2. प्रफ
ु ल चंद्र राय (1861-1944)
प्र सद्ध शक्षा वद् और
रसायनज्ञ. प्रफ
ु ल चंद्र राय को
भारत की पहली फामार्यस्यू टकल
क
ं पनी, बंगाल रसायन एवं
फामार्यस्यू टकल्स क
े संस्थापक क
े
रूप में जाना जाता है. रसायन
और फामार्यस्यू टकल्स क
े क्षेत्र में
इनका इस तरह का योगदान
3. सलीम अली (1896 - 1987)
सलीम अली अपने समय क
े महान
प्रकृ तवादी रहे हैं. पक्षी वज्ञान को
वक सत करने में इनका अहम
योगदान रहा है. इनक
े इसी योगदान
क
े लए इन्हें 'Birdman of India' क
े
नाम से भी जाना जाता है.
पक्षी वज्ञान को लेकर सलीम ने कई
तरह की खोज भी की हैं.
4. श्री नवास रामानुजन्(1887 -
1920)
श्री नवास रामानुजन्एक महान
भारतीय ग णतज्ञ थे. इन्हें
आधु नक काल क
े महानतम ग णत
वचारकों में गना जाता है. इन्हें
ग णत में कोई वशेष प्र शक्षण नहीं
मला, फर भी इन्होंने वश्लेषण
और संख्या सद्धांत क
े क्षेत्रों में
5. चन्द्रशेखर वेंकट रामन (1888 -
1970)
चन्द्रशेखर वेंकट रामन भारतीय
भौ तक-शास्त्री थे. प्रकाश क
े प्रकीणर्यन
पर बेहतरीन कायर्य क
े लये वषर्य 1930
में उन्हें भौ तकी का प्र तिष्ठत नोबेल
पुरस्कार दया गया. उनका आ वष्कार
उनक
े ही नाम पर रामन प्रभाव क
े नाम
से जाना जाता है.
6. होमी जहांगीर भाभा (1909 -
1966)
होमी जहांगीर भाभा भारत क
े एक
प्रमुख वैज्ञा नक और स्वप्नदृष्टा थे.
इन्होंने भारत क
े परमाणु ऊजार्य
कायर्यक्रम की कल्पना की थी.
उन्होने मुट्ठी भर वैज्ञा नकों की
मदद से माचर्य 1944 में ना भकीय
ऊजार्य पर अनुसंधान की शुरुआत
7. जगदीश चन्द्र बसु (1858 - 1937)
डॉ. जगदीश चन्द्र बसु भारत क
े
प्र सद्ध वैज्ञा नक थे. इन्हें भौ तकी,
जीव वज्ञान, वनस्प त वज्ञान और
पुरातत्व का गहरा ज्ञान था. वे ऐसे
पहले वैज्ञा नक थे िजन्होंने रे डयो और
सूक्ष्म तरंगों की प्रका शकी पर काम
कया.
8. सत्येन्द्रनाथ बोस (1894 - 1974)
सत्येंद्र नाथ बोस प्र सद्ध भारतीय भौ तक वज्ञानी
थे। उन्होंने इन वषयों में व्यापक रू च और ज्ञान
दखाया जैसे: रसायन वज्ञान, जीव वज्ञान, ख नज
वज्ञान, कला, सा हत्य, संगीत और ग णत। उनक
े
योगदान ने भारत को गौरवािन्वत कया और देश में
कई स म तयों को उनक
े कौशल और ज्ञान से लाभ
हुआ।
उनक
े क
ु छ प्रमुख कायर्गों में से क्वांटम मैक
े नक्स,
बोस आइंस्टीन स्टै टक्स की स्थापना, बोस
आइंस्टीन क
ं डेंसेट क
े सद्धांत और सैद्धां तक
भौ तकी से संबं धत कई अन्य वषयों की स्थापना।
9. अब्दुल कलाम (15 अक्टूबर 1931)
अबुल प कर जैनुलाअबदीन अब्दुल
कलाम, िजन्हें डॉक्टर ए पी जे अब्दुल
कलाम क
े नाम से भी जाना जाता है,
भारतीय गणतंत्र क
े ग्यारहवें नवार्य चत रहे
राष्ट्रप त हैं. वे भारत क
े पूवर्य राष्ट्रप त,
जानेमाने वैज्ञा नक और अ भयंता क
े रूप
में वख्यात हैं. इन्हें भारतीय मसाइलों
और परमाणु ह थयार कायर्यक्रम संचा लत
करने क
े लए भी जाना जाता है.
10. हरगो वन्द खुराना (1922 -
2011)
हरगो वंद खुराना नोबेल
पुरस्कार से सम्मा नत
भारतीय वैज्ञा नक थे. इन्हें
बायोक
े मस्ट क
े क्षेत्र में अहम
योगदान क
े लए 1968 में इस
पुरस्कार से नवाजा गया था.
11. श्रीराम शंकर अभयंकर
(1930 - 2012)
श्रीराम शंकर अभयंकर
बीजग णतीय ज्या म त में
उनक
े योगदान क
े लए
वख्यात भारतीय ग णतज्ञ
हैं.
12. डॉ मेघनाद साहा -Dr Meghnath Saha
डॉ मेघनाद साहा एक भारतीय खगोल वैज्ञा नक थे
। उन्होंने सतारों में रासाय नक और भौ तक
संतुलन से संबं धत उनक
े स्पष्टीकरण क
े लए
बहुत महत्व और मान्यता प्राप्त की। उनक
े
योगदान और ज्ञान ने व भन्न खोलल वदों को
सतारों क
े तापमान क
े साथ-साथ वणर्यक्रमीय वगर्गों
को समझने में मदद की।
डॉ मेघनाद साहा, 1952 में भारत की संसद क
े
लए भी चुने गए थे। उनक
े क
ु छ उल्लेखनीय
योगदानों में थमर्यल आयनीकरण और साहा
आयनीकरण समीकरण शा मल है।
डॉ मेघनाद साहा नािस्तक थे। 1956 में का डर्ययक
अरेस्ट की वजह से उनकी मौत हो गई।
13. सुब्रह्मण्यम चंद्रशेखर –
Subrahmanyam Chandrashekhar
सुब्रह्मण्यम चंद्रशेखर ने अपना
अ धकांश जीवन एक अमे रकी खगोल
भौ तकी वज्ञानी क
े रूप में बताया। वे
भारतीय मूल क
े थे। सतारों की संरचना
और वकास पर उनक
े सद्धांतों ने कई
खगोल वदों की मदद की। क
ु छ
महत्वपूणर्य वचारों तार कय वकास और
सतारों और ब्लैक होल क
े वकास को
जन्म दया।
14. वक्रम साराभाई: वक्रम अंबालाल साराभाई
भारत क
े अंत रक्ष इ तहास क
े जनक कहे जा
सकते हैं. एक तरह से उन्होंलनें भारत क
े
अंत रक्ष प्रोग्राम की नींव रखी. उन्होंरने देश में
40 अंत रक्ष और शोध से जुड़े संस्थाहनों को
खोला. उन्होंरने आण वक ऊजार्य, इलेक्ट्रॉ नक्स
और अन्य अनेक क्षेत्रों में भी बराबर का योगदान
कया. गुजरात क
े अहमदाबाद से आने वाले सारा
भाई पर तरूवनंतपुरम में स्था पत थुम्बा
इक्वेटो रयल रॉक
े ट लॉ चंग स्टेशन
(टीईआरएलएस) और सम्बध्द अंत रक्ष
संस्थाओं का नाम बदल कर वक्रम साराभाई
अंत रक्ष क
े न्द्र रख दया गया. यह भारतीय
अंत रक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) क
े एक
प्रमुख अंत रक्ष अनुसंधान क
े न्द्र क
े रूप में उभरा.
15. वेंकटरामन रामकृ ष्णन : त मलनाडू क
े
चदंबरम िजले से आने वाले भारतीय
मूल क
े वेंकटरामन रामकृ ष्णन को
साल 2009 में रसायन वज्ञान में
नोबेल पुरस्का्र दया गया. रामन को
यह पुरस्कार को शका क
े अंदर प्रोटीन
का नमार्यण करने वाले राइबोसोम की
कायर्यप्रणाली व संरचना क
े उत्कृ ष्ट
अध्ययन क
े लए दया गया.