http://spiritualworld.co.in जले पीपल को फिर से हरा-भरा करना:
एक दिन एक सिख गुरु जी के पास आया और कहने लगा की महाराज! गुरु स्थान नानक मते का सिद्ध लोग घोर अनादर कर रहे है| आप कृपा करके जल्दी वहाँ पहुँच कर सत्संग नानक साहिब की यादगार को नष्ट होने से बचाओ सिख की`यह प्रार्थना सुनकर गुरु जी ने बाबा बुड्डा जी आदि सिखों से कहा कि हम नानक मते जाकर गुरु साहिब कि यादगारे पीपल और मीठा रीठा सिद्धों से बचाना चाहते है| अगर हम वहाँ नहीं गए तो सिद्ध इसे मिटा देंगे|
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2. एक िदिन एक िसिख गुर जी के पासि आया और
कहने लगा की महाराज! गुर स्थान नानक मते
का िसिद लोग घोर अनादिर कर रहे है| आप
कृपा करके जल्दिी वहाँ पहुँच कर सित्सिंग नानक
सिािहब की यादिगार को नष होने सिे बचाओ
िसिख की`यह प्राथर्थना सिुनकर गुर जी ने बाबा
बुड्डा जी आिदि िसिखो सिे कहा िक हम नानक
मते जाकर गुर सिािहब िक यादिगारे पीपल
और मीठा रीठा िसिदो सिे बचाना चाहते है|
अगर हम वहाँ नही गए तो िसिद इसिे िमटा
दिेंगे|
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3. रास्ते मे अनेक प्रािणियो का उद्धार करते हुए
गुर जी नानक मते पहुंच गए| गुर जी ने भाई
अलमस्त से सारी बात सुनी| योगिगयो द्वारा
पीपल जलाये जाने िक बात सुनकर गुर जी ने
स्नान िकया| शस-वस सजाये और पीपल के
पास दीवान सजा कर सोगदर की चौकी पड
कार अरदास की| इसके पश्चात िनमर्मल जल
मंगवा कर उसमे केसर और चन्दन िघिसवा
कार िमलाया और सितनाम कह कर जले हुए
पीपल पार डाल िदया जोग िक िसद्धो ने इषार्म
करके,गुर घिर की िनशानी िमटाने के िलए
जला दी थी|
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4. दूसरे िदन उसे पीपल मे से हरी- हरी शाखाएँ
और पत्ते िनकाल आये| ऐसा देखकर सभी
भगत खुश हो गए व गुर जी की जय-जयकार
करने लगे| इस पीपल पार आज तक केसर के
िनशान और चन्दन के सफ़े द िनशान साफ़
िदखाई देते है|
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