Cultivation of rose
If u are planing to do rose cultivation, then here you can find all the steps from sowing to harvesting. Now farmer are move towards to sowing of flowers crop because of high profit.
2. Slide Title
सुगंधित गुलाब, सुगंधित तेल देने वाली महत्वपूर्ण फसल है।
कई ककसान गुलाब की खेती करके काफी ज्यादा मुनाफा कमा
रहे है। ताजे चुने हुये फू लों का आसवन करके तेल ननकाला
जाता है जजसका उपयोग उद्योग में ककया जाता है। गुलाब का
इस्तेमाल औसधि बनाने, घरो और मंददरो में पूजा के लये
औैर ककसी को उपहार देने के ललए इस्तेमाल ककया जाता है।
आज कल गुलाब का बहुत इस्तेमाल सन्दयों बढ़ाने के उतपादो
में भी ककया जाता है। गुलाब को लगाने का समय मानसून के
ददनों में जुलाई, अगस्त व लसतंबर है। आइये जाने कै से करे
गुलाब की खेती जजससे आप ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमा
सके ।
3. जलवायु
• गुलाब के पौिे के उत्तम ववकास के ललए सूयण के
प्रकाश की आवश्यकता होती है।
• गुलाब की फसल लगाने के ललए ददन का तापमान
25 से 30 डिग्री सेंटीग्रेट तथा रात का तापमान 12
से 14 डिग्री सेंटीग्रेट उत्तम माना जाता है।
4. भूमि का चयन व तैयारी
• गुलाब की खेती हल्की (रेतीली), मध्यम (धचकनी बुलई) और
भारी धचकनी लमट्टी में आसानी से की जाती है।
• इसके साथ ही लमट्टी में अच्छी तरह जल ननकसी होना
चादहए।
• लमट्टी का pH मान 6 से 7.5 होना चादहए।
• बुवाई के पहले 3 -4 बार जोतकर भूलम को तैयार कर लेना
चादहए।
• एक महीने पहले ही गोबर की खाद क्यररओ में िाल देनी
चादहए।
5. गुलाब की क़लि लगाने की तैयारी
• खेत में लगभग 40 से.मी. व्यास और 40 से.मी. गहरें गड्ढें
खोदे जाते हैं।
• गड्ढ़े पयाणप्त रुप से बडे होना चादहए ताकक जडों को
फै लाकर लगाया जा सके ।
• बुबाई के बाद गड्ढों को लमट्टी और खाद से भर देना
चादहए।
• पोिो की ककस्मे के अनुसार ही उनके बबच का फासला रखे,
पर औसतन दूरी दो पौिों के बीच 1 -1.5 मी होती है।
• रोपर् के बाद लसंचाई की जानी चादहए।
6. नर्सरी बबछौना तैयारी
• अच्छे गुर्वत्ता वाली गुलाब की खेती के ललए अच्छी तरह से
नसणरी तैयार की जानी चादहए,पौिों को नसणरी में 10 X 45
से.मी. की दूरी पर लगाना चादहए।
• भूलम की सतह से 15 सेंटीमीटर की उचाई पर पौिे की
रुपाई करनी चादहए।रोपर् के समय साविानी रखना चादहए
कक कलम का ननचला दहस्सा नीचे रहे और ऊपरी दहस्सा
ऊपर रहे।
7. खाद व उवसरक
• गुलाब के फू लों की सफल उत्पादन के ललए जैववक खाद का
प्रयोग करना चादहए।
• रोपाई के समय N यानी नाइट्रोजन की आिी खुराक और P
(फॉस्फोरस) और K (पोटैलशयम) की पूरी खुराक लमट्टी में
लमलाकर देना चादहए और शेष N की खुराक रोपाई के बाद
देना चादहए।
• दीमक ने लगे उसके ललए कलोरोप्यरीफोस दवाई के प्रयोग
करना चादहए। इसको आप सीिा लमटी या खाद में लमलाकर
िाल सकते है। पौिे की सहनशजक्त को बढ़ाने के ललए
घुलनशील जड उत्तेजक 100 ग्राम को 100-150 लीटर पानी
में िालकर प्रनत एकड स्प्रे करे।
8. गुलाब की कु छ उत्ति ककस्िें
• राजहंस
• जवाहर
• बबरगो
• गंगा सफे द
• मृगाललनी गुलाबी
• मन्यु डिलाइट नीला
• मोटेजुमा
• चालणस मैलाररन गाढ़ा लाल
• फलोरीवंिा समूह की चंद्रमा सफे द
• गोल्िन टाइम्स पीला व जगुआर
• बटन गुलाब समूह की क्राई-क्राई
• देहली स्कारलेट
• लता गुलाब समूह के देहली व्हाइट
• पलण
• िीरथा पलमणन
9. मर्िंचाई व जल प्रबिंधन
• लसंचाई रोपर् के 20-30 ददनों के बाद करना चादहए।
• बरसात के मौसम से पहले ननयलमत रूप से लसंचाई करना
चादहए।
• आवश्कता अनुसार गमी में 5-7 ददनों के बाद और सददणओ
में 10 – 12 ददनों बाद लसचाई करते रहना चादहए
• डिप लसचाई गुलाब की खेती के ललए लाभदायक होती है।
10. घर्पात ननयिंत्रण प्रबिंधन
रोपर् के पहले चरर् में ननंदाई की आवश्यकता होती है। नवंबर
से जनवरी तक 2-3 बार ननंदाई करना चादहए। पौिे के अच्छे
ववकास के ललए एक वषण में 3-4 बार ननंदाई करना चादहए।
रोग
आल्टरनेररया आल्टरनेटा (पर्ण अंगमारी ) यह रोग वैक्टीररया
द्दारा होता है जो पौिे के ऊतकों को नष्ट कर देती है । पवत्तयों
पर िब्बे पडने से पवत्तयााँ कमजोर पड जाती है।
11. तुडाई, फर्ल की कटाई
• तुडाई के ललए उधचत समय प्रात: काल का होता है।
• दोपहर के बाद का समय तुडाई के ललए उपयुक्त नहीं होता
है।
• तुडाई के तुरंत बाद फू ल आसवन के ललए भेजना चादहए।
• सफ़े द, गुलाबी लाल रंग के फू लो की अि् खुली पखुडडआ में
जब ऊपर की पखुडडआ ननचे की और मुडना शुरु हो जाए
तब फू ल काटना चादहए।
• फू लो की कटाई करते समय ककसी बतणन में पानी के साथ
रखना चादहए जजससे फू लो को काटकर पानी में तुरंत रखा
जा सके ।
• तोडे हुए फू लो को कम से कम 3 घंटे पानी में रखने के बाद
ग्रेडिंग के ललए ननकलना चादहए।