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https://leverageedu.com/blog/hi/visheshan/
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New Media is an interactive form of communication in which we interact using the Internet, podcasts, RSS feeds, social networks Facebook, MySpace, Twitter , blogs, wikis, text messaging, etc. establish communication. This communication medium takes the form of a multi communication dialogue in which the reader viewer listener can immediately share their comments not only with the author publisher, but others can also give their comments on the published broadcast communicated content. Sonia Kumari | Dr. Manoj Kumar "Role and Characteristics of New Media" Published in International Journal of Trend in Scientific Research and Development (ijtsrd), ISSN: 2456-6470, Volume-7 | Issue-1 , February 2023, URL: https://www.ijtsrd.com/papers/ijtsrd52643.pdf Paper URL: https://www.ijtsrd.com/other-scientific-research-area/other/52643/role-and-characteristics-of-new-media/sonia-kumari
In practical terms, mathematics has played an important role in all the civilizations of the world. It would not be an exaggeration to say that civilization and mathematics are two sides of the same coin. No behavior in the universe is possible without mathematics and numbers are the breath of mathematics. Without numbers we cannot even imagine mathematics. In this research paper, we will discuss in detail the history and writing method of numbers and numbers. Dinesh Mohan Joshi | Girish Bhatt B "Indian Numeral and Number System" Published in International Journal of Trend in Scientific Research and Development (ijtsrd), ISSN: 2456-6470, Volume-6 | Issue-4 , June 2022, URL: https://www.ijtsrd.com/papers/ijtsrd50364.pdf Paper URL: https://www.ijtsrd.com/humanities-and-the-arts/sanskrit/50364/indian-numeral-and-number-system/dinesh-mohan-joshi
दर्शन योग धर्मार्थ ट्रस्ट [पंजीकरण क्रमांक- ई/३६१७/साबरकांठा (गुज)],कार्यालय- आर्यवन विकास क्षेत्र,रोजड,पत्रालय-सागपुर,जिला- साबरकांठा,गुजरात,पिन- ३८३३०७] अपने पूर्वजों ऋषि-मुनियों के द्वारा अनुपालित परम्पराओं की अनमोल थाती को सुरक्षित रखने के लिए सदैव प्रयासशील है । ट्रस्ट संविधान(Trust Deed)(न्यासियों के अधिकार क्रमांक- ठ) के अनुसार दिनांक ०१-०२-२०१७ को ट्रस्ट की प्रस्ताव सभा-२० में क्रमांक -४ में इसी दिशा में एक प्रस्ताव पारित किया गया है । आर्य समाज में योग-विद्या में आदर्श माने जाने वाले पूज्य स्वामी सत्यपति जी परिव्राजक की यह अभिलाषा रही है कि समाज में ऐसे सत्यवादी परोपकारी दार्शनिक आदर्श योगियों का निर्माण किया जाये, जिनका मुख्य उद्देश्य निष्ठापूर्वक ईश्वर, जीव, प्रकृति व भौतिक पदार्थों का वैदिक ज्ञान-विज्ञान आदान-प्रदान करना हो । यह सब कार्य समान लक्ष्य वाले व्यक्तियों के धार्मिक संगठन द्वारा ही सम्भव है । दर्शन योग धर्मार्थ ट्रस्ट ने अपने उपरोक्त प्रस्ताव द्वारा ऐसे संगठन-निर्माण का निश्चय किया है ।
पूज्य श्री स्वामी सत्यपति जी परिव्राजक के आशीर्वाद पूर्वक चैत्र शु.०५ वि. २०७४ तदनुसार ०१ अप्रैल २०१७, शनिवार को न्यास के कार्यालय में प्रवंधक न्यासी श्री स्वामी विवेकानन्द जी परिव्राजक के अध्यक्षता में न्यासियों तथा अनेक आमंत्रित महानुभावों के उपस्थिति में सर्वसम्मति पूर्वक परिषद का निर्माण किया गया ।
The Presentation is an outcome of the Research done on Akhand Jyoti's. It covers may truths and current facts related to Yug Parivartan, the declarations made by Gurudev, its timeline and the parallel work being done by other organizations and scientists. With proper references.
आयुर्वेद सिध्धान्तों का आधुनिक हाई टेक्नोलाजी इलेक्ट्रि त्रिदोष ग्राफ ई०टी०जी...Dr. Desh Bandhu Bajpai
आयुर्वेद के नाड़ी परीक्षण के मूल सिध्धान्तों को एक तरफ आधार मानकर तथा दूसरी तरफ आधुनिक वैग्यानिक दृष्टिकोण को स्वीकार करते हुये और इसके साथ साथ आधुनिक वैग्यानिक खोजों तथा प्राचीन ग्यान के बीच मे अन्त: सम्बन्ध यानी को-रिलेशन को केन्द्रीय विचार मानते हुये आयुर्वेद के अन्य तमाम मौलिक सिध्धन्तो को वैग्यानिक सामन्जस्य को साथ लेते हुये और तारतम्य और एकरूपता को एक सूत्रीय बनाये रखते हुये ऐसे विचार को लेकर प्रस्तुत पुस्तक की रचना की गयी है /
आयुर्वेद के आदि रचित शास्त्रीय ग्रन्थो मे आयुर्वेद के मौलिक सिध्धन्तो का प्रतिपादन किया गया है / इन सिध्धान्तो और नियमो को लेखको और व्याख्याकारों द्वारा कई तरह से समझाने की कोशिश की गयी है / आयुर्वेद के सिध्धान्त यथा दोष, त्रिदोष, त्रिदोष भेद, सप्त धातुयें, मल, उप-धातुयें और कार्य विकृति और दोष विकृति और स्थापित दोषो के शरीर मे स्थान आदि की व्याख्या चरक, सुश्रुत, वाग्भठ्ठ, भाव मिश्र , शारन्गधर आदि के द्वारा की गयी है /
नाड़ी परीक्षण के द्वारा त्रिदोषो का ग्यान करने का परिचय भाव प्रकाश ग्रन्थ मे मिलता है / वैग्यानिक दृष्टिकोण से देखा जाय तो यही एक आयुर्वेद मे परीक्षण विधि है जिसके द्वारा शरीर के त्रिदोषो का अन्कलन किया जा सकता है / आयुर्वेद के ग्रन्थों में पन्च विधि और अष्ट विधि और दश विधि परीक्षण के अलावा आकृति परीक्षा और मल तथा मूत्र और स्वेद परीक्षा का भी वर्णन ग्रन्थों में मिलता है , जिनके द्वारा भी त्रिदोष का अन्कलन किया जा सकता है , ऐसा आयुर्वेद के महर्षियो ने बताया है /
यद्यपि वैग्यानिक दृष्टिकोण से और आधुनिक प्रत्यक्ष और प्रमाण की दृष्टि से साक्ष्य आधारित विधि का नूतन आविष्कार, जिसको ” इलेक्ट्रो त्रिदोष ग्राफ ; ई०टी०जी० आयुर्वेदास्कैन ” का नाम करण लेखक द्वारा किया गया है, इस विधि द्वारा आयुर्वेद के लगभग समस्त मुख्य मौलिक सिध्धन्तो का मूल्यान्कन किया जा सकता है, जिन्हे आयुर्वेद मे बताया गया है / यह परीक्षण आधुनिक डिजिटल कम्प्यूटेराइज़्ड मशीनो द्वारा किया जाता है, इसलिये अब आयुर्वेद साक्ष्य आधारित चिकित्सा विग्यान यानी इवीडेन्स बेस्ड मेडिकल साइन्स हो गयी है /
ई०टी०जी० आयुर्वेदास्कैन सिस्टम को भारत सरकार द्वारा परीक्षित किया जा चुका है / प्राचीन विग्यान और अर्वाचीन विग्यान दोनों के समन्वयन के द्वारा आयुर्वेद को आधुनिक वैग्यानिक स्वरूप देने का प्रयास लेखक और सम्पादक द्वारा किया गया है /
Similar to प्रतिवेदन, कार्यसूची, परिपत्र लेखन-कार्यालयी लेखन प्रक्रिया.pdf (20)
2. प्रतिवेदन – रेखन
प्रतिवेदन (Report)की ऩरयबाषा
बूत अथवा वततभान की ववशेष घटना, प्रसंग मा ववषम क
े प्रभुख
कामो क
े क्रभफद्ध औय संक्षऺप्त वववयण को 'प्रततवेदन' कहते हैं।
दूसये शब्दों भें- वह लरखखत साभग्री, जो ककसी घटना, कामत-मोजना,
सभायोह आदद क
े फाये भें प्रत्मऺ देखकय मा छानफीन कयक
े तैमाय
की गई हो, प्रततवेदन मा रयऩोटत कहराती है।
मह अततसंक्षऺप्त; ककन्तु कापी सायगलबतत यचना होती है, जजसे
ऩढ़कय मा सुनकय उस घटना मा अन्म कामतवाई क
े फाये भें वस्तुऩयक
जानकायी लभर जाती है। इससे ककसी कामत की जस्थतत औय प्रगतत
की सूचना लभरती है।
प्रततवेदन अंग्रेजी क
े रयऩोटत (Report) शब्द क
े अथत भें प्रमुक्त होता
है। प्रततवेदन का एक ववशेष अथत बी है। ककसी कामत-मोजना,
ऩरयमोजना, सभस्मा आदद ऩय ककसी उच्च अधधकायी द्वाया तनमुक्त
सलभतत प्रततवेदन प्रस्तुत कयती है जजसभें उस मोजना मा सभस्मा
का ववस्तृत ब्मौया प्रस्तुत ककमा जाता है।
3. प्रतिवेदन – रेखन
प्रतिवेदन लरखने क
े लरए तनम्नलरखखि फािों ऩय ववशेष
ध्मान देना चाहहए-
(1) प्रतिवेदन सॊक्षऺप्ि हो।
(2) घटना मा ककसी कायरवाई की भुख्म फािें प्रतिवेदन भें अवश्म लरखी
जानी चाहहए।
(3) इसकी बाषा सयर औय शैरी सुस्ऩष्ट हो।
(4) वववयण क्रलभक रूऩ से हो।
(5) ऩुनरुक्ति दोष नहीॊ हो मानी एक ही फाि को फाय-फाय लबन्न-लबन्न
रूऩों भें नहीॊ लरखना चाहहए।
(6) इसक
े लरए एक सटीक शीषरक जरूय हो।
4. प्रतिवेदन – रेखन
(1) प्रततवेदन भें ककसी घटना मा प्रसंग की भुख्म-भुख्म फातें लरखी जाती
हैं।
(2) प्रततवेदन भें फातें एक क्रभ भें लरखी जाती हैं। सायी फातें लसरलसरेवाय
लरखी होती हैं।
(3) प्रततवेदन संऺेऩ भें लरखा जाता है। फातें ववस्ताय भें नहीं, संऺेऩ भें
लरखी जाती हैं।
(4) प्रततवेदन ऐसा हो, जजसकी सायी फातें सयर औय स्ऩष्ट हों; उनको
सभझने भें लसयददत न हो। उनका एक ही अथत औय तनष्कषत हो। स्ऩष्टता
एक अच्छे प्रततवेदन की फड़ी ववशेषता होती है।
(5) प्रततवेदन सच्ची फातों का वववयण होता है। इसभें ऩऺऩात, कल्ऩना औय
बावना क
े लरए स्थान नहीं है।
(6) प्रततवेदन भें रेखक मा प्रततवेदक की प्रततकक्रमा मा धायणा व्मक्त नहीं
की जाती। उसभें ऐसी कोई फात न कही जाम, जजससे बम्र ऩैदा हो।
(7) प्रततवेदन की बाषा सादहजत्मक नहीं होती। मह सयर औय योचक होती
है।
(8) प्रततवेदन ककसी घटना मा ववषम की साप औय सजीव तस्वीय सुनने मा
ऩढ़नेवारे क
े भन ऩय खींच देता है।
प्रतिवेदन क
े तनम्नलरखखि ववशेषिाएॉ हैं -
7. प्रतिवेदन – रेखन
प्रतिवेदन
ववषम(शीषरक) -ववद्मारम क
े वावषरकोत्सव' ऩय प्रतिवेदन
हदनाॊक: 17/04/2019
(सन्दबर – ऩत्र सॊख्मा XXXX)
17 अप्रैर,2019 को क
े न्रीम ववद्मारम भें वावषतकोत्सव भनामा गमा। ऩूये
ववद्मारम-बवन को दुल्हन की तयह सजामा गमा। मों तो छोटे फच्चों का
कामतक्रभ 2 फजे ददन से ही आयंब हो चुका था; ककन्तु भुख्म कामतक्रभ
संध्मा 5 फजे से शुरू हुआ। भुख्म अततधथ XX अऩने बाषण भें इस
ववद्मारम की कामतऩद्धततमों की जोयदाय सयाहना की। प्राचामत भहोदम ने
'लशऺा क
े ध्मेम' औय 'अलबबावकों क
े कततव्मों' ऩय फड़ा ही प्रेयक बाषण
ककमा। सबी कऺाओं क
े प्रथभ एवं द्ववतीम स्थानों ऩय आए फच्चों,
ववलबन्न खेरों भें ववजेता एवं उऩववजेता टीभों औय लशऺकों को ऩुयस्कृ त
ककमा गमा। यंगायंग कामतक्रभ हुए जजसभें शयद, भनीष, ऩूजा, लशम्ऩी,
आयती, ऋचा, कोभर, तनशांत आदद छात्र-छात्राओं को ववशेष रूऩ से
सम्भातनत ककमा गमा। रगबग 10 ददन तक ऩूये ऺेत्र भें इस वावषतकोत्सव
की चचात होती यही।
सॊरग्न - xxxx
8.
9. 1. कामर सूची (Agenda) – रेखन
कामरसूची को अॊग्रेजी भें Agenda कहा जािा है| ककसी फैठक
(Meeting) क
े आमोजन क
े ऩूवर फैठक भें बाग रेने वारे
सदस्मों (Members) की फैठक भें की जाने वारी चचार हेिु
सॊऺेऩ भें ववषमों मा भुद्दों का वववयण हदमा जािा है, उसे ही
कामरसूची कहा जािा है |
10. 1. कामर सूची (Agenda) का प्रारूऩ
कामर सूची
हदनाॊक : ..../..../........ को प्राि:/ दोऩहय/अऩयाह्न/शाभ ........ फजे
...............(स्थान)................ भें ...........(ऩदनाभ), ......................(सॊस्था
का नाभ) श्री/श्रीभिी/सुश्री ............................... की अध्मऺिा भें
.....................(ववषम) ऩय फैठक का आमोजन ककमा जाएगा | इस फैठक
की कामरसूची है-
1. वऩछरी फैठक क
े कामरवृत्ि की ऩुक्ष्ट|
2. वऩछरी फैठक क
े लरए गए तनणरमों ऩय की गई कायरवाई की सभीऺा |
3. चचार का ववषम - 1
4. चचार का ववषम - 2
5. चचार का ववषम - 3
6. चचार का ववषम - 4
7. चचार का ववषम - 5
हस्िाऺय
(क ख ग)
ऩदनाभ
11. प्रश्न - आऩक
े ववद्मारम भें आगाभी सप्िाह भें आमोक्जि होने वारी कऺावाय
भोनीटय फैठक क
े लरए कामरसूची िैमाय कीक्जए|
कामर सूची(Agenda) रेखन का उदाहयण
कामर सूची
हदनाॊक : 19/04/2020
हदनाॊक : 25 अप्रैर 2020 को प्राि: 11 फजे ऩुस्िकारम हॉर भें प्राचामर, क
े न्रीम
ववद्मारम वामु सेना स्थर नलरमा श्री अरुण शभार की अध्मऺिा भें कऺावाय भोनीटय फैठक
का आमोजन ककमा जाएगा | इस फैठक की कामरसूची इस प्रकाय है-
1. वऩछरी फैठक क
े कामरवृत्ि की ऩुक्ष्ट|
2. वऩछरी फैठक क
े लरए गए तनणरमों ऩय की गई कायरवाई की सभीऺा |
3. भोनीटय को सौंऩे गए दातमत्व की अनुऩारना की सभीऺा |
4. ववद्माधथरमों भें अनुशासन ऩारन की सभीऺा |
5. ववद्मारम गतिववधधमों एवॊ ववद्माधथरमों की सहबाधगिा की सभीऺा |
6. कऺा लशऺण की प्रगति की सभीऺा |
7. भोनीटय क
े नेिृत्व एवॊ कामों ऩय ववचाय ववभशर|
प्रबायी
ववद्मारम अनुशासन सलभति
14. ऩरयऩत्र (सक
ुर रय) रेखन
जजस ऩत्र क
े भाध्मभ से कोई एक सूचना, तनदेश मा अनुदेश एक साथ ही अनेक
भंत्रारमों, कामातरमों, ववबागों, अधधकायीमों, कभतचारयमों तक बेजा जाता है तो उस
ऩत्र को ऩरयऩत्र कहते है |
जफ कोई सूचना , तनदेश अथवा अनुदेश अऩने अधीन कामातरमों कोण देनी है तो
एक ऩरयऩत्र तनकारा जाता है| जजस ऩय मा जजसक
े साथ नत्थी एक अरग ऩृष्ठ
ऩय साये कभतचारयमों क
े हस्ताऺय हो जाते है ताकक सूचना ऩाने का प्रभाण यहे |
प्राम: इस तयह क
े ऩरयऩत्र आतंरयक औय व्माऩक जानकायी क
े लरए ववतरयत मा
प्रसारयत ककए जाते है | प्राम: कामातरमों भें ऩरयऩत्र भुदरत पॉभत होते है जजन ऩय
कामातरम का नाभ भुदरत यहता है |मह ऩत्र रगबग ऻाऩन क
े रूऩ भें यहता है |
ऩरयऩत्र उस सभम जायी ककमा जाता है जफ कोई सूचना फहुत से अधधकारयमो मा
व्मजक्तमों को देना अलबप्रेत होती है |
ऩरयऩत्र रेखन भें अन्म ऩुरुष शैरी का प्रमोग ककमा जाता है | क
ु छ ऩरयऩत्रों भें
ववषम बी लरखा यहता है | ऩरयऩत्र क
े अंतगतत बवदीम, आऩका, आऩका ववशवास
ऩात्र जैसे स्वतनदेशॉन का प्रमोग नहीं ककमा जाता है |कबी-कबी प्रेषक का नाभ –
ऩद ऩता औय सेवा भें लरखकय प्रेवषती का ऩद एवं ऩता तथा संफोधन बी ककमा
जाता है |
15. कामातरम का नाभ
ऩरयऩत्र
ऩरयऩत्र सॊख्मा .......................... हदनाॊक ...../...../........
प्रति ...................
....................
ववषम :............................................................................
-----------------------------------------------------------------------------------------------------
------------------------------------सूचना, तनदेश मा अनुदेश-----------------------------------
-----------------------------------------------------------------------------------------------------
------------------------------|
हस्िाऺय
नाभ
ऩदनाभ
प्रतिलरवऩ:-
1-
2-
3-
ऩरयऩत्र (सक
ुर रय) रेखन का प्रारूऩ
16. अखखर बायिीम साहहत्म एवॊ सॊस्कृ ति सॊस्थान, तनदेशारम
ऩरयऩत्र
ऩरयऩत्र सॊख्मा: 24/13/प्र/2005 हदनाॊक: 27 भई 2020
प्रतत,
ऺेत्रीम कामातरम, भुंफई |
ववषम : भोफाईर पोन ऩय होने वारे व्मम क
े लरए तनधाररयि सीभा |
भहातनदेशारम ने उऩमुतक्त ववषम ऩय ददनांक 23 नवम्फय 2020 को एक सभसंख्मक
ऩरयऩत्र जायी ककमा था| उऩमुतक्त ऩरयऩत्र द्वाया भोफाइर पोन ऩय होने वारे व्मम की
सीभा दो हजाय रूऩए प्रततभाह तनधातरयत की गई थी|
अखखर बायतीम सादहत्म एवं संस्कृ तत फोडत द्वाया इस सीभा ऩय ऩुनववतचाय ककमा गमा|
तदनुसाय उऩमुतक्त ऩरयऩत्र भें आंलशक संशोधन कयते हुए मह तनणतम लरमा गमा है कक
भुंफई ऺेत्रीम कामातरम क
े लरए मह सीभा छह हजाय रूऩए प्रततभाह होगी |
उऩमुतक्त ऩरयऩत्र क
े अन्म प्रावधान ऩूवतवत यहेंगे|
मह तनणतम तत्कार प्रबाव से रागू हो|
सधचव
(डॉ. याक
े श शभार)
प्रतिलरवऩ:-
1- आमुति, भुख्म कामाररम, नई हदल्री |
2- उऩामुति, सभस्ि ऺेत्रीम कामाररम |
ऩरयऩत्र (सक
ुर रय) रेखन का उदाहयण