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च वात असानी
चचा म य ?
भारत मौसम िव ान िवभाग (IMD) ने च वात असानी के
बंगाल क खाड़ी के दि ण-पूव े म 'गंभीर च वात' के
प म बदलने क भिव यवाणी क है।
 च वात असानी का नामकरण ीलंका ने कया है।
संहली म इसका अथ ' ोध' होता है।
 2020-21 म भारत म आने वाले च वात
थे: तौकते, यास, िनसग, अ फान।
भारत म च वात क घटना:
 भारत म ि वा षक च वात का मौसम होता है जो माच से मई और अ ूबर से दसंबर के बीच का समय है ले कन दुलभ
अवसर पर जून और िसतंबर के महीन म भी च वात आते ह।
o च वात गुलाब वष 2018 म उ णक टबंधीय च वात ‘डे’ (DAYE) और वष 2005 के च वात ‘ यार’ के बाद
िसतंबर म पूव तट पर प ँचने वाला 21व सदी का तीसरा च वात बन गया।
 सामा यत: उ र हंद महासागर े (बंगाल क खाड़ी और अरब सागर) म उ णक टबंधीय च वात पूव-मानसून (अ ैल से
जून माह) तथा मानसून प ात् (अ ूबर से दसंबर) क अविध के दौरान िवकिसत होते ह।
 मई-जून और अ ूबर-नवंबर के माह गंभीर ती च वात उ प करने के िलये जाने जाते ह जो भारतीय तट को भािवत
करते ह।
वग करण:
 भारत मौसम िव ान िवभाग (IMD) च वात को उनके ारा उ प अिधकतम िनरंतर सतही हवा क गित (Maximum
Sustained Surface Wind Speed- MSW) के आधार पर वग कृ त करता है।
 च वात को गंभीर (48-63 समु ी मील का MSW), ब त गंभीर (64-89 समु ी मील का MSW), अ यंत गंभीर (90-119
समु ी मील का MSW) और सुपर साइ लोिनक टॉम (120 समु ी मील का MSW) के प म वग कृ त कया गया है। एक
नॉट (knot) 1.8 कमी. ित घंटे के बराबर होता है।
उ णक टबंधीय च वात:
 उ णक टबंधीय च वात एक ती गोलाकार तूफान है जो गम उ णक टबंधीय महासागर म उ प होता है और कम
वायुमंडलीय दबाव, तेज़ हवाएँ व भारी बा रश इसक िवशेषताएँ ह।
 उ णक टबंधीय च वात क िविश िवशेषता म एक च वात क आं◌ँख (Eye) या क म साफ आसमान, गम तापमान
और कम वायुमंडलीय दबाव का े होता है।
 इस कार के तूफान को उ री अटलां टक और पूव शांत म ह रके न (Hurricanes) तथा दि ण-पूव एिशया एवं चीन
म टाइफू न (Typhoons) कहा जाता है। दि ण-पि म शांत व हंद महासागर े म इसे उ णक टबंधीय
च वात (Tropical Cyclones) तथा उ र-पि मी ऑ ेिलया म िवली-िवलीज़ (Willy-Willies) कहा जाता है।
 इन तूफान या च वात क गित उ री गोला म घड़ी क सुई क दशा के िवपरीत अथात् वामावत (Counter
Clockwise) और दि णी गोला म दि णावत (Clockwise) होती है।
 उ णक टबंधीय तूफान के बनने और उनके ती होने हेतु अनुकू ल प रि थितयाँ िन िलिखत ह:
o 27 िड ी सेि सयस से अिधक तापमान वाली एक बड़ी समु ी सतह।
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o को रओिलस बल क उपि थित।
o ऊ वाधर/लंबवत हवा क गित म छोटे बदलाव।
o पहले से मौजूद कमज़ोर िन -दबाव े या िन - तर-च वात प रसंचरण।
o समु तल णाली के ऊपर िवचलन (Divergence)।
नाग रकता (संशोधन) अिधिनयम िनयम
(Citizenship (Amendment) Act Rules)
संदभ:
हाल ही म, गृह मं ी अिमत शाह ने फर से दोहराते ए कहा है
क, कोिवड -19 महामारी समा होते ही ‘नाग रकता
(संशोधन) अिधिनयम’ (Citizenship (Amendment) Act –
CAA) लागू कया जाएगा।
नाग रकता (संशोधन) अिधिनयम, 2019 के बारे म:
नाग रकता (संशोधन) अिधिनयम, 2019 (CAA), 11 दसंबर, 2019 को संसद ारा पा रत कया गया था, इसके ठीक 24 घंटे के
भीतर ही 12 दसंबर को यह अिधिनयम अिधसूिचत कर दया गया था।
 इस संशोधन का उ े य ‘नाग रकता अिधिनयम’, 1955 म संशोधन करना है।
 ‘नाग रकता अिधिनयम, 1955’ म नाग रकता ा करने हेतु िविभ तरीके िनधा रत कये गए ह।
 इसके तहत, भारत म ज म के आधार पर, वंशानुगत, पंजीकरण, ाकृ ितक एवं े समािव करने के आधार पर नाग रकता
हािसल करने का ावधान कया गया है।
‘नाग रकता (संशोधन) अिधिनयम ‘के बारे म:
नाग रकता (संशोधन) अिधिनयम (CAA), का उ े य पा क तान, बां लादेश और अफगािन तान के उ पीिड़त अ पसं यक – हंदू,
िसख, जैन, बौ , पारसी और ईसाईय – को भारत क नाग रकता दान करना है।
 अिधिनयम के अनुसार, अपने-अपने देश म धा मक आधार पर उ पीड़न का सामना करने वाले इन समुदाय के जो ि 31
दसंबर 2014 तक भारत म पलायन कर चुके थे, उ ह अवैध अ वासी नह माना जाएगा बि क उ ह भारतीय नाग रकता दी
जाएगी।
 अिधिनयम के एक अ य ावधान के अनुसार, क सरकार ारा कु छ आधार पर वासी नाग रक के ‘ओवरसीज़ िसटीज़न
ऑफ इंिडया’ (OCI) पंजीकरण को भी र कया जा सकता है।
अपवाद:
 संिवधान क छठी अनुसूची म शािमल होने के कारण यह अिधिनयम ि पुरा, िमजोरम, असम और मेघालय के आ दवासी
े पर लागू नह होता है।
 इसके अलावा बंगाल ई टन ं टयर रेगुलेशन, 1873 के तहत अिधसूिचत ‘इनर िलिमट’ के अंतगत आने वाले े भी इस
अिधिनयम के दायरे से बाहर ह गे।
इस कानून से संबंिधत मु े: यह क़ानून संिवधान के मूल िस ांत का उ लंघन करता है। इसके अंतगत धम के आधार पर अवैध वािसय
क पहचान क गयी है।
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 यह क़ानून थानीय समुदाय के िलए एक जनसांि यक य खतरा समझा जा रहा है।
 इसम, धम के आधार पर अवैध वािसय को नाग रकता का पा िनधा रत कया गया है। साथ ही इससे, समानता के
अिधकार क गारंटी दान करने वाले संिवधान के अनु छेद 14 का उ लंघन होगा।
 यह कसी े म बसने वाले अवैध वािसय क नाग रकता को ाकृ ितक बनाने का यास करता है।
 इसके तहत, सरकार के िलए, कसी भी कानून के उ लंघन करने पर वासी नाग रक के ‘ओसीआई’ पंजीकरण को र करने क
शि दी गई है। यह काफ ापक आधार है िजसम मामूली अपराध सिहत कई कार के उ लंघन शािमल हो सकते ह।
िव खा काय म
(World Food Programme – WFP)
संदभ:
‘संयु रा िव खा काय म’ (UN World Food
Programme – WFP) के अनुसार, स और यू े न के बीच
यु जारी होने क वजह से कई देश खा सुर ा चुनौितय का
सामना कर रहे ह, इसे देखते ए ‘िव खा काय म’, गे ं
क खरीद करने हेतु भारत के साथ वाता कर रहा है।
पृ भूिम:
 फरवरी 2022 म, भारत ारा अफगािन तान म मानवीय सहायता भेजने के िलए क गयी ितब ता के तहत, संयु रा के
‘िव खा काय म’ (World Food Programme – WFP) के साथ 50,000 मी क टन गे ं के िवतरण के िलए एक
समझौते पर ह ता र कए गए थे।
 फसल वष 2020-21 (जुलाई-जून) म भारत का गे ं उ पादन 109.59 िमिलयन टन रहा है।
संयु रा का ‘िव खा काय म’:
िव खा काय म (World Food Programme – WFP) संयु रा क ‘खा सहायता शाखा’ है, और यह दुिनया का सबसे बड़ा
मानवीय संगठन है जो भुखमरी संबंधी सम या का समाधान करता है और खा सुर ा को बढ़ावा देता है।
 1961 म शु , ‘िव खा काय म’ भूख और कु पोषण को िमटाने का यास करता है, और इसका अंितम ल य ‘खा
सहायता क आव यकता को समा करना’ है।
 यह कय म, ‘संयु रा िवकास समूह’ (United Nations Development Group) का सद य है और इसक कायकारी
सिमित का एक भाग है।
 WFP खा सहायता, सू म पोषक त व क कमी से लड़ने, बाल मृ यु दर को कम करने, मातृ वा य म सुधार और
एचआईवी और ए स सिहत बीमारी से लड़ने के िलए भी दान क जाती है।
‘संयु रा िव खा काय म’, रोम ि थत संयु रा क अ य दो एजिसय के साथ िमलकर काम करता है:
1. ‘खा एवं कृ िष संगठन’ (Food and Agriculture Organization – FAO), जो देश को संवहनीय कृ िष हेतु सहयोग करने
के िलए नीित िनमाण और कानून बदलने म मदद करता है।
2. ‘अंतरा ीय कृ िष िवकास कोष’ (International Fund for Agricultural Development – IFAD), जो गरीब ामीण
े म जारी प रयोजना को िव पोिषत करता है।
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िव पोषण:
िव खा काय म (WFP) के पास ‘धन’ के िलए कोई वतं ोत नह है, यह पूरी तरह से वैि छक दान ारा िव पोिषत होता है।
इस काय म के िलए मुख अनुदानकता सद य देश क सरकार होती ह, ले कन इस संगठन को िनजी े और ि य से भी अनुदान
ा होता है।
FSSAI क टार रे टंग
(FSSAI’s Star Rating)
संदभ:
भारतीय खा सुर ा मानक ािधकरण (Food Safety
Standards Authority of India – FSSAI) ारा
उपभो ा को अ वा यकर खा पदाथ का सेवन कम
करने म मदद करने हेतु “ वा य टार रे टंग” (Health Star
Rating – HSR) णाली को अपनाने क योजना का एक
दजन से अिधक उपभो ा और वा य- वकालत समूह ारा
िवरोध कया जा रहा है।
FSSAI क टार रे टंग के बारे म:
फरवरी 2022 म, ‘भारतीय खा सुर ा मानक ािधकरण’ (FSSAI) ारा “हे थ- टार रे टंग िस टम” अपनाने का फै सला कया गया
था। इस णाली म, पैके ज लेबल के अ भाग (Front of Package Labelling – FOPL) के िलए िनधा रत मसौदा िनयम म,
उ पाद को 1/2 टार से 5 टार तक दए जाने का ावधान है।
 इसका उ े य, उपभो ा को अ वा यकर खा पदाथ का सेवन कम करने म मदद करना है।
 “हेल्थ- टार रे टंग” (HSR) ा प म, नमक, चीनी और वसा साम ी के आधार पर कसी भी पैके ड खा पदाथ क र कं ग
क जाती है, और इस रे टंग को पैके ज के अ भाग पर मु त कया जाएगा।
 “हे थ- टार रे टंग” (HSR) का अंत निहत आधार यह है, क फल और मेवा (nuts) जैसे सकारा मक त व, कसी उ पाद के
िलए िन द टास क गणना करने के िलए, कै लोरी, संतृ वसा, कु ल चीनी, सोिडयम जैसे नकारा मक पोषक त व क
भरपाई कर सकते ह।
यो यता:
सभी िड बाबंद खा पदाथ या सं कृ त खा पदाथ पर HSR लेबल लगाया जाएगा। इन खा पदाथ म िच स, िब कु ट, नमक न,
िमठाई और चॉकलेट, मीट नगे स और कु क ज शािमल ह।
छूट: हालां क, दूध और इसके उ पाद जैसे छेना और घी को, 2019 म अिधसूिचत FSSAI ा ट के अनुसार इस िनयम से छूट दी गई
है।
“हे थ- टार रे टंग” क आव यकता:
 ब त से भारतीय उपभो ा ‘िड बाबंद खा पदाथ’ के पीछे दी गयी जानकारी को नह पढ़ते ह।
 इसके अलावा, भारत म ‘गैर-संचारी रोग ’ (Non-Communicable Diseases) का एक बड़ा बोझ है, जो एक वष म होने
वाली सभी मौत म लगभग 5.87 िमिलयन (60%) का योगदान देता है।
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 “हे थ- टार रे टंग” (HSR) लोग को व थ िवक प चुनने के िलए ो सािहत करेगा और समाज म प रवतनकारी प रवतन
ला सकता है।
इसका िवरोध य कया जा रहा है?
 कु छ िवशेष ने भारत म HSR मॉडल के उपयोग का िवरोध कया है और यह सुझाव देते ए कहा है क उपभो ा ारा
इसे दु भाव क नकारा मक चेतावनी के प म समझने क बजाय, ‘ वा य लाभ क पुि ’ के प म िलया जा सकता है।
 िब पर भाव: कु छ संगठन को डर है क इससे कु छ खा उ पाद क िब पर नकारा मक असर पड़ सकता है।
भारतीय खा सुर ा और मानक ािधकरण (FSSAI):
यह ‘खा सुर ा और मानक अिधिनयम’, 2006 (FSSAI अिधिनयम) के तहत थािपत एक वाय वैधािनक िनकाय है।
1. वा य और प रवार क याण मं ालय, भारत सरकार FSSAI का शासिनक मं ालय है।
2. कसी भी खा संबंिधत वसाय को आगे बढ़ाने के िलए, वसाय- वामी के िलए FSSAI क अनुमित से एक माण प
और लाइसस हािसल करना आव यक होता है।

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  • 1. D A I L Y N E X T C A P S U L E W I L L H E L P Y O U T O P R O V I D E 2nd floor, shahar plaza, munshi pulia, indira nagar, lucknow Feel Free to call us at: 9454721860 Follow us on:
  • 2. 1 www.iasnext.com च वात असानी चचा म य ? भारत मौसम िव ान िवभाग (IMD) ने च वात असानी के बंगाल क खाड़ी के दि ण-पूव े म 'गंभीर च वात' के प म बदलने क भिव यवाणी क है।  च वात असानी का नामकरण ीलंका ने कया है। संहली म इसका अथ ' ोध' होता है।  2020-21 म भारत म आने वाले च वात थे: तौकते, यास, िनसग, अ फान। भारत म च वात क घटना:  भारत म ि वा षक च वात का मौसम होता है जो माच से मई और अ ूबर से दसंबर के बीच का समय है ले कन दुलभ अवसर पर जून और िसतंबर के महीन म भी च वात आते ह। o च वात गुलाब वष 2018 म उ णक टबंधीय च वात ‘डे’ (DAYE) और वष 2005 के च वात ‘ यार’ के बाद िसतंबर म पूव तट पर प ँचने वाला 21व सदी का तीसरा च वात बन गया।  सामा यत: उ र हंद महासागर े (बंगाल क खाड़ी और अरब सागर) म उ णक टबंधीय च वात पूव-मानसून (अ ैल से जून माह) तथा मानसून प ात् (अ ूबर से दसंबर) क अविध के दौरान िवकिसत होते ह।  मई-जून और अ ूबर-नवंबर के माह गंभीर ती च वात उ प करने के िलये जाने जाते ह जो भारतीय तट को भािवत करते ह। वग करण:  भारत मौसम िव ान िवभाग (IMD) च वात को उनके ारा उ प अिधकतम िनरंतर सतही हवा क गित (Maximum Sustained Surface Wind Speed- MSW) के आधार पर वग कृ त करता है।  च वात को गंभीर (48-63 समु ी मील का MSW), ब त गंभीर (64-89 समु ी मील का MSW), अ यंत गंभीर (90-119 समु ी मील का MSW) और सुपर साइ लोिनक टॉम (120 समु ी मील का MSW) के प म वग कृ त कया गया है। एक नॉट (knot) 1.8 कमी. ित घंटे के बराबर होता है। उ णक टबंधीय च वात:  उ णक टबंधीय च वात एक ती गोलाकार तूफान है जो गम उ णक टबंधीय महासागर म उ प होता है और कम वायुमंडलीय दबाव, तेज़ हवाएँ व भारी बा रश इसक िवशेषताएँ ह।  उ णक टबंधीय च वात क िविश िवशेषता म एक च वात क आं◌ँख (Eye) या क म साफ आसमान, गम तापमान और कम वायुमंडलीय दबाव का े होता है।  इस कार के तूफान को उ री अटलां टक और पूव शांत म ह रके न (Hurricanes) तथा दि ण-पूव एिशया एवं चीन म टाइफू न (Typhoons) कहा जाता है। दि ण-पि म शांत व हंद महासागर े म इसे उ णक टबंधीय च वात (Tropical Cyclones) तथा उ र-पि मी ऑ ेिलया म िवली-िवलीज़ (Willy-Willies) कहा जाता है।  इन तूफान या च वात क गित उ री गोला म घड़ी क सुई क दशा के िवपरीत अथात् वामावत (Counter Clockwise) और दि णी गोला म दि णावत (Clockwise) होती है।  उ णक टबंधीय तूफान के बनने और उनके ती होने हेतु अनुकू ल प रि थितयाँ िन िलिखत ह: o 27 िड ी सेि सयस से अिधक तापमान वाली एक बड़ी समु ी सतह।
  • 3. 2 www.iasnext.com o को रओिलस बल क उपि थित। o ऊ वाधर/लंबवत हवा क गित म छोटे बदलाव। o पहले से मौजूद कमज़ोर िन -दबाव े या िन - तर-च वात प रसंचरण। o समु तल णाली के ऊपर िवचलन (Divergence)। नाग रकता (संशोधन) अिधिनयम िनयम (Citizenship (Amendment) Act Rules) संदभ: हाल ही म, गृह मं ी अिमत शाह ने फर से दोहराते ए कहा है क, कोिवड -19 महामारी समा होते ही ‘नाग रकता (संशोधन) अिधिनयम’ (Citizenship (Amendment) Act – CAA) लागू कया जाएगा। नाग रकता (संशोधन) अिधिनयम, 2019 के बारे म: नाग रकता (संशोधन) अिधिनयम, 2019 (CAA), 11 दसंबर, 2019 को संसद ारा पा रत कया गया था, इसके ठीक 24 घंटे के भीतर ही 12 दसंबर को यह अिधिनयम अिधसूिचत कर दया गया था।  इस संशोधन का उ े य ‘नाग रकता अिधिनयम’, 1955 म संशोधन करना है।  ‘नाग रकता अिधिनयम, 1955’ म नाग रकता ा करने हेतु िविभ तरीके िनधा रत कये गए ह।  इसके तहत, भारत म ज म के आधार पर, वंशानुगत, पंजीकरण, ाकृ ितक एवं े समािव करने के आधार पर नाग रकता हािसल करने का ावधान कया गया है। ‘नाग रकता (संशोधन) अिधिनयम ‘के बारे म: नाग रकता (संशोधन) अिधिनयम (CAA), का उ े य पा क तान, बां लादेश और अफगािन तान के उ पीिड़त अ पसं यक – हंदू, िसख, जैन, बौ , पारसी और ईसाईय – को भारत क नाग रकता दान करना है।  अिधिनयम के अनुसार, अपने-अपने देश म धा मक आधार पर उ पीड़न का सामना करने वाले इन समुदाय के जो ि 31 दसंबर 2014 तक भारत म पलायन कर चुके थे, उ ह अवैध अ वासी नह माना जाएगा बि क उ ह भारतीय नाग रकता दी जाएगी।  अिधिनयम के एक अ य ावधान के अनुसार, क सरकार ारा कु छ आधार पर वासी नाग रक के ‘ओवरसीज़ िसटीज़न ऑफ इंिडया’ (OCI) पंजीकरण को भी र कया जा सकता है। अपवाद:  संिवधान क छठी अनुसूची म शािमल होने के कारण यह अिधिनयम ि पुरा, िमजोरम, असम और मेघालय के आ दवासी े पर लागू नह होता है।  इसके अलावा बंगाल ई टन ं टयर रेगुलेशन, 1873 के तहत अिधसूिचत ‘इनर िलिमट’ के अंतगत आने वाले े भी इस अिधिनयम के दायरे से बाहर ह गे। इस कानून से संबंिधत मु े: यह क़ानून संिवधान के मूल िस ांत का उ लंघन करता है। इसके अंतगत धम के आधार पर अवैध वािसय क पहचान क गयी है।
  • 4. 3 www.iasnext.com  यह क़ानून थानीय समुदाय के िलए एक जनसांि यक य खतरा समझा जा रहा है।  इसम, धम के आधार पर अवैध वािसय को नाग रकता का पा िनधा रत कया गया है। साथ ही इससे, समानता के अिधकार क गारंटी दान करने वाले संिवधान के अनु छेद 14 का उ लंघन होगा।  यह कसी े म बसने वाले अवैध वािसय क नाग रकता को ाकृ ितक बनाने का यास करता है।  इसके तहत, सरकार के िलए, कसी भी कानून के उ लंघन करने पर वासी नाग रक के ‘ओसीआई’ पंजीकरण को र करने क शि दी गई है। यह काफ ापक आधार है िजसम मामूली अपराध सिहत कई कार के उ लंघन शािमल हो सकते ह। िव खा काय म (World Food Programme – WFP) संदभ: ‘संयु रा िव खा काय म’ (UN World Food Programme – WFP) के अनुसार, स और यू े न के बीच यु जारी होने क वजह से कई देश खा सुर ा चुनौितय का सामना कर रहे ह, इसे देखते ए ‘िव खा काय म’, गे ं क खरीद करने हेतु भारत के साथ वाता कर रहा है। पृ भूिम:  फरवरी 2022 म, भारत ारा अफगािन तान म मानवीय सहायता भेजने के िलए क गयी ितब ता के तहत, संयु रा के ‘िव खा काय म’ (World Food Programme – WFP) के साथ 50,000 मी क टन गे ं के िवतरण के िलए एक समझौते पर ह ता र कए गए थे।  फसल वष 2020-21 (जुलाई-जून) म भारत का गे ं उ पादन 109.59 िमिलयन टन रहा है। संयु रा का ‘िव खा काय म’: िव खा काय म (World Food Programme – WFP) संयु रा क ‘खा सहायता शाखा’ है, और यह दुिनया का सबसे बड़ा मानवीय संगठन है जो भुखमरी संबंधी सम या का समाधान करता है और खा सुर ा को बढ़ावा देता है।  1961 म शु , ‘िव खा काय म’ भूख और कु पोषण को िमटाने का यास करता है, और इसका अंितम ल य ‘खा सहायता क आव यकता को समा करना’ है।  यह कय म, ‘संयु रा िवकास समूह’ (United Nations Development Group) का सद य है और इसक कायकारी सिमित का एक भाग है।  WFP खा सहायता, सू म पोषक त व क कमी से लड़ने, बाल मृ यु दर को कम करने, मातृ वा य म सुधार और एचआईवी और ए स सिहत बीमारी से लड़ने के िलए भी दान क जाती है। ‘संयु रा िव खा काय म’, रोम ि थत संयु रा क अ य दो एजिसय के साथ िमलकर काम करता है: 1. ‘खा एवं कृ िष संगठन’ (Food and Agriculture Organization – FAO), जो देश को संवहनीय कृ िष हेतु सहयोग करने के िलए नीित िनमाण और कानून बदलने म मदद करता है। 2. ‘अंतरा ीय कृ िष िवकास कोष’ (International Fund for Agricultural Development – IFAD), जो गरीब ामीण े म जारी प रयोजना को िव पोिषत करता है।
  • 5. 4 www.iasnext.com िव पोषण: िव खा काय म (WFP) के पास ‘धन’ के िलए कोई वतं ोत नह है, यह पूरी तरह से वैि छक दान ारा िव पोिषत होता है। इस काय म के िलए मुख अनुदानकता सद य देश क सरकार होती ह, ले कन इस संगठन को िनजी े और ि य से भी अनुदान ा होता है। FSSAI क टार रे टंग (FSSAI’s Star Rating) संदभ: भारतीय खा सुर ा मानक ािधकरण (Food Safety Standards Authority of India – FSSAI) ारा उपभो ा को अ वा यकर खा पदाथ का सेवन कम करने म मदद करने हेतु “ वा य टार रे टंग” (Health Star Rating – HSR) णाली को अपनाने क योजना का एक दजन से अिधक उपभो ा और वा य- वकालत समूह ारा िवरोध कया जा रहा है। FSSAI क टार रे टंग के बारे म: फरवरी 2022 म, ‘भारतीय खा सुर ा मानक ािधकरण’ (FSSAI) ारा “हे थ- टार रे टंग िस टम” अपनाने का फै सला कया गया था। इस णाली म, पैके ज लेबल के अ भाग (Front of Package Labelling – FOPL) के िलए िनधा रत मसौदा िनयम म, उ पाद को 1/2 टार से 5 टार तक दए जाने का ावधान है।  इसका उ े य, उपभो ा को अ वा यकर खा पदाथ का सेवन कम करने म मदद करना है।  “हेल्थ- टार रे टंग” (HSR) ा प म, नमक, चीनी और वसा साम ी के आधार पर कसी भी पैके ड खा पदाथ क र कं ग क जाती है, और इस रे टंग को पैके ज के अ भाग पर मु त कया जाएगा।  “हे थ- टार रे टंग” (HSR) का अंत निहत आधार यह है, क फल और मेवा (nuts) जैसे सकारा मक त व, कसी उ पाद के िलए िन द टास क गणना करने के िलए, कै लोरी, संतृ वसा, कु ल चीनी, सोिडयम जैसे नकारा मक पोषक त व क भरपाई कर सकते ह। यो यता: सभी िड बाबंद खा पदाथ या सं कृ त खा पदाथ पर HSR लेबल लगाया जाएगा। इन खा पदाथ म िच स, िब कु ट, नमक न, िमठाई और चॉकलेट, मीट नगे स और कु क ज शािमल ह। छूट: हालां क, दूध और इसके उ पाद जैसे छेना और घी को, 2019 म अिधसूिचत FSSAI ा ट के अनुसार इस िनयम से छूट दी गई है। “हे थ- टार रे टंग” क आव यकता:  ब त से भारतीय उपभो ा ‘िड बाबंद खा पदाथ’ के पीछे दी गयी जानकारी को नह पढ़ते ह।  इसके अलावा, भारत म ‘गैर-संचारी रोग ’ (Non-Communicable Diseases) का एक बड़ा बोझ है, जो एक वष म होने वाली सभी मौत म लगभग 5.87 िमिलयन (60%) का योगदान देता है।
  • 6. 5 www.iasnext.com  “हे थ- टार रे टंग” (HSR) लोग को व थ िवक प चुनने के िलए ो सािहत करेगा और समाज म प रवतनकारी प रवतन ला सकता है। इसका िवरोध य कया जा रहा है?  कु छ िवशेष ने भारत म HSR मॉडल के उपयोग का िवरोध कया है और यह सुझाव देते ए कहा है क उपभो ा ारा इसे दु भाव क नकारा मक चेतावनी के प म समझने क बजाय, ‘ वा य लाभ क पुि ’ के प म िलया जा सकता है।  िब पर भाव: कु छ संगठन को डर है क इससे कु छ खा उ पाद क िब पर नकारा मक असर पड़ सकता है। भारतीय खा सुर ा और मानक ािधकरण (FSSAI): यह ‘खा सुर ा और मानक अिधिनयम’, 2006 (FSSAI अिधिनयम) के तहत थािपत एक वाय वैधािनक िनकाय है। 1. वा य और प रवार क याण मं ालय, भारत सरकार FSSAI का शासिनक मं ालय है। 2. कसी भी खा संबंिधत वसाय को आगे बढ़ाने के िलए, वसाय- वामी के िलए FSSAI क अनुमित से एक माण प और लाइसस हािसल करना आव यक होता है।