1. जो क
ु छ भी हमें घेरता है उसे पर्ाावरण और अध्र्र्न क
े रूप में संदर्भात ककर्ा जा सकता है जो
पर्ाावरण क
े ववर्भन्न पहलुओं, इसकी संरचना, कार्ा और इसकी गुणवत्ता क
े रखरखाव सहहत इसक
े जीववत और
ननजीव घटकों क
े संरक्षण को शार्मल करता है, जजसे सामूहहक रूप से 'पर्ाावरण' कहा जा सकता है। अध्र्र्न
करते हैं'। हवा, र्मट्टी, पानी, हमारे चारों ओर सभी जीववत और ननजीव चीजें पर्ाावरण का ननमााण करती हैं जो
हमारे जीवन को प्रभाववत करती हैं।
पर्यावरण कय अर्ा और पररभयषय
पर्ाावरण आसपास की चीजों र्ा प्रभावों का समुच्चर् है। 'पर्ाावरण फ्ांसीसी शब्द 'एनवार्रन' से बना है जजसका
अर्ा है 'क
ु ल घेरा'। पर्ाावरण में समग्र जथर्नत और प्रभाव शार्मल हैं जो जीववत जीवों को प्रभाववत करते हैं।
'र्मर्लउ' र्ा 'हैबबटेट' पर्ाावरण क
े पर्ाार्वाची हैं। पर्ाावरणववद्, किहटंग क
े अनुसार, "जीवों क
े र्मर्लर्ू कारकों की
समग्रता पर्ाावरण है।"
र्ूननवसाल इनसाइक्लोपीडिर्ा क
े अनुसार "ककसी जीव क
े ववकास र्ा जीवों क
े संर्ोजन को प्रभाववत करने वाले
सभी भौनतक और सांथक
ृ नतक कारक और जथर्नतर्ां पर्ाावरण हैं।"
वेबथटर डिक्शनरी क
े अनुसार "पर्ाावरण एक जीव क
े जीवन ववकास को प्रभाववत करने वाली सभी बाहरी
जथर्नतर्ों और प्रभावों का र्ोग है।"
पर्ाावरण को "जीववत जीवों क
े सभी पररवेशों क
े क
ु ल र्ोग क
े रूप में भी पररभावित ककर्ा गर्ा है, जजसमें
प्राक
ृ नतक शजक्तर्ां और अन्र् जीववत चीजें शार्मल हैं जो ववकास और ववकास क
े सार्-सार् खतरे और क्षनत क
े
र्लए जथर्नतर्ां प्रदान करती हैं।"
इस प्रकार पर्ाावरण आसपास है। इसमें जीववत चीजों क
े सार्-सार् प्राक
ृ नतक शजक्तर्ां भी शार्मल हैं। जीववत
चीजों का वातावरण न क
े वल नए ववकास और वृद्धि क
े र्लए बजकक खतरे और क्षनत क
े र्लए भी जथर्नतर्ां
प्रदान करता है। जीववत चीजें क
े वल अपने वातावरण में मौजूद नहीं होती हैं। वे इसक
े सार् लगातार बातचीत
करते हैं। पर्ाावरण में जथर्नतर्ों क
े जवाब में जीव बदलते हैं। पर्ाावरण में पौिों, जानवरों, र्मट्टी, पानी, तापमान
और अन्र् जीववत और ननजीव चीजों क
े बीच परथपर किर्ा होती है।
पर्ाावरण की प्रमुख ववशेिताएं
पर्ाावरण की मुख्र् ववशेिताएं ननम्नर्लखखत हैं:
(1) सजीव और ननजीव घटक पर्ाावरण क
े मुख्र् घटक हैं। पर्ाावरण क
े जैववक और अजैववक तत्व अपनी
ववशेिताओं क
े अनुसार पर्ाावरण का ननमााण करते हैं।
(2) जीवों क
े आस-पास की पररजथर्नतर्ााँ पर्ाावरण का ननमााण करती हैं।
(3) पारथपररक अजथतत्व पर्ाावरण की मुख्र् ववशेिता है।
(4) पर्ाावरण प्रक
ृ नत में गनतशील है। सूर्ा से ऊजाा पर्ाावरण की गनतशील प्रक
ृ नत का मुख्र् कारण है।
(5) हमारे आस-पास का वातावरण एक "जीवन समर्ान प्रणाली" का गठन करता है।
(6) पर्ाावरण बाहरी पररजथर्नतर्ों की पूरी श्ृंखला है जजसक
े तहत एक जीव रहता है।
(7) पर्ाावरण आत्म-ननर्ंत्रण और आत्म-पोिण की अविारणा पर आिाररत है।
(8) पर्ाावरण जीवों का आवास है।
(9) पर्ाावरण में प्राक
ृ नतक संसािन प्रचुर मात्रा में हैं।
2. (10) पर्ाावरण में, ववर्शष्ट शारीररक गनतववधिर्ााँ लगातार सकिर् रहती हैं।
(11) पर्ाावरण में जीव बदलते पररवेश क
े अनुसार अनुक
ू ल होते हैं।
र्ाावरण क
े अवर्व
पर्ाावरण में ननम्नर्लखखत चार घटक शार्मल हैं:
1. थर्लमंिल 2. जलमंिल 3. वार्ुमंिल 4. जीवमंिल
पृथ्वी में र्सर्लक
े ट चट्टानों की एक बाहरी परत, एक उच्च धचपधचपा मेंटल, एक तरल कोर और एक ठोस
आंतररक कोर है। पृथ्वी पर पानी की प्रचुरता एक अनूठी ववशेिता है जो हमारे ग्रह को सौर मंिल क
े अन्र् ग्रहों
से अलग करती है। सूर्ा से पृथ्वी की दूरी, ज्वालामुखी, गुरुत्वाकिाण, ग्रीनहाउस प्रभाव, चुंबकीर् क्षेत्र और
ऑक्सीजन र्ुक्त वातावरण पृथ्वी को जीवन क
े िलने-ि
ू लने क
े र्लए एक अद्ववतीर् थर्ान बनाते हैं।
हमारे ग्रह को घेरने वाली गैसों क
े आवरण को "वार्ुमंिल" कहा जाता है। र्ह गैसों, जल वाष्प और ववर्भन्न
प्रकार क
े सूक्ष्म कणों का एक जहटल र्मश्ण है। र्ह पृथ्वी क
े वार्ुमंिल की ववर्शष्ट संरचना और संरचना है जो
इस ग्रह पर एक थवथर् जीवमंिल (जीवन) क
े अजथतत्व क
े र्लए उपर्ुक्त जथर्नत बनाने क
े र्लए जजम्मेदार है।
र्ह पृथ्वी की सतह क
े तापमान को ननर्ंबत्रत करता है। लंबी तरंग दैध्र्ा ववककरणों को अवशोवित करने में सक्षम
गैसों की उपजथर्नत तापमान को बनाए रखने क
े र्लए जजम्मेदार है जजसक
े तहत जीवन गनतववधिर्ां संभव हैं।
हाननकारक पराबैंगनी ववककरण जो थर्लीर् जीवन को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकते हैं, वार्ुमंिल में पृथ्वी
की सतह से ऊपर उच्च अवशोवित होते हैं। वार्ुमंिल की सामग्री का ननरंतर र्मश्ण वार्ु िाराओं और ऊध्वाािर
तापमान प्रवणता क
े कारण होता है जो संचर् को रोकता है और ऊध्वाािर तापमान प्रवणता जो ककसी ववशेि
थर्ान पर हाननकारक गैसों और वाष्पों क
े संचर् को रोकता है। इसर्लए, वातावरण गैसीर् कचरे क
े पररवहन और
प्रसार क
े र्लए त्वररत और प्रभावी माध्र्म है।र्ह पृथ्वी की सतह से अपनी ऊष्मा को चलाता है, गमा हवा हककी
होने क
े कारण रुद्िोष्म रूप से ऊपर उठती और ठंिी होती है। संघननत जल वाष्प को ठंिा करना। प्रदूिकों क
े
पूरे भार को बि
ा क
े सार् नीचे लार्ा जाता है, ओस भागे हुए आर्नमंिल हैं जो वातावरण को व्र्वजथर्त करते
हैं। वार्ुमंिल को चार प्रमुख क्षेत्रों र्ा परतों में ववभाजजत ककर्ा जा सकता है। र्े क्षोभमंिल, समताप मंिल,
जलमंिल और आर्नोथिीर्र और एक्सोथिीर्र हैं।
जीवमंिल पृथ्वी की जीवनदानर्नी परत है। जीववत जीवों का अजथतत्व पर्ाावरण क
े घटकों क
े बीच और
र्लर्ोथिीर्र हाइड्रोथिीर्र वार्ुमंिल और थवर्ं जीवमंिल क
े बीच जहटल अंतःकिर्ाओं की एक प्रणाली पर ननभार
करता है। र्े अंतःकिर्ाएं जो सभी जीववत जीवों की आवश्र्कता को पूरा करती हैं जैसे भोजन, आश्र्, पानी, सांस
लेने क
े र्लए ऑक्सीजन, प्रजनन क
े र्लए सार्ी आहद। पृथ्वी पर जीवन क
े र्लए आवश्र्क र्ा जीववका।
पर्ाावरण क
े ववर्भन्न घटकों को दो समूहों में वगीक
ृ त ककर्ा गर्ा है:
(1) तत्वों का भौनतक समूह र्ा अजैववक कारक।
(2) तत्वों का जैववक समूह र्ा जैववक कारक।
(1) तत्वों का भौनतक समूह: इसे चार वगों में बांटा गर्ा है:
(i) वार्ुमंिलीर् तत्व: इसमें सौर ऊजाा, सूर्ा प्रकाश, तापमान, विाा आर्द्ाता और ववर्भन्न गैसें आहद शार्मल हैं।
(ii) थर्लमंिलीर् तत्व हैं - र्मट्टी, चट्टानें, खननज, पठार और पहाड़ आहद।
(iii) हाइड्रोथि
े ररक तत्व: इसमें जल ननकार्, भूर्मगत जल और समुर्द्ी जल आहद शार्मल हैं।
3. (iv) जथर्नत से संबंधित तत्व: उदाहरण पहाड़, पठार, खेत और महाद्वीप आहद हैं।
(2) तत्वों का जैववक समूह: इस समूह क
े चार वगा हैं:
(i) मनुष्र् (ii) पशु (iii) पौिे और पेड़ (iv) सूक्ष्म जीव।
पर्ाावरण क
े इन जैववक तत्वों का जीवन चि उपरोक्त तत्वों की सहार्ता से सुचारू रूप से चलता है। पर्ाावरण
क
े र्े सभी तत्व परथपर जुड़े हुए हैं। पर्ाावरण क
े इन सभी तत्वों र्ा इनमें से ककसी भी तत्व क
े अभाव में
पृथ्वी पर जीवन संभव नहीं है सांथक
ृ नतक पर्ाावरण भी इन सभी कारकों का अर्भन्न अंग है। इसर्लए, पर्ाावरण
क
े सभी तत्वों को तीन समूहों में बांटा गर्ा है:
(1) भौनतक पर्ाावरण: इसमें पर्ाावरण क
े सभी अजैववक तत्व शार्मल हैं।
(2) जैववक पर्ाावरण: इसमें पर्ाावरण क
े सभी जीव शार्मल हैं।
(3) सांथक
ृ नतक वातावरण: इसमें सभी मानव ननर्मात पररदृश्र् शार्मल हैं जैसे, सड़क, रेल, हवाई जहाज, जहाज,
आहद। इसमें मानव समुदार्ों क
े िमा, जीवन थतर, रीनत-ररवाज और समाज की परंपरा आहद भी शार्मल हैं।
पर्ाावरण का वगीकरण
पर्ाावरण क
े जीववत और ननजीव घटकों का अजथतत्व और व्र्वहार भौनतक, रासार्ननक, भौगोर्लक और जैववक
ववज्ञान क
े ननर्मों द्वारा कवर ककर्ा जाता है। मानव व्र्वहार और मानव समाज का प्रबंिन मनोवैज्ञाननक,
राजनीनतक और सामाजजक ववज्ञानों द्वारा कवर ककर्ा जाता है। मनुष्र् अक
े ले और अलग-अलग जीववत प्राणी
नहीं रह सकता। जजस प्राक
ृ नतक प्रणाली में मनुष्र् अन्र् सभी प्रजानतर्ों क
े सार् मौजूद है, उसे थवथर् और
कार्ाात्मक अवथर्ा में बनाए रखा जाना चाहहए। पर्ाावरण उन सभी भौनतक और जैववक जथर्नतर्ों का समुच्चर्
है जो पर्ाावरण क
े सभी जीवों की किर्ा और प्रनतकिर्ा को प्रभाववत करते हैं। पर्ाावरण को मोटे तौर पर प्रर्म
भौनतक पर्ाावरण और द्ववतीर् सांथक
ृ नतक पर्ाावरण क
े वगों में ववभाजजत ककर्ा जा सकता है।
(I) भौनतक र्ा प्राक
ृ नतक वातावरण (वार्ुमंिल)
इसे प्रार्र्मक वातावरण क
े रूप में भी जाना जाता है। इसमें प्रक
ृ नत की वे सभी शजक्तर्ां, प्रकिर्ाएं और तत्व
शार्मल हैं जो मनुष्र् और उसकी गनतववधिर्ों और जीवन शैली को प्रभाववत करते हैं। प्राक
ृ नतक वातावरण
मनुष्र् को प्रक
ृ नत की अनुपम देन है।
(1) भौतिक पर्यावरण की ियकिें: सौर ऊर्या, पृथ्वी की पपडी की गति, ज्वयलयमुखी, भूक
ं प, पृथ्वी की वयर्षाक और
दैतिक गति आदद क
े कयरण पृथ्वी की सिह पर पेश होिे वयली सभी क्रिर्यएं और प्रतिक्रिर्यएं प्रत्र्क्ष र्य
अप्रत्र्क्ष रूप से पृथ्वी पर प्रभयव डयलिी हैं।
(2) प्रक्रिर्यएँ भौतिक वयियवरण हैं: भौतिक वयियवरण की प्रक्रिर्यएँ सीधे भौतिक वयियवरण की शक्ति से होिी हैं।
र्ल तिकयर्ों में गति, पृथ्वी, ममट्टी कय कटयव, र्ीवों कय र्न्म, र्वकयस और मृत्र्ु सभी भौतिक पर्यावरण की
प्रक्रिर्यएं हैं।
4. (II) सयंस्क
ृ तिक पर्यावरण
सयंस्क
ृ तिक पर्यावरण को सयमयक्र्क और मयिव तिममाि पर्यावरण क
े रूप में भी र्यिय र्यिय है। इसमें वे सभी
ित्व शयममल हैं र्ो मयिव और सयमयक्र्क गतिर्वधधर्ों को तिदेमशि करिे हैं र्ो मिुष्र् क
े र्ीवि स्िर को
तिधयाररि करिे हैं।
मिुष्र् अपिी आवश्र्कियओं क
े अिुसयर प्रयक
ृ तिक पर्यावरण को ज्ञयि और िकिीकों की सहयर्िय से संशोधधि
करिय है। मिुष्र् अपिी आवश्र्कियओं की पूतिा क
े मलए प्रयक
ृ तिक संसयधिों कय दोहि करिय है। क
ृ र्ष, पररवहि
मयगों कय तिमयाण, उद्र्ोगों की स्र्यपिय, संचयर क
े सयधिों कय र्वकयस। आदद उदयहरण हैं। इि सभी गतिर्वधधर्ों
को संर्ुति रूप से सयंस्क
ृ तिक वयियवरण र्य मयिव तिममाि भौतिक संस्क
ृ ति क
े रूप में र्यिय र्यिय है।
सयंस्क
ृ तिक वयियवरण को िीि वगों में बयंटय गर्य है:
(1) सयंस्क
ृ तिक शक्ति: उदयहरण क
े मलए, र्िसंख्र्य कय र्विरण, घित्व और वृद्धध। मलंग अिुपयि, आर्ु संरचिय,
शयरीररक और मयिमसक स्वयस्थ्र् आदद।
(2) सयंस्क
ृ तिक प्रक्रिर्य: उदयहरण क
े मलए, भोर्ि, उत्पयदि प्रवयस, संप्रभुिय, पृर्तकरण और उत्तरयधधकयर आदद।
(3) सयंस्क
ृ तिक ित्व: इसमें मयिव र्ीवि क
े िीि मयिव तिममाि पैटिा शयममल हैं:
(i) सयमयक्र्क तिर्ंत्रण कय पैटिा: उदयहरण क
े मलए- लोक िरीक
े , रीति-ररवयर् और परंपरयएं, मयन्र्ियएं और
सयमयक्र्क संस्र्यएं।
(ii) गतिर्वधध पैटिा: उदयहरण क
े मलए, मयिव व्र्वसयर्, शैक्षणणक संस्र्यि, मिोरंर्ि, रयर्िीतिक और सैन्र्
गतिर्वधधर्यँ।
(iii) तिमयाण पैटिा सभी सयंस्क
ृ तिक पररदृश्र्: उदयहरण क
ृ र्ष, फसलें, िहरें हैं। पशुओं को पयलिू बियिय, मिुष्र् कय
आवयस, पररवहि, भवि और पररवहि क
े सयधि आदद।
संस्क
ृ ति क
े अिुसयर सयंस्क
ृ तिक पर्यावरण को दो भयगों में बयंटय गर्य है।
(1) भौतिक संस्क
ृ ति से संबंधधि पर्यावरण: इसक
े अंिगाि उि सभी मयिव तिममाि ित्वों को शयममल क्रकर्य र्यिय
है र्ो भोर्ि, कपडय और आश्रर् की आपूतिा क
े मलए बिे होिे हैं। उदयहरण घर, सडक रेल, क
ृ र्ष, फसलें, र्वमभन्ि
उद्र्ोग आदद हैं।
(2) अभौतिक संस्क
ृ ति से संबंधधि पर्यावरण: इसे मिुष्र् की सयमयक्र्क र्वरयसि क
े रूप में भी र्यिय र्यिय है।
इसमें सयमयक्र्क परंपरयएं, भयषय, कलय, धमा, पररवयर और सरकयर आदद शयममल हैं।
पर्यावरण र्वज्ञयि की बहुर्वषर्क प्रक
ृ ति
पर्यावरण अध्र्र्ि पृथ्वी की कयर्ाप्रणयली, उसकी र्ीवि समर्ाि प्रणयली, उसकी अंिःक्रिर्यओं, प्रभयवों और
समयधयिों से संबंधधि है, पर्यावरण की र्दटल प्रक
ृ ति को ध्र्यि में रखिे हुए, र्वज्ञयि, सयमयक्र्क र्वज्ञयि, कयिूि
5. और इंर्ीतिर्ररंग क
े र्वमभन्ि र्वषर्ों से ज्ञयि और र्यिकयरी को शयममल क्रकर्य र्यिय है। पर्यावरण अध्र्र्ि में
इसे समझिे क
े मलए। पर्यावरण क
े र्ीर्वि और तिर्ीव घटकों कय अक्स्ित्व और व्र्वहयर भौतिक, रयसयर्तिक,
भूवैज्ञयतिक और र्ैर्वक र्वज्ञयि क
े तिर्मों द्वयरय कवर क्रकर्य गर्य है। मयिव व्र्वहयर और मयिव समयर् कय
प्रबंधि मिोवैज्ञयतिक, रयर्िीतिक और सयमयक्र्क र्वज्ञयिों द्वयरय कवर क्रकर्य र्यिय है। एक स्वस्र् रयज्र् में
पर्यावरण क
े रखरखयव क
े मलए बियए गए तिर्म रयष्रीर् कयिूि क
े अधधकयर क्षेत्र में आिे हैं, र्बक्रक आपक
े
द्वयरय सयमिय की र्यिे वयली आम समस्र्यओं क
े संबंध में दो से अधधक देश अंिररयष्रीर् कयिूि क
े दयर्रे में
आिे हैं। िीचे सूचीबद्ध र्वज्ञयि से र्ुडे र्वमभन्ि पहलुओं को पर्यावरण से र्ुडे क्रकसी भी अध्र्र्ि क
े मलए ध्र्यि
में रखय र्यिय चयदहए।
(1) प्रयक
ृ तिक र्वज्ञयि कय र्वषर्: पर्यावरण र्वज्ञयि में प्रयक
ृ तिक र्वज्ञयि क
े तिम्िमलणखि र्वषर् कय अध्र्र्ि
शयममल है।
(i) र्ीव र्वज्ञयि: पर्यावरण र्वज्ञयि की शयखयओं क
े बयद अंडरटेकर र्ीव र्वज्ञयि हमिे शरीर र्वज्ञयि, विस्पति
र्वज्ञयि, प्रयणी र्वज्ञयि, सूक्ष्म र्ीव र्वज्ञयि, आिुवंमशकी, र्ैव रसयर्ि आदद कय अध्र्र्ि क्रकर्य।
(ii) रसयर्ि र्वज्ञयि
(iii) भूर्वज्ञयि
(iv) र्लवयर्ु र्वज्ञयि और मौसम र्वज्ञयि
पर्यावरणीर् समस्र्यओं क
े समयधयि खोर्िे क
े मलए आिुवंमशकी और र्ैव प्रौद्र्ोधगकी उपर्ोगी उपकरण क
े रूप
में उभर रहे हैं। द्रव्र्मयि और ऊर्या हस्ियंिरण क
े सयर्-सयर् पर्यावरण क
े अर्ैर्वक घटकों की भौतिक और
रयसयर्तिक संरचिय को समझिे क
े मलए। हमें भौतिकी, रसयर्ि र्वज्ञयि, भूर्वज्ञयि, वयर्ुमंडलीर् र्वज्ञयि और समुद्र
र्वज्ञयि और भूगोल की बुतिर्यदी अवधयरणयओं कय उपर्ोग करिय होगय।
(2) सयमयक्र्क र्वज्ञयि और मयिर्वकी: अर्ाशयस्त्र, रयर्िीति र्वज्ञयि, समयर्शयस्त्र, िैतिकिय, अपरयध र्वज्ञयि, पर्ाटि
और लोक प्रशयसि र्ैसे र्वषर् र्वमभन्ि र्वकयस गतिर्वधधर्ों से र्ुडे सयमयक्र्क-आधर्ाक पहलुओं से तिपटिे क
े
मलए इिपुट प्रदयि करिे हैं।
(3) पर्यावरण इंर्ीतिर्ररंग: हयइड्रोमलतस क
े मसर्वल इंर्ीतिर्ररंग कय एक संश्लेषण, रयसयर्तिक इंर्ीतिर्ररंग
पर्यावरण प्रदूषण तिर्ंत्रण और अपमशष्ट उपचयर क
े मलए िकिीकी समयधयि प्रदयि करिय है र्ो पर्यावरण की
सुरक्षय क
े मलए अत्र्ंि महत्वपूणा हैं। विामयि में पर्यावरण इंर्ीतिर्ररंग पर्यावरण र्वज्ञयि क
े र्वमभन्ि पहलुओं को
समझिे क
े मलए एक उभरिय हुआ और महत्वपूणा उपकरण है।
पर्यावरण मशक्षय और र्िसंचयर दो महत्वपूणा र्वषर् हैं र्ो पर्यावरण र्यगरूकिय क
े प्रसयर में सहयर्क हैं।
पर्यावरणीर् िैतिकिय स्र्यर्ी र्ीवि शैली क
े मलए ददशयतिदेश प्रदयि करिी है।
पर्यावरण र्वज्ञयि की बहु-र्वषर्क प्रक
ृ ति
6. 1. प्रयक
ृ तिक र्वज्ञयि क
े र्वषर्- र्ीव र्वज्ञयि, रसयर्ि र्वज्ञयि, भूर्वज्ञयि, र्लवयर्ु र्वज्ञयि और मौसम र्वज्ञयि
बयर्ोलॉर्ी-क्रफक्र्र्ोलॉर्ी, इकोलॉर्ी, बोलिी, र्ूलॉर्ी, मयइिोबयर्ोलॉर्ी
2. सयमयक्र्क र्वज्ञयि और मयिर्वकी-भूगोल, अर्ाशयस्त्र, रयर्िीति र्वज्ञयि, िैतिकिय, अपरयध र्वज्ञयि, लोक प्रशयसि,
पर्ाटि
3. पर्यावरण इंर्ीतिर्ररंग
भौगोमलक अध्र्र्ि में पर्यावरण कय स्र्यि
1850-1970 की अवधध क
े दौरयि भौगोमलक अध्र्र्ि पर्यावरण क
े अध्र्र्ि में उधचि स्र्यि प्रयप्ि िहीं कर सक
े ।
1970 क
े बयद र्ब र्वश्वव्र्यपी पर्यावरण संबंधी समस्र्यएं र्ैसे पर्यावरण क्षरण, पर्यावरण प्रदूषण, पयररक्स्र्तिक
असंिुलि उभरय, िो इस प्रकयर की समस्र्यओं क
े समयधयि क
े मलए पयररक्स्र्तिकीर्वदों और प्रक
ृ तिवयददर्ों िे बहुि
र्ोगदयि ददर्य। इसक
े बयद भूगोलवेत्तयओं िे भी अपिे भौगोमलक अध्र्र्ि में पर्यावरण को महत्व ददर्य। विामयि
समर् में भूगोल ही एकमयत्र ऐसय र्वषर् है र्ो समर् और स्र्यि क
े संदभा में मयिव पर्यावरण क
े र्दटल
अंिसंबंधों कय र्वश्लेषण करिे में सक्षम है।
विामयि में पर्यावरण संबंधी भौगोमलक अध्र्र्िों में तिम्िमलणखि पहलुओं कय अध्र्र्ि क्रकर्य र्यिय है:
1. पयररक्स्र्तिकी और पयररक्स्र्तिकी िंत्र।
2. र्ीवमंडल क
े घटक।
3. पर्यावरण क्षरण और पर्यावरण प्रदूषण।
4. पर्यावरणीर् आपदयएं।
5. पर्यावरण संरक्षण और प्रबंधि।
पर्यावरण र्वज्ञयि कय दयर्रय
इसकी र्दटल और बहु-र्वषर्क प्रक
ृ ति क
े कयरण, एक र्वषर् क
े रूप में पर्यावरण अध्र्र्ि कय व्र्यपक दयर्रय है।
मूल रूप से पर्यावरण र्वज्ञयि ऊर्या संरक्षण, र्ैव र्वर्वधिय, र्लवयर्ु पररविाि, भूममगि र्ल, मृदय प्रदूषण क
े सयर्-
सयर् र्ल प्रदूषण से संबंधधि खिरों, वयर्ु प्रदूषण, प्लयक्स्टक प्रदूषण और उन्हें तिर्ंत्रत्रि करिे क
े उपयर्ों से
संबंधधि है। इसमें बडी संख्र्य में क्षेत्रों और पहलुओं को शयममल क्रकर्य गर्य है क्र्न्हें संक्षेप में तिम्ियिुसयर क्रकर्य
र्य सकिय है:
1. प्रयक
ृ तिक संसयधिों की उपलब्धिय।
2. पर्यावरण की गुणवत्तय और पर्यावरण प्रदूषण।
3. पयररक्स्र्तिकी िंत्र।
7. 4. र्ैव र्वर्वधिय और उसकय संरक्षण।
5. आपदय प्रबंधि।
6. ग्लोबल वयममंग, र्लवयर्ु पररविाि, ओर्ोि परि कय ह्रयस, अम्ल वषया।
7. पर्यावरण से संबंधधि सयमयक्र्क मुद्दे।
8. मयिव र्िसंख्र्य और पर्यावरण।
9. पर्यावरण संरक्षण, संरक्षण और पर्यावरण र्यगरूकिय।
मूल रूप से पर्यावरण र्वज्ञयि क
े दयर्रे कय अध्र्र्ि तिम्िमलणखि दृक्ष्टकोण से क्रकर्य र्यिय है:
1. प्रयक
ृ तिक दुतिर्य कय प्रबंधि क
ै से क्रकर्य र्यिय है?
2. मयिव प्रयक
ृ तिक पर्यावरण क
े सयर् क
ै से प्रतिक्रिर्य करिय है?
3. मयिव प्रयक
ृ तिक पर्यावरण को क
ै से प्रभयर्वि करिय है?
4. पर्यावरण क्षरण क
े दुष्प्रभयवों को क
ै से कम क्रकर्य र्य सकिय है?
पर्यावरण अध्र्र्ि कय महत्व
मयिव गतिर्वधध िे ऐतिहयमसक रूप से पर्यावरण को प्रभयर्वि क्रकर्य है लेक्रकि र्पछली शियब्दी क
े दौरयि और
र्वशेष रूप से र्पछले 50 वषों की गतिर्वधध िे पर्यावरण को र्वियशकयरी रूप से प्रभयर्वि क्रकर्य है। आर् हम
दुतिर्य की बढ़िी आबयदी क
े मलए भोर्ि, आश्रर् और कई अन्र् आवश्र्कियओं को प्रदयि करिे की अपिी खोर्
में प्रयक
ृ तिक प्रणयमलर्ों को प्रभयर्वि करिे हैं, महत्वपूणा रूप से सयमग्री तिकयलिे, ऊर्या कय उपर्ोग करिे और
प्रदूषण कय उत्सर्ाि करिे हैं। प्रयक
ृ तिक संसयधिों कय अत्र्धधक दोहि और पर्यावरण कय प्रदूषण र्ीवि रक्षक
प्रणयली कय क्षरण कर रहे हैं क्र्स पर सयरय र्ीवि अपिे सयर क
े मलए तिभार करिय है। र्ैसे-र्ैसे प्रयक
ृ तिक
व्र्वस्र्य त्रबगडिी र्यएगी, र्ह हमयरे दैतिक र्ीवि की आवश्र्कियओं की पूतिा करेगी। रयसयर्तिक रूप से
पररवतिाि पर्यावरण हमयरे र्ीवि को और अधधक कदिि बिय देगय। र्ह स्वस्र् संक
े ि िहीं है। हमें हयतिकयरक
प्रवृर्त्तर्ों को सुर्क्षि रखिय होगय। पूरी मयिविय कय भर्वष्र् दयंव पर है।
व्र्क्तिगि स्र्यिीर् तिकयर्ों क
े क्र्म्मेदयर क
ृ त्र्ों द्वयरय पर्यावरणीर् गुणवत्तय में सुधयर प्रयप्ि क्रकर्य र्य सकिय है।
उदयहरण क
े मलए, र्ोडे क
े वल दो बच्चे पैदय करिे कय तिणार् ले सकिे हैं और इस प्रकयर र्िसंख्र्य तिर्ंत्रण में
मदद करिे हैं। व्र्क्तिर्ों को ऊर्या क्र्म्मेदयरी कय उपर्ोग करिय चयदहए। वे कयर क
े बर्यर् सयइक्रकल कय उपर्ोग
कर सकिे हैं, इस प्रकयर र्ोडय पेरोल बचय सकिे हैं। सभी क
े द्वयरय बचयई गई पेरोल की क
ु छ बूंदें भयरी मयत्रय में
बिेंगी, क्र्ससे वयियवरण में कयबाि उत्सर्ाि कम होगय।
पर्यावरण से संबंधधि मुद्दों क
े मलए ि क
े वल ध्र्यि बक्कक सयमयक्र्क संगििों क
े हर स्िर पर सभी क
े सक्रिर्
संचयलि, वैज्ञयतिक मशक्षयर्वद, सयमयक्र्क वैज्ञयतिक, रयर्िेिय और प्रशयसकों की आवश्र्किय है। व्र्क्ति सयमूदहक
8. रूप से एक समयर् र्य रयज्र् कय तिमयाण करिे हैं।र्मीिी स्िर पर शुरू होिे वयले आंदोलि रयष्र क
े मलए क्रकसी
देश की र्वचयरधयरयओं और िीतिर्ों को ऊपर से िीचे की ओर शुरू की गई िीतिर्ों की िुलिय में अधधक प्रभयवी
ढंग से प्रभयर्वि करिे हैं। सयमयक्र्क और आधर्ाक पररविाि व्र्क्तिगि स्िरों पर शुरू होिे हैं। र्िमि बदलिे से
सरकयर की िीतिर्ों में बदलयव आ सकिय है र्ो बयद में कयरावयई में बदल र्यिय है। कई पर्यावरणीर् समस्र्यएं
बस इसमलए मौर्ूद हैं तर्ोंक्रक दुतिर्य भर में बहुि से लोग इसमें र्ोगदयि करिे हैं। इसी िरह प्रत्र्ेक व्र्क्ति
की ओर से मेरय छोटय सय प्रर्यस पर्यावरण की क्स्र्ति में महत्वपूणा सुधयर लयिे में सहयर्क होगय।
'रयष्रीर् मशक्षय िीति, 1986' क
े अिुसयर, र्ह मूलभूि आवश्र्किय है र्ो बच्चों, र्ुवयओं, वृद्धों और सभी ियगररकों
और हर क्षेत्र में पर्यावरण क
े बयरे में र्यगरूकिय र्वकमसि करे। पर्यावरण कय र्वषर् स्क
ू ल, कॉलेर् और
र्वश्वर्वद्र्यलर् की मशक्षय कय दहस्सय होिय चयदहए। इसे र्ीवि में मशक्षय क
े हर चरण में शयममल क्रकर्य र्यिय
चयदहए।"
प्रक
ृ ति क
े प्रति क
ृ िज्ञिय और क
ृ िज्ञिय की दृक्ष्ट कय तिमयाण ही मिुष्र् को बचयिे और हमयरे गयंव, कस्बों, शहरों,
रयज्र्ों और ि क
े वल हमयरे देश बक्कक पूरे र्वश्व क
े पर्यावरण को बचयिे कय मयगा हो सकिय है।