2. 1-ऐततहाससक ऩृष्ठबूसभ-
देश का ऩहरा कायखाना कानून 1881 भें फना था।
उसक
े फाद 1911 औय 1934 भें बी नए कानून फने।
इन कानूनों भें बी क
ु छ दोष औय कभजोरयमाां ऩाई गई
।
तफ 1948 भें वततभान कानून फना जो 01 अप्रैर
1949 से रागू हुआ रागू है ।
इसभें बी सभम-सभम ऩय सांशोधन ककए गए हैं।
3. 2-उद्देश्य:-
इस कानून का उद्देश्म कायखाने भें काभ कयने
वारे श्रसभकों क
े फाये भें कानून को सांगठठत कयना
है।
मह कानून कायखाने भें काभ की ऩरयस्थथततमों का
तनमभन कयता है ।
तांदुरुथती,सांयऺl , काभ का सभम, कभ उम्र क
े
रोगों (फच्चों) की नौकयी,वार्षतक छ
ु ट्टी, वेतन औय
ओवयटाइभ जैसी भुख्म फातों क
े फाये भें कानून भें
व्मवथथा की गई है ।
सबी कायखानों को राइसेंस रेना ऩड़ता है।
कानून का ऩारन ना कयने ऩय दांड का प्रावधान
है।
4. 3-कायखाना कानून रागू होने की सीभाएां-
मह कानून उन सबी प्रततष्ठानों ऩय रागू होता है
स्जनभें उत्ऩादन की प्रकिमा चर यही हो।
अगय ऩावय की सहामता नहीां री जाती हो तो
कभ से कभ 20 कभतचायी औय अगय ऩावय की
सहामता री जाती हो तो कभ से कभ 10
कभतचायी कामत कयते हो।
येरों ऩय सबी कायखाने इस कानून क
े अधीन आते
हैं।
रोको शेड एवभ ् सभाडड डडऩो भें भयम्भत का
काभ होता है, इससरए वे इस कानून भें क
े अधीन
नहीां आते हैं।
इसी प्रकाय होटर जरऩान गृह अथवा खाने का
थथान इस कानून क
े अधीन नहीां है।
5. 4. कारखाने की स्वीकृ ति ऱाइसेंस और रजिस्रेशन
स्जस थथान ऩय कायखाना फनेगा, कायखाने क
े ऩरयसय का तनभातण,
आवश्मकतानुसाय उसका र्वथताय आठद क
े सरए अनुभतत रेना
अतनवामत है।
कायखाने का यस्जथरेशन औय राइसेंस तनमभों क
े अनुसाय कयाना
होता है।
5. श्रमिक-
श्रसभक का अथत है सीधे अथवा ककसी एजेंसी मा ठेक
े दाय क
े भाध्मभ
से प्रधान तनमोक्ता की जानकायी भें मा जानकायी क
े बफना चाहे
ऩारयश्रसभक अथवा नहीां, ककसी तनभातण प्रकिमा भें अथवा सांमांत्र क
े
ककसी बाग अथवा तनभातण प्रकिमा क
े सरए उऩमोग भें राए गए
ऩरयसय की सपाई कयने भें तनमुक्त व्मस्क्त ।
ऩयांतु इसभें सांघ क
े सशथत्र फर का कोई सदथम शासभर नहीां है।
सवोच्च न्मामारम क
े तनणतम क
े अनुसाय कायखानों भें तनमुक्त सभम
ऩार (टाइभ कीऩय)अफ कायखाना कानून क
े अांतगतत श्रसभक क
े रूऩ
भें भाने जाएांगे।
6. 6. कायखाने का ऩदाधधकायी-
कायखाने क
े ऩदाधधकायी का अथत है वह व्मस्क्त स्जसका
कायखाने क
े काभकाज ऩय सांऩूणत तनमांत्रण है।
कायखाना कानून क
े प्रावधानों क
े अनुसाय,यरवे
उत्ऩादन इकाईमो क
े भुख्म इांजीतनमय को इकाई भें
ऩदाधधकायी तनमुक्त ककमा गमा है।
7.काभ का सभम- एक ठदन भें अधधकतभ 9 घांटे की
सभम सीभा है ।
5 घांटे क
े रगाताय काभ क
े फाद कभ से कभ आधा घांटे
का अांतयार होना चाठहए।
क
ु र सभम ऩारी क
े शुरुआत से अांत तक 10.5 घांटे से
अधधक नहीां होना चाठहए।
एक सप्ताह भें काभ क
े घांटों की सीभा 48 घांटे हैं।
7:00 फजे शाभ औय 6:00 फजे सुफह क
े फीच भठहरा
कभतचारयमों क
े सरए काभ ऩय योक है ।
7. 8.साप्ताठहक अवकाश-
सप्ताह भें एक ठदन का अवकाश(येथट)होना जरूयी है ।
आभतौय ऩय यर्ववाय का ठदन होना चाठहए।
ककसी को अवकाश क
े ठदन फुरामा जाए तो उसक
े 3 ठदन
फाद तथा 30 ठदन क
े अांदय प्रततऩूयक छ
ु ट्टी देना जरूयी है ।
9.सभमोऩयी(ओवयटाइभ) बत्ता:-
ठदन भें 9 घांटे औय सप्ताह भें 48 घांटे से अधधक ककसी से
काभ सरमा जाए तो उसे भजदूयी की दोगुनी दय से बत्ता
ठदमा जाएगा ।
इस बत्ते की गणना क
े दो आधाय होते हैं: साप्ताठहक मा
दैतनक l
कभतचायी क
े सरए जो बी आधाय राबकय हो उसी का प्रमोग
ककमा जाएगा ।
एक सप्ताह भें काभ क
े अधधकतभ घांटे (ओवयटाइभ)
सभराकय 60 घांटे से अधधक नहीां होंगे औय अधधकतभ 50
घांटों का ओवयटाइभ त्रैभाससक देम होगा ।
8. 10.िंदुरुस्िी-
भैनेजय की स्जम्भेदायी होती है कक कायखाने की
सपाई आठद की ऩूयी व्मवथथा कयें । क
ु छ भहत्वऩूणत
फातें इस प्रकाय हैं-
1. धूर गांदगी औय क
ू ड़ा योज साप ककए जाएां ।
2. पशत को हय हफ्ते धोमा जाए स्जसभें कीटनाशक दवा का इथतेभार
हो।
3. पशत ऩय ऩानी ना यहे औय जरूयत क
े अनुसाय उसकी सपाई होती
यहे ।
4. अांदय की दीवायें, याथते, सीठढमों की ऩेंठटांग,वातनतश आठद कभ से
कभ 5 सार भें एक फाय अवश्म हो औय 14 भहीने भें एक फाय
सपाई ऩुताई जरूय की जाए।
5. थवच्छ हवा क
े सरए खखड़ककमों आठद की व्मवथथा हो।ताऩभान ऩय
तनमांत्रण यहे ताकक काभ कयने क
े सरए उधचत सुर्वधा यहे हैं ।
9. 6.काभ की ककसी जगह ऩय बीड़ न यहे, एक
काभगाय क
े सरए कानून भें दी गई जगह की
व्मवथथा हो।
7.प्रकाश की उधचत व्मवथथा यहे।
8.ऩीने क
े शुद्ध ऩानी की प्रबावी व्मवथथा हो ।
9.शौचारम औय ऩेशाफ घयों की उधचत व्मवथथा
हो, भठहराओां क
े सरए अरग व्मवथथा यहे।
10.थूकदान की व्मवथथा हो। क
ू ड़ा कयकट गांदा
ऩानी, दुगंध ऩूणत औय क
े सभकल्स स्राव आठद
क
े सरए सभुधचत व्मवथथा कयना जरूयी है ।
10. 11.संरक्षा-
कायखाने भें सुयऺा क
े फाये भें अनेक प्रावधान
है।
ताकक काभ कयने वारों की सभुधचत सुयऺा यहे।
सबी चरने वारी भशीनें, ऩठहए, जनयेटय,
भोटय, खतयनाक ठहथसे आठद प
ें स रगाकय
सुयक्षऺत ककए जाएां।
चेन, ि
े न, होएथट, सरफ्ट आठद भजफूत औय
उऩमुक्त धातु क
े फने होने चाठहए तथा उसका
तनयीऺण कयने की व्मवथथा हो ।
11. 12.दुरुस्िी और संरक्षा क
े बारे िें िानकारी
का अधधकार-
श्रसभकों को मह अधधकाय होगा कक वह आक
ू
ऩामेय से तांदुरुथती औय औय सांयऺा क
े फाये भें
जानकायी प्राप्त कयें ।
कायखाने भें मा चीप इांथऩेक्टय द्वाया थवीकृ त
क
ें द्रों भें तांदुरुथती औय सांयऺा क
े फाये भें
प्रसशऺण ऩाने का हक बी है।
12. 13.हिि व्यवस्था-
कऩड़े धोने, सुखाने औय यखने की सुर्वधा,
फैठने की सुर्वधा, र्वश्राभ कऺ, रांच रूभ आठद
की सुर्वधा ।
भठहरा कभतचारयमों क
े फच्चों(6वषत से कभ उम्र)
क
े सरए एक कभये की व्मवथथा आठद का
प्रावधान हो।
प्राथसभक उऩचाय की व्मवथथा जरूयी है।
500 से अधधक कभतचारयमों क
े सरए उधचत
भेडडकर सुर्वधा होनी चाठहए।
13. 14.कैं टीन-
मठद 250 से अधधक कभतचायी हो तो कैं टीन
होना जरूयी है।
15.हििाधधकारी(वेऱफ
े यर ऑफफसर)-
अगय 500 से अधधक कभतचायी हो तो एक
ठहताधधकायी की तनमुस्क्त होनी चाठहए।
येरवे कायखाने भें कासभतक अधधकायी ही र्वत्त
अधधकायी होता है।
फड़े कायखानों भें अरग से ठहताधधकायी होते हैं।
14. 16.रजिस्टर-
तनम्नसरखखत यस्जथटय यखना जरूयी है-
सपाई का यस्जथटय।
भशीनों आठद की ऩयीऺा का यस्जथटय।
होइथट औय सरफ्ट की ऩयीऺा का यस्जथटय।
फासरग कभतचारयमों का यस्जथटय ।
ओवयटाइभ औय हास्जयी यस्जथटय ।
दुघतटना औय खतयनाक घटनाओां का यस्जथटय।
छ
ु ठट्टमों का यस्जथटय, सशकामत यस्जथटय।
15. 17.नोहटसे-
नीचे सरखी नोठटसे रगाना जरूयी होती है-
साप्ताठहक छ
ु ट्टी ।
छ
ु ट्टी यद्द कयने की सूचना ।
फारीग कभतचारयमों क
े काभ का सभम।
कायखाना कानून औय तनमभों का सांऺेऩ।
तांदुरुथती, सांयऺा औय ठहत की सूचनाएां।
16. 18.तनरीक्षण-
याज्म सयकाय द्वाया सयकायी गजट भें अधधसूचना
द्वाया तनमुक्त ककमा गमा तनयीऺक कायखाना
ऩरयसयों का तनयीऺण कयता है।
कायखाना क
े प्रफांधकों द्वाया तनयीऺक को ऩरयसय,
भशीनयी, प्राांट, तनधातरयत यस्जथटय तथा प
ै क्री से
सांफांधधत ककसी बी दथतावेज का तनयीऺण कयने
की सुर्वधा दी जानी चाठहए ।
वह ककसी बी व्मस्क्त का फमान सरर्ऩफद्ध कय
सकता है।
प्रफांधकों को तनयीऺक द्वाया र्वसबन्न र्वषमों ऩय
अऩनी तनयीऺण रयऩोटत भें दी गई ठटप्ऩखणमों ऩय
ध्मान देना चाठहए ।
17. 19.दंड-
कानून भें कभतचारयमों औय प्रफांधकों आठद क
े
सरए र्वसबन्न प्रावधानों का ऩारन न कयने ऩय
मा उन्हें तोड़ने ऩय अरग-अरग दांड की
व्मवथथा है ।
2 मा 3 सार तक क
े कायावास औय तीन राख
क
े जुभातने तक मा दोनों हो सकता है ।