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जलवायु पिरवतर्न का क
ृ िष पर प्रभाव
काबर्न ट्रेिड
ं ग
िकसानों को कमाई क
े अवसर
डॉ रबीन्द्र पस्तोर, सी ई ओ, ई-फसल
ग्रीन हाउस गैसें
1. काबर्न डाइऑक्साइड (CO2),
2. मीथेन (CH4)
3. नाइट्रस ऑक्साइड, (N2O)
4. नाइट्रस ऑक्साइड (N2O),
5. ओजोन (O3), क्लोरोफ्लोकाबर्न (CFC5),
6. हाइड्रोफ्लोरोकाबर्न (HFI5)
7. जल वाष्प (H2O)
ग्लोबल वािम
र्ं ग
ग्लोबल वािम
र्ं ग और क
ु छ नहीं बिल्क ग्रीनहाउस गैसों क
े उत्सजर्न क
े कारण सतह क
े
वातावरण का गमर् होना है, िजससे वैिश्वक वायुमंडलीय तापमान में लंबी अविध में वृिद्ध
होती है।
सतही वायु तापमान में इस तरह क
े पिरवतर्न और लंबे समय तक वषार् पर पिरणामी
प्रितक
ू ल प्रभाव को जलवायु पिरवतर्न क
े रूप में जाना जाता है।
यिद ये पैरामीटर साल-दर-साल बदलाव या चक्रीय रुझान िदखाते हैं, तो इसे जलवायु
पिरवतर्नशीलता क
े रूप में जाना जाता है।
जलवायु पिरवतर्न का प्रभाव
जलवायु पिरवतर्न और पिरवतर्नशीलता मनुष्य की प्रमुख िचं ता हैं।
बार-बार आने वाले सूखे और बाढ़ ने उन अरबों लोगों की आजीिवका को गंभीर रूप से
खतरे में डाल िदया है जो अपनी अिधकांश जरूरतों क
े िलए भूिम पर िनभर्र हैं।
सूखे और बाढ़, ठंड और गमीर् की लहरों, जंगल की आग, भूस्खलन आिद जैसी चरम
घटनाओं क
े कारण वैिश्वक अथर्व्यवस्था प्रितक
ू ल रूप से प्रभािवत हो रही है।
भूक
ं प, सुनामी और ज्वालामुखी िवस्फोट जैसी प्राक
ृ ितक आपदाएं,भी बदलते मौसम क
े
कारण रहीं है। जो वातावरण की रासायिनक संरचना बदले में अहम योगदान दे रही हैं।
यिद ये पैरामीटर साल-दर-साल बदलाव या चक्रीय रुझान िदखाते हैं, तो इसे जलवायु
पिरवतर्नशीलता क
े रूप में जाना जाता है।
ग्रीन हाउस गैसों व ग्लोबल वािम
र्ं ग को मापने का फ़ामूर्ला
ग्रीन हाउस गैसों व ग्लोबल वािम
र्ं ग को मापने क
े िलये एक फ़ामूर्ला िवकिसत िकया गया है
िजसे में 27*27 घनफ
ु ट क
े गैस िपन्ड को 1 टन काबर्न डाइऑक्साइड क
े रूप में मापते हैं।
अन्य ग्रीन हाउस गैसों की गणना करने क
े िलए काबर्न डाइऑक्साइड समतुल्य (CO2e)
फ़ामूर्ला िवकिसत िकया गया है िजस में एक टन काबर्न डाइऑक्साइड का मान 1, िमथेन
का मान 25 गुना, नाइट्रस ऑक्साइड का 22,880 गुना तथा हाइड्रोफ्लोरोकाबर्न का मान
14,800 गुना होता है। ग्रीनहाउस गैसों में, CO2 प्रमुख गैस है जो ग्लोबल वािम
र्ं ग की ओर
ले जाती है क्योंिक यह लंबी तरंग िविकरण को पकड़ लेती है और इसे वापस पृथ्वी की
सतह पर छोड़ देती है।इसिलए सभी गैसों की मात्रा को काबर्न डाइऑक्साइड गैस क
े
समतुल्य फ़ामूर्ला से गणना कर मापा जाता है।
क्योटो प्रोटोकॉल और पेिरस समझौता
1990 क
े दशक की शुरुआत से देशों ने इस बात पर बहस की िक जलवायु पिरवतर्न का मुकाबला क
ै से
िकया जाए। इन वातार्ओं ने क्योटो प्रोटोकॉल और पेिरस समझौते सिहत कई महत्वपूणर् समझौते िकए गये ।
पेिरस समझौता जलवायु पिरवतर्न पर कानूनी रूप से बाध्यकारी अंतरराष्ट्रीय संिध है। इसे 12 िदसंबर 2015
को पेिरस में सीओपी 21 में 196 देशों द्वारा अपनाया गया जो 4 नवंबर 2016 से लागू हुआ।
इसका लक्ष्य पूवर्-औद्योिगक स्तरों की तुलना में ग्लोबल वािम
र्ं ग को 2 से नीचे, अिधमानतः 1.5 िडग्री
सेिल्सयस तक सीिमत करना है।पेिरस समझौते क
े कायार्न्वयन क
े िलए सवोर्त्तम उपलब्ध िवज्ञान क
े आधार
पर आिथ
र् क और सामािजक पिरवतर्न की आवश्यकता है।
पेिरस समझौता देशों द्वारा की जाने वाली तेजी से महत्वाकांक्षी जलवायु कारर्वाई क
े 5 साल क
े चक्र पर काम
करता है। 2020 तक, देश राष्ट्रीय स्तर पर िनधार्िरत योगदान (एनडीसी) क
े रूप में ज्ञात जलवायु कारर्वाई क
े
िलए अपनी योजनाएं प्रस्तुत करते हैं।
जलवायु पिरवतर्न क
े िलए कौन से देश िजम्मेदार हैं?
उत्तर इस बात पर िनभर्र करता है िक आप िकससे पूछते हैं? और आप उत्सजर्न को क
ै से मापते हैं?
ग्रीनहाउस गैस उत्सजर्न में योगदान
चीन 30%
यूएसए 16%
भारत 7%
सेक्टर वार ग्लोबल ग्रीनहाउस गैस उत्सजर्न
िबजली 25%,
पिरवहन 29%,
उद्योग 23%,
क
ृ िष 10%
िबिल्डं ग 6%
अन्य 7%
अभी 175 देश जो वैिश्वक उत्सजर्न का 60% िहस्सा उत्सजर्न कर रहे हैं, जो सालाना 27 अरब टन
जीएचजी का है।
काबर्न क्र
े िडट ट्रेिड
ं ग - उत्सजर्न ऑफसेट
अिधक से अिधक क
ं पिनयां अपने स्वयं क
े ग्रीनहाउस-गैस उत्सजर्न को िजतना हो सक
े कम
करक
े जलवायु पिरवतर्न को रोकने में मदद करने का संकल्प ले रही हैं। िफर भी कई
व्यवसाय पाते हैं िक वे अपने उत्सजर्न को पूरी तरह से समाप्त नहीं कर सकते हैं, या िजतनी
जल्दी हो सक
े उन्हें कम भी नहीं कर सकते हैं। यह चुनौती उन संगठनों क
े िलए िवशेष रूप
से किठन है िजनका लक्ष्य शुद्ध-शून्य उत्सजर्न प्राप्त करना है, िजसका अथर् है िक हवा से
उतनी ही ग्रीनहाउस गैस िनकालना िजतना वे इसमें डालते हैं। कई लोगों क
े िलए, काबर्न
क्र
े िडट का उपयोग उन उत्सजर्न को ऑफसेट करने क
े िलए करना होगा िजन्हें वे अन्य तरीकों
से छु टकारा नहीं पा सकते हैं। पेिरस समझौते अनुच्छेद 6 क
े िनयम पुिस्तका, यह िनधार्िरत
करते हुए िक काबर्न क्र
े िडट क
ै से होता है, इस्तेमाल और कारोबार क
ै से िकया जा सकता है।
स्वैिच्छक काबर्न बाजार
1.5-िडग्री लक्ष्य तक पहुँचने क
े िलए यह आवश्यक होगा िक वैिश्वक ग्रीनहाउस-गैस उत्सजर्न में
2030 तक मौजूदा स्तरों क
े 50 प्रितशत की कटौती की जाए और 2050 तक शुद्ध शून्य तक कम
िकया जाए।
मैिकन्जी संस्था क
े साथ इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल फाइनेंस (आईआईएफ) द्वारा प्रायोिजत
स्वैिच्छक काबर्न माक
ेर् ट्स (टीएसवीसीएम) पर टास्कफोसर् का अनुमान है िक काबर्न क्र
े िडट की मांग
2030 तक 15 गुना या उससे अिधक बढ़ सकती है। क
ु ल िमलाकर, काबर्न क्र
े िडट का बाजार 2030
में $50 िबिलयन से ऊपर हो सकता है।
क
ं पिनयां इस एजेंडे क
े साथ खुद को संरेिखत कर रही हैं। एक वषर् से भी कम समय में, शुद्ध-शून्य
प्रितज्ञा वाली क
ं पिनयां 2019 में 500 से दोगुनी होकर 2020 में 1,000 से अिधक हो गईं है। िजस से
स्वैिच्छक काबर्न बाजार में काबर्न क्र
े िडट की माँग में िनरंतर वृिद्ध हो रही है।
भारत में ग्रीनहाउस गैसों का उत्सजर्न
भारत में ग्रीनहाउस गैसों का उत्सजर्न -
ऊजार् क्षेत्र में 69%,
क
ृ िष एवं अनुसांिगक क्षेत्र 20%,
औद्योिगक क्षेत्र 6%,
वनों की कटाई से 1%
भूिम उपयोग में पिरवतर्न से 4%
भारत 2005 क
े स्तर से 2030 तक अपने सकल घरेलू उत्पाद की उत्सजर्न तीव्रता को 33
से 35 प्रितशत तक कम करने क
े िलए प्रितबद्ध है।
भारत में काबर्न क्र
े िडट व्यापार
िवश्व बैंक क
े अनुमानों क
े अनुसार, • भारत सबसे बड़े लाभािथ
र् यों में से एक क
े रूप में उभर सकता है, िजसका
क
ु ल िवश्व काबर्न व्यापार का 25 प्रितशत िहस्सा है।
भारत को काबर्न क्र
े िडट व्यापार में सबसे बड़े लाभािथ
र् यों में से एक माना जाता है, िजसका लगभग 5 अरब
डॉलर का अनुमान है।
इस में क
ृ िष सेक्टर ऐसा सेक्टर है जहां काबर्न फ़ािम
र्ं ग क
े मानक अपना कर सवार्िधक काबर्न क्र
े िडट जनरेट
िकये जा सकते हैं व खेती भारत की 1.4 अरब आबादी क
े आधे िहस्से का भरण-पोषण करती है, लेिकन
ग्रीनहाउस गैसों और प्रदूषण का भी प्रमुख योगदानकतार् है लेिकन तकनीक आधािरत पहल से भारत क
े बड़े
काबर्न उत्सजर्न को कम करने और ऑफसेट करने में मदद कर सकती है, साथ ही िकसानों को अितिरक्त आय
भी प्रदान कर सकती है और िकसानों की दक्षता में सहायता कर सकती है।
2070 तक शुद्ध-शून्य उत्सजर्न तक पहुंचने क
े िलए, भारत क
े लाखों छोटे िकसानों क
े िलए काबर्न क्र
े िडट और
अन्य काबर्न ऑफसेिट
ं ग पहल उपलब्ध होनी चािहए।
भारत की पांच-स्तरीय रणनीित
COP26 क
े दौरान, भारत ने जलवायु पिरवतर्न से लड़ने क
े िलए अपनी पांच-स्तरीय रणनीित की घोषणा की है। की गई
प्रितबद्धताओं में 2030 तक एक अरब टन काबर्न की कमी,
2030 तक सकल घरेलू उत्पाद की काबर्न तीव्रता को 45% तक कम करना और
2070 तक शुद्ध-शून्य उत्सजर्न का लक्ष प्राप्त करना शािमल है।
भारत GHG का दुिनया का तीसरा सबसे बड़ा उत्सजर्क है, िजसका 74% काबर्न उत्सजर्न पशुधन और खेती से मीथेन क
े कारण
होता है, और अन्य 17.5% क
ृ िष काबर्न उत्सजर्न चावल की खेती से प्राप्त होता है।
जबिक क
ृ िष को जलवायु पिरवतर्न का एक प्रमुख कारण माना जाता है, यह समाधान का एक अिभन्न अंग भी है।
जैसे हम िमट्टी को ही ले तो सही तकनीकों और प्रौद्योिगिकयों क
े साथ लागू कर, अक
े ले खेती में 1.2 िबिलयन टन काबर्न को स्टोर
करने की क्षमता है और शेष शताब्दी में औसत वािष
र् क जीएचजी उत्सजर्न का 4% ऑफसेट कर सकता है।मृदा काबर्न पृथक्करण
जलवायु-सकारात्मक क
ृ िष क
े िलए नई संभावनाओं को खोलता है जो साझा लाभ प्रदान करता है, िजसमें बढ़ी हुई िमट्टी शािमल है
जो उवर्रक क
े उपयोग को कम करती है और समग्र फसल स्वास्थ्य में सुधार करती है, िकसानों क
े लचीलापन और समृिद्ध में वृिद्ध क
े
साथ-साथ जीएचजी उत्सजर्न को कम करती है।
क
ृ िष से संबंिधत काबर्न क्र
े िडट िसस्टम
अब तक ज्यादातर िवकिसत अथर्व्यवस्थाओं में बड़े पैमाने पर बड़ी होिल्डं ग्स तक ही सीिमत हैं, जहां िकसानों
क
े पास सूचना स्रोतों, प्रौद्योिगकी और आवश्यक मशीनीकरण और उपकरणों तक अिधक पहुंच है।
हालांिक, िवकासशील दुिनया में प्रभाव की संभावना - छोटे एकड़ में काम करने वाले करोड़ों िकसानों की
संख्या बहुत बड़ी है। हमें पिरयोजनाओं को तेजी से बढ़ाने और स्थायी प्रथाओं का समथर्न करने क
े िलए
काबर्न क्र
े िडट की एक सरल सत्यापन प्रिक्रया िवकिसत हो रही है।
काबर्न क्र
े िडट - जलवायु-सकारात्मक पिरयोजनाओं से प्रमािणत उत्सजर्न में कमी - की स्थायी व्यावसाियक
प्रथाओं को प्रोत्सािहत करने और वैिश्वक शुद्ध-शून्य लक्ष्यों तक पहुंचने में मदद करने क
े िलए स्वैिच्छक
काबर्न बाजार, अब वैिश्वक िनगमों की रुिच को आकिष
र् त कर रहा है।
ये कायर्क्रम इन काबर्न ऑफसेट्स क
े व्यापार की महत्वाकांक्षा क
े साथ-साथ मृदा काबर्न पृथक्करण से
ऑफसेट उत्पादन का समथर्न करक
े जलवायु शमन में क
ृ िष की भूिमका को बढ़ाने की कोिशश करते हैं।
क
ृ िष से जीएचजी उत्सजर्न को कम करने क
े प्रयास
• शेल क
े साथ ईक
े आई एनजीर् जेवी
• इंदौर िस्थत ग्रीन क
ं सल्टेंसी ईक
े आई एनजीर् सिव
र् सेज तेल प्रमुख रॉयल डच शेल क
े साथ
एक संयुक्त उद्यम शुरू करेगी जो भारत में उद्योगों को "प्रक
ृ ित-आधािरत समाधान" प्रदान
करने क
े िलए पांच साल की अविध में $ 1.6 िबिलयन का िनवेश करेगी, इस मामले से
पिरिचत लोगों ने कहा।
• इन लोगों ने ईटी को बताया िक भारत क
े नवीकरणीय क्षेत्र में िवस्तार करने की शेल की
योजना क
े िहस्से क
े रूप में, संयुक्त उद्यम पांच वषोर्ं में 115 िमिलयन काबर्न क्र
े िडट क
े
उत्पादन का लक्ष्य रखेगा
पिरयोजना िवकास प्रिक्रया
• काबर्न पिरयोजना क
े िवकास में पहला कदम पिरयोजना क
े तरीकों का आकलन करना और दस्तावेज तैयार करना है िजसका उपयोग यह मूल्यांकन करने क
े िलए िकया जाएगा िक क्या
यह िकसी िवशेष ग्रीनहाउस गैस (जीएचजी) कमी कायर्क्रम या मानक क
े भीतर काबर्न अनुक्रम या उत्सजर्न में कमी गितिविध क
े रूप में योग्य है। पिरयोजना िडजाइन दस्तावेज़ उत्सजर्न
पिरमाणीकरण पद्धितयों का िववरण देता है और प्रस्तािवत पिरयोजना की लागत और लाभों का एक स्कोिपं ग दस्तावेज़ प्रदान करता है िजसमें िनम्न शािमल हैं:
• *पिरयोजना व्यवहायर्ता मूल्यांकन
• *पिरयोजना सूची
• * इन्वेंटरी िडजाइन और स्थापना
• * पिरयोजना और आधारभूत पिरदृश्य मॉडिलं ग
• * प्रारंिभक काबर्न क्र
े िडट और ऑफसेट पिरयोजना डेटा िरपोटर्
• * तृतीय-पक्ष सत्यापन और रिजस्ट्री समीक्षा
• *क्र
े िडट/ऑफसेट जारी करना
• *वािष
र् क क्र
े िडट/ऑफसेट पिरयोजना डेटा िरपोटर्
• * आविधक तृतीय-पक्ष सत्यापन और क्र
े िडट/ऑफ़सेट जारी करना
वीसीएस+सीसीबी पिरयोजना
पिरयोजना प्रस्तावक - भूिमकाएं और िजम्मेदािरयां
1. पिरयोजना प्रस्तावक ऐसी संस्थाएं हैं िजनक
े पास पिरयोजनाओं या कायर्क्रमों क
े िलए समग्र िनयंत्रण और िजम्मेदारी है जो पिरयोजना को िनयंित्रत और संचािलत करने क
े कानूनी अिधकार (यानी, पिरयोजना
स्वािमत्व) का प्रदशर्न कर सकते हैं।
2. एक पिरयोजना में एक पिरयोजना प्रस्तावक हो सकता है, या कई पिरयोजना प्रस्तावक हो सकते हैं जो सामूिहक रूप से िकसी पिरयोजना या कायर्क्रम क
े िलए समग्र िनयंत्रण और िजम्मेदारी रखते हैं। यिद िकसी
पिरयोजना में कई पिरयोजना प्रस्तावक हैं तो उसे एक प्राथिमक पिरयोजना प्रस्तावक नािमत करना चािहए जो वीसीएस और पिरयोजना क
े बीच संपक
र् क
े िबं दु क
े रूप में कायर् करेगा।
3. पिरयोजना प्रस्तावक सीसीबी िनयमों क
े अनुसार पिरयोजनाओं और कायर्क्रमों की स्थापना और संचालन करते हैं। वे सत्यापन और सत्यापन की सुिवधा क
े िलए पिरयोजना िववरण, िनगरानी िरपोटर् और सहायक
दस्तावेज (पिरयोजना स्वािमत्व क
े साक्ष्य, पिरयोजना गितिविधयों को िनयंित्रत करने और संचािलत करने का कानूनी अिधकार सिहत) प्रदान करने क
े िलए िजम्मेदार हैं।
4. पिरयोजना िवकासकतार् और स्थानीय समुदाय: समुदाय, गैर-सरकारी संगठन, एजेंिसयां और अन्य सीसीबी कायर्क्रम का उपयोग उन पिरयोजनाओं क
े िवकास का मागर्दशर्न करने क
े िलए करते हैं जो पयार्वरणीय
और सामुदाियक लाभों का एक सूट प्रदान करती हैं। सामािजक और पयार्वरणीय जोिखमों और अवसरों को संबोिधत करने क
े िलए प्रभावी िहतधारक जुड़ाव, सुशासन और समग्र िडजाइन सुिनिश्चत करने से एक
अिधक िटकाऊ पिरयोजना बनाने में मदद िमलती है जो कई उद्देश्यों को प्राप्त कर सकती है। प्रारंिभक चरण से, मानकों का उपयोग िकसी पिरयोजना की उच्च गुणवत्ता और संभािवत िनवेशकों और अन्य िहतधारकों
को उनकी पिरयोजना क
े कई लाभों को प्रदिश
र् त करने क
े िलए िकया जा सकता है।
5. सीसीबी कायर्क्रम क
े िनयमों और आवश्यकताओं को पूरा करने वाली पिरयोजनाओं को तरजीही िनवेश और यहां तक िक िनवेशकों या ऑफसेट खरीदारों से मूल्य प्रीिमयम िमलने की संभावना है जो बहु-मूल्य वाली
पिरयोजनाओं और सवोर्त्तम अभ्यास पिरयोजनाओं का समथर्न करते हैं। बहु-लाभ वाली पिरयोजनाएं भी िनवेशकों क
े िविवध पोटर्फोिलयो को आकिष
र् त करने की अिधक संभावना रखती हैं।
6. सीसीबी कायर्क्रम भूिम प्रबंधन पिरयोजनाओं की पहचान करता है जो स्थानीय समुदायों और जैव िविवधता क
े िलए जलवायु पिरवतर्न शमन क
े िलए शुद्ध सकारात्मक लाभ प्रदान करते हैं। जलवायु, समुदाय और
जैव िविवधता मानकों को िकसी भी भूिम प्रबंधन पिरयोजना पर लागू िकया जा सकता है, िजसमें वे पिरयोजनाएं शािमल हैं जो वनों की कटाई और वन क्षरण से ग्रीनहाउस गैस उत्सजर्न को कम करती हैं या अन्य
पािरिस्थितक तंत्र क
े क्षरण से बचाती हैं, और ऐसी पिरयोजनाएं जो काबर्न को अलग करक
े काबर्न डाइऑक्साइड को हटाती हैं (जैसे, वनों की कटाई, वनीकरण, वनीकरण, वन बहाली, क
ृ िष वािनकी और िटकाऊ
क
ृ िष) या अन्य भूिम प्रबंधन पिरयोजनाएं।
7. पिरयोजना योजना और प्रबंधन क
े सभी चरणों क
े िलए, िडजाइन से लेकर कायार्न्वयन और िनगरानी तक जलवायु, समुदाय और जैव िविवधता मानक महत्वपूणर् हैं।
सीसीबी कायर्क्रम क
े फायदे
1)  पिरयोजना िवकासकतार् और स्थानीय समुदाय: समुदाय, गैर सरकारी संगठन, एजेंिसयां और अन्य सीसीबी कायर्क्रम का उपयोग उन पिरयोजनाओं क
े िवकास का मागर्दशर्न
करने क
े िलए करते हैं। सामािजक और पयार्वरणीय जोिखमों और अवसरों को संबोिधत करने क
े िलए प्रभावी िहतधारक जुड़ाव, सुशासन और समग्र िडजाइन सुिनिश्चत करने से
एक अिधक िटकाऊ पिरयोजना बनाने में मदद िमलती है जो कई उद्देश्यों को प्राप्त कर सकती है। प्रारंिभक चरण से, मानकों का उपयोग िकसी पिरयोजना की उच्च गुणवत्ता और
संभािवत िनवेशकों और अन्य िहतधारकों को उनकी पिरयोजना क
े कई लाभों को प्रदिश
र् त करने क
े िलए िकया जा सकता है। सीसीबी कायर्क्रम क
े िनयमों और आवश्यकताओं को
पूरा करने वाली पिरयोजनाओं को तरजीही िनवेश और यहां तक िक िनवेशकों या ऑफसेट खरीदारों से मूल्य प्रीिमयम िमलने की संभावना है जो बहु-मूल्य वाली पिरयोजनाओं
और सवोर्त्तम अभ्यास पिरयोजनाओं का समथर्न करते हैं। बहु-लाभ वाली पिरयोजनाएं भी िनवेशकों क
े िविवध पोटर्फोिलयो को आकिष
र् त करने की अिधक संभावना रखती हैं।
2)  पिरयोजना िनवेशक और ऑफसेट खरीदार: िनजी क
ं पिनयां, बहुपक्षीय एजेंिसयां और काबर्न पिरयोजनाओं में िनवेश करने वाले या काबर्न क्र
े िडट प्राप्त करने वाले अन्य फ
ं ड
प्रोजेक्ट स्क्रीिनं ग क
े िलए सीसीबी कायर्क्रम का उपयोग कर सकते हैं। सीसीबी कायर्क्रम उन पिरयोजनाओं की पहचान करता है जो पयार्वरण और सामािजक प्रदशर्न कारकों को
सिक्रय रूप से संबोिधत करते हैं, िजससे पयार्वरणीय िगरावट और स्थानीय समुदायों और सरकारों क
े प्रितरोध से उत्पन्न होने वाले जलवायु लाभों क
े प्रभावी पिरयोजना
कायार्न्वयन और स्थाियत्व क
े िलए जोिखम कम होता है। इस तरह, मानक िनवेशकों और ऑफसेट खरीदारों को उच्च-गुणवत्ता वाली पिरयोजनाओं की पहचान करक
े जोिखमों को
कम करने में मदद करते हैं, िजनक
े िववाद में फ
ं सने की संभावना नहीं है। बहु-लाभ वाली पिरयोजनाएं िनवेशकों क
े िलए मूल्यवान सद्भावना और अन्य सहायक प्रितफल भी सृिजत
करती हैं। सामािजक और पयार्वरणीय लाभ और िस्थरता भी जलवायु लाभों क
े स्थाियत्व क
े जोिखमों को कम करने का एक महत्वपूणर् साधन है।
3) सरकारें: सरकारें सीसीबी कायर्क्रम का उपयोग यह सुिनिश्चत करने क
े िलए कर सकती हैं िक उनकी सीमाओं क
े भीतर पिरयोजनाएं उनक
े सतत िवकास लक्ष्यों में योगदान दें।
इसक
े अलावा, दाता सरकारें आिधकािरक िवकास सहायता (ODA) पिरयोजनाओं की पहचान करने क
े िलए मानकों का उपयोग कर सकती हैं जो कई अंतरराष्ट्रीय दाियत्वों को
क
ु शलतापूवर्क पूरा करती हैं, जैसे िक िमलेिनयम डेवलपमेंट गोल्स और जलवायु पिरवतर्न और जैिवक िविवधता पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन।
धन्यवाद

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  • 1. जलवायु पिरवतर्न का क ृ िष पर प्रभाव काबर्न ट्रेिड ं ग िकसानों को कमाई क े अवसर डॉ रबीन्द्र पस्तोर, सी ई ओ, ई-फसल
  • 2. ग्रीन हाउस गैसें 1. काबर्न डाइऑक्साइड (CO2), 2. मीथेन (CH4) 3. नाइट्रस ऑक्साइड, (N2O) 4. नाइट्रस ऑक्साइड (N2O), 5. ओजोन (O3), क्लोरोफ्लोकाबर्न (CFC5), 6. हाइड्रोफ्लोरोकाबर्न (HFI5) 7. जल वाष्प (H2O)
  • 3. ग्लोबल वािम र्ं ग ग्लोबल वािम र्ं ग और क ु छ नहीं बिल्क ग्रीनहाउस गैसों क े उत्सजर्न क े कारण सतह क े वातावरण का गमर् होना है, िजससे वैिश्वक वायुमंडलीय तापमान में लंबी अविध में वृिद्ध होती है। सतही वायु तापमान में इस तरह क े पिरवतर्न और लंबे समय तक वषार् पर पिरणामी प्रितक ू ल प्रभाव को जलवायु पिरवतर्न क े रूप में जाना जाता है। यिद ये पैरामीटर साल-दर-साल बदलाव या चक्रीय रुझान िदखाते हैं, तो इसे जलवायु पिरवतर्नशीलता क े रूप में जाना जाता है।
  • 4. जलवायु पिरवतर्न का प्रभाव जलवायु पिरवतर्न और पिरवतर्नशीलता मनुष्य की प्रमुख िचं ता हैं। बार-बार आने वाले सूखे और बाढ़ ने उन अरबों लोगों की आजीिवका को गंभीर रूप से खतरे में डाल िदया है जो अपनी अिधकांश जरूरतों क े िलए भूिम पर िनभर्र हैं। सूखे और बाढ़, ठंड और गमीर् की लहरों, जंगल की आग, भूस्खलन आिद जैसी चरम घटनाओं क े कारण वैिश्वक अथर्व्यवस्था प्रितक ू ल रूप से प्रभािवत हो रही है। भूक ं प, सुनामी और ज्वालामुखी िवस्फोट जैसी प्राक ृ ितक आपदाएं,भी बदलते मौसम क े कारण रहीं है। जो वातावरण की रासायिनक संरचना बदले में अहम योगदान दे रही हैं। यिद ये पैरामीटर साल-दर-साल बदलाव या चक्रीय रुझान िदखाते हैं, तो इसे जलवायु पिरवतर्नशीलता क े रूप में जाना जाता है।
  • 5.
  • 6. ग्रीन हाउस गैसों व ग्लोबल वािम र्ं ग को मापने का फ़ामूर्ला ग्रीन हाउस गैसों व ग्लोबल वािम र्ं ग को मापने क े िलये एक फ़ामूर्ला िवकिसत िकया गया है िजसे में 27*27 घनफ ु ट क े गैस िपन्ड को 1 टन काबर्न डाइऑक्साइड क े रूप में मापते हैं। अन्य ग्रीन हाउस गैसों की गणना करने क े िलए काबर्न डाइऑक्साइड समतुल्य (CO2e) फ़ामूर्ला िवकिसत िकया गया है िजस में एक टन काबर्न डाइऑक्साइड का मान 1, िमथेन का मान 25 गुना, नाइट्रस ऑक्साइड का 22,880 गुना तथा हाइड्रोफ्लोरोकाबर्न का मान 14,800 गुना होता है। ग्रीनहाउस गैसों में, CO2 प्रमुख गैस है जो ग्लोबल वािम र्ं ग की ओर ले जाती है क्योंिक यह लंबी तरंग िविकरण को पकड़ लेती है और इसे वापस पृथ्वी की सतह पर छोड़ देती है।इसिलए सभी गैसों की मात्रा को काबर्न डाइऑक्साइड गैस क े समतुल्य फ़ामूर्ला से गणना कर मापा जाता है।
  • 7. क्योटो प्रोटोकॉल और पेिरस समझौता 1990 क े दशक की शुरुआत से देशों ने इस बात पर बहस की िक जलवायु पिरवतर्न का मुकाबला क ै से िकया जाए। इन वातार्ओं ने क्योटो प्रोटोकॉल और पेिरस समझौते सिहत कई महत्वपूणर् समझौते िकए गये । पेिरस समझौता जलवायु पिरवतर्न पर कानूनी रूप से बाध्यकारी अंतरराष्ट्रीय संिध है। इसे 12 िदसंबर 2015 को पेिरस में सीओपी 21 में 196 देशों द्वारा अपनाया गया जो 4 नवंबर 2016 से लागू हुआ। इसका लक्ष्य पूवर्-औद्योिगक स्तरों की तुलना में ग्लोबल वािम र्ं ग को 2 से नीचे, अिधमानतः 1.5 िडग्री सेिल्सयस तक सीिमत करना है।पेिरस समझौते क े कायार्न्वयन क े िलए सवोर्त्तम उपलब्ध िवज्ञान क े आधार पर आिथ र् क और सामािजक पिरवतर्न की आवश्यकता है। पेिरस समझौता देशों द्वारा की जाने वाली तेजी से महत्वाकांक्षी जलवायु कारर्वाई क े 5 साल क े चक्र पर काम करता है। 2020 तक, देश राष्ट्रीय स्तर पर िनधार्िरत योगदान (एनडीसी) क े रूप में ज्ञात जलवायु कारर्वाई क े िलए अपनी योजनाएं प्रस्तुत करते हैं।
  • 8. जलवायु पिरवतर्न क े िलए कौन से देश िजम्मेदार हैं? उत्तर इस बात पर िनभर्र करता है िक आप िकससे पूछते हैं? और आप उत्सजर्न को क ै से मापते हैं? ग्रीनहाउस गैस उत्सजर्न में योगदान चीन 30% यूएसए 16% भारत 7% सेक्टर वार ग्लोबल ग्रीनहाउस गैस उत्सजर्न िबजली 25%, पिरवहन 29%, उद्योग 23%, क ृ िष 10% िबिल्डं ग 6% अन्य 7% अभी 175 देश जो वैिश्वक उत्सजर्न का 60% िहस्सा उत्सजर्न कर रहे हैं, जो सालाना 27 अरब टन जीएचजी का है।
  • 9. काबर्न क्र े िडट ट्रेिड ं ग - उत्सजर्न ऑफसेट अिधक से अिधक क ं पिनयां अपने स्वयं क े ग्रीनहाउस-गैस उत्सजर्न को िजतना हो सक े कम करक े जलवायु पिरवतर्न को रोकने में मदद करने का संकल्प ले रही हैं। िफर भी कई व्यवसाय पाते हैं िक वे अपने उत्सजर्न को पूरी तरह से समाप्त नहीं कर सकते हैं, या िजतनी जल्दी हो सक े उन्हें कम भी नहीं कर सकते हैं। यह चुनौती उन संगठनों क े िलए िवशेष रूप से किठन है िजनका लक्ष्य शुद्ध-शून्य उत्सजर्न प्राप्त करना है, िजसका अथर् है िक हवा से उतनी ही ग्रीनहाउस गैस िनकालना िजतना वे इसमें डालते हैं। कई लोगों क े िलए, काबर्न क्र े िडट का उपयोग उन उत्सजर्न को ऑफसेट करने क े िलए करना होगा िजन्हें वे अन्य तरीकों से छु टकारा नहीं पा सकते हैं। पेिरस समझौते अनुच्छेद 6 क े िनयम पुिस्तका, यह िनधार्िरत करते हुए िक काबर्न क्र े िडट क ै से होता है, इस्तेमाल और कारोबार क ै से िकया जा सकता है।
  • 10. स्वैिच्छक काबर्न बाजार 1.5-िडग्री लक्ष्य तक पहुँचने क े िलए यह आवश्यक होगा िक वैिश्वक ग्रीनहाउस-गैस उत्सजर्न में 2030 तक मौजूदा स्तरों क े 50 प्रितशत की कटौती की जाए और 2050 तक शुद्ध शून्य तक कम िकया जाए। मैिकन्जी संस्था क े साथ इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल फाइनेंस (आईआईएफ) द्वारा प्रायोिजत स्वैिच्छक काबर्न माक ेर् ट्स (टीएसवीसीएम) पर टास्कफोसर् का अनुमान है िक काबर्न क्र े िडट की मांग 2030 तक 15 गुना या उससे अिधक बढ़ सकती है। क ु ल िमलाकर, काबर्न क्र े िडट का बाजार 2030 में $50 िबिलयन से ऊपर हो सकता है। क ं पिनयां इस एजेंडे क े साथ खुद को संरेिखत कर रही हैं। एक वषर् से भी कम समय में, शुद्ध-शून्य प्रितज्ञा वाली क ं पिनयां 2019 में 500 से दोगुनी होकर 2020 में 1,000 से अिधक हो गईं है। िजस से स्वैिच्छक काबर्न बाजार में काबर्न क्र े िडट की माँग में िनरंतर वृिद्ध हो रही है।
  • 11. भारत में ग्रीनहाउस गैसों का उत्सजर्न भारत में ग्रीनहाउस गैसों का उत्सजर्न - ऊजार् क्षेत्र में 69%, क ृ िष एवं अनुसांिगक क्षेत्र 20%, औद्योिगक क्षेत्र 6%, वनों की कटाई से 1% भूिम उपयोग में पिरवतर्न से 4% भारत 2005 क े स्तर से 2030 तक अपने सकल घरेलू उत्पाद की उत्सजर्न तीव्रता को 33 से 35 प्रितशत तक कम करने क े िलए प्रितबद्ध है।
  • 12. भारत में काबर्न क्र े िडट व्यापार िवश्व बैंक क े अनुमानों क े अनुसार, • भारत सबसे बड़े लाभािथ र् यों में से एक क े रूप में उभर सकता है, िजसका क ु ल िवश्व काबर्न व्यापार का 25 प्रितशत िहस्सा है। भारत को काबर्न क्र े िडट व्यापार में सबसे बड़े लाभािथ र् यों में से एक माना जाता है, िजसका लगभग 5 अरब डॉलर का अनुमान है। इस में क ृ िष सेक्टर ऐसा सेक्टर है जहां काबर्न फ़ािम र्ं ग क े मानक अपना कर सवार्िधक काबर्न क्र े िडट जनरेट िकये जा सकते हैं व खेती भारत की 1.4 अरब आबादी क े आधे िहस्से का भरण-पोषण करती है, लेिकन ग्रीनहाउस गैसों और प्रदूषण का भी प्रमुख योगदानकतार् है लेिकन तकनीक आधािरत पहल से भारत क े बड़े काबर्न उत्सजर्न को कम करने और ऑफसेट करने में मदद कर सकती है, साथ ही िकसानों को अितिरक्त आय भी प्रदान कर सकती है और िकसानों की दक्षता में सहायता कर सकती है। 2070 तक शुद्ध-शून्य उत्सजर्न तक पहुंचने क े िलए, भारत क े लाखों छोटे िकसानों क े िलए काबर्न क्र े िडट और अन्य काबर्न ऑफसेिट ं ग पहल उपलब्ध होनी चािहए।
  • 13. भारत की पांच-स्तरीय रणनीित COP26 क े दौरान, भारत ने जलवायु पिरवतर्न से लड़ने क े िलए अपनी पांच-स्तरीय रणनीित की घोषणा की है। की गई प्रितबद्धताओं में 2030 तक एक अरब टन काबर्न की कमी, 2030 तक सकल घरेलू उत्पाद की काबर्न तीव्रता को 45% तक कम करना और 2070 तक शुद्ध-शून्य उत्सजर्न का लक्ष प्राप्त करना शािमल है। भारत GHG का दुिनया का तीसरा सबसे बड़ा उत्सजर्क है, िजसका 74% काबर्न उत्सजर्न पशुधन और खेती से मीथेन क े कारण होता है, और अन्य 17.5% क ृ िष काबर्न उत्सजर्न चावल की खेती से प्राप्त होता है। जबिक क ृ िष को जलवायु पिरवतर्न का एक प्रमुख कारण माना जाता है, यह समाधान का एक अिभन्न अंग भी है। जैसे हम िमट्टी को ही ले तो सही तकनीकों और प्रौद्योिगिकयों क े साथ लागू कर, अक े ले खेती में 1.2 िबिलयन टन काबर्न को स्टोर करने की क्षमता है और शेष शताब्दी में औसत वािष र् क जीएचजी उत्सजर्न का 4% ऑफसेट कर सकता है।मृदा काबर्न पृथक्करण जलवायु-सकारात्मक क ृ िष क े िलए नई संभावनाओं को खोलता है जो साझा लाभ प्रदान करता है, िजसमें बढ़ी हुई िमट्टी शािमल है जो उवर्रक क े उपयोग को कम करती है और समग्र फसल स्वास्थ्य में सुधार करती है, िकसानों क े लचीलापन और समृिद्ध में वृिद्ध क े साथ-साथ जीएचजी उत्सजर्न को कम करती है।
  • 14. क ृ िष से संबंिधत काबर्न क्र े िडट िसस्टम अब तक ज्यादातर िवकिसत अथर्व्यवस्थाओं में बड़े पैमाने पर बड़ी होिल्डं ग्स तक ही सीिमत हैं, जहां िकसानों क े पास सूचना स्रोतों, प्रौद्योिगकी और आवश्यक मशीनीकरण और उपकरणों तक अिधक पहुंच है। हालांिक, िवकासशील दुिनया में प्रभाव की संभावना - छोटे एकड़ में काम करने वाले करोड़ों िकसानों की संख्या बहुत बड़ी है। हमें पिरयोजनाओं को तेजी से बढ़ाने और स्थायी प्रथाओं का समथर्न करने क े िलए काबर्न क्र े िडट की एक सरल सत्यापन प्रिक्रया िवकिसत हो रही है। काबर्न क्र े िडट - जलवायु-सकारात्मक पिरयोजनाओं से प्रमािणत उत्सजर्न में कमी - की स्थायी व्यावसाियक प्रथाओं को प्रोत्सािहत करने और वैिश्वक शुद्ध-शून्य लक्ष्यों तक पहुंचने में मदद करने क े िलए स्वैिच्छक काबर्न बाजार, अब वैिश्वक िनगमों की रुिच को आकिष र् त कर रहा है। ये कायर्क्रम इन काबर्न ऑफसेट्स क े व्यापार की महत्वाकांक्षा क े साथ-साथ मृदा काबर्न पृथक्करण से ऑफसेट उत्पादन का समथर्न करक े जलवायु शमन में क ृ िष की भूिमका को बढ़ाने की कोिशश करते हैं।
  • 15. क ृ िष से जीएचजी उत्सजर्न को कम करने क े प्रयास • शेल क े साथ ईक े आई एनजीर् जेवी • इंदौर िस्थत ग्रीन क ं सल्टेंसी ईक े आई एनजीर् सिव र् सेज तेल प्रमुख रॉयल डच शेल क े साथ एक संयुक्त उद्यम शुरू करेगी जो भारत में उद्योगों को "प्रक ृ ित-आधािरत समाधान" प्रदान करने क े िलए पांच साल की अविध में $ 1.6 िबिलयन का िनवेश करेगी, इस मामले से पिरिचत लोगों ने कहा। • इन लोगों ने ईटी को बताया िक भारत क े नवीकरणीय क्षेत्र में िवस्तार करने की शेल की योजना क े िहस्से क े रूप में, संयुक्त उद्यम पांच वषोर्ं में 115 िमिलयन काबर्न क्र े िडट क े उत्पादन का लक्ष्य रखेगा
  • 16. पिरयोजना िवकास प्रिक्रया • काबर्न पिरयोजना क े िवकास में पहला कदम पिरयोजना क े तरीकों का आकलन करना और दस्तावेज तैयार करना है िजसका उपयोग यह मूल्यांकन करने क े िलए िकया जाएगा िक क्या यह िकसी िवशेष ग्रीनहाउस गैस (जीएचजी) कमी कायर्क्रम या मानक क े भीतर काबर्न अनुक्रम या उत्सजर्न में कमी गितिविध क े रूप में योग्य है। पिरयोजना िडजाइन दस्तावेज़ उत्सजर्न पिरमाणीकरण पद्धितयों का िववरण देता है और प्रस्तािवत पिरयोजना की लागत और लाभों का एक स्कोिपं ग दस्तावेज़ प्रदान करता है िजसमें िनम्न शािमल हैं: • *पिरयोजना व्यवहायर्ता मूल्यांकन • *पिरयोजना सूची • * इन्वेंटरी िडजाइन और स्थापना • * पिरयोजना और आधारभूत पिरदृश्य मॉडिलं ग • * प्रारंिभक काबर्न क्र े िडट और ऑफसेट पिरयोजना डेटा िरपोटर् • * तृतीय-पक्ष सत्यापन और रिजस्ट्री समीक्षा • *क्र े िडट/ऑफसेट जारी करना • *वािष र् क क्र े िडट/ऑफसेट पिरयोजना डेटा िरपोटर् • * आविधक तृतीय-पक्ष सत्यापन और क्र े िडट/ऑफ़सेट जारी करना
  • 17. वीसीएस+सीसीबी पिरयोजना पिरयोजना प्रस्तावक - भूिमकाएं और िजम्मेदािरयां 1. पिरयोजना प्रस्तावक ऐसी संस्थाएं हैं िजनक े पास पिरयोजनाओं या कायर्क्रमों क े िलए समग्र िनयंत्रण और िजम्मेदारी है जो पिरयोजना को िनयंित्रत और संचािलत करने क े कानूनी अिधकार (यानी, पिरयोजना स्वािमत्व) का प्रदशर्न कर सकते हैं। 2. एक पिरयोजना में एक पिरयोजना प्रस्तावक हो सकता है, या कई पिरयोजना प्रस्तावक हो सकते हैं जो सामूिहक रूप से िकसी पिरयोजना या कायर्क्रम क े िलए समग्र िनयंत्रण और िजम्मेदारी रखते हैं। यिद िकसी पिरयोजना में कई पिरयोजना प्रस्तावक हैं तो उसे एक प्राथिमक पिरयोजना प्रस्तावक नािमत करना चािहए जो वीसीएस और पिरयोजना क े बीच संपक र् क े िबं दु क े रूप में कायर् करेगा। 3. पिरयोजना प्रस्तावक सीसीबी िनयमों क े अनुसार पिरयोजनाओं और कायर्क्रमों की स्थापना और संचालन करते हैं। वे सत्यापन और सत्यापन की सुिवधा क े िलए पिरयोजना िववरण, िनगरानी िरपोटर् और सहायक दस्तावेज (पिरयोजना स्वािमत्व क े साक्ष्य, पिरयोजना गितिविधयों को िनयंित्रत करने और संचािलत करने का कानूनी अिधकार सिहत) प्रदान करने क े िलए िजम्मेदार हैं। 4. पिरयोजना िवकासकतार् और स्थानीय समुदाय: समुदाय, गैर-सरकारी संगठन, एजेंिसयां और अन्य सीसीबी कायर्क्रम का उपयोग उन पिरयोजनाओं क े िवकास का मागर्दशर्न करने क े िलए करते हैं जो पयार्वरणीय और सामुदाियक लाभों का एक सूट प्रदान करती हैं। सामािजक और पयार्वरणीय जोिखमों और अवसरों को संबोिधत करने क े िलए प्रभावी िहतधारक जुड़ाव, सुशासन और समग्र िडजाइन सुिनिश्चत करने से एक अिधक िटकाऊ पिरयोजना बनाने में मदद िमलती है जो कई उद्देश्यों को प्राप्त कर सकती है। प्रारंिभक चरण से, मानकों का उपयोग िकसी पिरयोजना की उच्च गुणवत्ता और संभािवत िनवेशकों और अन्य िहतधारकों को उनकी पिरयोजना क े कई लाभों को प्रदिश र् त करने क े िलए िकया जा सकता है। 5. सीसीबी कायर्क्रम क े िनयमों और आवश्यकताओं को पूरा करने वाली पिरयोजनाओं को तरजीही िनवेश और यहां तक िक िनवेशकों या ऑफसेट खरीदारों से मूल्य प्रीिमयम िमलने की संभावना है जो बहु-मूल्य वाली पिरयोजनाओं और सवोर्त्तम अभ्यास पिरयोजनाओं का समथर्न करते हैं। बहु-लाभ वाली पिरयोजनाएं भी िनवेशकों क े िविवध पोटर्फोिलयो को आकिष र् त करने की अिधक संभावना रखती हैं। 6. सीसीबी कायर्क्रम भूिम प्रबंधन पिरयोजनाओं की पहचान करता है जो स्थानीय समुदायों और जैव िविवधता क े िलए जलवायु पिरवतर्न शमन क े िलए शुद्ध सकारात्मक लाभ प्रदान करते हैं। जलवायु, समुदाय और जैव िविवधता मानकों को िकसी भी भूिम प्रबंधन पिरयोजना पर लागू िकया जा सकता है, िजसमें वे पिरयोजनाएं शािमल हैं जो वनों की कटाई और वन क्षरण से ग्रीनहाउस गैस उत्सजर्न को कम करती हैं या अन्य पािरिस्थितक तंत्र क े क्षरण से बचाती हैं, और ऐसी पिरयोजनाएं जो काबर्न को अलग करक े काबर्न डाइऑक्साइड को हटाती हैं (जैसे, वनों की कटाई, वनीकरण, वनीकरण, वन बहाली, क ृ िष वािनकी और िटकाऊ क ृ िष) या अन्य भूिम प्रबंधन पिरयोजनाएं। 7. पिरयोजना योजना और प्रबंधन क े सभी चरणों क े िलए, िडजाइन से लेकर कायार्न्वयन और िनगरानी तक जलवायु, समुदाय और जैव िविवधता मानक महत्वपूणर् हैं।
  • 18. सीसीबी कायर्क्रम क े फायदे 1)  पिरयोजना िवकासकतार् और स्थानीय समुदाय: समुदाय, गैर सरकारी संगठन, एजेंिसयां और अन्य सीसीबी कायर्क्रम का उपयोग उन पिरयोजनाओं क े िवकास का मागर्दशर्न करने क े िलए करते हैं। सामािजक और पयार्वरणीय जोिखमों और अवसरों को संबोिधत करने क े िलए प्रभावी िहतधारक जुड़ाव, सुशासन और समग्र िडजाइन सुिनिश्चत करने से एक अिधक िटकाऊ पिरयोजना बनाने में मदद िमलती है जो कई उद्देश्यों को प्राप्त कर सकती है। प्रारंिभक चरण से, मानकों का उपयोग िकसी पिरयोजना की उच्च गुणवत्ता और संभािवत िनवेशकों और अन्य िहतधारकों को उनकी पिरयोजना क े कई लाभों को प्रदिश र् त करने क े िलए िकया जा सकता है। सीसीबी कायर्क्रम क े िनयमों और आवश्यकताओं को पूरा करने वाली पिरयोजनाओं को तरजीही िनवेश और यहां तक िक िनवेशकों या ऑफसेट खरीदारों से मूल्य प्रीिमयम िमलने की संभावना है जो बहु-मूल्य वाली पिरयोजनाओं और सवोर्त्तम अभ्यास पिरयोजनाओं का समथर्न करते हैं। बहु-लाभ वाली पिरयोजनाएं भी िनवेशकों क े िविवध पोटर्फोिलयो को आकिष र् त करने की अिधक संभावना रखती हैं। 2)  पिरयोजना िनवेशक और ऑफसेट खरीदार: िनजी क ं पिनयां, बहुपक्षीय एजेंिसयां और काबर्न पिरयोजनाओं में िनवेश करने वाले या काबर्न क्र े िडट प्राप्त करने वाले अन्य फ ं ड प्रोजेक्ट स्क्रीिनं ग क े िलए सीसीबी कायर्क्रम का उपयोग कर सकते हैं। सीसीबी कायर्क्रम उन पिरयोजनाओं की पहचान करता है जो पयार्वरण और सामािजक प्रदशर्न कारकों को सिक्रय रूप से संबोिधत करते हैं, िजससे पयार्वरणीय िगरावट और स्थानीय समुदायों और सरकारों क े प्रितरोध से उत्पन्न होने वाले जलवायु लाभों क े प्रभावी पिरयोजना कायार्न्वयन और स्थाियत्व क े िलए जोिखम कम होता है। इस तरह, मानक िनवेशकों और ऑफसेट खरीदारों को उच्च-गुणवत्ता वाली पिरयोजनाओं की पहचान करक े जोिखमों को कम करने में मदद करते हैं, िजनक े िववाद में फ ं सने की संभावना नहीं है। बहु-लाभ वाली पिरयोजनाएं िनवेशकों क े िलए मूल्यवान सद्भावना और अन्य सहायक प्रितफल भी सृिजत करती हैं। सामािजक और पयार्वरणीय लाभ और िस्थरता भी जलवायु लाभों क े स्थाियत्व क े जोिखमों को कम करने का एक महत्वपूणर् साधन है। 3) सरकारें: सरकारें सीसीबी कायर्क्रम का उपयोग यह सुिनिश्चत करने क े िलए कर सकती हैं िक उनकी सीमाओं क े भीतर पिरयोजनाएं उनक े सतत िवकास लक्ष्यों में योगदान दें। इसक े अलावा, दाता सरकारें आिधकािरक िवकास सहायता (ODA) पिरयोजनाओं की पहचान करने क े िलए मानकों का उपयोग कर सकती हैं जो कई अंतरराष्ट्रीय दाियत्वों को क ु शलतापूवर्क पूरा करती हैं, जैसे िक िमलेिनयम डेवलपमेंट गोल्स और जलवायु पिरवतर्न और जैिवक िविवधता पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन।