2. मानव की ववकास सम्बन्धी गतिववधधयााँ जैसे भवन तनमााण,
यािायाि और तनमााण न क
े वल प्राकृ तिक संसाधनों को
घटािी है बल्कक इिना क
ू ड़ा-कक
ा ट (अपशिष्ट) भी उत्पन्न
करिी हैं ल्जससे वायु, जल, मृदा और समुद्र सभी प्रदूविि
हो जािे हैं। वैल्ववक ऊष्मण बढ़िा है और अम्ल विाा बढ़
जािी है। अनुपचाररि या अनुधचि रूप से उपचाररि
अपशिष्ट (क
ू ड़ा-कक
ा ट) नददयों क
े प्रदूिण और पयाावरणीय
अवक्रमण का मुख्य कारण है ल्जसक
े फलस्वरूप स्वास््य
का खराब होना और फसलों की उत्पादकिा में कमी आिी
है। इस पाठ में आप प्रदूिण क
े प्रमुख कारणों, हमारे
पयाावरण पर पड़ने वाले उनक
े प्रभावों और ववशभन्न उपायों
क
े बारे में जानकारी प्राप्ि करेंगे, ल्जनसे इस प्रकार क
े
प्रदूिणों को तनयंत्रिि ककया जा सकिा है।
3. मानव गतिववधधयााँ ककसी न ककसी प्रकार से पयाावरण
को प्रतिक
ू ल रूप से प्रभाववि करिी ही हैं। एक पत्थर
काटने वाला उपकरण वायुमंडल में तनलंत्रबि कणणकीय
द्रव्य (Particulate matter, उड़िे हुए कण) और िोर
फ
ै ला देिा है। गाड़ड़यााँ (ऑटोमोबाइल) अपने पीछे लगे
तनकास पाइप से नाइट्रोजन, सकफर डाइऑक्साइड,
काबान डाइऑक्साइड, काबान मोनोऑक्साइड और
हाइड्रोजन का शमश्रण भरा काला धुआाँ छोड़िे हैं ल्जससे
वािावरण प्रदूविि होिा है।
4. प्रदूिण क
े तनम्नशलणखि प्रकार हो सकिे हैं:
- वायु प्रदूिण
- ध्वतन प्रदूिण
- जल प्रदूिण
- मृदा (भूशम) प्रदूिण
5. वायु प्रदूिण औद्योधगक गतिववधधयों और क
ु छ घरेलू
गतिववधधयों क
े फलस्वरूप होिा है। िाप संयंिों, जीवावममय
ईंधन क
े तनरन्िर बढ़िे प्रयोग, उद्योगों, यािायाि, खनन
काया, भवन-तनमााण और पत्थरों की खुदाई से वायु-प्रदूिण
होिा है। वायु प्रदूिण को इस प्रकार पररभाविि ककया जा
सकिा है कक वायु में ककसी भी हातनकारक ठोस, िरल या
गैस का, ल्जसमें ध्वतन और रेड़डयोधमी ववककरण भी िाशमल
हैं, इिनी मािा में शमल जाना जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप
से मानव और अन्य जीवधाररयों को हातनकारक रूप से
प्रभाववि करिे हैं। इनक
े कारण पौधे, सम्पवि और पयाावरण
की स्वाभाववक प्रकक्रया बाधधि होिी है। वायु प्रदूिण दो
प्रकार का होिा है
6. ध्वतन एक सबसे अधधक व्यापक प्रदूिक है। संगीिमय घड़ी
ददन में मधुर लग सकिी है, परन्िु राि को सोिे समय
िकलीफ दे सकिी है। िोर को इस प्रकार पररभाविि कर
सकिे हैं- ‘व्यथा की ध्वतन’ या ‘कोई भी ऐसी ध्वतन जो
सुनने वाले क
े शलये रुधचकर न हो।’ उद्योगों का िोर - जैसे
पत्थरों का काटना और क
ू टना, स्टील को िपा कर पीटना
(लोहार का काम), लाउडस्पीकर, अपना सामान बेचने क
े
शलये ववक्र
े िा का धचकलाना, भारी पररवहन वाहनों क
े चलने
से, रेलगाड़ड़यााँ और हवाई जहाज आदद कष्टदायक ध्वतन
उत्पन्न करिे हैं ल्जससे रक्िचाप का बढ़ना, क्रोध आना,
काया क
ु िलिा में कमी, श्रवण िल्क्ि का क्षीण होना आदद
परेिातनयााँ पैदा हो सकिी हैं।
7.
जल-प्रदूषण
जल में अतनल्छछि या अवांछनीय पदाथों का शमला होना या पाया
जाना ही जल-प्रदूिण कहलािा है।
जल प्रदूिण एक सबसे गम्भीर पयाावरणीय समस्या है। जल
प्रदूिण मानव की अनेक गतिववधधयों क
े कारण होिा है जैसे
औद्योधगक, कृ वि और घरेलू कारणों से होिा है। कृ वि का क
ू ड़ा-
कचरा ल्जसमें रासायतनक उवारक और कीटनािक शमले होिे हैं।
औद्योधगक बदहर्स्ाावों क
े साथ-साथ वविालु पदाथों का शमलना,
मानव और जानवरों का तनष्काशसि मल-जल सभी जल-प्रदूिण
का कारण हैं। जल-प्रदूिण क
े प्राकृ तिक कारणों में मृदा अपरदन,
चट्टानों से खतनजों का ररसाव और जैव पदाथों का सड़ना तनदहि
है। नददयााँ, झरने, सागर, समुद्र, ज्वारनदमुख, भूशमगि जलर्स्ोि
भी त्रबंदु और गैर त्रबंदु र्स्ोिों क
े कारण प्रदूविि होिे हैं। जब
प्रदूिक ककसी तनल्वचि स्थान से नाशलयों और पाइपों क
े द्वारा
पानी में धगरिा है
8. मृदा प्रदूषण
मृदा की गुणविा और इसकी उवारक िल्क्ि को प्रतिक
ू ल
रूप से प्रभाववि करने वाले ककसी भी पदाथा का भूशम
में शमलना ‘मृदा प्रदूिण’ कहलािा है। प्रायः जल भी
भूशम को प्रदूविि करने वाला एक प्रदूिक है। प्लाल्स्टक,
कपड़ा, ग्लास (कााँच), धािु और जैव पदाथा, सीवेज,
सीवेज गाद, तनमााण का मलबा, ऐसा कोई भी ठोस
क
ू ड़ा जो घरों, व्यवसायों और औद्योधगक संस्थानों से
तनकलिा है मृदा प्रदूिण में वृद्धध करिा है। राख, लोहा
और लोहे का कचरा, धचककत्सकीय और औद्योधगक
क
ू ड़ा ल्जन्हें कहीं भी जमीन पर डाल ददया जािा है,
मृदा प्रदूिण क
े महत्त्वपूणा र्स्ोि हैं।