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1. D A I L Y N E X T
C A P S U L E W I L L
H E L P Y O U T O
P R O V I D E
2nd floor, shahar plaza, munshi pulia, indira nagar, lucknow
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2. वैि क स ता रपोट
(World Happiness Report)
संदभ:
वतमान म भारत, दुिनया क सबसे तेजी से बढ़ती अथ व था म से एक हो सकता है, ले कन यह सबसे कम
खुशहाल/ स देश म से एक है।
20 माच को मनाए जाने वाले ‘संयु रा अंतरा ीय स ता दवस’ (UN International Day of Happiness) से
पहले जारी क गयी ‘वैि क स ता रपोट’ / ‘व ड है पीनेस रपोट’ 2022 (World Happiness Report-
WHR,2022)म भारत को सूची म 136व थान – नीचे से दसव थान पर रखा गया है।
द व ड है पीनेस रपोट:
‘वैि क स ता रपोट’ (द व ड है पीनेस रपोट) को ‘गैलप व ड पोल डेटा’ (Gallup World Poll data) ारा संचािलत
‘स टेनेबल डेवलपमट सॉ यूशंस नेटवक’ ारा किशत कया जाता है।
यह इस रपोट का दसवां सं करण है, और इसमआ थक और सामािजक मानक के अलावा, ि य ारा अपने वयं के
जीवन का मू यांकन पर ‘वैि क सव ण डेटा’ का उपयोग कया जाता है।
रपोटके दसव सं करण म क गयी र कं ग 2019-2021 के म य तीन साल क अविध के औसत आंकड़ पर आधा रत है।
व ड है पीनेस रपोट(WHR), येक देश म जीडीपी, सामािजक सहायता, ि गत वतं ता और ाचार के तर
जैसे कारक को यान म रखते ए स ता के तर का मू यांकन करती है।
रपोट के मुख बंदु:
1. व ड है पीनेस रपोट के 10व सं करण के अनुसार फनलड लगातार पांचव बार सूची म शीष थान पर बना आ है।
2. सूची म फनलड के बाद डेनमाक, आइसलड, ि व जरलड और नीदरलड का थान है।
3. अ य पि मी देश म, जब क संयु रा य अमे रका 16 वां थान हािसल करने म सफल रहा, ि टेन 17 वां और ांस
20 वां थान पर रहा।
4. व ड है पीनेस इंडे स म भारत का दशन लगातार खराब रहा है और िपछले साल के 139 के मुकाबले इसक ि थित म
मामूली सुधार के साथ 136 हो गया।
5. दि ण एिशयाई देश म, के वल तािलबान शािसत अफगािन तान का दशन, भारत से भी बदतर है।
6. अफगािन तान को दुिनया का सबसे दुखी देश का नाम दया गया है, जो क 146 देश के सूचकांक म सबसे िनचले थान
पर है।
7. नेपाल (84), बां लादेश (94), पा क तान (121) और ीलंका (127) सूची म बेहतर रक हािसल करने म सफल रहे।
8. द है पीनेस रपोट के अनुसार,भारत उन देश म से एक है, िजनमे िपछले 10 वष के दौरान‘जीवन मू यांकन’ ेणी म 0
से 10 के पैमाने पर एक पूण अंक से अिधक क िगरावट देखी गयी है।
रपोट का मह व:
िपछलेकु छवष म, ‘ स ता’न के वल देश के िलए बि क कॉरपोरे स के िलए भी एक मुख मापक बन गई है।
व ड है पीनेस रपोट के पीछे का ल य लोक-क याण के मुख िनधारक क पहचान करना है।
रपोट म दी गयी जानकारी से देश को खुशहाल समाज ा करने के उ े य से नीितयां तैयार करने म मदद िमलने क
उ मीद है।
3. कानून, शासन और स ता के बीच अंतसबंध और इनका मह व:
वतमान म, पूरे िव म ‘ स ता’ को सावजिनक नीित के एक ल य के प म वीकार कया जाने लगा है। और इस पर
जारी िवमश ने कानून, शासन और स ता के बीच अंतसबंध क खोज पर एक नए आ यान को गित दान क है।
कईदेश के अनुभवइसबातक पुि करते ह क उ ‘सकल घरेलू उ पाद’ और उ ‘ ित ि आय’ वाले देश सबसे खुशहाल
देश नह ह और ‘ स ता क ि थित’ और ‘कानून के शासन’ के बीच एक लंक मौजूद है।
व ड है पीनेस रपोट(WHR) ारा िपछले वष के दौरान इस बात क पुि क है क लोग को िन िलिखत का सामना करना पड़
रहा है:
1. खराब मानिसक वा य।
2. ि परक क याण का िनचला तर।
3. उ आय तर के बावजूद शासन और कानून व था के बारे म लोग क खराब धारणा।
महा मा गांधी रा ीय ामीण रोजगार गारंटी अिधिनयम
संदभ:
ामीण िवकास एवं पंचायती राज पर ग ठत संसदीय थायी सिमित ारा हाल ही म ‘महा मा गांधी रा ीय ामीण रोजगार
गारंटी अिधिनयम’अथात मनरेगा (Mahatma Gandhi National Rural Employment Guarantee -MGNREG)के
कामकाज पर अपनी रपोट लोकसभा को स प दी गयी है।
रपोट म क गयी चुनौितयां/ चंताय:
अतीत म,योजना के िलए ‘संशोिधत अनुमान ’(Revised Estimate) म ‘बजटीय अनुमान’क अपे ा हमेशा वृि होती
रही है।
ायः िनिध जारी करने म देरी होती है।
एक रा य से दूसरे रा य के बीच ‘मजदूरी दर’ म ापक असमानता देखी गयी है।
जाली जॉब काड, ापक ाचार और हािजरी रिज टरको देर से अपलोड कया जाता है।
अनुशंसाएं:
1. गारंटीकृ त काय दवस क सं या को 100 से बढ़ाकर कम से कम 150 कया जाना चािहए।
2. थानीय भौगोिलक भूभाग और थानीय आव यकता को यान म रखते ए अनुमेय काय म वृि क जाए।
3. सरकार को अपनी गणना पर फर से िवचार करना चािहए और बजट क कमी के िलए ामीण िवकास योजना क गित
को तेज करने के िलए अिधक धनरािश के आवंटन हेतु िव मं ालय से उपयु प से संपक करना चािहए।
सुधार क आव यकता:
नवीनतम आ थक सव ण के अनुसार:
महा मागांधीरा ीय ामीणरोजगारगारंटीअिधिनयम (MGNREGA) योजना के तहत काम क मांग पहले लॉकडाउन के
दौरान चरम पर प ँच गयी थी, िजसमे अब कमी आयी है, ले कन यह अभी भी महामारी-पूव तर से अिधक है।
इसयोजनाके तहतकाम क सबसे यादा मांग, कामगार के मूल रा य क बजाय, आमतौर पर वासी कामगार के गंत
रा य म देखी गयी।
4. ‘महा मा गांधी रा ीय ामीण रोजगार गारंटी अिधिनयम’ (MGNREGA) के बारे म:
मनरेगा (MGNREGA) को भारत सरकार ारा वष 2005 म एक सामािजक उपाय के प म तुत कया गया था।
िजसके अंतगत ‘काम करने के अिधकार’ (Right to Work) क गारंटी दान क जाती है।
इस सामािजक उपाय और म कानून का मु य िस ांत यह है, क थानीय सरकार को ामीण भारत म यूनतम 100
दन का वैतिनक रोजगार दान करना होगा ता क ामीण िमक के जीवन तर म वृि क जा सके ।
मुख उ े य:
1. मनरेगा काय म के तहत येक प रवार के अकु शल म करने के इ छुक वय क सद य के िलये यूनतम 100 दन का
वैतिनक रोजगार।
2. ामीण िनधन क आजीिवका के आधार को सश करके सामािजक समावेशन सुिनि त करना।
3. कु , तालाब , सड़क और नहर जैसे ामीण े म थाई प रसंपि का िनमाण करना।
4. ामीण े से होने वाले शहरी वासन को कम करना।
5. अ यु ामीण म का उपयोग करके ामीण अवसंरचना का िनमाण करना।
मनरेगा योजना के तहत लाभ ा करने हेतु पा ता मानदंड:
1. मनरेगा योजना का लाभ लेने के िलए भारत का नाग रक होना चािहए।
2. काय हेतु आवेदन करने के िलए ि क आयु 18 वष अथवा इससे अिधक होनी चािहए।
5. 3. आवेदक के िलए कसी थानीय प रवार का िह सा होना चािहए (अथात, आवेदन थानीय ाम पंचायत के माध्यम से
कया जाना चािहए)।
4. आवेदक को वे छा से अकु शल म के िलए तैयार होना चािहए।
योजना का काया वयन:
1. आवेदन जमा करने के 15 दन के भीतर या िजस दन से काम क मांग होती है, उस दन से आवेदक को वैतिनक
रोजगार दान कया जाएगा।
2. रोजगार उपल ध नह होने क ि थित म, आवेदन जमा करने के पं ह दन के भीतर या काम क मांग करने क ितिथ से
बेरोजगारी भ ा पाने का अिधकार होगा।
3. मनरेगा के काय का सामािजक लेखा-परी ण (Social Audit) अिनवाय है, िजससे काय म म जवाबदेही और
पारद शता सुिनि त होती है।
4. मजदूरी क मांग करने हेतु अपनी आवाज उठाने और िशकायत दज कराने के िलए ‘ ाम सभा’इसका मुख मंच है।
5. मनरेगा के तहत कराए जाने वाले काय को मंजूरी देने और उनक ाथिमकता तय करने का दािय व ‘ ाम सभा’ और
‘ ाम पंचायत’ का होता है।
मिहला कसान के िलए योजना
संदभ:
कृ िष और संब े म नवीनतम तकनीक से मिहला को प रिचत कराने के िलए ‘कृ िष एवं कसान क याण मं ालय’
और ‘ ामीण िवकास मं ालय’ क योजना के तहत मिहला कसान को िश ण दया जा रहा है।
कृ िष एवं सहका रता और कसान क याण िवभाग (DAC&FW) क िविभ लाभाथ -उ मुख योजना के दशा-िनदश
के अंतगत,रा य और अ य काया वयन एजिसय ारा कृ िष एव संब योजना का कम से कम 30% ‘मिहला कसान ’
(Women Farmers) परखच कए जाने का ावधान कया गया है।
िन िलिखत योजना म मिहला कसान के क याण के िलए िविश घटक िनधा रत ह:
1. रा ीय खा सुर ा िमशन,
2. रा ीय ितलहन एवं ताड़ तेल िमशन,
3. रा ीय सतत कृ िष िमशन,
4. बीज और रोपण साम ी के िलए उप-िमशन,
5. कृ िष मशीनीकरण पर उप-िमशन और
6. एक कृ त बागवानी िवकास िमशन।
मिहला कसान सशि करण प रयोजना:
ामीण िवकास िवभाग ारा ‘मिहला कसान सशि करण प रयोजना’(Mahila Kisan SashaktikaranPariyojana –
MKSP) नामक एक िविश योजना शु क गयी है।
1. यह योजना दीनदयाल अं योदय योजना – रा ीय ामीण आजीिवका िमशन(DAY-NRLM)का एक उप-घटक है।
2. यह योजना 2011 से लागू है।
उ े य: मिहला क भागीदारी और उ पादकता बढ़ाने के िलए वि थत िनवेश करके उ ह सश बनाना, साथ ही ामीण
मिहला क थायी आजीिवका का िनमाण करना।
6. काया वयन:इस काय म को प रयोजना काया वयन एजिसय के प म ‘रा य ामीण आजीिवका िमशन’(State Rural
Livelihoods Mission – SRLM) के मा यम से प रयोजना मोड म कायाि वत कया जाता है।
मिहला कसान को बढ़ावा देने क आव यकता:
1. भारत क कृ िष सहायता णाली म कृ िष िमक और कृ षक के प म मिहला को उनके अिधकार से ायः वंिचत रखा
जाता है।
2. य िप, ामीण मिहलाएं भारत सिहत अिधकांश िवकासशील देश क अथ व था म सबसे अिधक उ पादक कायबल ह
और 80% से अिधक ामीण मिहलाएं अपनी आजीिवका के िलए कृ िष गितिविधय म संल ह।
3. लगभग 20 ितशत आजीिवकाकृ िष, मिहला के िवधवा होने, पु ष ारा प र याग कए जाने या ‘पु ष उ वास’ के
कारण मिहला के ारा क जाती है।
4. मिहला मुिखया वाले अिधकांश प रवार, िव तार सेवा , कसान सहायता सं थान और उ पादन संपि जैसे बीज,
पानी, ऋण, सि सडी आ द तक प ंचने म स म नह होते ह।
5. कृ िष िमक के प म, मिहला को पु ष क तुलना म कम मजदूरी का भुगतान कया जाता है।
भारत क आक टक नीित
संदभ:
हाल ही म, भारत सरकार ारा जलवायु प रवतन से िनपटने और पयावरण क र ा करने के उ े य से “भारत और
आक टक: सतत िवकास के िलए साझेदारी का िनमाण” (India and the Arctic: building a partnership for
sustainable development) शीषक से भारत क आक टक नीित (India’s Arctic Policy)जारी क गयी है।
भारत, तेरह (13) सद य रा क आक टक प रषद म एक ‘पयवे क’ ह, इस प रषद् म ांस, जमनी, इटली गणरा य,
जापान, नीदरलड, पीप स रपि लक ऑफ चाइना, पोलड, भारत, को रया गणरा य, पेन, ि व जरलड, यूनाइटेड
कं गडम शािमल ह।
नीित:
‘भारत क आक टक नीित’ छह मु य तंभ पर आधा रत है:
1. वै ािनक अनुसंधान और सहयोग,
2. जलवायु और पयावरण संर ण,
3. आ थक और मानव िवकास,
4. प रवहन और संपक,
5. संचालन और अंतरा ीय सहयोग तथा
6. आक टक े म रा ीय मता िनमाण
नीित के मुख बंदु:
1. भारत क आक टक नीित, आक टक े म वै ािनक अनुसंधान, “संधारणीय पयटन” और खिनज तेल एवं गैस क खोज
का िव तार करने के िलए ितब है।
2. नीित म, आक टक एवं भारतीय मानसून के बीच वै ािनक और जलवायु संबंधी संबंध को बेहतर ढंग से समझने के िलए
भारत के आक टक अिभयान के ल य को प कया गया है।
7. 3. यह नीित,‘ ुवीय अनुसंधान ’ को तीसरे ुव (िहमालय) के साथ सामंज य थािपत करने और भारत म ही कए जा रहे
आक टक के अ ययन और जानकारी को आगे बढ़ाने का भी यास करती है।
4. इस नीित म, आक टक से ाकृ ितक संसाधन और खिनज क िज मेदार खोज हेतु अ वेषण के अवसर क आव यकता पर
जोर दया गया है और “अपतटीय अ वेषण / खनन, बंदरगाह , रेलवे और हवाई अ ” जैसे े म ‘आक टक
अवसंरचना ’ म िनवेश के अवसर को िचि नत कया गया है।
आक टक े :
आक टक े (Arctic region) म आक टक महासागर और कनाडा, डेनमाक ( ीनलड), नॉव, स, संयु रा य अमे रका
(अला का), फनलड, वीडन और आइसलड जैसे देश के िह से शािमल ह।
ये सभी देश िमलकर एक अंतर-सरकारी मंच ‘आक टक प रषद’ के क (Core) का िनमाण करते ह। इस े म लगभग चार
िमिलयन आबादी िनवास करती है, िजनम से लगभग दसवां िह सा वदेशी (मूलिनवासी) लोग ह।
आक टक म भारत क भागीदारी:
आक टक के साथ भारत का जुड़ाव,फरवरी 1920 म पे रस म नॉव, अमे रका, डेनमाक, ांस, इटली, जापान, नीदरलड,
ेट ि टेन और आयरलड, तथा ि टेन के िवदेशी अिधकार- े , वीडन से संबंिधत ि प सबगनके बीच ‘ वालबाड संिध’
(Svalbard Treaty) पर ह ता र करने के बाद से िनरंतर बना आ है। इस संिध पर ह ता र करने के बाद सेभारत,
आक टक े के सभी घटना म क बारीक से िनगरानी कर रहा है।
भारत ारा वष 2007 म इस े म जलवायु प रवतन को क म रखते ए ‘आक टक अनुसंधान काय म’ शु कया
गया था। इसके उ े य, आक टक जलवायु और भारतीय मानसून के बीच टेलीकने शन का अ ययन करना, उप ह डेटा का
उपयोग करके आक टक म समु ी बफ को िचि नत करना, लोबल वा मग पर भाव का अनुमान लगाना आ द शािमल
है।
भारत ारा अनुसंधान काय के िलएआक टक े म पहले से ही‘िहमा ी’ नामक एक शोध क थािपत कर चुका है।
भारत के िलए आक टक अ ययन का मह व:
हालां क भारत का कोई भी भू-भाग या े , सीधे तौर पर आक टक े के अंतगत नह आता है, फर भी यह एक
मह वपूण े है य क आक टक, पृ वी के पा रि थितक तं के वायुमंडलीय, समु िव ान और जैव-भू-रासायिनक
च को भािवत करता है।
जलवायु प रवतन के कारण, इस े को समु ी बफ, िहमावरण म कमी और समु के गम होने के नुकसान का सामना
करना पड़ता है,िजसके प रणाम व प वैि क जलवायु भािवत होती है।
भूमंडलीय ऊ मीकरण के कारण लगातार घटते ए िहमावरण वाला ठ डा आक टक, भारतीय मानसून क िविवधता
को पोिषत करने वाले कारक म से एक है।
8. चीता पुनवास प रयोजना
(Cheetah reintroduction project)
संदभ:
वतं ता के बाद भारत म िवलु हो चुके ‘चीता’ (Cheetah)को देश म फर से बसाने के िलए क सरकार ारा एक काय योजना
शु क जा रही है।
1. इस संबंध म, क ीय पयावरण, वन और जलवायु प रवतन मं ी ारा ‘भारत म चीता पुनवासन काय योजना’ का आरंभ
कया गया है िजसके तहत अगले पांच वष म 50 बड़ी िबि लय को देश म लाया जाएगा।
2. रा ीय बाघ संर ण ािधकरण (NTCA) क 19व बैठक म इस काय योजना का शुभारंभ कया गया।
‘पुनवासन’ या है और चीत को दोबारा देश म लाने क आव यकता:
कसी जाित के ‘पुनवासन’ (Reintroduction)का अथ है, क कसी जाित को उस े म छोड़ना जहां वह जीिवत
रहने म स म है।
‘बड़ी मांसाहारी जाितय के पुनवासन’ को संकटाप जाितय के संर ण और पा रि थितक तं को बहाल करने क
रणनीित के प म मा यता दी गई है।
चीता (Cheetah), एकमा बड़ा मांसाहारी है, जो मु यतः ऐितहािसक काल से भारत म अ यिधक िशकार क वजह से
िवलु हो चुका है।
भारत, वतमान म नैितक और पा रि थितक कारण से अपनी खोई ई ाकृ ितक िवरासत को बहाल करने पर िवचार
करने हेतु आ थक प से स म हो चुका है।
मह वपूण त य:
चीता (एिसनोिन स जुबेटस – Acinonyx Jubatus), बड़े आकार क िब ली जाितय म सबसे पुरानी जाितय म से
एक है। इसके पूवज का पतापांच िमिलयन साल पहले के ‘िमओसीन युग’ म लगाया जा सकता है।
चीता दुिनया का सबसे तेज थलीय तनपायी जीव भी है।
यह IUCN क रेड िल टेड जाितय म ‘संवेदनशील’ के प म सूचीब है।
देश म बची ‘आिखरी िच ीदार िब ली’ क मृ यु 1947 म छ ीसगढ़ म ई थी। बाद म, चीता को वष 1952 म भारत म
िवलु घोिषत कर दया गया।
एिशयाई चीता को IUCN रेड िल ट ारा “गंभीर प से लु ाय” जाित के प म वग कृ त कया गया है, और माना
जाता है क यह जाित के वल ईरान म ही शेष बची है।
भारत म चीता पुनवासन काय म:
देहरादून म भारतीय व यजीव सं थान ारा सात साल पहले 260 करोड़ पये के प र य सिहत ‘चीता पुनवासन प रयोजना’
तैयार क गयी थी।
भारत ारा म य देश के वािलयर-चंबल े के ‘ योपुर’ और ‘मुरैना’ िजल म िव ता रत‘कु नो रा ीय उ ान’ म चीत
को फर से बसाए जाने क योजना बनाई गयी है।
यह संभवतः दुिनया क पहली ‘अंतरमहा ीपीय चीता थाना तरण प रयोजना’ है।
9. िवलु होने के कारण:
िवलु होने के सभी कारण का ोत मानव ह त ेप म खोजा जा सकता है। मानव-व यजीव संघष, आवास का न होना
और भोजन के प म िशकार करने हेतु जीव क कमी, और अवैध त करी जैसी सम या क वजह से ने चीत क सं या
समा चुक है।
जलवायु प रवतन और बढ़ती मानव आबादी ने इन सम या को और भी बदतर बना दया है।
व यजीव के िलए उपल ध भूिम म कमी होने से,िजन जाितय को चीत क भांित अिधक े ीय सीमा क आव यकता
होती है, उ ह अ य जानवर और मनु य के साथ ित पधा करनी पड़ती है और जगह को लेकर आपस म संघष होता है।
सु ीम कोट का िनणय:
सु ीम कोट ने अपने 2013 के आदेश म, भारत म और िवशेष प से म य देश के कु नो रा ीय उ ान म अ क चीत को बसाने
क योजना को रद्द कर दया था।
1. म य देश के ‘कु नो रा ीय उ ान’ को पहले से ही तदुए और बाघ के िनवास थल के प म िचि नत कया जा चुका है,
और सु ीम कोट के आदेश के अनुसार, इस जगह को एिशयाई शेर के थाना तरण के िलए भी िनधा रत कया जा चुका
है। अतः इन आवास म शीष िशकारी क भूिमका िनभाने के िलए अ क चीत (African Cheetahs)क आव यकता
नह है।
2. िपछले साल (2021), सु ीम कोट ने नामीिबया से अ क चीत को भारतीय आवास म लाने के ताव पर सात साल के
लंबे रोक को हटा दया।
फे म इंिडया योजना
(FAME India scheme)
संदभ:
‘भारत म इलेि क वाहन को तेजी से अपनाना और िविनमाण’ योजना (Faster Adoption and Manufacturing of
Electric Vehicles in India – FAME India Scheme) अथात ‘फे म-इंिडया योजना’(FAME India scheme)के तहत
इलेि क वाहन के खरीददार को इलेि क वाहन के खरीद मू य म अि म कटौती के प म ो साहन दान कया जा रहा है।
1. राज व िवभाग से ा जानकारी के अनुसार, वतमान म इलेि क वाहन पर जीएसटी क दर 5% है।
2. जीएसटी क यह दर, जीएसटी प रषद क िसफा रश के आधार पर िनधा रत क गई ह।इलेि क वाहन पहले से ही 5%
के यूनतम दर लैब पर ह।
देश म इलेि क वाहन के सार हेतु सरकार ाराउठाए गए कदम:
1. सरकार ारा 12 मई, 2021 को देश म बैटरी क क मत को कम करने के िलए देश म ‘एडवां ड के िम ी सेल’ (ACC)
के िनमाण हेतु ‘उ पादन संब ो साहन’ (PLI) योजना को मंजूरी दी गयी थी। बैटरी क क मत म कमी होने से
इलेि क वाहन क लागत म कमी आएगी।
2. इलेि क वाहन पर जीएसटी को 12% से घटाकर 5% कर दया गया है; इलेि क वाहन के चाजर/चा जग टेशन पर
जीएसटी को 18% से घटाकर 5% कर दया गया है।
3. सड़क प रवहन और राजमाग मं ालय (MoRTH) ारा बैटरी से चलने वाले वाहन को हरी लाइसस लेट दए जाने
और उ ह परिमट आव यकता से छू ट दए जाने क घोषणा क गयी है।
10. 4. MoRTH ारा एक अिधसूचना जारी कर रा य को इलेि क वाहन पर रोड टै स माफ करने क सलाह दी गयी है,
िजसके प रणाम व प इलेि क वाहन क शु आती लागत को कम करने म मदद िमलेगी।
फे म इंिडया योजना के बारे म:
‘भारी उ ोग िवभाग’ ारा ‘इलेि क और हाइि ड वाहन ौ ोिगक के िनमाण को बढ़ावा देने एवं इसके संवहनीय िवकास को
सुिनि त करने’ हेतु‘फे म-इंिडया योजना’(FAME-India Scheme)का काया वयन कया जा रहा है।
1. ‘फे म-इंिडया’रा ीय इलेि क प रवहन िमशन योजना (National Electric Mobility Mission Plan) का एक भाग है।
2. इसका का मु य जोर सि सडी दान करके इलेि क वाहन को बढ़ावा देना है।
3. फे म-इंिडया योजना के तहत,सावजिनक प रवहन म इलेि क वाहन (ईवी) को बढ़ावा देने का ताव कया गया है और
इसका एक अ य उ े य बाजार िनमाण और मांग समूहन के मा यम से इलेि क वाहन को अपनाने को ो सािहत करना
है।
11. इस योजना दो चरण म लागू कया जा रहा है:
1. चरण-I: भारत म (हाइि ड) और इलेि क वाहन का तेजी से अंगीकरण और िविनमाण।1 अ ैल 2015 से आरंभ।
2. चरण- II:(हाइि ड) और इलेि क वाहन को तेजी से अपनाना और इनका िनमाण
फे म-इंिडया योजना चरण- I:
1. फे म-इंिडया योजना के पहले चरण के तहत, सरकार ने देश म इलेि क वाहन चा जग टेशन थािपत करने के िलए
लगभग 500 चा जग टेशन के िलए सहायता दान क गयी है।
2. फे म-इंिडया योजना के पहले चरण के तहत वीकृ त लगभग 500 चा जग टेशन म से, लगभग 230 चा जग टेशन
थािपत कए जा चुके ह।
3. इसके अलावा, िव ुत मं ालय के तहत ‘एनज ए फिशएंसी स वसेज िलिमटेड’ (EESL) ारा देश म इलेि क वाहन के
िलए 65 सावजिनक चा जग टेशन थािपत कए गए ह।
फे म-इंिडया योजना चरण- II:
फे म-इंिडया योजना चरण- IIका उ े य इलेि क प रवहन को बढ़ावा देना और वािणि यक बेड़े म इलेि क वाहन क
सं या म वृि करना है।
सरकार ारा ावसाियक उ े य के िलए उपयोग क जाने वाली इलेि क बस , ितपिहया और चार पिहया वाहन के
िलए ो साहन दान कया जाएगा।
क सरकार ारा,सावजिनक े क इकाइय और िनजी कं पिनय क स य भागीदारी के साथ चा जग टेशन थािपत
करने म िनवेश कया जाएगा।
चा जग इं ा चर क प रयोजना के तहत,पटो ाफ चा जग और लैश चा जग जैसेइलेि क वाहन क चा जग के
िलए आव यक तकनीक एवं िविधय को शािमल कया जाएगा।
फे म-इंिडया योजना चरण- IIके तहत, नवीकरणीय ऊजा ोत को चा जग इं ा चर के साथ जोड़ने के िलए भी
ो सािहत कया जाएगा।
समय क मांग:
इलेि क प रवहन म बदलाव को आसान बनाने के िलए भारत को ऑटो उ ोग क स य भागीदारी क आव यकता है।
ाहक जाग कता बढ़ाने और घरेलू िविनमाण को बढ़ावा देने के िलएऑटो और बैटरी उ ोग एक साथ काय कर सकते ह।
सरकार को इलेि क वाहन को बढ़ावा देने के िलए चरणब िनमाण योजना पर यान देने,तथा इलेि क वाहन और
बैटरी के चरणब िनमाण हेतु िव ीय और गैर-िव ीय ो साहन दान करने क आव यकता है।