SlideShare a Scribd company logo
1 of 10
Download to read offline
D A I L Y N E X T
C A P S U L E W I L L
H E L P Y O U T O
P R O V I D E
2nd floor, shahar plaza, munshi pulia, indira nagar, lucknow
Feel Free to call us at:
9454721860
Follow us on:
1 www.iasnext.com
िवमु जनजाितय क ि थित
(State Of Denotified Tribes)
संदभ:
हाल ही म, संसद क एक थायी सिमित ने अपनी रपोट
म, “िवमु (De-Notified), खानाबदोश या
घुमंतू (Nomadic) और अध-घुमंतू (Semi-
Nomadic) जनजाितय के िवकास काय म” के
कामकाज क आलोचना क है।
िवमु , खानाबदोश और अध-घुमंतू जनजाितय के बारे
म:
‘िवमुक्त, खानाबदोश और अध-घुमंतू जनजाितयां’ (De-Notified, Nomadic And Semi-Nomadic Tribes) ऐसे समुदाय ह,
िज ह ि टश शासन के दौरान ‘आपरािधक जनजाित अिधिनयम, 1871’ (Criminal Tribes Act of 1871) तथा इसके बाद लागू
कए जाने वाले कानून क एक ृंखला के तहत ‘ज मजात अपराधी‘ के प म ‘अिधसूिचत‘ कया गया था।
वतमान म भी ये सबसे असुरि त और वंिचत समुदाय ह।
इन समुदाय के क याण हेतु कए गए उपाय:
1. वष 2006 म ‘रा ीय िवमु , घुमंतू और अध-घुमंतू जनजाित आयोग’ (National Commission for De-notified,
Nomadic and Semi-Nomadic Tribes – NCDNT) का गठन कया गया था। इस आयोग के अ य ‘बालकृ ण िसदराम
रके ’ थे।
2. िवमु समुदाय के आ थक सशि करण के िलए योजना: िवमु समुदाय (DNT communities) के सद य के िलए,
जाग कता एवं िश ा, वा य बीमा, आजीिवका क सुिवधा और घर के िनमाण के िलए िव ीय सहायता दान करने के
िलए ‘िवमु समुदाय के आ थक सशि करण के िलए योजना’ तैयार क गई है।
3. क याणकारी काय म को लागू करने के उ े य से सामािजक याय और अिधका रता मं ालय के त वावधान म सोसायटी
पंजीकरण अिधिनयम, 1860 के तहत वास 2019 म “िवमु , घुमंतू और अध-घुमंतू समुदाय के िलए िवकास और क याण
बोड” (Development and Welfare Board for De-notified, Nomadic and Semi-Nomadic Communities –
DWBDNC) क थापना क गई है।
4. इन समुदाय क पहचान या को पूरा करने के िलए नीित आयोग ारा एक सिमित का गठन कया गया है।
5. ‘भारतीय मानव िव ान सव ण’ ारा ‘िवमु समुदाय ’ का नृवंशिव ान अ ययन कया जा रहा है, िजसके िलए 2.26 करोड़
पये का बजट वीकृ त कया गया है।
व मान मु े:
1. संवैधािनक आधार का अभाव: ये जनजाितयाँ कसी तरह हमारे संिवधान िनमाता के यान से बच ग और इस कार
अनुसूिचत जाितय और अनुसूिचत जनजाितय के िवपरीत ये समुदाय ‘संवैधािनक सुर ा’ से वंिचत रह गए।
2. वग करण िवहीन: इनम से कु छ जनजाितय को एससी, एसटी और ओबीसी के तहत वग कृ त कया गया है, और
कु छ जनजाितयां कसी समूह म वग कृ त नह क गयी ह। और 269 िवमु समुदाय कसी भी आरि त ेणी के अंतगत नह
आते ह।
2 www.iasnext.com
3. िवमु समुदाय (DNT communities) क आ थक सशि करण योजना के तहत 2021-22 म कोई पैसा खच नह कया
गया।
4. इनके िलए 2021-22 के िलए बजटीय आवंटन 50 करोड़ पये के मुकाबले, 2022-23 के िलए बजटीय आवंटन को
घटाकर 28 करोड़ पये कर दया गया है।
5. िवमु , घुमंतू और अध-घुमंतू समुदाय के िलए िवकास और क याण बोड (DWBDNC) के कामकाज संबंधी मु े।
6. इन समुदाय के िलए कोई थायी आयोग नह है।
इन समुदाय क सं या:
 ‘रेनके आयोग’ ने 2001 क जनगणना के आधार पर उनक आबादी लगभग 10.74 करोड़ होने का अनुमान लगाया था।
 इस आयोग ारा 1,262 समुदाय को िवमु , खानाबदोश और अध-घुमंतू के प म िचि नत कया गया है।
इन समुदाय के वंिचत रहने के कारण:
 ये समुदाय मु य प से राजनीितक प से ‘शांत‘ रहते ह।
 इनके पास मुखर नेतृ व क कमी है और एक रा ीय नेता के संर ण का भी अभाव है।
 िश ा का अभाव।
 छोटी और िबखरी ई आबादी।
संब आयोग और सिमितयाँ:
 संयु ांत (अब उ र देश) म आपरािधक जनजाित जांच सिमित, 1947 का गठन,
 1949 म अनंतशयनम आयंगर सिमित (यह इस सिमित क रपोट के आधार पर ‘आपरािधक जनजाित अिधिनयम’ को िनर त
कर दया गया था) का गठन, और
 1953 म ग ठत ‘काका कालेलकर आयोग’ (िजसे पहला ओबीसी आयोग भी कहा जाता है)।
सतलुज यमुना लंक (एसवाईएल) नहर
(Sutlej Yamuna Link (SYL) Canal)
संदभ:
 हाल ही म, ह रयाणा िवधानसभा ारा ‘सतलुज यमुना
लंक नहर’ (SYL Canal) को पूरा करने क मांग करते
ए एक ताव पा रत कया गया है।
 नहर के पूरा हो जाने के बाद, रावी और यास न दय के
पानी को दोन रा य के बीच बटबारे म मदद िमलेगी।
पंजाब क मांग:
रा य सरकार के एक अ ययन के अनुसार, वष 2029 के बाद पंजाब म कई े सूख / िनजल हो सकते ह। रा य पहले ही संचाई के
िलए अपने भूजल का अ यिधक दोहन कर चुका है, य क पंजाब हर साल 70,000 करोड़ पये के गे ं और धान उगाकर क सरकार
के अ भंडार को भरता है। रपोट के अनुसार, रा य के लगभग 79% े म पानी का अ यिधक दोहन कया जाता है।
ऐसे म सरकार का कहना है, क कसी दूसरे रा य के साथ पानी बांटना नामुम कन है।
सतलुज यमुना लंक (एसवाईएल) नहर और इस पर िववाद:
3 www.iasnext.com
ऐितहािसक पृ भूिम:
1966 म पुराने (अिवभािजत) पंजाब से ह रयाणा को अलग कए जाने के बाद, ह रयाणा को नदी के पानी का िह सा देने क सम या
का ज म आ।
 पंजाब ारा ‘नदी या नाले या ाकृ ितक जल धारा के तट से संबंिधत िस ांतो’ (Riparian Principles) का हवाला देते ए
तथा रा य के पास पानी के अभाव का तक देते ए ‘रावी और यास न दय ’ के पानी को ह रयाणा के साथ साझा करने का
िवरोध कया गया था।
 फर भी, क सरकार ारा वष 1976 म अिवभािजत पंजाब के 7.2 िमिलयन एकड़ फ ट (MAF) जल म से ह रयाणा को 35
लाख MAF जल आवं टत करने क अिधसूचना जारी क गयी।
 1981 म कए गए एक पुनराकलन (Reassessment) म, यास और रावी म बहने वाले पानी क मा ा का अनुमान
17.17 MAF लगाया गया था, िजसम से 4.22 MAF पंजाब को, 3.5 MAF ह रयाणा को और 8.6 MAF राज थान को
आवं टत कया गया था।
 इसके प ात, पानी क उपल धता और बंटवारे के पुनराकलन के िलए सु ीम कोट के जज वी बालकृ ण एराडी क अ य ता म
‘एराडी यूनल’ (Eradi Tribunal) क थापना क गई। यूनल ने 1987 म पंजाब और ह रयाणा के िह स म मश: 5
एमएएफ और 3.83 एमएएफ क वृि क िसफा रश क ।
सतलुज यमुना लंक नहर:
 सतलुज और उसक सहायक यास नदी के पानी के अपने िह से का उपयोग करने हेतु ह रयाणा को समथ बनाने के
िलए, सतलुज को यमुना से जोड़ने वाली तथा पूरे रा य से होकर बहती ई एक नहर का िनमाण कए जाने क योजना बनाई
गई थी।
 इस संबंध म पंजाब, ह रयाणा और राज थान के बीच ि प ीय समझौता भी आ।
 सतलुज यमुना लंक नहर, सतलुज और यमुना न दय को जोड़ने के िलए तािवत 214 कलोमीटर लंबी नहर है। हालाँ क,
इस ताव के सामने कई अवरोध उ प हो गए और इसे सव यायालय म भेज दया गया।
ह रयाणा क मांग:
ह रयाणा अपने िह से का 35 लाख एकड़ फु ट नदी का पानी पाने के िलए SYL नहर को पूरा करने क मांग कर रहा है। इसका कहना है
क पंजाब को इस संबंध म 2002 और 2004 के सु ीम कोट के आदेश का पालन करना चािहए। वतमान म, ह रयाणा को रावी- यास
जल का 1.62 िमिलयन एकड़ फ ट पानी िमल रहा है।
िव वा य संगठन ारा ‘कोवाि सन’ पर रोक
संदभ:
िव वा य संगठन (WHO) ारा हाल ही म, िनमाण से
संबंिधत मु के िनरी ण के बाद ‘संयु रा एजिसय ’ के
मा यम से कोिवड -19 वै सीन ‘कोवाि सन’ (Covaxin) क
आपू त को िनलंिबत कर दया गया है।
‘कोवाि सन’ के िलए कब अनुमो दत कया गया था?
 कोरोनोवायरस बीमारी से सुर ा के िलए िव वा य संगठन’ (WHO) ारा िनधा रत मानक पर खरा उतरने के
बाद, ‘कोवाि सन’ (Covaxin) के िलए नवंबर 2021 म ड यूएचओ से ‘आपातकालीन उपयोग सूची’ (emergency use
listing – EUL) म शािमल कए जाने को अनुमोदन ा आ था।
4 www.iasnext.com
 कसी टीके को, COVAX पहल के तहत टीके क आपू त का िह सा बनने के िलए WHO क ‘आपातकालीन उपयोग सूची’ म
शािमल होना एक पूव-शत है।
 ड यूएचओ ारा द लाइसस ने, ‘भारत बायोटेक’ के िलए COVAX सिहत अ य संयु रा एजिसय को ‘कोवाि सन’ क
आपू त करने का माग श त कया था।
वतमान िववाद:
‘कोवाि सन’ (Covaxin) के िलए ‘आपातकालीन उपयोग सूची’ (emergency use listing – EUL) म शािमल कए जाने को
अनुमोदन दान करते समय, WHO ारा कोई जांच नह क गयी थी।
 इस संबंध म WHO ारा माच 2022 म ‘जांच’ शु क गयी थी और इसके आधार पर ड यूएचओ ने संयु रा क खरीद
एजिसय के मा यम से ‘कोवाि सन’ क आपू त को िनलंिबत करने क घोषणा क है।
 अपने िनरी ण म, ड यूएचओ ारा ‘उिचत िविनमाण या ’ (Good Manufacturing Practices – GMP) म
किमयां पा गयी है।
‘उिचत िविनमाण या’ (GMP) या है?
‘उिचत िविनमाण या’ / गुड मै युफै च रंग ैि टस (Good Manufacturing Practices – GMP) उ पाद के लगातार उ पादन
और िनयं ण गुणव ा मानक के अनुसार कए जाने को सुिनि त करने के िलए अपनाई जाने वाली णाली है।
 इस णाली को कसी भी दवा उ पादन म शािमल जोिखम – िज ह अंितम उ पाद के परी ण के मा यम से समा नह कया
जा सकता- को यूनतम करने के िलए िडज़ाइन कया गया है।
 100 से अिधक देश ने अपने ‘रा ीय औषिध
कानून ’ म WHO के GMP ावधान को
शािमल कया जा चुका है, और कई और देश ने
अपनी रा ीय GMP आव यकता को
प रभािषत करने म इसके ावधान और
दृि कोण को अपनाया आ है।
 ड यूएचओ क ‘उिचत िविनमाण
या’ (GMP) का उपयोग ‘ड यूएचओ
माणन योजना’ और संयु रा एजिसय ारा
खरीद के िलए टीक क ‘पूव यो यता’ के आधार
के प म भी कया जा रहा है।
‘कोवाि सन’ के बारे म:
‘कोवाि सन’ (Covaxin), कोिवड- 19 अथात SARS-
CoV-2 के िखलाफ एक संपूण िवषाणु-िनि यक टीका है।
इसे भारतीय िच क सा अनुसंधान प रषद और नेशनल
इं टी ूट ऑफ वायरोलॉजी, पुणे ारा साझेदारी म
िवकिसत कया गया है।
5 www.iasnext.com
आईपीसीसी और इसक आंकलन रपोट का मह व
संदभ:
हाल ही म ‘अंतर-सरकारी जलवायु प रवतन सिमित’ (Intergovernmental Panel on Climate Change- IPCC) क ‘छठी
आकलन रपोट’ (Sixth Assessment Report – AR6) का तीसरा भाग जारी कया गया है।
1. इस रपोट का पहला भाग िपछले साल अग त म जारी कया गया था, जो क जलवायु प रवतन के वै ािनक आधार पर क त
था।
2. रपोट का दूसरा भाग जलवायु प रवतन के भाव , जोिखम और कमजो रय और अनुकू लन िवक प के बारे म है।
3. रपोट का तीसरा और अंितम भाग उ सजन को कम करने क संभावना को तलाशने पर क त है।
‘छठी आकलन रपोट’ (AR6) या है?
संयु रा ारा ग ठत ‘जलवायु प रवतन पर अंतर सरकारी पैनल’ (IPCC) क छठी आकलन रपोट (Sixth Assessment
Report – AR6), जलवायु प रवतन से संबंिधत वै ािनक, तकनीक और सामािजक-आ थक जानकारी का आकलन करने के उ े य से
तैयार क जाने वाली रपोट क एक ृंखला म छठी रपोट है।
 यह रपोट अतीत, वतमान और भिव य क जलवायु का अवलोकन करते ए जलवायु प रवतन क भौितक का आंकलन
करती है।
 इस रपोट म, मानव-जिनत उ सजन क वजह से हमारे ह म होने वाले प रवतन और हमारे सामूिहक भिव य के िलए इसके
िनिहताथ के बारे म बताया गया है।
पहली आकलन रपोट वष 1990 म जारी क गयी थी। इस रपोट म, पृ वी क जलवायु क ि थित का सबसे ापक मू यांकन कया
जाता है।
अब तक, मशः 1990, 1995, 2001, 2007 और 2015 म पांच आकलन रपोट जारी क जा चुक ह।
आईपीसीसी रपोट का मह व:
 ‘अंतर-सरकारी जलवायु प रवतन सिमित’ (IPCC) क रपोट, िव के तमाम देश ारा जलवायु प रवतन का सामना करने
हेतु बनाई जाने वाली नीितय के िलए एक ‘वै ािनक आधार’ दान करती है।
 आईपीसीसी रपो स, अपने आप म नीितगत िनदशा मक नह होती ह; इन रपो स म यह बही बताया जाता है क, देश या
सरकार को या करना चािहए और या नह करना चािहए। ये रपो स, के वल यथासंभव वै ािनक माण के साथ
त या मक ि थितय को तुत करती ह।
 और फर भी, ये रपो स जलवायु प रवतन से िनपटने के िलए काय योजना तैयार करने म ब त मददगार हो सकती ह।
 ये रपोट, वैि क तर पर िविभ देश क ित या पर िनणय करने हेतु ‘अंतरा ीय जलवायु प रवतन वाता ’ का
आधार भी बनती ह। इ ह वाता के तहत, ‘पे रस समझौते’ और पहले ‘ योटो ोटोकॉल’ को तैयार कया गया था।
‘अंतर-सरकारी जलवायु प रवतन सिमित’ (IPCC) के बारे म:
‘अंतर-सरकारी जलवायु प रवतन सिमित’ (Intergovernmental Panel on Climate Change – IPCC), मानव े रत जलवायु
प रवतन पर जानकारी एवं ान म वृि करने हेतु उ रदायी, संयु रा का एक अंतर सरकारी िनकाय है।
 इसक थापना, वष 1988 म ‘िव मौसम िव ान संगठन’ (WMO) और ‘संयु रा पयावरण काय म (UNEP)’ के ारा
क गयी थी।
 मु यालय: िजनेवा, ि व जरलड।
6 www.iasnext.com
 काय: नीित िनमाता को, जलवायु प रवतन के वै ािनक आधार, इसके भाव और भिव य के जोिखम और अनुकू लन और
शमन के िवक प का िनयिमत आकलन दान करना।
‘छठी आकलन रपोट’ (Sixth Assessment Report – AR6) के तीसरे भाग के मुख बंदु:
1. रपोट म पाया गया है, क संपूण िव म िपछले एक दशक से उ सजन म लगातार वृि जारी है। 2010-19 के दशक म
औसत वा षक ‘वैि क ीनहाउस गैस उ सजन’ मानव इितहास म अपने उ तम तर पर था।
2. लोबल वा मग को लगभग 1.5 िड ी सेि सयस तक सीिमत करने के िलए वैि क ‘ह रत गैस ’ के उ सजन को 2025 से पहले
चरम तर पर ले जाने और फर 2030 तक इसे 43% तक कम कए जाने क आव यकता है।
3. ‘पे रस समझौते’ के तहत िलए गए संक प अपया ह: पे रस समझौते पर ह ता र करने वाले देश ारा क गई वतमान
संक प को ‘रा ीय तर पर िनधा रत योगदान’ (Nationally Determined Contributions) के प म जाना जाता है।
4. िवकिसत देश से अ य प ‘जलवायु िव ’ वाह ने िवकासशील देश म ऊजा सं मण को भािवत कया है।
ीन हाइ ोजन मता
(Green Hydrogen Potential)
संदभ:
 इंिडयन ऑयल कॉप रेशन (IOC), लासन एंड टु ो (L&T), और ReNew Power (ReNew) ने भारत म ‘ह रत हाइ ोजन
े ’ (Green Hydrogen sector) को िवकिसत करने के िलए एक ‘संयु उ म’ (Joint Venture – JV) कं पनी थािपत
करने के िलए एक बा यकारी शत-प पर ह ता र कए ह।
 संयु उ म का ल य “औ ोिगक पैमाने” पर ह रत हाइ ोजन क आपू त करना होगा।
मह व:
भारत ‘ह रत हाइ ोजन’ का क बन सकता है, य क इसको देश म अ य ऊजा क चुर मा ा उपल ध होने का एक अंत निहत लाभ
िमल सकता है।
 भारत, एक उ णक टबंधीय देश होने और अनुकू ल भौगोिलक प रि थितय और चुर मा ा म ाकृितक संसाधन के कारण,
‘ह रत हाइ ोजन’ (Green Hydrogen) उ पादन म एक मह वपूण लाभ द ि थत म है।
 भारत म, नवीकरणीय ऊजा से हाइ ोजन का उ पादन, ाकृितक गैस से इसका उ पादन करने क तुलना म स ता होने क
संभावना है।
इस संबंध म कये जा रहे यास:
1. क सरकार ारा ‘रा ीय हाइ ोजन िमशन’ पर मसौदा दशािनदश जारी कए गए ह, िजसका ल य घरेलू आव यकता के
लगभग 40 ितशत को पूरा करने के िलए वष 2030 तक हाइ ोजन उ पादन को 5 िमिलयन मी क टन (MMT) तक बढ़ाना
है।
2. क सरकार ारा ‘इले ोलाइजस’ (Electrolysers) के िलए 15,000 करोड़ पये क ‘ ोड शन लं ड इंस ट’व (PLI)
योजना शु करने के ताव पर िवचार कया जा रहा है।
3. फरवरी म, क सरकार ारा ‘ह रत हाइ ोजन और ह रत अमोिनया नीित’ को अिधसूिचत कया गया था, िजसके
तहत, जुलाई 2025 से पहले ‘ह रत हाइ ोजन’ उ पादन के िलए थािपत कसी भी नए अ य ऊजा संयं के िलए 25 साल
क मु त िबजली दान करने का ावधान कया गया है।
7 www.iasnext.com
4. सरकार, तेल शोधन, उवरक और इ पात े को अपनी आव यकता के एक िनि त अनुपात के िलए ह रत हाइ ोजन क
खरीद के िलए आव यक अिधदेश लागू करने क भी योजना बना रही है।
ह रत हाइ ोजन / ीन हाइ ोजन या है?
नवीकरणीय / अ य ऊजा का उपयोग करके ‘िव ुत अपघटन’ (Electrolysis) ारा उ पा दत हाइ ोजन को ‘ह रत हाइ ोजन’
(Green Hydrogen) के प म जाना जाता है। इसम काबन का कोई अंश नह होता है।
ीन हाइ ोजन का मह व:
 भारत के िलए अपने ‘रा ीय तर पर िनधा रत योगदान’ (Nationally Determined Contribution– INDC) ल य को
पूरा करने तथा े ीय और रा ीय ऊजा सुर ा, प ंच और उपल धता सुिनि त करने हेतु ‘ ीन हाइ ोजन’ ऊजा काफ
मह वपूण है।
 ीन हाइ ोजन, ऊजा भंडारण िवक प के प म काय कर सकता है, जो भिव य म नवीकरणीय ऊजा के अंतराल को पूरा करने
के िलए मह वपूण होगा।
 प रवहन के संदभ म, शहर के भीतर या रा य के म य लंबी दूरी क या ा या माल ढुलाई के िलए, रेलवे, बड़े जहाज , बस
या क आ द म ीन हाइ ोजन का उपयोग कया जा सकता है।
ीन हाइ ोजन के अनु योग:
1. अमोिनया और मेथनॉल जैसे ह रत रसायन का उपयोग सीधे ही उवरक, प रवहन, िबजली, रसायन, िश पंग आ द, जैसी
मौजूदा ज़ रत म कया जा सकता है।
2. ापक तर पर अपनाए जाने के िलए CGD नेटवक म 10 ितशत तक ीन हाइ ोजन िम ण को लागू जा सकता है।
लाभ:
 ीन हाइ ोजन ऊजा भंडारण के िलए खिनज और दुलभ-पृ वी त व-आधा रत बैटरी पर िनभरता को कम करने म मदद
करेगा।
 िजस अ य ऊजा को ि ड ारा सं हीत या उपयोग नह कया जा सकता है, उसका हाइ ोजन-उ पादन करने के िलए उपयोग
कया जा सकता है।
अनुसूिचत जाित एवं अ य पारंप रक वनवासी (वन अिधकार मा यता) अिधिनयम
(The Scheduled Tribes and Other Forest Dwellers (Recognition of Forest Rights)
संदभ:
 ‘मूल िनवािसय , पारंप रक वनवािसय और
आ दवािसय को टाइगर रजव से बेदखल नह कए
जाने पर जोर देने वाले क़ानून ‘अनुसूिचत जाित एवं
अ य पारंप रक वनवासी (वन अिधकार मा यता)
अिधिनयम, 2006’ क अनदेखी करते ए हाल ही
म, पयावरण, वन और जलवायु प रवतन
मं ालय (MoEFCC) ने कहा है, क इन समुदाय
का पुनवास कया जाएगा ता क वे अपनी पारंप रक
आजीिवका को न खोएं। हालां क, इनके पुनवासन से
8 www.iasnext.com
संबंिधत कसी भी तौर-तरीक के बारे म कोई
िववरण नह दया गया है।
 वन अिधकार अिधिनयम के ावधान के तहत,
कायकता ने इन कमजोर वग क सुर ा के िलए
आवाज उठाई जा रही है।
वन अिधकार अिधिनयम (FRA) के बारे म:
‘अनुसूिचत जाित एवं अ य पारंप रक वनवासी (वन अिधकार मा यता) अिधिनयम, 2006’ (The Scheduled Tribes and Other
Forest Dwellers (Recognition of Forest Rights) Act, 2006), िजसे ‘वन अिधकार अिधिनयम’ (Forest Rights Acts –
FRA) भी कहा जाता है, वष 2006 म पा रत कया गया था। यह अिधिनयम पारंप रक वन वासी समुदाय के अिधकार को कानूनी
मा यता दान करता है।
अिधिनयम के तहत अिधकार:
 वािम व अिधकार – वनवािसय अथवा आ दवािसय ारा 13 दसंबर 2005 तक कृ िष क जाने वाली भूिम पर, जो
क 4 हे टेयर से अिधक नह होनी चािहए, उ तारीख तक वा तव म कृ िष करने वाले संबंिधत प रवार को वािम व
अिधकार दान कए जाएंगे। अथात, कोई अ य नयी भूिम दान नह क जाएगी।
 अिधकार का उपयोग- वनवािसय अथवा आ दवािसय के िलए, लघु वन उपज ( वािम व सिहत), चारागाह े , तथा
पशुचारक माग संबंधी अिधकार उपल ध ह गे।
 राहत और िवकास अिधकार – वनवािसय अथवा आ दवािसय के िलए अवैध िनकासी या बलपूवक िव थापन के मामले म
पुनवास का अिधकार तथा वन संर ण हेतु ितबंध के अधीन बुिनयादी सुिवधा का अिधकार ा होगा।
 वन बंधन अिधकार – जंगल और व यजीव क र ा करने संबधी अिधकार ह गे।
पा ता मापदंड:
वन अिधकार अिधिनयम (FRA) क धारा 2(c) के अनुसार, वनवासी अनुसूिचत जनजाित (Forest Dwelling Scheduled Tribe –
FDST) के प म अहता ा करने और FRA के तहत अिधकार क मा यता हेतु पा होने के िलए, आवेदक ारा िन िलिखत तीन
शत को पूरा कया जाना आव यक है।
ि अथवा समुदाय:
1. अिधकार का दावा कये जाने वाले े म अनुसूिचत जनजाित का सद य होना चािहए;
2. 13-12-2005 से पहले मूल प से वन अथवा वन भूिम का िनवासी होना चािहए;
3. आजीिवका हेतु वा तिवक प से वन अथवा वन भूिम पर िनभर होना चािहए।
तथा, अ य पारंप रक वनवािसय (Other Traditional Forest Dweller – OTFD) के प म अहता ा करने और FRA के तहत
अिधकार क मा यता हेतु पा होने के िलए, िन िलिखत दो शत को पूरा करना आव यक है:
ि अथवा समुदाय:
1. जो 13 दस बर, 2005 से पूव कम से कम तीन पीि़ढय (75 वष) तक मूल प से वन या वन भूिम म िनवास करता हो।
2. आजीिवका हेतु वा तिवक प से वन अथवा वन भूिम पर िनभर हो।
अिधकार को मा यता देने संबंधी या:
 या के आरंभ म, ाम सभा ारा एक ताव पा रत कया जाएगा, िजसमे यह िसफा रश क जाएगी क, कस ि को
कस संसाधन पर अिधकार को मा यता दी जानी चािहए।
9 www.iasnext.com
 इसके बाद, ताव का उप-मंडल (या तालुका) के तर पर और फर िजला तर पर, अनुवी ण और अनुमोदन कया जाता है।
अनुवी ण सिमित (Screening Committee) म तीन सरकारी अिधकारी (वन, राज व और आ दवासी क याण िवभाग) और
संबंिधत तर पर थानीय िनकाय के तीन िनवािचत सद य होते ह। ये सिमितयां अपील पर सुनवाई भी करती ह।

More Related Content

Similar to 08-04-2022 (Daily News Analysis)

26-03-2022 (DAILY NEWS ANALYSIS)
26-03-2022   (DAILY NEWS ANALYSIS)26-03-2022   (DAILY NEWS ANALYSIS)
26-03-2022 (DAILY NEWS ANALYSIS)IAS Next
 
Uttar pradesh me sthaniya svashasan
Uttar pradesh me sthaniya svashasanUttar pradesh me sthaniya svashasan
Uttar pradesh me sthaniya svashasanDr. Mamata Upadhyay
 
पिम के देश विदेश के अनुभव
पिम के देश विदेश के अनुभवपिम के देश विदेश के अनुभव
पिम के देश विदेश के अनुभवPhanish Sinha
 
पिम के देश विदेश के अनुभव
पिम के देश विदेश के अनुभवपिम के देश विदेश के अनुभव
पिम के देश विदेश के अनुभवPhanish Sinha
 
Chapter 8 xii pol science Environment and Natural Resources
Chapter  8 xii pol science Environment and Natural Resources Chapter  8 xii pol science Environment and Natural Resources
Chapter 8 xii pol science Environment and Natural Resources Directorate of Education Delhi
 
05-04-2022 (Daily News Analysis)
05-04-2022 (Daily News Analysis)05-04-2022 (Daily News Analysis)
05-04-2022 (Daily News Analysis)IAS Next
 
15 03-2022 hindi (Daily News Analysis)
15 03-2022 hindi (Daily News Analysis)15 03-2022 hindi (Daily News Analysis)
15 03-2022 hindi (Daily News Analysis)IAS Next
 
15 03-2022 hindi (Daily News Analysis)
15 03-2022 hindi (Daily News Analysis)15 03-2022 hindi (Daily News Analysis)
15 03-2022 hindi (Daily News Analysis)IAS Next
 
Gyanm GK November 2018 (Hindi version)
Gyanm GK November 2018 (Hindi version)Gyanm GK November 2018 (Hindi version)
Gyanm GK November 2018 (Hindi version)Grover's Gyanm
 
नाबार्ड लेयर पोल्ट्री फार्मिंग प्रोजेक्ट हिंदी में
नाबार्ड लेयर पोल्ट्री फार्मिंग प्रोजेक्ट हिंदी मेंनाबार्ड लेयर पोल्ट्री फार्मिंग प्रोजेक्ट हिंदी में
नाबार्ड लेयर पोल्ट्री फार्मिंग प्रोजेक्ट हिंदी मेंGrowel Agrovet Private Limited
 
Current Affairs 5 Sept Hindi By RaceIAS.pdf
Current Affairs 5 Sept Hindi By RaceIAS.pdfCurrent Affairs 5 Sept Hindi By RaceIAS.pdf
Current Affairs 5 Sept Hindi By RaceIAS.pdfraceias1
 
21 03-2022 hindi (Daily News Analysis)
21 03-2022 hindi (Daily News Analysis)21 03-2022 hindi (Daily News Analysis)
21 03-2022 hindi (Daily News Analysis)IAS Next
 
GYANM MONTHLY GENERAL AWARENESS - MAY 2018 ISSUE - HINDI VERSION
GYANM MONTHLY GENERAL AWARENESS - MAY 2018 ISSUE - HINDI VERSIONGYANM MONTHLY GENERAL AWARENESS - MAY 2018 ISSUE - HINDI VERSION
GYANM MONTHLY GENERAL AWARENESS - MAY 2018 ISSUE - HINDI VERSIONGrover's Gyanm
 
घोषणापत्र आ.आ.पा (2)
घोषणापत्र   आ.आ.पा (2)घोषणापत्र   आ.आ.पा (2)
घोषणापत्र आ.आ.पा (2)Bhagwan Singh
 
घोषणापत्र - आम आदमी पार्टी
घोषणापत्र - आम आदमी पार्टीघोषणापत्र - आम आदमी पार्टी
घोषणापत्र - आम आदमी पार्टीsamyaksanvad
 

Similar to 08-04-2022 (Daily News Analysis) (18)

26-03-2022 (DAILY NEWS ANALYSIS)
26-03-2022   (DAILY NEWS ANALYSIS)26-03-2022   (DAILY NEWS ANALYSIS)
26-03-2022 (DAILY NEWS ANALYSIS)
 
Uttar pradesh me sthaniya svashasan
Uttar pradesh me sthaniya svashasanUttar pradesh me sthaniya svashasan
Uttar pradesh me sthaniya svashasan
 
पिम के देश विदेश के अनुभव
पिम के देश विदेश के अनुभवपिम के देश विदेश के अनुभव
पिम के देश विदेश के अनुभव
 
पिम के देश विदेश के अनुभव
पिम के देश विदेश के अनुभवपिम के देश विदेश के अनुभव
पिम के देश विदेश के अनुभव
 
Chapter iii, politics of planned development
Chapter  iii,  politics of planned developmentChapter  iii,  politics of planned development
Chapter iii, politics of planned development
 
Chapter 8 xii pol science Environment and Natural Resources
Chapter  8 xii pol science Environment and Natural Resources Chapter  8 xii pol science Environment and Natural Resources
Chapter 8 xii pol science Environment and Natural Resources
 
05-04-2022 (Daily News Analysis)
05-04-2022 (Daily News Analysis)05-04-2022 (Daily News Analysis)
05-04-2022 (Daily News Analysis)
 
15 03-2022 hindi (Daily News Analysis)
15 03-2022 hindi (Daily News Analysis)15 03-2022 hindi (Daily News Analysis)
15 03-2022 hindi (Daily News Analysis)
 
15 03-2022 hindi (Daily News Analysis)
15 03-2022 hindi (Daily News Analysis)15 03-2022 hindi (Daily News Analysis)
15 03-2022 hindi (Daily News Analysis)
 
Gyanm GK November 2018 (Hindi version)
Gyanm GK November 2018 (Hindi version)Gyanm GK November 2018 (Hindi version)
Gyanm GK November 2018 (Hindi version)
 
नाबार्ड लेयर पोल्ट्री फार्मिंग प्रोजेक्ट हिंदी में
नाबार्ड लेयर पोल्ट्री फार्मिंग प्रोजेक्ट हिंदी मेंनाबार्ड लेयर पोल्ट्री फार्मिंग प्रोजेक्ट हिंदी में
नाबार्ड लेयर पोल्ट्री फार्मिंग प्रोजेक्ट हिंदी में
 
Current Affairs 5 Sept Hindi By RaceIAS.pdf
Current Affairs 5 Sept Hindi By RaceIAS.pdfCurrent Affairs 5 Sept Hindi By RaceIAS.pdf
Current Affairs 5 Sept Hindi By RaceIAS.pdf
 
21 03-2022 hindi (Daily News Analysis)
21 03-2022 hindi (Daily News Analysis)21 03-2022 hindi (Daily News Analysis)
21 03-2022 hindi (Daily News Analysis)
 
Budget speech 2017-18
Budget speech 2017-18Budget speech 2017-18
Budget speech 2017-18
 
GYANM MONTHLY GENERAL AWARENESS - MAY 2018 ISSUE - HINDI VERSION
GYANM MONTHLY GENERAL AWARENESS - MAY 2018 ISSUE - HINDI VERSIONGYANM MONTHLY GENERAL AWARENESS - MAY 2018 ISSUE - HINDI VERSION
GYANM MONTHLY GENERAL AWARENESS - MAY 2018 ISSUE - HINDI VERSION
 
घोषणापत्र आ.आ.पा (2)
घोषणापत्र   आ.आ.पा (2)घोषणापत्र   आ.आ.पा (2)
घोषणापत्र आ.आ.पा (2)
 
घोषणापत्र - आम आदमी पार्टी
घोषणापत्र - आम आदमी पार्टीघोषणापत्र - आम आदमी पार्टी
घोषणापत्र - आम आदमी पार्टी
 
18.04
18.0418.04
18.04
 

More from IAS Next

03-06-2022
03-06-202203-06-2022
03-06-2022IAS Next
 
DAILY NEWS ANALYSIS
DAILY NEWS ANALYSISDAILY NEWS ANALYSIS
DAILY NEWS ANALYSISIAS Next
 
DAILY NEWS ANALYSIS
DAILY NEWS ANALYSISDAILY NEWS ANALYSIS
DAILY NEWS ANALYSISIAS Next
 
DAILY NEWS ANALYSIS (ENGLISH)
DAILY NEWS ANALYSIS (ENGLISH)DAILY NEWS ANALYSIS (ENGLISH)
DAILY NEWS ANALYSIS (ENGLISH)IAS Next
 
DAILY NEWS ANALYSIS
DAILY NEWS ANALYSISDAILY NEWS ANALYSIS
DAILY NEWS ANALYSISIAS Next
 
DAILY NEWS ANALYSIS
DAILY NEWS ANALYSISDAILY NEWS ANALYSIS
DAILY NEWS ANALYSISIAS Next
 
DAILY NEWS ANALYSIS
DAILY NEWS ANALYSISDAILY NEWS ANALYSIS
DAILY NEWS ANALYSISIAS Next
 
DAILY NEWS ANALYSIS
DAILY NEWS ANALYSISDAILY NEWS ANALYSIS
DAILY NEWS ANALYSISIAS Next
 
DAILY NEWS ANALYSIS
DAILY NEWS ANALYSISDAILY NEWS ANALYSIS
DAILY NEWS ANALYSISIAS Next
 
Today's Question
Today's QuestionToday's Question
Today's QuestionIAS Next
 
DAILY NEWS ANALYSIS
DAILY NEWS ANALYSISDAILY NEWS ANALYSIS
DAILY NEWS ANALYSISIAS Next
 
DAILY NEWS ANALYSIS
DAILY NEWS ANALYSISDAILY NEWS ANALYSIS
DAILY NEWS ANALYSISIAS Next
 
DAILY NEWS ANALYSIS
DAILY NEWS ANALYSISDAILY NEWS ANALYSIS
DAILY NEWS ANALYSISIAS Next
 
DAILY NEWS ANALYSIS
DAILY NEWS ANALYSISDAILY NEWS ANALYSIS
DAILY NEWS ANALYSISIAS Next
 
DAILY NEWS ANALYSIS
DAILY NEWS ANALYSISDAILY NEWS ANALYSIS
DAILY NEWS ANALYSISIAS Next
 
Daily News Analysis
Daily News AnalysisDaily News Analysis
Daily News AnalysisIAS Next
 
DAILY NEWS ANALYSIS
DAILY NEWS ANALYSISDAILY NEWS ANALYSIS
DAILY NEWS ANALYSISIAS Next
 
DAILY NEWS ANALYSIS
DAILY NEWS ANALYSISDAILY NEWS ANALYSIS
DAILY NEWS ANALYSISIAS Next
 
DAILY NEWS ANALYSIS
DAILY NEWS ANALYSISDAILY NEWS ANALYSIS
DAILY NEWS ANALYSISIAS Next
 
DAILY NEWS ANALYSIS
DAILY NEWS ANALYSISDAILY NEWS ANALYSIS
DAILY NEWS ANALYSISIAS Next
 

More from IAS Next (20)

03-06-2022
03-06-202203-06-2022
03-06-2022
 
DAILY NEWS ANALYSIS
DAILY NEWS ANALYSISDAILY NEWS ANALYSIS
DAILY NEWS ANALYSIS
 
DAILY NEWS ANALYSIS
DAILY NEWS ANALYSISDAILY NEWS ANALYSIS
DAILY NEWS ANALYSIS
 
DAILY NEWS ANALYSIS (ENGLISH)
DAILY NEWS ANALYSIS (ENGLISH)DAILY NEWS ANALYSIS (ENGLISH)
DAILY NEWS ANALYSIS (ENGLISH)
 
DAILY NEWS ANALYSIS
DAILY NEWS ANALYSISDAILY NEWS ANALYSIS
DAILY NEWS ANALYSIS
 
DAILY NEWS ANALYSIS
DAILY NEWS ANALYSISDAILY NEWS ANALYSIS
DAILY NEWS ANALYSIS
 
DAILY NEWS ANALYSIS
DAILY NEWS ANALYSISDAILY NEWS ANALYSIS
DAILY NEWS ANALYSIS
 
DAILY NEWS ANALYSIS
DAILY NEWS ANALYSISDAILY NEWS ANALYSIS
DAILY NEWS ANALYSIS
 
DAILY NEWS ANALYSIS
DAILY NEWS ANALYSISDAILY NEWS ANALYSIS
DAILY NEWS ANALYSIS
 
Today's Question
Today's QuestionToday's Question
Today's Question
 
DAILY NEWS ANALYSIS
DAILY NEWS ANALYSISDAILY NEWS ANALYSIS
DAILY NEWS ANALYSIS
 
DAILY NEWS ANALYSIS
DAILY NEWS ANALYSISDAILY NEWS ANALYSIS
DAILY NEWS ANALYSIS
 
DAILY NEWS ANALYSIS
DAILY NEWS ANALYSISDAILY NEWS ANALYSIS
DAILY NEWS ANALYSIS
 
DAILY NEWS ANALYSIS
DAILY NEWS ANALYSISDAILY NEWS ANALYSIS
DAILY NEWS ANALYSIS
 
DAILY NEWS ANALYSIS
DAILY NEWS ANALYSISDAILY NEWS ANALYSIS
DAILY NEWS ANALYSIS
 
Daily News Analysis
Daily News AnalysisDaily News Analysis
Daily News Analysis
 
DAILY NEWS ANALYSIS
DAILY NEWS ANALYSISDAILY NEWS ANALYSIS
DAILY NEWS ANALYSIS
 
DAILY NEWS ANALYSIS
DAILY NEWS ANALYSISDAILY NEWS ANALYSIS
DAILY NEWS ANALYSIS
 
DAILY NEWS ANALYSIS
DAILY NEWS ANALYSISDAILY NEWS ANALYSIS
DAILY NEWS ANALYSIS
 
DAILY NEWS ANALYSIS
DAILY NEWS ANALYSISDAILY NEWS ANALYSIS
DAILY NEWS ANALYSIS
 

08-04-2022 (Daily News Analysis)

  • 1. D A I L Y N E X T C A P S U L E W I L L H E L P Y O U T O P R O V I D E 2nd floor, shahar plaza, munshi pulia, indira nagar, lucknow Feel Free to call us at: 9454721860 Follow us on:
  • 2. 1 www.iasnext.com िवमु जनजाितय क ि थित (State Of Denotified Tribes) संदभ: हाल ही म, संसद क एक थायी सिमित ने अपनी रपोट म, “िवमु (De-Notified), खानाबदोश या घुमंतू (Nomadic) और अध-घुमंतू (Semi- Nomadic) जनजाितय के िवकास काय म” के कामकाज क आलोचना क है। िवमु , खानाबदोश और अध-घुमंतू जनजाितय के बारे म: ‘िवमुक्त, खानाबदोश और अध-घुमंतू जनजाितयां’ (De-Notified, Nomadic And Semi-Nomadic Tribes) ऐसे समुदाय ह, िज ह ि टश शासन के दौरान ‘आपरािधक जनजाित अिधिनयम, 1871’ (Criminal Tribes Act of 1871) तथा इसके बाद लागू कए जाने वाले कानून क एक ृंखला के तहत ‘ज मजात अपराधी‘ के प म ‘अिधसूिचत‘ कया गया था। वतमान म भी ये सबसे असुरि त और वंिचत समुदाय ह। इन समुदाय के क याण हेतु कए गए उपाय: 1. वष 2006 म ‘रा ीय िवमु , घुमंतू और अध-घुमंतू जनजाित आयोग’ (National Commission for De-notified, Nomadic and Semi-Nomadic Tribes – NCDNT) का गठन कया गया था। इस आयोग के अ य ‘बालकृ ण िसदराम रके ’ थे। 2. िवमु समुदाय के आ थक सशि करण के िलए योजना: िवमु समुदाय (DNT communities) के सद य के िलए, जाग कता एवं िश ा, वा य बीमा, आजीिवका क सुिवधा और घर के िनमाण के िलए िव ीय सहायता दान करने के िलए ‘िवमु समुदाय के आ थक सशि करण के िलए योजना’ तैयार क गई है। 3. क याणकारी काय म को लागू करने के उ े य से सामािजक याय और अिधका रता मं ालय के त वावधान म सोसायटी पंजीकरण अिधिनयम, 1860 के तहत वास 2019 म “िवमु , घुमंतू और अध-घुमंतू समुदाय के िलए िवकास और क याण बोड” (Development and Welfare Board for De-notified, Nomadic and Semi-Nomadic Communities – DWBDNC) क थापना क गई है। 4. इन समुदाय क पहचान या को पूरा करने के िलए नीित आयोग ारा एक सिमित का गठन कया गया है। 5. ‘भारतीय मानव िव ान सव ण’ ारा ‘िवमु समुदाय ’ का नृवंशिव ान अ ययन कया जा रहा है, िजसके िलए 2.26 करोड़ पये का बजट वीकृ त कया गया है। व मान मु े: 1. संवैधािनक आधार का अभाव: ये जनजाितयाँ कसी तरह हमारे संिवधान िनमाता के यान से बच ग और इस कार अनुसूिचत जाितय और अनुसूिचत जनजाितय के िवपरीत ये समुदाय ‘संवैधािनक सुर ा’ से वंिचत रह गए। 2. वग करण िवहीन: इनम से कु छ जनजाितय को एससी, एसटी और ओबीसी के तहत वग कृ त कया गया है, और कु छ जनजाितयां कसी समूह म वग कृ त नह क गयी ह। और 269 िवमु समुदाय कसी भी आरि त ेणी के अंतगत नह आते ह।
  • 3. 2 www.iasnext.com 3. िवमु समुदाय (DNT communities) क आ थक सशि करण योजना के तहत 2021-22 म कोई पैसा खच नह कया गया। 4. इनके िलए 2021-22 के िलए बजटीय आवंटन 50 करोड़ पये के मुकाबले, 2022-23 के िलए बजटीय आवंटन को घटाकर 28 करोड़ पये कर दया गया है। 5. िवमु , घुमंतू और अध-घुमंतू समुदाय के िलए िवकास और क याण बोड (DWBDNC) के कामकाज संबंधी मु े। 6. इन समुदाय के िलए कोई थायी आयोग नह है। इन समुदाय क सं या:  ‘रेनके आयोग’ ने 2001 क जनगणना के आधार पर उनक आबादी लगभग 10.74 करोड़ होने का अनुमान लगाया था।  इस आयोग ारा 1,262 समुदाय को िवमु , खानाबदोश और अध-घुमंतू के प म िचि नत कया गया है। इन समुदाय के वंिचत रहने के कारण:  ये समुदाय मु य प से राजनीितक प से ‘शांत‘ रहते ह।  इनके पास मुखर नेतृ व क कमी है और एक रा ीय नेता के संर ण का भी अभाव है।  िश ा का अभाव।  छोटी और िबखरी ई आबादी। संब आयोग और सिमितयाँ:  संयु ांत (अब उ र देश) म आपरािधक जनजाित जांच सिमित, 1947 का गठन,  1949 म अनंतशयनम आयंगर सिमित (यह इस सिमित क रपोट के आधार पर ‘आपरािधक जनजाित अिधिनयम’ को िनर त कर दया गया था) का गठन, और  1953 म ग ठत ‘काका कालेलकर आयोग’ (िजसे पहला ओबीसी आयोग भी कहा जाता है)। सतलुज यमुना लंक (एसवाईएल) नहर (Sutlej Yamuna Link (SYL) Canal) संदभ:  हाल ही म, ह रयाणा िवधानसभा ारा ‘सतलुज यमुना लंक नहर’ (SYL Canal) को पूरा करने क मांग करते ए एक ताव पा रत कया गया है।  नहर के पूरा हो जाने के बाद, रावी और यास न दय के पानी को दोन रा य के बीच बटबारे म मदद िमलेगी। पंजाब क मांग: रा य सरकार के एक अ ययन के अनुसार, वष 2029 के बाद पंजाब म कई े सूख / िनजल हो सकते ह। रा य पहले ही संचाई के िलए अपने भूजल का अ यिधक दोहन कर चुका है, य क पंजाब हर साल 70,000 करोड़ पये के गे ं और धान उगाकर क सरकार के अ भंडार को भरता है। रपोट के अनुसार, रा य के लगभग 79% े म पानी का अ यिधक दोहन कया जाता है। ऐसे म सरकार का कहना है, क कसी दूसरे रा य के साथ पानी बांटना नामुम कन है। सतलुज यमुना लंक (एसवाईएल) नहर और इस पर िववाद:
  • 4. 3 www.iasnext.com ऐितहािसक पृ भूिम: 1966 म पुराने (अिवभािजत) पंजाब से ह रयाणा को अलग कए जाने के बाद, ह रयाणा को नदी के पानी का िह सा देने क सम या का ज म आ।  पंजाब ारा ‘नदी या नाले या ाकृ ितक जल धारा के तट से संबंिधत िस ांतो’ (Riparian Principles) का हवाला देते ए तथा रा य के पास पानी के अभाव का तक देते ए ‘रावी और यास न दय ’ के पानी को ह रयाणा के साथ साझा करने का िवरोध कया गया था।  फर भी, क सरकार ारा वष 1976 म अिवभािजत पंजाब के 7.2 िमिलयन एकड़ फ ट (MAF) जल म से ह रयाणा को 35 लाख MAF जल आवं टत करने क अिधसूचना जारी क गयी।  1981 म कए गए एक पुनराकलन (Reassessment) म, यास और रावी म बहने वाले पानी क मा ा का अनुमान 17.17 MAF लगाया गया था, िजसम से 4.22 MAF पंजाब को, 3.5 MAF ह रयाणा को और 8.6 MAF राज थान को आवं टत कया गया था।  इसके प ात, पानी क उपल धता और बंटवारे के पुनराकलन के िलए सु ीम कोट के जज वी बालकृ ण एराडी क अ य ता म ‘एराडी यूनल’ (Eradi Tribunal) क थापना क गई। यूनल ने 1987 म पंजाब और ह रयाणा के िह स म मश: 5 एमएएफ और 3.83 एमएएफ क वृि क िसफा रश क । सतलुज यमुना लंक नहर:  सतलुज और उसक सहायक यास नदी के पानी के अपने िह से का उपयोग करने हेतु ह रयाणा को समथ बनाने के िलए, सतलुज को यमुना से जोड़ने वाली तथा पूरे रा य से होकर बहती ई एक नहर का िनमाण कए जाने क योजना बनाई गई थी।  इस संबंध म पंजाब, ह रयाणा और राज थान के बीच ि प ीय समझौता भी आ।  सतलुज यमुना लंक नहर, सतलुज और यमुना न दय को जोड़ने के िलए तािवत 214 कलोमीटर लंबी नहर है। हालाँ क, इस ताव के सामने कई अवरोध उ प हो गए और इसे सव यायालय म भेज दया गया। ह रयाणा क मांग: ह रयाणा अपने िह से का 35 लाख एकड़ फु ट नदी का पानी पाने के िलए SYL नहर को पूरा करने क मांग कर रहा है। इसका कहना है क पंजाब को इस संबंध म 2002 और 2004 के सु ीम कोट के आदेश का पालन करना चािहए। वतमान म, ह रयाणा को रावी- यास जल का 1.62 िमिलयन एकड़ फ ट पानी िमल रहा है। िव वा य संगठन ारा ‘कोवाि सन’ पर रोक संदभ: िव वा य संगठन (WHO) ारा हाल ही म, िनमाण से संबंिधत मु के िनरी ण के बाद ‘संयु रा एजिसय ’ के मा यम से कोिवड -19 वै सीन ‘कोवाि सन’ (Covaxin) क आपू त को िनलंिबत कर दया गया है। ‘कोवाि सन’ के िलए कब अनुमो दत कया गया था?  कोरोनोवायरस बीमारी से सुर ा के िलए िव वा य संगठन’ (WHO) ारा िनधा रत मानक पर खरा उतरने के बाद, ‘कोवाि सन’ (Covaxin) के िलए नवंबर 2021 म ड यूएचओ से ‘आपातकालीन उपयोग सूची’ (emergency use listing – EUL) म शािमल कए जाने को अनुमोदन ा आ था।
  • 5. 4 www.iasnext.com  कसी टीके को, COVAX पहल के तहत टीके क आपू त का िह सा बनने के िलए WHO क ‘आपातकालीन उपयोग सूची’ म शािमल होना एक पूव-शत है।  ड यूएचओ ारा द लाइसस ने, ‘भारत बायोटेक’ के िलए COVAX सिहत अ य संयु रा एजिसय को ‘कोवाि सन’ क आपू त करने का माग श त कया था। वतमान िववाद: ‘कोवाि सन’ (Covaxin) के िलए ‘आपातकालीन उपयोग सूची’ (emergency use listing – EUL) म शािमल कए जाने को अनुमोदन दान करते समय, WHO ारा कोई जांच नह क गयी थी।  इस संबंध म WHO ारा माच 2022 म ‘जांच’ शु क गयी थी और इसके आधार पर ड यूएचओ ने संयु रा क खरीद एजिसय के मा यम से ‘कोवाि सन’ क आपू त को िनलंिबत करने क घोषणा क है।  अपने िनरी ण म, ड यूएचओ ारा ‘उिचत िविनमाण या ’ (Good Manufacturing Practices – GMP) म किमयां पा गयी है। ‘उिचत िविनमाण या’ (GMP) या है? ‘उिचत िविनमाण या’ / गुड मै युफै च रंग ैि टस (Good Manufacturing Practices – GMP) उ पाद के लगातार उ पादन और िनयं ण गुणव ा मानक के अनुसार कए जाने को सुिनि त करने के िलए अपनाई जाने वाली णाली है।  इस णाली को कसी भी दवा उ पादन म शािमल जोिखम – िज ह अंितम उ पाद के परी ण के मा यम से समा नह कया जा सकता- को यूनतम करने के िलए िडज़ाइन कया गया है।  100 से अिधक देश ने अपने ‘रा ीय औषिध कानून ’ म WHO के GMP ावधान को शािमल कया जा चुका है, और कई और देश ने अपनी रा ीय GMP आव यकता को प रभािषत करने म इसके ावधान और दृि कोण को अपनाया आ है।  ड यूएचओ क ‘उिचत िविनमाण या’ (GMP) का उपयोग ‘ड यूएचओ माणन योजना’ और संयु रा एजिसय ारा खरीद के िलए टीक क ‘पूव यो यता’ के आधार के प म भी कया जा रहा है। ‘कोवाि सन’ के बारे म: ‘कोवाि सन’ (Covaxin), कोिवड- 19 अथात SARS- CoV-2 के िखलाफ एक संपूण िवषाणु-िनि यक टीका है। इसे भारतीय िच क सा अनुसंधान प रषद और नेशनल इं टी ूट ऑफ वायरोलॉजी, पुणे ारा साझेदारी म िवकिसत कया गया है।
  • 6. 5 www.iasnext.com आईपीसीसी और इसक आंकलन रपोट का मह व संदभ: हाल ही म ‘अंतर-सरकारी जलवायु प रवतन सिमित’ (Intergovernmental Panel on Climate Change- IPCC) क ‘छठी आकलन रपोट’ (Sixth Assessment Report – AR6) का तीसरा भाग जारी कया गया है। 1. इस रपोट का पहला भाग िपछले साल अग त म जारी कया गया था, जो क जलवायु प रवतन के वै ािनक आधार पर क त था। 2. रपोट का दूसरा भाग जलवायु प रवतन के भाव , जोिखम और कमजो रय और अनुकू लन िवक प के बारे म है। 3. रपोट का तीसरा और अंितम भाग उ सजन को कम करने क संभावना को तलाशने पर क त है। ‘छठी आकलन रपोट’ (AR6) या है? संयु रा ारा ग ठत ‘जलवायु प रवतन पर अंतर सरकारी पैनल’ (IPCC) क छठी आकलन रपोट (Sixth Assessment Report – AR6), जलवायु प रवतन से संबंिधत वै ािनक, तकनीक और सामािजक-आ थक जानकारी का आकलन करने के उ े य से तैयार क जाने वाली रपोट क एक ृंखला म छठी रपोट है।  यह रपोट अतीत, वतमान और भिव य क जलवायु का अवलोकन करते ए जलवायु प रवतन क भौितक का आंकलन करती है।  इस रपोट म, मानव-जिनत उ सजन क वजह से हमारे ह म होने वाले प रवतन और हमारे सामूिहक भिव य के िलए इसके िनिहताथ के बारे म बताया गया है। पहली आकलन रपोट वष 1990 म जारी क गयी थी। इस रपोट म, पृ वी क जलवायु क ि थित का सबसे ापक मू यांकन कया जाता है। अब तक, मशः 1990, 1995, 2001, 2007 और 2015 म पांच आकलन रपोट जारी क जा चुक ह। आईपीसीसी रपोट का मह व:  ‘अंतर-सरकारी जलवायु प रवतन सिमित’ (IPCC) क रपोट, िव के तमाम देश ारा जलवायु प रवतन का सामना करने हेतु बनाई जाने वाली नीितय के िलए एक ‘वै ािनक आधार’ दान करती है।  आईपीसीसी रपो स, अपने आप म नीितगत िनदशा मक नह होती ह; इन रपो स म यह बही बताया जाता है क, देश या सरकार को या करना चािहए और या नह करना चािहए। ये रपो स, के वल यथासंभव वै ािनक माण के साथ त या मक ि थितय को तुत करती ह।  और फर भी, ये रपो स जलवायु प रवतन से िनपटने के िलए काय योजना तैयार करने म ब त मददगार हो सकती ह।  ये रपोट, वैि क तर पर िविभ देश क ित या पर िनणय करने हेतु ‘अंतरा ीय जलवायु प रवतन वाता ’ का आधार भी बनती ह। इ ह वाता के तहत, ‘पे रस समझौते’ और पहले ‘ योटो ोटोकॉल’ को तैयार कया गया था। ‘अंतर-सरकारी जलवायु प रवतन सिमित’ (IPCC) के बारे म: ‘अंतर-सरकारी जलवायु प रवतन सिमित’ (Intergovernmental Panel on Climate Change – IPCC), मानव े रत जलवायु प रवतन पर जानकारी एवं ान म वृि करने हेतु उ रदायी, संयु रा का एक अंतर सरकारी िनकाय है।  इसक थापना, वष 1988 म ‘िव मौसम िव ान संगठन’ (WMO) और ‘संयु रा पयावरण काय म (UNEP)’ के ारा क गयी थी।  मु यालय: िजनेवा, ि व जरलड।
  • 7. 6 www.iasnext.com  काय: नीित िनमाता को, जलवायु प रवतन के वै ािनक आधार, इसके भाव और भिव य के जोिखम और अनुकू लन और शमन के िवक प का िनयिमत आकलन दान करना। ‘छठी आकलन रपोट’ (Sixth Assessment Report – AR6) के तीसरे भाग के मुख बंदु: 1. रपोट म पाया गया है, क संपूण िव म िपछले एक दशक से उ सजन म लगातार वृि जारी है। 2010-19 के दशक म औसत वा षक ‘वैि क ीनहाउस गैस उ सजन’ मानव इितहास म अपने उ तम तर पर था। 2. लोबल वा मग को लगभग 1.5 िड ी सेि सयस तक सीिमत करने के िलए वैि क ‘ह रत गैस ’ के उ सजन को 2025 से पहले चरम तर पर ले जाने और फर 2030 तक इसे 43% तक कम कए जाने क आव यकता है। 3. ‘पे रस समझौते’ के तहत िलए गए संक प अपया ह: पे रस समझौते पर ह ता र करने वाले देश ारा क गई वतमान संक प को ‘रा ीय तर पर िनधा रत योगदान’ (Nationally Determined Contributions) के प म जाना जाता है। 4. िवकिसत देश से अ य प ‘जलवायु िव ’ वाह ने िवकासशील देश म ऊजा सं मण को भािवत कया है। ीन हाइ ोजन मता (Green Hydrogen Potential) संदभ:  इंिडयन ऑयल कॉप रेशन (IOC), लासन एंड टु ो (L&T), और ReNew Power (ReNew) ने भारत म ‘ह रत हाइ ोजन े ’ (Green Hydrogen sector) को िवकिसत करने के िलए एक ‘संयु उ म’ (Joint Venture – JV) कं पनी थािपत करने के िलए एक बा यकारी शत-प पर ह ता र कए ह।  संयु उ म का ल य “औ ोिगक पैमाने” पर ह रत हाइ ोजन क आपू त करना होगा। मह व: भारत ‘ह रत हाइ ोजन’ का क बन सकता है, य क इसको देश म अ य ऊजा क चुर मा ा उपल ध होने का एक अंत निहत लाभ िमल सकता है।  भारत, एक उ णक टबंधीय देश होने और अनुकू ल भौगोिलक प रि थितय और चुर मा ा म ाकृितक संसाधन के कारण, ‘ह रत हाइ ोजन’ (Green Hydrogen) उ पादन म एक मह वपूण लाभ द ि थत म है।  भारत म, नवीकरणीय ऊजा से हाइ ोजन का उ पादन, ाकृितक गैस से इसका उ पादन करने क तुलना म स ता होने क संभावना है। इस संबंध म कये जा रहे यास: 1. क सरकार ारा ‘रा ीय हाइ ोजन िमशन’ पर मसौदा दशािनदश जारी कए गए ह, िजसका ल य घरेलू आव यकता के लगभग 40 ितशत को पूरा करने के िलए वष 2030 तक हाइ ोजन उ पादन को 5 िमिलयन मी क टन (MMT) तक बढ़ाना है। 2. क सरकार ारा ‘इले ोलाइजस’ (Electrolysers) के िलए 15,000 करोड़ पये क ‘ ोड शन लं ड इंस ट’व (PLI) योजना शु करने के ताव पर िवचार कया जा रहा है। 3. फरवरी म, क सरकार ारा ‘ह रत हाइ ोजन और ह रत अमोिनया नीित’ को अिधसूिचत कया गया था, िजसके तहत, जुलाई 2025 से पहले ‘ह रत हाइ ोजन’ उ पादन के िलए थािपत कसी भी नए अ य ऊजा संयं के िलए 25 साल क मु त िबजली दान करने का ावधान कया गया है।
  • 8. 7 www.iasnext.com 4. सरकार, तेल शोधन, उवरक और इ पात े को अपनी आव यकता के एक िनि त अनुपात के िलए ह रत हाइ ोजन क खरीद के िलए आव यक अिधदेश लागू करने क भी योजना बना रही है। ह रत हाइ ोजन / ीन हाइ ोजन या है? नवीकरणीय / अ य ऊजा का उपयोग करके ‘िव ुत अपघटन’ (Electrolysis) ारा उ पा दत हाइ ोजन को ‘ह रत हाइ ोजन’ (Green Hydrogen) के प म जाना जाता है। इसम काबन का कोई अंश नह होता है। ीन हाइ ोजन का मह व:  भारत के िलए अपने ‘रा ीय तर पर िनधा रत योगदान’ (Nationally Determined Contribution– INDC) ल य को पूरा करने तथा े ीय और रा ीय ऊजा सुर ा, प ंच और उपल धता सुिनि त करने हेतु ‘ ीन हाइ ोजन’ ऊजा काफ मह वपूण है।  ीन हाइ ोजन, ऊजा भंडारण िवक प के प म काय कर सकता है, जो भिव य म नवीकरणीय ऊजा के अंतराल को पूरा करने के िलए मह वपूण होगा।  प रवहन के संदभ म, शहर के भीतर या रा य के म य लंबी दूरी क या ा या माल ढुलाई के िलए, रेलवे, बड़े जहाज , बस या क आ द म ीन हाइ ोजन का उपयोग कया जा सकता है। ीन हाइ ोजन के अनु योग: 1. अमोिनया और मेथनॉल जैसे ह रत रसायन का उपयोग सीधे ही उवरक, प रवहन, िबजली, रसायन, िश पंग आ द, जैसी मौजूदा ज़ रत म कया जा सकता है। 2. ापक तर पर अपनाए जाने के िलए CGD नेटवक म 10 ितशत तक ीन हाइ ोजन िम ण को लागू जा सकता है। लाभ:  ीन हाइ ोजन ऊजा भंडारण के िलए खिनज और दुलभ-पृ वी त व-आधा रत बैटरी पर िनभरता को कम करने म मदद करेगा।  िजस अ य ऊजा को ि ड ारा सं हीत या उपयोग नह कया जा सकता है, उसका हाइ ोजन-उ पादन करने के िलए उपयोग कया जा सकता है। अनुसूिचत जाित एवं अ य पारंप रक वनवासी (वन अिधकार मा यता) अिधिनयम (The Scheduled Tribes and Other Forest Dwellers (Recognition of Forest Rights) संदभ:  ‘मूल िनवािसय , पारंप रक वनवािसय और आ दवािसय को टाइगर रजव से बेदखल नह कए जाने पर जोर देने वाले क़ानून ‘अनुसूिचत जाित एवं अ य पारंप रक वनवासी (वन अिधकार मा यता) अिधिनयम, 2006’ क अनदेखी करते ए हाल ही म, पयावरण, वन और जलवायु प रवतन मं ालय (MoEFCC) ने कहा है, क इन समुदाय का पुनवास कया जाएगा ता क वे अपनी पारंप रक आजीिवका को न खोएं। हालां क, इनके पुनवासन से
  • 9. 8 www.iasnext.com संबंिधत कसी भी तौर-तरीक के बारे म कोई िववरण नह दया गया है।  वन अिधकार अिधिनयम के ावधान के तहत, कायकता ने इन कमजोर वग क सुर ा के िलए आवाज उठाई जा रही है। वन अिधकार अिधिनयम (FRA) के बारे म: ‘अनुसूिचत जाित एवं अ य पारंप रक वनवासी (वन अिधकार मा यता) अिधिनयम, 2006’ (The Scheduled Tribes and Other Forest Dwellers (Recognition of Forest Rights) Act, 2006), िजसे ‘वन अिधकार अिधिनयम’ (Forest Rights Acts – FRA) भी कहा जाता है, वष 2006 म पा रत कया गया था। यह अिधिनयम पारंप रक वन वासी समुदाय के अिधकार को कानूनी मा यता दान करता है। अिधिनयम के तहत अिधकार:  वािम व अिधकार – वनवािसय अथवा आ दवािसय ारा 13 दसंबर 2005 तक कृ िष क जाने वाली भूिम पर, जो क 4 हे टेयर से अिधक नह होनी चािहए, उ तारीख तक वा तव म कृ िष करने वाले संबंिधत प रवार को वािम व अिधकार दान कए जाएंगे। अथात, कोई अ य नयी भूिम दान नह क जाएगी।  अिधकार का उपयोग- वनवािसय अथवा आ दवािसय के िलए, लघु वन उपज ( वािम व सिहत), चारागाह े , तथा पशुचारक माग संबंधी अिधकार उपल ध ह गे।  राहत और िवकास अिधकार – वनवािसय अथवा आ दवािसय के िलए अवैध िनकासी या बलपूवक िव थापन के मामले म पुनवास का अिधकार तथा वन संर ण हेतु ितबंध के अधीन बुिनयादी सुिवधा का अिधकार ा होगा।  वन बंधन अिधकार – जंगल और व यजीव क र ा करने संबधी अिधकार ह गे। पा ता मापदंड: वन अिधकार अिधिनयम (FRA) क धारा 2(c) के अनुसार, वनवासी अनुसूिचत जनजाित (Forest Dwelling Scheduled Tribe – FDST) के प म अहता ा करने और FRA के तहत अिधकार क मा यता हेतु पा होने के िलए, आवेदक ारा िन िलिखत तीन शत को पूरा कया जाना आव यक है। ि अथवा समुदाय: 1. अिधकार का दावा कये जाने वाले े म अनुसूिचत जनजाित का सद य होना चािहए; 2. 13-12-2005 से पहले मूल प से वन अथवा वन भूिम का िनवासी होना चािहए; 3. आजीिवका हेतु वा तिवक प से वन अथवा वन भूिम पर िनभर होना चािहए। तथा, अ य पारंप रक वनवािसय (Other Traditional Forest Dweller – OTFD) के प म अहता ा करने और FRA के तहत अिधकार क मा यता हेतु पा होने के िलए, िन िलिखत दो शत को पूरा करना आव यक है: ि अथवा समुदाय: 1. जो 13 दस बर, 2005 से पूव कम से कम तीन पीि़ढय (75 वष) तक मूल प से वन या वन भूिम म िनवास करता हो। 2. आजीिवका हेतु वा तिवक प से वन अथवा वन भूिम पर िनभर हो। अिधकार को मा यता देने संबंधी या:  या के आरंभ म, ाम सभा ारा एक ताव पा रत कया जाएगा, िजसमे यह िसफा रश क जाएगी क, कस ि को कस संसाधन पर अिधकार को मा यता दी जानी चािहए।
  • 10. 9 www.iasnext.com  इसके बाद, ताव का उप-मंडल (या तालुका) के तर पर और फर िजला तर पर, अनुवी ण और अनुमोदन कया जाता है। अनुवी ण सिमित (Screening Committee) म तीन सरकारी अिधकारी (वन, राज व और आ दवासी क याण िवभाग) और संबंिधत तर पर थानीय िनकाय के तीन िनवािचत सद य होते ह। ये सिमितयां अपील पर सुनवाई भी करती ह।