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अतिआवश्यक पत्र
दिन ांक : 23.12.2020
श्री अशोक गहलोत,
म ननीय मुख्यमांत्री,
र जस्थ न सरक र,
जयपुर |
ववषय : राजस्थान खाध्य एंव नागररकिा आपूतिि ववभाग के राजस्थान राज्य खाद्य आयोग के
सम्बन्ध में आदेश एफ13(10)(4) खा.वव./खा.सु.अ./2014 ददनांक 15.12.2020 के सम्बन्ध में-
महोिय,
आपको विदित है की र ष्ट्रीय ख द्य सुरक्ष क नून (NFSA), 2013 में सांयुक्त प्रगततशील गठबांधन
(UPA) सरक र द्ि र ल य गय थ | इसक मसोि NAC में बन य गय थ , जजसक नेतृत्ि
श्रीमतत सोतनय ग ाँधी ने ककय और हम िोनों अन्य विशेषज्ञों के स थ सिस्य थे| यह क नून उनके
दिल के बहुत नजिीक भी थ | हमे ख़ुशी थी की र जस्थ न र ज्य उन पहले र ज्यों में थ जजसने यह
क नून 2 अक्टूबर 2013 से आपके नेतृत्ि में ल गू ककय |
परन्तु हमें तनर श रही की इस क नून के किय न्ियन में जो अध्य य 7 में िर्णित - शशकायि
तनवारण व्यवस्था पर वपछले 7 स लो में कोई ध्य न नहीां दिय गय | क नून की ध र 15 के तहत
न म म त्र जजल शशक यत तनि रण अधधक ररयों (DGRO) की तनयुजक्त की गई, िह भी अततररक्त
जजल कलेक्टसि (ADM) को बन य गय जजनके प स पहले से ही बहुत अधधक क म है और इस
व्यिस्थ क भी कोई मुलय ांकन नहीां ककय गय |
वपछले 7 साल में सरकारों ने आयोग की अनदेखी :-
क नून की ध र 16 के तहत र ज्य में ख ध्य आयोग क गठन ककय ज न थ जजसक गठन कभी
ककय ही नहीां गय , 2016 में कु छ िक्त के शलए र ज्य उपभोक्त मांच को ही र ज्य ख ध्य आयोग
की जजम्मेि री िे िी गई और जब लोगों के द्ि र सि ल उठ ये गए कक यह गलत हुआ है तो जलि
ही र ज्य ख ध्य आयोग की जजम्मेि री को र ज्य उपभोक्त मांच से ि पस ले शलय गय | 2017 में
अधधसूचन के जररये र ज्य ख द्य आयोग में तनयुजक्तय ां की घोषण की गई, प्रकिय भी शुरू हुई,
अखब रों में विज्ञ पन भी तनक ल गय लेककन 2018 के चुन ि से पहले यह प्रकिय अधूरी ही रही |
2018 दिसम्बर में आपने मुख्यमांत्री क पि सांभ ल और आपके 2 स ल क क यिक ल होने पर
15.12.2020 को र ज्य ख द्य आयोग क गठन ककय |
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राजस्थान राज्य खाद्य आयोग कानून की मंशा के ववपरीि, दििो के टकराव की व्यवस्था :-
लेककन इसमें हैर नी और तनर श की ब त यह है कक जो विभ ग र ज्य में किय न्ियन कर रह है
और उसी विभ ग के र्खल फ शशक यतें िजि कर यी ज एाँगी, जजस विभ ग के क म क मूलय कां न होन
है, उसी खाद्य व नागररक आपूतिि ववभाग के शासन सचिव श्री निीन जैन को अध्यक्ष क पि िे
दिय गय है और इस आयोग में जो अन्य 5 सिस्य हैं िे भी क नून के किय न्ियन दहस्से हैं.
र जस्थ न में ख द्य सुरक्ष क नून को ल गू करने ि ले विभ गों के तनिेशकों को सिस्य के पि पर
चयन कर शलय गय है, जैसे:- 1. श्री त र चांि मीण (सिस्य) तनदेशक राजस्थान राज्य कृ वष
ववपणन 2. डॉ. प्रततभ शसांह (सिस्य) तनदेशक समककि बाल ववकास सेवाए, 3. श्री ओम प्रक श
बुनकर (सिस्य) तनदेशक सामाजजक न्याय एंव अचधकाररिा ववभाग, 4. श्री सोरभ स्ि मी (सिस्य)
तनदेशक माध्यशमक शशक्षा ववभाग, 5. सुश्री अरुण र जोररय (सिस्य) मुख्य कायिकारी अचधकारी,
स्टेट िेल्थ एश्योरेन्स एजेंसी 6. सिस्य सधचि के रूप में श्री सुरेश चांि गुप्त , अतिररक्ि आयुक्ि
खाद्य ववभाग को शलय गय है |
आपको ज्ञ त होग कक र जष्ट्रय ख द्य सुरक्ष क नून में ल भ धथियों को दिए गये 4 हक के किय न्ियन
विभ ग है - ख द्य एांि न गररक आपूतति विभ ग, मदहल एांि ब ल विक स विभ ग, प्र थशमक शशक्ष
विभ ग, ग्र मीण विक स एांि पांच यती र ज विभ ग | अगर इन्ही विभ ग के लोग आयोग के सिस्य
बन ज ते है तो क्य आयोग के क यि में दहतो के टकर ि नहीां होंगे ?
क्या एक िी व्यजक्ि जााँि किाि और न्यायाधीश िो सकिा िै ?
इस आयोग की कलपन ये थी कक अगर सरक र इस क नून के किय न्ियन नहीां करती है, य अधूरी
करती है, जजससे शोशशत और कमजोर समूह इसके ल भ से िांधचत हो ज ते है, तो एक स्ितांत्र आयोग
हो जजसके प स यह अधधक र रहे की िो सरक र को इन कशमयों के शलए जजम्मेि र ठहर सके , और
तनिेश िे सके की क नून के अक्षर ही नहीां बजलक उसकी आत्म जीवित हो सके , और प्रिेश से भूख
क बदहष्ट्क र हो सके |
NFSA क नून की ध र 16 को एक ब र और िेखे, इसमें अध्यक्ष और सिस्यों के चयन के शलए
योग्यत ि विशेषज्ञत क उललेख ककय गय है, जो क नून की उपध र 3 (अ)(ब)(स) में िश िय गय
है | ध र 3 की उपध र (अ) जांह एक तरफ कहती है की िो लोग भी अध्यक्ष और सिस्य बन
सकते है जो ितिम न में अर्खल भ रतीय ि शसविल सेि में है य जो पूिि में थे लेककन (ब) और (स)
में एक स्ितांत्र आयोग की पररकलपन है, जजसमें स ििजतनक क्षेत्र के इस विषय में अनुभि ि
विशेषज्ञत रखने ि ले लोगों के चयन की ब त की है |
अध्यक्ष और सिस्यों के चयन सम्बन्धी योग्यत और शतों के अनुस र सरक र सही हो सकती है,
क नून के अक्षर क प लन श यि यह आिेश करत है, लेककन उसकी पररकलपन के बबलकु ल विपरीत
यह तनयुजक्तय ां है | क नून की ध र 16 में दिए गये क यो ि प रिशशित और जि बिेही के पैम ने पर
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बबलकु ल भी खरी नहीां उतरती है | क नून की ध र 16 की उपध र 6 में आयोग के प्रमुख क यि
दिए गए है जो इस प्रक र हैं- सरक र द्ि र इस क नून के किय न्ियन पर तनगहब नी, तनगर नी और
मूलय कन करन , शशक यतों की ज ाँच करन है ि र ज्य सरक र ि सभी एजेंशसय को इस क नून के
सही किय न्ियन के शलए सल ह िेन आदि है | हम र सि ल यह है कक क्य किय न्ियन करने ि ल
विभ ग खुि ब खुि अपने क यों क मूलय ांकन करेग और अपने आप को ही सल ह िेग |
राज्य खाद्य आयोग एक कियान्वयन सशमति ना की एक स्वत्रंि व्यवस्था :-
आप बहुत अच्छी तरह से ज नते है कक क नून के किय न्ियन के शलए इस तरह की कोई एक
आांतररक सशमतत य सरक र एक ट स्क फ़ोसि बन सकती थी लेककन आयोग में इस प्रक र से
तनयुजक्तय ां ककय ज न क नून की मूल भ िन के विपरीत तो है ही और इस क नून के किय न्ियन
को प्रभ वित भी आिश्यक रूप से करेग |
मांग एक स्विंत्र आयोग की :-
यह कभी भी नैततक नहीां हो सकत है किय न्ियन करने ि ल व्यजक्त ही अपने ब रे में तनणिय करने
ि ल जज हो | हम र म नन है कक आप हम रे पत्र पर गौर करेंगे और ितिम न आयोग में जो लोग
तनयुक्त ककये गए हैं उन्हें हट कर स्ितांत्र और विशेषज्ञों की तनयुजक्त करेंगे जजसमें स ििजतनक क्षेत्र में
ख द्य सुरक्ष के विशेषज्ञ क चयन करेंगे |
िेश में 15 से अधधक र ज्यों में र ज्य ख द्य सुरक्ष आयोग बने है और उनमे ररट यडि डॉक्टर य
IAS अफसर य विश्िविद्य लय से प्रोफे सर है य ख द्य सुरक्ष ि पोषण विशेषज्ञ य स म जजक
क यिकत ि की तनयुजक्त की गई है | र जस्थ न र ज्य पहल र ज्य होग जजसने आयोग में सभी पिेन
सरक री अधधक रीयों को तनयुक्त ककय है | र जस्थ न र ज्य सरक र की क्य मजबूरी है कक इस
तरह क आयोग बन य गय है | ऐस तो नहीां है की र ज्य में स्ितांत्र विशेषज्ञ लोगो की कमी हो ?
कोववड-19 मिामारी की पृष्टभूशम में राजस्थान में बढिी भूखमरी : ज़रूरि िै NFSA कानून का सिी
कियान्वयन :-
पत्र के अांत में हम आपको यह बत न च हते हैं कक र जस्थ न में अक्टूबर 2020 में भुखमरी को
लेकर एक सिे सेंटर फॉर इजक्िटी स्टडीज दिलली ि रोजी रोटी अधधक र अशभय न र जस्थ न से जुड़े
विशभन्न सांस्थ ओां ने शमलकर स ांके ततक सिे ककय थ | इस सिे में यह तनकलकर आय कक
लॉकड उन के वपछले 9 महीने में भूख क ि यर बढ़ है और ख द्य पि थो के उपभोग में लॉकड उन
के पूिि की तुलन में कमी आई है, पोषण की जस्थतत ख़र ब हुई है, अक्सर ख ली पेट भी क फी
सांख्य में लोग जी रहे हैं ( सो रहे हैं) | लोगों को ख ने के शलए कजि भी लेन पड़ है| यह भी िेख
गय है कक प्रिेश में बहुत बड़ी सांख्य में लोगों के र शन क डि नहीां बने हुए हैं इसशलए िे NFSA के
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ल भ थी नहीां बन प ये हैं और आत्मतनभिर भ रत योजन के तहत कु छ पररि रों को ही एक ब र
अन ज शमल है | अध्ययन की ररपोटि सांलग्न है |
और अंि में :-
लॉकड उन और इस मह म री की इस पररजस्थतत में ख द्य सुरक्ष क नून को सही रूप में ल गू करने
ि व्यिस्थ पर तनगहब नी, तनगर नी ि शशक यत तनि रण करने हेतु एक सकिय और स्ितांत्र र ज्य
ख ध्य आयोग की जरूरत है और इस आयोग में स ििज तनक क्षेत्र के विशेषज्ञ सिस्यों की तनयुजक्त
की अतत आिश्यकत है|
उम्मीि है कक आप शीघ्र ततशीघ्र हस्तक्षेप कर र ज्य ख द्य आयोग में किय न्ियन विभ ग से इतर
अध्यक्ष और सिस्यों की तनयुजक्त नए िषि के जनिरी म ह में करने क श्रम करेंगे जजससे र ष्ट्रीय
ख द्य सुरक्ष क नून क किय न्ियन ठीक से ककय ज सके ग |
• अरुण रॉय - मजिूर ककस न शजक्त सांगठन
• हषि मांिर - सेंटर फॉर इजक्िटी स्टडीज
सम्पकि : अरुण रॉय - E-mail : arunaroy@gmail.com, 9414007305
हषि मांिर - E-mail : manderharsh@gmail.com, 9810523018