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यु अपराध
(War Crimes)
संदभ:
 हाल ही म, ‘अंतररा ीय आपरािधक यायालय’ के एक अिभयोजक ारा ‘ स के आ मण के बाद “यू ेन क ि थित”
पर एक जांच शु क गयी है।
 अिभयोजक का मानना है, क इस बात पर िव ास करने के उिचत आधार मौजूद ह, क वष 2014 से यू ेन म
तथाकिथत ‘यु अपराध’ (War Crimes) और ‘मानवता के िखलाफ अपराध’ (Crimes Against Humanity)
दोन ही कए जा रहे ह।
संबंिधत करण:
‘अंतररा ीय आपरािधक यायालय’ (ICC) के िलए “आ ामकता के अपराध के संबंध म” कई ा ए है, कंतु यह
अदालत “इस किथत अपराध पर अपने अिधकार े ” का योग नह कर सकती है, य क स और यू ेन दोन ही
‘अंतररा ीय आपरािधक यायालय’ क सं थापक ‘रोम संिविध’ (Rome Statute) पर ह ता रकता नह ह।
ले कन, अब ‘अंतररा ीय आपरािधक यायालय’ का मानना है, क इस अदालत के पास इस मामले म अपनी शि य का
योग करने का अिधकार े है, य क इससे पहले यू ेन दो बार – एक बार 2014 म स के िमया पर क जा करने के
बाद तथा दूसरी बार, वष 2015 म यू ेन ारा अदालत के अिधकार े को “अिनि त अविध” को मा यता देते समय –
अदालत के अिधदेश को वीकार कर चुका
या स ारा यू ेन म यु अपराध कए गए है?
 28 फरवरी क सुबह, यू ेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खा कव (Kharkiv) के क म सी ैड िमसाइल ने कहर
बरपाया।
 यू ेन के रा पित वलोिडिमर ज़ेल क के अनुसार, िमसाइल से जानबूझकर नाग रक को िनशाना बनाया गया और
यह हमला ‘यु अपराध’ है।
‘यु अपराध’ या होते है?
संयु रा के अनुसार, ‘यु अपराध’ (War Crime), अंतररा ीय या घरेलू सश संघष के दौरान नाग रक या ‘श ु
लड़ाक ’ के िखलाफ कए जाने वाले अंतररा ीय कानून का गंभीर उ लंघन होते है।
 नरसंहार और मानवता के िखलाफ अपराध के िवपरीत, ‘यु अपराध’ को सश संघष के संदभ म कए जाने वाले
अपराध को शािमल कया जाता है।
‘िजनेवा क वशन’
 वष 1949 म ह ता रत चार ‘िजनेवा क वशन’ (Geneva Conventions) म ‘यु अपराध ’ (War Crimes)
का अथ प कया गया था।
 चौथे जेनेवा क वशन के अनु छेद 147 म यु अपराध को “जानबूझकर अ यिधक पीड़ा प चाने अथवा शरीर या
वा य पर गंभीर चोट प ंचाने, गैरकानूनी प से िनवासन या थाना त रत करने, बंधक बनाने अथवा गैरकानूनी
प से कैद करने, ापक तर पर िवनाश करने और प रस पि य पर क ज़ा करने सिहत जानबूझकर ह याएं,
यातना देने, अ य अमानवीय तरीक और सै य-ज रत के तहत गैर-तकसंगत, जानबूझकर और िनदयतापूर्वक
कए जाने वाले काय के प म प रभािषत कया गया है”।
अंतरा ीय अपराध यायालय (ICC) घटना म:
‘अंतरा ीय अपराध यायालय’ क रोम संिविध के ारा अपराध क सूची का िव तार कया गया है, िजसमे ‘यु अपराध ’
के तहत आने वाले अपराध को भी शािमल कये गए ह। उदाहरण के िलए, इस क़ानून के तहत, जबरन गभाधान को यु
अपराध के प म माना जाएगा।
समानता, पहचान और पूविवधान:
इस मानवीय कानून के तीन मु य तंभ, समानता (Proportionality), पहचान
(Distinction), पूविवधान (Precaution) के िस ांत ह। य द इनम से कसी एक या सभी िस ांत का उ लंघन कया
जाता है, तो इसे यु अपराध माना जाएगा।
CAATSA से छूट
(CAATSA waiver)
संदभ:
वतमान म जारी ‘यू ेन संकट’ पर और पि मी देश के बीच
बढ़ते तनाव के बीच, भारत के सम ‘एस-400’ समझौते को
लेकर, िनकट भिव य म समय पर र ा णाली क िडलीवरी
पर अिनि तता तथा ‘अमे रक ित ंि य को ितबंधो के
मा यम से यु र अिधिनयम‘ (Countering America’s
Adversaries Through Sanctions Act – CAATSA)
के
तहत अमे रक ितबंध लगाए जाने के खतरे का भी सामना कर रहा है। िव दत हो क, भारत के मॉ को और क व, दोन के
साथ मुख र ा सहयोग संबंध ह।
वतमान चंता का िवषय:
1. अतीत म, स और यू ेन के बीच जारी तनाव क वजह से ‘भारतीय वायु सेना’ (IAF) के ‘AN-32 प रवहन बेड़े’ के
आधुिनक करण म काफ देरी हो चुक है।
2. अतः, नवीनतम चंता यह है, क इस यु के प रणाम व प, स क अपनी घरेलू ितब ता तथा पि म ारा
लगाए गए ितबंध के कारण, स से भारत को एस-400 र ा णाली क होने वाली िडलीवरी म देरी हो सकती है।
भारत- स सै य ापार का अवलोकन:
स, भारत का िविभ लेटफॉम एवं ौ ोिग कय - िजनको अ य देश ारा साझा करने से मना कर दया गया- को साझा
करने वाला एक पारंप रक सै य आपू तकता रहा है। हाल के वष म भारत और स के बैच सहयोग- संबंध और गहरे ए ह।
 उदाहरण के िलए, 43िबिलयन डॉलर के S-400 वायु र ा णाली समझौते तथा अ य मह वपूण सौद के साथ
भारत- स के म य ापार 2018 के 15 िबिलयन डॉलर क सीमा को पार कर गया है।
 आज भी, भारतीय सै य सूची म 60% से अिधक- िवशेष प से लड़ाकू जेट, टक, हेलीकॉ टर और पनडुि बयां आ द
– उपकरण सी- उ पि क है। इसके अलावा कई मुख सौद पर वाता जारी है।
 भारत ने यु पोत के िलए आठ ‘ज़ोया-मश ोए ट (Zorya-Mashproekt) गैस टबाइन इंजन ’ के िलए यू ेन के
साथ एक पृथक समझौते पर भी ह ता र कए गए ह।
 यू ेन, 2009 म अंितम प दए गए एक सौदे के तहत, भारतीय वायुसेना के 100 से अिधक एएन-32 प रवहन
िवमान का उ यन भी कर रहा है।
S-400 वायु र ा णाली एवं भारत के िलए इसक
आव यकता:
S-400 ाय फ (Triumf) स ारा िडज़ाइन क गयी
एक मोबाइल, सतह से हवा म मार करने वाली
िमसाइल णाली (surface-to-air missile
system- SAM) है।
 यह िव म सबसे खतरनाक, आधुिनक एवं
प रचालन हेतु तैनात क जाने वाली लंबी दूरी क
सतह से हवा म मार करने वाली िमसाइल णाली
SAM (MLR SAM) है, िजसे अमे रका ारा
िवकिसत, ‘ट मनल हाई ए टी ूड ए रया िडफस’
(Terminal High Altitude Area Defence –
THAAD) से काफ उ त माना जाता है।
CAATSA या है?
‘अमे रक ित ंि य को ितबंधो के मा यम से यु र
अिधिनयम’ (Countering America’s Adversaries
Through Sanctions Act- CAATSA) का मुख
उ े य दंडा मक उपाय के मा यम से ईरान, उ र को रया
और स को यु र देना है।
 यह क़ानून वष 2017 म अिधिनयिमत कया गया
था।
 इसके तहत, स के र ा और ख़ फ़या े म
मह वपूण लेनदेन करने वाले देश के िखलाफ
लगाए जाने वाले ितबंधो को शािमल कया गया
है।
लगाये जाने वाले ितबंध:
1. अिभिहत ि (sanctioned person) के िलए ऋण पर ितबंध।
2. अिभिहत ि य को िनयात करने हेतु ‘िनयात-आयात बक’ सहायता का िनषेध।
3. संयु रा य सरकार ारा अिभिहत ि से व तु या सेवा क खरीद पर ितबंध।
4. अिभिहत ि के नजदीक लोग को वीजा से मनाही।
सौदे का मह व:
S-400 र ा णाली समझौते संबंधी िनणय इस बात का एक ब त सश उदाहरण है, क अंतररा ीय भागीदार को चुनने
के िलए, िवशेषकर रा ीय िहत और रा ीय सुर ा के मु क बात आती है, तब हमारी र ा और रणनीितक साझेदारी
कतनी उ त है, और भारतीय सं भुता कतनी मजबूत है।
आटिमस काय म
संदभ:
नासा के आटिमस काय म (Artemis Program) क
चं मा पर पहली ू ल डंग, वष 2026 म होने क संभावना
है। इस बीच, नासा ारा मई 2022 म आटिमस 1
(Artemis 1) को लॉ च कया जाएगा।
देरी के कारण: NASA के अनुसार, मानव के सतह पर उतरने संबंधी णाली (Human Landing System) और नासा के
अगली पीढ़ी के पेससूट के िवकास और परी ण हेतु अभी और अिध समय चािहए।
आटिमस या है?
आटिमस (ARTEMIS) का पूरा नाम “ऐ सेलरैशन, रीकने शन, ट युल स एंड इले ोडायनािम स ऑफ़ मून’स इंटरए शन
िवद द सन” (Acceleration, Reconnection, Turbulence and Electrodynamics of Moon’s Interaction with
the Sun) अथात चं मा का सूय के साथ अंतः या का गितवधन, पुन:संयोजन, िव ोभ तथा िव ुत्-गितक है।
यह नासा ारा चं मा पर भेजा जाने वाला अगला िमशन है।
उ े य:
 इसका उ े य, चं मा क च ानी सतह, जहाँ इसक र ा के िलए कोई चुंबक य े नह होता है- पर सूय का
िव करण के टकराने के भाव को मापना है।
 ीक पौरािणक कथा म, ‘आटिमस’ अपोलो क जुड़वां बहन और चं मा क देवी थी।
िमशन का मह व:
आटिमस काय म के तहत, नासा ारा वष 2024 तक चं मा क सतह पर पहली बार कसी मिहला को तथा अगले पु ष
को उतारा जाएगा।
िमशन िववरण:
 पेस लॉ च िस टम (SLS) नामक नासा के शि शाली नए रॉकेट से ‘ओ रयन अंत र यान’ म सवार अंत र
याि य को पृ वी से लगभग सवा लाख मील क दूरी पर चं मा क क ा म भेजा जाएगा।
 अंत र या ी ‘ओ रयन यान’ को गेटवे (Gateway ) पर डॉक करगे और चं मा क सतह पर अिभयान हेतु मानव
ल डंग िस टम म प ंचगे।
 अिभयान क समाि पर अंत र या ी पृ वी पर सुरि त लौटने हेतु फर से ओ रयन पर सवार होने िलए ‘क ीय
चौक ’ (orbital outpost) पर लौट आएंगे।
आटिमस 1, आटिमस 2 एवं आटिमस 3:
नासा ारा अपनी गहन अंत र अ वेषण णािलय का परी ण करने हेतु चं मा के चार ओर दो िमशन भेजे जाएंगे।
1. आटिमस 1 (Artemis 1) का ल य, एक बार उड़ान भरने वाले ओ रयन अंत र यान के साथ, अभी तक एक बार
भी उडान नह भरने वाले ‘ पेस लॉ च िस टम रॉकेट’ के संयोजन का उपयोग करके चं मा के चार ओर एक मानव
रिहत अंत र यान भेजना है।
2. आटिमस 2 (Artemis 2): वष 2024 म चं मा क प र मा करने वाले आटिमस 2 िमशन को लांच करने के साथ,
नासा ारा आटिमस काय म का िव तार करने क योजना है।
3. इसके बाद वष 2020 के दशक म भेजे जाने वाले अ य चालक दल सिहत िमशन से पहले वष 2025
म आटिमस 3 िमशन भेजा जाएगा।
वै ािनक उ े य:
 दीघाविध तक अ वेषण करने के दौरान आव यक पानी और अ य मह वपूण संसाधन का पता लगाना और उनका
उपयोग करना।
 चं मा के रह य क जांच करना और पृ वी तथा ांड के बारे म अिधक जानकारी जुटाना।
 अंत र या ी ारा मा तीन दन दूर ि थत कसी अ य खगोलीय पंड क सतह पर रहने और काय करने के बारे
म जानकारी जुटाना।
 मंगल िमशन पर अंत र याि य को भेजने से पहले हम िजन तकनीक क आव यकता है, उ ह मािणत करना।
मंगल िमशन म तीन साल तक का समय लग सकता है।
चं अ वेषण:
1. वष 1959 म, सोिवयत संघ का िबना चालक दल का लूना 1 और लूना 2 चं मा पर जाने वाला पहला रोवर बना।
2. इससे पहले क अमे रका ारा अपोलो 11 िमशन को चं मा पर भेजा गया, और इसने 1961 और 1968 के बीच
तीन ेिणय क रोबो टक िमशन चं मा पर भेजे।
3. जुलाई 1969 के बाद से वष 1972 तक 12 अमे रक अंत र या ी चं मा क सतह पर मण कर चुके ह।
4. 1990 के दशक म, अमे रका ारा रोबो टक िमशन लेमटाइन और लूनर ॉ पे टर के साथ चं अ वेषण फर से
शु कया गया।
5. 2009 म, अमे रका ने ‘लूनर टोही ऑ बटर’ (Lunar Reconnaissance Orbiter – LRO) और लूनर ेटर
ऑ जवशन एंड स संग सैटेलाइट (LCROSS) के ेपण के साथ ‘रोबो टक चं अिभयान ’ क एक नई ृंखला
शु क ।
6. 2011 म NASA ने ARTEMIS िमशन क शु आत क ।
7. 2012 म, ‘ ेिवटी रकवरी एंड इंटी रयर लेबोरेटरी’ (GRAIL) अंत र यान ने चं मा के गु वाकषण का अ ययन
कया।
8. अमे रका के अलावा यूरोपीय अंत र एजसी, जापान, चीन और भारत ने चं मा पर अ वेषण हेतु िविभ िमशन
भेजे जा चुके ह। चीन के ारा चं मा क सतह पर दो रोवर उतारे गए ह, िजसम 2019 म चं मा के सबसे दूर थ
कनारे क ओर पहली बार ल डंग भी शािमल है।
स-यू ेन संकट का सेमीकंड टर िच स क वैि क स्तर पर कमी पर भाव
संदभ:
स और यू ेन, वैि क तर पर ‘अधचालक आपू त ृंखला’
(Semiconductor Supply Chain) के मह वपूण क ह। ये
दोन देश इस उ ोग के िलए ‘पैलेिडयम’ जैसी दुलभ धातुएं और
‘िनयॉन’ जैसी गैस उपल ध कराते ह, िजनका लगभग सभी
आधुिनक उपकरण और उपकरण म मौजूद िसिलकॉन वेफस के
उ पादन म उपयोग कया जाता है।
मौजूदा स-यू ेन संकट के बीच, तनाव एवं यु क ि थित ‘सेमीकंड टर िच स क वैि क तर पर कमी’ को और खराब
कर सकती है।
संबंिधत करण:
िजस तरह, वैि क अधचालक उ ोग (Semiconductor Industry) के िलए स दुलभ धातु क आपू त करता है, उसी
तरह यू ेन, िचप-उ पादन उ ोग के िलए आव यक गैस क आपू त करता है। इस कार, अधचालक क आपू त ृंखला म
तनाव बढ़ाने क संभावना है। सेमीकंड टर िच स, एिशया- शांत े म ऑटो और अ य इले ॉिनक उपकरण के िनमाण के
िलए काफ मह वपूण ह।
‘सेमीकं ड टर िच स’ के बारे म:
अधचालक अथात सेमीकंड टस (Semiconductors) – िज ह एक कृत स कट (आईसी), या माइ ोिच स के प म भी
जाना जाता है – ायः िसिलकॉन या जमिनयम या गैिलयम आसनाइड जैसे यौिगक से िन मत होते ह।
सेमीकं ड टर िच स का मह व:
 ‘सेमीकंड टर िच स’, सभी आधुिनक इले ॉिन स और ‘सूचना और संचार ौ ोिगक ’ उपकरण के ‘ दल और
दमाग’ के प म काय करने वाले बुिनयादी ‘िब डंग लॉक्स’ होते ह।
 ये िच स अब समकालीन ऑटोमोबाइल, घरेलू गैजे स और ईसीजी मशीन जैसे आव यक िच क सा उपकरण का
एक अिभ अंग बन चुके ह।
इनक मांग म हािलया वृि :
 कोिवड -19 महामारी क वजह से, दन- ित दन क आ थक और आव यक गितिविधय के बड़े िह से को
ऑनलाइन प से कए जाने या इ ह िडिजटल प से स म बनाए जाने के दबाव ने, लोग के जीवन म िचप-
संचािलत कं यूटर और माटफोन क ‘क ीयता’ को उजागर कर दया है।
 दुिनया भर म फ़ै ली महामारी और उसके बाद लगाए गए लॉकडाउन क वजह से जापान, दि ण को रया, चीन और
अमे रका सिहत देश म ‘मह वपूण िचप बनाने वाली सुिवधा ’ को भी बंद कर दया गया।
 ‘सेमीकंड टर िच स’ क कमी का ापक अनुवत असर पड़ता है। पहले ‘िच स’ का अिधक मा ा म भंडारण कए
जाने से इसक मांग म वृि होती है, जो बाद म आपू त म कमी का कारण बन जाती है।
भारत क सेमीकंड टर मांग और संबंिधत पहल:
 भारत म, वतमान म सभी कार क िच स का आयात कया जाता है, और वष 2025 तक इस बाजार के 24 अरब
डॉलर से 100 अरब डॉलर तक प ंचने का अनुमान है।
 क ीय मंि मंडल ारा, हाल ही म, एक ‘अधचालक और दशन िविनमाण पा रतं ’ (Semiconductors and
Display Manufacturing Ecosystem) के िवकास म सहयोग करने के िलए ₹76,000 करोड़ क रािश आवं टत
क गयी है।
 भारत ने ‘इले ॉिनक कंपोन स एंड सेमीकंड टस’ के िनमाण को बढ़ावा देने हेतु योजना (Scheme for
Promotion of Manufacturing of Electronic Components and Semiconductors) भी शु क है,
िजसके तहत इले ॉिन स घटक और अधचालक के िनमाण के िलए आठ साल क अविध म 3,285 करोड़ पये
का बजट प र य मंजूर कया गया है।
आगे क चुनौितयां:
1. उ िनवेश क आव यकता
2. सरकार क ओर से यूनतम िव ीय सहायता
3. संरचना मता (Fab Capacities) क कमी
4. PLI योजना के तहत अपया अनुदान
5. संसाधन अ म े
आईपीसीसी रपोट
(IPCC Report)
संदभ:
हाल ही म, ‘अंतर-सरकारी जलवायु प रवतन सिमित’ (Intergovernmental Panel on Climate Change- IPCC)
क छठी आकलन रपोट (Sixth Assessment Report) का दूसरा भाग जारी कया गया।
 रपोट के इस दूसरे भाग म जलवायु प रवतन के भाव , जोिखम और कमजो रय और अनुकूलन िवक प के बारे
म आकलन कया गया है।
 रपोट का पहला भाग, िपछले साल अग त म जारी कया गया था, जो क जलवायु प रवतन के वै ािनक आधार पर
क त था।
‘छठी आकलन रपोट’ (AR6) या है?
संयु रा ारा ग ठत ‘जलवायु प रवतन पर अंतर सरकारी पैनल’ (IPCC) क छठी आकलन रपोट (Sixth
Assessment Report – AR6), जलवायु प रवतन से संबंिधत वै ािनक, तकनीक और सामािजक-आ थक जानकारी का
आकलन करने के उ े य से तैयार क जाने वाली रपोट क एक ृंखला म छठी रपोट है।
 यह रपोट अतीत, वतमान और भिव य क जलवायु का अवलोकन करते ए जलवायु प रवतन क भौितक का
आंकलन करती है।
 इस रपोट म, मानव-जिनत उ सजन क वजह से हमारे ह म होने वाले प रवतन और हमारे सामूिहक भिव य के
िलए इसके िनिहताथ के बारे म बताया गया है।
पहली आकलन रपोट वष 1990 म जारी क गयी थी। इस रपोट म, पृ वी क जलवायु क ि थित का सबसे ापक
मू यांकन कया जाता है।
अब तक, मशः 1990, 1995, 2001, 2007 और 2015 म पांच आकलन रपोट जारी क जा चुक ह।
रपोट के मुख बंदु:
 नवीनतम रपोट म, पहली बार, जलवायु प रवतन के े ीय और े ीय भाव का आकलन कया गया है।
 इसम दुिनया भर के मेगा-शहर के सम खड़े जोिखम और उनक कमजो रय को शािमल कया गया है। उदाहरण
के िलए, रपोट के अनुसार, मुंबई म समु के तर म वृि और बाढ़ का उ जोिखम मजूद है, जब क अहमदाबाद म
ी म लहर का गंभीर खतरा है।
वा य पर भाव:
पहली बार, आईपीसीसी रपोट म जलवायु प रवतन के वा य भाव का अवलोकन कया गया है।
 रपोट के अनुसार, जलवायु प रवतन से- िवशेष प से एिशया के उपो णक टबंधीय े म- मले रया और डगू जैसे
वे टर जिनत और जल जिनत रोग म वृि हो रही है।
 तापमान म वृि होने क वजह से, संचार, सन, मधुमेह और सं ामक रोग से संबंिधत मौत के साथ-साथ, िशशु
मृ यु दर म भी वृि होने क संभावना है।
 ी म लहर , बाढ़ एवं सूखे जैसी चरम मौसमी घटना क बढ़ती आवृि , और यहां तक क वायु दूषण भी
कुपोषण, एलज संबंधी बीमा रय के साथ-साथ ‘मानिसक िवकार ’ म भी योगदान दे रहे ह।
भारत िविश अ ययन:
रपोट म भारत को एक संवेदनशील हॉट पॉट के प म िचि नत कया गया है, िजसके कई े और मह वपूण शहर बाढ़,
समु के तर म वृि और ी म लहर जैसी जलवायु आपदा के ब त अिधक जोिखम का सामना कर रहे ह।
 मुंबई, समु के तर म वृि और बाढ़ के उ जोिखम का सामना कर रहा है।
 अहमदाबाद, ी म-लहर के गंभीर खतरे का सामना कर रहा है।
 चे ई, भुवने र, पटना और लखनऊ सिहत कई शहर, गम और उमस के खतरनाक तर के करीब प ंच रहे ह।
 प रवहन, पानी, व छता और ऊजा णािलय सिहत बुिनयादी ढांचे को, चरम एवं धीमी शु आत वाली जलवायु
घटना क वजह से नुकसान पं च रहा है, िजसके प रणाम व प आ थक नुकसान, सेवा म वधान और लोक-
क याण पर भाव पड़ता है।
 2050 तक 877 िमिलयन क अनुमािनत आबादी – 2020 क 480 िमिलयन आबादी से लगभग दोगुना- के साथ
शहरी भारत, देश के अ य े क तुलना म अिधक जोिखम म है।
 आईपीसीसी के अनुसार, वतमान म, भारत म ‘वेट-ब ब तापमान’ (Wet-Bulb Temperatures) शायद ही कभी
31 िड ी सेि सयस से अिधक हो पाता है। आमतौर पर, देश के अिधकांश िह स म अिधकतम वेट-ब ब तापमान
25-30 िड ी सेि सयस रहता है।
आईपीसीसी रपोट का मह व:
 ‘अंतर-सरकारी जलवायु प रवतन सिमित’ (IPCC) क रपोट, िव के तमाम देश ारा जलवायु प रवतन का
सामना करने हेतु बनाई जाने वाली नीितय के िलए एक ‘वै ािनक आधार’ दान करती है।
 आईपीसीसी रपो स, अपने आप म नीितगत िनदशा मक नह होती ह; इन रपो स म यह बही बताया जाता है
क, देश या सरकार को या करना चािहए और या नह करना चािहए। ये रपो स, केवल यथासंभव वै ािनक
माण के साथ त या मक ि थितय को तुत करती ह।
 और फर भी, ये रपो स जलवायु प रवतन से िनपटने के िलए काय योजना तैयार करने म ब त मददगार हो
सकती ह।
 ये रपोट, वैि क तर पर िविभ देश क ित या पर िनणय करने हेतु ‘अंतरा ीय जलवायु प रवतन
वाता ’ का आधार भी बनती ह। इ ह वाता के तहत, पे रस समझौते और पहले योटो ोटोकॉल का िनमाण
कया गया था।
‘अंतर-सरकारी जलवायु प रवतन सिमित’ (IPCC) के बारे म:
‘अंतर-सरकारी जलवायु प रवतन सिमित’ (Intergovernmental Panel on Climate Change – IPCC), मानव
े रत जलवायु प रवतन पर जानकारी एवं ान म वृि करने हेतु उ रदायी, संयु रा का एक अंतर सरकारी िनकाय है।
 इसक थापना, वष 1988 म ‘िव मौसम िव ान संगठन’ (WMO) और ‘संयु रा पयावरण काय म
(UNEP)’ के ारा क गयी थी।
 मु यालय: िजनेवा, ि व जरलड।
 काय: नीित िनमाता को, जलवायु प रवतन के वै ािनक आधार, इसके भाव और भिव य के जोिखम और
अनुकूलन और शमन के िवक प का िनयिमत आकलन दान करना।

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05 03-2022 hindi (Daily News Analysis)

  • 1. D A I L Y N E X T C A P S U L E W I L L H E L P Y O U T O P R O V I D E 2nd floor, shahar plaza, munshi pulia, indira nagar, lucknow Feel Free to call us at: 9454721860 Follow us on:
  • 2. यु अपराध (War Crimes) संदभ:  हाल ही म, ‘अंतररा ीय आपरािधक यायालय’ के एक अिभयोजक ारा ‘ स के आ मण के बाद “यू ेन क ि थित” पर एक जांच शु क गयी है।  अिभयोजक का मानना है, क इस बात पर िव ास करने के उिचत आधार मौजूद ह, क वष 2014 से यू ेन म तथाकिथत ‘यु अपराध’ (War Crimes) और ‘मानवता के िखलाफ अपराध’ (Crimes Against Humanity) दोन ही कए जा रहे ह। संबंिधत करण: ‘अंतररा ीय आपरािधक यायालय’ (ICC) के िलए “आ ामकता के अपराध के संबंध म” कई ा ए है, कंतु यह अदालत “इस किथत अपराध पर अपने अिधकार े ” का योग नह कर सकती है, य क स और यू ेन दोन ही ‘अंतररा ीय आपरािधक यायालय’ क सं थापक ‘रोम संिविध’ (Rome Statute) पर ह ता रकता नह ह। ले कन, अब ‘अंतररा ीय आपरािधक यायालय’ का मानना है, क इस अदालत के पास इस मामले म अपनी शि य का योग करने का अिधकार े है, य क इससे पहले यू ेन दो बार – एक बार 2014 म स के िमया पर क जा करने के बाद तथा दूसरी बार, वष 2015 म यू ेन ारा अदालत के अिधकार े को “अिनि त अविध” को मा यता देते समय – अदालत के अिधदेश को वीकार कर चुका या स ारा यू ेन म यु अपराध कए गए है?  28 फरवरी क सुबह, यू ेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खा कव (Kharkiv) के क म सी ैड िमसाइल ने कहर बरपाया।  यू ेन के रा पित वलोिडिमर ज़ेल क के अनुसार, िमसाइल से जानबूझकर नाग रक को िनशाना बनाया गया और यह हमला ‘यु अपराध’ है। ‘यु अपराध’ या होते है? संयु रा के अनुसार, ‘यु अपराध’ (War Crime), अंतररा ीय या घरेलू सश संघष के दौरान नाग रक या ‘श ु लड़ाक ’ के िखलाफ कए जाने वाले अंतररा ीय कानून का गंभीर उ लंघन होते है।  नरसंहार और मानवता के िखलाफ अपराध के िवपरीत, ‘यु अपराध’ को सश संघष के संदभ म कए जाने वाले अपराध को शािमल कया जाता है। ‘िजनेवा क वशन’  वष 1949 म ह ता रत चार ‘िजनेवा क वशन’ (Geneva Conventions) म ‘यु अपराध ’ (War Crimes) का अथ प कया गया था।  चौथे जेनेवा क वशन के अनु छेद 147 म यु अपराध को “जानबूझकर अ यिधक पीड़ा प चाने अथवा शरीर या वा य पर गंभीर चोट प ंचाने, गैरकानूनी प से िनवासन या थाना त रत करने, बंधक बनाने अथवा गैरकानूनी प से कैद करने, ापक तर पर िवनाश करने और प रस पि य पर क ज़ा करने सिहत जानबूझकर ह याएं,
  • 3. यातना देने, अ य अमानवीय तरीक और सै य-ज रत के तहत गैर-तकसंगत, जानबूझकर और िनदयतापूर्वक कए जाने वाले काय के प म प रभािषत कया गया है”। अंतरा ीय अपराध यायालय (ICC) घटना म: ‘अंतरा ीय अपराध यायालय’ क रोम संिविध के ारा अपराध क सूची का िव तार कया गया है, िजसमे ‘यु अपराध ’ के तहत आने वाले अपराध को भी शािमल कये गए ह। उदाहरण के िलए, इस क़ानून के तहत, जबरन गभाधान को यु अपराध के प म माना जाएगा। समानता, पहचान और पूविवधान: इस मानवीय कानून के तीन मु य तंभ, समानता (Proportionality), पहचान (Distinction), पूविवधान (Precaution) के िस ांत ह। य द इनम से कसी एक या सभी िस ांत का उ लंघन कया जाता है, तो इसे यु अपराध माना जाएगा। CAATSA से छूट (CAATSA waiver) संदभ: वतमान म जारी ‘यू ेन संकट’ पर और पि मी देश के बीच बढ़ते तनाव के बीच, भारत के सम ‘एस-400’ समझौते को लेकर, िनकट भिव य म समय पर र ा णाली क िडलीवरी पर अिनि तता तथा ‘अमे रक ित ंि य को ितबंधो के मा यम से यु र अिधिनयम‘ (Countering America’s Adversaries Through Sanctions Act – CAATSA) के तहत अमे रक ितबंध लगाए जाने के खतरे का भी सामना कर रहा है। िव दत हो क, भारत के मॉ को और क व, दोन के साथ मुख र ा सहयोग संबंध ह। वतमान चंता का िवषय: 1. अतीत म, स और यू ेन के बीच जारी तनाव क वजह से ‘भारतीय वायु सेना’ (IAF) के ‘AN-32 प रवहन बेड़े’ के आधुिनक करण म काफ देरी हो चुक है। 2. अतः, नवीनतम चंता यह है, क इस यु के प रणाम व प, स क अपनी घरेलू ितब ता तथा पि म ारा लगाए गए ितबंध के कारण, स से भारत को एस-400 र ा णाली क होने वाली िडलीवरी म देरी हो सकती है। भारत- स सै य ापार का अवलोकन: स, भारत का िविभ लेटफॉम एवं ौ ोिग कय - िजनको अ य देश ारा साझा करने से मना कर दया गया- को साझा करने वाला एक पारंप रक सै य आपू तकता रहा है। हाल के वष म भारत और स के बैच सहयोग- संबंध और गहरे ए ह।
  • 4.  उदाहरण के िलए, 43िबिलयन डॉलर के S-400 वायु र ा णाली समझौते तथा अ य मह वपूण सौद के साथ भारत- स के म य ापार 2018 के 15 िबिलयन डॉलर क सीमा को पार कर गया है।  आज भी, भारतीय सै य सूची म 60% से अिधक- िवशेष प से लड़ाकू जेट, टक, हेलीकॉ टर और पनडुि बयां आ द – उपकरण सी- उ पि क है। इसके अलावा कई मुख सौद पर वाता जारी है।  भारत ने यु पोत के िलए आठ ‘ज़ोया-मश ोए ट (Zorya-Mashproekt) गैस टबाइन इंजन ’ के िलए यू ेन के साथ एक पृथक समझौते पर भी ह ता र कए गए ह।  यू ेन, 2009 म अंितम प दए गए एक सौदे के तहत, भारतीय वायुसेना के 100 से अिधक एएन-32 प रवहन िवमान का उ यन भी कर रहा है। S-400 वायु र ा णाली एवं भारत के िलए इसक आव यकता: S-400 ाय फ (Triumf) स ारा िडज़ाइन क गयी एक मोबाइल, सतह से हवा म मार करने वाली िमसाइल णाली (surface-to-air missile system- SAM) है।  यह िव म सबसे खतरनाक, आधुिनक एवं प रचालन हेतु तैनात क जाने वाली लंबी दूरी क सतह से हवा म मार करने वाली िमसाइल णाली SAM (MLR SAM) है, िजसे अमे रका ारा िवकिसत, ‘ट मनल हाई ए टी ूड ए रया िडफस’ (Terminal High Altitude Area Defence – THAAD) से काफ उ त माना जाता है। CAATSA या है? ‘अमे रक ित ंि य को ितबंधो के मा यम से यु र अिधिनयम’ (Countering America’s Adversaries Through Sanctions Act- CAATSA) का मुख उ े य दंडा मक उपाय के मा यम से ईरान, उ र को रया और स को यु र देना है।  यह क़ानून वष 2017 म अिधिनयिमत कया गया था।  इसके तहत, स के र ा और ख़ फ़या े म मह वपूण लेनदेन करने वाले देश के िखलाफ लगाए जाने वाले ितबंधो को शािमल कया गया है।
  • 5. लगाये जाने वाले ितबंध: 1. अिभिहत ि (sanctioned person) के िलए ऋण पर ितबंध। 2. अिभिहत ि य को िनयात करने हेतु ‘िनयात-आयात बक’ सहायता का िनषेध। 3. संयु रा य सरकार ारा अिभिहत ि से व तु या सेवा क खरीद पर ितबंध। 4. अिभिहत ि के नजदीक लोग को वीजा से मनाही। सौदे का मह व: S-400 र ा णाली समझौते संबंधी िनणय इस बात का एक ब त सश उदाहरण है, क अंतररा ीय भागीदार को चुनने के िलए, िवशेषकर रा ीय िहत और रा ीय सुर ा के मु क बात आती है, तब हमारी र ा और रणनीितक साझेदारी कतनी उ त है, और भारतीय सं भुता कतनी मजबूत है।
  • 6. आटिमस काय म संदभ: नासा के आटिमस काय म (Artemis Program) क चं मा पर पहली ू ल डंग, वष 2026 म होने क संभावना है। इस बीच, नासा ारा मई 2022 म आटिमस 1 (Artemis 1) को लॉ च कया जाएगा। देरी के कारण: NASA के अनुसार, मानव के सतह पर उतरने संबंधी णाली (Human Landing System) और नासा के अगली पीढ़ी के पेससूट के िवकास और परी ण हेतु अभी और अिध समय चािहए। आटिमस या है? आटिमस (ARTEMIS) का पूरा नाम “ऐ सेलरैशन, रीकने शन, ट युल स एंड इले ोडायनािम स ऑफ़ मून’स इंटरए शन िवद द सन” (Acceleration, Reconnection, Turbulence and Electrodynamics of Moon’s Interaction with the Sun) अथात चं मा का सूय के साथ अंतः या का गितवधन, पुन:संयोजन, िव ोभ तथा िव ुत्-गितक है। यह नासा ारा चं मा पर भेजा जाने वाला अगला िमशन है। उ े य:  इसका उ े य, चं मा क च ानी सतह, जहाँ इसक र ा के िलए कोई चुंबक य े नह होता है- पर सूय का िव करण के टकराने के भाव को मापना है।  ीक पौरािणक कथा म, ‘आटिमस’ अपोलो क जुड़वां बहन और चं मा क देवी थी। िमशन का मह व: आटिमस काय म के तहत, नासा ारा वष 2024 तक चं मा क सतह पर पहली बार कसी मिहला को तथा अगले पु ष को उतारा जाएगा। िमशन िववरण:  पेस लॉ च िस टम (SLS) नामक नासा के शि शाली नए रॉकेट से ‘ओ रयन अंत र यान’ म सवार अंत र याि य को पृ वी से लगभग सवा लाख मील क दूरी पर चं मा क क ा म भेजा जाएगा।  अंत र या ी ‘ओ रयन यान’ को गेटवे (Gateway ) पर डॉक करगे और चं मा क सतह पर अिभयान हेतु मानव ल डंग िस टम म प ंचगे।  अिभयान क समाि पर अंत र या ी पृ वी पर सुरि त लौटने हेतु फर से ओ रयन पर सवार होने िलए ‘क ीय चौक ’ (orbital outpost) पर लौट आएंगे। आटिमस 1, आटिमस 2 एवं आटिमस 3: नासा ारा अपनी गहन अंत र अ वेषण णािलय का परी ण करने हेतु चं मा के चार ओर दो िमशन भेजे जाएंगे।
  • 7. 1. आटिमस 1 (Artemis 1) का ल य, एक बार उड़ान भरने वाले ओ रयन अंत र यान के साथ, अभी तक एक बार भी उडान नह भरने वाले ‘ पेस लॉ च िस टम रॉकेट’ के संयोजन का उपयोग करके चं मा के चार ओर एक मानव रिहत अंत र यान भेजना है। 2. आटिमस 2 (Artemis 2): वष 2024 म चं मा क प र मा करने वाले आटिमस 2 िमशन को लांच करने के साथ, नासा ारा आटिमस काय म का िव तार करने क योजना है। 3. इसके बाद वष 2020 के दशक म भेजे जाने वाले अ य चालक दल सिहत िमशन से पहले वष 2025 म आटिमस 3 िमशन भेजा जाएगा। वै ािनक उ े य:  दीघाविध तक अ वेषण करने के दौरान आव यक पानी और अ य मह वपूण संसाधन का पता लगाना और उनका उपयोग करना।  चं मा के रह य क जांच करना और पृ वी तथा ांड के बारे म अिधक जानकारी जुटाना।  अंत र या ी ारा मा तीन दन दूर ि थत कसी अ य खगोलीय पंड क सतह पर रहने और काय करने के बारे म जानकारी जुटाना।  मंगल िमशन पर अंत र याि य को भेजने से पहले हम िजन तकनीक क आव यकता है, उ ह मािणत करना। मंगल िमशन म तीन साल तक का समय लग सकता है। चं अ वेषण: 1. वष 1959 म, सोिवयत संघ का िबना चालक दल का लूना 1 और लूना 2 चं मा पर जाने वाला पहला रोवर बना। 2. इससे पहले क अमे रका ारा अपोलो 11 िमशन को चं मा पर भेजा गया, और इसने 1961 और 1968 के बीच तीन ेिणय क रोबो टक िमशन चं मा पर भेजे। 3. जुलाई 1969 के बाद से वष 1972 तक 12 अमे रक अंत र या ी चं मा क सतह पर मण कर चुके ह। 4. 1990 के दशक म, अमे रका ारा रोबो टक िमशन लेमटाइन और लूनर ॉ पे टर के साथ चं अ वेषण फर से शु कया गया। 5. 2009 म, अमे रका ने ‘लूनर टोही ऑ बटर’ (Lunar Reconnaissance Orbiter – LRO) और लूनर ेटर ऑ जवशन एंड स संग सैटेलाइट (LCROSS) के ेपण के साथ ‘रोबो टक चं अिभयान ’ क एक नई ृंखला शु क । 6. 2011 म NASA ने ARTEMIS िमशन क शु आत क । 7. 2012 म, ‘ ेिवटी रकवरी एंड इंटी रयर लेबोरेटरी’ (GRAIL) अंत र यान ने चं मा के गु वाकषण का अ ययन कया। 8. अमे रका के अलावा यूरोपीय अंत र एजसी, जापान, चीन और भारत ने चं मा पर अ वेषण हेतु िविभ िमशन भेजे जा चुके ह। चीन के ारा चं मा क सतह पर दो रोवर उतारे गए ह, िजसम 2019 म चं मा के सबसे दूर थ कनारे क ओर पहली बार ल डंग भी शािमल है।
  • 8. स-यू ेन संकट का सेमीकंड टर िच स क वैि क स्तर पर कमी पर भाव संदभ: स और यू ेन, वैि क तर पर ‘अधचालक आपू त ृंखला’ (Semiconductor Supply Chain) के मह वपूण क ह। ये दोन देश इस उ ोग के िलए ‘पैलेिडयम’ जैसी दुलभ धातुएं और ‘िनयॉन’ जैसी गैस उपल ध कराते ह, िजनका लगभग सभी आधुिनक उपकरण और उपकरण म मौजूद िसिलकॉन वेफस के उ पादन म उपयोग कया जाता है। मौजूदा स-यू ेन संकट के बीच, तनाव एवं यु क ि थित ‘सेमीकंड टर िच स क वैि क तर पर कमी’ को और खराब कर सकती है। संबंिधत करण: िजस तरह, वैि क अधचालक उ ोग (Semiconductor Industry) के िलए स दुलभ धातु क आपू त करता है, उसी तरह यू ेन, िचप-उ पादन उ ोग के िलए आव यक गैस क आपू त करता है। इस कार, अधचालक क आपू त ृंखला म तनाव बढ़ाने क संभावना है। सेमीकंड टर िच स, एिशया- शांत े म ऑटो और अ य इले ॉिनक उपकरण के िनमाण के िलए काफ मह वपूण ह। ‘सेमीकं ड टर िच स’ के बारे म: अधचालक अथात सेमीकंड टस (Semiconductors) – िज ह एक कृत स कट (आईसी), या माइ ोिच स के प म भी जाना जाता है – ायः िसिलकॉन या जमिनयम या गैिलयम आसनाइड जैसे यौिगक से िन मत होते ह। सेमीकं ड टर िच स का मह व:  ‘सेमीकंड टर िच स’, सभी आधुिनक इले ॉिन स और ‘सूचना और संचार ौ ोिगक ’ उपकरण के ‘ दल और दमाग’ के प म काय करने वाले बुिनयादी ‘िब डंग लॉक्स’ होते ह।  ये िच स अब समकालीन ऑटोमोबाइल, घरेलू गैजे स और ईसीजी मशीन जैसे आव यक िच क सा उपकरण का एक अिभ अंग बन चुके ह। इनक मांग म हािलया वृि :  कोिवड -19 महामारी क वजह से, दन- ित दन क आ थक और आव यक गितिविधय के बड़े िह से को ऑनलाइन प से कए जाने या इ ह िडिजटल प से स म बनाए जाने के दबाव ने, लोग के जीवन म िचप- संचािलत कं यूटर और माटफोन क ‘क ीयता’ को उजागर कर दया है।  दुिनया भर म फ़ै ली महामारी और उसके बाद लगाए गए लॉकडाउन क वजह से जापान, दि ण को रया, चीन और अमे रका सिहत देश म ‘मह वपूण िचप बनाने वाली सुिवधा ’ को भी बंद कर दया गया।  ‘सेमीकंड टर िच स’ क कमी का ापक अनुवत असर पड़ता है। पहले ‘िच स’ का अिधक मा ा म भंडारण कए जाने से इसक मांग म वृि होती है, जो बाद म आपू त म कमी का कारण बन जाती है।
  • 9. भारत क सेमीकंड टर मांग और संबंिधत पहल:  भारत म, वतमान म सभी कार क िच स का आयात कया जाता है, और वष 2025 तक इस बाजार के 24 अरब डॉलर से 100 अरब डॉलर तक प ंचने का अनुमान है।  क ीय मंि मंडल ारा, हाल ही म, एक ‘अधचालक और दशन िविनमाण पा रतं ’ (Semiconductors and Display Manufacturing Ecosystem) के िवकास म सहयोग करने के िलए ₹76,000 करोड़ क रािश आवं टत क गयी है।  भारत ने ‘इले ॉिनक कंपोन स एंड सेमीकंड टस’ के िनमाण को बढ़ावा देने हेतु योजना (Scheme for Promotion of Manufacturing of Electronic Components and Semiconductors) भी शु क है, िजसके तहत इले ॉिन स घटक और अधचालक के िनमाण के िलए आठ साल क अविध म 3,285 करोड़ पये का बजट प र य मंजूर कया गया है। आगे क चुनौितयां: 1. उ िनवेश क आव यकता 2. सरकार क ओर से यूनतम िव ीय सहायता 3. संरचना मता (Fab Capacities) क कमी 4. PLI योजना के तहत अपया अनुदान 5. संसाधन अ म े आईपीसीसी रपोट (IPCC Report) संदभ: हाल ही म, ‘अंतर-सरकारी जलवायु प रवतन सिमित’ (Intergovernmental Panel on Climate Change- IPCC) क छठी आकलन रपोट (Sixth Assessment Report) का दूसरा भाग जारी कया गया।  रपोट के इस दूसरे भाग म जलवायु प रवतन के भाव , जोिखम और कमजो रय और अनुकूलन िवक प के बारे म आकलन कया गया है।  रपोट का पहला भाग, िपछले साल अग त म जारी कया गया था, जो क जलवायु प रवतन के वै ािनक आधार पर क त था। ‘छठी आकलन रपोट’ (AR6) या है? संयु रा ारा ग ठत ‘जलवायु प रवतन पर अंतर सरकारी पैनल’ (IPCC) क छठी आकलन रपोट (Sixth Assessment Report – AR6), जलवायु प रवतन से संबंिधत वै ािनक, तकनीक और सामािजक-आ थक जानकारी का आकलन करने के उ े य से तैयार क जाने वाली रपोट क एक ृंखला म छठी रपोट है।  यह रपोट अतीत, वतमान और भिव य क जलवायु का अवलोकन करते ए जलवायु प रवतन क भौितक का आंकलन करती है।
  • 10.  इस रपोट म, मानव-जिनत उ सजन क वजह से हमारे ह म होने वाले प रवतन और हमारे सामूिहक भिव य के िलए इसके िनिहताथ के बारे म बताया गया है। पहली आकलन रपोट वष 1990 म जारी क गयी थी। इस रपोट म, पृ वी क जलवायु क ि थित का सबसे ापक मू यांकन कया जाता है। अब तक, मशः 1990, 1995, 2001, 2007 और 2015 म पांच आकलन रपोट जारी क जा चुक ह। रपोट के मुख बंदु:  नवीनतम रपोट म, पहली बार, जलवायु प रवतन के े ीय और े ीय भाव का आकलन कया गया है।  इसम दुिनया भर के मेगा-शहर के सम खड़े जोिखम और उनक कमजो रय को शािमल कया गया है। उदाहरण के िलए, रपोट के अनुसार, मुंबई म समु के तर म वृि और बाढ़ का उ जोिखम मजूद है, जब क अहमदाबाद म ी म लहर का गंभीर खतरा है। वा य पर भाव: पहली बार, आईपीसीसी रपोट म जलवायु प रवतन के वा य भाव का अवलोकन कया गया है।  रपोट के अनुसार, जलवायु प रवतन से- िवशेष प से एिशया के उपो णक टबंधीय े म- मले रया और डगू जैसे वे टर जिनत और जल जिनत रोग म वृि हो रही है।  तापमान म वृि होने क वजह से, संचार, सन, मधुमेह और सं ामक रोग से संबंिधत मौत के साथ-साथ, िशशु मृ यु दर म भी वृि होने क संभावना है।  ी म लहर , बाढ़ एवं सूखे जैसी चरम मौसमी घटना क बढ़ती आवृि , और यहां तक क वायु दूषण भी कुपोषण, एलज संबंधी बीमा रय के साथ-साथ ‘मानिसक िवकार ’ म भी योगदान दे रहे ह। भारत िविश अ ययन: रपोट म भारत को एक संवेदनशील हॉट पॉट के प म िचि नत कया गया है, िजसके कई े और मह वपूण शहर बाढ़, समु के तर म वृि और ी म लहर जैसी जलवायु आपदा के ब त अिधक जोिखम का सामना कर रहे ह।  मुंबई, समु के तर म वृि और बाढ़ के उ जोिखम का सामना कर रहा है।  अहमदाबाद, ी म-लहर के गंभीर खतरे का सामना कर रहा है।  चे ई, भुवने र, पटना और लखनऊ सिहत कई शहर, गम और उमस के खतरनाक तर के करीब प ंच रहे ह।  प रवहन, पानी, व छता और ऊजा णािलय सिहत बुिनयादी ढांचे को, चरम एवं धीमी शु आत वाली जलवायु घटना क वजह से नुकसान पं च रहा है, िजसके प रणाम व प आ थक नुकसान, सेवा म वधान और लोक- क याण पर भाव पड़ता है।  2050 तक 877 िमिलयन क अनुमािनत आबादी – 2020 क 480 िमिलयन आबादी से लगभग दोगुना- के साथ शहरी भारत, देश के अ य े क तुलना म अिधक जोिखम म है।  आईपीसीसी के अनुसार, वतमान म, भारत म ‘वेट-ब ब तापमान’ (Wet-Bulb Temperatures) शायद ही कभी 31 िड ी सेि सयस से अिधक हो पाता है। आमतौर पर, देश के अिधकांश िह स म अिधकतम वेट-ब ब तापमान 25-30 िड ी सेि सयस रहता है।
  • 11. आईपीसीसी रपोट का मह व:  ‘अंतर-सरकारी जलवायु प रवतन सिमित’ (IPCC) क रपोट, िव के तमाम देश ारा जलवायु प रवतन का सामना करने हेतु बनाई जाने वाली नीितय के िलए एक ‘वै ािनक आधार’ दान करती है।  आईपीसीसी रपो स, अपने आप म नीितगत िनदशा मक नह होती ह; इन रपो स म यह बही बताया जाता है क, देश या सरकार को या करना चािहए और या नह करना चािहए। ये रपो स, केवल यथासंभव वै ािनक माण के साथ त या मक ि थितय को तुत करती ह।  और फर भी, ये रपो स जलवायु प रवतन से िनपटने के िलए काय योजना तैयार करने म ब त मददगार हो सकती ह।  ये रपोट, वैि क तर पर िविभ देश क ित या पर िनणय करने हेतु ‘अंतरा ीय जलवायु प रवतन वाता ’ का आधार भी बनती ह। इ ह वाता के तहत, पे रस समझौते और पहले योटो ोटोकॉल का िनमाण कया गया था। ‘अंतर-सरकारी जलवायु प रवतन सिमित’ (IPCC) के बारे म: ‘अंतर-सरकारी जलवायु प रवतन सिमित’ (Intergovernmental Panel on Climate Change – IPCC), मानव े रत जलवायु प रवतन पर जानकारी एवं ान म वृि करने हेतु उ रदायी, संयु रा का एक अंतर सरकारी िनकाय है।  इसक थापना, वष 1988 म ‘िव मौसम िव ान संगठन’ (WMO) और ‘संयु रा पयावरण काय म (UNEP)’ के ारा क गयी थी।  मु यालय: िजनेवा, ि व जरलड।  काय: नीित िनमाता को, जलवायु प रवतन के वै ािनक आधार, इसके भाव और भिव य के जोिखम और अनुकूलन और शमन के िवक प का िनयिमत आकलन दान करना।