SlideShare a Scribd company logo
1 of 20
 ‘भाषा’ शब्द संस्कृ त के ‘भाष ्’ धातु से बना है जिसका
अर्थ है व्यक्त वाणी |
“ भाष्यते व्यक्त वाग ् रूपेण अभभव्यज्यते इतत भाषा ”
व्यक्त वाणी के रूप में जिसकी अभभव्यजक्त
की िाती है उसे भाषा कहते है |
भाषा
उच्चारण अवयवों से उच्चाररत यद्ध्रुजच्िक ध्वनन
प्रतीकों की वह व्यवस्र्ा है जिसके द्ध्वारा ककसी भाषा
समाि के लोग आपस में ववचारों का आदान प्रदान
करता है |
-भोलानाथ ततवारी -
 भाषा के ववभिष्ट ज्ञान –
“ भाषाया: ववज्ञानम ् भाषा ववज्ञानम्
ववभिष्टं ज्ञानम ् ववज्ञानम ् ”
 भाषा के वैज्ञातनक अध्ययन को भाषा
ववज्ञान कहते है |
- भोलानाथ ततवारी -
भाषा ववज्ञान
ध्वतन(Sound)
िब्द या पद (Form)
वाक्य(Sentence)
अथथ (Meaning)
 भाषा की ध्वतनयों अथवा स्वरों से सम्बन्ध रखने
वाले अवयवों (मुखवववर, नाभसका वववर, स्वरतंत्री
आदद ), ध्वतन उत्पन्न होने की क्रिया तथा ध्वतन
लहर और उसके सुने जाने आदद का अध्ययन होता है |
 क्रकसी भाषा में प्रयुक्त ध्वतनयों का वणथन और वववेचन
 स्वनों के ऐततहाभसक अध्ययन में ध्वतन पररवतथन तथा
उसके कारणों पर ववचार होता है |
ध्वनन ववज्ञान के अध्ययन के २ पक्ष –
िुद्ध सैद्धान्न्तक पक्ष
ध्वनन की पररभाषा ,वग्यंत्र ,ध्वनन की उत्पवि
,ध्वननयों का वगीकरण ,आदद की चचाथ होती है
िो भाषा ववशेष से सम्बन्ध नह ं होती|इस तरह
का अध्ययन स्वातनकी (Phonetics) कहते है |
प्रायोगगक पक्ष
ककसी भाषा ववशेष की ध्वननयों का
अध्ययन, ध्वननयों की संरचना,उस भाषा के
स्वननमों का ननधाथरण आदद की चचाथ
स्वातनमी(phonemics) के अन्दर होती है|
स्वाननकी स्वननमी
 स्वन यंत्र का अध्ययन |
 व्यवन्स्थत प्रणाली नही है |
 मुंह से तनकले स्वन का
अध्ययन |
 ववदेिी भाषा के उच्चारण में
मदद |
 भलवप संके तों की संख्या अगधक
 भाषा वविेष के स्वनों का
अध्ययन |
 व्यवन्स्थत प्रणाली ववद्यमान है
 भाषा की संरचनात्मक इकाईयों का
अध्ययन |
 उच्चारण से वविेष मतलब नहीं|
 सीभमत भलवप संके त
 मानवीय ध्वनन का आधार ननश्वास वायु है |
मानव के ननश्वास वायु से स्वरतजन्त्रयों में िो
कम्पन होता है उससे ध्वनन की उत्पवि होती है
|यह ध्वनन िब स्वरयंत्र से बाहर ननकलकर
मुखवववर में प्रवेश करती है तब हम अपनी
उच्चारण अवयवों को यर्ाववधध संचाभलत करके
मनचाह ध्वनन ननकालते है|ध्वनन का उच्चारण
करते समय बाहर की वायु आन्दोभलत होती है
और उसमें कु ि तरंगें पैदा होती है|ये तरंगे श्रोता
के श्रवणेजन्िय में पहुुँच कर कणथ पटों में कम्पन
पैदा करती है और श्रोता उस ध्वनन को सुनता है
 दो भेद होता है –
I. स्वर
II. व्यंजन
 स्वर वे ध्वननयाुँ है जिनका उच्चारण करते समय
ननश्वास वायु में कह कोई अवरोध
नह ं होती |
 व्यंजन वे ध्वननयाुँ है जिनका उच्चारण करते समय
ननश्वास वायु में कह न कह अवरोध होता है|
 न्जह्वा के प्रयुक्त भाग
i. अग्र स्वर- इ ई ए ऐ
ii. पश्च स्वर-आ उ ऊ ओ
iii. मध्य स्वर-अ
 न्जह्वा की ऊँ चाई के अनुसार
i. वववृत(open)-आ
ii. अधथ वववृत(half open)-ऐ औ
iii. अधथ संवृत(half closed)-ए ओ
iv. संवृत(closed)-इ ई उ ऊ
 ओष्टो की न्स्थतत
i. गोभलत –उ ऊ ओ औ
ii. अगोभलत –इ ई ए ऐ
 उच्चारण स्थान
i. काकल्य -ववसगथ(:) ,ह्
ii. अभल जिह्वीय -क़ ,ख़ ,ग़
iii. कोमल तालव्य -कवगथ ,ह
iv. मूधथन्य -टवगथ ,ळ ,.र ,ष ,.ष
v. तालव्य -चवगथ ,य ,श
vi. वत्स्यथ -न ,ल ,र ,स ,.ि
vii. दन्त्य -तवगथ
viii. दंतोष्ट्य -व ,फ़
ix. द्ध्वयोष्ट्य -पवगथ ,व (w)
 उच्चारण प्रयत्न
i. स्पशथ -क ,च ,ट ,त ,प
ii. संघषी या ऊष्टम -फ़ ,स ,ष ,श ,.ि ,ह ,क़ ,ख़ ,ग़
iii. स्पशथ संघषी -च ,ि ,ि ,झ
iv. पाज्वथक -ल ,ळ ,.ष
v. लुंदित -र
vi. नाभसक्य -ड.,ञ ,ण ,न ,म
vii. उजत्क्षप्त - ड़ , ढ़
 क्रकसी भाषा की साथथक ध्वतनयों की व्यवस्था का
अध्ययन |
 स्वतनम को दो ततरछी लकीरों ( // ) के अन्दर भलखा
जाता है |
जैसे -/क्/
BHASHA VIGYAN KE ANTARGAT DWANI VIGYAN

More Related Content

What's hot

Presentation of hindi (solar system)
Presentation of hindi (solar system)Presentation of hindi (solar system)
Presentation of hindi (solar system)
Kunnu Aggarwal
 
पाठ 1 हम पंक्षी उन्मुक्त गगन के 2 (1).pptx
पाठ 1 हम पंक्षी उन्मुक्त गगन के 2 (1).pptxपाठ 1 हम पंक्षी उन्मुक्त गगन के 2 (1).pptx
पाठ 1 हम पंक्षी उन्मुक्त गगन के 2 (1).pptx
PuliKesi1
 
भारतीय मानसून
भारतीय मानसूनभारतीय मानसून
भारतीय मानसून
Dinesh Gaekwad
 

What's hot (20)

HINDI BHASHA KA VIBHINNU ROOP
HINDI BHASHA KA VIBHINNU ROOPHINDI BHASHA KA VIBHINNU ROOP
HINDI BHASHA KA VIBHINNU ROOP
 
Hindi grammar
Hindi grammarHindi grammar
Hindi grammar
 
Hindi ppt
Hindi pptHindi ppt
Hindi ppt
 
Presentation of hindi (solar system)
Presentation of hindi (solar system)Presentation of hindi (solar system)
Presentation of hindi (solar system)
 
पाठ 1 हम पंक्षी उन्मुक्त गगन के 2 (1).pptx
पाठ 1 हम पंक्षी उन्मुक्त गगन के 2 (1).pptxपाठ 1 हम पंक्षी उन्मुक्त गगन के 2 (1).pptx
पाठ 1 हम पंक्षी उन्मुक्त गगन के 2 (1).pptx
 
Pramana ppt
Pramana   pptPramana   ppt
Pramana ppt
 
ऊर्जा के अनवीकरणीय स्त्रोत
ऊर्जा के अनवीकरणीय स्त्रोत ऊर्जा के अनवीकरणीय स्त्रोत
ऊर्जा के अनवीकरणीय स्त्रोत
 
Yoga PPT For B.Ed. in Hindi
Yoga PPT For B.Ed. in HindiYoga PPT For B.Ed. in Hindi
Yoga PPT For B.Ed. in Hindi
 
ज्वालामुखी
ज्वालामुखीज्वालामुखी
ज्वालामुखी
 
जलवायु
जलवायुजलवायु
जलवायु
 
शिक्षण क्या
शिक्षण क्याशिक्षण क्या
शिक्षण क्या
 
Social science ppt by usha
Social science ppt by ushaSocial science ppt by usha
Social science ppt by usha
 
E-Content-MCC-08-5 E Model-Hindi.pdf
E-Content-MCC-08-5 E Model-Hindi.pdfE-Content-MCC-08-5 E Model-Hindi.pdf
E-Content-MCC-08-5 E Model-Hindi.pdf
 
भारतीय मानसून
भारतीय मानसूनभारतीय मानसून
भारतीय मानसून
 
PPT ON LESSON PLAN in hindi
PPT ON LESSON PLAN in hindiPPT ON LESSON PLAN in hindi
PPT ON LESSON PLAN in hindi
 
Vakya bhed hindi
Vakya bhed hindiVakya bhed hindi
Vakya bhed hindi
 
Social sciences and discipline सामाजिक विज्ञान और अनुशासन
Social sciences and discipline सामाजिक विज्ञान और अनुशासनSocial sciences and discipline सामाजिक विज्ञान और अनुशासन
Social sciences and discipline सामाजिक विज्ञान और अनुशासन
 
teaching prose, prose teaching in hindi, gadya shishan in hindi
teaching prose, prose teaching in hindi,  gadya shishan in hinditeaching prose, prose teaching in hindi,  gadya shishan in hindi
teaching prose, prose teaching in hindi, gadya shishan in hindi
 
Hindi रस
Hindi रसHindi रस
Hindi रस
 
समास
समाससमास
समास
 

Similar to BHASHA VIGYAN KE ANTARGAT DWANI VIGYAN

वर्ण विचार से आप क्या समझते हैं? ......pptx
वर्ण विचार से आप क्या समझते हैं? ......pptxवर्ण विचार से आप क्या समझते हैं? ......pptx
वर्ण विचार से आप क्या समझते हैं? ......pptx
sharmaprady
 
hindivarnmala-161129091908.pptx grade 5.
hindivarnmala-161129091908.pptx grade 5.hindivarnmala-161129091908.pptx grade 5.
hindivarnmala-161129091908.pptx grade 5.
nusrath19
 
Hindigrammar 140708063926-phpapp01
Hindigrammar 140708063926-phpapp01Hindigrammar 140708063926-phpapp01
Hindigrammar 140708063926-phpapp01
Tarun kumar
 

Similar to BHASHA VIGYAN KE ANTARGAT DWANI VIGYAN (20)

वर्ण विचार से आप क्या समझते हैं? ......pptx
वर्ण विचार से आप क्या समझते हैं? ......pptxवर्ण विचार से आप क्या समझते हैं? ......pptx
वर्ण विचार से आप क्या समझते हैं? ......pptx
 
hindivarnmala-161129091908.pptx grade 5.
hindivarnmala-161129091908.pptx grade 5.hindivarnmala-161129091908.pptx grade 5.
hindivarnmala-161129091908.pptx grade 5.
 
Language Acquisition (4).pdf
Language Acquisition (4).pdfLanguage Acquisition (4).pdf
Language Acquisition (4).pdf
 
HINDI WORDS
HINDI WORDSHINDI WORDS
HINDI WORDS
 
HINDI WORKSHOP for B.ED. AND D.EL.ED.
HINDI WORKSHOP  for B.ED. AND D.EL.ED.HINDI WORKSHOP  for B.ED. AND D.EL.ED.
HINDI WORKSHOP for B.ED. AND D.EL.ED.
 
Definition menaning and scope of communication and Language
Definition menaning and scope of  communication and Language Definition menaning and scope of  communication and Language
Definition menaning and scope of communication and Language
 
हिंदी वर्णमाला
हिंदी वर्णमाला हिंदी वर्णमाला
हिंदी वर्णमाला
 
DSG- HIN- I - Generiv I . SRTMUN BATY
DSG- HIN- I - Generiv I . SRTMUN BATYDSG- HIN- I - Generiv I . SRTMUN BATY
DSG- HIN- I - Generiv I . SRTMUN BATY
 
Bhasha ke kaarya
Bhasha ke kaaryaBhasha ke kaarya
Bhasha ke kaarya
 
सर्वनाम
सर्वनामसर्वनाम
सर्वनाम
 
Hindi
HindiHindi
Hindi
 
Language nature and function
Language nature and functionLanguage nature and function
Language nature and function
 
Hindi sounds
Hindi soundsHindi sounds
Hindi sounds
 
SENSE ORGANS.pptx
SENSE ORGANS.pptxSENSE ORGANS.pptx
SENSE ORGANS.pptx
 
Bhasha lipi aur vyakran
Bhasha lipi aur vyakranBhasha lipi aur vyakran
Bhasha lipi aur vyakran
 
भाषा और भाषा परिवार(Language and Language Family)
भाषा और भाषा परिवार(Language and Language Family)भाषा और भाषा परिवार(Language and Language Family)
भाषा और भाषा परिवार(Language and Language Family)
 
Bharat ki bhasha.pptx
Bharat ki bhasha.pptxBharat ki bhasha.pptx
Bharat ki bhasha.pptx
 
Morphology
MorphologyMorphology
Morphology
 
Hindigrammar 140708063926-phpapp01
Hindigrammar 140708063926-phpapp01Hindigrammar 140708063926-phpapp01
Hindigrammar 140708063926-phpapp01
 
Varn,SVAR,VYANJAN
Varn,SVAR,VYANJANVarn,SVAR,VYANJAN
Varn,SVAR,VYANJAN
 

BHASHA VIGYAN KE ANTARGAT DWANI VIGYAN

  • 1.
  • 2.
  • 3.  ‘भाषा’ शब्द संस्कृ त के ‘भाष ्’ धातु से बना है जिसका अर्थ है व्यक्त वाणी | “ भाष्यते व्यक्त वाग ् रूपेण अभभव्यज्यते इतत भाषा ” व्यक्त वाणी के रूप में जिसकी अभभव्यजक्त की िाती है उसे भाषा कहते है |
  • 4. भाषा उच्चारण अवयवों से उच्चाररत यद्ध्रुजच्िक ध्वनन प्रतीकों की वह व्यवस्र्ा है जिसके द्ध्वारा ककसी भाषा समाि के लोग आपस में ववचारों का आदान प्रदान करता है | -भोलानाथ ततवारी -
  • 5.  भाषा के ववभिष्ट ज्ञान – “ भाषाया: ववज्ञानम ् भाषा ववज्ञानम् ववभिष्टं ज्ञानम ् ववज्ञानम ् ”  भाषा के वैज्ञातनक अध्ययन को भाषा ववज्ञान कहते है | - भोलानाथ ततवारी - भाषा ववज्ञान
  • 6. ध्वतन(Sound) िब्द या पद (Form) वाक्य(Sentence) अथथ (Meaning)
  • 7.
  • 8.
  • 9.
  • 10.  भाषा की ध्वतनयों अथवा स्वरों से सम्बन्ध रखने वाले अवयवों (मुखवववर, नाभसका वववर, स्वरतंत्री आदद ), ध्वतन उत्पन्न होने की क्रिया तथा ध्वतन लहर और उसके सुने जाने आदद का अध्ययन होता है |  क्रकसी भाषा में प्रयुक्त ध्वतनयों का वणथन और वववेचन  स्वनों के ऐततहाभसक अध्ययन में ध्वतन पररवतथन तथा उसके कारणों पर ववचार होता है |
  • 11. ध्वनन ववज्ञान के अध्ययन के २ पक्ष – िुद्ध सैद्धान्न्तक पक्ष ध्वनन की पररभाषा ,वग्यंत्र ,ध्वनन की उत्पवि ,ध्वननयों का वगीकरण ,आदद की चचाथ होती है िो भाषा ववशेष से सम्बन्ध नह ं होती|इस तरह का अध्ययन स्वातनकी (Phonetics) कहते है |
  • 12. प्रायोगगक पक्ष ककसी भाषा ववशेष की ध्वननयों का अध्ययन, ध्वननयों की संरचना,उस भाषा के स्वननमों का ननधाथरण आदद की चचाथ स्वातनमी(phonemics) के अन्दर होती है|
  • 13. स्वाननकी स्वननमी  स्वन यंत्र का अध्ययन |  व्यवन्स्थत प्रणाली नही है |  मुंह से तनकले स्वन का अध्ययन |  ववदेिी भाषा के उच्चारण में मदद |  भलवप संके तों की संख्या अगधक  भाषा वविेष के स्वनों का अध्ययन |  व्यवन्स्थत प्रणाली ववद्यमान है  भाषा की संरचनात्मक इकाईयों का अध्ययन |  उच्चारण से वविेष मतलब नहीं|  सीभमत भलवप संके त
  • 14.  मानवीय ध्वनन का आधार ननश्वास वायु है | मानव के ननश्वास वायु से स्वरतजन्त्रयों में िो कम्पन होता है उससे ध्वनन की उत्पवि होती है |यह ध्वनन िब स्वरयंत्र से बाहर ननकलकर मुखवववर में प्रवेश करती है तब हम अपनी उच्चारण अवयवों को यर्ाववधध संचाभलत करके मनचाह ध्वनन ननकालते है|ध्वनन का उच्चारण करते समय बाहर की वायु आन्दोभलत होती है और उसमें कु ि तरंगें पैदा होती है|ये तरंगे श्रोता के श्रवणेजन्िय में पहुुँच कर कणथ पटों में कम्पन पैदा करती है और श्रोता उस ध्वनन को सुनता है
  • 15.  दो भेद होता है – I. स्वर II. व्यंजन  स्वर वे ध्वननयाुँ है जिनका उच्चारण करते समय ननश्वास वायु में कह कोई अवरोध नह ं होती |  व्यंजन वे ध्वननयाुँ है जिनका उच्चारण करते समय ननश्वास वायु में कह न कह अवरोध होता है|
  • 16.  न्जह्वा के प्रयुक्त भाग i. अग्र स्वर- इ ई ए ऐ ii. पश्च स्वर-आ उ ऊ ओ iii. मध्य स्वर-अ  न्जह्वा की ऊँ चाई के अनुसार i. वववृत(open)-आ ii. अधथ वववृत(half open)-ऐ औ iii. अधथ संवृत(half closed)-ए ओ iv. संवृत(closed)-इ ई उ ऊ  ओष्टो की न्स्थतत i. गोभलत –उ ऊ ओ औ ii. अगोभलत –इ ई ए ऐ
  • 17.  उच्चारण स्थान i. काकल्य -ववसगथ(:) ,ह् ii. अभल जिह्वीय -क़ ,ख़ ,ग़ iii. कोमल तालव्य -कवगथ ,ह iv. मूधथन्य -टवगथ ,ळ ,.र ,ष ,.ष v. तालव्य -चवगथ ,य ,श vi. वत्स्यथ -न ,ल ,र ,स ,.ि vii. दन्त्य -तवगथ viii. दंतोष्ट्य -व ,फ़ ix. द्ध्वयोष्ट्य -पवगथ ,व (w)
  • 18.  उच्चारण प्रयत्न i. स्पशथ -क ,च ,ट ,त ,प ii. संघषी या ऊष्टम -फ़ ,स ,ष ,श ,.ि ,ह ,क़ ,ख़ ,ग़ iii. स्पशथ संघषी -च ,ि ,ि ,झ iv. पाज्वथक -ल ,ळ ,.ष v. लुंदित -र vi. नाभसक्य -ड.,ञ ,ण ,न ,म vii. उजत्क्षप्त - ड़ , ढ़
  • 19.  क्रकसी भाषा की साथथक ध्वतनयों की व्यवस्था का अध्ययन |  स्वतनम को दो ततरछी लकीरों ( // ) के अन्दर भलखा जाता है | जैसे -/क्/