आयोजन
छतत्र आध्यतविकत कत नतम : विजीन्द्रत.सि.यु कक्षत : आठ जी
विद्यतलय कत नतम : िेंट जोणि एच एि एि उण्डनकोड छतत्र िंख्यत : 40
विषय : हिंदी हदनतंक : 07-10-2015
इकतई : व्यतकरण कतलतंश : िताँचिताँ
उिइकतई : क्रक्रयत िमय : 30 समननट
उद्दतश्य
•क्रक्रयत के ितरे में जतनकतरी देनत।
•व्यतकरण कत ितमतन्द्य ज्ञतन देनत।
•उदतिरणों द्ितरत ननयम कत ननमताण करनत।
िकतरतत्मक विशेषततएाँ
•विकतरी शब्द िै।
•कतया करने कत िोध िोतत िै।
नकतरतक्मक विशेषततएाँ
•विशोषतत को व्यक्त करने की आिश्यकतत निीं िोतत िै।
िितयक ितमग्री
•लॉिटोि, श्यतमिट, ितक्यततसलकत
ििी उदतिरण
•िढ़नत.सलखनत, आनत
गलत उदतिरण
•िेड़, िच्चत, छोटत, िडत
िररभतषत
जजन शब्दों िे क्रकिी कतया कत करनत यत िोनत व्यक्त िो उिे क्रक्रयत किते ि।।
िंरचनत अध्यतविकत प्रक्रक्रयतएाँ प्रनतक्रक्रयत
िोितन-I
िमस्यत कत
प्रस्तुतीकरण एिं
ििचतननत।
िोितन II
िमस्यत िंिंधी
प्रयोग करनत।
सशक्षक िमस्यत कत चयन सशक्षण िेतु करतत िै।
अध्यतविकत ननदेश देतत िै क्रक उिके मन में कु छ िततें िै
जजिके ितरे में ििी और गलत दृषटतंतों कत ज्ञतन दे दाँ।
इनकत िििंिंध तथत सभन्द्नतत ज्ञतन करनत और एक िमतन
उदतिरणों को अलग कर सलखें। इनकी विशेषततएाँ भी
सलखनत चतहिए। विसभन्द्न प्रकतर कत गुणों इि प्रत्यय में
िररिीसमत िै।िमतन उदतिरणों को श्यतमिट िर लखते िै।
अध्यतविकत छतत्रों िे श्यतमिट िर सलखें शब्दों कत ध्यतन िे
िढ़ने को किते ि।।
अध्यतविकत छतत्रों िे और कु छ उदतिरण प्रस्तुत करने को
किते िै जजनमें िुषटीकरण करनेितले शब्दों को यत िंिंधधत
िचनत प्रतप्त करनेितले शब्दों को के िल “निीं” यत “िताँ” में
उर्त्र देने तक िीसमत रखते िै और िछते ि। क्रक इन शब्दों
विशेषततएाँ क्यत िै।
छतत्र ध्यतन िे
शब्द िढ़तत िै।
छतत्र उदतिरण
देते ि। और
अध्यतिक शब्दों
को क्रमिध्द
करते ि।।
िढ़नत, सलखनत, जतनत, चलनत,
िोलनत, किनत
िोितन III
ििाव्यिितर कत
चयन
ये शब्द क्रकिी कतया करने यत िोने को व्यक्त करते ि।।
इिसलए ये शब्दों को क्रक्रयत किते ि।।
क्रक्रयत के ितरे में ििी जतनकतरी प्रतप्त करने के सलए
अध्यतविक और कु छ प्रस्तुत करते ि।, जजनमें क्रक्रयत और
अन्द्य शब्द समलती-जुलती देते ि।। छतत्र ििाज्ञतन के आधतर
िर इन शब्दों कत क्रमीकरण करने कत प्रयति करते ि।।
छतत्र उदतिरणों
को क्रमिध्द
करते ि।।
छतत्र आश्य ग्रिण
करते ि।।
िोच निीं
िछ निीं
िमझनत िताँ
कदनत िताँ
िोल निीं
कदनत िढ़
खतनत चल
रोनत घड़ी
िछनत कर
जलनत करतरत
िीनत िैठ
िोितन IV
छतत्र ि अध्यतविक
िमस्यत िमतधतन
के सलए नननत िनतनत
छतत्र शब्दों को क्रमिध्द रूि में सलखते ि।। अध्यतविक छतत्रों
िे िछते ि। क्रक िि क्रकि प्रकतर इनकत िगीकरण करतत
िै और ज़्यतदत उदतिरण छताँटने को भी किते ि।।
यिताँ विसभन्द्न िरीक्षणों द्ितरत ननषिवर्त् प्रत्यय कत मलयतंकन
करते ि।। अध्यतविक छतत्रों िे िछते ि। क्रक :-
•उदतिरणों को देखकर क्यत ि मझते िो ?
•क्रक्रयत क्यत िै?
अध्यतविकत और छतत्र चचता करते ि। और क्रक्रयत की
ततसलकत हदखतती िै। छतत्रों िे ितचन करतती िै।
छतत्र क्रक्रयत की
िररभतषत िततते
ि।।
छतत्र ततसलकत
िढ़ते ि।।
क्रक्रयत िि विकतरी शब्द िै जो
क्रकिी कतया को करने यत िोने
को व्यक्त करते ि।।
अनुिंद कतया
ितठ-भतग िे क्रक्रयत शब्द ढाँढ़कर सलखखए।
ितमतजजक प्रणतली
1.सशक्षक नेतृत्ि प्रधतन करते िुए ितमतजजक तंत्र िर ननयंत्रण रखतत िै और प्रत्यय ननमताण में
िितयकत प्रदतन करतत िै।
2.अध्यतविकत छतत्रों के ितथ िमतनतत के स्तर िर ििभतगी िननत चतहिए तथत िभी उधचत
विचतरों को ग्रिण करनत चतहिए।
प्रक्रक्रयत सिद्धतंत
1.छतत्रों को िम्मुख िमस्यत ननितरण िेतु िररजस्तनतयताँ प्रस्तुत करती िै।
2.छतत्रों की ततक्रका क क्षमतत ततत जजज्ञतित कत विकति एिं स्ियं ननणाय लेने को िररिुच्छत कत
अििर देनत।
3.छतत्रों को िमस्यत िल के सलए िभी िचनतएाँ और िुविधतएाँ उिलब्द करतनत।
4.छतत्र स्ियं ितमतन्द्य गुणों के आधतर िर प्रस्तुत तथ्यों कत िगीकरण करके प्रत्ययों कत
ननमताण करते ि।।
आधतर िितयक प्रणतली
1.िररभतषत ततसलकत
2.उदतिरण ततसलकत
अधधगम िररणतम
प्रत्यक्ष िररणतम
1.विशेषतत कत मित्ि ििचतननत िै।
2.ििी शब्दों को शुद्ध भतषत सलखने और िढ़ने की धतरणत समलते ि।।
िरोक्ष िररणतम
1.धचंतत शजक्त कत विकति िोतत िै।
2.ननरीक्षण की क्षमतत िढ़तत िै।

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प्रक्रिया आयोजन

  • 2. प्रक्रक्रयत आयोजन छतत्र आध्यतविकत कत नतम : विजीन्द्रत.सि.यु कक्षत : आठ जी विद्यतलय कत नतम : िेंट जोणि एच एि एि उण्डनकोड छतत्र िंख्यत : 40 विषय : हिंदी हदनतंक : 07-10-2015 इकतई : व्यतकरण कतलतंश : िताँचिताँ उिइकतई : क्रक्रयत िमय : 30 समननट उद्दतश्य •क्रक्रयत के ितरे में जतनकतरी देनत। •व्यतकरण कत ितमतन्द्य ज्ञतन देनत। •उदतिरणों द्ितरत ननयम कत ननमताण करनत। िकतरतत्मक विशेषततएाँ •विकतरी शब्द िै। •कतया करने कत िोध िोतत िै। नकतरतक्मक विशेषततएाँ •विशोषतत को व्यक्त करने की आिश्यकतत निीं िोतत िै। िितयक ितमग्री •लॉिटोि, श्यतमिट, ितक्यततसलकत ििी उदतिरण •िढ़नत.सलखनत, आनत गलत उदतिरण •िेड़, िच्चत, छोटत, िडत िररभतषत जजन शब्दों िे क्रकिी कतया कत करनत यत िोनत व्यक्त िो उिे क्रक्रयत किते ि।।
  • 3. िंरचनत अध्यतविकत प्रक्रक्रयतएाँ प्रनतक्रक्रयत िोितन-I िमस्यत कत प्रस्तुतीकरण एिं ििचतननत। िोितन II िमस्यत िंिंधी प्रयोग करनत। सशक्षक िमस्यत कत चयन सशक्षण िेतु करतत िै। अध्यतविकत ननदेश देतत िै क्रक उिके मन में कु छ िततें िै जजिके ितरे में ििी और गलत दृषटतंतों कत ज्ञतन दे दाँ। इनकत िििंिंध तथत सभन्द्नतत ज्ञतन करनत और एक िमतन उदतिरणों को अलग कर सलखें। इनकी विशेषततएाँ भी सलखनत चतहिए। विसभन्द्न प्रकतर कत गुणों इि प्रत्यय में िररिीसमत िै।िमतन उदतिरणों को श्यतमिट िर लखते िै। अध्यतविकत छतत्रों िे श्यतमिट िर सलखें शब्दों कत ध्यतन िे िढ़ने को किते ि।। अध्यतविकत छतत्रों िे और कु छ उदतिरण प्रस्तुत करने को किते िै जजनमें िुषटीकरण करनेितले शब्दों को यत िंिंधधत िचनत प्रतप्त करनेितले शब्दों को के िल “निीं” यत “िताँ” में उर्त्र देने तक िीसमत रखते िै और िछते ि। क्रक इन शब्दों विशेषततएाँ क्यत िै। छतत्र ध्यतन िे शब्द िढ़तत िै। छतत्र उदतिरण देते ि। और अध्यतिक शब्दों को क्रमिध्द करते ि।। िढ़नत, सलखनत, जतनत, चलनत, िोलनत, किनत
  • 4. िोितन III ििाव्यिितर कत चयन ये शब्द क्रकिी कतया करने यत िोने को व्यक्त करते ि।। इिसलए ये शब्दों को क्रक्रयत किते ि।। क्रक्रयत के ितरे में ििी जतनकतरी प्रतप्त करने के सलए अध्यतविक और कु छ प्रस्तुत करते ि।, जजनमें क्रक्रयत और अन्द्य शब्द समलती-जुलती देते ि।। छतत्र ििाज्ञतन के आधतर िर इन शब्दों कत क्रमीकरण करने कत प्रयति करते ि।। छतत्र उदतिरणों को क्रमिध्द करते ि।। छतत्र आश्य ग्रिण करते ि।। िोच निीं िछ निीं िमझनत िताँ कदनत िताँ िोल निीं कदनत िढ़ खतनत चल रोनत घड़ी िछनत कर जलनत करतरत िीनत िैठ
  • 5. िोितन IV छतत्र ि अध्यतविक िमस्यत िमतधतन के सलए नननत िनतनत छतत्र शब्दों को क्रमिध्द रूि में सलखते ि।। अध्यतविक छतत्रों िे िछते ि। क्रक िि क्रकि प्रकतर इनकत िगीकरण करतत िै और ज़्यतदत उदतिरण छताँटने को भी किते ि।। यिताँ विसभन्द्न िरीक्षणों द्ितरत ननषिवर्त् प्रत्यय कत मलयतंकन करते ि।। अध्यतविक छतत्रों िे िछते ि। क्रक :- •उदतिरणों को देखकर क्यत ि मझते िो ? •क्रक्रयत क्यत िै? अध्यतविकत और छतत्र चचता करते ि। और क्रक्रयत की ततसलकत हदखतती िै। छतत्रों िे ितचन करतती िै। छतत्र क्रक्रयत की िररभतषत िततते ि।। छतत्र ततसलकत िढ़ते ि।। क्रक्रयत िि विकतरी शब्द िै जो क्रकिी कतया को करने यत िोने को व्यक्त करते ि।।
  • 6. अनुिंद कतया ितठ-भतग िे क्रक्रयत शब्द ढाँढ़कर सलखखए। ितमतजजक प्रणतली 1.सशक्षक नेतृत्ि प्रधतन करते िुए ितमतजजक तंत्र िर ननयंत्रण रखतत िै और प्रत्यय ननमताण में िितयकत प्रदतन करतत िै। 2.अध्यतविकत छतत्रों के ितथ िमतनतत के स्तर िर ििभतगी िननत चतहिए तथत िभी उधचत विचतरों को ग्रिण करनत चतहिए। प्रक्रक्रयत सिद्धतंत 1.छतत्रों को िम्मुख िमस्यत ननितरण िेतु िररजस्तनतयताँ प्रस्तुत करती िै। 2.छतत्रों की ततक्रका क क्षमतत ततत जजज्ञतित कत विकति एिं स्ियं ननणाय लेने को िररिुच्छत कत अििर देनत। 3.छतत्रों को िमस्यत िल के सलए िभी िचनतएाँ और िुविधतएाँ उिलब्द करतनत। 4.छतत्र स्ियं ितमतन्द्य गुणों के आधतर िर प्रस्तुत तथ्यों कत िगीकरण करके प्रत्ययों कत ननमताण करते ि।। आधतर िितयक प्रणतली 1.िररभतषत ततसलकत 2.उदतिरण ततसलकत अधधगम िररणतम प्रत्यक्ष िररणतम 1.विशेषतत कत मित्ि ििचतननत िै। 2.ििी शब्दों को शुद्ध भतषत सलखने और िढ़ने की धतरणत समलते ि।। िरोक्ष िररणतम 1.धचंतत शजक्त कत विकति िोतत िै। 2.ननरीक्षण की क्षमतत िढ़तत िै।