1. अध्याय-1
पश्चिम में अफगानिस्ताि और ईराि, उत्तर में अफगानिस्ताि और िीि का सिककयाांग प्रान्त, पूर्व में
भारत और दक्षिण में अरब िागर िे निरा हुआ पाककस्ताि 14 अगस्त 1947 को भारत क
े वर्भाजि
क
े फलस्र्रूप एक िर्ीि राष्ट्र क
े रूप में उददत हुआ। प्रारम्भ में पूर्ी बांगाल भी इिका एक भाग
था, परन्तु 1971 में र्ह वर्द्रोह करक
े बाांग्लादेश क
े िाम िे अलग राज्य बि गया। पश्चिमी
पाककस्ताि का िेत्रफल 3,20,236 र्गव मील था। िांयुक्त पाककस्ताि का िेत्रफल 51,501 र्गवमील
था। िांयुक्त पाककस्ताि की जििांख्या 11 करोड़ थी। पाककस्ताि क
े वर्सभन्ि भागों में एकता का
एकमात्र महत्र्पूणव तत्र् इस्लाम धमव है र्ह प्रादेसशक या धमवनिरपेि राष्ट्रर्ाद पर आधाररत िह ां है।
यद्यवप कक िि् 1947-48 क
े िाम्प्रदानयक दांगों क
े कारण भारत-पाक िम्बन्ध प्रारम्भ िे ह कटु हो
गये। वर्स्थावपत िम्पवत्त, देशी राज्यों की िांर्ैधानिक श्स्थनत, िहर पािी वर्र्ाद, िीमा निधावरण,
वर्त्तीय और व्यापाररक िमायोजि, जूिागढ़, हैदराबाद और कचमीर की िांर्ैधानिक श्स्थनत तथा कच्छ
पर पाककस्ताि क
े आक्रमण क
े प्रचिों को लेकर दोिों देशों में गम्भीर वर्र्ाद उत्पन्ि हो गये। इिमें
िे कचमीर वर्र्ाद और िहर पािी वर्र्ाद िबिे अधधक गम्भीर और महत्र्पूणव थे। 19 ददिम्बर
1980 को वर्चर् बैंक की मध्यस्थता िे भारत और पाककस्ताि क
े मध्य पश्चिमी िददयों क
े प्रचि पर
सिन्धु जल-िश्न्ध क
े िाम िे एक िमझौता हो गया। िमय िे अन्य वर्र्ादों की तीव्रता को कम कर
ददया, परन्तु कचमीर वर्र्ाद आज भी दोिों देशों क
े िम्बन्धों में वर्ष िोल रहा है। "
पाककस्ताि को राष्ट्र निमावण क
े सलए एक दहमालय एक िदृश कदिि िुिौती का िामिा करिा पड़ा।
िि् 1947 क
े बाद क
े र्षों में पाककस्ताि में क
े र्ल एक ऐिा िांगिि था श्जिमें राष्ट्र य एकता की
भार्िा थी। राजिीनतक दल धासमवक िमूहों और भाषायी गुटों में बांटे हुए थे। 1948 में राष्ट्रपनत और
गर्िवर जिरल मोहम्मद अल श्जन्िा की मृत्यु और 1952 में प्रधािमांत्री सलयाकत अल खाां की
मृत्यु पाककस्ताि क
े राजिीनतक वर्काि क
े सलए गम्भीर आिात थे। उिक
े बाद उिक
े प्रधािमांत्री
ख्र्ाजा िाजीमुद ि अल बोगरा, िौधर मुहम्मद अल , िुहरार्ादी, कफरोज खाां िूि एक क
े बाद एक
आये 7 अक्टू बर 1958 को राष्ट्रपनत इझाकन्दर धगजाव िे प्रधाि िेिापनत जिरल अय्यूब खाां की
िहायता िे एक 'शाश्न्तपूणव क्राश्न्त' की और माशवल लॉ लागू कर ददया। इिकन्दर समजाव को हटाकर
स्र्यां राष्ट्रपनत बि गये। िि् 1965 क
े भारत-पाक युद्ध क
े बाद अयूब खाां वर्रोधी तत्र् बििे लगे
और 25 मािव 1969 को उन्हें ित्ता छोड़िे पर वर्र्श होिा पड़ा। जिरल ए. एम. यादहया खाि मुख्य
माशवल लॉ प्रशािक बि गये है
2. भारत-पाककस्ताि युद्ध िि् 1972 ई. क
े पराजय क
े बाद 20 ददिम्बर 1971 को यादहया खाां हट गये
तथा पाककस्ताि पीपुल्ि पाटी क
े जुश्ल्फकार अल भुट्टो 1973 क
े िांवर्धाि क
े अन्तगवत मुख्य माशवल
लॉ प्रशािक और राष्ट्रपनत बिे। परन्तु िि् 1977 क
े निर्ावििों में बााँधलेबाजी को लेकर पाककस्ताि
में उपद्रर् हुए। जुलाई 1977 में िेिा िे भुट्टो को उिक
े पद िे हटा ददया जिरल श्जला-उल-हक
मुख्य माशवल लॉ प्रशािक बि गये। सितम्बर 1979 में र्े राष्ट्रपनत भी बि गये। 17 अगस्त 1988
को राष्ट्रपनत श्जया उल हक एक र्ायुयाि दुिवटिा में स्र्गवर्ािी हो गये। पाककस्ताि में लोकतांत्र की
पुिवस्थापिा हुई। 2 ददिम्बर 1988 को बेिजीर भुट्टो पाककस्ताि की प्रधािमांत्री बिीां। परन्तु 6 अगस्त
1990 को उन्हें बखावस्त कर ददया गया। 6 िर्म्बर 1990 को िर्ाज शर फ को पाककस्ताि क
े
राष्ट्रपनत गुलाम इिहाक खाि और पाककस्ताि क
े प्रधािमांत्री िर्ाज शर फ दोिों िे इस्तीफा दे ददया।
िि् 1993 ई. में िर्ीि निर्ावििों क
े बाद बेिजीर भुट्टो दोबारा प्रधािमांत्री बि गयीां। मूल्याांकि ककया
जाय तो पाककस्ताि की वर्देश िीनत का आधार भारत वर्रोध रहा है। पाककस्ताि मुश्स्लम ल ग की
दहन्दुओां क
े प्रनत िृणा की िीनत का फल है। यह भारत क
े वर्भाजिn का सशशु है। पाककस्ताि का
धमव और दूिरे धमव िे िृणा क
े अनतररक्त कोई आधार िह ां है इिसलए पाककस्ताि क
े शािकों क
े
सलये र्ह आर्चयक हो गया कक र्े ि क
े र्ल भूसम का बांटर्ारा करें र्रि ददलों का भी बांटर्ारा करें
पाककस्ताि क
े स्थानयत्र् क
े सलए यह आर्चयक था कक उिक
े लगे हुए उि भारत राष्ट्र को भूल जायें
श्जिमें र्े पैदा हुए थे और जहाां उिक
े बाप दादा और िगे िम्बन्धी अभी भी रहते हैं। पाककस्ताि िे
भारत वर्रोध की िीनत अपिायी क्योंकक यदद र्ह ऐिा िह ां करता तो उिक
े जन्म का आधार िष्ट्ट
हो जाता। कचमीर का प्रचि इि िीनत की प्रमुख असभव्यश्क्त है जो देश पाककस्ताि को कचमीर
ददलािे में िहायक लगता है उिे समत्र बिा लेता है और जो कचमीर क
े प्रचि पर उिका वर्रोध करता
है तो उिे पाककस्ताि दुचमि बिािे लगता है।
र्तवमाि िमय में भारत और पाककस्ताि क
े िम्बन्धों को मधुर बिािे क
े सलए आम जिता क
े िाथ
दोिों देशों क
े राष्ट्र य िेताओां बुद्धधजीवर्यों एर्ां र्ैज्ञानिकों को तहेददल िे वर्िार करिे र् अमल करिे
का िमय िजद क आ गया है इि बात िे कदावप िकारा िह ां जा िकता कक जबतक भारतीय
उपमहाद्र्ीप क
े 'इि दोिों देशों क
े बीांि समत्रतापूणव िम्बन्ध स्थावपत िह ां होंगे तबतक इि भूखण्ड में
ि तो र्ास्तवर्क शाांनत की अपेिा की जा िकती है और ि ह आम जिता की र्ास्तवर्क प्रगनत र्
मािर्ीय मूल्यों की िुरिा पाककस्ताि क
े मशहूर शायर डा. अहमद फराज िे 1 फरर्र िि् 1996 ई.
को प्रगनत मैदाि में 12र्ें अन्तवराष्ट्र य पुस्तक मेले का उद्िाटि करते हुए कहा या "हमें ककताबें
िादहए र्म िह ां।" दोिों देशों क
े बीि आपिी िांर्ाद बिािे में ककताबें ह िाथवक भूसमका निभा िकती
3. हैं हधथयार िह ां इिक
े िाथ-िाथ उन्होंिे कहा कक कला ि क
े र्ल व्यश्क्त िमाज र् राष्ट्र क
े रूप में
हमार असभव्यश्क्त का माध्यम बिती है बश्ल्क हमें यह एहिाि भी कराती है कक पूर मािर्ता एक
है ककताबें शाश्न्त की अग्रदूत होती हैं। बुर िे बुर ककताबें भी हधथयारों िे बुर िह ां हो िकती। पता
िह ां क्यों आपिी वर्र्ाद को िुलझािे क
े सलए िरकार खजािों का प्रयोग ककया जाता है जबकक
आपिी बातिीत िे िभी िमस्याओां का िमाधाि पूणवतः ककया जा िकता है। भारत पाककस्ताि क
े
िम्बन्धों की ििाव अन्तरावष्ट्र य तथा स्त्रार्ेश्जक दृश्ष्ट्ट िे िदैर् कौतूहल का वर्षय रह है क्योंकक
दोिों देशों क
े िम्बन्धों में इतिी अधधक जदटलताएाँ एर्ां इतिी अधधक कटुताएाँ िमादहत है कक ककिी
भी रूप में िहज और तात्कासलक हाल की कल्पिा िह ां की जा िकती है। यह ध्रुर् ित्य है कक
जबतक दोिों देशों क
े बीि समत्रतापूणव ररचते कायम िह ां होंगे तबतक इि भू-खण्ड पर ि तो
र्ास्तवर्क शााँनत की अपेिा की जा िकती है और ि ह आम जिता की र्ास्तवर्क प्रगनत भारतीय
उप महाद्र्ीप क
े इि दोिों देशों क
े मध्य िुमधुर िम्बन्ध दक्षिण एसशया क
े वर्काि को िई ददशा दे
िकते हैं अत: दोिों देशों की मैत्री और आपिी िौहादव की िमस्याओां एर्ां िमाधािों का अध्ययि
मिि एर्ां धिांति आज की िामाश्जक एर्ां िामररक आर्चयकता है।
वर्र्ेििात्मक दृश्ष्ट्ट िे भारत एर्ां पाककस्ताि क
े िम्बन्धों की बात को बहुिधिवत ककया जाय तो
अगस्त 1947 ई. को भारत को धिर-प्रतीक्षित स्र्ाधीिता तो समल ककन्तु इिी क
े िाथ उिे देश क
े
वर्भाजि का भार आिात भी िहि करिा पड़ा। इि राष्ट्र य वर्भाजि क
े पररणाम स्र्रूप भारत को
प्रत्यि रूप िे राजिैनतक, आधथवक एर्ां िैनिक आदद अिेक वर्कट िमस्याओां का िामिा करिा पड़ा।
पाककस्ताि एर्ां दहन्दुस्ताि दो स्र्तांत्र राज्यों क
े रूप में बटिे क
े िाथ ह अांग्रेजों िे देश की लगभग
565 ररयाितों को भी एक िाथ स्र्तांत्र कर ददया था। यह अांग्रेजों की एक बहुत िोिी िमझी िाल
थी कक स्र्तांत्र ररयाितों को समलािे की िीनत को अपिाकर अपिे को स्र्यां ह दोिों राष्ट्र खीांिातािी
क
े िक्रव्यूह में फै िा पायेंगे भारत और पाककस्ताि का बांटर्ारा भी ब्रिदटश शािि क
े निदेशि पर
हुआ। ताकक भारत पर पूर्ी तथा पश्चिमी िेत्र िे पाककस्ताि का दबार् ककिी ि ककिी रूप में बिा
रहे। िर्व प्रथम अवर्भाज्य एर्ां अखण्ड भारत को एकीकरण की िमस्या िे जूझिा पड़ा क्योंकक
स्र्तांत्र ररयाितों िे अपिी भाषा, िांस्कृ त एर्ां िभ्यता तथा िमुदाय क
े िाम पर अलग अश्स्तत्र्
रखिा िाहा। लेककि िि् 1950 ई. में िांवर्धाि लागू होिे पर भारत में िार प्रकार •क
े राज्यों की
व्यर्स्था की गयी थी लेककि यह व्यर्स्था िांतोष जिक िह ां थी। फलस्र्रूप राज्यों क
े पुिवगिि का
सिलसिला शुरू हो गया।
4. •ब्रिदटश इश्ण्डया क
े मुश्स्लम बाहुल्य और गैर मुश्स्लम िेत्रों क
े वर्भाजि क
े पररणामस्र्रूप 14
अगस्त 1947 ई. को पाककस्ताि का वर्चर् मािधित्र पर उद्भर् हुआ, तब िे आज तक भारत पाक
क
े िम्बन्धों पर अिेक उतार िढ़ार् आये र्स्तुत: भारत और पाककस्ताि का अतीत शाश्न्त और
िुरिा तथा मािर्ता को प्राप्त ि कर िका। दोिों देशों को तीि बड़े युद्धों का िामिा करिा। पढ़ा
और कई छोटे-छोटे िांिषव भी झेलिे पड़े लेककि अभी तक दोिों देशों क
े मध्य आपिी भाईिारा का
कोई प्रचि िह ां बि पा रहा है।
िर्म्बर 2011 में पाककस्ताि क
े िाथ भारत क
े िांबांध िुधारिे की बात पर जोर देते हुए भारत क
े
वर्देश मांत्री एि. एम. कृ ष्ट्णा िे दोिों देशों क
े बीि आपिी वर्चर्ाि में िुधार और िकारात्मक माहौल
बििे की बात कह लेककि र्ह ां दूिर तरफ पाककस्तािी वर्देश मांत्री िे भी कु छ ऐिा ह वर्िार
जादहर ककया। यह िह ां, मालद र् में दोिों देशों क
े प्रधािमांत्री िाक
व बैिक क
े पहले समले और मुलाकात
पर िांतोष जताया, दोिों प्रधािमांब्रत्रयों िे उम्मीद जताई कक अगला दौर बबावद कर ददया है और अब
दोिों देशों को एक िए अध्याय की शुरुआत करिी िादहए। भारत क
े वर्देश िधिर् रांजि मथाई िे
इि मुलाकात क
े बारे में कहा कक िभी मामलों पर बातिीत हुई। र्ीजा िरल बिािे, आतांकर्ाद पर
अांकु श और व्यापार को बढ़ार्ा देिे िांबांधी मुद्दों पर दोिों िेताओां िे बात की और पाककस्तािी
प्रधािमांत्री का रर्ैया काफी िकारात्मक रह मधाई िे कहा कक प्रधािमांत्री िे मुांबई हमले क
े पीडड़तों
को न्याय ददलािे की बात भी धगलािी िे की। िांयुक्त आयोग को, जो 2005 क
े बाद िह ां समला,
दोबारा शुरू ककया जाएगा। पाककस्तािी प्रधािमांत्री यूिुफरजा धगलािी िे कहा कक हमिे िभी मुद्दों
पर बातिीत की, श्जिमें जल िांबांधी वर्र्ाद, आतांकर्ाद, व्यापार, िरक्रीक वर्र्ाद और सियाधिि आदद
मामले प्रमुख हैं। पाककस्ताि की तरफ िे मुांबई हमले क
े िात दोवषयों पर जल्द मुकदमा िलािे का
र्ायदा ककया गया और कहा गया कक पाककस्तािी न्यानयक आयोग जब भारत जाएगा तो उिे इि
मामले में कायवर्ाह क
े सलए कु छ अहम िबूत समलेंगे। इि तरह ऐिा माहौल बिाया जा रहा है, जैिे
भारत और पाककस्ताि क
े बीि िांबांध िुधरिे िाले हैं लेककि क्या िह मायिों में ऐिा है, जैिा दोिों
देशों क
े िेता ददखािे या कफर अपिे देश की जिता को बरगलािे की कोसशश कर रहे हैं या
पाककस्ताि दुनिया को ददखािा िाहता है कक यह भारत क
े िाथ िांबांध िुधारिे की ददशा में प्रयाि
कर रहा है। र्ास्तवर्कता यह है कक पाककस्ताि क
े िाथ हमारे िांबांधों में कोई िुधार िह ां आया है
वर्देश मांत्री एि. एम. कृ ष्ट्णा का कहिा है कक पाककस्ताि क
े प्रनत अवर्चर्ाि में कमी आई है। पता
िह ां, र्ह ककि बुनियाद पर यह कह रहे हैं। शायद उिका यह कहिा पाककस्ताि द्र्ारा भारत को
एमएफएि का दजाव ददए जािे िे प्रेररत हो, लेककि यह कोई आधार तो िह ां हो िकता है।
5. यह मुख्यतः एक व्यापाररक मिला है, श्जिमें पाककस्ताि क
े अपिे दहत हैं. पाककस्ताि में इि पर
काफी वर्र्ाद भी हुआ, लेककि र्हाां की िरकार िे यह कहते हुए वर्रोध को दिा ददया कक कचमीर क
े
मामले में भारत क
े प्रनत पाककस्ताि क
े रुद्ध में कोई पररर्तवि िह ां होगा। यह िह ां, इि व्यापाररक
मिले क
े सलए भी पाककस्तािी िरकार िे िेिा िे िलाह ल , अब इिे पाककस्ताि क
े प्रनत अवर्चर्ाि
बढ़ािे का आधार बतािा तो बुद्धधमत्तापूणव कदम िह ां मािा जा िकता। दूिरा आधार पाककस्तािी
गृहमांत्री रहमाि मसलक क
े उि बयाि को बिाया जा िकता है, श्जिमें उन्होंिे मुांबई हमले क
े दोषी
अजमल किाब को फाांिी देिे की बात कह थी। मसलक िे कहा था कक किाब आतांकर्ाद है और
उििे िरकार मदद क
े बगैर अपिी मजी िे यह काम ककया। उन्होंिे किाब को िि स्टेट एक्टर
करार ददया था। मसलक क
े इि बयाि का क्या मतलब निकाला जाए ? र्ह तो िाफतौर पर मुांबई
हमले में पाककस्ताि की भूसमका होिे िे इांकार कर रहे थे, जबकक हमारे पाि इि बात क
े कई िबूत
थे कक मुांबई हमले में आईएिआई का हाथ था। इििे भी पाककस्ताि क
े प्रनत अवर्चर्ाि में कमी की
बात िह ां कह जा िकती। तो कफर ककि िुनियाद पर कृ ष्ट्णा कह रहे हैं कक दोिों देशों क
े बीि
अवर्चर्ाि कम हो रहा है? क्या पाककस्ताि िे पीओक
े में िल रहे आतांकी सशवर्रों क
े वर्रुद्ध
ऑपरेशि िलािे का ऐलाि ककया, क्या पाककस्ताि िे दाऊद इिादहम जैिे अपराधधयों-माकफयाओां को
भारत को िौंपिे या अपिे यहाां िे निकाले जािे की बात कह ? जब दोिों देशों क
े िेता आपिी
ररचते िुधारिे की बात कर रहे थे, उिी िमय कचमीर क
े पुांछ इलाक
े में िुिपैि की कोसशश की जा
रह थी। ऐिी ह बात 1999 में की जा रह थी, जब अटल ब्रबहार र्ाजपेयी िे बि िे लाहौर की
यात्रा की थी। ऐिा लग रहा था कक दोिों देशों क
े बीि िब कु छ िीक-िाक होिे र्ाला है, लेककि
र्ास्तवर्कता कु छ और थी जब र्ाजपेयी पाककस्ताि क
े िाथ िांबांध िुधारिे की कोसशश कर रहे थे तो
उिी िमय पाककस्ताि कारधगल युद्ध की पृष्ट्िभूसम तैयार कर रहा था।"
र्ाजपेयी की पाककस्ताि यात्रा क
े महज िार मह िों क
े भीतर कारधगल युद्ध हुआ इनतहाि िे िबक
लेिा िादहए। पाककस्ताि पर अमेररका का दबार् है, श्जिक
े िलते र्ह यह जतािे का प्रयाि कर रहा
है कक भारत क
े िाथ िांबांध िुधारिे क
े सलए र्ह तत्पर है, जबकक र्ास्तवर्कता कु छ और है। इिसलए
भारत को िार्धाि रहिे की आर्चयकता है, ताकक कफर दोबारा धोखा खािे की िौबत ि आए क्योंकक
बड़ी शश्क्तयों की िदैर् यह इच्छा रहती है कक पाककस्ताि जैिे भारत क
े िादाि पड़ोिी को भुलार्ा
दे करक
े ह हम अपिे िैन्य हधथयारों का नियावत करिे में ििम हो िक
ें गे। पाककस्ताि क
े मशहूर
शायर डा. अहमद फराज िे 3 फरर्र िि् 1996 ई. को प्रगनत मैदाि में 12र्ें पुस्तक मेले का
6. उद्िाटि करते हुए कहा था कक हमें ककताबें िादहए र्म िह ां क्योंकक दो देशों क
े बीि िांर्ाद बििे क
े
सलए पुस्तक
ें ह िाथवक भूसमका अदा कर िकती हैं हधथयार कदावप िह ां कर िकता। इिक
े िाथ ह
उन्होंिे यह भी कहा था कक कला ि क
े र्ल व्यश्क्त िमाज र् राष्ट्र क
े रूप में हमार असभव्यश्क्त का
माध्यम बिती है बश्ल्क हमें यह अहिाि कराती है कक पूर मािर्ता एक है ककताबें शाश्न्त की
अग्रदूत हैं बुर िे बुर ककताबें भी हधथयारों िे बुर िह ां हो िकती। पता िह ां क्यों आपिी वर्र्ाद
िुलझािे क
े सलए िरकार खजािे खाल ककये जाते है जबकक आपिी बातिीत िे िभी िमस्याओां का
िमाधाि ककया जा िकता है। अतः अब भारत पाक िम्बन्धों को मधुर बिािे क
े सलए आम जिता
क
े िाथ दोिों देशों क
े राष्ट्र िेताओां, बुद्धधजीवर्यों एर्ां र्ैज्ञानिकों को तहेददल िे वर्िार करिे र्
अमल करिे का िमय आ गया है इि बात िे कदावप िकारा िह ां जा िकता कक जबतक भारतीय
उपमहाद्र्ीप क
े इि दोिों देशों क
े बीि समत्रतापूणव िांबांध स्थावपत िह ां होंगे तबतक इि भू-खण्ड में
ि तो र्ास्तवर्क शाश्न्त की स्थापिा की जा िकती है और ि ह आम जिता की र्ास्तवर्क प्रगनत
र् मािर्ीय मूल्यों की िुरिा में
दहन्दुस्ताि-पाककस्ताि पड़ोिी मुल्क होिे क
े बार्जूद जुदा-जुदा हैं। एक तरफ दहांदुस्ताि वर्काि की
ओर अग्रिर है तो दूिर ओर पाककस्ताि आतांकर्ाद, कट्टरर्ाद, िाम्प्रदानयक दहांिा, इि स्मगलरों
अर्ैध हधथयारों की मांडी और धासमवक दहांिा का क
े न्द्र बिा हुआ है। पूर दुनिया में दोिों देशों की
ईमेज में जमीि-आिमाि का फक
व है। भारत क
े सलए पड़ोिी देश पाककस्ताि अपिे जन्म क
े िमय
िे ह असभशाप बिा हुआ है। भारत को अश्स्थर और िेस्तिाबूत करिे का प्रयाि पाककस्ताि हमेशा
िे करता रहा है। उिक
े मांिूबे दहन्दुस्ताि को इस्लासमक मुल्क बििे क
े भी हैं। भारत को लेकर
श्जन्िा िे िर्ाब शर फ तक की िोि में कोई बदलार् देखिे को िह ां समलता। पाककस्तािी हुक्मराि
और िेिा दोिों ह भारत क
े खखलाफजहर उगलते रहते हैं। लड़िे क
े सलए है पाककस्ताि, हांि कर लेगें
दहन्दुस्ताि जैिे तमाम जुमले िरहद पार िे िुििे को समल जाते हैं, लेककि ताज्जुब तो इि बात का
होता है कक दहन्दुस्तािी िरकार पाककस्ताि क
े खखलाफ कोई िोि फै िला लेिे में दहिककिाती रहती
है। यह र्जह है दाऊद इिादहम और हाकफज िईद जैिे तमाम आतांकर्ाद दहन्दुस्ताि में दहशत
फै लािे क
े बाद भी पाककस्ताि में िुक
ू ि की श्जांदगी बिर कर रहे हैं। यह िह ां उन्हें पाक में सिफ
व
इिसलए िम्माि िे देखा जाता है क्योंकक यह लोग भारत में दहशत फै लािे में मादहर हैं। पाककस्ताि
और दहन्दुस्ताि में कोई िमािता िह ां है सिर्ाय एक क
े कक दोिों ह मुल्कों में दहन्दुओां को दोयम
दजे का िागररक बिा ददया गया है।"
7. पाककस्ताि में दहन्दुओां पर अत्यािार की खबरें और दहन्दुस्ताि में दहन्दुओां क
े प्रनत क
े न्द्र और राज्य
िरकारों की िकारात्मक िोि िे दहन्दुओां क
े िामिे एक बड़ा प्रचि धिन्ह लगा ददया है। दहन्दू दहतों
की बात करिे को श्जि देश में िाम्प्रदानयकता िमझा जाता हो, उि देश क
े बहुिांख्यक िमाज में
निराशा पैदा होिा स्र्भावर्क है। श्जि देश (भारत) का प्रधािमांत्री यह कहे कक देश क
े प्राकृ नतक
िांिाधिों पर मुिलामिों का पहला हक है। उि देश का भला कौि कर िकता है। यह िह ां
मौकापरस्ती की राजिीनत देश में इतिी हार्ी हो गई है कक पूर्व प्रधािमांत्री मिमोहि सिांह पड़ोिी
मुल्क पाककस्ताि में दहन्दुओां पर हो रहे अत्यािार क
े खखलाफमुांह खोलिे की भी जुरवत िह ां कर पाते
हैं।
बांटर्ारे क
े िमय जो दहन्दू पाककस्ताि क
े जिक श्जन्िा क
े बहकार्े (पाककस्ताि इस्लासमक देश िह ां
लोकताांब्रत्रक देश बिेगा) में आकर र्हाां रूक गए थे, उिक
े पाि आि पछतािे क
े अलार्ा कोई रास्ता
िह ां बिा है। पाककस्ताि में दहन्दू लड़ककयों का जबरदस्ती मुिलमाि लड़कों िे निकाह करा देिा,
दहन्दुओां को अपिे धासमवक कक्रया-कलाप करिे की छ
ू ट िह ां होिा, यहााँ तक कक उन्हें मतदाि का
अधधकार िह ां होिा यह दशाविे क
े सलए काफी है कक पाककस्ताि में दहन्दुओां क
े सलए जीर्ि ककतिा
कष्ट्टदायक है। कई दहन्दुओां िे तो इििे छु टकारा पािे क
े सलए इस्लाम अपिािा ह बेहतर िमझा,
लेककि श्जिका जमीर धमव पररर्वति क
े सलए तैयार िह ां हुआ उिक
े सलए पाककस्ताि िरक िे कम
िह ां है। पाककस्ताि में दहन्दुओां की दुदवशा का ह ितीजा था कक आजाद क
े बाद िे यहाां दहन्दुओां की
आबाद लगातार िटती जा रह है।" सिन्ध वर्धाि िभा क
े अल्पिांख्यक िदस्य पीताांबर कहते हैं कक
पाककस्ताि क
े सिन्ध प्राांत में हर मह िे 25 िे 30 दहन्दू लड़ककयों का निकाह जबरि मुिलमाि
युर्कों िे करा ददया जाता है, िह ां माििे पर उन्हें मौत क
े िाट उतार ददया जाता है। पाक को
आजाद हुए 65 र्षव हो िुक
े हैं लेककि र्हाां की िरकार िे आज तक दहन्दू मैररज एक्ट को कािूिी
दजाव िह ां ददया है। इि कारण पाक में दहन्दू पनत-पत्िी को राष्ट्र य पहिाि पत्र िह ां समलता। इि
र्जह िे र्ह िरकार िुवर्धाओां का फायदा िह ां उिा पाते हैं। पाककस्ताि क
े सिांध प्राांत में मीरपुर
मथेलो की ररांकल कु मार को अगर्ा कर जबदस्ती धमव पररर्तवि करर्ाकर उिका वर्र्ाह एक मुश्स्लम
युर्क िे करा ददया गया। ररांकल िे निकाह कबूल िह ां ककया श्जांकल िे अदालत का दरर्ाजा
खटखटाया तो उिकी दल ल यह कहकर खाररज कर द गई कक तुमिे कलमा पढ़ सलया है इिसलए
अब तुम दहन्दू िह ां मुश्स्लम हो। ररांकल अपिे हक की लड़ाई लड़ रह है, लेककि उिकी मदद क
े सलए
कोई आगे िह ां आ रहा। पाककस्तािी इस्लाम की पररभाषा अपिे दहिाब िे गढ़ रहे हैं। एक तरफ
दहन्दुस्ताि में मुिलमािों की िबिे वर्चर्ििीय िांस्था देर्बांद हो िह ां अन्य कई धासमवक गुरू भी
8. बार-बार यह कहते हैं कक कोई अगर निकाह करिे क
े सलए धमव पररर्तवि का िहारा लेता है तो उिे
इस्लाम में जायज िह ां िहराया जा िकता है। र्ह ां पाककस्ताि में दहन्दू लड़ककयों को निकाह क
े सलए
जबरि मुिलमाि बिाया जा रहा है। भले ह पाककस्ताि मुश्स्लम बाहुल्य देश हो लेककि हकीकत
यह है कक भारत क
े मुिलमाि पाककस्तािी मुिलमािों िे कह ां ज्यादा तरक्की पिांद हैं। यहाां
पाककस्ताि की तरह इस्लाम की मान्यताओां िे खखलर्ाड़ िह ां ककया जाता है। अगर कोई ऐिा करिे
की कोसशश भी करता है तो एक िाथ कई आर्ाजें वर्रोध में उििे लगती हैं, जबकक पाककस्ताि में
िेिा, आईएिआई और कट्टर मुश्स्लम िांगििों क
े आगे कोई मुांह खोलिे की जुरवत िह ां कर पाता है।
9. अध्याय-2
भारत पाककस्ताि क
े मध्य मौजूदा वर्र्ाद
1. कचमीर वर्र्ाद :
अांग्रेजों िे अपिी क
ू टिीनतक िालों को कायावश्न्र्त करक
े अखण्ड भारत को भारत और
पाककस्ताि दो उपनिर्ेशों में वर्भाश्जत कर ददया इि दो उपनिर्ेशों क
े अनतररक्त भारत र्षव में 585
अन्य देशी राज्य प्रभुता िम्पन्ि थे। लेककि कचमीर की श्स्थनत बढ़ वर्धित्र थी। यद्यवप कक यहााँ पर
मुश्स्लमों की िांख्या अधधक होिे क
े बार्जूद भी यहााँ का शािक दहन्दू था र्ैमिस्यता और क
ू टिनत
को प्रमुखता प्रदाि करिे र्ाला पाककस्ताि कचमीर को अपिा असभन्ि अांग बिािे क
े सलए। तत्पर हो
गया। उि िमय र्हाां क
े राजा हर सिांह थे। पाककस्ताि एक पत्र प्रेवषत करक
े हर सिांह को यह
अर्गत कराया कक कचमीर पाककस्ताि का एक अांग है लेककि राजा हर सिांह इि बात को िुििे िे
इिकार कर ददया। कु छ िमय बाद पाककस्ताि िे कचमीर क
े िेत्रों पर अपिे िुिपैदियों को तैिात
कर ददया और कचमीर क
े राजा हर सिांह क
े ऊपर आक्रमण तीव्र गनत िे कर ददया। जब महाराजा
हर सिांह को यह लगा कक अब कचमीर पाककस्तानियों क
े कब्जे में हो जायेगा तब उन्होंिे भारत
िरकार िे िहायता की याििा की। भारत िरकार िे कहा जबतक कचमीर भारत का अवर्भाज्य अांग
िह ां बि जाता तब तक भारतीय शािक िैनिक िहायता िह ां दे िकता। राजा हर सिांह वर्र्श हो
करक
े रातोरात एक दस्तार्ेज पर हस्तािर करते हुए यह िाब्रबत कर ददया कक आज िे कचमीर
भारत का अवर्भाज्य अांग है। दस्तार्ेज पर हस्तािर होिे क
े बाद भारतीय िैनिक तीव्र गनत िे
कचमीर क
े िेत्रों में कब्जा ककये हुए पाककस्तानियों पर आक्रमण करक
े पीछे खदेड़ ददया। तभी िे
पाककस्ताि और भारत क
े मध्य अभी तक तीि युद्ध तथा कई छोटे-छोटे िांिषव हो िुक
े है लेककि
कचमीर की िमस्या को लेकर र्तवमाि िमय मे भी भारत और पाककस्ताि क
े मध्य कटुता और
र्ैमिस्यता दूर िह ां हो पा रह है श्जिक
े िलते पाककस्ताि भारत पर आतांकर्ाद क
े रूप में
िक्िलर्ाद क
े रूप में, भाई भतीजार्ाद क
े रूप में आक्रमण करता रहता है?
भारत अपिे वर्भाजि क
े तीि माह भी पूरे िह ां कर पाया था कक कचमीर राज्य क
े वर्र्ाद को लेकर
पाककस्ताि कचमीर पर आक्रमण कर देता है। इि आक्रमण क
े पीछे अांग्रेजों की क
ू टिीनतक िालों की
ह िकक्रय भूसमका रह ब्रिदटश शािक िदैर् िे ह आपि में फ
ू ट डालो और राज्य करो की िीनत का
अिुशरण करते रहे। भारत वर्र्श होकर भारत को दो उपनिर्ेशों में बाांटकर स्र्तांत्र कर ददया था उि
िमय कचमीर जैिे अिेक मुद्दे अधूरे छोड़ ददये गये ताकक भारत इन्ह ां उलझिों िे उलझा रहे।
र्ास्तर् में भारत पाककस्ताि िांिषव की िीांर् अांग्रेजों िे इिक
े जन्म क
े िाथ ह रख द थी। कचमीर
10. का मुद्दा आज भी अर्खणवत श्स्थनत में इिी कारण बिा हुआ है श्जि आधार पर तथा श्जि
पररश्स्थनतयों में भारत का वर्भाजि हुआ। उहााँिे हो भारत और पाककस्ताि को जन्मजात दुचमि बिा
ददया। कम िे कम पाककस्ताि तो यह िमझता था और अपिा अलग अश्स्तत्र् कायम होिे की बढ़
िे ह उििे अपिी िमस्त आन्तररक और र्ाह्य िीनतयों को भारत पर िोट करिे की दृश्ष्ट्ट िे
गढ़िा प्रारम्भ ककया ?
अध्ययि की िुवर्धा की दृश्ष्ट्ट िे देखा जाय तो शेख अब्दुल्ला शुरू िे ह अिुभर् करते थे कक
कचमीर का िर्ोत्तम दहत भारत िांि क
े अन्तगवत स्र्ायत्ता प्राप्त प्राश्स्थनत में था। कचमीर क
े महाराजा
द्र्ारा प्रस्तावर्त वर्लय को जब भारत िरकार िे स्र्ीकार कर सलया तब िे र्ह भारत का अखण्ड
भाग हो गया और भारत में अपिे इि भू-प्रदेश की रिा हेतु अपिे िैनिक दस्ते भेजे और इि प्रकार
प्रथम भारत पाक युद्ध का श्रीगणेश हुआ। भारतीय िेिा पूरे कचमीर िे, श्जिमें पाककस्ताि अधधकृ त
कचमीर भी शासमल है, हमलार्रों को खदेड़ देिे की श्स्थनत में थी, ककन्तु इि मामले को िांयुक्त
राष्ट्रिांि को िौंप कर आजतक अधर में लटका ददया गया। श्जिका लाभ पाककस्ताि आज तक भी
उिाता आ रहा है। फलस्र्रूप पाककस्ताि िे अपिी क
ू टिीनतक भारत को िदैर् कायावश्न्र्त करता रहा
है और अपिे िापाक इरादों को उजागर कर कचमीर की यथा श्स्थनत िमझौते का उल्लांिि करते हुए
उिकी आधथवक िाक
े बांद कर द और कचमीर क
े अन्दर धगलधगत तथा पुांछ क
े िेत्रों में जिता को
भड़काकर महाराजा हर सिांह क
े वर्रुद्ध युद्ध िम्बन्धी कायवर्ाह प्रारम्भ कर द ।
पाककस्ताि क
े जन्मदाता मुहम्मद अल श्जन्िा िे जबकक स्र्यां 17 जूि िि् 1747 ई. को
स्र्ीकार ककया था कक िांर्ैधानिक तथा वर्धधक रूरूप िे भारतीय ररयाितें िर्वश्रेष्ट्िता की िमाधध पर
स्र्तांत्र िम्प्रभु राज्य होंगे। र्े अपिे सलए दहन्दुस्तािी िांवर्धाि िभा अथर्ा पाककस्तािी िांवर्धाि
िभा अथर्ा स्र्तांत्र होिे का निणवय कर िकते हैं। इि कायवर्ाह क
े िाथ पाककस्ताि एर्ां कचमीर का
मािला तेज हो उिा और 3 ददिम्बर 1947 ई. को लगभग पाांि हजार प्रसशक्षित तथा कु शल
कबाइसलयों र् अनियसमत पाककस्तािी िेिा िे कचमीर की राजधािी श्रीिगर पर वर्धधर्तः
आक्रमणात्मक कायवर्ाह शुरू कर द । पाककस्ताि िे जेहाद क
े िाम पर मुश्स्लम जिता को महाराजा
हर सिांह क
े वर्रूद्ध गुमराह करिे का प्रयाि ककया श्जिमें पाककस्ताि को बड़े स्तर पर िफलता भी
समल । 21 अक्टू बर 1847 को कबाइल वर्शाल िेिा क
े एक दूिरे दल िे पाककस्ताि की एबटाबाद
छार्िी िे आकर कचमीर क
े गुज्जफराबाद पर आक्रमण कर ददया। कचमीर की िेिा की दो
बटासलयि िेिा भी इि असभयाि क
े िमय कट्टर पांथी धासमवक भार्िा क
े कारण पाककस्तािी
कबाइल िेिा क
े िाथ हो गयी श्जिे कचमीर का अश्स्तत्र् लगातार खतरे में पड़ता जा रहा था
11. पाककस्ताि की कबाइल िेिा िे डोमेल की ओर बढ़कर बारामूला पर अधधकार करिे की एक क
ू ट
योजिा बिायी। जब पाककस्तािी िेिा िे दूिर ओर बारामूला श्रीिगर में प्रर्ेश करिे का प्रयाि
ककया तो महाराजा हर सिांह की िेिा तीव्रगनत िे ब्रिगेडडयर राजेन्द्र सिांह क
े ददशा निदेशि में उिपर
अांकु श लगाते हुए जोरदार आक्रमण कर बिार् करिे का प्रयाि ककया। लेककि इिक
े बार्जूद भी दो
ददि बाद पाककस्तािी िेिा को बारामूला में प्रर्ेश पािे में िफलता प्राप्त हो गयौं। भारतीय िेिा
द्र्ारा 8 मई 1947 ई. को पाककस्तािी िेिा तथा कबाइल िेिा िे बारामूला को पूर तरह िे मुक्त
करा सलया गया। पुांछ क
े िेत्र में पाककस्तािी िेिा जब िफल िह ां हो िकी तो यह िौशेरा की ओर
बढ़ गयी फलतः 6 फरर्र 1948 ई. को जोरदार िांबयव आरम्भ हो गया अन्ततः भारतीय िेिा िे
शत्रु की िेिा को आगे बढ़िे िे ह िह ां रोका बश्ल्क 12 अप्रैल 1948 ई. को राजौर िेत्र को भी शत्रु
िे छीि सलया। आक्रमण असभयाि इि दौराि जोरों पर था क्योंकक पाक िेिा अपिे गुप्त अड्डों िे
आक्रमण कर रह थी। अगस्त 1949 ई. को भारतीय िेिाओां िे पुांछ, राजौर , ककशिमाट तथा मेटू र
आदद स्थािों पर अपिा र्िवस्र् कायम करिे में िफल हो गया
इि युद्ध क
े उपरान्त भारत पाककस्ताि क
े बीि दूररयााँ और बढ़ गयााँ इि युद्ध असभयाि क
े िाथ-
िाथ राजिनयक प्रयाि भी दोिों राष्ट्रों द्र्ारा जोरों पर रहे ककन्तु जब कोई ददशा ददखाई िह ां द तो
भारतीय प्रधािमांत्री पश्ण्डत जर्ाहर लाल िेहरू िे िांयुक्त राष्ट्र िांि क
े दरर्ाजे पर दस्तक द श्जिक
े
फलस्र्रूप 21 अप्रैल 1948 को िुरिा पररषद की एक बैिक में युद्ध को रोकिे तथा श्स्थनत का
िह अध्ययि करिे क
े सलए पाांि िदस्यों का एक आयोग गदित ककया गया। फलतः निरन्तर बढ़ते
हुए अन्तरावष्ट्र य दर्ाओां क
े कारण 1 जिर्र िि् 1949 ई. को दोिों पिों िे कचमीर िमस्या पर
युद्ध वर्राम िमझौता स्र्ीकार कर सलया। लेककि इि िमझौते क
े बाद भी पाककस्ताि तब िे
अबतक कई युद्ध को अांजाम दे िुका है। श्जििे भारत पाककस्ताि क
े मध्य कचमीर वर्र्ाद दोिों
देशों को िम्बन्धों को लगातार तिार्पूणव बिाये रखिे में िबिे आगे है।
कचमीर में पाककस्ताि िे अभोवषत युद्ध छेड़ रखा है और आतांकर्ाद क
े माध्यम िे कचमीर िाट को
हड़पिे की िाश्जश कर रहा है। पाककस्ताि की इि िाश्जश िे िार दुनिया पूणवरूप िे पररधित हो
िुकी है। इिी कारण पाककस्ताि को अन्तराष्ट्र य मांिों िे िमथवि िह ां समल पा रहा है। यहााँ तक कक
इस्लासमक िम्मेलि में श्जिपर पाककस्ताि को पुस्तैिी भरोिा था इस्लामाबाद की िाश्जश क
े
बेिकाब हो जािे क
े कारण उिे िमथवि िह ां ददया। अभी तक इिी कारण भारत क
े असभन्ि अांग
12. जम्मू कचमीर को आधा हड़पिे क
े बाद पूरा हड़पिे की पाककस्तािी िाश्जश िफल िह ां हो पायी और
ि भवर्ष्ट्य में ह हो पायेगी। कचमीर पर पाककस्ताि द्र्ारा आक्रमण और िाश्जशें िदैर् वर्रोध को
बढ़ाती रह हैं वर्गत कु छ र्षों िे भारत िरकार जम्मू कचमीर में िुिार् करिे का वर्िार कर रहे थे
और उि र्षव 1996 ई. में िुिार् करािे का निणवय भी ले सलया पूर्व पाककस्ताि क
े प्रधािमांत्री श्रीमती
बेिजीर भुट्टो इि श्स्थनत को अपिे सलए अत्यांत ह खतरिाक माि रह थी इिसलए कचमीर लोगों
क
े िाथ एकजुटता की शपथ लेिे क
े सलए 5 फरर्र िि् 1996 ई. को पाककस्ताि में हड़ताल का
आर्ाहि ककया इि हड़ताल में भारत वर्रोधी िारे ह िह ां लगाये गये बश्ल्क अन्य षड्यांत्रकार
गनतवर्धधयों को गनत प्रदाि करिे का प्रयाि ककया गया। इिक
े बार्जूद लोकिभा िुिार् िफलता
पूर्वक िम्पन्ि हो गये श्जि कारण िे पाककस्ताि की उलझिे और ह तीव्र हो गयीां। पाककस्ताि
अभी भी भारत को अदहांिात्मक दृश्ष्ट्ट िे देखिा िह ां िाहता लेककि उिकी कु छ मजबूररयााँ है श्जिक
े
िलते र्ह भारत को अपिी पैिी निगाहों क
े िामिे झुकता हुआ देखिा िाहता है।
कचमीर मिले को लेकर वर्िारक कु लद प िैयर िे अपिे वर्िार देते हुए स्पष्ट्ट ककया है कक मैं िह ां
जािता क्यों प्रधािमांत्री िर्ाज शर फ हर दूिरे-तीिरे मह िे कचमीर को लेकर र्ह किरत दोहराते
रहते हैं। उन्होंिे िांयुक्त राष्ट्र की आम िभा में यह िर्ाल उिाया और कफर न्यूयाक
व में प्रधािमांत्री
मिमोहि सिांह क
े िाथ हुई बैिक में इिका उल्लेख ककया। अब उन्होंिे इि मुद्दे को र्ासशगांटि में
राष्ट्रपनत बराक ओबामा क
े िाथ बातिीत में उिाया है। शायद, उन्होंिे उिकी िेर्ाएां माांगी हैं।
अमेररका िे अपिा मत दोहराया है कक कचमीर को र्ह द्वर्पिीय मामला मािता है श्जिे दोिों को
आपि में िुलझािा िादहए। यह बात भारत भी कहता रहा है। पाककस्ताि क
े इि जोर देिे िे कक
भारत क
े िाथ शाांनत क
े सलए कचमीर मुख्य मुद्दा है, ककिी िमाधाि तक पहुांििे का अर्िर िह ां
बििे र्ाला है। दोिों देश परमाणु शश्क्त है, यह दटप्पणी िर्ाज शर फ क
े काम करिे क
े तर क
े िे
मेल िह ां खाती है। क्या यह धमकी है? परमाणु हधथयार क
े इस्तेमाल का मतलब होगा पाककस्ताि
और उत्तर भारत का पूर तरह वर्िाश एक और अशुभ पररर्तवि इस्लामाबाद क
े मामले में मैंिे
िोदटि ककया है कक उििे सशमला िमझौते का िाम लेिा छोड़ ददया है। पहले क
े बयािों में कहा
जाता था कक कचमीर िमस्या का हल िांयुक्त राष्ट्र और सशमला िमझौते क
े तहत होिा िादहए। उि
िमय, पाककस्ताि क
े प्रधािमांत्री जुश्ल्फकार अल भुट्टो िे प्रधािमांत्री इांददरा गाांधी िे मौखखक तौर
पर कहा था कक र्ह कोसशश करेंगे कक युद्ध वर्राम की रेखा अांतरराष्ट्र य िीमा बि जाए। लेककि
र्ह इि र्ायदे िे हट गए। र्ह अपिा पूर्ी दहस्िा गांर्ा िुक
े देश को इि प्रस्तार् क
े सलए राजी िह ां
कर िकते थे। कफर भी पाककस्ताि को यह िमझिा िादहए कक कचमीर क
े िमाधाि का रास्ता
13. बातिीत क
े अलार्ा कु छ िह ां है। इिक
े सलए सशमला िमझौता ह िबिे ज्यादा कारगर हो िकता है।
िि है कक शर फपर दक्षिण पांधथयों का दबाब है। लेककि एक आम पाककस्तािी ऐिा िह ां महिूि
करता ज्यादा िमय िह ां हुआ है जब मैं पाककस्ताि गया था और मैंिे एक टैक्िी र्ाले िे पूछा था
कक र्ह कचमीर क
े बारे में क्या िोिता है। उिका जर्ाब था मुझे कफक्र होती है कक अगल शाम की
रोट कै िे कमाऊ
ां , ि कक कचमीर की पाककस्ताि क
े एक वर्द्र्ाि िे एक बार कहा था कक श्जिे र्ह
लड़ाई क
े मैदाि में जीत िह ां पाए, उिे बातिीत की मेज पर जीतिे की उम्मीद िह ां करिी िादहए।
शर फ का र्ह प्रस्तार्, जो उन्होंिे अपिे निर्ाविि क
े िमय ककया था, अमल में लािे लायक है।
उन्होंिे कहा था कक कचमीर की िमस्या पर ब्रबिा रुकार्ट क
े िाथ बातिीत क
े सलए दोिों देशों को
एक कमेट बिािी िादहए। ऐिा करिे क
े बाद, दोिों देशों क
े बीि व्यापार का दरर्ाजे खोलिे िादहए।
और दोिों देशों क
े जिता क
े बीि िांपक
व क
े सलए बीिा आिाि बिा देिा िादहए। र्ास्तर् में,
पाककस्ताि क
े प्रधािमांत्री को अपिे प्रस्तार् को गांभीरता िे आगे बढ़ािे में लगिा िादहए। इिी बीि
श्स्थरता कायम करिे क
े सलए कचमीर क
े मांब्रत्रयों को रोिा पैिे देती रह है, िेिा क
े ररटायडव प्रमुख
जिरल बीक
े सिांह क
े इि आरोप में गांभीर मोड़ ले सलया है। जम्मू कचमीर क
े स्पीकर िे वर्धाििभा
में निणवय ददया है कक कचमीर क
े मांब्रत्रयों को पैिे देिे क
े आरोप क
े बारे में जािकार देिे क
े सलए र्ह
जिरल को िम्मि भेजेंगे। हालाांकक, भारत में वर्लय क
े िमय िे ह कचमीर की श्स्थनत देखते
िमझते रहिे र्ाले हममें िे कु छ लोगों को इििे आचियव िह ां हुआ िई ददल्ल िदैर् हर मामले में
दखल देती रह है। यहाां तक कक शेख अब्दुल्ला जैिे लोकवप्रय िेता को भी िई ददल्ल क
े आदेश पर
िलिा पड़ता था। एक बार उन्होंिे मुांह खोला कक र्ह भूखों मरिा पिांद करेंगे, लेककि भारत क
े हुक्म
पर िह ां िलेंगे और उन्हें 12 िाल का िमय जेल में गुजारिा पड़ा।"
र्ास्तर् में, भारतीय िांि में शासमल होिे क
े िीक बाद र्ाले र्षों में राज्य में कोई िुिार् िह ां हुआ।
शेख अब्दुल्ला, जो उि िमय जम्मू कचमीर क
े प्रधािमांत्री कहलाते थे, को ददल्ल में तय की गई यह
श्स्थनत स्र्ीकार करिी पड़ी। यह पररपाट शेख अब्दुल्ला की धगरफ्तार क
े बाद जगह लेिे र्ाले
गुलाम मोहम्मद बक्शी क
े िमय भी जोर-शोर िे िलाई जाती रह । कचमीर का िेतृत्र् कौि करेगा
यह फै िला ददल्ल में सलया जाता था।
वर्देश मांत्रालय वर्भाग में कचमीर मामले का एक अलग वर्भाग था। शायद यह व्यर्स्था यह बतािे
क
े सलए की गई थी कक मामला िांयुक्त राष्ट्र में लांब्रबत है इिसलए इिे वर्देश मांत्रालय ह देखेगा।
14. वर्देश मांत्रालय प्रधािमांत्री जर्ाहर लाल िेहरू क
े पाि था। वर्भाग को गृह मांत्रालय में तब
स्थािाांतररत ककया गया जब उत्तर प्रदेश क
े मुख्यमांत्री रहे बड़े वर्द्र्ाि गोवर्ांद बल्लभ पांत िे इि
मांत्रालय का भार िांभाला। यह वर्भाग अभी भी गृह मांत्रालय का दहस्िा है।" िेहरू को यह श्रेय जाता
है कक उन्होंिे हररसिांह क
े इि आग्रह को िह ां स्र्ीकार ककया कक भारतीय िांि में वर्लय शेख
अब्दुल्ला की स्र्ीकृ नत क
े बाद ह ककया जाए अब्दुल्ला उि ददिों जेल में थे। यह दुभावग्यपूणव है कक
शेख िे निराशाजिक व्यर्हार ककया। उन्होंिे िई ददल्ल क
े आदेश पर बिी व्यर्स्था को उिी तरह
स्र्ीकार कर सलया जैिा बत्तख पािी क
े िाथ करते हैं। इिक
े बाद श्रीिगर में मुख्यमांब्रत्रयों िे पीपुल्ि
डेमोक्र
े दटक पाटी क
े मुफ्ती मोहम्मद िईद या फारूक अब्दुल्ला िे िमझ सलया कक श्रीिगर को अपिी
िार् िई ददल्ल में िलिे र्ाल हर्ाओां क
े क
े अिुिार िलािी | युर्ा मुख्यमांत्री उमर अब्दुल्ला िह
शोर मिाते हैं लेककि यह िाय की प्याल क
े तूफाि िे ज्यादा कु छ िह ां है। र्ह राज्य की पुसलि को
मजबूत करिे का िह काम कर रहे हैं, ताकक र्हाां तैिात भारतीय िेिा का उपयोग कम िे कम हो
जाए। लेककि उन्हें पाककस्ताि िेिा गलत िाब्रबत कर देती है जो मामले को गरम ककए रखती है।
यह एक राहत की बात हुई थी कक दोिों देशों िे लाइि आफ क
ां रोल (नियांत्रण रेखा) का उल्लांिि
िह ां करिा तय ककया था। लेककि नियांत्रण रेखा का उल्लांिि बार-बार होता रहा है। पाककस्ताि इिक
े
सलए श्जम्मेदार है क्योंकक गाड़ा आिे और दरों क
े बफ
व िे भर जािे क
े पहले भारत में िुिपैि क
े सलए
तहर क-ए-तासलबाि को पाककस्ताि मदद दे रहा है। अगर कचमीर में बगार्त इस्लामाबाद की िीनत
का दहस्िा है तो प्रधािमांत्री शर फ का प्रधािमांत्री मिमोहि सिांह क
े िाथ बैिक का क्या मतलब था?
दोिों इि बात पर िहमत हुए कक र्े 2004 में हुए इि िमझौते का आदर करेंगे कक नियांत्रण रेखा
का उल्लांिि िह ां हो। दोिों देशों क
े समसलटर आपरेशांि क
े डायरेक्टर जिरलों की बैिक होिी थी िि
है कक कोई िमय िीमा िह ां तय हुई थी। लेककि अब तक उन्हें समल लेिा िादहए, भले ह यह सिफ
व
एक औपिाररकता बि कर रह जाती। राजिीनतक आकाओां को िमझिा होगा कक िीमा पर फायररांग
का कोई अथव िह ां है। तीि युद्धों क
े बाद पाककस्ताि को यह िमझ लेिा िादहए था कक र्ह कचमीर
को भारत क
े हाथों िे जबदवस्ती िह ां छीि िकता।"
दोिों देशों क
े बीि मिमुटार् द्र्ेष और र्ैमिस्यता कचमीर मुददा ह है। भारतीय स्र्तांत्रता
अधधनियम क
े अन्तगवत देश की ररयाितों को भारत अथर्ा पाककस्ताि क
े िाथ समलिे की स्र्तांत्रता
दे द गयी थी लेककि इिमें अांग्रेजों का षडयांत्र था उिका वर्िार था कक कई राजा लोग स्र्तांत्र रहिा
पिांद करेंगे। इिी तरह भारत कई खण्डों में बांट जायेगा। ऐिा होता तो भारत की स्र्तांत्रता का कोई
महत्र् ि रह जाता परन्तु िरदार र्ल्लभभाई पटेल क
े प्रयािों िे लगभग 33 ररयाितों िे अपिी
15. भौगोसलक एर्ां धासमवक िुवर्धािुिार भारत र् पाककस्ताि में अपिे को समला सलया परन्तु तीि
ररयाितें (जूिागढ़, हैदराबाद, जम्मू कचमीर) िे अपिे को समलािे में अिमथव रहे। जूिागढ़ हैदराबाद
को िैनिक कायवर्ाह एर्ां जिमत िांग्रह क
े तहत िरदार र्ल्लभ भाई पटेल िे भारत में समला सलया
परन्तु कचमीर क
े मामले में िरदार पटेल भी कु छ ि कर िक
े । शेख अब्दुल्ला को तत्काल ि
प्रधािमांत्री पांडडत जर्ाहर लाल िेहरू की समत्रता क
े कारण बहुत महत्र् प्राप्त हो गया और र्ह स्र्तांत्र
कचमीर का स्र्प्ि देखिे लगे उधर जम्मू क
े शािक महाराजा हर सिांह भी इिे स्र्ीटजरलैंड की भाांनत
तटस्थ स्र्तांत्र राष्ट्र क
े रूप में देखिा िाहते थे। ऐिी श्स्थत में महाराजा हर सिांह िे भारत और
पाककस्ताि दोिों क
े िाथ अस्थाई िमझौता करिे का प्रयाि ककया एर्ां भारत में वर्लय क
े प्रचि को
आगे टाल ददया। इिी दौराि कचमीर की र्तवमाि िमस्या का जन्म हुआ पाककस्ताि िे र्हाां एक
िैनिक वर्द्रोह करिे का प्रयाि ककया उिका वर्िार था कक कचमीर की मुश्स्लम जिता दहन्दू महाराज
क
े वर्रूद्ध हमलार्रों का स्र्ागत करेगी। इि तरह कचमीर अप्रत्यि रूप िे पाककस्ताि में वर्लय हो
जायेगा। इि दौराि हर सिांह िे भारत िे िहायता क
े सलए कहा भारत िे मािर्ीय दृश्ष्ट्टकोण िे
राज्य वर्ल िीकरण पर अपिा प्रस्तार् रखा श्जिमें ररयाित की जिता िे भी उिका िमथवि ककया।
अन्ततः कचमीर अक्टू बर 1947 में अपिी िम्प्रभुता की िुरिा क
े सलए भारत गणराज्य में शासमल
हो गया श्जिक
े उपरान्त कचमीर िाट में भारतीय िेिाएां अपिे कतवव्यों का निर्वहि तीव्र गनत िे
प्रारम्भ कर ददया। र्षो तक इि मामले को लेकर पाककस्ताि िे युद्ध िलता रहा जिर्र िि्
1949 में िांयुक्त राष्ट्रिांि क
े हस्तिेप िे युद्ध बन्द हुआ। युद्ध बन्द क
े िमय कचमीर का एक
नतहाई दहस्िा पाककस्ताि क
े कब्जे में िला गया उिे पाककस्ताि आजाद कचमीर और भारत अधधकृ त
कचमीर क
े िाम िे िम्बोधधत करता है इि मामले में बाद में िांयुक्त राष्ट्र िांि िे एक प्रस्तार्
पाररत ककया और िि् 1950 ई. में अपिे पयवर्ेिक नियुक्त ककये जो िि् 1957 तक र्हाां रहे
लेककि िमस्या का कोई िर्वमान्य हल िह ां निकला।
र्ास्तर् में भारत पाक िम्बन्धों में िुझार् क
े बजाय वर्स्फोटक मुकाम तक पहुांिािे का काम कचमीर
िमस्या िे िदैर् िे ककया है। मूल्याांकि की दृश्ष्ट्ट िे यदद अर्लोकि ककया जाय तो भारत
पाककस्ताि िम्बन्धों की िामनयक िमस्याओां में िर्ावधधक महत्र्पूणव िमस्या कचमीर वर्र्ाद ह
िामिे आता है। कचमीर मिले को अन्तरावष्ट्र य रांगत देिे में पाककस्ताि क
े लगातार प्रयािों िे दोिों
देशों क
े िम्बन्ध िौपट कर ददये है और दोतरफा बातिीत की िम्भार्िाओां पर भी पािी फ
े र ददया
है। पाककस्ताि की ओर िे कचमीर में भाड़े क
े अफगाि छापामारों को भेजिे, उग्रर्ाद को खुल्लम-
खुल्ला बढ़ार्ा देिे और अन्तवराष्ट्र य स्तर पर कचमीर में मािर्ाधधकारों क
े कधथत हिि को लेकर
16. बखेड़ा करिे िे तिार् निरन्तर बढ़ता रहा है और िीमा पर लगातार पाककस्तािी िैनिकों को
गोलाबार िे युद्ध जैिी श्स्थत बिती जा रह है। इि िम्बन्ध में • बलराज अशोक का मत है कक
कचमीर क
े प्रशािि और राजिीनतज्ञों को अपिी ओर करिे कचमीर िर्युर्कों को शस्त्र िश्ज्जत कर
उििे आतांकर्ाद गनतवर्धधयों में तेजी लािे, राज्य की मुश्स्लम आबाद को िरकार क
े खखलाफ करिे
तथा िाट िे गैर मुश्स्लमों को बाहर खदेड़िे र्ाल योजिा में पाककस्ताि को पूर तरह कामयाबी
समल िुकी है अब तकिा अश्न्तम प्रयाि, जो शुरू हो िुका है, इि वर्द्रोह को अिोवषत युद्ध में
बदलिे तथा भारतीय िुरिा बलों िे िीधे टक्कर लेिा है।" पाककस्ताि कचमीर को भारत िे अलग-
थलक करिे की अपिी कोसशशों क
े अश्न्तम िरण में है और इि अश्न्तम िरण क
े आरश्म्भक 6
लक्ष्य निधावररत ककये है श्जििे िाट क
े मुिलमािों को उग्रर्ाददयों क
े रूप में • िमथवि क
े सलए
तैयार करिा और दहन्दुओां को िाट िे बाहर खदेड़िा तथा गुप्तिर क
े िमस्त स्रोतों को बन्द कर
िरकार को पांगु बिा देिा है एर्ां प्रशािि को िधिर्ालय तक िीसमत रखिा है और िुरिा बलों को
यह एहिाि करािा कक अब िाट क
े लोग उिक
े खखलाफ हैं तो उिकी तैिाती का अब कोई औधित्य
िह ां बिता, मध्य मागीय राजिीनतक िेतृत्र् को अप्रािाांधगक कर देिा श्जििे क
े न्द्र कोई राजिीनतक
पहल शुरू ि कर िक
े । इिसलए जैिे ह कचमीर में िुिार् प्रकक्रया की बात शुरू होती है पाककस्ताि
अपिी हरकतें तेज कर देता है और िीमा पर गोलाबार पर भी उतर आता है। श्रीिगर में हजरतबल
दरगाह पर आतांकर्ाददयों का कब्जा और उिक
े बाद दरगाह क
े इदव -धगदव डाले गये भारतीय िुरिा
बलों क
े िेरे िे कचमीर को एकर्ार कफर िे वर्स्फोटक मुकाम पर लाकर खड़ा कर ददया है लेककि
पाककस्ताि को अपिे दुष्ट्प्रिार में अभी तक िफलता िह ां समल है यह एक कडुई ित्यता आांखे मूांद
लेिा ह होगा।
िरक्रीक:
भारत पाक िम्बन्धी को िामान्य बिािे का एक वर्र्ाद गुजरात श्स्थत कच्छ क
े रण पर िरक्रीक
िीमा वर्र्ाद भी है। भारत और पाककस्ताि क
े बीि िरकीक का यह वर्र्ाद युद्ध स्थल बिा हुआ है।
जो कक र्षव 1965 िे ह दोिों देशों क
े बीि बरकरार रहा है। इि वर्र्ाद को वर्राम देिे क
े सलए
बातिीत हेतु भारत क
े िर्ेयर लेफ्ट िेंट जिरल ए. क
े . आहूजा और पाककस्तािी रिा मांत्रालय क
े
अनतररक्त िधिर् जमील अख्तर िे पहल अर्चय की ककन्तु अभी ककिी निष्ट्कषव पर िह ां पहुांिा जा
िका है। भारतीय पि का कहिा है कक िरक्रीक िीमा रेखा को दोिों देशों क
े बीांि एक काल्पनिक
रेखा मािा जाय क्योंकक इि िेत्र में लगातार प्यार भाांटा क
े कारण यह िीमा आगे पीछे खखिकती
रहती है। भारत का कहिा है कक िमुद्र िीमा रेखा क्रीक क
े औिति मध्य में होिी िादहए। जबकक
17. पाककस्ताि अधधकतम िीमा िेत्र को अपिे अधधकार िेत्र में रखिा िाहता है। इि िन्दभव में
पाककस्ताि का तक
व है कक भारत िे िरक्रीक का मामला 1966 क
े रि ऑफ कि क
े दरब्यूिल क
े
िमि िह ां उिाया अतः यह मामला पहले ह हल हो िुका है। भारत में यह मामला क
े र्ल 1982 ई.
में उिाया था उि िमय एक मािधित्र क
े माध्यम िे 1914 क
े िमझौते को अलग तर क
े िे लागू
करिे की माांग की। िरक्रीक का िेत्र सिांध को ददया गया था श्जिे कच्छ राज्य िे स्र्ीकार ककया था
ककन्तु भारत का तक
व है कक कच्छ राज्य की क
े र्ल भू िेत्रों में ह ददलिस्पी थी। तीि दशक िे िले
आ रहे िमुद्र िीमा वर्र्ाद का प्रमुख कारण श्स्थत को अपिे पि में रखकर देखिा है। ब्रिदटश
सिद्धाांत क
े अिुिार यदद कोई िैिल या िद िौर्हि क
े योग्य िह है तो पूरा िेत्र एक िेत्र को
समल जािा िादहए। जबकक भारत का कहिा है कक िरक्रीक िमुद्र िीमा िेत्र िौर्हि क
े योग्य है
अतः दोिों िेत्रों क
े अधधकार एर्ां कतवव्य िेत्र में ह आता है। जबतक दोिों देशों क
े बीि इि िमुद्र
िीमा का निधावरण िह ां होगा तबतक इि िेत्र क
े प्राकृ नतक िांिाधाि तेल और प्राकृ नतक गैि आदद
का दोहि िह ां ककया जा िकता। भारत और पाककस्ताि िि् 2007 तक इि वर्र्ाद को यदद वर्राम
िह ां ददये होते तो िांयुक्त राष्ट्र िांि की अध्यिता स्र्ीकार करिी होती। इि िमुद्र वर्र्ाद को
िुलझािे क
े सलए पाककस्ताि तीिरे पि की मध्यस्थता करर्ािा िाहता है जो कक भारत को स्र्ीकार
िह ां है अत: इि र्ाताव को भी कोई िाथवक िफलतिा िह ां समल ।
र्षव 2012 में िई ददल्ल में सियाधिि मुद्दे पर बेितीजा रह बातिीत क
े बाद भारत और
पाककस्ताि को िरक्रीक का िीमा वर्र्ाद िुलझािे क
े सलए िई ददल्ल में समलिे की बात िल रह
थी। दोिों देशों क
े बीि कामयाबी क
े िबिे िजद क खड़े इि मुद्दे पर भारत की कोसशश बातिीत
को आगे बढ़ािे की रह । हालाांकक यह आशांकाएां बरकरार हैं कक सियाधिि पर िैन्य कटौती क
े
खखलाफ भारत क
े िख्त स्र्ैये क
े बाद पाककस्ताि िरक्रीक पर िीधे िमाधाि िे कन्िी काट जाएगा।
दोिों मुल्कों क
े बीि 18 और 19 जूि को भारत क
े िर्ेयर जिरल और उिक
े पाककस्तािी • िमकि
क
े बीि होिे र्ाल बातिीत पहले मई में होिी थी। पाक खेमा इि बात पर जोर दे रहा था कक र्ह
िरक्रीक िे पहले सियाधिि पर बात करिा िाहता है। इिीसलए बातिीत का कै लेंडर बदलते हुए 11
और 12 जूि को रार्लवपांडी में रिा िधिर् र्ाताव का कायवक्रम तय हुआ। िूत्रों क
े मुताब्रबक इि बात
की आशांकाएां हैं कक सियाधिि में िैन्य कटौती पर भारत क
े इन्कार क
े बाद पाककस्तािी पि िरक्रीक
पर अधधक िख्त रुख क
े िाथ आए। हालाांकक भारतीय खेमा मािता है। कक िरक्रीक मुद्दा िमाधाि
क
े िबिे कर ब है और इििे भारत क
े प्रधािमांत्री को पाक दौरे को जमीि तैयार करिे में भी मदद
समलेगी 7°