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1. D A I L Y N E X T
C A P S U L E W I L L
H E L P Y O U T O
P R O V I D E
2nd floor, shahar plaza, munshi pulia, indira nagar, lucknow
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‘धुव य योित’ या ऑरोरा
(AURORA)
संदभ:
हाल ही म आइसलड के ऊपर एक ‘मृत’ सन पॉट (dead
sunspot) के अचानक फु टत होने के बाद आ यजनक
‘धुव य योित’ या ऑरोरा (AURORA) को देखा गया।
‘धुव य योित’ या होती है?
‘धुव य योित’ अथवा ऑरोरा (Aurora), मु य प से उ
अ ांशीय े (आक टक और अंटाक टक) पर आकाश म
दखाई देने वाली रोशनी होती है। इसे ुवीय काश (Polar
light) के प म भी जाना जाता है।
‘धुव य योित’ के कार:
‘धुव य योित’ अथवा ऑरोरा, दो कार क होती है- ‘ऑरोरा बोरेिलस’ (Aurora Borealis) और ऑरोरा ऑ ािलस (Aurora
Australis)। इ ह आमतौर पर ‘उ र धुव य योित’ एवं ‘दि ण धुव य योित’ भी कहा जाता है।
ये घटनाएँ कहाँ घ टत होती ह?
‘धुव य योित’ या ऑरोरा आमतौर पर उ री और दि णी उ अ ांश पर दखाई देती है। इसके अलावा, म य अ ांश पर इनक
आवृि कम होती है, जब क यह भूम य रेखा के नजदीक भी कभी-कभार दखाई देती है।
‘धुव य योित’ के रंग:
‘धुव य योित’ या ऑरोरा, म आमतौर पर दूिधया हरे रंग क चुरता होती है, ले कन इनमे लाल, नीले, बगनी, गुलाबी और सफे द भी
दखा सकता है। इन रंगो का आकार लगातार बदलता आ दखाई देता है।
इसक उ पि के पीछे िव ान:
ऑरोरा, इस बात का एक प संके त है क हमारा ह िव ुतीय प से सूय से जुड़ा आ है। ये दखाई देने वाला काश सूय
क उजा से उ े रत होता है और पृ वी के चुंबक य े म पाए जाने वाले िव ुत-आवेिशत कण से उ ेिजत होता है।
आदश प म धुव य योित क उ पि , अंत र से आने वाले ती -गित के इले ान तथा पृ वी के ऊपरी वायुमंडल म
उपि थत ऑ सीजन और नाइ ोजन अणु के पर पर टकराने से होती है।
पृ वी के चुंबक य मंडल से आने वाले इले ान क उजा, पृ वी के उपरी वायुमंडल म मौजूद ऑ सीजन और नाइ ोजन के
परमाणु और अणु म थानांत रत होकर इ ह उ ेिजत कर देती है।
ये गैस अपनी सामा य ि थित म वापस आने पर, काश के प उजा के छोटे बंडल , फोटॉन (photons) का उ सजन करती ह।
जब पृ वी के चुंबक य े से बाहरी वायुमंडल म, भारी मा ा म इले ान क बमबारी होती है, तो ऑ सीजन और
नाइ ोजन से पया मा ा म काश का उ सजन होता है, िजसे नंगी आँख से देखा जा सकता है, और इससे ब त खूबसूरत
दृ य दखाई देते ह।
इनका उ पि - थल:
धुव य योित क उ पि , 100 से 400 कमी से अिधक क ऊ
ं चाई पर होती है।
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धुव य योित के िविभन्न रंग और आकार का कारण:
1. ऑरोरा म दखाई देने वाले रंग इस बात पर िनभर करते है, क इले ॉन के ारा कस मा ा म और कौन सी गैस- ऑ सीजन
या नाइ ोजन- उ ेिजत क जा रही है। धुव य योित म रंग, इले ॉन क गितशीलता और टकराव के समय इनक उजा पर
भी िनभर करते ह।
2. इले ॉन क उ ऊजा के कारण ऑ सीजन, हरे रंग के काश (ऑरोरा का सबसे मुख रंग) का उ सजन करती है, जब क
इले ॉन क िन उजा होने पर लाल रंग के काश का उ सजन होता है। नाइ ोजन, आमतौर रंग के काश का उ सजन
करती है।
3. इन रंग के िम ण से बैगनी, गुलाबी और सफ़े द रंग दखाई देते ह। ऑ सीजन और नाइ ोजन से पराबगनी काश का भी
उ सजन होता है, िजसे सॅटॅलाइट पर लगे ए िवशेष कै मर से देखा जा सकता है।
ऑरोरा का भाव:
ऑरोरा क घटना होने पर संचार लाइन, रेिडयो लाइन और िव ुत् लाइ स भािवत हो सकती ह।
यहां यह भी यान दया जाना चािहए क इस सारी या के पीछे, सौर-हवा के प म सूय क ऊजा होती है।
WHO का ‘ लोबल सटर फॉर ेिडशनल मेिडिसन’
(WHO’s Global Centre for Traditional Medicine)
संदभ:
हाल ही म गुजरात के जामनगर म ‘िव वा य
संगठन’ के ‘वैि क पारंप रक औषध क ’ (Global
Centre for Traditional Medicine – GCTM) क
क आधारिशला रखी गयी।
GCTM दुिनया भर म पारंप रक िच क सा के िलए
पहला और एकमा वैि क आउटपो ट क होगा।
मह व:
दुिनया के कई े के िलए ‘पारंप रक िच क सा’ उपचार का पहला चरण है।
दुिनया के कई े के िलए, पारंप रक िच क सा / औषध उपचार क पहली पंि है। यह क पारंप रक दवा क सहायता
से दुिनया को बेहतर िच क सा समाधान दान करने म मदद करेगा।
क के पांच मु य े म अनुसंधान एवं नेतृ व, सा य एवं िश ा, डेटा एवं िव ेषण, थािय व एवं समानता तथा नवाचार
एवं ौ ोिगक शािमल ह गे।
आव यकता:
िव वा य संगठन (WHO) के अनुमान के अनुसार, िव क 80% आबादी ‘पारंप रक िच क सा’ का उपयोग करती है।
194 सद यीय WHO के सद य देश म से 170 देश ने अपने यहाँ ‘पारंप रक िच क सा’ के उपयोग कए जाने क जानकारी
दी है।
इन सद य देश ने WHO से “पारंप रक िच क सा प ितय और उ पाद पर िव सनीय सा य और डेटा” का एक िनकाय
बनाने म सहयोग करने के िलए कहा है।
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‘पारंप रक िच क सा’ के बारे म:
िव वा य संगठन (WHO) ारा ‘पारंप रक िच क सा’ को “देशी एवं िविभ सं कृ ितय ारा लंबे समय से ‘ वा य को
बनाए रखने और शारी रक और मानिसक बीमारी को रोकने, िनदान और उपचार करने के िलए उपयोग कए जाने वाले ान,
कौशल और प ितय के कु ल योग के प म व णत कया गया है”।
‘पारंप रक िच क सा’ (Traditional Medicine) के िव तार म, ाचीन प ितय जैसे ए यूपं चर, आयुव दक दवा और हबल िम ण
के साथ-साथ आधुिनक दवा को भी शािमल कया जाता है।
भारत म पारंप रक िच क सा:
1. ‘आयुवद’ और ‘योग’ का पूरे देश म ापक प से अ यास कया जाता है।
2. िच क सा क ‘िस ा प ित’ (Siddha System) का उपयोग मु यतः तिमलनाडु और के रल म कया जाता है।
3. ‘सोवा- र पा णाली’ (Sowa-Rigpa system) मु य प से लेह-ल ाख और िहमालयी े जैसे िस म, अ णाचल देश,
दा ज लंग, लाहौल और पीित म चिलत है।
पारंप रक िच क सा के सम आने वाली चुनौितयाँ:
रा ीय वा य णािलयाँ और रणनीितयाँ, अभी तक पारंप रक िच क सा क मय , मा यता ा पा म और वा य
सुिवधा को पूरी तरह से एक कृ त नह ह।
लगभग 40% अनुमो दत दवा उ पाद आज ाकृ ितक पदाथ से ा होते ह। यह पयावरण संर ण से जुड़े मु को उठाता है।
‘ओपेक लस’
(OPEC+)
संदभ:
सी रा पित ला दमीर पुितन और सऊदी ाउन ंस मोह मद
िबन सलमान ने िव तेल बाजार को ि थर करने के िलए ‘ओपेक
लस (OPEC+) उ पादक समूह’ के सहयोग का “आंकलन” करते
ए इसे सकारा मक बताया है।
संबंिधत करण:
सऊदी अरब और फारस क खाड़ी के अ य मुख तेल उ पादक ने, यू े न म संकट और सी िनयात पर संभािवत ितबंध के बारे म
चंता के बीच क मत म वृि के म ेनजर अमे रका ारा उ पादन बढ़ाने के िलए क जारी मांग का अब तक िवरोध कया है।
इसिलए, हालात को ठीक करने के िलए इस तरह के उपाय आव यक ह।
‘ओपेक लस’ के बारे म:
ओपेक लस (OPEC+) क े तेल का उ पादन करने वाले देश का एक गठबंधन है। यह गठबंधन वष 2017 से तेल बाजार म क जाने
वाली आपू त म सुधार कर रहा है।
ओपेक लस देश म अज़रबैजान, बहरीन, ुनेई, कजा क तान, मलेिशया, मैि सको, ओमान, स, दि ण सूडान और सूडान
शािमल ह।
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‘ओपेक’ के बारे म:
ओपेक (OPEC- Organization of the Petroleum Exporting Countries) ‘पे ोिलयम िनयातक देश का संगठन’ है।
1. इसक थापना, िसतंबर, 1960 म आयोिजत बगदाद स मेलन, इराक म पांच देश , इ लािमक रपि लक ऑफ ईरान, इराक,
कु वैत, सऊदी अरब और वेनेजुएला ारा समझौते पर ह ता र के साथ क गयी थी। ये पांचो देश ओपेक संगठन के सं थापक
सद य थे।
2. OPEC एक थायी, अंतर-सरकारी संगठन है।
3. इस संगठन का उ े य अपने सद य देश के म य पे ोिलयम नीितय का सम वय और एक करण करना तथा उपभो ा रा के
िलए पे ोिलयम क सफल, आ थक और िनयिमत आपू त सुिनि त करने हेतु तेल बाज़ार का ि थरीकरण सुिनि त करना है।
4. इसका मु यालय ऑि या के ‘िवयना’ शहर म है।
5. पया मा ा म तेल िनयात करने वाला, तथा संगठन के आदश को साझा करने वाला कोई भी देश OPEC का सद य बन
सकता है।
‘संयु रा सुर ा प रषद’ के थायी सद य क वीटो पॉवर
(Veto power of UNSC permanent members)
संदभ:
ली टेन टाइन / िलकट टीन (Liechtenstein) ारा
एक मसौदा ताव पर बहस करने के ‘संयु रा
महासभा’ क बैठक का आयोजन कर रहा है। इस
ताव के िलए अमे रका का समथन ा है, और इस
ताव म ‘संयु रा सुर ा प रषद’ (UNSC) के
पांच थायी सद य ( स, चीन, अमे रका, ि टेन और
ांस) ारा “वीटो पॉवर का उपयोग करने पर इसे सही सािबत करने क आव यकता” िनधा रत कए जाने का ावधान कया
गया है।
‘िलकट टीन’ पि मी यूरोप म ि थत एक छोटा सा थल देश है। इसक सीमा पि म और दि ण म ि वटजरलड और पूव
म आि या से िमलती है।
पृ भूिम:
‘संयु रा सुर ा प रषद’ के ‘ थायी सद य ारा अपनी वीटो शि य के उपयोग म कमी कए जाने’ को सुिनि त करने के
िलए एक तं बनाए जाने क मांग काफ पुरानी है।
हाल ही म स ारा यू े न पर आ मण कए जाने के बाद, इस मांग को मुख ितभािगय से शि और समथन ा आ है।
मॉ को क वीटो पॉवर ने इसे UNSC म कारवाई को पंगु बना दया है, जब क UNSC को संयु रा के चाटर ारा
प रभािषत ‘वैि क शांित के गारंटर’ के प म इस कार के संघष म ह त ेप करना होता है।
आव यकता: िविभ देश ने ‘संयु रा सुर ा प रषद’ (United Nations Security Council – UNSC) म सुधार क मांग करते
ए दावा कया है क यह संगठन “सीिमत ितिनिध व” के कारण वैि क शांित और सुर ा बनाए रखने म िज मेदा रय को पूरा करने
म स म नह है।
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‘वीटो पॉवर’ म सुधार संबंधी मु ा, अ सर सुर ा प रषद म सुधार के ताव म शािमल होता है। भारत ने बार-बार कहा है
क ‘संयु रा सुर ा प रषद’ के िव तार के मु े को ‘वीटो पॉवर’ पर बहस से ‘बंधक’ नह बनाया जाना चािहए।
‘वीटो पॉवर’ या है?
‘UNSC वीटो पॉवर’, ‘संयु रा सुर ा प रषद’ के पांच थायी सद य को ा , कसी भी “मौिलक” ताव को वीटो
(िन फल कर देने) करने क शि है।
‘वीटो पॉवर’ का ोत संयु रा चाटर के अनु छेद 27 म है।
‘वीटो पॉवर’ का इ तेमाल:
‘संयु रा सुर ा प रषद’ (UNSC) के येक सद य के पास ‘वोट’ होगा।
सभी या मक मामल (Procedural Matters) पर UNSC के िनणय, नौ सद य के सकारा मक मत ारा कए जाएंगे।
अ य सभी मामल पर ‘संयु रा सुर ा प रषद’ के िनणय थायी सद य के सहमित मत सिहत नौ सद य के सकारा मक
मत ारा कए जाएंगे।
इसका मतलब यह है, क कसी भी थायी सद य का ‘नकारा मक वोट’ मसौदा ताव को अपनाने म बाधा डालेगा।
कोई थायी सद य जो मतदान से दूर रहता है या अनुपि थत रहता है, वह कसी ताव को पा रत होने से नह रोक सके गा।
वीटो के प और िवप म तक:
‘वीटो पॉवर’ के समथक इसे अंतररा ीय ि थरता के वतक और “अक मात” सै य ह त ेप के िखलाफ एक रोक/अवरोध के प
म मानते ह।
हालां क, आलोचक का कहना है क ‘वीटो पॉवर’ संयु रा संघ का सबसे अलोकतांि क त व है, साथ ही यु अपराध और
मानवता के िखलाफ अपराध पर िनि यता का मु य कारण है, य क यह शि थायी सद य और उनके सहयोिगय के
िखलाफ ‘संयु रा ’ क कारवाई पर भावी ढंग से रोक लगा देती है।
एमने टी इंटरनेशनल ने दावा कया है, क पांच थायी सद य ारा अपनी वीटो पॉवर का इ तेमाल “नाग रक क सुर ा क
बजाय अपने राजनीितक वाथ या भू-राजनीितक िहत को बढ़ावा देने” के िलए कया जाता है”।
संयु रा सुर ा प रषद म भारत क थायी सद यता हेतु मुख बंदु:
1. भारत, संयु रा संघ का सं थापक सद य है।
2. सबसे मह वपूण बात यह है, क िविभ अिभयान म तैनात, भारत के शांित सैिनक क सं या, P5 देश क तुलना म लगभग
दोगुनी है।
3. भारत, िव का सबसे बड़ा लोकतं और दूसरा सबसे अिधक आबादी वाला देश भी है।
4. मई 1998 म भारत को एक परमाणु हिथयार संप रा (Nuclear Weapons State – NWS) का दजा ा आ था,
और वह मौजूदा थायी सद य के समान परमाणु हिथयार संप है, इस आधार पर भी भारत सुर ा प रषद म थायी
सद यता का वभािवक दावेदार बन जाता है।
5. भारत, तीसरी दुिनया के देश का िन ववाद नेता है, और यह ‘गुटिनरपे आंदोलन’ और जी-77 समूह म भारत ारा नेतृ व क
भूिमका से सप प रलि त होता है।
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अंतरा ीय मारक एवं पुरात व थल दवस
(International Day for Monuments and Sites)
संदभ:
ितवष संयु रा ारा 18 अ ैल को ‘अंतरा ीय
मारक एवं पुरात व थल दवस’ (International
Day for Monuments and Sites) के प म
घोिषत कया गया है।
कई देश म इस दन को ‘िव िवरासत
दवस’ (World Heritage Day) के प म
भी मनाया जाता है।
वैि क तर पर, इस दवस को ‘अंतरा ीय मारक एवं थल प रषद’ (International Council on Monuments and
Sites– ICOMOS) ारा आयोिजत कया जाता है।
इस वष के ‘िव िवरासत दवस’ का िवषय है: “िवरासत और जलवायु” (Heritage and Climate) है।“
‘िव िवरासत थल’ के बारे म:
‘िव िवरासत थल’, संयु रा और संयु रा शैि क, वै ािनक एवं सां कृितक संगठन (United Nations Educational,
Scientific and Cultural Organization- UNESCO) अथात यूने को ारा मा यता ा थल होते ह। िव धरोहर के प म
वग कृ त थल को, यूने को मानवता के िलए मह वपूण मानता ह, य क ये थल सां कृ ितक और भौितक प से मह वपूण होते ह।
िव धरोहर थल क सूची, यूने को क ‘िव िवरासत सिमित’ ारा शािसत ‘अंतरा ीय िव धरोहर काय म’ ारा
तैयार क जाती है। इस सिमित म संयु रा महासभा ारा िनवािचत यूने को के 21 सद य देश शािमल होते है।
येक िव धरोहर थल, जहाँ वह अवि थत होता है, उस देश के वैधािनक े का भाग होता है तथा यूने को ारा इसके
संर ण को अंतरा ीय समुदाय के िहत म माना जाता है।
‘िव िवरासत थल’ के िलए अहता:
िव िवरासत थल के प म चयिनत होने के िलए, कसी थल को पहले से ही भौगोिलक एवं ऐितहािसक प से िविश , सां कृ ितक
या भौितक मह व वाले थल के प म अि तीय, िविश थल िच न अथवा तीक के प म वग कृ त होना चािहए।
भारत म िवरासत थल:
1. भारत म यूने को ारा घोिषत 40 िव धरोहर थल है।
2. गुजरात म ‘धोलावीरा’ के ‘हड़ पा शहर’ को भारत के 40 व िव धरोहर थल के प म घोिषत कया गया है।
3. ‘राम पा मं दर’ (तेलंगाना), भारत का 39वां िव धरोहर थल था।
4. िस म के ‘खांगचदज़ गा रा ीय उ ान’ को भारत का पहला और एकमा “िमि त िव िवरासत थल” के प म दज कया
गया है।