मानव भूगोल अथ कृ त और े
अ याय 1
नीरजा ववेद
उ,मा, श.
शास.उ च.मा य. व यालय बालक
पडवार जबलपुर
भूगोल (Geography):-
यो ाफ (Geography) का शाि दक अथ है पृ वी का वणन करना
तथा उसक
े बदलते प का वणन करना । भूगोल को ान क
शाखाओं क जननी कहा जाता है।
भूगोल
भूगोल
भौ तक भूगोल मानव भूगोल
भूगोल क शाखाए
• भौ तक भूगोल:-
भौ तक भूगोल:-
• भौ तक भूगोल भूगोल क एक
मुख शाखा है िजसम पृ वी क
े
भौ तक व प का अ ययन कया
जाता है। यह थरातल पर अलग
अलग जगह पायी जाने वाल भौ तक
प रघटनाओं क
े वतरण क या या
अलग जगह पायी जाने वाल भौ तक
प रघटनाओं क
े वतरण क या या
व अ ययन करता है, साथ ह यह
भू व ान, मौसम व ान, जंतु
व ान और रसायन व ान से भी
जुड़ा हुआ है। इसक कई उपशाखाएँ
ह जो व वध भौ तक प रघटनाओं क
ववेचना करती ह।
भूगोल क शाखाए • मानव भूगोल
* मानव भूगोल :-
• मानव भूगोल भौ तक पयावरण
और सामािजक- सां कृ तक
पयावरण क
े बीच अंतर - संबंध का
अ ययन करता है जो मानव वारा
एक - दूसरे क
े साथ पार प रक
संपक क
े मा यम से बनाया जाता
है।
संपक क
े मा यम से बनाया जाता
है।
मानव भूगोल मनु य तथा उसक
े
पयावरण क
े पार पा रक संबंध का
बोध
मानव भूगोल क प रभाषा
• मानव भूगोल पृ वी और मनु य
क
े अंतसबंध क एक नयी
संक पना तुत करता है ।
मानव भूगोल भौ तक पयावरण
तथा मानव - ज नत सामािजक
सां कृ तक पयावरण क
े
अंतसबंध का अ ययन उनक
पर पर अ यो य या क
े वारा
अंतसबंध का अ ययन उनक
पर पर अ यो य या क
े वारा
करता है ।
• मानव भूगोल वह शाखा है
िजसक
े अंतगत मानव क
उ प से लेकर वतमान समय
तक उसक
े पयावरण क
े साथ
संबंध का अ ययन कया जाता
है।
मानव भूगोल क प रभाषा
रैटजेल क
े अनुसार
"मानव समाजो और धरातल क
े बीच संबंधो का सं ले षत अ ययन है ।
एलेन सी. से पल क
े अनुसार
एलेन सी. से पल क
े अनुसार
• मानव भूगोल अि थर पृ वी और याशील मानव क
े बीच प रवतनशील
संबंध का अ ययन है।
पॉल वडाल डी ला लाश क
े अनुसार
• " हमार पृ वी को नयं त करने वाले भौ तक नयम तथा इसम रहनेव
वाले जीवो क
े म य संबंध क
े अ धक सं ले षत ान से उ प न
संक पना है ।”
मानव भूगोल क वचारधाराएँ
• अलग- अलग वै ा नक क
े मानव भूगोल को देखने क
े
नज रए को मानव भूगोल क वचारधारा कहा गया।
• मानव भूगोल क मु य 3 वचारधाराऐ है।
(i) नय तवाद।
नय तवाद।
(ii) संभववाद।
(iii) नव न चयवाद।
मानव भूगोल क मानवतावाद वचारधारा
• मानवतावाद वचारधारा से आशय मानव भूगोल क
े अ ययन
को मानव क
े क याण एवं सामािजक चेतना क
े व भ न प
से जोड़ना था। इसका उदय 1970 क
े दशक म हुआ।
•
• इसक
े अ तगत आवास, वा थय एंव श ा जैसे प पर
यान क
े ि त कया गया।
यान क
े ि त कया गया।
•
• यह मनु य क क
े य एवं याशील भू मका पर बल देता
ह।
•
• ादे शक असमानताय, नधनता, अभाव जैसे वषय क
े कारण
एंव नवारण पर यानाक षत करता है।
पयावरणीय न चयवाद
• मनु य अपनी
ारि भक अव था म
कृ त क
े अनुसार ह
जीवन जीता था ।
जीवन जीता था ।
कृ त क
े अनुसार
अपने को ढालने क
को शश को ह
पयावरणीय न चयवाद
कहा गया।
नय तवाद
• इस वचारधारा क
े अनुसार मनु य क
े येक याकलाप को
पयावरण से नयं त माना जाता है ।
• मानव क आ दम अव था म मानव क
े लगभग सभी याकलाप
पूणतया ाकृ तक पयावरण क शि तय वारा नयं त थे।
रैटजेल, रटर, ह बो ट, ह टगंटन आ द नय तवाद क
े मुख
रैटजेल, रटर, ह बो ट, ह टगंटन आ द नय तवाद क
े मुख
समथक थे।
नय तवाद सामा यतः मानव को एक नि य कारक समझता ह
जो पयावरणीय कारक से भा वत होता है। उदाहरण आ दवा सय
क कृ त पर नभरता । कसान क जलवायु पर नभरता।
जलवायु क
े अनुसार शार र क गठन
संभववाद / संभावनावाद
• इस वचारधारा क
े अनुसार मनु य
अपने पयावरण म प रवतन करने
म समथ है तथा वह कृ त द
अनेक संभावनाओं का इ छानुसार
अपने लाभ क
े लए उपयोग कर
सकता है।
• मानव का कृ त पर नभरता क
अव था से वत ता क अव था
क ओर थान संभव है।
अव था से वत ता क अव था
क ओर थान संभव है।
• वडाल डी ला लाश तथा लु सयन
फ
ै ले इस वचारधारा को मानने
वाले मुख थे ।
• संभावनावाद कृ त क तुलना म
मनु य को मह वपूण थान देता
और उसे स य शि त क
े प म
देखता है। उदाहरण नद पर पुल,
खेती, प रवहन ।
नव न चयवाद
• नव न चयवाद क संक पना फथटेलर वारा
तुत क गई। यह दो वचार पयायवरणीय
न चयवाद और संभववाद क
े म य क
े माग को
प रल त करती है
• यह संक पना दशाती है क ना तो यह नतांत
• यह संक पना दशाती है क ना तो यह नतांत
आव यकता क ि थ त है और ह नतांत
वतं ता क अव था है।
• इस संक पना क
े अनुसार मानव कृ त क
े नयम
का अनुपालन करक
े ह कृ त पर वजय ा त
कर सकता है।
नव न चयवाद क वशेषताएँ
• यह वचारधारा पयावरणीय न चयवाद और स भावनावाद क
े बीच क
े
माग व तुत करती है।
• यह पयावरण को नुकसान कये बगैर सम याओं को सुलझाने पर बल
देती
• पयावरणीय न चयवाद क
े अनुसार मनु य न तो कृ त पर पूर तरह
• पयावरणीय न चयवाद क
े अनुसार मनु य न तो कृ त पर पूर तरह
नभर कर रह सकता और न ह कृ त से वत रह कर जी सकता है।
• कृ त पर वजय पाने क
े लये कृ त क
े ह नयम का पालन करना
एंव ज वनाश से बचाना होगा ।
ाकृ तक देन का योग करते हुये कृ त क सीमाओं का याल रखना
चा हये । उदाहरणाथ औ योगीकरण करते हुये जंगल को न ट होने से
बचाना। खनन करते समय अ त दोहन से बचाना ।
मनु य का कृ तकरण
• मनु य तकनीक क मदद से अपने भौ तक वातावरण
क
े साथ बातचीत करता है। यह सां कृ तक वकास क
े
तर को इं गत करता है।
भौ तक पयावरण क
े साथ आ दम समाज क
बातचीत को पयावरणीय नय तवाद कहा जाता है जो
बातचीत को पयावरणीय नय तवाद कहा जाता है जो
मनु य का ाकृ तककरण है।
कृ त का मानवीकरण
• ौ यो गक क
े वकास क
े साथ, मानव ने
कृ त को संशो धत करना शु कया और
सां कृ तक प र य बनाया। इसे भोगवाद या
कृ त का मानवीकरण कहा जाता है।
कृ त का मानवीकरण कहा जाता है।
को जाओ
• फथ टेलर वारा नव नय तवाद का एक
म य माग पेश कया गया िजसका अथ है क
न तो पूण आव यकता (पयावरणीय
नयत ववाद) क ि थ त है और न ह पूण
नयत ववाद) क ि थ त है और न ह पूण
वतं ता (अ धभोग) क ि थ त है।

1_MANAV_BHUGOL_ARTH_PRKRITI class12 .pdf

  • 1.
    मानव भूगोल अथकृ त और े अ याय 1 नीरजा ववेद उ,मा, श. शास.उ च.मा य. व यालय बालक पडवार जबलपुर
  • 2.
    भूगोल (Geography):- यो ाफ(Geography) का शाि दक अथ है पृ वी का वणन करना तथा उसक े बदलते प का वणन करना । भूगोल को ान क शाखाओं क जननी कहा जाता है। भूगोल भूगोल भौ तक भूगोल मानव भूगोल
  • 4.
    भूगोल क शाखाए •भौ तक भूगोल:- भौ तक भूगोल:- • भौ तक भूगोल भूगोल क एक मुख शाखा है िजसम पृ वी क े भौ तक व प का अ ययन कया जाता है। यह थरातल पर अलग अलग जगह पायी जाने वाल भौ तक प रघटनाओं क े वतरण क या या अलग जगह पायी जाने वाल भौ तक प रघटनाओं क े वतरण क या या व अ ययन करता है, साथ ह यह भू व ान, मौसम व ान, जंतु व ान और रसायन व ान से भी जुड़ा हुआ है। इसक कई उपशाखाएँ ह जो व वध भौ तक प रघटनाओं क ववेचना करती ह।
  • 5.
    भूगोल क शाखाए• मानव भूगोल * मानव भूगोल :- • मानव भूगोल भौ तक पयावरण और सामािजक- सां कृ तक पयावरण क े बीच अंतर - संबंध का अ ययन करता है जो मानव वारा एक - दूसरे क े साथ पार प रक संपक क े मा यम से बनाया जाता है। संपक क े मा यम से बनाया जाता है। मानव भूगोल मनु य तथा उसक े पयावरण क े पार पा रक संबंध का बोध
  • 6.
    मानव भूगोल कप रभाषा • मानव भूगोल पृ वी और मनु य क े अंतसबंध क एक नयी संक पना तुत करता है । मानव भूगोल भौ तक पयावरण तथा मानव - ज नत सामािजक सां कृ तक पयावरण क े अंतसबंध का अ ययन उनक पर पर अ यो य या क े वारा अंतसबंध का अ ययन उनक पर पर अ यो य या क े वारा करता है । • मानव भूगोल वह शाखा है िजसक े अंतगत मानव क उ प से लेकर वतमान समय तक उसक े पयावरण क े साथ संबंध का अ ययन कया जाता है।
  • 7.
    मानव भूगोल कप रभाषा रैटजेल क े अनुसार "मानव समाजो और धरातल क े बीच संबंधो का सं ले षत अ ययन है । एलेन सी. से पल क े अनुसार एलेन सी. से पल क े अनुसार • मानव भूगोल अि थर पृ वी और याशील मानव क े बीच प रवतनशील संबंध का अ ययन है। पॉल वडाल डी ला लाश क े अनुसार • " हमार पृ वी को नयं त करने वाले भौ तक नयम तथा इसम रहनेव वाले जीवो क े म य संबंध क े अ धक सं ले षत ान से उ प न संक पना है ।”
  • 8.
    मानव भूगोल कवचारधाराएँ • अलग- अलग वै ा नक क े मानव भूगोल को देखने क े नज रए को मानव भूगोल क वचारधारा कहा गया। • मानव भूगोल क मु य 3 वचारधाराऐ है। (i) नय तवाद। नय तवाद। (ii) संभववाद। (iii) नव न चयवाद।
  • 9.
    मानव भूगोल कमानवतावाद वचारधारा • मानवतावाद वचारधारा से आशय मानव भूगोल क े अ ययन को मानव क े क याण एवं सामािजक चेतना क े व भ न प से जोड़ना था। इसका उदय 1970 क े दशक म हुआ। • • इसक े अ तगत आवास, वा थय एंव श ा जैसे प पर यान क े ि त कया गया। यान क े ि त कया गया। • • यह मनु य क क े य एवं याशील भू मका पर बल देता ह। • • ादे शक असमानताय, नधनता, अभाव जैसे वषय क े कारण एंव नवारण पर यानाक षत करता है।
  • 10.
    पयावरणीय न चयवाद •मनु य अपनी ारि भक अव था म कृ त क े अनुसार ह जीवन जीता था । जीवन जीता था । कृ त क े अनुसार अपने को ढालने क को शश को ह पयावरणीय न चयवाद कहा गया।
  • 11.
    नय तवाद • इसवचारधारा क े अनुसार मनु य क े येक याकलाप को पयावरण से नयं त माना जाता है । • मानव क आ दम अव था म मानव क े लगभग सभी याकलाप पूणतया ाकृ तक पयावरण क शि तय वारा नयं त थे। रैटजेल, रटर, ह बो ट, ह टगंटन आ द नय तवाद क े मुख रैटजेल, रटर, ह बो ट, ह टगंटन आ द नय तवाद क े मुख समथक थे। नय तवाद सामा यतः मानव को एक नि य कारक समझता ह जो पयावरणीय कारक से भा वत होता है। उदाहरण आ दवा सय क कृ त पर नभरता । कसान क जलवायु पर नभरता। जलवायु क े अनुसार शार र क गठन
  • 12.
    संभववाद / संभावनावाद •इस वचारधारा क े अनुसार मनु य अपने पयावरण म प रवतन करने म समथ है तथा वह कृ त द अनेक संभावनाओं का इ छानुसार अपने लाभ क े लए उपयोग कर सकता है। • मानव का कृ त पर नभरता क अव था से वत ता क अव था क ओर थान संभव है। अव था से वत ता क अव था क ओर थान संभव है। • वडाल डी ला लाश तथा लु सयन फ ै ले इस वचारधारा को मानने वाले मुख थे । • संभावनावाद कृ त क तुलना म मनु य को मह वपूण थान देता और उसे स य शि त क े प म देखता है। उदाहरण नद पर पुल, खेती, प रवहन ।
  • 13.
    नव न चयवाद •नव न चयवाद क संक पना फथटेलर वारा तुत क गई। यह दो वचार पयायवरणीय न चयवाद और संभववाद क े म य क े माग को प रल त करती है • यह संक पना दशाती है क ना तो यह नतांत • यह संक पना दशाती है क ना तो यह नतांत आव यकता क ि थ त है और ह नतांत वतं ता क अव था है। • इस संक पना क े अनुसार मानव कृ त क े नयम का अनुपालन करक े ह कृ त पर वजय ा त कर सकता है।
  • 14.
    नव न चयवादक वशेषताएँ • यह वचारधारा पयावरणीय न चयवाद और स भावनावाद क े बीच क े माग व तुत करती है। • यह पयावरण को नुकसान कये बगैर सम याओं को सुलझाने पर बल देती • पयावरणीय न चयवाद क े अनुसार मनु य न तो कृ त पर पूर तरह • पयावरणीय न चयवाद क े अनुसार मनु य न तो कृ त पर पूर तरह नभर कर रह सकता और न ह कृ त से वत रह कर जी सकता है। • कृ त पर वजय पाने क े लये कृ त क े ह नयम का पालन करना एंव ज वनाश से बचाना होगा । ाकृ तक देन का योग करते हुये कृ त क सीमाओं का याल रखना चा हये । उदाहरणाथ औ योगीकरण करते हुये जंगल को न ट होने से बचाना। खनन करते समय अ त दोहन से बचाना ।
  • 15.
    मनु य काकृ तकरण • मनु य तकनीक क मदद से अपने भौ तक वातावरण क े साथ बातचीत करता है। यह सां कृ तक वकास क े तर को इं गत करता है। भौ तक पयावरण क े साथ आ दम समाज क बातचीत को पयावरणीय नय तवाद कहा जाता है जो बातचीत को पयावरणीय नय तवाद कहा जाता है जो मनु य का ाकृ तककरण है।
  • 16.
    कृ त कामानवीकरण • ौ यो गक क े वकास क े साथ, मानव ने कृ त को संशो धत करना शु कया और सां कृ तक प र य बनाया। इसे भोगवाद या कृ त का मानवीकरण कहा जाता है। कृ त का मानवीकरण कहा जाता है।
  • 17.
    को जाओ • फथटेलर वारा नव नय तवाद का एक म य माग पेश कया गया िजसका अथ है क न तो पूण आव यकता (पयावरणीय नयत ववाद) क ि थ त है और न ह पूण नयत ववाद) क ि थ त है और न ह पूण वतं ता (अ धभोग) क ि थ त है।