आयुर्वेद के नाड़ी परीक्षण के मूल सिध्धान्तों को एक तरफ आधार मानकर तथा दूसरी तरफ आधुनिक वैग्यानिक दृष्टिकोण को स्वीकार करते हुये और इसके साथ साथ आधुनिक वैग्यानिक खोजों तथा प्राचीन ग्यान के बीच मे अन्त: सम्बन्ध यानी को-रिलेशन को केन्द्रीय विचार मानते हुये आयुर्वेद के अन्य तमाम मौलिक सिध्धन्तो को वैग्यानिक सामन्जस्य को साथ लेते हुये और तारतम्य और एकरूपता को एक सूत्रीय बनाये रखते हुये ऐसे विचार को लेकर प्रस्तुत पुस्तक की रचना की गयी है / आयुर्वेद के आदि रचित शास्त्रीय ग्रन्थो मे आयुर्वेद के मौलिक सिध्धन्तो का प्रतिपादन किया गया है / इन सिध्धान्तो और नियमो को लेखको और व्याख्याकारों द्वारा कई तरह से समझाने की कोशिश की गयी है / आयुर्वेद के सिध्धान्त यथा दोष, त्रिदोष, त्रिदोष भेद, सप्त धातुयें, मल, उप-धातुयें और कार्य विकृति और दोष विकृति और स्थापित दोषो के शरीर मे स्थान आदि की व्याख्या चरक, सुश्रुत, वाग्भठ्ठ, भाव मिश्र , शारन्गधर आदि के द्वारा की गयी है / नाड़ी परीक्षण के द्वारा त्रिदोषो का ग्यान करने का परिचय भाव प्रकाश ग्रन्थ मे मिलता है / वैग्यानिक दृष्टिकोण से देखा जाय तो यही एक आयुर्वेद मे परीक्षण विधि है जिसके द्वारा शरीर के त्रिदोषो का अन्कलन किया जा सकता है / आयुर्वेद के ग्रन्थों में पन्च विधि और अष्ट विधि और दश विधि परीक्षण के अलावा आकृति परीक्षा और मल तथा मूत्र और स्वेद परीक्षा का भी वर्णन ग्रन्थों में मिलता है , जिनके द्वारा भी त्रिदोष का अन्कलन किया जा सकता है , ऐसा आयुर्वेद के महर्षियो ने बताया है / यद्यपि वैग्यानिक दृष्टिकोण से और आधुनिक प्रत्यक्ष और प्रमाण की दृष्टि से साक्ष्य आधारित विधि का नूतन आविष्कार, जिसको ” इलेक्ट्रो त्रिदोष ग्राफ ; ई०टी०जी० आयुर्वेदास्कैन ” का नाम करण लेखक द्वारा किया गया है, इस विधि द्वारा आयुर्वेद के लगभग समस्त मुख्य मौलिक सिध्धन्तो का मूल्यान्कन किया जा सकता है, जिन्हे आयुर्वेद मे बताया गया है / यह परीक्षण आधुनिक डिजिटल कम्प्यूटेराइज़्ड मशीनो द्वारा किया जाता है, इसलिये अब आयुर्वेद साक्ष्य आधारित चिकित्सा विग्यान यानी इवीडेन्स बेस्ड मेडिकल साइन्स हो गयी है / ई०टी०जी० आयुर्वेदास्कैन सिस्टम को भारत सरकार द्वारा परीक्षित किया जा चुका है / प्राचीन विग्यान और अर्वाचीन विग्यान दोनों के समन्वयन के द्वारा आयुर्वेद को आधुनिक वैग्यानिक स्वरूप देने का प्रयास लेखक और सम्पादक द्वारा किया गया है /
आयुर्वेद के नाड़ी परीक्षण के मूल सिध्धान्तों को एक तरफ आधार मानकर तथा दूसरी तरफ आधुनिक वैग्यानिक दृष्टिकोण को स्वीकार करते हुये और इसके साथ साथ आधुनिक वैग्यानिक खोजों तथा प्राचीन ग्यान के बीच मे अन्त: सम्बन्ध यानी को-रिलेशन को केन्द्रीय विचार मानते हुये आयुर्वेद के अन्य तमाम मौलिक सिध्धन्तो को वैग्यानिक सामन्जस्य को साथ लेते हुये और तारतम्य और एकरूपता को एक सूत्रीय बनाये रखते हुये ऐसे विचार को लेकर प्रस्तुत पुस्तक की रचना की गयी है / आयुर्वेद के आदि रचित शास्त्रीय ग्रन्थो मे आयुर्वेद के मौलिक सिध्धन्तो का प्रतिपादन किया गया है / इन सिध्धान्तो और नियमो को लेखको और व्याख्याकारों द्वारा कई तरह से समझाने की कोशिश की गयी है / आयुर्वेद के सिध्धान्त यथा दोष, त्रिदोष, त्रिदोष भेद, सप्त धातुयें, मल, उप-धातुयें और कार्य विकृति और दोष विकृति और स्थापित दोषो के शरीर मे स्थान आदि की व्याख्या चरक, सुश्रुत, वाग्भठ्ठ, भाव मिश्र , शारन्गधर आदि के द्वारा की गयी है / नाड़ी परीक्षण के द्वारा त्रिदोषो का ग्यान करने का परिचय भाव प्रकाश ग्रन्थ मे मिलता है / वैग्यानिक दृष्टिकोण से देखा जाय तो यही एक आयुर्वेद मे परीक्षण विधि है जिसके द्वारा शरीर के त्रिदोषो का अन्कलन किया जा सकता है / आयुर्वेद के ग्रन्थों में पन्च विधि और अष्ट विधि और दश विधि परीक्षण के अलावा आकृति परीक्षा और मल तथा मूत्र और स्वेद परीक्षा का भी वर्णन ग्रन्थों में मिलता है , जिनके द्वारा भी त्रिदोष का अन्कलन किया जा सकता है , ऐसा आयुर्वेद के महर्षियो ने बताया है / यद्यपि वैग्यानिक दृष्टिकोण से और आधुनिक प्रत्यक्ष और प्रमाण की दृष्टि से साक्ष्य आधारित विधि का नूतन आविष्कार, जिसको ” इलेक्ट्रो त्रिदोष ग्राफ ; ई०टी०जी० आयुर्वेदास्कैन ” का नाम करण लेखक द्वारा किया गया है, इस विधि द्वारा आयुर्वेद के लगभग समस्त मुख्य मौलिक सिध्धन्तो का मूल्यान्कन किया जा सकता है, जिन्हे आयुर्वेद मे बताया गया है / यह परीक्षण आधुनिक डिजिटल कम्प्यूटेराइज़्ड मशीनो द्वारा किया जाता है, इसलिये अब आयुर्वेद साक्ष्य आधारित चिकित्सा विग्यान यानी इवीडेन्स बेस्ड मेडिकल साइन्स हो गयी है / ई०टी०जी० आयुर्वेदास्कैन सिस्टम को भारत सरकार द्वारा परीक्षित किया जा चुका है / प्राचीन विग्यान और अर्वाचीन विग्यान दोनों के समन्वयन के द्वारा आयुर्वेद को आधुनिक वैग्यानिक स्वरूप देने का प्रयास लेखक और सम्पादक द्वारा किया गया है /