आरबीआई ने उपभोƅाओं को डेटा गोपनीयता के उʟंघन, अनुिचत ʩावसाियक आचरण, अȑिधक ɯाज दरों पर शुʋ
लगाने और िफनटेक İखलािड़योंȪारा अनैितक वसूली Ůथाओं से बचाने के िलए िडिजटल ऋण देने के मानदंडों को कड़ा िकया।
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करट अफ
े यस 5 िसतंबर 2022
भारतीय रज़व बक (RBI) ने िडिजटल ऋण क
े िलए िदशािनदश जारी िकए
आरबीआई ने उपभो ाओं को डेटा गोपनीयता क
े उ ंघन, अनुिचत ावसाियक आचरण, अ िधक ाज दरों पर शु
लगाने और िफनटेक खलािड़यों ारा अनैितक वसूली थाओं से बचाने क
े िलए िडिजटल ऋण देने क
े मानदंडों को कड़ा िकया।
िडिजटल लिडंग म वेब ेटफॉम या मोबाइल ऐप क
े मा म से उधार देना, माणीकरण और े िडट मू ांकन क
े िलए
ौ ोिगकी का उपयोग करना शािमल है। िदशािनदश सभी िविनयिमत सं थाओं (आरई) अथात वािण क बकों, ाथिमक
(शहरी) सहकारी बकों, गैर-बिक
ं ग िव ीय क
ं पिनयों (एनबीएफसी) आिद पर लागू होते ह। िदशािनदशों की मु िवशेषताएं
िदशािनदशों की मु िवशेषताएं
सभी ऋण संिवतरण / पुनभुगतान क
े वल उधारकता और आरई क
े बक खातों क
े बीच िन ािदत िकए जाने ह।
िबना िकसी जुमाने क
े मूलधन और आनुपाितक वािषक ितशत दर का भुगतान करक
े िडिजटल ऋण से बाहर
िनकलने क
े िलए क
ू िलंग ऑफ / लुक-अप अविध दान की जाएगी।
ऋणदाता नाम, ाहक का पता आिद जैसी जानकारी सं हीत कर सकते ह जो ऋण को संसािधत करने और िवत रत
करने और उसक
े पुनभुगतान क
े िलए आव क ह।
िडिजटल लिडंग ऐ (डीएलए) ारा उधारकता की बायोमेिटक जानकारी सं हीत नहीं की जा सकती है।
आरई सभी िडिजटल उधार उ ादों क
े िलए एक मानकीक
ृ त ा प म अनुबंध क
े िन ादन से पहले उधारकता को
एक मु त िववरण (क
े एफएस) दान करगे।
सीआईसी (िविनयमन) अिधिनयम, 2005 और अ क
े अनुसार े िडट सूचना क
ं पिनयों (सीआईसी) को सभी उधार
की रपोिटग।
स ंिधत खबर
ऋण को और अिधक क
ु शल बनाने क
े िलए, उधारकताओं की लागत कम करने और टनअराउंड समय क
े िलए, RBI
ने िकसान े िडट काड (KCC) उधार क
े एं ड-टू-एं ड िडिजटलीकरण क
े िलए पायलट ोजे शु िकए ह।
पायलट ोजे म देश और तिमलनाडु क
े चुिनंदा िजलों म मशः यूिनयन बक ऑफ इंिडया और फ
े डरल बक
क
े साथ चलेगा।
अंतरा ीय म संगठन (ILO) ने िव सामािजक सुर ा रपोट 2020-22 जारी की: एिशया
और शांत क
े िलए े ीय सहयोगी रपोट
इस े ीय सहयोगी रपोट का उ े ILO की िव सामािजक सुर ा रपोट 2020–22 को पूरक बनाना है। इसम दुिनया भर
म सामािजक सुर ा की थित को सारांिशत करने वाला एक खंड शािमल है, िजसक
े बाद एक जीवन-च क
े ि कोण से इस
े क
े िलए मुख सामािजक सुर ा िवकास, चुनौितयों और ाथिमकताओं पर काश डाला गया है।
रपोट का मु आकषण
एिशया- शांत े म, 55.9% आबादी क
े पास अभी भी सामािजक सुर ा क
े पों तक प ंच नहीं है।
िपछले दो वष म इस े म सामािजक सुर ा पर खच जीडीपी का औसतन 7.5% रहा है, िजसम आधे देश 2.6% या
उससे कम खच कर रहे ह।
यह वैि क औसत 12.9% से काफी नीचे है।
क
े वल 24.4% भारतीय, बां ादेश से कम (28.4%), िकसी भी तरह क
े सामािजक दायरे म ह संर ण लाभ।
भारत क
े सामािजक सुर ा लाभ ित जीडीपी क
े पांच ितशत से भी कम ह।
एिशया शांत े म चार म से तीन कमचारी बीमारी या काम म चोट लगने क
े दौरान सुरि त नहीं ह।
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रपोट इस े क
े देशों से 'हाई-रोड' िवकास पथ पर चलने का आ ह करती है, िजसम सामािजक सुर ा ाथिमक
भूिमका िनभाती है।
ILO क
े बारे म
अंतरा ीय म संगठन (ILO) एक संयु रा एजसी है िजसका जनादेश अंतरा ीय म मानकों को थािपत करक
े सामािजक
और आिथक ाय को आगे बढ़ाना है। रा संघ क
े तहत अ ू बर 1919 म थािपत, यह संयु रा की पहली और सबसे
पुरानी िवशेष एजसी है। ILO क
े 187 सद देश ह: संयु रा क
े 193 सद देशों म से 186 और क
ु क आइलड्स। इसका
मु ालय िजनेवा, ट्जरलड म है, दुिनया भर म लगभग 40 े ीय कायालय ह, और 107 देशों म क
ु छ 3,381 कमचारी
कायरत ह, िजनम से 1,698 तकनीकी सहयोग काय मों और प रयोजनाओं म काम करते ह।
रा ीय िश क िदवस 2022: उ व, थीम, मह और इितहास
िश क िदवस या िश क िदवस देश क
े पहले उपरा पित (1952-1962) क
े ज िदन का तीक है, जो भारत क
े दूसरे रा पित
(1962-1967), एक िव ान, दाशिनक, भारत र से स ािनत, डॉ सवप ी राधाक
ृ न बने। उनका ज 5 िसतंबर 1888 को
आ था। लेिकन िश क िदवस पहली बार वष 1962 म उनक
े 77व ज िदन पर मनाया गया था। वह एक िश क थे जो एक
दाशिनक, िव ान और राजनीित बन गए। उ ोंने अपना पूरा जीवन लोगों क
े जीवन म िश ा क
े मह की िदशा म काम
करने क
े िलए समिपत कर िदया।
रा ीय िश क िदवस 2022: थीम
इस वष क
े िश क िदवस की थीम 'संकट म अ णी, भिव की िफर से क ना करना' है।
रा ीय िश क िदवस 2022: मह
िश क िदवस एक ऐसा आयोजन है िजसक
े िलए छा और िश क समान प से त र रहते ह। यह िदन छा ों क
े िलए
मह पूण है ोंिक यह उ अपने िश कों ारा उिचत िश ा सुिनि त करने क
े िलए िकए गए यासों को समझने का मौका
देता है। इसी तरह, िश क भी िश क िदवस समारोह क
े िलए त र ह ोंिक उनक
े यासों को छा ों और अ एजिसयों
ारा भी मा ता और स ािनत िकया जाता है।
िश क, राधाक
ृ न की तरह, देश क
े भिव क
े िनमाता ह ोंिक वे सुिनि त करते ह िक उनक
े छा अपने जीवन को
िज ेदारी से जीने क
े िलए उिचत ान और ान से लैस हों। िश क िदवस हमारे समाज म उनकी भूिमका, उनकी दुदशा और
उनक
े अिधकारों को उजागर करने म मदद करता है।
रा ीय िश क िदवस: इितहास
जब डॉ राधाक
ृ न ने 1962 म भारत क
े दू सरे रा पित का पद संभाला, तो उनक
े छा ों ने उनसे 5 िसतंबर को एक िवशेष िदन
क
े प म मनाने की अनुमित लेने क
े िलए संपक िकया। इसक
े बजाय डॉ राधाक
ृ न ने उनसे समाज म िश कों क
े योगदान
को पहचानने क
े िलए 5 िसतंबर को िश क िदवस क
े प म मनाने का अनुरोध िकया।
तब से, 5 िसतंबर को ू लों, कॉलेजों, िव िव ालयों और शै िणक सं थानों म िश क िदवस क
े प म मनाया जाता है। छा ों
ने अपने सबसे ि य िश कों क
े िलए दशन, नृ और िव ृत काय मों की मेजबानी की।
रा ीय िश क िदवस 2022: सवप ी राधाक
ृ न
सवप ी राधाक
ृ न का ज एक तेलुगु भाषी िनयोगी ा ण प रवार म, म ास िजले क
े ित ानी म त ालीन म ास
ेसीडसी (बाद म आं देश म 1960 तक, अब 1960 से तिमलनाडु क
े ित व ूर िजले म) म आ था। उनका ज
सवप ी वीर ामी और सीता (सीता ा) से आ था। उनका प रवार आं देश क
े ने ोर िजले क
े सवप ी गांव का रहने
वाला है।
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पुर ार और स ान:
राधाक
ृ न को उनक
े जीवन क
े दौरान कई उ पुर ारों से स ािनत िकया गया था, िजसम 1931 म नाइट ड, भारत र ,
1954 म भारत का सव नाग रक पुर ार और 1963 म ि िटश रॉयल ऑडर ऑफ मे रट की मानद सद ता शािमल है।
वह सं थापकों म से एक भी थे। हे ेज इंिडया, भारत म वंिचत बुजुग क
े िलए एक गैर-लाभकारी संगठन।
िश ा:
राधाक
ृ न को उनक
े पूरे शै िणक जीवन म छा वृि यों से स ािनत िकया गया था। उ ोंने अपनी हाई ू ल की िश ा क
े
िलए वे ोर क
े वूरिहस कॉलेज म दा खला िलया। अपने एफए ( थम कला) वग क
े बाद, उ ोंने 16 साल की उ म म ास
ि ि यन कॉलेज (म ास िव िव ालय से संब ) म वेश िलया। उ ोंने 1907 म वहां से ातक की उपािध ा की, और
उसी कॉलेज म अपने परा ातक भी समा िकए।
सवप ी राधाक
ृ न का क रयर:
सवप ी राधाक
ृ न एक भारतीय दाशिनक और राजनीित थे, िज ोंने 1962 से 1967 तक भारत क
े दूसरे रा पित और
1952 से 1962 तक भारत क
े पहले उपरा पित क
े प म काय िकया। वह 1949 से 1952 तक सोिवयत संघ म भारत क
े
दू सरे राजदूत भी रहे। 1939 से 1948 तक बनारस िहंदू िव िव ालय क
े क
ु लपित I
जैसा िक भारत ने बचपन क
े टीकाकरण क
े साथ उ ेखनीय उपल हािसल की है और
कोिवड -19 टीकाकरण क
े साथ ऐसा करना जारी रखता है।
इसने अपनी अिधकांश आबादी तक प ंचने क
े िलए समय और भूगोल की चुनौितयों को पार िकया है, अंितम-मील िवतरण
सुिनि त िकया है, सरकारी र पर एक िनरंतर बड़े पैमाने पर संचालन को िव पोिषत िकया है, और लोगों क
े बीच िव ास को
िवकिसत और बनाए रखा है।
टीकाकरण ा है?
िकसी बीमारी से ितर ा णाली को िवकिसत करने म मदद करने क
े िलए शरीर म टीका लगाने का काय टीकाकरण
कहलाता है।
टीकाकरण सबसे अिधक लागत भावी सावजिनक ा ह ेपों म से एक है, जो लोगों, िवशेष प से ब ों को भयानक
टीक
े -रोकथाम यो बीमा रयों से बचाकर जीवन बचाता है।
मह :
हाल क
े एक अ यन क
े अनुसार, टीकों ने िपछले 20 वष म अक
े ले िन और म म आय वाले देशों म 3.7 करोड़ मौतों को
रोका है।
आिथक और सामािजक लाभ:
यह अनुमान है िक 2021-30 से िनचले म -आय वाले देशों (LMIC) म 10 रोगजनकों क
े खलाफ टीकाकरण म िनवेश िकए
गए ेक पये क
े िलए, िनवेश पर ितफल 52 पये होगा।
दो शता यों पहले चेचक क
े टीक
े की खोज क
े बाद से, टीकों ने पोिलयो, खसरा, टेटनस, काली खांसी, इ ूएं जा और हाल ही
म, कोिवड -19 जैसी बीमा रयों क
े बोझ को भावी ढंग से कम िकया है।
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टीकाकरण म भारत की उपल यां ा ह?
पा भूिम:
भारत म सफल टीकाकरण का एक लंबा इितहास रहा है, िजसम 18वीं शता ी म टीकाकरण क
े ऐितहािसक िववरण ह।
1977 म चेचक-मु घोिषत होने क
े बाद, भारत ने 1978 म टीकाकरण पर िव ा रत काय म (EPI) शु िकया और
बैिसलस क
ै लमेट-गुए रन वै ीन (BCG), िड थी रया, टेटनस, पटुिसस (DPT), और ओरल पोिलयोवायरस वै ीन (OPV) टीक
े
पेश िकए। .
रा ीय ा प रवार सव ण (NHFS) डेटा:
नवीनतम रा ीय ा प रवार सव ण क
े अनुसार ब ों क
े टीकाकरण की दर म िपछले दो दशकों म लगातार सुधार आ
है और 'पूरी तरह से टीकाकरण' करने वाले ब ों का अनुपात 76 ितशत तक प ंच गया है।
पहल और उपल यां:
सतत िवकास ल (एसडीजी): भारत ने नवजात िशशुओं, िशशुओं, ब ों और गभवती मिहलाओं क
े टीकाकरण पर ान
कि त करक
े वैि क सतत िवकास ल ों (एसडीजी) म लगातार योगदान िदया है।
यूिनवसल इ ूनाइजेशन ो ाम (यूआईपी): इसक
े तहत, भारत रा ीय र पर 11 बीमा रयों और उप-रा ीय र पर एक
बीमारी क
े खलाफ टीक
े दान करता है।
इसक
े अलावा, हर साल करीब 2.7 करोड़ नवजात िशशुओं और 2.9 करोड़ गभवती मिहलाओं को लि त करना।
सामूिहक टीकाकरण अिभयान:
भारत ने एक मह ाकां ी खसरा- बेला (MR) टीकाकरण अिभयान शु िकया और तीन वष म 3 करोड़ से अिधक ब ों
का टीकाकरण िकया, िजससे ब ों म दिसयों हज़ार खसरे से होने वाली मौतों को रोका गया।
िमशन इं धनुष:
2014 क
े बाद से, िमशन इं धनुष जैसे क
ै च-अप राउंड क
े साथ टीकाकरण गितिविधयों को तेज िकया गया है तािक यह
सुिनि त िकया जा सक
े िक देश भर म 90% का पूण टीकाकरण कवरेज हािसल िकया जा सक
े ।
ब ों म रोटावायरल डाय रया और ूमोकोकल िनमोिनया को रोकने क
े िलए ूमोकोकल कॉ जुगेट वै ीन (पीसीवी) को
मेड-इन-इंिडया टीकों का उपयोग करक
े पेश िकया गया और बढ़ाया गया।
ौ ोिगकी का उपयोग:
इले ॉिनक वै ीन इंटेिलजस नेटवक (eVIN) िस म जैसी तकनीक का उपयोग जो पूरे वै ीन ॉक बंधन, उनक
े
लॉिज और रा ीय र से उप-िजले तक वै ीन भंडारण क
े सभी रों पर तापमान टैिक
ं ग को िडिजटाइज़ करता है।
सरकार क
े ब आयामी ि कोण ने 2014 म पूरी आबादी को पोिलयो मु होने क
े िलए सावजिनक ािम हािसल करने म
मदद की।
िविभ टीकाकरण अिभयानों क
े दौरान भारत को िकन चुनौितयों का सामना करना पड़ा?
कोिवड -19 क
े दौरान आपूित ृंखला म वधान: महामारी क
े दौरान, लॉकडाउन ने िनयिमत टीकाकरण सेवाओं म वधान
और ा सुिवधाओं को बंद कर िदया।
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टीकाकरण म िहचिकचाहट: एक अभूतपूव गित से टीकों को बाहर लाने क
े िलए वैि क सहयोग था, उन लोगों म एक
'इ ोडेिमक-ईंधन' वै ीन िझझक भी देखी गई, जो पहले टीकों पर भरोसा करते थे।
टीकाकरण म भारत की सफलता क
े ा कारण ह?
ा म मता िनमाण: भारत ने अनुसंधान और िवकास, और िविनमाण मता सिहत अपने जैव िचिक ा उ म का िनमाण
िकया है।
देशी प से उ ािदत रोटावायरस और पीसीवी टीक
े , और िजस गित से भारत देशी प से दो कोिवड -19 टीकों का
उ ादन करने म स म था, इन िनवेशों पर ितफल क
े उदाहरण ह।
आधारभूत संरचना:
भारत ने को चेन िस म थािपत करक
े और अंितम छोर तक सेवाओं की थापना करने वाले िमकों क
े सामुदाियक
ा संवग को िवकिसत और िशि त करक
े अपने िवतरण बुिनयादी ढांचे का भी िनमाण िकया।
वहार संचार अिभयान:
बुिनयादी ढांचे क
े िवकास क
े साथ-साथ सामािजक और वहा रक संचार अिभयानों क
े मा म से मांग प म सुधार आ।