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गुरुत्ल कामाारम द्राया प्रस्तुत भासवक ई-ऩत्रिका अप्रैर-2020 | अॊक 2
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गुरुत्ल ज्मोसतऴ भासवक
ई-ऩत्रिका भें रेखन शेतु
फ्रीराॊव ्स्लतॊिल रेखकक का
स्लागत शैं...
गुरुत्ल ज्मोसतऴ भासवक ई ऩत्रिका
भें आऩके द्राया सरखे गमे भॊि,
मॊि, तॊि, ज्मोसतऴ, अॊक ज्मोसतऴ,
लास्तु, पें गळुई, टैयक, येकी एलॊ
अन्म आध्मात्त्भक सान लधाक
रेख को प्रकासळत कयने शेतु बेज
वकते शैं।
असधक जानकायी शेतु वॊऩका कयें।
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गुरुत्ल ज्मोसतऴ
भासवक ई-ऩत्रिका
अप्रैर 2020 | अॊक 2
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पोटो ग्राफपक्व
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अनुक्रभ
अषम तृसतमा (अखातीज 26-अप्रैर-2020) 7 रक्ष्भी प्रासद्ऱ का अभोघ वाधन दत्षणालता ळॊख 33
अषम तृसतमा स्लमॊ सवत्रि अफूझ भुशूता 9
बगलान श्रीकृ ष्ण ने वभझामा अषम तृतीमा व्रत
का भाशात््म
36
अषम तृतीमा का धासभाक भशत्ल 11
अषम तृतीमा को स्थात्रऩत कयें रक्ष्भी प्रासद्ऱ शेतु
दुराब वाभग्रीमाॊ
37
अषम तृतीमा वे जुडी ऩौयात्णक भान्मताएॊ 12
ऩायद रक्ष्भी वाधना
43
भॊि सवि कारी शल्दी के त्रलसबन्न राब 15
श्रीमॊि की भफशभा
44
धन प्रासद्ऱ का अ ूक उऩाम स्पफटक श्रीमॊि का
ऩूजन
20
वुलणा के आबूऴण धायण कयने के त्रलसबन्न
राब
55
रक्ष्भी प्रासद्ऱ भें राबप्रद दुराब भॊि सवि कल
22
धन प्रासद्ऱ औय वुख वभृत्रि के सरमे लास्तु
सविाॊत
58
भत्कायी रक्ष्भी मॊि वे दूय शोगी आसथाक
वभस्माएॊ
24
ेशये ऩय सतर का प्रबाल
59
स्लमॊ सवि कयें रक्ष्भी भॊि 26 आईना एलॊ लास्तु सविाॊत 60
धन लऴााने लारी वात दुराब रक्ष्भी वाधनाएॊ 27
स्थामी औय अन्म रेख
वॊऩादकीम
4 दैसनक ळुब एलॊ अळुब वभम सान तासरका
86
अप्रैर 2020 भासवक ऩॊ ाॊग 77 फदन- यात के ौघफडमे
87
अप्रैर 2020 भासवक व्रत-ऩला-त्मौशाय 79 फदन- यात फक शोया - वूमोदम वे वूमाास्त तक
88
अप्रैर 2020 -त्रलळेऴ मोग
86
त्रप्रम आत्त्भम,
फॊधु/ फफशन
जम गुरुदेल
लैळाख ळुक्र ऩष की तृतीमा को अषम तृतीमा का ऩला भनामा जाता शैं। अषम तृतीमा स्लमॊसवि ल
अफूझ भुशूता शैं। एवी भान्मता शैं, फक अषम तृतीमा के फदन फकमा गमा दान, शलन, ऩूजन अषम (वॊऩूणा) अथाात
त्जवका षम (नाळ) नशीॊ शोता शैं।
फशॊदू धभाग्रॊथो भें अषम तृतीमा सतसथ वे जुडे कई यो क तथ्मक का लणान सभरता शै। इव त्रलळेऴाॊक भें
ऩाठको के भागादळान शेतु कु छ प्रभुख तथ्म प्रस्तुत कयने का प्रमाव फकमा गमा शैं।
बायतीम ऩॊ ाग के अनुवाय लऴा भें 19 अफूझ भुशूता ल 4 स्लमॊ सवत्रि भुशूता शोते शैं। अषम तृतीमा (आखा
तीज) बी अफूझ भुशूता ल सवत्रि भुशूता भें वे एक शैं।
अषम तृसतमा को ऩूये बायत लऴा भें कई नाभक वे जाना औय भनामा जाता शैं, त्जवभें भुख्म रुऩ वे
अषम तृतीमा, आखा तीज तथा लैळाख तीज प्रभुख शैं। इव लऴा 2020 भें अषम तृतीमा 26 अप्रैर यत्रललाय को शैं।
अषम तृसतमा के फदन कोई बी ळुब कामो का प्राय्ब कयना त्रलळेऴ ळुब भाना जाता शैं। ळास्त्रोक्त
भतानुळाय इव फदन कोई बी ळुब कामा ळुरु कयने वे उव कामा का पर सनत्द्ळत त्स्थय रुऩ भें प्राद्ऱ शोते शैं।
ळास्त्रो भें उल्रेख शैं फक लैळाख भाव के ळुक्र ऩष की तृसतमा अथाात अषम तृसतमा के फदन बगलान
के नय-नायामण, ऩयळुयाभ, शमग्रील रुऩ भें अलतरयत शुए थे। इव सरमे अषम तृसतमा को ऩयळुयाभ ल अन्म
जमत्न्तमाॊ भानकय उवे उत्वल रुऩ भें भनामा जाता शैं।
वाॊवारयक एलॊ वाभात्जक जीलन भें फकवी बी लस्तु के क्रम-त्रलक्रम का भुख्म आधाय वेतु धन शी भाना
गमा शै। एलॊ फशन्दू ळास्त्रोक्त लणा शैं धन की देली रक्ष्भी शैं, त्जनके प्रवन्न शोने वे भनुष्म को वबी प्रकाय वे
धन, वभृत्रि एलॊ ऐद्वमा की प्रासद्ऱ शोती शै। भाॊ रक्ष्भी को ॊ र भाना गमा शैं। अथाात रक्ष्भी जी फकवी एक
जगश फटकती नशीॊ शै। फकव प्रकाय रक्ष्भी का आगभन आऩके घय भें शोता यशे औय जीलन वे दु्ख, दरयद्र, कद्शो
वे छु टकाया प्राद्ऱ शो कय जीलान खुसळमक वे बय जाए उववे जुडे यशस्मो को बायतीम ऋत्रऴ भुसनमक ने खोज
सनकारा शैं।
त्रलद्रानो का कथन शै की अषम तृतीमा के फदन फकमा गमा दान, शलन, ऩूजन अषम (वॊऩूणा) अथाात
त्जवका षम (नाळ) नशीॊ शोता शैं। शय व्मत्रक्त की मश इच्छा शोती यशती शै फक उवे जीलन ऩमान्त अषम रक्ष्भी
की प्रासद्ऱ शोती यशे। इवसरए अषम तृतीमा के फदन देली रक्ष्भी एलॊ बगलान त्रलष्णु का ऩूजन अ ान त्रलळेऴ
राबप्रदान कयने लार भाना गमा शै। क्मोफक रक्ष्भी जी के वाथ त्रलष्णु जी का ऩूजन घयभें त्स्थय रक्ष्भी का
सनलाव भाना गमा शै।
आज के बौसतक मुग भें शय व्मत्रक्त की ाश शोती शैं की उवे असधक वे असधक धन-वॊऩत्रि एलॊ ऐद्वमा
प्राद्ऱ शो औय लश अषत रुऩ वे उवके ऩाव यशे। आज शय व्मत्रक्त अऩनी धन-वॊऩत्रि को फदन दोगुनी यात ौगुनी
यफ्ताय वे फढ़ाना ाशते शैं, इवसरए व्मत्रक्त रक्ष्भी प्रासद्ऱ शेतु त्रलसबन्न उऩाम जैवे भॊि, मॊि, तॊि एलॊ वाधना आफद
प्रमोगो को अऩना कय रक्ष्भीजी को प्रवन्न कय वकते शैं।
त्जन रोगक ने रक्ष्भी प्रासद्ऱ एलॊ अऩने घय भें वुख वभृत्रि के सरए रक्ष्भीजी की प्रवन्ना शेतु दुराब
वाभग्री को अऩने घय भें अलश्म स्थात्रऩत कय उवका सनमसभत ऩूजन-अ ान कयना फशए। त्जनके घय भें दुराब
वाभग्रीमाॊ ऩशरे वे स्थात्रऩत शो उन्शें असधक राब की प्रासद्ऱ शेतु रक्ष्भी प्रासद्ऱ के अन्म वयर उऩामक को बी
अऩने जीलन भें अलश्म आजभाना ाफशए। लश रोग जो इन दुराब वाभग्रीमक को स्थात्रऩत कयने भें अवभथा शैं,
उन रोगक को रक्ष्भी प्रासद्ऱ के अनुबूत उऩामो को अऩनाकय अऩने जीलन भें सनत्द्ळत रुऩ वे वुख-वभृत्रि एलॊ
ऐद्वमा प्राद्ऱ कयने का प्रमाव कयना ाफशए एलॊ इन उऩामक वे राब की प्रासद्ऱ शोने ऩय त्रलसबन्न दुराब लस्तुओॊ
को प्राद्ऱ कय अऩने घय भें अलश्म स्थात्रऩत कय उवना सनमसभत ऩूजन-अ ान कयना ाफशए।
अषम तृतीमा जैवे अफुझ भुशूता भें धन प्रासद्ऱ के त्रलळेऴ उऩामक को प्रायॊब कय सनत्द्ळत रुऩ वे अऩने
जीलन भें धन-लैबल, वुख-वभृत्रि का आगभन फकमा जा वकता शैं।
मफद व्मत्रक्त स्लमॊ कोई उऩाम प्रमोग मा वाधन इत्माफद द्राया स्लमॊ फकवी वाभग्री को सवि कयने भें
अवभथा शो को फकवी मोग्म गुरु मा ब्राह्मण वे बी कयला वकते शै अथला गुरुत्ल कामाारम द्राया ऩूणा प्राण
प्रसतत्रद्षत वाभग्रीमा वुरब भूल्म भें प्राद्ऱ कय त्रफना फकवी त्रलळेऴ ऩूजा अ ाना के राब प्राद्ऱ वकते शै।
त्रलद्रानक का कथन शैं की अषम तृतीमा के भशत्ल को जानते शुए ले बी मफद कोई इव अफुझ ळुब भुशूता
के राब वे लॊस त यश जाए तो वॊबल् उव अबागे भनुष्म का दुबााग्म शी शोगा की जो उवे इव ळुब भुशूता के
राब वे लॊस त यख यशा शोगा! इव अषम तृतीमा के ळुब भुशूता को त्रफना फकवी ऩूजन-अ ान अथला उऩाम
इत्माफद को फकमे फगैय छोड देना दुबााग्मऩूणा शै, धन-वॊऩत्रि एलॊ वॊऩन्नताकी काभना शेतु व्मत्रक्त को इव अलवय
का राब अलश्म उठाना ाफशए।
बायतीम त्रलद्रानक का भत शैं की वुलणा के आबूऴण को ळयीय के त्रलसबन्न अॊगक ऩय धायण कयने वे
अरग-अरग राबक की प्रासद्ऱ शोती शै। आमुलेद त्रलळेस के भतानुवाय वुलणा बष्भ के प्रमोग वे ळयीय को अनेक
प्रकाय के राब शोते शैं। वुलणा एक दुराब धातु शै। एलॊ वुलणा की बस्भ औऴसधम गुणक वे मुक्त असत दुराब शै।
वुलणा के आबूऴण का ळुब प्रबाल तबी शोता शैं जल मश शभाये ळयीय को स्ऩळा कय यशे शो।
इव अॊक भें शभने वुलणा वे जुडी कु छ यो क जानकायीमा आऩके भागादळान शेतु प्रकासळत फक गई शै।
इव भासवक ई-ऩत्रिका भें वॊफॊसधत जानकायीमक के त्रलऴम भें वाधक एलॊ त्रलद्रान ऩाठको वे अनुयोध शैं, मफद दळाामे
गए भॊि, द्ऴोक, मॊि, वाधना एलॊ उऩामक मा अन्म जानकायी के राब, प्रबाल इत्मादी के वॊकरन, प्रभाण ऩढ़ने, वॊऩादन भें,
फडजाईन भें, टाईऩीॊग भें, त्रप्रॊफटॊग भें, प्रकाळन भें कोई िुफट यश गई शो, तो उवे स्लमॊ वुधाय रें मा फकवी मोग्म ज्मोसतऴी,
गुरु मा त्रलद्रान वे वराश त्रलभळा कय रे । क्मोफक त्रलद्रान ज्मोसतऴी, गुरुजनो एलॊ वाधको के सनजी अनुबल त्रलसबन्न भॊि,
द्ऴोक, मॊि, वाधना, उऩाम के प्रबालक का लणान कयने भें बेद शोने ऩय काभना सवत्रि शेतु फक जाने लारी लारी ऩूजन त्रलसध
एलॊ उवके प्रबालक भें सबन्नता वॊबल शैं।
आऩको एलॊ आऩके ऩरयलाय के वबी वदस्मक को गुरुत्ल कामाारम
ऩरयलाय की औय अषम तृतीमा की ळुबकाभनाएॊ ..
आऩका जीलन वुखभम, भॊगरभम शो भाॊ रक्ष्भी की कृ ऩा आऩके
ऩरयलाय ऩय फनी यशे। भाॊ रक्ष्भी वे मशी प्राथना शैं… स ॊतन जोळी
eगुरुत्ल ज्मोसतऴ 6 अप्रैर 2020 | अॊक 2
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***** भासवक ई-ऩत्रिका वे वॊफॊसधत वू ना *****
 ई-ऩत्रिका भें प्रकासळत वबी रेख गुरुत्ल कामाारम के असधकायक के वाथ शी आयत्षत शैं।
 ई-ऩत्रिका भें लत्णात रेखक को नात्स्तक/अत्रलद्वावु व्मत्रक्त भाि ऩठन वाभग्री वभझ वकते शैं।
 ई-ऩत्रिका भें प्रकासळत रेख आध्मात्भ वे वॊफॊसधत शोने के कायण बायसतम धभा ळास्त्रक वे प्रेरयत शोकय प्रस्तुत
फकमा गमा शैं।
 ई-ऩत्रिका भें प्रकासळत रेख वे वॊफॊसधत फकवी बी त्रलऴमो फक वत्मता अथला प्राभात्णकता ऩय फकवी बी
प्रकाय की त्जन्भेदायी कामाारम मा वॊऩादक फक नशीॊ शैं।
 ई-ऩत्रिका भें प्रकासळत जानकायीकी प्राभात्णकता एलॊ प्रबाल की त्जन्भेदायी कामाारम मा वॊऩादक की नशीॊ शैं
औय ना शीॊ प्राभात्णकता एलॊ प्रबाल की त्जन्भेदायी के फाये भें जानकायी देने शेतु कामाारम मा वॊऩादक फकवी
बी प्रकाय वे फाध्म शैं।
 ई-ऩत्रिका भें प्रकासळत रेख वे वॊफॊसधत रेखो भें ऩाठक का अऩना त्रलद्वाव शोना आलश्मक शैं। फकवी बी
व्मत्रक्त त्रलळेऴ को फकवी बी प्रकाय वे इन त्रलऴमो भें त्रलद्वाव कयने ना कयने का अॊसतभ सनणाम स्लमॊ का शोगा।
 ई-ऩत्रिका भें प्रकासळत रेख वे वॊफॊसधत फकवी बी प्रकाय की आऩिी स्लीकामा नशीॊ शोगी।
 ई-ऩत्रिका भें प्रकासळत रेख शभाये लऴो के अनुबल एलॊ अनुळॊधान के आधाय ऩय फदए गमे शैं। शभ फकवी बी
व्मत्रक्त त्रलळेऴ द्राया प्रमोग फकमे जाने लारे धासभाक, एलॊ भॊि- मॊि मा अन्म प्रमोग मा उऩामोकी त्जन्भेदायी
नफशॊ रेते शैं। मश त्जन्भेदायी भॊि- मॊि मा अन्म उऩामोको कयने लारे व्मत्रक्त फक स्लमॊ फक शोगी।
 क्मोफक इन त्रलऴमो भें नैसतक भानदॊडक, वाभात्जक, कानूनी सनमभक के त्खराप कोई व्मत्रक्त मफद नीजी स्लाथा
ऩूसता शेतु प्रमोग कताा शैं अथला प्रमोग के कयने भे िुफट शोने ऩय प्रसतकू र ऩरयणाभ वॊबल शैं।
 ई-ऩत्रिका भें प्रकासळत रेख वे वॊफॊसधत जानकायी को भाननने वे प्राद्ऱ शोने लारे राब, राब की शानी मा
शानी की त्जन्भेदायी कामाारम मा वॊऩादक की नशीॊ शैं।
 शभाये द्राया प्रकासळत फकमे गमे वबी रेख, जानकायी एलॊ भॊि-मॊि मा उऩाम शभने वैकडोफाय स्लमॊ ऩय एलॊ
अन्म शभाये फॊधुगण ऩय प्रमोग फकमे शैं त्जस्वे शभे शय प्रमोग मा कल , भॊि-मॊि मा उऩामो द्राया सनत्द्ळत
वपरता प्राद्ऱ शुई शैं।
 ई-ऩत्रिका भें गुरुत्ल कामाारम द्राया प्रकासळत वबी उत्ऩादक को के लर ऩाठको की जानकायी शेतु फदमा गमा शैं,
कामाारम फकवी बी ऩाठक को इन उत्ऩादक का क्रम कयने शेतु फकवी बी प्रकाय वे फाध्म नशीॊ कयता शैं। ऩाठक
इन उत्ऩादक को कशीॊ वे बी क्रम कयने शेतु ऩूणात् स्लतॊि शैं।
असधक जानकायी शेतु आऩ कामाारम भें वॊऩका कय वकते शैं।
(वबी त्रललादो के सरमे के लर बुलनेद्वय न्मामारम शी भान्म शोगा।)
eगुरुत्ल ज्मोसतऴ 7 अप्रैर 2020 | अॊक 2
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अषम तृसतमा (अखातीज 26-अप्रैर-2020)
 वॊकरन गुरुत्ल कामाारम
अषम तृसतमा को ऩूये बायत लऴा भें कई नाभक
वे जाना औय भनामा जाता शैं, त्जवभें भुख्म रुऩ वे
अषम तृतीमा, आखा तीज तथा लैळाख तीज
प्रभुख शैं। इव लऴा 2020 भें अषम तृतीमा 26 अप्रैर
यत्रललाय को शैं।
बायतीम ऩयॊऩयाके अॊतगात अषम तृसतमा का ऩला प्रभुख
त्मौशायक भें वे एक शैं। अषम तृसतमा को अफूझ भशूता
बी कशा जाता शैं।
अषम तृसतमा ऩला लैळाख भाव के ळुक्र ऩष
की तृसतमा सतसथ के फदन भनामा जाता शैं। त्रलद्रानो के
अनुळाय अषम तृसतमा के फदन स्नान, जऩ, शोभ, दान
आफद ऩूण्म कामा कयना त्रलळेऴ राबदामक सवि शोता शैं।
क्मकफक भान्मता शैं, फक इव फदन फकमे गम ऩुण्म कामा
का पर व्मत्रक्त को अषम रुऩ भें प्राद्ऱ शोता शैं।
अषम तृसतमा के फदन कोई बी ळुब कामो का
प्राय्ब कयना त्रलळेऴ ळुब भाना जाता शैं। ळास्त्रोक्त
भतानुळाय इव फदन कोई बी ळुब कामा ळुरु कयने वे
उव कामा का पर सनत्द्ळत त्स्थय रुऩ भें प्राद्ऱ शोते शैं।
ळास्त्रो भें उल्रेख शैं फक लैळाख भाव के ळुक्र
ऩष की तृसतमा अथाात अषम तृसतमा के फदन बगलान
के नय-नायामण, ऩयळुयाभ, शमग्रील रुऩ भें अलतरयत शुए
थे। इव सरमे अषम तृसतमा को ऩयळुयाभ ल अन्म
जमत्न्तमाॊ भानकय उवे उत्वल रुऩ भें भनामा जाता शैं।
एक ऩौयात्णक भान्मता के अनुवाय िेता मुग की
ळुरुआत बी इवी फदन वे शुई थी. इवी कायण वे इवे
िेतामुगाफद सतसथ बी कशा जाता शैं।
अषम तृतीमा के फदन ायक धाभक भें वे एक श्री
फद्रीनाथ नायामण धाभ के ऩाट खुरते शैं।
नमे व्मलवामीक कामा का ळुबाय्ब कयने के
सरमे इव फदन को प्रमोग फकमा जा वकता शैं।
अषम तृसतमा (ऩयळुयाभ तीज)
लैळाख ळुक्र ऩष की तृसतमा को अषम तृसतमा
के नाभ वे जानाजाता शैं। इव फदन श्री ऩयळुयाभजी का
जन्भ फदन शोने के कायण इवे ऩयळुयाभ तीज मा
ऩयळुयाभ जमॊती बी कशा जाता शैं।
अषम तृतीमा ळुब भुशूता
बायत भें ऩौयात्णक कार वे वबी ळुब कामा ळुब
भुशुता एलॊ ळुब वभम ऩय प्रायॊब कयने का प्र रन शैं।
व्मत्रक्त द्राया फकए जाने लारे कामा भें वपरता
प्राद्ऱ कयने के सरमे बायतीम ऩयॊऩया भें ऩुयातन कार वे
शी ळुब भुशुता औय वभम का ुनाल फकमा जाता यशा शैं।
त्रलद्रानो के अनुळाय जफ बी कोई व्मत्रक्त फकवी
ळुब कामा की ळुरुलात ळुब भुशुता वभम ऩय कयता शैं, तो
उव ळुब भुशूता वभम भें फकए ळुरु फकए गमे कामा के
वपर शोने की उव कामा भें असधक राबप्रासद्ऱ की
वॊबालनाएॊ फढ जाती शैं।
बायत भें लवॊत ऩॊ भी, याभनलभी, अषम तृसतमा,
जन्भाद्शभी, गणेळ तुथॉ, दळशया, धनतेयव, दीऩालरीभ
कासताक ऩूत्णाभा आफद को अफूझ भशूता भाना जाता शैं।
इवसरए अफूझ भशुता भें कोई बी ळुब कामा
प्राय्ब फकमा जा वकता शैं। ळास्त्रोक्त त्रलधान के अनुळाय
कामा प्राय्ब कयने के सरमे भुशूता के अन्म फकवी
सनमभ को देखना आलश्मक नशीॊ शैं। अफूझ भशुता भें
फकवी बी वभम भें कामा प्राय्ब फकमा जा वकता शैं।
अषम तृसतमा के फदन नई बूसभ-बल-लाशन
खयीदना, वोना- ाॊफद खयीदना जैवे त्स्थय रक्ष्भी वे
वॊफॊसधत लस्तुएॊ खयीदना वलोतभ भाना गमा शैं।
त्रलद्रानो के भतानुळाय अषम तृसतमा के फदन
गभॉ के भौवभ भें खाने-ऩीने-ऩशनने आफद काभ आने
eगुरुत्ल ज्मोसतऴ 8 अप्रैर 2020 | अॊक 2
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लारी औय गभॉ को ळाॊत कयने लारी वबी लस्तुओॊ का
दान कयना ळुब भाना जाता शैं।
अषम तृसतमा के फदन जौ, गेशूॊ, ने, दशी, ालर,
त्ख डी, ईळ (गन्ना) का यव, ठण्डाई ल दूध वे फने शुए
ऩदाथा, वोना, कऩडे, जर का घडा आफद दान कयना बी
राबदामक भाना जाता शैं।
 अषम तृसतमा के फदन फकए गए वबी धासभाक कामा
असत उिभ यशते शैं।
 अषम तृसतमा के फदन व्रत-उऩलाव के सरमे बी
 उिभ भाना जाता शैं।
 अषम तृसतमा के फदन देळ के कई फशस्वो भें
ालर, भूॊग की फनी त्ख डी खाने का रयलाज शैं।
 अषम तृसतमा के फदन गॊगा स्नान का फडा भशत्ल
भाना जाता शैं।
लैळाख ळुक्र ऩष की तृसतमा को स्लगॉम
आत्भाओॊ की प्रवन्नाता के सरए करळ, ऩॊखा, खडाऊॉ ,
छाता, विू, ककडी, खयफूजा आफद भौवभी पर, ळक्कय
इत्माफद ऩदाथा ब्राह्माण को दान कयने का त्रलधान शैं।
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eगुरुत्ल ज्मोसतऴ 9 अप्रैर 2020 | अॊक 2
© GURUTVA JYOTISH | © Articles Copyright Rights Reserved By GURUTVA KARYALAY
अषम तृसतमा स्लमॊ सवत्रि अफूझ भुशूता
 वॊकरन गुरुत्ल कामाारम
लैळाख ळुक्र ऩष की तृतीमा को अषम तृतीमा
का ऩला भनामा जाता शैं। अषम तृतीमा स्लमॊसवि ल
अफूझ भुशूता शैं। एवी भान्मता शैं, फक अषम तृतीमा के
फदन फकमा गमा दान, शलन, ऩूजन अषम (वॊऩूणा) अथाात
त्जवका षम (नाळ) नशीॊ शोता शैं।
फशॊदू धभाग्रॊथो भें अषम तृतीमा सतसथ वे जुडे कई
यो क तथ्मक का लणान सभरता शै। मशाॊ आऩके
भागादळान शेतु कु छ प्रभुख तथ्म प्रस्तुत शैं।
बायतीम ऩॊ ाग के अनुवाय लऴा भें 19 अफूझ
भुशूता ल 4 स्लमॊ सवत्रि भुशूता शोते शैं। अषम तृतीमा
(आखा तीज) बी अफूझ भुशूता ल सवत्रि भुशूता भें वे एक शैं।
 धभा ग्रॊथक के अनुवाय अषम तृतीमा वे शी िेतामुग
की ळुरुआत भानी जाती शैं, इवसरए अषम तृतीमा
को मुगाफद सतसथ कशा जाता शै।
 अषम तृतीमा के फदन शी ाय धाभो भें वे एक श्री
बगलान फद्रीनायामण के ऩट खुरते शैं।
 अषम तृतीमा के फदन लऴा भें एक फाय शी लृॊदालन
भें श्री फाॊके त्रफशायीजी के भॊफदय भें श्री त्रलग्रश के यण
दळान शोते शैं।
 ळास्त्रो भें उल्रेख शैं की अषम तृतीमा के फदन
बगलान नय-नायामण अलतरयत शुले थे।
 अषम तृतीमा के फदन बगलान श्री त्रलष्णु ने श्री
ऩयळुयाभजी औय शमग्रील के रुऩ भें अलतरयत शुले थे।
 स्लमॊसवि ल अफूझ भुशूता शोने के कायण अषम
तृतीमा के फदन वॊऩूणा बायत लऴा भें वफवे असधक
त्रललाश शोते शैं।
 ऩौयात्णक भान्मता के अनुवाय िेता मुग के ळुरू शोने
ऩय अषम तृतीमा के फदन शी गॊगा नदी को बागीयथ
जी स्लगा वे धयती ऩय रामे थे । इव फदन ऩत्रलि
गॊगा नदी भें स्नान कयने ने वे भनुष्म के ऩाऩ नद्श
शो जाते शैं। इवसरए अषम तृसतमा के फदन गॊगा
स्नान का फडा भशत्ल भाना जाता शैं।
 ज्मोसतऴ के के अनुळाय इव फदन ग्रशक की त्स्थसत
अनुकू र शोती शै। इव दौयान ळुब ग्रश न्द्रभा औय
वूमा अऩनी उच् यासळ भें त्स्थत शोते शैं। इव ग्रश-
नषि की ळुब त्स्थती भें फकमे गमे वबी ळुब कामा
भें ऩूणा वपरता, वुख-वभृत्रि की प्रासद्ऱ शोती शै।
 ऩौयात्णक भान्मता के अनुवाय अषम तृतीमा के फदन
शी बगलान लेद व्माव ने गणेळजी की वशामता वे
भशाबायत की कथा सरखना प्रायॊब फकमा था।
 ऩौयात्णक भान्मता के अनुवाय अषम तृतीमा के फदन
शी श्रीकृ ष्ण के फडे बाई फरयाभ का जन्भ शुआ था।
 ऩौयात्णक भान्मता के अनुवाय अषम तृतीमा के फदन
शी देली ऩालाती के अलताय देली अन्नऩूणाा का जन्भ
शुला था । इवसरए फदन बी अषम तृतीमा के फदन
देली अन्नऩूणाा का बी ऩूजन फकमा जाता शै औय
भाता वे अन्न के बॊडाय वदैल बये यशें मश लयदान
भाॊगा जाता शै।
 ऩौयात्णक भान्मता के अनुवाय अषम तृतीमा के फदन
शी द्रौऩदी का ीय शयण शुला था औय बगलान श्री
कृ ष्ण ने द्रौऩदी की यषा शेतु उव के ीय को अषम
फना फदमा था।
 अषम तृतीमा के फदन त्रलद्व प्रसवि ऩुयी भें श्री
जगन्नाथ-फरबद्र-वुबद्रा जी की यथ मािा शेतु यथ
सनभााण भें प्रमोग शोने लारी रकडीमक की ऩूजा कय
के तीनक यथक का सनभााण कामा को प्रायॊब फकमा
जाता शै।
 अषम तृतीमा के फदन बायत के कई फशस्वक भें इव
दौयान खेती का ऩशरा फदन भानते शै।
 नमे व्मलवामीक कामा का ळुबाय्ब कयने के सरमे
इव फदन को प्रमोग फकमा जा वकता शैं।
 इवसरए अफूझ भशुता भें कोई बी ळुब कामा प्राय्ब
फकमा जा वकता शैं। ळास्त्रोक्त त्रलधान के अनुळाय
कामा प्राय्ब कयने के सरमे भुशूता के अन्म फकवी
सनमभ को देखना आलश्मक नशीॊ शैं। अफूझ भशुता भें
फकवी बी वभम भें कामा प्राय्ब फकमा जा
वकता शैं।
 अषम तृसतमा के फदन नई बूसभ-बल-लाशन खयीदना,
वोना- ाॊफद खयीदना जैवे त्स्थय रक्ष्भी वे वॊफॊसधत
लस्तुएॊ खयीदना वलोतभ भाना गमा शैं।
eगुरुत्ल ज्मोसतऴ 10 अप्रैर 2020 | अॊक 2
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 इव फदन ळुब एलॊ ऩत्रलि कामा कयने वे जीलन भें
वुख-ळाॊसत आती शै। इव फदन गॊगा स्नान का बी
त्रलळेऴ भशत्ल शै।
इव वार तृतीमा सतसथ भें ळुब भुशूता 25 अप्रैर को 11:59
फजे वे अगरे फदन वूमोदम तक यशेगा। इन 17 धॊटे 45
सभनट एलॊ 26 अप्रैर को प्रात् 05:45 फजे वे आयॊब शो
जाएगा औय दोऩशय 12:19 फजे तक यशेगा। इन 6 धॊटे 34
सभनट के दौयान फकवी बी तयश का ळुब कामा, क्रम फकए जा
वकता शैं।
तृतीमा सतसथ प्रायॊब 25 अप्रैर को दोऩशय 11:59 फजे वे
शोगा एलॊ अॊत 26 अप्रैर को दोऩशय 01:34 फजे शोगा।
अषम तृतीमा ऩय वुलणा (वोना) खयीदने औय ऩूजन का
ळुब भुशूता
25 अप्रैर को अगरी वुफश प्रात: कार तक
दोऩशय
र 12:00 वे 01:30 तक
राब 01:30 वे 03:00 तक
अभृत 03:00 वे 04:30 तक
वॊध्मा
राब 06:00 वे 07:30 तक
यात
ळुब 09:00 वे 10:30 तक
अभृत 10:30 वे 12:00 तक
र 12:00 वे 01:30 तक
प्रात्
राब 04:30 वे 06:00 तक
26 अप्रैर को प्रात: कार वे
वुफश
र 07:30 वे 09:00 तक
राब 09:00 वे 10:30 तक
अभृत 10:30 वे 12:00 तक
ळास्त्रोक्त त्रलसध-त्रलधान वे देली रक्ष्भी का ऩूजन ळास्त्रोक्त
त्रलसध-त्रलधान वे वॊऩन्न कय त्रलळेऴ राब प्राद्ऱ कय वकते शैं।
त्रलळेऴ : लताभान वभम भें वॊऩूणा देळ भें Lockdown की
त्स्थसत शै अत् इव लऴा वुलणा की खयीदायी शेतु कृ प्मा
घय वे फाशय न सनकरे, मफद आऩ इव दौयान वुलणा की
खयीदायी कयना ाशते शै, तो अऩने ऩरयस त वुलणा
त्रलक्रे ता के मशाॉ पोने ऩय शी अऩना ऑडाय फुक कयरे
अथला बयोवेभॊद वॊस्था की फेल वाईट ऩय ओनराईन शी
अऩना ऑडाय फुक कय वकते शै अथला नमे वुलणा के
अरॊकायो की खयीदायी शेतु कु छ रुऩमे वॊकल्ऩ के वाथ
खयीदायी का बाल कयके ळुब भुशूता भें अरग यख वकते
शै। इव ळुब एलॊ अफूझ भुशूता भें अऩने वुलणा के
अरॊकायक का ऩूजन कयना बी ळुब शोता शै।
शभाये त्रलळेऴस ज्मोसतऴी वे ऩूछें अऩने प्रद्ल
व्ऩूणा ज्मोसतऴ ऩयाभळा, जन्भ कु ण्डरी सनभााण, प्रद्ल कु ण्डरी, गुण सभरान,
भुशूता, यत्न औय रुद्राष ऩयाभळा, लास्तु ऩयाभळा एलॊ अन्म फकवी बी वभस्मा का
वभाधान ज्मोसतऴ, मॊि, भॊि एलॊ अन्म वयर घयेरु उऩामो द्राया सनदान शेतु
वॊऩका कये। शभायी वेलाएॊ न्मूनतभ ळुल्क ऩय उप्रब्ध शै।
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eगुरुत्ल ज्मोसतऴ 11 अप्रैर 2020 | अॊक 2
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अषम तृतीमा का धासभाक भशत्ल
 वॊकरन गुरुत्ल कामाारम
लैफदक वॊस्कृ सत भें अषम तृतीमा का वलासवि भुशूता के रूऩ भें बी त्रलळेऴ भशत्ल शै। भान्मता शै फक इव फदन त्रफना कोई
भुशूता देखे कोई बी ळुब ल भाॊगसरक कामा जैवे त्रललाश, गृश-प्रलेळ, लस्त्र-आबूऴण, जभीन, भकान लाशन आफद की खयीददायी
आफद फकए जा वकते शैं। इव फदन नमे लस्त्र, आबूऴण आफद धायण कयने औय नई दुकान, ऑफपव आफद व्मलवामीक कामा
स्थर का ळुबायॊब श्रेद्ष भाना जाता शै। ऩुयाणक भें उल्रेख शै फक इव फदन फकमा गमा दान, अषम पर प्रदान कयता शै। इव फदन
ऩत्रलि नफदमक भें स्नान कयने वे तथा इद्श ऩूजन वे वबी प्रकाय के ऩाऩ नद्श शो जाते शैं। मशाॉ तक फक इव फदन फकमा गमा जऩ,
तऩ, शलन औय दान बी अषम शो जाता शै।
इव फदन भाता रक्ष्भी औय नायामण का वपे द कभर अथला वपे द गुराफ मा ऩीरे गुराफ वे ऩूजन कयना ाफशमे।
वलाि ळुक्र ऩुष्ऩात्ण प्रळस्तासन वदा ाने।
दानकारे वलाि भॊि भेत भुदीयमेत्॥
अथाात: वबी भशीनक की तृतीमा भें वपे द ऩुष्ऩ वे फकमा गमा ऩूजन प्रळॊवनीम भाना गमा शै।
एवी ऩौयात्णक भान्मता शैं फक अषम तृतीमा के फदन वोने- ाॊदी की ीजें खयीदी जाती शैं। अषम तृतीमा के फदन वोना ल ाॊदी
खयीदना ळुब भाना जाता शै, क्मोफक इव फदन वोना औय आबूऴण खयीदने वे लऴा बय जीलन भें वभृत्रि फनी यशती शै। इव फदन
वोने मा ाॊदी के आबूऴणक के वाथ भाॉ रक्ष्भी की त्रलसध-त्रलधान वे ऩूजा कयने का त्रलधान शभाये धभाग्रॊथक भें शैं।
भॊि सवि दुराब वाभग्री
कारी शल्दी:- 370, 550, 730, 1450, 1900 कभर गट्टे की भारा - Rs- 370
भामा जार- Rs- 251, 551, 751 शल्दी भारा - Rs- 280
धन लृत्रि शकीक वेट Rs-280 (कारी शल्दी के वाथ Rs-550) तुरवी भारा - Rs- 190, 280, 370, 460
घोडे की नार- Rs.351, 551, 751 नलयत्न भारा- Rs- 1050, 1900, 2800, 3700 & Above
शकीक::11:नॊग-Rs-190, 21:नॊग Rs-370 नलयॊगी शकीक भारा Rs- 280, 460, 730
रघु श्रीपर::1:नॊग-Rs-21, 11:नॊग-Rs-190 शकीक भारा (वात यॊग) Rs- 280, 460, 730, 910
नाग के ळय::11 ग्राभ, Rs-145 भूॊगे की भारा Rs- 1050, 1900 & Above
स्पफटक भारा- Rs- 235, 280, 460, 730, DC 1050, 1250 ऩायद भारा Rs- 1450, 1900, 2800 & Above
वपे द ॊदन भारा - Rs- 460, 640, 910 लैजमॊती भारा Rs- 190, 280, 460
यक्त ्रारल ॊदन - Rs- 370, 550, रुद्राष भारा: 190, 280, 460, 730, 1050, 1450
भोती भारा- Rs- 460, 730, 1250, 1450 & Above त्रलधुत भारा - Rs- 190, 280
कासभमा सवॊदूय- Rs- 460, 730, 1050, 1450, & Above भूल्म भें अॊतय छोटे वे फडे आकाय के कायण शैं।
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अषम तृतीमा वे जुडी ऩौयात्णक भान्मताएॊ
 वॊकरन गुरुत्ल कामाारम
ऩाॊडलक की कथा
एवी भान्मता शै लैळाख ळुक्र ऩष की तृसतमा
के फदन अथाात अषम तृतीमा के फदन शी बगलान
वूमादेल ने ऩाॊडलक को फतान (अषम ऩाि) फदमा था। जो
एक फदव्म ऩाि था त्जवभें बोजन की सनयॊतय आऩूसता
शोती थी।
कथा इव प्रकाय शैं।
जफ ऩाॊडलक को लनलाव के सरए सनकरे तो याजा धृतयाद्स
ने त्रलदुय वे ऩूछा फक ऩाॊडल फकव प्रकाय लन भें जा यशे
शैं, उवका लणान लताओ। त्रलदुय ने कशाॊ फक
धभायाज मुसधत्रद्षय अऩनी दोनक आॊखें फॊद फकए
शुए शैं । क्मोफकॊ , फकवी प्रकाय क्रोध वे उनकी आॊखक के
वाभने मफद कौयल आ जामे तो लश बस्भ न शो जाएॊ।
रते रते बीभ अऩनी बुजाएॊ पै राकय फदखा यशे शैं
फक उस त वभम आने ऩय, भैं अऩने फाशुफर वे कौयलक
का नाळ कय दूॊगा।
अजुान धूर उडाते र यशे शैं, जो वॊके त दे यशे शै
फक ले मुि के वभम भैं ऐवे शी फाणक की लऴाा कय
दूॊगा।
वशदेल ने कोई उनका भुख न देख वके , इवसरए
अऩने भुॊश ऩय धूर रगा यखी शै।
नकु र ने तो अऩने वाये ळयीय ऩय शी धूर रगा
री शै। त्जववे उवका रूऩ देखकय कोई त्स्त्र उव ऩय
भोफशत न शो जाएॊ।
द्रौऩदी एक लस्त्र धायण कय कु रे के ळ योते शुए
जा यशी शै। रते वभम लश कश यशी शै फक त्जन
रोगोके कायण भेयी मश दुदाळा शुई शै, उनकी त्स्त्रमाॊ बी
आज वे ौदशलें लऴा के फाद अऩने स्लजनक की भृत्मु वे
दु:खी शोकय इवी प्रकाय जामेगी।
लनलाव के सरमे सनकरने के कु छ फदनक भें
उनके अन्न, धन वभाद्ऱ शो गमे थे। स ॊसतत शो कय
मुसधत्रद्षय ने बगलान श्रीकृ ष्ण वे इव का वभाधान ऩूछा
तो बगलान श्रीकृ ष्ण ने कशा फक आऩ बगलान वूमादेल
की आयाधना कीत्जए। धभायाज मुसधत्रद्षय ने बगलान
श्रीकृ ष्ण के ल न अनुवाय ऩूणा त्रलसध-त्रलधान वे बगलान
वूमा की ऩूजा-अ ाना की। बगलान वूमा ने प्रवन्न शोकय
प्रकट शुए औय मुसधत्रद्षय को एक ताॊफे का फतान (अषम
ऩाि) देते शुए कशाॉ फक यवोई भें जो कु छ बोजन वाभग्री
तैमाय शोगी लश तफ तक वभाद्ऱ नशीॊ शोगी जफ तक
द्रौऩदी उवे ऩयोवती यशेगी।
कृ ष्ण-वुदाभा की कथा
ऩौयात्णक भान्मता के अनुवाय जफ वुदाभा की
ऩत्नी ने उन्शें बगलान कृ ष्ण वे आसथाक भदद के सरए
फाध्म फकमा था। तफ वुदाभा बगलान कृ ष्ण वे सभरने
के सरए द्रायका गए थे। औय अषम तृतीमा के फदन शी
बगलान श्रीकृ ष्ण औय वुदाभा का ऩुन् ऩुनसभारन शुआ
था। रेफकन अऩने त्रप्रम वखा के धन, लैबल औय ऐद्वमा
को देख प्रवन्न ता शुई औय वुदाभा को अऩने सरए
वशामता भाॊगने भें रज्जा भशवूव शुई।
वुदाभा अऩने वाथ उऩशाय के रूऩ भें बगलान
कृ ष्ण के सरए कु छ ालर रेकय आमे थे, रेफकन
ळसभिंदगी के कायण वॊको वे उन्शकने उवे लशीॊ छोड
फदमा औय लाऩव अऩने घय रौट आए। बगलान कृ ष्ण
ने ालर को देखा औय अऩने वखा के प्रसत प्रेभ दळााते
शुए उवका वशऴा उऩबोग फकमा। जफ वुदाभा घय ऩशुॊ े,
फकत शो गए, उन्शक ने देखा उनकी झोऩडी की जगश
ऩय एक बव्म भशर खडा शैं औय उनके ऩरयलाय के
वदस्म फशुभूल्म ऩोळाक भें वुळोसबत।
मश वफ देख वुदाभा को सात शो गमा की मश
वफ बगलान कृ ष्ण की कृ ऩा वे प्राद्ऱ शुला शै। भान्मता शैं
की तफ वे, इव फदन को अषम तृतीमा के रूऩ भें
भनामा जाता शै।
कु फेय की कथा
ऩौयात्णक भान्मता के अनुवाय अषम तृतीमा के फदन शी
कु फेयजी ने सळलजी की आयाधना कय उन्शें प्रवन्न फकमा
था। कु फेयजी की तऩस्मा वे प्रवन्न शो कय बगलान
eगुरुत्ल ज्मोसतऴ 13 अप्रैर 2020 | अॊक 2
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सळलजी ने कु फेय वे लय भाॊगने को कशा, तफ कु फेयजी ने
लयदान भें अऩना धन एलॊ वॊऩत्रि रक्ष्भीजी वे ऩुन् प्राद्ऱ
कयने का अनुयोध फकमा। तबी सळलजी ने कु फेयजी को
रक्ष्भीजी का ऩूजन कय के उन्शें प्रवन्न कयने को कशा,
उवी वभम वे अषम तृतीमा के फदन रक्ष्भीजी का
ऩूजन कय उन्शें प्रवन्न कयने का त्रलधान रा आ यशा
शै। इव फदन रक्ष्भीजी-बगलान त्रलष्णु के वॊमुक्त ऩूजा
त्रलळेऴ राबदामक भानी गमी शै। अन्म भान्मता के
अनुवाय बगलान सळलजी ने देली रक्ष्भीजी को वकर
रोकक की धन-व्ऩत्रि का असधकायी फनामा था।
धभादाव की कथा
प्रा ीन कार भें एक नगय भें धभादाव नाभक
एक लृि था। धभादाव अत्मॊत वदा ायी, धभा-कभा भें
आस्था यखने लारा औय ब्राह्मणक का आदय वत्काय कयने
लारा था। एक फाय उवने नगय के त्रलद्रान ब्राह्मण के
भुख वे अषम तृतीमा के भशत्ल को वुनकय इवे कयने
का सनद्ळम फकमा। अषम तृतीमा के फदन धभादाव ऩत्रलि
गॊगा भें स्नान कयके त्रलसध-त्रलधान वे अऩने इद्श देली-
देलता की ऩूजा-अ ाना की। लृिालस्था भें योग ग्रस्त शोते
शुए बी उवने ऩूणा श्रिा वे व्रत-उऩलाव-दान-सनमभ
आफद वत कभा फकमे।
एवा भाना जाता अषम तृतीमा के फदन फकमे
गमे धभा-कभा व्रत आफद के प्रबाल वे उवे अगरे जन्भ
भें फशुत धनी ल प्रताऩी याजा फना। उवके याज दयफाय
भें त्रलसबन्न देली-देलता बी अषम तृतीमा के फदन ब्राह्मण
का लेऴ धायण कयके उवके धभा-कभा भें उऩत्स्थत शो
जाते थे। लश याजा अगरे जन्भ भें याजा ॊद्रगुद्ऱ के रूऩ
भें उतऩन्न शुए।
भॊि सवि मॊि
रक्ष्भी-गणेळ (स िमुक्त) कभरा मॊि वलातोबद्र मॊि
रक्ष्भी त्रलनामक मॊि बुलनेद्वयी मॊि कासताके म मॊि
लास्तुदोऴ सनलायण (ऩुरुऴाकृ सत मुक्त) वुमा (भुखाकृ तीमुक्त) लवुधया त्रलवा मॊि
लास्तु मॊि (स िमुक्त) शीॊगराज मॊि कल्माणकायी सवि त्रलवा मॊि
गृशलास्तु मॊि ब्रह्माणी मॊि कोटा क ेयी मॊि
लास्तु ळान्ती मॊि भेरडी भाता का मॊि जैन मॊि
भशाकारी मॊि कात्मामनी मॊि वयस्लती मॊि (स िमुक्त)
उत्च्छद्श गणऩती मॊि ऩॊदयीमा मॊि (ऩॊ दळी मॊि) फालनलीय मॊि
भशा गणऩती मॊि भशावुदळान मॊि ऩॊ गुरी मॊि
ळिु दभनालणा मॊि काभाख्मा मॊि वूयी भॊि
ऋणभुत्रक्त मॊि रक्ष्भी वॊऩुट मॊि सतजमऩशुत वलातोबद्र मॊि
रक्ष्भीधाया मॊि लीवा मॊि 16 त्रलद्यादेली मुक्त वलातोबद्र
रक्ष्भी प्राद्ऱी औय व्माऩायलधाक सछन्नभस्ता (स ि + मॊि) गौतभस्लाभी मॊि
सवि भशारक्ष्भी मॊि घुभालती (स ि + मॊि) अनॊतरब्धीसनधान गौतभ स्लाभी
कनकधाया मॊि (कृ भऩृद्श) कारी (स ि + मॊि) बक्ता्फय (१ वे ४८) फदग्फय
दुगाा मॊि (अॊकात्भक) श्री भातृका मॊि ऩद्मालती देली मॊि
भातॊगी मॊि वलातोबद्र मॊि (गणेळ) त्रलजम ऩताका मॊि
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eगुरुत्ल ज्मोसतऴ 14 अप्रैर 2020 | अॊक 2
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वला कामा सवत्रि कल
त्जव व्मत्रक्त को राख प्रमत्न औय ऩरयश्रभ कयने के फादबी उवे
भनोलाॊसछत वपरतामे एलॊ फकमे गमे कामा भें सवत्रि (राब) प्राद्ऱ
नशीॊ शोती, उव व्मत्रक्त को वला कामा सवत्रि कल अलश्म धायण
कयना ाफशमे।
कल के प्रभुख राब: वला कामा सवत्रि कल के द्राया वुख
वभृत्रि औय नल ग्रशक के नकायात्भक प्रबाल को ळाॊत कय धायण
कयता व्मत्रक्त के जीलन वे वला प्रकाय के दु:ख-दारयद्र का नाळ शो
कय वुख-वौबाग्म एलॊ उन्नसत प्रासद्ऱ शोकय जीलन भे वसब प्रकाय के
ळुब कामा सवि शोते शैं। त्जवे धायण कयने वे व्मत्रक्त मफद व्मलवाम
कयता शोतो कायोफाय भे लृत्रि शोसत शैं औय मफद नौकयी कयता शोतो
उवभे उन्नसत शोती शैं।
 वला कामा सवत्रि कल के वाथ भें वलाजन लळीकयण कल के
सभरे शोने की लजश वे धायण कताा की फात का दूवये व्मत्रक्तओ
ऩय प्रबाल फना यशता शैं।
 वला कामा सवत्रि कल के वाथ भें अद्श रक्ष्भी कल के सभरे
शोने की लजश वे व्मत्रक्त ऩय वदा भाॊ भशा रक्ष्भी की कृ ऩा एलॊ
आळीलााद फना यशता शैं। त्जस्वे भाॊ रक्ष्भी के अद्श रुऩ (१)-आफद
रक्ष्भी, (२)-धान्म रक्ष्भी, (३)- धैमा रक्ष्भी, (४)-गज रक्ष्भी, (५)-वॊतान रक्ष्भी, (६)-त्रलजम रक्ष्भी, (७)-त्रलद्या
रक्ष्भी औय (८)-धन रक्ष्भी इन वबी रुऩो का अळीलााद प्राद्ऱ शोता शैं।
 वला कामा सवत्रि कल के वाथ भें तॊि यषा कल के सभरे शोने की लजश वे ताॊत्रिक फाधाए दूय शोती शैं, वाथ शी
नकायात्भक ळत्रक्तमो का कोइ कु प्रबाल धायण कताा व्मत्रक्त ऩय नशीॊ शोता। इव कल के प्रबाल वे इऴाा-द्वेऴ यखने
लारे व्मत्रक्तओ द्राया शोने लारे दुद्श प्रबालो वे यषा शोती शैं।
 वला कामा सवत्रि कल के वाथ भें ळिु त्रलजम कल के सभरे शोने की लजश वे ळिु वे वॊफॊसधत वभस्त ऩयेळासनओ
वे स्लत् शी छु टकाया सभर जाता शैं। कल के प्रबाल वे ळिु धायण कताा व्मत्रक्त का ाशकय कु छ नशी त्रफगाड
वकते।
अन्म कल के फाये भे असधक जानकायी के सरमे कामाारम भें वॊऩका कये:
फकवी व्मत्रक्त त्रलळेऴ को वला कामा सवत्रि कल देने नशी देना का अॊसतभ सनणाम शभाये ऩाव वुयत्षत शैं।
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eगुरुत्ल ज्मोसतऴ 15 अप्रैर 2020 | अॊक 2
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भॊि सवि कारी शल्दी के त्रलसबन्न राब
 वॊकरन गुरुत्ल कामाारम
त्रलद्रानक का कथन शैं की ईद्वय की कृ ऩा प्रासद्ऱ शेतु एलॊ
लाॊसछत कामा भें सवत्रि की प्रासद्ऱ एलॊ भनोकाभना ऩूसता शेतु
भॊि, मॊि औय तॊि के अनेक
उऩामो का लणान फशन्दूॊ धभाग्रॊथक
भें सभरता शैं।
आज के बौसतक मुग भें
शय कामा अथा (धन) के उऩय
प्रत्मष मा अप्रत्मष रुऩवे सनबाय
शोता शैं इव सरमे प्रत्मेक व्मत्रक्त
फक मशी इच्छा शोती शैं फक उवके
ऩाव बी इतना धन शो फक लश
अऩने जीलन भें वभस्त बौसतक
वुखो को बोग ने भें वभथा शक।
शय व्मत्रक्त की ाश शोती शैं की
उवकी धन-वॊऩत्रि फदन दोगुनी
यात ौगुनी फढती यशें !
फशन्दू धभा भें धन औय
ऐद्वमा की देली भाॊ भशारक्ष्भी शैं
जो धन, वभृत्रि एलॊ ऐद्वमा प्रदान
कयती शैं। इवसरए भाॉ भशारक्ष्भी
की प्रवन्नता एलॊ कृ ऩा वे धन,
वभृत्रि एलॊ ऐद्वमा की प्रासद्ऱ के
वयर उऩाम तॊि ळास्त्र भें फतामे
गमे शैं।
बायतीम ऩयॊऩया भें शल्दी
का त्रलळेऴ भशत्ल फतामा गमा शैं,
शल्दी का उऩमोग प्राम् वबी
व्मत्रक्त के जीलन भें बोजन के
अराला असधक्तय आध्मात्त्भक ल
औऴसध के रुऩ भें बी शोता शैं।
आध्मात्त्भक षेि भें शल्दी के प्रमोगो वे धन प्रासद्ऱ वॊबल शैं!
फशन्दू वॊस्कृ सत भें शल्दी को अत्मॊत ळुब एलॊ
गुणकायी भाना जाता शैं इवसरए शल्दी का प्रमोग बोजन ल
औऴसध के अराला भाॊगसरत कामा, देली-देलताओॊ के ऩूजन-
अ ान इत्माफद भें त्रलळेऴ रुऩ वे प्रमोग फकमा जाता शैं।
असधकतय रोगक ने शल्दी के लर ऩीरे यॊग की शी देखी शोगी।
क्मोफक ऩीरी शल्दी का प्रमोग
शय घयक भें भवारक के रुऩ भें
प्रमोग शोता शी शैं, इवसरए
ऩीरी शल्दी फाजायक भें
आवानी वे उऩरब्ध शो जाती
शैं।
रेफकन शल्दी कारे
यॊग की बी प्राद्ऱ शोती शैं। कारी
शल्दी को तॊि ळास्त्रक भें असधक
दुराब औय देलीम गुणक वे मुक्त
भाना गमा शैं। कारी शल्दी
औऴसधम गुणक वे बयऩूय शोती
शैं, इवसरए इव का प्रमोग तॊि
प्रमोगो के अराला औऴसध के
सनभााण इत्माफद भें बी त्रलळेऴ
रुऩ वे फकमा जाता शैं।
तॊि त्रलद्या के जानकाय
भानते शैं की धन प्रासद्ऱ शेतु
कारी शल्दी एक अद्भुत
भत्कायी प्रबालक वे मुक्त
शोती शैं, उनका भानना शैं की
कारी शल्दी के त्रलसध-त्रलधान
वे ऩूजन वे व्मत्रक्त अवीभ
धन-वॊऩत्रि एलॊ ऐद्वमा प्राद्ऱ
कयने भें वभथा शो वकता शैं।
शल्दी को शरयद्रा बी कशा जाता शै। तॊि त्रलद्या के
जानकायक का तो मशाॊ तक भानना शैं की अवरी कारी शल्दी
प्राद्ऱ शोना वौबाग्म की फात शैं। त्जव घय भें कारी शल्दी का
ऩूजन शोता शो लश घय भें सनलाव कताा वौबाग्मळारी शोते शैं।
eगुरुत्ल ज्मोसतऴ 16 अप्रैर 2020 | अॊक 2
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ऐवी धासभाक भान्मता शैं की अषम तृतीमा,
धनिमोदळी, दीऩालरी, ग्रशण, गुरु ऩुष्माभृत मोग, त्रिऩुष्कय
मोग, फद्रऩुष्कय मोग, कामा सवत्रि मोग, अभृत सवत्रि मोग
आफद फकवी ळुब भुशूता भें कारी शल्दी को अऩने ऩूजा स्थान
भें स्थात्रऩत कय उवका सनमसभत ऩूजन कयने वे कारी शल्दी
का भत्कायी प्रबाल आद्ळमाजन रुऩ वे असत ळीघ्र प्राद्ऱ
शोता शैं।
धन प्रासद्ऱ प्रमोग
 कारी शल्दी को अऩने ऩूजन स्थान भें रक्ष्भी नायामण
की प्रसतभा मा स ि के ऩाव स्थात्रऩत कय उवका
त्रलसधलत ऩूजन कयें।
 त्रलद्रानक का अनुबल शैं की कारी शल्दी को घय भें
स्थात्रऩत कय ऩूजन कयने वे घय भें सनयॊतय वुख-ळाॊसत
की लृत्रि शोने रगती शै।
 तॊि ळास्त्र के जानकायक का कथन शैं की कारी शल्दी के
सनमसभत ऩूजन वे व्मत्रक्त को कबी ऩैवा की कभी नशीॊ
शोती।
 कारी शल्दी की गाॊठ को ाॊदी, स्टीर मा प्रात्स्टक की
फडब्फी भें यख कय प्रसत-फदन देली-देलता के वाथ धूऩ-दीऩ
वे ऩूजन कयें।
 कारी शल्दी की गाॊठ को वोने मा ाॊदी के सवक्के के
वाथ रार लस्त्र भें फाॊधकय ऩोटरी फना कय उवे अन्म
देल प्रसतभाओॊ के वाथ ऩूजा कयने वे त्रलळेऴ राब की
प्रासद्ऱ शोती शै। (वोने मा ाॊदी के सवक्के न शो तो रुऩमे-
ऩैवे के नमे सवक्के के वाथ यखा जा वकता शैं)
 कारी शल्दी की ऩोटरी को को अऩने गल्रे (कै ळ
फॉक्व), सतजोयी आफद भें बी यख वकते शैं। त्रलद्रानक का
अनुबल शैं की कारी शल्दी के ऩूजन वे धन वे वॊफॊसधत
वभस्माएॊ दूय शोती शै, योजगाय भें लृत्रि शोती शैं।
 कारी शल्दी के प्रबाल वे नकायात्भक उजाा को दूय फकमा
जा वकता शै।
 फकवी ळुब भुशूता भें कारी शल्दी को सवॊदूय भें यखकय
धूऩ-दीऩ वे ऩूजन कय रार कऩडे भें एक सवक्के के वाथ
फाॊधय सतजोयी मा गल्रे भें यखने वे धन की लृत्रि शोने
रगती शै।
प्रफर धन प्रासद्ऱ प्रमोग
प्रफर धन की इच्छा यखने लारे व्मत्रक्त को भॊि सवि
11 गोभती क्र, 11 ऩीरी कौफडयाॊ औय कारी शल्दी के 11
टुकडक को दीऩालरी मा धनिमोदळी आफद ळुब अलवय ऩय
ऩूजन के वभम भाॊ रक्ष्भी की प्रसतभा मा स ि के वाथ
स्थात्रऩत कय त्रलसधलत ऩूजन कयने वे ळीघ्र त्रलळेऴ राब की
प्रासद्ऱ शोती शैं। ऩूजन के ऩद्ळमात गोभती क्र, कौफड औय
शल्दी के टुकडक को ऩीरे कऩडे भें फाॊध कय ऩोटरी फना कय
अऩनी सतजोयी मा गल्रे भें यखरें। सनमसभत मथा वॊबल
रक्ष्भी भॊि का जऩ कयते यशें। इव त्रलसध वे ऩूजन कयने वे
धन वॊफॊसधत रुकालट ळीघ्र दूय शोने रगती शैं औय ऩरयलाय भें
सनयॊतय धन, वुख, वभृत्रि भें लृत्रि शोती शैं।
मफद व्मलवाम भें सनयन्तय राब के स्थान ऩय घाटा
शो यशा शो तो बी मश प्रमोग अत्मॊत राबप्रद शोता शैं।
कामा सवत्रि प्रमोग
 कारी शल्दी के टुकडे ऩय भौरी रगाकय गूगर औय
रोफान के धूऩ वे ळोधन कयके अऩने ऩूजा स्थान भें
यखदें, फकवी भशत्लऩूणा कामा ऩय जाते वभम उवे शभेंळा
अऩनी जेफ के उऩयी फशस्वे भें मा फैग भें यखें, इव प्रमोग
वे कामा त्रफना फकवी फाधा त्रलध्न के ऩूणा शोने की
वॊबालनाएॊ प्रफर शो जाती शैं।
 फकवी नमे कामा मा भशत्लऩूणा कामा के सरए जाते वभम
कारी शल्दी को ॊदन की तयश घीव कय उवका सतरक
रगाकय जाने वे कामा भें वपरता प्राद्ऱ शोने की वॊबालना
प्रफर शो जाती शैं। त्रलद्रानक का अनुबल शैं की नौकयी
व्मलवाम वे जुडे रोगक के सरए मश प्रमोग अत्मॊत
राबप्रद सवि शोता शैं।
ताॊत्रिक प्रबाल सनलायण प्रमोग
मफद फकवी व्मत्रक्त ऩय टोने-टोटके आफद ताॊत्रिक
प्रबाल शो तो उवे कारी शल्दी के छोडे टुकडे को छेद कयके
धागा भें त्रऩयोकय मा फकवी तात्रलज भें बय कय धायण
कयलामा जामे तो ळीघ्र शी अळुब प्रबालक वे भुत्रक्त सभर
वकती शैं। कु छ त्रलद्रानक का अनुबल शैं की कारी शल्दी को
नलग्रश भॊि वे असबभॊत्रित कय धायण कयने वे ग्रश जसनत
ऩीडाएॊ दूय शोती शैं।
eगुरुत्ल ज्मोसतऴ 17 अप्रैर 2020 | अॊक 2
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आकऴाण प्रमोग
त्रलद्रानक का भत शैं की कारी शल्दी को तॊि ळास्त्र भें
लळीकयण भें अत्मॊत राब प्रद जडी फूटी भाना जाता शै। तॊि
त्रलद्या के जानकायक का भानना शैं की कारी शल्दी भें अद्भुत
आकऴाण ळत्रक्त शोने के कायण लळीकयण आफद भें बी कारी
शल्दी का प्रमोग त्रलळेऴ राबप्रद शोता शैं।
प्रसतफदन कारी शल्दी का सतरक रगाने वे वबी प्रकाय के
इत्च्छत भनुष्मक का आकऴाण शो वकता शैं। कारी शल्दी का
सतरक एक अत्मॊत वयर तॊिोक्त प्रमोग शै।
त्रलळेऴ नोट: आकऴाण मा लळीकयण शेतु कारी शल्दी का
प्रमोग कयने वे ऩूला कारी शल्दी को फकवी मोग्म जानकाय
त्रलद्रान वे लळीकयण भॊि वे असबभॊत्रित एलॊ भॊि सवि अलश्म
कयलारें।
* आकऴाण प्रमोग के लर ळुब उद्देश्म शेतु राबप्रद शोता शैं,
अनैसतक कामा मा उद्देश्म शेतु फकमा गमा आकऴाण प्रमोग
सनत्द्ळत रुऩ वे अत्मासधक शानी कायक सवि शोता शैं।
स्लास्थ्म लधाक प्रमोग
मफद कोई व्मत्रक्त शभेंळा त्रफभाय मा अस्लस्थ यशता
शो, तो फकवी बी गुरूलाय वे मश प्रमोग प्रायॊब कय के तीन
गुरुलाय तक प्रमोग कयें। गेशूॊ के आटे के दो ऩेडे फनाकय उवभें
थोडी गीरी ीने की दार, थोडा गुड औय थोडी वी त्रऩवी शुइ
कारी शल्दी को दफाकय योगी व्मत्रक्त के उऩय वे वात फाय घडी
की फदळा (दत्षणालता/Clockwise) भें उताय कय गाम को
त्खरा दें। मश उऩाम रगाताय तीन गुरूलाय कयने वे त्रलळेऴ
राब फदखने रगता शैं।
नजय यषा प्रमोग
 मफद फकवी को नजय रग गमी शै, तो कारे कऩडे भें
कारी शल्दी को फाॊधकय वात फाय नज़य रगे व्मत्रक्त मा
फच् े के उऩय वे घडी की फदळा (दत्षणालता/Clockwise)
भें उताय कय फशते शुमे जर भें प्रलाफशत कय दें मा फकवी
त्रलयान जगश भें पै क दें।
 मफद फकवी के कामा मा व्मलवामीक स्थान ऩय फाय-फाय
फकवी की नज़य रग गई शो तो कारी शल्दी को कारे
कऩडे भें फाॊधकय दोनक शाथक वे ऩूये कामा स्थर के सबतय
वात फाय घूभाकय फशते शुमे जर भें प्रलाफशत कय दें मा
फकवी त्रलयान जगश भें पै क दें।
 नज़य यषा के सरए कारी शल्दी ऩय भौरी रऩेट कय ऩीरे
कऩडे भें फाॊधकय अऩने व्मलवामीक स्थान के भुख्म द्राय
ऩय रटका दें। इव प्रमोग वे नज़य वे यषा शोगी एलॊ धन
की लृत्रि बी शोती यशेगी।
ग्रश ळाॊसत प्रमोग
मफद फकवी व्मत्रक्त की जन्भ कुॊ डरी भें गुरू औय ळसन
दोनो ऩीफडत शो, तो ग्रश ळाॊसत शेतु फकवी ळुक्रऩष के प्रथभ
गुरूलाय वे सनमसभत रूऩ वे कारी शल्दी को ॊदन की तयश
घीव कय सतरक रगाने वे मश प्रमोग दोनक ऩीफडत ग्रश ळुब
पर प्रदान कयते शैं।
धन वॊ म शेतु प्रमोग
कु छ रोगक की आभदनी उिभ शोने के उऩयाॊत बी
धन वॊ म नशीॊ कय ऩाते। उन्शें फकवी बी ळुक्रऩष के प्रथभ
ळुक्रलाय को एक ाॊदी की फडब्फी भें कारी शल्दी, नागके ळय ल
रार यॊग का सवन्दूय को वाथ भें सभराकय भाॊ रक्ष्भी की
प्रसतभा मा स ि के यणक वे स्ऩळा कयला कय धन यखने के
स्थान ऩय यख दें। इव प्रमोग के प्रबाल वे धन वॊ म शोने
रगता शैं।
* ाॊदी की फडब्फी उऩरब्ध न शो तो स्टीर मा प्रात्स्टक की
फडब्फी का प्रमोग कयें। फडब्फी को स्थात्रऩत कयने शेतु
ळुक्रऩष के प्रथभ ळुक्रलाय के अराला अषम तृतीमा,
धनिमोदळी, दीऩालरी का भुशूता बी ळुब शोता शैं।)
भळीनक को खयाफी वे फ ाने शेतु प्रमोग
मफद व्मलवाम मा उद्योग भें भळीनक भें फाय-फाय
खयाफी शोती यशती शक, तो कारीशल्दी को ॊदन की तयश
के ळय ल गॊगा जर सभराकय घीव कय ळुक्रऩष के प्रथभ
फुधलाय को भळीन ऩय स्लात्स्तक फना दें। इव प्रमोग वे वे
भळीन फाय-फाय खयाफ नशीॊ शोती।
eगुरुत्ल ज्मोसतऴ 18 अप्रैर 2020 | अॊक 2
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भाॊ रक्ष्भी की कृ ऩा प्रासद्ऱ शेतु प्रमोग
दीऩालरी के फदन कारी शल्दी औय एक ाॊदी का
सवक्का ऩीरे लस्त्रक भें रऩेट कय उवे धन यखने के स्थान ऩय
यख दें। इव प्रमोग को अगरी फदऩालरी ऩय ऩुन् इवी प्रकाय
कयें इव प्रमोग वे लऴा बय भाॊ रक्ष्भी की कृ ऩा फनी यशती शै।
अवरी नकरी की ऩयख
मश कारी शल्दी का यॊग जफ मश शयी शोती शैं तफ
अॊदय वे शल्के नीरे यॊग की शोती शैं लश वुख ने ऩय अॊदय वे
गशये कत्थई मा कारे यॊग की शो जाती शैं। रेफकन अवरी
कारी शल्दी ऩूणात् काजर के वभान कारी नशीॊ शोती,
फाजायक भें एकदभ काजर के वभान कारी शल्दी सभर जाती
शैं, त्जवे कारे यॊग की स्माशी मा यॊग आफद वे यॊग भें डूफा कय
तैमाय फकमा जाता शैं। इव प्रकाय की शल्दी को प्राम् तेर भें
सबगो कय कु भकु भ सवॊदूय आफद वे रेऩ कय फे ा जाता शैं
त्जववे उवकी नकरी शोने की फात वाधयण व्मत्रक्त को
आवानी वे नशीॊ रती। रेफकन इव भें कऩूय वे सभरती
झुरती वुगन्ध नशीॊ शोती।
अवरी कारी शल्दी की वुगन्ध कऩूय वे सभरती-
झुरती शोती शैं मशी अवरी कारी शल्दी की ऩश ान शैं।
अवरी कारी शल्दी अॊदय वे शी गशये यॊग की मा कारे यॊग की
शोती शैं उऩय वे नशीॊ उवका उऩय का फशस्वा अदयख के उऩयी
फशस्वे के वभान कत्थई यॊग वे सभरता झुरता शोता शैं।
तॊि त्रलद्या के जानकायक का भत शैं की फकवी बी तॊि
प्रमोग को कयने ऩय उववे प्राद्ऱ शोने लारे पर के लर प्रमोग
कताा के आत्भत्रलद्वाव औय श्रिा ऩय शी सनबाय कयते शैं। तॊि
प्रमोग भें फकवी बी प्रकाय की ळॊका अथला वॊदेश शोने ऩय तॊि
के प्रमोग नशीॊ कयने ाफशए। ळॊका ल वॊदेश बाल वे फकमे गमे
प्रमोगक का पर नगण्म मा प्राद्ऱ नशीॊ शोता शैं।
ऩाठको के भागादळान शेतु उऩय कारी शल्दी के अवरी ल
नकरीॊ स ि उऩय फदमे गमे शैं।
अभोद्य भशाभृत्मुॊजम कल
अभोद्य् भशाभृत्मुॊजम कल ल उल्रेत्खत अन्म वाभग्रीमक को ळास्त्रोक्त त्रलसध-त्रलधान वे
त्रलद्रान ब्राह्मणो द्राया वला राख भशाभृत्मुॊजम भॊि जऩ एलॊ दळाॊळ शलन द्राया सनसभात कल
अत्मॊत प्रबालळारी शोता शैं।
अभोद्य् भशाभृत्मुॊजम कल
कल फनलाने शेतु:
अऩना नाभ, त्रऩता-भाता का नाभ,
गोि, एक नमा पोटो बेजे
कल के त्रलऴम भें असधक जानकायी शेतु गुरुत्ल कामाारम भें वॊऩका कयें। >> Order Now
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अभोद्य् भशाभृत्मुॊजम
कल
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eगुरुत्ल ज्मोसतऴ 19 अप्रैर 2020 | अॊक 2
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मॊि, भॊि
एलॊ वाधना
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  • 3. अनुक्रभ अषम तृसतमा (अखातीज 26-अप्रैर-2020) 7 रक्ष्भी प्रासद्ऱ का अभोघ वाधन दत्षणालता ळॊख 33 अषम तृसतमा स्लमॊ सवत्रि अफूझ भुशूता 9 बगलान श्रीकृ ष्ण ने वभझामा अषम तृतीमा व्रत का भाशात््म 36 अषम तृतीमा का धासभाक भशत्ल 11 अषम तृतीमा को स्थात्रऩत कयें रक्ष्भी प्रासद्ऱ शेतु दुराब वाभग्रीमाॊ 37 अषम तृतीमा वे जुडी ऩौयात्णक भान्मताएॊ 12 ऩायद रक्ष्भी वाधना 43 भॊि सवि कारी शल्दी के त्रलसबन्न राब 15 श्रीमॊि की भफशभा 44 धन प्रासद्ऱ का अ ूक उऩाम स्पफटक श्रीमॊि का ऩूजन 20 वुलणा के आबूऴण धायण कयने के त्रलसबन्न राब 55 रक्ष्भी प्रासद्ऱ भें राबप्रद दुराब भॊि सवि कल 22 धन प्रासद्ऱ औय वुख वभृत्रि के सरमे लास्तु सविाॊत 58 भत्कायी रक्ष्भी मॊि वे दूय शोगी आसथाक वभस्माएॊ 24 ेशये ऩय सतर का प्रबाल 59 स्लमॊ सवि कयें रक्ष्भी भॊि 26 आईना एलॊ लास्तु सविाॊत 60 धन लऴााने लारी वात दुराब रक्ष्भी वाधनाएॊ 27 स्थामी औय अन्म रेख वॊऩादकीम 4 दैसनक ळुब एलॊ अळुब वभम सान तासरका 86 अप्रैर 2020 भासवक ऩॊ ाॊग 77 फदन- यात के ौघफडमे 87 अप्रैर 2020 भासवक व्रत-ऩला-त्मौशाय 79 फदन- यात फक शोया - वूमोदम वे वूमाास्त तक 88 अप्रैर 2020 -त्रलळेऴ मोग 86
  • 4. त्रप्रम आत्त्भम, फॊधु/ फफशन जम गुरुदेल लैळाख ळुक्र ऩष की तृतीमा को अषम तृतीमा का ऩला भनामा जाता शैं। अषम तृतीमा स्लमॊसवि ल अफूझ भुशूता शैं। एवी भान्मता शैं, फक अषम तृतीमा के फदन फकमा गमा दान, शलन, ऩूजन अषम (वॊऩूणा) अथाात त्जवका षम (नाळ) नशीॊ शोता शैं। फशॊदू धभाग्रॊथो भें अषम तृतीमा सतसथ वे जुडे कई यो क तथ्मक का लणान सभरता शै। इव त्रलळेऴाॊक भें ऩाठको के भागादळान शेतु कु छ प्रभुख तथ्म प्रस्तुत कयने का प्रमाव फकमा गमा शैं। बायतीम ऩॊ ाग के अनुवाय लऴा भें 19 अफूझ भुशूता ल 4 स्लमॊ सवत्रि भुशूता शोते शैं। अषम तृतीमा (आखा तीज) बी अफूझ भुशूता ल सवत्रि भुशूता भें वे एक शैं। अषम तृसतमा को ऩूये बायत लऴा भें कई नाभक वे जाना औय भनामा जाता शैं, त्जवभें भुख्म रुऩ वे अषम तृतीमा, आखा तीज तथा लैळाख तीज प्रभुख शैं। इव लऴा 2020 भें अषम तृतीमा 26 अप्रैर यत्रललाय को शैं। अषम तृसतमा के फदन कोई बी ळुब कामो का प्राय्ब कयना त्रलळेऴ ळुब भाना जाता शैं। ळास्त्रोक्त भतानुळाय इव फदन कोई बी ळुब कामा ळुरु कयने वे उव कामा का पर सनत्द्ळत त्स्थय रुऩ भें प्राद्ऱ शोते शैं। ळास्त्रो भें उल्रेख शैं फक लैळाख भाव के ळुक्र ऩष की तृसतमा अथाात अषम तृसतमा के फदन बगलान के नय-नायामण, ऩयळुयाभ, शमग्रील रुऩ भें अलतरयत शुए थे। इव सरमे अषम तृसतमा को ऩयळुयाभ ल अन्म जमत्न्तमाॊ भानकय उवे उत्वल रुऩ भें भनामा जाता शैं। वाॊवारयक एलॊ वाभात्जक जीलन भें फकवी बी लस्तु के क्रम-त्रलक्रम का भुख्म आधाय वेतु धन शी भाना गमा शै। एलॊ फशन्दू ळास्त्रोक्त लणा शैं धन की देली रक्ष्भी शैं, त्जनके प्रवन्न शोने वे भनुष्म को वबी प्रकाय वे धन, वभृत्रि एलॊ ऐद्वमा की प्रासद्ऱ शोती शै। भाॊ रक्ष्भी को ॊ र भाना गमा शैं। अथाात रक्ष्भी जी फकवी एक जगश फटकती नशीॊ शै। फकव प्रकाय रक्ष्भी का आगभन आऩके घय भें शोता यशे औय जीलन वे दु्ख, दरयद्र, कद्शो वे छु टकाया प्राद्ऱ शो कय जीलान खुसळमक वे बय जाए उववे जुडे यशस्मो को बायतीम ऋत्रऴ भुसनमक ने खोज सनकारा शैं। त्रलद्रानो का कथन शै की अषम तृतीमा के फदन फकमा गमा दान, शलन, ऩूजन अषम (वॊऩूणा) अथाात त्जवका षम (नाळ) नशीॊ शोता शैं। शय व्मत्रक्त की मश इच्छा शोती यशती शै फक उवे जीलन ऩमान्त अषम रक्ष्भी की प्रासद्ऱ शोती यशे। इवसरए अषम तृतीमा के फदन देली रक्ष्भी एलॊ बगलान त्रलष्णु का ऩूजन अ ान त्रलळेऴ राबप्रदान कयने लार भाना गमा शै। क्मोफक रक्ष्भी जी के वाथ त्रलष्णु जी का ऩूजन घयभें त्स्थय रक्ष्भी का सनलाव भाना गमा शै। आज के बौसतक मुग भें शय व्मत्रक्त की ाश शोती शैं की उवे असधक वे असधक धन-वॊऩत्रि एलॊ ऐद्वमा प्राद्ऱ शो औय लश अषत रुऩ वे उवके ऩाव यशे। आज शय व्मत्रक्त अऩनी धन-वॊऩत्रि को फदन दोगुनी यात ौगुनी यफ्ताय वे फढ़ाना ाशते शैं, इवसरए व्मत्रक्त रक्ष्भी प्रासद्ऱ शेतु त्रलसबन्न उऩाम जैवे भॊि, मॊि, तॊि एलॊ वाधना आफद प्रमोगो को अऩना कय रक्ष्भीजी को प्रवन्न कय वकते शैं।
  • 5. त्जन रोगक ने रक्ष्भी प्रासद्ऱ एलॊ अऩने घय भें वुख वभृत्रि के सरए रक्ष्भीजी की प्रवन्ना शेतु दुराब वाभग्री को अऩने घय भें अलश्म स्थात्रऩत कय उवका सनमसभत ऩूजन-अ ान कयना फशए। त्जनके घय भें दुराब वाभग्रीमाॊ ऩशरे वे स्थात्रऩत शो उन्शें असधक राब की प्रासद्ऱ शेतु रक्ष्भी प्रासद्ऱ के अन्म वयर उऩामक को बी अऩने जीलन भें अलश्म आजभाना ाफशए। लश रोग जो इन दुराब वाभग्रीमक को स्थात्रऩत कयने भें अवभथा शैं, उन रोगक को रक्ष्भी प्रासद्ऱ के अनुबूत उऩामो को अऩनाकय अऩने जीलन भें सनत्द्ळत रुऩ वे वुख-वभृत्रि एलॊ ऐद्वमा प्राद्ऱ कयने का प्रमाव कयना ाफशए एलॊ इन उऩामक वे राब की प्रासद्ऱ शोने ऩय त्रलसबन्न दुराब लस्तुओॊ को प्राद्ऱ कय अऩने घय भें अलश्म स्थात्रऩत कय उवना सनमसभत ऩूजन-अ ान कयना ाफशए। अषम तृतीमा जैवे अफुझ भुशूता भें धन प्रासद्ऱ के त्रलळेऴ उऩामक को प्रायॊब कय सनत्द्ळत रुऩ वे अऩने जीलन भें धन-लैबल, वुख-वभृत्रि का आगभन फकमा जा वकता शैं। मफद व्मत्रक्त स्लमॊ कोई उऩाम प्रमोग मा वाधन इत्माफद द्राया स्लमॊ फकवी वाभग्री को सवि कयने भें अवभथा शो को फकवी मोग्म गुरु मा ब्राह्मण वे बी कयला वकते शै अथला गुरुत्ल कामाारम द्राया ऩूणा प्राण प्रसतत्रद्षत वाभग्रीमा वुरब भूल्म भें प्राद्ऱ कय त्रफना फकवी त्रलळेऴ ऩूजा अ ाना के राब प्राद्ऱ वकते शै। त्रलद्रानक का कथन शैं की अषम तृतीमा के भशत्ल को जानते शुए ले बी मफद कोई इव अफुझ ळुब भुशूता के राब वे लॊस त यश जाए तो वॊबल् उव अबागे भनुष्म का दुबााग्म शी शोगा की जो उवे इव ळुब भुशूता के राब वे लॊस त यख यशा शोगा! इव अषम तृतीमा के ळुब भुशूता को त्रफना फकवी ऩूजन-अ ान अथला उऩाम इत्माफद को फकमे फगैय छोड देना दुबााग्मऩूणा शै, धन-वॊऩत्रि एलॊ वॊऩन्नताकी काभना शेतु व्मत्रक्त को इव अलवय का राब अलश्म उठाना ाफशए। बायतीम त्रलद्रानक का भत शैं की वुलणा के आबूऴण को ळयीय के त्रलसबन्न अॊगक ऩय धायण कयने वे अरग-अरग राबक की प्रासद्ऱ शोती शै। आमुलेद त्रलळेस के भतानुवाय वुलणा बष्भ के प्रमोग वे ळयीय को अनेक प्रकाय के राब शोते शैं। वुलणा एक दुराब धातु शै। एलॊ वुलणा की बस्भ औऴसधम गुणक वे मुक्त असत दुराब शै। वुलणा के आबूऴण का ळुब प्रबाल तबी शोता शैं जल मश शभाये ळयीय को स्ऩळा कय यशे शो। इव अॊक भें शभने वुलणा वे जुडी कु छ यो क जानकायीमा आऩके भागादळान शेतु प्रकासळत फक गई शै। इव भासवक ई-ऩत्रिका भें वॊफॊसधत जानकायीमक के त्रलऴम भें वाधक एलॊ त्रलद्रान ऩाठको वे अनुयोध शैं, मफद दळाामे गए भॊि, द्ऴोक, मॊि, वाधना एलॊ उऩामक मा अन्म जानकायी के राब, प्रबाल इत्मादी के वॊकरन, प्रभाण ऩढ़ने, वॊऩादन भें, फडजाईन भें, टाईऩीॊग भें, त्रप्रॊफटॊग भें, प्रकाळन भें कोई िुफट यश गई शो, तो उवे स्लमॊ वुधाय रें मा फकवी मोग्म ज्मोसतऴी, गुरु मा त्रलद्रान वे वराश त्रलभळा कय रे । क्मोफक त्रलद्रान ज्मोसतऴी, गुरुजनो एलॊ वाधको के सनजी अनुबल त्रलसबन्न भॊि, द्ऴोक, मॊि, वाधना, उऩाम के प्रबालक का लणान कयने भें बेद शोने ऩय काभना सवत्रि शेतु फक जाने लारी लारी ऩूजन त्रलसध एलॊ उवके प्रबालक भें सबन्नता वॊबल शैं। आऩको एलॊ आऩके ऩरयलाय के वबी वदस्मक को गुरुत्ल कामाारम ऩरयलाय की औय अषम तृतीमा की ळुबकाभनाएॊ .. आऩका जीलन वुखभम, भॊगरभम शो भाॊ रक्ष्भी की कृ ऩा आऩके ऩरयलाय ऩय फनी यशे। भाॊ रक्ष्भी वे मशी प्राथना शैं… स ॊतन जोळी
  • 6. eगुरुत्ल ज्मोसतऴ 6 अप्रैर 2020 | अॊक 2 © GURUTVA JYOTISH | © Articles Copyright Rights Reserved By GURUTVA KARYALAY ***** भासवक ई-ऩत्रिका वे वॊफॊसधत वू ना *****  ई-ऩत्रिका भें प्रकासळत वबी रेख गुरुत्ल कामाारम के असधकायक के वाथ शी आयत्षत शैं।  ई-ऩत्रिका भें लत्णात रेखक को नात्स्तक/अत्रलद्वावु व्मत्रक्त भाि ऩठन वाभग्री वभझ वकते शैं।  ई-ऩत्रिका भें प्रकासळत रेख आध्मात्भ वे वॊफॊसधत शोने के कायण बायसतम धभा ळास्त्रक वे प्रेरयत शोकय प्रस्तुत फकमा गमा शैं।  ई-ऩत्रिका भें प्रकासळत रेख वे वॊफॊसधत फकवी बी त्रलऴमो फक वत्मता अथला प्राभात्णकता ऩय फकवी बी प्रकाय की त्जन्भेदायी कामाारम मा वॊऩादक फक नशीॊ शैं।  ई-ऩत्रिका भें प्रकासळत जानकायीकी प्राभात्णकता एलॊ प्रबाल की त्जन्भेदायी कामाारम मा वॊऩादक की नशीॊ शैं औय ना शीॊ प्राभात्णकता एलॊ प्रबाल की त्जन्भेदायी के फाये भें जानकायी देने शेतु कामाारम मा वॊऩादक फकवी बी प्रकाय वे फाध्म शैं।  ई-ऩत्रिका भें प्रकासळत रेख वे वॊफॊसधत रेखो भें ऩाठक का अऩना त्रलद्वाव शोना आलश्मक शैं। फकवी बी व्मत्रक्त त्रलळेऴ को फकवी बी प्रकाय वे इन त्रलऴमो भें त्रलद्वाव कयने ना कयने का अॊसतभ सनणाम स्लमॊ का शोगा।  ई-ऩत्रिका भें प्रकासळत रेख वे वॊफॊसधत फकवी बी प्रकाय की आऩिी स्लीकामा नशीॊ शोगी।  ई-ऩत्रिका भें प्रकासळत रेख शभाये लऴो के अनुबल एलॊ अनुळॊधान के आधाय ऩय फदए गमे शैं। शभ फकवी बी व्मत्रक्त त्रलळेऴ द्राया प्रमोग फकमे जाने लारे धासभाक, एलॊ भॊि- मॊि मा अन्म प्रमोग मा उऩामोकी त्जन्भेदायी नफशॊ रेते शैं। मश त्जन्भेदायी भॊि- मॊि मा अन्म उऩामोको कयने लारे व्मत्रक्त फक स्लमॊ फक शोगी।  क्मोफक इन त्रलऴमो भें नैसतक भानदॊडक, वाभात्जक, कानूनी सनमभक के त्खराप कोई व्मत्रक्त मफद नीजी स्लाथा ऩूसता शेतु प्रमोग कताा शैं अथला प्रमोग के कयने भे िुफट शोने ऩय प्रसतकू र ऩरयणाभ वॊबल शैं।  ई-ऩत्रिका भें प्रकासळत रेख वे वॊफॊसधत जानकायी को भाननने वे प्राद्ऱ शोने लारे राब, राब की शानी मा शानी की त्जन्भेदायी कामाारम मा वॊऩादक की नशीॊ शैं।  शभाये द्राया प्रकासळत फकमे गमे वबी रेख, जानकायी एलॊ भॊि-मॊि मा उऩाम शभने वैकडोफाय स्लमॊ ऩय एलॊ अन्म शभाये फॊधुगण ऩय प्रमोग फकमे शैं त्जस्वे शभे शय प्रमोग मा कल , भॊि-मॊि मा उऩामो द्राया सनत्द्ळत वपरता प्राद्ऱ शुई शैं।  ई-ऩत्रिका भें गुरुत्ल कामाारम द्राया प्रकासळत वबी उत्ऩादक को के लर ऩाठको की जानकायी शेतु फदमा गमा शैं, कामाारम फकवी बी ऩाठक को इन उत्ऩादक का क्रम कयने शेतु फकवी बी प्रकाय वे फाध्म नशीॊ कयता शैं। ऩाठक इन उत्ऩादक को कशीॊ वे बी क्रम कयने शेतु ऩूणात् स्लतॊि शैं। असधक जानकायी शेतु आऩ कामाारम भें वॊऩका कय वकते शैं। (वबी त्रललादो के सरमे के लर बुलनेद्वय न्मामारम शी भान्म शोगा।)
  • 7. eगुरुत्ल ज्मोसतऴ 7 अप्रैर 2020 | अॊक 2 © GURUTVA JYOTISH | © Articles Copyright Rights Reserved By GURUTVA KARYALAY अषम तृसतमा (अखातीज 26-अप्रैर-2020)  वॊकरन गुरुत्ल कामाारम अषम तृसतमा को ऩूये बायत लऴा भें कई नाभक वे जाना औय भनामा जाता शैं, त्जवभें भुख्म रुऩ वे अषम तृतीमा, आखा तीज तथा लैळाख तीज प्रभुख शैं। इव लऴा 2020 भें अषम तृतीमा 26 अप्रैर यत्रललाय को शैं। बायतीम ऩयॊऩयाके अॊतगात अषम तृसतमा का ऩला प्रभुख त्मौशायक भें वे एक शैं। अषम तृसतमा को अफूझ भशूता बी कशा जाता शैं। अषम तृसतमा ऩला लैळाख भाव के ळुक्र ऩष की तृसतमा सतसथ के फदन भनामा जाता शैं। त्रलद्रानो के अनुळाय अषम तृसतमा के फदन स्नान, जऩ, शोभ, दान आफद ऩूण्म कामा कयना त्रलळेऴ राबदामक सवि शोता शैं। क्मकफक भान्मता शैं, फक इव फदन फकमे गम ऩुण्म कामा का पर व्मत्रक्त को अषम रुऩ भें प्राद्ऱ शोता शैं। अषम तृसतमा के फदन कोई बी ळुब कामो का प्राय्ब कयना त्रलळेऴ ळुब भाना जाता शैं। ळास्त्रोक्त भतानुळाय इव फदन कोई बी ळुब कामा ळुरु कयने वे उव कामा का पर सनत्द्ळत त्स्थय रुऩ भें प्राद्ऱ शोते शैं। ळास्त्रो भें उल्रेख शैं फक लैळाख भाव के ळुक्र ऩष की तृसतमा अथाात अषम तृसतमा के फदन बगलान के नय-नायामण, ऩयळुयाभ, शमग्रील रुऩ भें अलतरयत शुए थे। इव सरमे अषम तृसतमा को ऩयळुयाभ ल अन्म जमत्न्तमाॊ भानकय उवे उत्वल रुऩ भें भनामा जाता शैं। एक ऩौयात्णक भान्मता के अनुवाय िेता मुग की ळुरुआत बी इवी फदन वे शुई थी. इवी कायण वे इवे िेतामुगाफद सतसथ बी कशा जाता शैं। अषम तृतीमा के फदन ायक धाभक भें वे एक श्री फद्रीनाथ नायामण धाभ के ऩाट खुरते शैं। नमे व्मलवामीक कामा का ळुबाय्ब कयने के सरमे इव फदन को प्रमोग फकमा जा वकता शैं। अषम तृसतमा (ऩयळुयाभ तीज) लैळाख ळुक्र ऩष की तृसतमा को अषम तृसतमा के नाभ वे जानाजाता शैं। इव फदन श्री ऩयळुयाभजी का जन्भ फदन शोने के कायण इवे ऩयळुयाभ तीज मा ऩयळुयाभ जमॊती बी कशा जाता शैं। अषम तृतीमा ळुब भुशूता बायत भें ऩौयात्णक कार वे वबी ळुब कामा ळुब भुशुता एलॊ ळुब वभम ऩय प्रायॊब कयने का प्र रन शैं। व्मत्रक्त द्राया फकए जाने लारे कामा भें वपरता प्राद्ऱ कयने के सरमे बायतीम ऩयॊऩया भें ऩुयातन कार वे शी ळुब भुशुता औय वभम का ुनाल फकमा जाता यशा शैं। त्रलद्रानो के अनुळाय जफ बी कोई व्मत्रक्त फकवी ळुब कामा की ळुरुलात ळुब भुशुता वभम ऩय कयता शैं, तो उव ळुब भुशूता वभम भें फकए ळुरु फकए गमे कामा के वपर शोने की उव कामा भें असधक राबप्रासद्ऱ की वॊबालनाएॊ फढ जाती शैं। बायत भें लवॊत ऩॊ भी, याभनलभी, अषम तृसतमा, जन्भाद्शभी, गणेळ तुथॉ, दळशया, धनतेयव, दीऩालरीभ कासताक ऩूत्णाभा आफद को अफूझ भशूता भाना जाता शैं। इवसरए अफूझ भशुता भें कोई बी ळुब कामा प्राय्ब फकमा जा वकता शैं। ळास्त्रोक्त त्रलधान के अनुळाय कामा प्राय्ब कयने के सरमे भुशूता के अन्म फकवी सनमभ को देखना आलश्मक नशीॊ शैं। अफूझ भशुता भें फकवी बी वभम भें कामा प्राय्ब फकमा जा वकता शैं। अषम तृसतमा के फदन नई बूसभ-बल-लाशन खयीदना, वोना- ाॊफद खयीदना जैवे त्स्थय रक्ष्भी वे वॊफॊसधत लस्तुएॊ खयीदना वलोतभ भाना गमा शैं। त्रलद्रानो के भतानुळाय अषम तृसतमा के फदन गभॉ के भौवभ भें खाने-ऩीने-ऩशनने आफद काभ आने
  • 8. eगुरुत्ल ज्मोसतऴ 8 अप्रैर 2020 | अॊक 2 © GURUTVA JYOTISH | © Articles Copyright Rights Reserved By GURUTVA KARYALAY लारी औय गभॉ को ळाॊत कयने लारी वबी लस्तुओॊ का दान कयना ळुब भाना जाता शैं। अषम तृसतमा के फदन जौ, गेशूॊ, ने, दशी, ालर, त्ख डी, ईळ (गन्ना) का यव, ठण्डाई ल दूध वे फने शुए ऩदाथा, वोना, कऩडे, जर का घडा आफद दान कयना बी राबदामक भाना जाता शैं।  अषम तृसतमा के फदन फकए गए वबी धासभाक कामा असत उिभ यशते शैं।  अषम तृसतमा के फदन व्रत-उऩलाव के सरमे बी  उिभ भाना जाता शैं।  अषम तृसतमा के फदन देळ के कई फशस्वो भें ालर, भूॊग की फनी त्ख डी खाने का रयलाज शैं।  अषम तृसतमा के फदन गॊगा स्नान का फडा भशत्ल भाना जाता शैं। लैळाख ळुक्र ऩष की तृसतमा को स्लगॉम आत्भाओॊ की प्रवन्नाता के सरए करळ, ऩॊखा, खडाऊॉ , छाता, विू, ककडी, खयफूजा आफद भौवभी पर, ळक्कय इत्माफद ऩदाथा ब्राह्माण को दान कयने का त्रलधान शैं। Are you Astrologer, Pandit-Purohit, Sadhak or Gemstone Seller? We are Gemstone Wholesaler and Supplier, We are Deal in All Type of Precious, Semi-Precious Stones, Astrology products, Crystal Items, Vastu Items, 1 to 14 Mukhi Rudraksh, All Type Yantra, Kavach, Pendant, Ring,All Type of Mala & other Items… Across The World Only Reliable Store for All Real Gemstone, Rudraksha and Energized Products Join Us Today and Get Benefits of  100% Premium Support serve by our Team  Minimum investment Online & offline selling support.  Multiple Premium Blog,Website and E-commerce Site GURUTVA KARYALAY BHUBNESWAR-751018, (ODISHA), Call Us: 91 + 9338213418, 91 + 9238328785, Email Us:- gurutva_karyalay@yahoo.in, gurutva.karyalay@gmail.com Check Our Products Online : www.gurutvakaryalay.com | www.gurutvakaryalay.in
  • 9. eगुरुत्ल ज्मोसतऴ 9 अप्रैर 2020 | अॊक 2 © GURUTVA JYOTISH | © Articles Copyright Rights Reserved By GURUTVA KARYALAY अषम तृसतमा स्लमॊ सवत्रि अफूझ भुशूता  वॊकरन गुरुत्ल कामाारम लैळाख ळुक्र ऩष की तृतीमा को अषम तृतीमा का ऩला भनामा जाता शैं। अषम तृतीमा स्लमॊसवि ल अफूझ भुशूता शैं। एवी भान्मता शैं, फक अषम तृतीमा के फदन फकमा गमा दान, शलन, ऩूजन अषम (वॊऩूणा) अथाात त्जवका षम (नाळ) नशीॊ शोता शैं। फशॊदू धभाग्रॊथो भें अषम तृतीमा सतसथ वे जुडे कई यो क तथ्मक का लणान सभरता शै। मशाॊ आऩके भागादळान शेतु कु छ प्रभुख तथ्म प्रस्तुत शैं। बायतीम ऩॊ ाग के अनुवाय लऴा भें 19 अफूझ भुशूता ल 4 स्लमॊ सवत्रि भुशूता शोते शैं। अषम तृतीमा (आखा तीज) बी अफूझ भुशूता ल सवत्रि भुशूता भें वे एक शैं।  धभा ग्रॊथक के अनुवाय अषम तृतीमा वे शी िेतामुग की ळुरुआत भानी जाती शैं, इवसरए अषम तृतीमा को मुगाफद सतसथ कशा जाता शै।  अषम तृतीमा के फदन शी ाय धाभो भें वे एक श्री बगलान फद्रीनायामण के ऩट खुरते शैं।  अषम तृतीमा के फदन लऴा भें एक फाय शी लृॊदालन भें श्री फाॊके त्रफशायीजी के भॊफदय भें श्री त्रलग्रश के यण दळान शोते शैं।  ळास्त्रो भें उल्रेख शैं की अषम तृतीमा के फदन बगलान नय-नायामण अलतरयत शुले थे।  अषम तृतीमा के फदन बगलान श्री त्रलष्णु ने श्री ऩयळुयाभजी औय शमग्रील के रुऩ भें अलतरयत शुले थे।  स्लमॊसवि ल अफूझ भुशूता शोने के कायण अषम तृतीमा के फदन वॊऩूणा बायत लऴा भें वफवे असधक त्रललाश शोते शैं।  ऩौयात्णक भान्मता के अनुवाय िेता मुग के ळुरू शोने ऩय अषम तृतीमा के फदन शी गॊगा नदी को बागीयथ जी स्लगा वे धयती ऩय रामे थे । इव फदन ऩत्रलि गॊगा नदी भें स्नान कयने ने वे भनुष्म के ऩाऩ नद्श शो जाते शैं। इवसरए अषम तृसतमा के फदन गॊगा स्नान का फडा भशत्ल भाना जाता शैं।  ज्मोसतऴ के के अनुळाय इव फदन ग्रशक की त्स्थसत अनुकू र शोती शै। इव दौयान ळुब ग्रश न्द्रभा औय वूमा अऩनी उच् यासळ भें त्स्थत शोते शैं। इव ग्रश- नषि की ळुब त्स्थती भें फकमे गमे वबी ळुब कामा भें ऩूणा वपरता, वुख-वभृत्रि की प्रासद्ऱ शोती शै।  ऩौयात्णक भान्मता के अनुवाय अषम तृतीमा के फदन शी बगलान लेद व्माव ने गणेळजी की वशामता वे भशाबायत की कथा सरखना प्रायॊब फकमा था।  ऩौयात्णक भान्मता के अनुवाय अषम तृतीमा के फदन शी श्रीकृ ष्ण के फडे बाई फरयाभ का जन्भ शुआ था।  ऩौयात्णक भान्मता के अनुवाय अषम तृतीमा के फदन शी देली ऩालाती के अलताय देली अन्नऩूणाा का जन्भ शुला था । इवसरए फदन बी अषम तृतीमा के फदन देली अन्नऩूणाा का बी ऩूजन फकमा जाता शै औय भाता वे अन्न के बॊडाय वदैल बये यशें मश लयदान भाॊगा जाता शै।  ऩौयात्णक भान्मता के अनुवाय अषम तृतीमा के फदन शी द्रौऩदी का ीय शयण शुला था औय बगलान श्री कृ ष्ण ने द्रौऩदी की यषा शेतु उव के ीय को अषम फना फदमा था।  अषम तृतीमा के फदन त्रलद्व प्रसवि ऩुयी भें श्री जगन्नाथ-फरबद्र-वुबद्रा जी की यथ मािा शेतु यथ सनभााण भें प्रमोग शोने लारी रकडीमक की ऩूजा कय के तीनक यथक का सनभााण कामा को प्रायॊब फकमा जाता शै।  अषम तृतीमा के फदन बायत के कई फशस्वक भें इव दौयान खेती का ऩशरा फदन भानते शै।  नमे व्मलवामीक कामा का ळुबाय्ब कयने के सरमे इव फदन को प्रमोग फकमा जा वकता शैं।  इवसरए अफूझ भशुता भें कोई बी ळुब कामा प्राय्ब फकमा जा वकता शैं। ळास्त्रोक्त त्रलधान के अनुळाय कामा प्राय्ब कयने के सरमे भुशूता के अन्म फकवी सनमभ को देखना आलश्मक नशीॊ शैं। अफूझ भशुता भें फकवी बी वभम भें कामा प्राय्ब फकमा जा वकता शैं।  अषम तृसतमा के फदन नई बूसभ-बल-लाशन खयीदना, वोना- ाॊफद खयीदना जैवे त्स्थय रक्ष्भी वे वॊफॊसधत लस्तुएॊ खयीदना वलोतभ भाना गमा शैं।
  • 10. eगुरुत्ल ज्मोसतऴ 10 अप्रैर 2020 | अॊक 2 © GURUTVA JYOTISH | © Articles Copyright Rights Reserved By GURUTVA KARYALAY  इव फदन ळुब एलॊ ऩत्रलि कामा कयने वे जीलन भें वुख-ळाॊसत आती शै। इव फदन गॊगा स्नान का बी त्रलळेऴ भशत्ल शै। इव वार तृतीमा सतसथ भें ळुब भुशूता 25 अप्रैर को 11:59 फजे वे अगरे फदन वूमोदम तक यशेगा। इन 17 धॊटे 45 सभनट एलॊ 26 अप्रैर को प्रात् 05:45 फजे वे आयॊब शो जाएगा औय दोऩशय 12:19 फजे तक यशेगा। इन 6 धॊटे 34 सभनट के दौयान फकवी बी तयश का ळुब कामा, क्रम फकए जा वकता शैं। तृतीमा सतसथ प्रायॊब 25 अप्रैर को दोऩशय 11:59 फजे वे शोगा एलॊ अॊत 26 अप्रैर को दोऩशय 01:34 फजे शोगा। अषम तृतीमा ऩय वुलणा (वोना) खयीदने औय ऩूजन का ळुब भुशूता 25 अप्रैर को अगरी वुफश प्रात: कार तक दोऩशय र 12:00 वे 01:30 तक राब 01:30 वे 03:00 तक अभृत 03:00 वे 04:30 तक वॊध्मा राब 06:00 वे 07:30 तक यात ळुब 09:00 वे 10:30 तक अभृत 10:30 वे 12:00 तक र 12:00 वे 01:30 तक प्रात् राब 04:30 वे 06:00 तक 26 अप्रैर को प्रात: कार वे वुफश र 07:30 वे 09:00 तक राब 09:00 वे 10:30 तक अभृत 10:30 वे 12:00 तक ळास्त्रोक्त त्रलसध-त्रलधान वे देली रक्ष्भी का ऩूजन ळास्त्रोक्त त्रलसध-त्रलधान वे वॊऩन्न कय त्रलळेऴ राब प्राद्ऱ कय वकते शैं। त्रलळेऴ : लताभान वभम भें वॊऩूणा देळ भें Lockdown की त्स्थसत शै अत् इव लऴा वुलणा की खयीदायी शेतु कृ प्मा घय वे फाशय न सनकरे, मफद आऩ इव दौयान वुलणा की खयीदायी कयना ाशते शै, तो अऩने ऩरयस त वुलणा त्रलक्रे ता के मशाॉ पोने ऩय शी अऩना ऑडाय फुक कयरे अथला बयोवेभॊद वॊस्था की फेल वाईट ऩय ओनराईन शी अऩना ऑडाय फुक कय वकते शै अथला नमे वुलणा के अरॊकायो की खयीदायी शेतु कु छ रुऩमे वॊकल्ऩ के वाथ खयीदायी का बाल कयके ळुब भुशूता भें अरग यख वकते शै। इव ळुब एलॊ अफूझ भुशूता भें अऩने वुलणा के अरॊकायक का ऩूजन कयना बी ळुब शोता शै। शभाये त्रलळेऴस ज्मोसतऴी वे ऩूछें अऩने प्रद्ल व्ऩूणा ज्मोसतऴ ऩयाभळा, जन्भ कु ण्डरी सनभााण, प्रद्ल कु ण्डरी, गुण सभरान, भुशूता, यत्न औय रुद्राष ऩयाभळा, लास्तु ऩयाभळा एलॊ अन्म फकवी बी वभस्मा का वभाधान ज्मोसतऴ, मॊि, भॊि एलॊ अन्म वयर घयेरु उऩामो द्राया सनदान शेतु वॊऩका कये। शभायी वेलाएॊ न्मूनतभ ळुल्क ऩय उप्रब्ध शै। GURUTVA KARYALAY Call Us: 91 + 9338213418, 91 + 9238328785, Email Us:- gurutva_karyalay@yahoo.in, gurutva.karyalay@gmail.com Our Website : www.gurutvakaryalay.com | www.gurutvakaryalay.in
  • 11. eगुरुत्ल ज्मोसतऴ 11 अप्रैर 2020 | अॊक 2 © GURUTVA JYOTISH | © Articles Copyright Rights Reserved By GURUTVA KARYALAY अषम तृतीमा का धासभाक भशत्ल  वॊकरन गुरुत्ल कामाारम लैफदक वॊस्कृ सत भें अषम तृतीमा का वलासवि भुशूता के रूऩ भें बी त्रलळेऴ भशत्ल शै। भान्मता शै फक इव फदन त्रफना कोई भुशूता देखे कोई बी ळुब ल भाॊगसरक कामा जैवे त्रललाश, गृश-प्रलेळ, लस्त्र-आबूऴण, जभीन, भकान लाशन आफद की खयीददायी आफद फकए जा वकते शैं। इव फदन नमे लस्त्र, आबूऴण आफद धायण कयने औय नई दुकान, ऑफपव आफद व्मलवामीक कामा स्थर का ळुबायॊब श्रेद्ष भाना जाता शै। ऩुयाणक भें उल्रेख शै फक इव फदन फकमा गमा दान, अषम पर प्रदान कयता शै। इव फदन ऩत्रलि नफदमक भें स्नान कयने वे तथा इद्श ऩूजन वे वबी प्रकाय के ऩाऩ नद्श शो जाते शैं। मशाॉ तक फक इव फदन फकमा गमा जऩ, तऩ, शलन औय दान बी अषम शो जाता शै। इव फदन भाता रक्ष्भी औय नायामण का वपे द कभर अथला वपे द गुराफ मा ऩीरे गुराफ वे ऩूजन कयना ाफशमे। वलाि ळुक्र ऩुष्ऩात्ण प्रळस्तासन वदा ाने। दानकारे वलाि भॊि भेत भुदीयमेत्॥ अथाात: वबी भशीनक की तृतीमा भें वपे द ऩुष्ऩ वे फकमा गमा ऩूजन प्रळॊवनीम भाना गमा शै। एवी ऩौयात्णक भान्मता शैं फक अषम तृतीमा के फदन वोने- ाॊदी की ीजें खयीदी जाती शैं। अषम तृतीमा के फदन वोना ल ाॊदी खयीदना ळुब भाना जाता शै, क्मोफक इव फदन वोना औय आबूऴण खयीदने वे लऴा बय जीलन भें वभृत्रि फनी यशती शै। इव फदन वोने मा ाॊदी के आबूऴणक के वाथ भाॉ रक्ष्भी की त्रलसध-त्रलधान वे ऩूजा कयने का त्रलधान शभाये धभाग्रॊथक भें शैं। भॊि सवि दुराब वाभग्री कारी शल्दी:- 370, 550, 730, 1450, 1900 कभर गट्टे की भारा - Rs- 370 भामा जार- Rs- 251, 551, 751 शल्दी भारा - Rs- 280 धन लृत्रि शकीक वेट Rs-280 (कारी शल्दी के वाथ Rs-550) तुरवी भारा - Rs- 190, 280, 370, 460 घोडे की नार- Rs.351, 551, 751 नलयत्न भारा- Rs- 1050, 1900, 2800, 3700 & Above शकीक::11:नॊग-Rs-190, 21:नॊग Rs-370 नलयॊगी शकीक भारा Rs- 280, 460, 730 रघु श्रीपर::1:नॊग-Rs-21, 11:नॊग-Rs-190 शकीक भारा (वात यॊग) Rs- 280, 460, 730, 910 नाग के ळय::11 ग्राभ, Rs-145 भूॊगे की भारा Rs- 1050, 1900 & Above स्पफटक भारा- Rs- 235, 280, 460, 730, DC 1050, 1250 ऩायद भारा Rs- 1450, 1900, 2800 & Above वपे द ॊदन भारा - Rs- 460, 640, 910 लैजमॊती भारा Rs- 190, 280, 460 यक्त ्रारल ॊदन - Rs- 370, 550, रुद्राष भारा: 190, 280, 460, 730, 1050, 1450 भोती भारा- Rs- 460, 730, 1250, 1450 & Above त्रलधुत भारा - Rs- 190, 280 कासभमा सवॊदूय- Rs- 460, 730, 1050, 1450, & Above भूल्म भें अॊतय छोटे वे फडे आकाय के कायण शैं। >> Shop Online | Order Now GURUTVA KARYALAY BHUBNESWAR-751018, (ODISHA), Call Us: 91 + 9338213418, 91 + 9238328785, Email Us:- gurutva_karyalay@yahoo.in, gurutva.karyalay@gmail.com Visit Us: www.gurutvakaryalay.com | www.gurutvajyotish.com | www.gurutvakaryalay.blogspot.com
  • 12. eगुरुत्ल ज्मोसतऴ 12 अप्रैर 2020 | अॊक 2 © GURUTVA JYOTISH | © Articles Copyright Rights Reserved By GURUTVA KARYALAY अषम तृतीमा वे जुडी ऩौयात्णक भान्मताएॊ  वॊकरन गुरुत्ल कामाारम ऩाॊडलक की कथा एवी भान्मता शै लैळाख ळुक्र ऩष की तृसतमा के फदन अथाात अषम तृतीमा के फदन शी बगलान वूमादेल ने ऩाॊडलक को फतान (अषम ऩाि) फदमा था। जो एक फदव्म ऩाि था त्जवभें बोजन की सनयॊतय आऩूसता शोती थी। कथा इव प्रकाय शैं। जफ ऩाॊडलक को लनलाव के सरए सनकरे तो याजा धृतयाद्स ने त्रलदुय वे ऩूछा फक ऩाॊडल फकव प्रकाय लन भें जा यशे शैं, उवका लणान लताओ। त्रलदुय ने कशाॊ फक धभायाज मुसधत्रद्षय अऩनी दोनक आॊखें फॊद फकए शुए शैं । क्मोफकॊ , फकवी प्रकाय क्रोध वे उनकी आॊखक के वाभने मफद कौयल आ जामे तो लश बस्भ न शो जाएॊ। रते रते बीभ अऩनी बुजाएॊ पै राकय फदखा यशे शैं फक उस त वभम आने ऩय, भैं अऩने फाशुफर वे कौयलक का नाळ कय दूॊगा। अजुान धूर उडाते र यशे शैं, जो वॊके त दे यशे शै फक ले मुि के वभम भैं ऐवे शी फाणक की लऴाा कय दूॊगा। वशदेल ने कोई उनका भुख न देख वके , इवसरए अऩने भुॊश ऩय धूर रगा यखी शै। नकु र ने तो अऩने वाये ळयीय ऩय शी धूर रगा री शै। त्जववे उवका रूऩ देखकय कोई त्स्त्र उव ऩय भोफशत न शो जाएॊ। द्रौऩदी एक लस्त्र धायण कय कु रे के ळ योते शुए जा यशी शै। रते वभम लश कश यशी शै फक त्जन रोगोके कायण भेयी मश दुदाळा शुई शै, उनकी त्स्त्रमाॊ बी आज वे ौदशलें लऴा के फाद अऩने स्लजनक की भृत्मु वे दु:खी शोकय इवी प्रकाय जामेगी। लनलाव के सरमे सनकरने के कु छ फदनक भें उनके अन्न, धन वभाद्ऱ शो गमे थे। स ॊसतत शो कय मुसधत्रद्षय ने बगलान श्रीकृ ष्ण वे इव का वभाधान ऩूछा तो बगलान श्रीकृ ष्ण ने कशा फक आऩ बगलान वूमादेल की आयाधना कीत्जए। धभायाज मुसधत्रद्षय ने बगलान श्रीकृ ष्ण के ल न अनुवाय ऩूणा त्रलसध-त्रलधान वे बगलान वूमा की ऩूजा-अ ाना की। बगलान वूमा ने प्रवन्न शोकय प्रकट शुए औय मुसधत्रद्षय को एक ताॊफे का फतान (अषम ऩाि) देते शुए कशाॉ फक यवोई भें जो कु छ बोजन वाभग्री तैमाय शोगी लश तफ तक वभाद्ऱ नशीॊ शोगी जफ तक द्रौऩदी उवे ऩयोवती यशेगी। कृ ष्ण-वुदाभा की कथा ऩौयात्णक भान्मता के अनुवाय जफ वुदाभा की ऩत्नी ने उन्शें बगलान कृ ष्ण वे आसथाक भदद के सरए फाध्म फकमा था। तफ वुदाभा बगलान कृ ष्ण वे सभरने के सरए द्रायका गए थे। औय अषम तृतीमा के फदन शी बगलान श्रीकृ ष्ण औय वुदाभा का ऩुन् ऩुनसभारन शुआ था। रेफकन अऩने त्रप्रम वखा के धन, लैबल औय ऐद्वमा को देख प्रवन्न ता शुई औय वुदाभा को अऩने सरए वशामता भाॊगने भें रज्जा भशवूव शुई। वुदाभा अऩने वाथ उऩशाय के रूऩ भें बगलान कृ ष्ण के सरए कु छ ालर रेकय आमे थे, रेफकन ळसभिंदगी के कायण वॊको वे उन्शकने उवे लशीॊ छोड फदमा औय लाऩव अऩने घय रौट आए। बगलान कृ ष्ण ने ालर को देखा औय अऩने वखा के प्रसत प्रेभ दळााते शुए उवका वशऴा उऩबोग फकमा। जफ वुदाभा घय ऩशुॊ े, फकत शो गए, उन्शक ने देखा उनकी झोऩडी की जगश ऩय एक बव्म भशर खडा शैं औय उनके ऩरयलाय के वदस्म फशुभूल्म ऩोळाक भें वुळोसबत। मश वफ देख वुदाभा को सात शो गमा की मश वफ बगलान कृ ष्ण की कृ ऩा वे प्राद्ऱ शुला शै। भान्मता शैं की तफ वे, इव फदन को अषम तृतीमा के रूऩ भें भनामा जाता शै। कु फेय की कथा ऩौयात्णक भान्मता के अनुवाय अषम तृतीमा के फदन शी कु फेयजी ने सळलजी की आयाधना कय उन्शें प्रवन्न फकमा था। कु फेयजी की तऩस्मा वे प्रवन्न शो कय बगलान
  • 13. eगुरुत्ल ज्मोसतऴ 13 अप्रैर 2020 | अॊक 2 © GURUTVA JYOTISH | © Articles Copyright Rights Reserved By GURUTVA KARYALAY सळलजी ने कु फेय वे लय भाॊगने को कशा, तफ कु फेयजी ने लयदान भें अऩना धन एलॊ वॊऩत्रि रक्ष्भीजी वे ऩुन् प्राद्ऱ कयने का अनुयोध फकमा। तबी सळलजी ने कु फेयजी को रक्ष्भीजी का ऩूजन कय के उन्शें प्रवन्न कयने को कशा, उवी वभम वे अषम तृतीमा के फदन रक्ष्भीजी का ऩूजन कय उन्शें प्रवन्न कयने का त्रलधान रा आ यशा शै। इव फदन रक्ष्भीजी-बगलान त्रलष्णु के वॊमुक्त ऩूजा त्रलळेऴ राबदामक भानी गमी शै। अन्म भान्मता के अनुवाय बगलान सळलजी ने देली रक्ष्भीजी को वकर रोकक की धन-व्ऩत्रि का असधकायी फनामा था। धभादाव की कथा प्रा ीन कार भें एक नगय भें धभादाव नाभक एक लृि था। धभादाव अत्मॊत वदा ायी, धभा-कभा भें आस्था यखने लारा औय ब्राह्मणक का आदय वत्काय कयने लारा था। एक फाय उवने नगय के त्रलद्रान ब्राह्मण के भुख वे अषम तृतीमा के भशत्ल को वुनकय इवे कयने का सनद्ळम फकमा। अषम तृतीमा के फदन धभादाव ऩत्रलि गॊगा भें स्नान कयके त्रलसध-त्रलधान वे अऩने इद्श देली- देलता की ऩूजा-अ ाना की। लृिालस्था भें योग ग्रस्त शोते शुए बी उवने ऩूणा श्रिा वे व्रत-उऩलाव-दान-सनमभ आफद वत कभा फकमे। एवा भाना जाता अषम तृतीमा के फदन फकमे गमे धभा-कभा व्रत आफद के प्रबाल वे उवे अगरे जन्भ भें फशुत धनी ल प्रताऩी याजा फना। उवके याज दयफाय भें त्रलसबन्न देली-देलता बी अषम तृतीमा के फदन ब्राह्मण का लेऴ धायण कयके उवके धभा-कभा भें उऩत्स्थत शो जाते थे। लश याजा अगरे जन्भ भें याजा ॊद्रगुद्ऱ के रूऩ भें उतऩन्न शुए। भॊि सवि मॊि रक्ष्भी-गणेळ (स िमुक्त) कभरा मॊि वलातोबद्र मॊि रक्ष्भी त्रलनामक मॊि बुलनेद्वयी मॊि कासताके म मॊि लास्तुदोऴ सनलायण (ऩुरुऴाकृ सत मुक्त) वुमा (भुखाकृ तीमुक्त) लवुधया त्रलवा मॊि लास्तु मॊि (स िमुक्त) शीॊगराज मॊि कल्माणकायी सवि त्रलवा मॊि गृशलास्तु मॊि ब्रह्माणी मॊि कोटा क ेयी मॊि लास्तु ळान्ती मॊि भेरडी भाता का मॊि जैन मॊि भशाकारी मॊि कात्मामनी मॊि वयस्लती मॊि (स िमुक्त) उत्च्छद्श गणऩती मॊि ऩॊदयीमा मॊि (ऩॊ दळी मॊि) फालनलीय मॊि भशा गणऩती मॊि भशावुदळान मॊि ऩॊ गुरी मॊि ळिु दभनालणा मॊि काभाख्मा मॊि वूयी भॊि ऋणभुत्रक्त मॊि रक्ष्भी वॊऩुट मॊि सतजमऩशुत वलातोबद्र मॊि रक्ष्भीधाया मॊि लीवा मॊि 16 त्रलद्यादेली मुक्त वलातोबद्र रक्ष्भी प्राद्ऱी औय व्माऩायलधाक सछन्नभस्ता (स ि + मॊि) गौतभस्लाभी मॊि सवि भशारक्ष्भी मॊि घुभालती (स ि + मॊि) अनॊतरब्धीसनधान गौतभ स्लाभी कनकधाया मॊि (कृ भऩृद्श) कारी (स ि + मॊि) बक्ता्फय (१ वे ४८) फदग्फय दुगाा मॊि (अॊकात्भक) श्री भातृका मॊि ऩद्मालती देली मॊि भातॊगी मॊि वलातोबद्र मॊि (गणेळ) त्रलजम ऩताका मॊि GURUTVA KARYALAY BHUBNESWAR-751018, (ODISHA), Call us: 91 + 9338213418, 91+ 9238328785
  • 14. eगुरुत्ल ज्मोसतऴ 14 अप्रैर 2020 | अॊक 2 © GURUTVA JYOTISH | © Articles Copyright Rights Reserved By GURUTVA KARYALAY वला कामा सवत्रि कल त्जव व्मत्रक्त को राख प्रमत्न औय ऩरयश्रभ कयने के फादबी उवे भनोलाॊसछत वपरतामे एलॊ फकमे गमे कामा भें सवत्रि (राब) प्राद्ऱ नशीॊ शोती, उव व्मत्रक्त को वला कामा सवत्रि कल अलश्म धायण कयना ाफशमे। कल के प्रभुख राब: वला कामा सवत्रि कल के द्राया वुख वभृत्रि औय नल ग्रशक के नकायात्भक प्रबाल को ळाॊत कय धायण कयता व्मत्रक्त के जीलन वे वला प्रकाय के दु:ख-दारयद्र का नाळ शो कय वुख-वौबाग्म एलॊ उन्नसत प्रासद्ऱ शोकय जीलन भे वसब प्रकाय के ळुब कामा सवि शोते शैं। त्जवे धायण कयने वे व्मत्रक्त मफद व्मलवाम कयता शोतो कायोफाय भे लृत्रि शोसत शैं औय मफद नौकयी कयता शोतो उवभे उन्नसत शोती शैं।  वला कामा सवत्रि कल के वाथ भें वलाजन लळीकयण कल के सभरे शोने की लजश वे धायण कताा की फात का दूवये व्मत्रक्तओ ऩय प्रबाल फना यशता शैं।  वला कामा सवत्रि कल के वाथ भें अद्श रक्ष्भी कल के सभरे शोने की लजश वे व्मत्रक्त ऩय वदा भाॊ भशा रक्ष्भी की कृ ऩा एलॊ आळीलााद फना यशता शैं। त्जस्वे भाॊ रक्ष्भी के अद्श रुऩ (१)-आफद रक्ष्भी, (२)-धान्म रक्ष्भी, (३)- धैमा रक्ष्भी, (४)-गज रक्ष्भी, (५)-वॊतान रक्ष्भी, (६)-त्रलजम रक्ष्भी, (७)-त्रलद्या रक्ष्भी औय (८)-धन रक्ष्भी इन वबी रुऩो का अळीलााद प्राद्ऱ शोता शैं।  वला कामा सवत्रि कल के वाथ भें तॊि यषा कल के सभरे शोने की लजश वे ताॊत्रिक फाधाए दूय शोती शैं, वाथ शी नकायात्भक ळत्रक्तमो का कोइ कु प्रबाल धायण कताा व्मत्रक्त ऩय नशीॊ शोता। इव कल के प्रबाल वे इऴाा-द्वेऴ यखने लारे व्मत्रक्तओ द्राया शोने लारे दुद्श प्रबालो वे यषा शोती शैं।  वला कामा सवत्रि कल के वाथ भें ळिु त्रलजम कल के सभरे शोने की लजश वे ळिु वे वॊफॊसधत वभस्त ऩयेळासनओ वे स्लत् शी छु टकाया सभर जाता शैं। कल के प्रबाल वे ळिु धायण कताा व्मत्रक्त का ाशकय कु छ नशी त्रफगाड वकते। अन्म कल के फाये भे असधक जानकायी के सरमे कामाारम भें वॊऩका कये: फकवी व्मत्रक्त त्रलळेऴ को वला कामा सवत्रि कल देने नशी देना का अॊसतभ सनणाम शभाये ऩाव वुयत्षत शैं। >> Shop Online | Order Now GURUTVA KARYALAY 92/3. BANK COLONY, BRAHMESHWAR PATNA, BHUBNESWAR-751018, (ODISHA) Call Us - 9338213418, 9238328785 Our Website:- www.gurutvakaryalay.com and http://gurutvakaryalay.blogspot.com/ Email Us:- gurutva_karyalay@yahoo.in, gurutva.karyalay@gmail.com (ALL DISPUTES SUBJECT TO BHUBANESWAR JURISDICTION)
  • 15. eगुरुत्ल ज्मोसतऴ 15 अप्रैर 2020 | अॊक 2 © GURUTVA JYOTISH | © Articles Copyright Rights Reserved By GURUTVA KARYALAY भॊि सवि कारी शल्दी के त्रलसबन्न राब  वॊकरन गुरुत्ल कामाारम त्रलद्रानक का कथन शैं की ईद्वय की कृ ऩा प्रासद्ऱ शेतु एलॊ लाॊसछत कामा भें सवत्रि की प्रासद्ऱ एलॊ भनोकाभना ऩूसता शेतु भॊि, मॊि औय तॊि के अनेक उऩामो का लणान फशन्दूॊ धभाग्रॊथक भें सभरता शैं। आज के बौसतक मुग भें शय कामा अथा (धन) के उऩय प्रत्मष मा अप्रत्मष रुऩवे सनबाय शोता शैं इव सरमे प्रत्मेक व्मत्रक्त फक मशी इच्छा शोती शैं फक उवके ऩाव बी इतना धन शो फक लश अऩने जीलन भें वभस्त बौसतक वुखो को बोग ने भें वभथा शक। शय व्मत्रक्त की ाश शोती शैं की उवकी धन-वॊऩत्रि फदन दोगुनी यात ौगुनी फढती यशें ! फशन्दू धभा भें धन औय ऐद्वमा की देली भाॊ भशारक्ष्भी शैं जो धन, वभृत्रि एलॊ ऐद्वमा प्रदान कयती शैं। इवसरए भाॉ भशारक्ष्भी की प्रवन्नता एलॊ कृ ऩा वे धन, वभृत्रि एलॊ ऐद्वमा की प्रासद्ऱ के वयर उऩाम तॊि ळास्त्र भें फतामे गमे शैं। बायतीम ऩयॊऩया भें शल्दी का त्रलळेऴ भशत्ल फतामा गमा शैं, शल्दी का उऩमोग प्राम् वबी व्मत्रक्त के जीलन भें बोजन के अराला असधक्तय आध्मात्त्भक ल औऴसध के रुऩ भें बी शोता शैं। आध्मात्त्भक षेि भें शल्दी के प्रमोगो वे धन प्रासद्ऱ वॊबल शैं! फशन्दू वॊस्कृ सत भें शल्दी को अत्मॊत ळुब एलॊ गुणकायी भाना जाता शैं इवसरए शल्दी का प्रमोग बोजन ल औऴसध के अराला भाॊगसरत कामा, देली-देलताओॊ के ऩूजन- अ ान इत्माफद भें त्रलळेऴ रुऩ वे प्रमोग फकमा जाता शैं। असधकतय रोगक ने शल्दी के लर ऩीरे यॊग की शी देखी शोगी। क्मोफक ऩीरी शल्दी का प्रमोग शय घयक भें भवारक के रुऩ भें प्रमोग शोता शी शैं, इवसरए ऩीरी शल्दी फाजायक भें आवानी वे उऩरब्ध शो जाती शैं। रेफकन शल्दी कारे यॊग की बी प्राद्ऱ शोती शैं। कारी शल्दी को तॊि ळास्त्रक भें असधक दुराब औय देलीम गुणक वे मुक्त भाना गमा शैं। कारी शल्दी औऴसधम गुणक वे बयऩूय शोती शैं, इवसरए इव का प्रमोग तॊि प्रमोगो के अराला औऴसध के सनभााण इत्माफद भें बी त्रलळेऴ रुऩ वे फकमा जाता शैं। तॊि त्रलद्या के जानकाय भानते शैं की धन प्रासद्ऱ शेतु कारी शल्दी एक अद्भुत भत्कायी प्रबालक वे मुक्त शोती शैं, उनका भानना शैं की कारी शल्दी के त्रलसध-त्रलधान वे ऩूजन वे व्मत्रक्त अवीभ धन-वॊऩत्रि एलॊ ऐद्वमा प्राद्ऱ कयने भें वभथा शो वकता शैं। शल्दी को शरयद्रा बी कशा जाता शै। तॊि त्रलद्या के जानकायक का तो मशाॊ तक भानना शैं की अवरी कारी शल्दी प्राद्ऱ शोना वौबाग्म की फात शैं। त्जव घय भें कारी शल्दी का ऩूजन शोता शो लश घय भें सनलाव कताा वौबाग्मळारी शोते शैं।
  • 16. eगुरुत्ल ज्मोसतऴ 16 अप्रैर 2020 | अॊक 2 © GURUTVA JYOTISH | © Articles Copyright Rights Reserved By GURUTVA KARYALAY ऐवी धासभाक भान्मता शैं की अषम तृतीमा, धनिमोदळी, दीऩालरी, ग्रशण, गुरु ऩुष्माभृत मोग, त्रिऩुष्कय मोग, फद्रऩुष्कय मोग, कामा सवत्रि मोग, अभृत सवत्रि मोग आफद फकवी ळुब भुशूता भें कारी शल्दी को अऩने ऩूजा स्थान भें स्थात्रऩत कय उवका सनमसभत ऩूजन कयने वे कारी शल्दी का भत्कायी प्रबाल आद्ळमाजन रुऩ वे असत ळीघ्र प्राद्ऱ शोता शैं। धन प्रासद्ऱ प्रमोग  कारी शल्दी को अऩने ऩूजन स्थान भें रक्ष्भी नायामण की प्रसतभा मा स ि के ऩाव स्थात्रऩत कय उवका त्रलसधलत ऩूजन कयें।  त्रलद्रानक का अनुबल शैं की कारी शल्दी को घय भें स्थात्रऩत कय ऩूजन कयने वे घय भें सनयॊतय वुख-ळाॊसत की लृत्रि शोने रगती शै।  तॊि ळास्त्र के जानकायक का कथन शैं की कारी शल्दी के सनमसभत ऩूजन वे व्मत्रक्त को कबी ऩैवा की कभी नशीॊ शोती।  कारी शल्दी की गाॊठ को ाॊदी, स्टीर मा प्रात्स्टक की फडब्फी भें यख कय प्रसत-फदन देली-देलता के वाथ धूऩ-दीऩ वे ऩूजन कयें।  कारी शल्दी की गाॊठ को वोने मा ाॊदी के सवक्के के वाथ रार लस्त्र भें फाॊधकय ऩोटरी फना कय उवे अन्म देल प्रसतभाओॊ के वाथ ऩूजा कयने वे त्रलळेऴ राब की प्रासद्ऱ शोती शै। (वोने मा ाॊदी के सवक्के न शो तो रुऩमे- ऩैवे के नमे सवक्के के वाथ यखा जा वकता शैं)  कारी शल्दी की ऩोटरी को को अऩने गल्रे (कै ळ फॉक्व), सतजोयी आफद भें बी यख वकते शैं। त्रलद्रानक का अनुबल शैं की कारी शल्दी के ऩूजन वे धन वे वॊफॊसधत वभस्माएॊ दूय शोती शै, योजगाय भें लृत्रि शोती शैं।  कारी शल्दी के प्रबाल वे नकायात्भक उजाा को दूय फकमा जा वकता शै।  फकवी ळुब भुशूता भें कारी शल्दी को सवॊदूय भें यखकय धूऩ-दीऩ वे ऩूजन कय रार कऩडे भें एक सवक्के के वाथ फाॊधय सतजोयी मा गल्रे भें यखने वे धन की लृत्रि शोने रगती शै। प्रफर धन प्रासद्ऱ प्रमोग प्रफर धन की इच्छा यखने लारे व्मत्रक्त को भॊि सवि 11 गोभती क्र, 11 ऩीरी कौफडयाॊ औय कारी शल्दी के 11 टुकडक को दीऩालरी मा धनिमोदळी आफद ळुब अलवय ऩय ऩूजन के वभम भाॊ रक्ष्भी की प्रसतभा मा स ि के वाथ स्थात्रऩत कय त्रलसधलत ऩूजन कयने वे ळीघ्र त्रलळेऴ राब की प्रासद्ऱ शोती शैं। ऩूजन के ऩद्ळमात गोभती क्र, कौफड औय शल्दी के टुकडक को ऩीरे कऩडे भें फाॊध कय ऩोटरी फना कय अऩनी सतजोयी मा गल्रे भें यखरें। सनमसभत मथा वॊबल रक्ष्भी भॊि का जऩ कयते यशें। इव त्रलसध वे ऩूजन कयने वे धन वॊफॊसधत रुकालट ळीघ्र दूय शोने रगती शैं औय ऩरयलाय भें सनयॊतय धन, वुख, वभृत्रि भें लृत्रि शोती शैं। मफद व्मलवाम भें सनयन्तय राब के स्थान ऩय घाटा शो यशा शो तो बी मश प्रमोग अत्मॊत राबप्रद शोता शैं। कामा सवत्रि प्रमोग  कारी शल्दी के टुकडे ऩय भौरी रगाकय गूगर औय रोफान के धूऩ वे ळोधन कयके अऩने ऩूजा स्थान भें यखदें, फकवी भशत्लऩूणा कामा ऩय जाते वभम उवे शभेंळा अऩनी जेफ के उऩयी फशस्वे भें मा फैग भें यखें, इव प्रमोग वे कामा त्रफना फकवी फाधा त्रलध्न के ऩूणा शोने की वॊबालनाएॊ प्रफर शो जाती शैं।  फकवी नमे कामा मा भशत्लऩूणा कामा के सरए जाते वभम कारी शल्दी को ॊदन की तयश घीव कय उवका सतरक रगाकय जाने वे कामा भें वपरता प्राद्ऱ शोने की वॊबालना प्रफर शो जाती शैं। त्रलद्रानक का अनुबल शैं की नौकयी व्मलवाम वे जुडे रोगक के सरए मश प्रमोग अत्मॊत राबप्रद सवि शोता शैं। ताॊत्रिक प्रबाल सनलायण प्रमोग मफद फकवी व्मत्रक्त ऩय टोने-टोटके आफद ताॊत्रिक प्रबाल शो तो उवे कारी शल्दी के छोडे टुकडे को छेद कयके धागा भें त्रऩयोकय मा फकवी तात्रलज भें बय कय धायण कयलामा जामे तो ळीघ्र शी अळुब प्रबालक वे भुत्रक्त सभर वकती शैं। कु छ त्रलद्रानक का अनुबल शैं की कारी शल्दी को नलग्रश भॊि वे असबभॊत्रित कय धायण कयने वे ग्रश जसनत ऩीडाएॊ दूय शोती शैं।
  • 17. eगुरुत्ल ज्मोसतऴ 17 अप्रैर 2020 | अॊक 2 © GURUTVA JYOTISH | © Articles Copyright Rights Reserved By GURUTVA KARYALAY आकऴाण प्रमोग त्रलद्रानक का भत शैं की कारी शल्दी को तॊि ळास्त्र भें लळीकयण भें अत्मॊत राब प्रद जडी फूटी भाना जाता शै। तॊि त्रलद्या के जानकायक का भानना शैं की कारी शल्दी भें अद्भुत आकऴाण ळत्रक्त शोने के कायण लळीकयण आफद भें बी कारी शल्दी का प्रमोग त्रलळेऴ राबप्रद शोता शैं। प्रसतफदन कारी शल्दी का सतरक रगाने वे वबी प्रकाय के इत्च्छत भनुष्मक का आकऴाण शो वकता शैं। कारी शल्दी का सतरक एक अत्मॊत वयर तॊिोक्त प्रमोग शै। त्रलळेऴ नोट: आकऴाण मा लळीकयण शेतु कारी शल्दी का प्रमोग कयने वे ऩूला कारी शल्दी को फकवी मोग्म जानकाय त्रलद्रान वे लळीकयण भॊि वे असबभॊत्रित एलॊ भॊि सवि अलश्म कयलारें। * आकऴाण प्रमोग के लर ळुब उद्देश्म शेतु राबप्रद शोता शैं, अनैसतक कामा मा उद्देश्म शेतु फकमा गमा आकऴाण प्रमोग सनत्द्ळत रुऩ वे अत्मासधक शानी कायक सवि शोता शैं। स्लास्थ्म लधाक प्रमोग मफद कोई व्मत्रक्त शभेंळा त्रफभाय मा अस्लस्थ यशता शो, तो फकवी बी गुरूलाय वे मश प्रमोग प्रायॊब कय के तीन गुरुलाय तक प्रमोग कयें। गेशूॊ के आटे के दो ऩेडे फनाकय उवभें थोडी गीरी ीने की दार, थोडा गुड औय थोडी वी त्रऩवी शुइ कारी शल्दी को दफाकय योगी व्मत्रक्त के उऩय वे वात फाय घडी की फदळा (दत्षणालता/Clockwise) भें उताय कय गाम को त्खरा दें। मश उऩाम रगाताय तीन गुरूलाय कयने वे त्रलळेऴ राब फदखने रगता शैं। नजय यषा प्रमोग  मफद फकवी को नजय रग गमी शै, तो कारे कऩडे भें कारी शल्दी को फाॊधकय वात फाय नज़य रगे व्मत्रक्त मा फच् े के उऩय वे घडी की फदळा (दत्षणालता/Clockwise) भें उताय कय फशते शुमे जर भें प्रलाफशत कय दें मा फकवी त्रलयान जगश भें पै क दें।  मफद फकवी के कामा मा व्मलवामीक स्थान ऩय फाय-फाय फकवी की नज़य रग गई शो तो कारी शल्दी को कारे कऩडे भें फाॊधकय दोनक शाथक वे ऩूये कामा स्थर के सबतय वात फाय घूभाकय फशते शुमे जर भें प्रलाफशत कय दें मा फकवी त्रलयान जगश भें पै क दें।  नज़य यषा के सरए कारी शल्दी ऩय भौरी रऩेट कय ऩीरे कऩडे भें फाॊधकय अऩने व्मलवामीक स्थान के भुख्म द्राय ऩय रटका दें। इव प्रमोग वे नज़य वे यषा शोगी एलॊ धन की लृत्रि बी शोती यशेगी। ग्रश ळाॊसत प्रमोग मफद फकवी व्मत्रक्त की जन्भ कुॊ डरी भें गुरू औय ळसन दोनो ऩीफडत शो, तो ग्रश ळाॊसत शेतु फकवी ळुक्रऩष के प्रथभ गुरूलाय वे सनमसभत रूऩ वे कारी शल्दी को ॊदन की तयश घीव कय सतरक रगाने वे मश प्रमोग दोनक ऩीफडत ग्रश ळुब पर प्रदान कयते शैं। धन वॊ म शेतु प्रमोग कु छ रोगक की आभदनी उिभ शोने के उऩयाॊत बी धन वॊ म नशीॊ कय ऩाते। उन्शें फकवी बी ळुक्रऩष के प्रथभ ळुक्रलाय को एक ाॊदी की फडब्फी भें कारी शल्दी, नागके ळय ल रार यॊग का सवन्दूय को वाथ भें सभराकय भाॊ रक्ष्भी की प्रसतभा मा स ि के यणक वे स्ऩळा कयला कय धन यखने के स्थान ऩय यख दें। इव प्रमोग के प्रबाल वे धन वॊ म शोने रगता शैं। * ाॊदी की फडब्फी उऩरब्ध न शो तो स्टीर मा प्रात्स्टक की फडब्फी का प्रमोग कयें। फडब्फी को स्थात्रऩत कयने शेतु ळुक्रऩष के प्रथभ ळुक्रलाय के अराला अषम तृतीमा, धनिमोदळी, दीऩालरी का भुशूता बी ळुब शोता शैं।) भळीनक को खयाफी वे फ ाने शेतु प्रमोग मफद व्मलवाम मा उद्योग भें भळीनक भें फाय-फाय खयाफी शोती यशती शक, तो कारीशल्दी को ॊदन की तयश के ळय ल गॊगा जर सभराकय घीव कय ळुक्रऩष के प्रथभ फुधलाय को भळीन ऩय स्लात्स्तक फना दें। इव प्रमोग वे वे भळीन फाय-फाय खयाफ नशीॊ शोती।
  • 18. eगुरुत्ल ज्मोसतऴ 18 अप्रैर 2020 | अॊक 2 © GURUTVA JYOTISH | © Articles Copyright Rights Reserved By GURUTVA KARYALAY भाॊ रक्ष्भी की कृ ऩा प्रासद्ऱ शेतु प्रमोग दीऩालरी के फदन कारी शल्दी औय एक ाॊदी का सवक्का ऩीरे लस्त्रक भें रऩेट कय उवे धन यखने के स्थान ऩय यख दें। इव प्रमोग को अगरी फदऩालरी ऩय ऩुन् इवी प्रकाय कयें इव प्रमोग वे लऴा बय भाॊ रक्ष्भी की कृ ऩा फनी यशती शै। अवरी नकरी की ऩयख मश कारी शल्दी का यॊग जफ मश शयी शोती शैं तफ अॊदय वे शल्के नीरे यॊग की शोती शैं लश वुख ने ऩय अॊदय वे गशये कत्थई मा कारे यॊग की शो जाती शैं। रेफकन अवरी कारी शल्दी ऩूणात् काजर के वभान कारी नशीॊ शोती, फाजायक भें एकदभ काजर के वभान कारी शल्दी सभर जाती शैं, त्जवे कारे यॊग की स्माशी मा यॊग आफद वे यॊग भें डूफा कय तैमाय फकमा जाता शैं। इव प्रकाय की शल्दी को प्राम् तेर भें सबगो कय कु भकु भ सवॊदूय आफद वे रेऩ कय फे ा जाता शैं त्जववे उवकी नकरी शोने की फात वाधयण व्मत्रक्त को आवानी वे नशीॊ रती। रेफकन इव भें कऩूय वे सभरती झुरती वुगन्ध नशीॊ शोती। अवरी कारी शल्दी की वुगन्ध कऩूय वे सभरती- झुरती शोती शैं मशी अवरी कारी शल्दी की ऩश ान शैं। अवरी कारी शल्दी अॊदय वे शी गशये यॊग की मा कारे यॊग की शोती शैं उऩय वे नशीॊ उवका उऩय का फशस्वा अदयख के उऩयी फशस्वे के वभान कत्थई यॊग वे सभरता झुरता शोता शैं। तॊि त्रलद्या के जानकायक का भत शैं की फकवी बी तॊि प्रमोग को कयने ऩय उववे प्राद्ऱ शोने लारे पर के लर प्रमोग कताा के आत्भत्रलद्वाव औय श्रिा ऩय शी सनबाय कयते शैं। तॊि प्रमोग भें फकवी बी प्रकाय की ळॊका अथला वॊदेश शोने ऩय तॊि के प्रमोग नशीॊ कयने ाफशए। ळॊका ल वॊदेश बाल वे फकमे गमे प्रमोगक का पर नगण्म मा प्राद्ऱ नशीॊ शोता शैं। ऩाठको के भागादळान शेतु उऩय कारी शल्दी के अवरी ल नकरीॊ स ि उऩय फदमे गमे शैं। अभोद्य भशाभृत्मुॊजम कल अभोद्य् भशाभृत्मुॊजम कल ल उल्रेत्खत अन्म वाभग्रीमक को ळास्त्रोक्त त्रलसध-त्रलधान वे त्रलद्रान ब्राह्मणो द्राया वला राख भशाभृत्मुॊजम भॊि जऩ एलॊ दळाॊळ शलन द्राया सनसभात कल अत्मॊत प्रबालळारी शोता शैं। अभोद्य् भशाभृत्मुॊजम कल कल फनलाने शेतु: अऩना नाभ, त्रऩता-भाता का नाभ, गोि, एक नमा पोटो बेजे कल के त्रलऴम भें असधक जानकायी शेतु गुरुत्ल कामाारम भें वॊऩका कयें। >> Order Now GURUTVA KARYALAY 91+ 9338213418, 91+ 9238328785 Mail Us: gurutva.karyalay@gmail.com, gurutva_karyalay@yahoo.in, Website: www.gurutvakaryalay.com | www.gurutvajyotish.com | अभोद्य् भशाभृत्मुॊजम कल दत्षणा भाि: 10900
  • 19. eगुरुत्ल ज्मोसतऴ 19 अप्रैर 2020 | अॊक 2 © GURUTVA JYOTISH | © Articles Copyright Rights Reserved By GURUTVA KARYALAY Order Now Call: 91 + 9338213418, 91 + 9238328785. घयेरू छोटे-छोटे सवि उऩाम टोने-टोटके मॊि, भॊि एलॊ वाधना