समाज मनुष्य द्वारा निर्मित वह घर है, जिसमें व्यक्ति अपनी आवश्यकतानुसार उसमें बने नियमों को परिवर्तित करता है। आवश्यकता पड़ने पर वह समाज की छत को नए रूप में ढालता है, ताकि उसके अंदर रहने वाले लोग सुरक्षित रह सकें। परन्तु इसके साथ यह ध्यान रखना भी ज़रूरी होता है कि उस छत को किन पदार्थों से निर्मित किया जा रहा है, क्योंकि हम तभी सही ढंग से समाज में परिवर्तन ला पाएंगे।
Condition of Women before and after independencepragya tripathi
This slide discusses the key points about the conditions of women in India before and after Independence. Equal rights and freedom was given to women when and how? The revolts , revolutionaries and the sacrifices made.
it is a powerpoint presentation on woman empowerment. in which every thing by which woman are deprived, and how to empower woman and some posite and motivating stories of woman who empower themselves...
Condition of Women before and after independencepragya tripathi
This slide discusses the key points about the conditions of women in India before and after Independence. Equal rights and freedom was given to women when and how? The revolts , revolutionaries and the sacrifices made.
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In this upload, you can refer all the topics related to the women empowerment.
Definition of women empowerment
various principles in women empowerment
Necessity of women empowerment
The process of women empowerment
NATIONAL POLICY FOR THE EMPOWERMENT OF WOMEN (2001)
Laws Related to Women
Necessity of women reservation:
A SIMPLE QUOTATION ON WOMEN EMPOWERMENT
detailed NATIONAL POLICY FOR THE EMPOWERMENT OF WOMEN (2001) is mentioned in the presentation
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Definition of women empowerment
various principles in women empowerment
Necessity of women empowerment
The process of women empowerment
NATIONAL POLICY FOR THE EMPOWERMENT OF WOMEN (2001)
Laws Related to Women
Necessity of women reservation:
A SIMPLE QUOTATION ON WOMEN EMPOWERMENT
detailed NATIONAL POLICY FOR THE EMPOWERMENT OF WOMEN (2001) is mentioned in the presentation
Yoga is the science of life and the art of living. It is a common sense answer for overall physical and mental health. Basically, yoga is a system of physical and mental self-improvement and ultimate liberation, which people have been using for thousands of years. Yoga originated in the period of Vedas and Upanishads. It is the oldest scientific, best spiritual discipline of India. Yoga is a method of training the mind and developing the power of its subtle senses so that man can discover for himself the spiritual truth on which religions, beliefs and moral values ultimately rest. It is a confession of our hidden powers. Swami Sivananda said, "He who spreads good, divine thoughts is good for himself and also for the world." Yoga is the science of life, it guarantees us physical and mental health with simple, easy remedies and techniques and methods of health and hygiene with minimum time, effort and expenditure.
मुकेश धीरूभाई अंबानी रिलायंस इंडस्ट्रीज के कार्यकारी और ओवरसीइंग चीफ (सीएमडी) executive and overseeing chief (CMD) of Reliance Industries हैं, जिन्होंने भारत में सबसे बड़े निजी क्षेत्र के प्रयासों में से एक, फॉर्च्यून 500 संगठन, और सबसे बड़े में से एक होने की ख्याति अर्जित की है। वह आम तौर पर रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रवर्तक धीरूभाई अंबानी के सबसे बड़े बेटे हैं।
अच्छी आदतों को अपनाकर हम अपनी जिंदगी बदल सकते हैं। ये बिलकुल सच है कि आप किसी भी बुरी आदत को रातों-रात नही छोड़ सकते और आदतों को छोड़ना थोड़ा कठिन होता है लेकिन जल्द ही आप सकारात्मक परिणाम महसूस करेंगे और जल्द की आपको एक खुशहाल, स्वस्थ और अधिक उत्पादक जीवन शैली के लाभ समझ में आएंगे।
राष्ट्र के निर्माण में खिलाड़ियों का अहम योगदान होता है। आज जानते हैं उन खिलाड़ियों के बारे में जिनकी एक झलक पाने के लिए लोग बेचैन रहते हैं। आज के इस विशेष ब्लॉग पोस्ट में हम दुनिया के सबसे लोकप्रिय खिलाडियों Most Popular Player In The World के बारे में जानेगे।
महिलाओं पर बनीं सर्वश्रेष्ठ बॉलीवुड फ़िल्मेंthinkwithniche
इस दशक निर्देशकों ने अलग-अलग तरीकों की महिला केंद्रित फ़िल्में बनाई, जिसे दर्शकों ने अपनाया, लोगों ने सराहा और यहां तक कि ऐसी और फ़िल्मों की मांग बढ़ी। ज़माना किस तरह बदल रहा है, इसका यह एक बेहतरीन उदाहरण है। आज हम आपको बॉलीवुड की कुछ सर्वश्रेष्ठ महिला केंद्रित फ़िल्मों के बारे में बताएंगे, जिन्होंने दर्शकों को सोचने पर मजबूर कर दिया और इन फ़िल्मों की वजह से समाज में कई अच्छे बदलाव भी आए।
आपका व्यक्तित्व एक शिक्षक के रूप में कैसा हो?thinkwithniche
आपका व्यक्तित्व एक शिक्षक के रूप में कैसा हो, एक शिक्षक की पढ़ाई गई हर चीज उनके विद्यार्थियों पर गहरा असर डालती है। एक अच्छा और प्रभावशाली अध्यापक वह है जो विद्यार्थियों, प्रधानाध्यापक तथा अन्य के सामने किसी भी गलत बात के लिए झुकता नहीं हो।
सवाल उठता है कि क्या आज का मीडिया निष्पक्ष पत्रकारिता करता है? तो आपको बता दें कि सरकारी कागज़ पर छपने वाले अखबार और सरकारी व अन्य विज्ञापन पर चलने वाले न्यूज़ चैनल निष्पक्ष तो कभी नहीं रहे लेकिन पहले हालत इतनी ख़राब नहीं थी अब काफी कुछ बदल चुका है। हालांकि कुछ ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टल अभी भी निष्पक्ष पत्रकारिता कर रहे हैं किंतु सरकार उन्हें दबाने में लगी है।
फैशन डिजाइनर रचनात्मक, नवोन्मेषी और दृढ़निश्चयी व्यक्ति होते हैं जिन्हें फैशन बाजार की आवश्यकताओं का ज्ञान और जागरूकता होती है। सफल होने के लिए, फैशन डिजाइनरों को दर्शकों की जीवनशैली, ग्राहकों की जरूरतों और आवश्यकताओं की अच्छी समझ होनी चाहिए। क्ज हम आपको फैशन डिजाइनिंग के बारे में सब कुछ बताएंगे- जिसमे फैशन डिजाइनिंग के फायदे और नुकसान सब कुछ शामिल है।
जिस तरह सफल Successful People लोगों की कुछ आदतें होती हैं जिनकी वजह से वो जीवन में सफलता प्राप्त करते हैं। ठीक उसी तरह असफल लोगों की भी कुछ आदतें toxic habits of unsuccessful people होती हैं।
ग्लोबल वार्मिंग दुनिया के कई हिस्सों को प्रभावित कर रही है। ग्लोबल वार्मिंग के कारण ग्लेशियर पिघल रहे हैं जिससे समुद्र का स्तर बढ़ रहा है। जब समुद्र का स्तर ऊपर उठता है तो यह निचले इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए खतरा बन जाता है।'
हमारे देश में कई ऐसे इंजीनियरिंग कॉलेज है जिनका नाम विश्व के बेहतरीन कॉलेज की सूची में भी आता है। तो चलिए जानते हैं भारत के बेस्ट इंजीनियरिंग कॉलेज Best engineering colleges in India में किस किस कॉलेज का नाम शुमार है।
13 वर्षीय तिलक मेहता ने कैसे शुरू किया अपना स्टार्टअप?thinkwithniche
तिलक मेहता मुंबई के स्कूल में पढाई करते हैं. पढाई के साथ ही आज तिलक एक जाने माने बिजनेसमैन भी बन चुके हैं. तिलक ने पेपर्स एंड पार्सल्स (PnP) नाम से एक कंपनी बनाई है जो लॉजिस्टिक्स सर्विस के लिए काम कर रही है. यह कम्पनी छोटे पार्सल्स की डिलीवरी करती है|
2. POST HIGHLIGHT
सामाजिक जिकास में व्यक्तिगत और सामाजिक कल्याण क
े प्रजत प्रजतबद्धता और नागररक ों क अपनी और
अपने समाि की िरूरत ों क जनर्ााररत करने और उन्हें प्रभाजित करने िाले जनणाय ों क प्रभाजित करने का
अिसर शाजमल है। सामाजिक पररितान सामाजिक नीजत और आजथाक पहल ों social policy and economic
initiatives क जिकजसत करने में सािािजनक सर कार ों क शाजमल करता है।जिकास में गुणात्मक िृक्तद्ध
शाजमल है। सामाजिक जिकास उन्नजत या प्रगजत क
े जलए समाि की अिचेतन आकाोंक्षाओों से प्रेररत ह ता है।
समाि क एक ऐसा आकार देना ि सबक
े नज़ररए से एक िैसा ही जदखे, जिकास क सही मायने में
पररभाजित करता है। समाि से बुरे व्यिहार क दू र करक
े ही जिकास क एक क्तथथर घर प्रदान जकया िा
सकता है। जिसकी सोंगत में रहकर समाि नामक घर में हम स्वयों क सुनहरा भजिष्य देते हैं।
आि क
े इस ब्लॉग में हम िानेगे की सामाजिक पररितान और जिकास जकस तरह एक दू सरे से िुड़े हैं और
सामाजिक पररितान की जिकास में भूजमका Role Of Social Change In Development जकतनी महत्वपूणा
है।
3. CONTINUE READING..
समाि मनुष्य द्वारा जनजमात िह घर है, जिसमें व्यक्ति अपनी आिश्यकतानुसार
उसमें बने जनयम ों क पररिजतात करता है। आिश्यकता पड़ने पर िह समाि की
छत क नए रूप में ढालता है, ताजक उसक
े अोंदर रहने िाले ल ग सुरजक्षत रह
सक
ें । परन्तु इसक
े साथ यह ध्यान रखना भी ज़रूरी ह ता है जक उस छत क जकन
पदाथों से जनजमात जकया िा रहा है, क् ोंजक हम तभी सही ढोंग से समाि में
पररितान ला पाएों गे। हम मानि जिकास Human development क बहुत अजर्क
महत्त्व देते हैं। हमारे जलए हम जिकास करक
े ही समाि का चेहरा बदल सकते हैं।
यह तथ्य सत्य भी है, क् ोंजक सामाि में नए रीजत-ररिाि ों का आगमन तभी ह ता है
िब हम अपनी मानजसकता क जिकजसत करते हैं, अथाात उसे सकारात्मकता की
ओर ले िाते हैं।जिकास िास्ति में मानजसकता की बदली हुई स च है, ि समाि
में उपक्तथथत क
ु रीजतय ों क नष्ट करने क
े जलए प्रेररत करता है। यजद हम दुजनया में
रहने िाले प्रत्येक व्यक्ति क ऐसा आिरण नहीों दे पा रहे हैं, िहाों िह चैन की
साोंस ले सक
ें और आज़ादी से अपनी भािना क व्यि कर सक
ें , त हम जिकास
की ओर अग्रसर नहीों है।
सामाजिक परिवर्तन की जवकास में भूजमका Role Of Social Change In
Development
हम कह सकते हैं जक सामाजिक पररितान तथा जिकास एक दू सरे क
े पूरक हैं
तथा एक-दू सरे क
े पयाायिाची भी। सामाजिक पररितान जिकास का कारक बनता
है तथा जिकास सामाजिक पररितान का। ऐसे कई साक्ष्य हैं िहाों यह बात जसद्ध
ह ती है। समाि का सकारात्मक जदशा positive direction of society में
पररितान तभी हुआ है, िब एक नई स च ने िन्म जलया है।
4. हम चाहें हररत क्ाोंजत green revolution की बात करें, श्वेत क्ाोंजत white revolution की, नई तकनीकी क
े
ख ि की या जिर मजहलाओों क
े उत्थान upliftment of women क
े जलए उठाए गए अनेक कदम ों की, इन
सब क्षेत् ों ने अपना रूप तब बदला, िब जकसान ों, िानिर ों, जिज्ञान तथा मजहलाओों इत्याजद क
े ल ग ों ने
अपना नज़ररया बदला। क
ु छ ल ग ों की बदली स च ने जिकास का रास्ता ख ला, इसक
े पश्चात जिकास ने
अन्य ल ग ों की स च क बदला।
हम आि भी यह कहते हैं जक हमें और अजर्क जिकजसत ह ने की आिश्यकता है। समाि में आि भी क
ु छ
ऐसे जबोंदु हैं, जिन पर ल ग ों क स च-जिचार करने की ज़रूरत है। यजद हम यह समझ सक
ें जक प्रत्येक
व्यक्ति एक समान व्यिहार का हक़दार है तथा उसे जमलने िाला अिसर ठीक िही ह ि हमारा है और
हम इस पर अमल करें, त हमारा समाि पररितान की र्ारा क सहिता से बहने देने क
े जलए सज्ज ह गा।
क
ु छ ल ग ों क
े पास ज़रूरत से अजर्क ह ता है, क
ु छ क
े पास ज़रूरत से कम। ऐसे में समानता क िन्म
देना द न ों का ही कर्त्ाव्य है।
हमें ऐसा समाि जनजमात करना है, िहाों अजर्क सक्षम ह ने का अक्तस्तत्व त रहे, परन्तु िह क
े िल अपने जलए
नहीों, समाि जहत क
े जलए ह । सामाजिक पररितान क
े िल मनुष्य ों से नहीों िातािरण से भी प्रभाजित ह ता है।
हमारा मन स्वच्छता क
े प्रजत दृढ़ सोंकक्तित ह ना चाजहए।
गोंदगी क प्रत्येक पररपेक्ष में समाि से पूणा रूप से नष्ट करना है। यह शरीर और मन द न ों क स्वथथ रखेगा
तथा जिकास की पररभािा क पररभाजित करने में मदद करेगा।
समाि क एक ऐसा आकार देना ि सबक
े नज़ररए से एक िैसा ही जदखे, जिकास क सही मायने में
पररभाजित करता है। समाि से बुरे व्यिहार क दू र करक
े ही जिकास क एक क्तथथर घर प्रदान जकया िा
सकता है। जिसकी सोंगत में रहकर समाि नामक घर में हम स्वयों क सुनहरा भजिष्य देते हैं।
5. जिक्षा का समाि पि प्रभाव Impact of education on society
िब सामाजिक पररितान की जिकास में भूजमका की बात आती है त सामाजिक पररितान में जशक्षा की
भूजमका का जिक् न ह ये नहीों ह सकता है। क् ोंजक जशक्षा का समाि पर पूणा रूप से प्रभाि पड़ता है और
समाि जशक्षा क
े हर पक्ष क प्रभाजित करता है। िैसे ही जशक्षा भी समाि क
े हर पक्ष क प्रभाजित करती है।
जशक्षा का समाि पर क्ा प्रभाि पड़ता है िानते हैं –
हम सब िानते हैं जक जशक्षा पररितान का सार्न है। जशक्षा से ही समाि में पररितान सोंभि है। समाि शुरू
से लेकर आि तक जनरन्तर जिकजसत ह ने क
े साथ साथ पररिजतात ह ता रहा है। दरअसल जशक्षा ने समाि
में ल ग ों क
े दृजष्टक ण क , निररये क , रहन-सहन, खान-पान, रीजत-ररिाि ों, तौर तरीक ों पर असर डाला है
और समाि क पूरी तरह बदल डाला है।
जशक्षा व्यक्ति क
े दृजष्टक ण में पररितान change in person's attitude कर उसक
े जक्याकलाप ों में पररितान
कर, अत्यव्यिथथा दू र कर उपयुि सामाजिक व्यिथथा का जनमााण creation of appropriate social
order करती है।
जशक्षा समाि क
े प्रजत लेाग ों क िागरूक बनाते हुये उसमें प्रगजत का आर्ार बनाती है।
जशक्षा व्यिथथा िहाों समाि से प्रभाजित हेाती है िहीों समाि क पररिजतात भी करती है िैसे जक स्वतोंत्ता क
े
पश्चात् सबक
े जलये जशक्षा एिों समानता क
े जलये जशक्षा हमारे मुख्य लक्ष्य रहे हैं इससे जशक्षा का प्रचार-प्रसार
हुआ और समाि का पुराना ढाोंचा पररितान ह ने लगा। जशक्षा समाि का स्वरूप बदलकर उस पर जनयोंत्ण
करती है।
6. जशक्षा समाि क
े व्यक्तिय ों क इस लायक बनाती है जक िह समाि में व्याप्त समस्याओों, क
ु रीजतय ों, गलत
परम्पराओों क
े प्रजत सचेत ह कर उसकी आल चना करते हैं और र्ीरे-र्ीरे समाि में पररितान ह ता है।
जशक्षा ने िाजतगत ि लैंजगक असमानता क कािी हद तक दू र करने का प्रयास जकया है।
आि जशक्षा समाि क
े सभी िगों क
े जलये अजनिाया बनी है जिससे सामाजिक प्रगजत एिों सुर्ार social
progress and reform स्पष्ट निर आ रहा है।
Also Read: What is Globalization? भािर् पि वैश्वीकिण क
े प्रभाव
सामाजिक परिवर्तन की जवकास में महत्वपूणत भूजमका Important role in the development of
social change
पररितान प्रक
ृ जत का जनयम है। हर एक चीि पररिजतात ह ती रहती है, िैसे ऋतुएँ , िीि एिों उनका व्यिहार,
समय, समाि, स च, िीजित और जनिीि हर िस्तु आजद। क्ा पररितान ही जिकास है? हमारे चार ओर हर
एक पल क
ु छ न क
ु छ नया ह रहा है।
आजदकाल से मनुष्य क दू सरे क
े बारे में स चना और उसकी नक़ल करना अच्छा लगता है। प्रजतस्पर्ाा
करना िैसे मनुष्य ों की आदत बन गयी है। जिस तरह आिश्यकता अजिष्कार की िननी है उसी तरह
जिकास की यही अिर्ारणा एक सामाजिक पररितान की नीि बनती है।
याजन सामाजिक सोंघिा से उत्पन्न पररितान भजिष्य में उच्च जिकास क प्राप्त करता है। यह एक सतत
प्राक
ृ जतक प्रजक्या continuous natural process है। मनुष्य क
े व्यक्तित्व का जिकास भी इन सामाजिक
पररितान ों पर जनभार रहता है। मनुष्य का व्यक्तित्व भी समाि, देश तथा इजतहास क
े अजमट प्रेरणाओों की
अजभव्यक्ति है ।
7. ितामान समय में तक
ा शक्ति का जिकास ह रहा है। प्रजतष्पर्ाा अपने चरमसीमा पर है। अपने आप क श्रेष्ट
साजबत करने की ह ड़ लगी हुई है। ल ग जिकास की नयी उचाई प्राप्त कर रहें है। िहीों समाि का दू सरा
जहस्सा देखें त समाि में जिघटन ह रहा है। स्वाथी और जिघटनकारी तत्व अजर्क हैं। प्रेम, प्यार और
जिम्मेदाररय ों की भािना कम ह रही है।
जिज्ञान से हमें नयी-नयी उचाईयाों प्राप्त ह रही है जिर भी हम सत्य ब लने से डरते हैं। क्ा यही जिकास है
ये प्रश्न हर जकसी क
े मन में है। याजन यह जिकास त है लेजकन इसक
े साथ नैजतक जिकास moral
development भी ह ना बहुत िरूरी है। त हम कह सकते हैं जक सामाजिक पररितान की जिकास में
महत्वपूणा भूजमका ह ती है।
जिज्ञान क
े साथ साथ अध्यात्म क भी हमें अपनाना ह गा। हम सबक जमलकर समाि में ि
ै ली असमानता
क दू र करक
े सबकी भलाई क
े साथ आगे बढ़ना ह गा।
अपने अपने र्मा, सम्प्रदाय और िगा क
े महापुरुि ों का ल ग अनुसरण करते हुए अपने व्यक्तिि का जिकास
करते रहे हैं और भजिष्य में भी करते रहेंगे ।
सामाजिक परिवर्तन क
े कािक The factors of social change
सामाजिक पररितान क
े कारक जनम्न हैं -
1- साांस्क
ृ जर्क कािक (Cultural Factors)
2- आजथतक कािक (Economic Factors)
3- िैजवकीय कािक (Biological Factors)
सामाजिक पररितान में कई कारक काम करते है जिनमें साोंस्क
ृ जतक, प्रौद्य जगक, िैजिकीय, आजथाक,
भौग जलक पररिेश सम्बन्धी, मन िैज्ञाजनक कारक मुख्य कारक हैं। ये सभी कारक परस्पर जनभार हैं और
एक-दू सरे क प्रभाजित करते हैं । ये सभी कारक जमलकर सामाजिक पररितान उत्पन्न करते है।
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