इस दशक निर्देशकों ने अलग-अलग तरीकों की महिला केंद्रित फ़िल्में बनाई, जिसे दर्शकों ने अपनाया, लोगों ने सराहा और यहां तक कि ऐसी और फ़िल्मों की मांग बढ़ी। ज़माना किस तरह बदल रहा है, इसका यह एक बेहतरीन उदाहरण है। आज हम आपको बॉलीवुड की कुछ सर्वश्रेष्ठ महिला केंद्रित फ़िल्मों के बारे में बताएंगे, जिन्होंने दर्शकों को सोचने पर मजबूर कर दिया और इन फ़िल्मों की वजह से समाज में कई अच्छे बदलाव भी आए।
2. POST HIGHLIGHT
धरती पर रहने वाले प्रत्येक जीव अनेक भाव ों से घिरे ह ते हैं। चाहे वह मनुष्य ह , क ई जानवर या क ई अन्य जीव भावनाओों का प्रवाह त
उसक
े मन में अवश्य ही ह ता है। कभी भाव प्रेम का, कभी क्र ध का, कभी हताशा का त कभी दया का, क ई न क ई भाव उनक
े भीतर
हर क्षण अपना स्थान बनाए रखता है।
हम घसर्
फ एक सुोंदर चेहरे से ज्यादा हैं। घवघभन्न श ध ों से यह पता चला है घक हमारे रूप, आकार और यहाों तक घक रोंग भी हमारे व्यक्तित्व,
स्वास्थ्य और कामुकता क
े बारे में क
ु छ महत्वपूणफ जानकारी देकर सकते हैं।
सोंवैधाघनक व्यक्तित्व घसद्ाोंत, व्यक्ति धारणा, भावना और परोंपरागत दोंत घचघकत्सा constitutional personality theory, person
perception, emotion, and orthodontic dentistry क
े क्षेत्र में घवघभन्न प्रकार क
े घनष्कर्फ बताते हैं घक व्यक्तित्व आयाम और चेहरे की
सोंरचना क
े बीच सोंबोंध ह सकता है।
इस मन-शरीर ओवरलैप का एक उदाहरण भावनाओों और चेहरे क
े भाव ों क
े बीच सोंबोंध है। उदाहरण क
े घलए, सामाघजक
मन वैज्ञाघनक ों Social psychologists ने घदखाया है घक हमारे चेहरे क
े भाव our facial expressions घवघशष्ट भावनाओों से जुडे हैं
और मानव सोंस्क
ृ घतय ों की चौडाई में समान रूप से व्याख्या घकए जाते हैं। इससे पता चलता है घक, भार्ा या सोंस्क
ृ घत पर ध्यान घदए घबना,
भावनाओों क भौघतक अघभव्यक्तिय ों क
े माध्यम से व्यि घकया जा सकता है।
धरती पर रहने वाले प्रत्येक जीव अनेक भाव ों से घिरे ह ते हैं। चाहे वह मनुष्य ह , क ई जानवर या क ई अन्य जीव भावनाओों का प्रवाह त
उसक
े मन में अवश्य ही ह ता है। कभी भाव प्रेम का, कभी क्र ध का, कभी हताशा का त कभी दया का, क ई न क ई भाव उनक
े भीतर
हर क्षण अपना स्थान बनाए रखता है। बनाने वाले ने शरीर की सोंरचना क न जाने घकतने रूप घदए हैं। यहाों तक घक एक ही य घन क
े
जीवन भी कई घवघभन्नताएों घलए रहते हैं। हम मनुष्य क
े भाव इस पररपेक्ष में भी बदलते हैं घक सामने वाले की शारीररक सोंरचना क
ै सी है।
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शारीररक सोंरचना मनुष्य का व्यवहार क
ै सा ह गा, इस मायने में महत्त्वपूणफ भूघमका ह ती है। हालाोंघक यह कहना अनुघचत ह गा घक क
े वल
शारीररक सोंरचना से ही भावाथफ बदलते हैं। हमारे भीतर एक भाव ऐसा भी उत्पन्न ह ता है, ज दू सर ों क
े और समाज क
े घहत क
े घलए सदैव
उत्तरदायी ह ता है। जब हमारे भीतर दया का भाव हमेशा दू सर ों का भला करता है। कभी-कभी हमें क ई चीज़ देखने में बहुत पसोंद आ
जाती है, ऐसा इसघलए ह ता है क् ोंघक उसकी सोंरचना हमें आकघर्फत करती हैं। क्ा इसी प्रकार हम घकसी व्यक्ति क
े चेहरे भी उसक
े
अोंदर पनपे दया क
े भाव क प्रदघशफत करते हैं? क्ा हम घकसी क भी देखकर यह बता सकते हैं घक वह घकतना दयालु है?
दयालु ह ना घकसी व्यक्ति क
े भीतर सबसे बडा और खुबसूरत गुण ह ता है। यह उसक
े मन की सुोंदरता क घदखाता है। यह घवचार बताता
है घक हम क
े वल अपने घलए ही नहीों और ों क
े घलए भी जी सकते हैं। दू सर ों क
े घहत में कायफ करक
े भी स्वयों क प्रसन्न रख सकते हैं। यह
खुशी हम सबने अपने जीवन में एक न एक बार त अवश्य ही महसूस घकया ह गा।
हम चेहर ों क भी देखकर आकघर्फत ह ते हैं। हम ल ग ों क
े चेहरे क देख कर भी यह आोंकलन करते हैं घक सामने वाले का क
ै सा व्यक्तित्व
ह गा तथा यह करना स्वाघभक ह गा। यहाों तक घक हम जानवर ों क
े प्रघत भी उनकी सोंरचना क
े आधार पर घवचारधारा बनाते हैं घक वे
खूोंखार ह ोंगे या सीधे-साधे। हालाोंघक यह आोंकलन कभी-कभी या घर्र हम कह सकते हैं घक ज़्यादातर मामल ों में गलत साघबत ह जाता
है। स्वभाव एक आोंतररक प्रघक्रया है, घजसका शारीररक सोंरचना से प्रत्यक्ष क ई सोंबोंध नहीों ह ता है।
.
हम मनुष्य कई बार चेहरे क देखकर यह घनणफय लेते हैं घक सामने वाला व्यक्ति दयालु है और वह हर एक पररपेक्ष में जब भी हमें ज़रूरत
ह गी, हमारी मदद करेगा। हम क
ु छ ल ग ों से दया की उम्मीद इसघलए नहीों रखते क् ोंघक उनक
े चेहरे से वे हमें दयालु नहीों लगते, हमें वह
उन व्यक्तिय ों में से एक नहीों लगते, ज दू सर ों की सहायता करेंगे। कई मामल ों में यह कहानी उलटी पड जाती है। घजनसे उम्मीद ना ह
वही सोंग खडे पाए जाते हैं तथा घजनसे इस ह ती है वे दया भाव नहीों घदखाते।
हम यह अवश्य कह सकते हैं घक मनुष्य जब अपने भीतर दया भाव समाघहत रखता है त उसक
े चेहरे पर सदैव एक तेज, एक चमक
घवद्यमान रहता है। वह प्रत्येक पररक्तस्थघत में खुश ह ता है और दू सर ों क परेशाघनय ों क अपना समझता है। परन्तु यह कहना ग़लत ह गा
घक चेहरे से पता चलने भाव ही उसका वास्तघवक भाव ह । दया भाव मन में क्तस्थत वह प्रघतमा है, ज स्वयों प्रत्येक ज़रूरतमोंद की घनस्वाथफ
भावना से पूजा करता है।
4. भावनात्मक अघभव्यक्ति emotional expression क
े घलए चेहरे क मानवता क
े क
ें द्र क
े रूप में देखते हुए, क
ु छ घसद्ाोंतकार ों ने एक
कदम आगे बढ़कर सुझाव घदया घक चेहरे की घवशेर्ताएों , अगर ठीक से समझी जाएों , त हमारे व्यक्तित्व क
े बारे में महत्वपूणफ सुराग क
े रूप
में काम कर सकती हैं। पहली नज़र में यह सुनने में थ डा अटपटा लग सकता है। आक्तखरकार, क्ा यह कम बेश एक आनुवोंघशक लॉटरी
नहीों है ज यह घनधाफररत करती है घक हमें मााँ की आाँखें घमलती हैं या घपताजी की नाक? हमारी शारीररक बनावट physical
appearance का हमारे व्यक्तित्व से क ई लेना-देना क् ों है?
चेहरे क्या -क्या बताते हैं ? What do faces tell?
आप कितने भरोसेमंद हैं How trustworthy you are
अन्य चेहरे-आधाररत चररत्र धारणाएों face-based character assumptions पहले घवघशष्ट चेहरे की घवशेर्ताओों से बोंधी हुई घदखाई
देती हैं, लेघकन वास्तघवकता अघधक जघटल है। उदाहरण क
े घलए, इस बात क
े प्रमाण हैं घक भूरी आाँख ों वाले पुरुर् ों क नीली आाँख ों वाले
पुरुर् ों की तुलना में अघधक प्रभावशाली माना जाता है। लेघकन जब एक नीली आोंख ों वाला आदमी भूरे रोंग क
े कॉन्टैक्ट लेंस पहनता है, त
यह अजनघबय ों क
े घलए घकतना प्रभावशाली घदखाई देता है, यह बढ़ाने क
े घलए क
ु छ नहीों करता है। इससे पता चलता है घक भूरी आोंख ों वाले
पुरुर् ों क
े बारे में क
ु छ और ही है ज प्रभुत्व का आभास कराता है।
हाल ही क
े क
ु छ साक्ष्य हैं घक हम क
े वल चेहरे क
े सही भाव ों क खीोंचकर अपने क्तस्थर चेहरे की सोंरचना द्वारा घदए गए व्यक्तित्व सोंक
े त ों क
दू र कर सकते हैं। मन वैज्ञाघनक इसे 'सामाघजक छलावरण' “Social camouflage कहते हैं और यह ग्लासग घवश्वघवद्यालय क
े श धकताफओों
द्वारा 2014 में प्रकाघशत एक अध्ययन में प्रदघशफत घकया गया था। एक एघनमेटेड चेहरे क इसकी मूल सोंरचना क
े आधार पर इष्टतम रूप से
अघवश्वसनीय घदखने क
े घलए बदल घदया गया था, इसे चेहरे की अघभव्यक्ति खीोंचने क
े घलए प्र ग्राघमोंग करक
े भर सेमोंद बना घदया गया था
घजसमें ह ोंठ और गाल उठाना शाघमल था। "र ज़मराफ की बातचीत में प्रभुत्व और भर सेमोंदता का सामाघजक छलावरण शायद आम है,"
श धकताफ बताते हैं।
5. आप किस मूड में हैं What mood you're in
चूोंघक चार्ल्फ डाघवफन Charles Darwin ने पहली बार मनुष्य ों और जानवर ों क
े भावनात्मक प्रदशफन ों की तुलना की थी, इसघलए कई घवशेर्ज्ञ ों
द्वारा यह तक
फ घदया गया है घक मनुष्य छह मूल चेहरे क
े भाव ों six basic emotions क
े माध्यम से छह बुघनयादी भावनाओों क प्रदघशफत
करता है: खुशी, आश्चयफ, भय, िृणा, क्र ध और उदासी। क ई भी इस बात पर घववाद नहीों करता है घक चेहरे की हरकतें बताती हैं घक हम
क्ा महसूस कर रहे हैं, लेघकन भावनात्मक अघभव्यक्तिय ों की साोंस्क
ृ घतक सावफभौघमकता पर क
ु छ बहस चल रही है।
रॉयल स साइटी की 2015 र्
े स र्
ै क्ट्स प्रदशफनी Face Facts exhibition में, ग्लासग घवश्वघवद्यालय University of Glasgow क
े
श धकताफओों ने अपने साक्ष्य प्रस्तुत घकए घक भावनात्मक चेहरे क
े भाव ों की व्याख्या वास्तव में सावफभौघमक नहीों है। उन् ोंने घडघजटल अवतार
बनाने क
े create digital avatars घलए एक अघद्वतीय 3डी क
ों प्यूटर घसस्टम का इस्तेमाल घकया ज चेहरे की सभी 42 माोंसपेघशय ों क
स्वतोंत्र रूप से ज ड-त ड कर सकता था। श धकताफओों ने घर्र प्रघतभाघगय ों क एक पघश्चमी या एक पूवफ एघशयाई पृष्ठभूघम से प्रस्तुत घकया,
घजसमें इन अवतार ों में चेहरे की माोंसपेघशय ों क
े आोंद लन ों क
े यादृक्तिक सोंय जन random combinations घदखाए गए थे, और
प्रघतभाघगय ों क यह कहना था घक उन् ोंने छह बुघनयादी भावनाओों में से एक क कब पहचाना।
पघश्चमी और पूवी एघशयाई ल ग ों ने क
ै से प्रघतघक्रया दी, इसमें अोंतर थे - उदाहरण क
े घलए, पूवी एघशयाई बहुत कम सुसोंगत थे घक उन् ोंने
क
ु छ भावनाओों (घवशेर् रूप से आश्चयफ, भय, िृणा और क्र ध) क क
ै से वगीक
ृ त घकया, और आोंख ों क
े आोंद लन ों क अघधक महत्वपूणफ क
े
रूप में देखा। भावनात्मक तीव्रता की व्याख्या डाघवफन का हवाला देते हुए, श धकताफओों का कहना है: "हालाोंघक डर और िृणा जैसे क
ु छ
बुघनयादी चेहरे क
े भाव मूल रूप से एक अनुक
ू ली कायफ क
े रूप में कायफ करते थे, जब मनुष्य 'बहुत कम और जानवर ों जैसी क्तस्थघत में मौजूद
थे', चेहरे की अघभव्यक्ति क
े सोंक
े त तब से घवकघसत और घवघवधतापूणफ हैं। सामाघजक सोंपक
फ क
े दौरान भावना सोंचार की प्राथघमक भूघमका।