Women's security is an issue that concerns the electorate in large parts of India. Yet, we do not know what our demands should be politically. Here is a very short introduction.
Women's security is an issue that concerns the electorate in large parts of India. Yet, we do not know what our demands should be politically. Here is a very short introduction.
Every Citizen of India wants it to be Free From “3C’s”-
C for Communalism, C for Casteism and C for Corruption
Most of the People who represent us follow either of these 3C’s, So we need to get rid of them and elect better people.
Constitution is Supreme.
The Election Commission of India has time and again proposed Electoral Reforms, But the Government has not implemented these reforms.
This Campaign urges the Government to implement those reforms as soon as possible.
Poll Reforms would Create Better Governance and would immensely benefit the image of Indian Politicians.
News of each village of India. you can get all news of each people and all villager of India as well you get breaking news. now Jan josh will help to all people who is facing challenges to live their life. the team is doing help to each and uplifting victims.
constructivism , types of constructivism, theories of constructivism,critical constructivism , social and cultural constructivism,creation of knowledge,student centric teaching technique
existentialism ,philosophy , jyan paul satra,Martin Hedeger, neetze,freedom of choice,absurdness of life , commitment to society, Despair,Buddhist philosophy,essence, logic, science
RESEARCH METHODOLOGY, BIBLIOGRAPHY STYLES,ONLINE BIBLIOGRAPHY MANAGER,PURPOSE OF MAKING A BIBLIOGRAPHY, ACADEMIC INTEGRITY,PLAGIARISM,CHICAGO STYLE,APA STYLE , MLA STYLE,AUTHENTICITY OF RESEARCH WORK,HONOUR TO RESEARCHERS AND WRITERS
SOCIAL JUSTICE, AFFIRMATIVE ACTION, RESERVATION,OBC,SC,ST, MANDAL COMMISSION, POONA PACT,73 CONSTITUTIONAL AMENDMENT, KAKA KALELKAR COMMISSION,GOVT. JOB,EDUCATIONAL INSTITUTION,PARLIAMENT, STATE LEGISLATURE,LOGIC RELATED TO RESERVATION POLICY, MINISTRY OF SOCIAL JUSTICE, SUPREME COURT ,CASTE SYSTEM, INDIAN CONSTITUTION
1. भारत म चुनाव या और चुनावी राजनी त
SOURCE-
https://eci.gov.in/uploads/monthly_2018_10/electoral-system-in-india.jpg.ed90cf9c756361
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यह साम ी वशेष प से श ण और सीखने को बढ़ाने के शै णक उ दे य के लए है। आ थक / वा णि यक अथवा
कसी अ य उ दे य के लए इसका उपयोग पूणत: तबंध है। साम ी के उपयोगकता इसे कसी और के साथ वत रत,
सा रत या साझा नह ं करगे और इसका उपयोग यि तगत ान क उ न त के लए ह करगे। इस ई - कं टट म जो
जानकार क गई है वह ामा णक है और मेरे ान के अनुसार सव म है।
वारा- डॉ टर ममता उपा याय
एसो सएट ोफे सर राजनी त व ान
कु मार मायावती राजक य म हला नातको र महा व यालय,
बादलपुर, गौतम बु ध नगर, उ र देश
उ दे य-
● लोकतं म चुनाव के मह व का ान
● भारत म चुनावी या क जानकार
● चुनावी तं के काय करण का ान
2. ● चुनाव सुधार हेतु क गई पहल क जानकार
● चुनाव प रणाम को भा वत करने वाले नधारक त व का ान
● चुनावी या एवं चुनाव प रणाम के व लेषण के मा यम से चुनावी राजनी त के
व लेषण के मता का वकास
चुनाव को लोकतं का महापव कहा जाता है। त न ध मूलक लोकतं चुनाव या के
मा यम से ह वा त वक प हण कर पाता है। चुनाव के मा यम से आम जनता न
के वल शासन काय हेतु अपने त न धय का चुनाव करती है, बि क उनक स ा को
मया दत भी रखती है। आधु नक रा य अपने नाग रक म सावज नक वषय के त
च और भागीदार का भाव चुनाव के मा यम से ह उ प न करता है। येक लोकतं म
शासन के उ र अ धका रय को नय मत और योजनाब ध ढंग से बदलने और उ ह स ा
दान करने का काय चुनाव के मा यम से ह होता है । चुनावी माहौल न के वल आम
नाग रक को श त करता है, बि क सरकार को वैधता दान करने का काय भी करता
है । लोकतां क थाएं चुनाव के मा यम से ह कायम क जाती है और उ ह मजबूती
दान क जाती है, लोकतं के लए चुनाव अप रहाय ह, कं तु वे लोकतं को मजबूती तभी
दान कर सकते ह जब वे वतं और न प हो और अ नय मतताओं एवं बुराइय से
मु त हो। चुनावी बुराइयां न के वल मता धकार को यथ करती है, बि क लोकतं के
व थ और सह दशा म वकास को भी अव ध करती है। चुनावी टाचार
लोकतां क मू य के तकू ल है और इससे स ाधार एवं वप ी दल के म य
गलतफह मयां पैदा होती ह जो राजनी तक संकट को ज म देती है ,अतः एक पारदश
चुनाव णाल क आव यकता वक सत और वकासशील दोन तरह के लोकतं के लए
सबसे मह वपूण पूव शत बन गई है।
भारत संसद य णाल वाला एक संघा मक लोकतं है, िजसम रा य
सरकार से लेकर रा य सरकार एवं थानीय सरकार का गठन चुनाव के मा यम से
संप न होता है।मेर जान और व लव दास गु त ने भारत म चुनाव या के संबंध म
लखा है क “ भारत म चुनाव सबसे बड़े पैमाने पर लोग क भागीदार हेतु अवसर दान
करते ह, वे राजनी तक समूह के बीच असल मुकाबले के लए सवा धक
3. मह वपूण एकल अखाड़ा तैयार करते ह, यह उस खास एजसी के समान है िजसके
मा यम से राजनी तक अ भजा य वग के एक मह वपूण भाग क भत पर असर पड़ता
है”। अल ब सक एवं पैती ने इ ह “ रा यता एवं सामािजक योजन का प ट तीक’’
कहा है जो सभी नवा सय के लए मनोरंजन एवं उ ेजना दान करते हुए महो सव का
प धारण कर चुके ह। न नां कत पदा धका रय एवं सं थाओं के लए भारत म चुनाव
काय संप न कराए जाते ह-
● रा प त तथा उपरा प त
● संसद के दोन सदन- लोकसभा एवं रा यसभा
● रा य क वधान सभाओं के सद य एवं क शा सत देश क वधान सभाओं
के सद य
● रा य वधान प रषद के सद य
● ाम पंचायत एवं नगर नगम के सद य
● उप चुनाव ऐसी ि थ त म कराये जाते ह, जब क नवा चत सद य क मृ यु हो
जाती है, या वह याग प दे देता है या सद यता हेतु अयो य घो षत कर दया
जाता है।
नवाचन तं - चुनाव आयोग
ड लू. जी. मैकजी ने वतं और न प चुनाव हेतु 4 शत आव यक बताई है -1. चुनावी
कानून क या या हेतु एक वतं यायपा लका,2. चुनाव कराने हेतु एक ईमानदार,
स म, न प शासन ,3. राजनी तक दल का एक वक सत तं जो अपनी नी तय को
सामने रखने के लए भल कार संग ठत हो 4. चुने जाने वाले वक प के प म
मतदाताओं के सामने या शय के दल का चुनाव णाल के संबंध म कु छ नि चत
नयम के त संपूण राजनी तक समुदाय म एक आम सहम त जो इस चुनावी संघष को
नयं त कर सके । भारत दूसरे देश के मुकाबले इन शत को पूरा करने के कर ब है ।
वतं यायपा लका और न प चुनाव शासन का
4. अि त व है, क तु यहां राजनी तक दल का कोई वक सत तं नह ं है। चुनाव योजना
के नि चत नयम के त आम सहम त ा त है जो समय के साथ गहर जड़े जमा चुका
है।
गठन-
सं वधान का अनु छेद 324 चुनाव या के संचालन हेतु एक नवाचन आयोग
क यव था करता है। संवैधा नक यव था के अनु प 25 जनवर 1950 को एक वतं
संवैधा नक स ा के प म नवाचन आयोग क थापना क गई .। 1989 चुनाव आयोग
म के वल मु य चुनाव आयु त हुआ करता था, 1989 म पहल बार दो अ य चुनाव
आयु त क नयुि त क गई । चुनाव आयु त क ि थ त सव च यायालय के
यायाधीश के समान होती है । उसे के वल संसद वारा महा भयोग क या के आधार
पर उसके पद से हटाया जा सकता है।आयोग वारा सभी नणय सवस म त से लए जाते
ह, कं तु मतभेद क ि थ त म बहुमत का नणय मा य होता है। नवाचन आयोग का
मु यालय नई द ल म है। उसका 350 का मक से यु त एक स चवालय भी है। रा य
तर पर एक मु य चुनाव अ धकार थाई आधार पर नयु त का मक के साथ कायरत
है। िजला एवं नवाचन े तर पर शास नक सेवा के अ धकार एवं का मक चुनाव
अ धका रय के प म भी काय करते ह चुनाव के समय अ य अ त र त का मक अ थाई
तौर पर 2 स ताह के लए अपनी सेवाएं देते ह। वे मु य प से मतदान एवं मत गणना
अ धका रय के प म काय करते ह।
काय-
1. चुनाव आयोग संसद, रा य वधान सभाओं, रा प त और उपरा प त के चुनाव क
या के संचालन के लए उ रदाई है।
2. नवाचन आयोग नवाचन सूची तैयार करता है, समय-समय पर उसे अ यतन करता
है।
3. नवाचन के लए उ मीदवार के नामांकन का नर ण करता है।
4. राजनी तक दल का पंजीकरण करता है।
5. 5. चुनाव चार का नर ण करता हैऔर इस बात का नर ण भी करता है क चुनाव म
राजनी तक दल के वारा कन व ीय ोत का योग कया जा रहा है।
6. जनसंचार मा यम वारा चुनाव या के सारण क यव था भी उसके वारा क
जाती है।
7. मतदान हेतु मतदान क क यव था करता है।
8. मतदान हो जाने पर मतगणना एवं चुनाव प रणाम क घोषणा क या का
नर ण भी उसके वारा कया जाता है। उसके वारा यह सभी काय चुनाव या को
न प एवं यवि थत बनाने के उ दे य से कये जाते ह।
चुनाव या एवं चुनाव से संबं धत मु दे
चुनाव एक यापक राजनी तक या का ह सा है िजसम नामांकन, चुनाव अ भयान
एवं मतदान सि म लत है। वा तव म वे सभी साधन और याये चुनाव या का
अंग है, िजनके मा यम से कोई यि त एक नवा चत सभा का सद य बनता है।
नवाचन या से जुड़े कु छ मह वपूण न इस कार है।
● मता धकार-
भारतीय लोकतं म जन त न धय के नवाचन हेतु वय क मता धकार क
यव था को अपनाया गया है,िजसके अंतगत 18 वष और उससे ऊपर के सभी
वय क नाग रक को जा त, रंग, ज म, धम और लंग के भेद के बना मत देने का
अ धकार दान कया गया है। पागल और दवा लया तथा सजाया ता अपरा धय
को मता धकार से वं चत रखा गया है। भारत म मतदान तशत म उ रो र
वृ ध देखी गई है। जहां 1996 के चुनाव म 57.4% वोट पड़े थे, वह ं 2019 के
चुनाव म यह बढ़कर 67% हो गया।
● नवाचन सूची-
6. एक नवाचन े क नवाचन सूची म उन सभी लोग के नाम होते ह जो मतदान
के लए पंजीकृ त होते ह। चुनाव मे के वल वह लोग मत दे सकते ह िजनका इस
सूची म नाम होता है। तवष इस सूची को अ यतन कया जाता है। 18 वष क
उ ा त नए मतदाताओं को शा मल कया जाता है और जो मतदाता संबं धत
नवाचन े को छोड़ कर जा चुके ह, उ ह सूची से हटा दया जाता है। जन
त न ध व कानून- 1950 क धारा 13 बी के अनुसार नवाचन सूची क तैयार
और संशोधन काय येक नवाचन े म एक नवाचन पंजीकरण अ धकार के
वारा कया जाता है। नचले तर पर बूथ लेवल ऑ फसर[BLO] नयु त कए
जाते ह जो चुनाव वष म नए मतदाताओं के पंजीकरण संबंधी आवेदन प को
एक त कर अ ेतर कायवाह हेतु नवाचन अ धकार के सम तुत करते ह।
उनके ऊपर एक नर ण अ धकार भी होता है। बी.एल.ओ. क सहायता के लए
राजनी तक दल वारा नयु त लॉक लेवल एजट भी होते ह।
● मतदाता पहचान प -
मतदाता को नवाचन अ धकार के वारा एक पहचान प नगत कया
जाता है िजस पर उसक फोटो ,उसका नाम, उसके पता का नाम, ज म
त थ, उ , लंग ,पताआ द अं कत होता है। मतदाता को मत देते समय
पहचान प तुत करना होता है । कसी अ य यि त के वारा मत का
योग करके चुनाव क न प ता को भंग न कया जा सके , यह सु नि चत
करने के 1994-95 से पहचान प क यव था क गई है । 100% मतदाता
पहचान प का ल य रखने के बावजूद चुनाव या के अं तम समय म
नवाचन सूची म बदलाव होने के कारण सरकार वारा जार काड, पासपोट,
पैन काड, पो ट ऑ फस , बक,अकाउंट क पासबुक,संप संबंधी द तावेज,
जा त माण प , वतं ता सेनानी पहचान प , श लाइसस, वकलांगता
माण प , नरेगा के अंतगत
7. जार जॉब काड आ द को भी पहचान प के प म तुत कया जा सकता
है।
● चुनाव का समय एवं काय म-
लोकसभा और रा य वधान सभाओं के चुनाव त 5 वष म होते ह।
समय से पूव रा प त के वारा लोकसभा भंग कर दए जाने पर यह
चुनाव 5 वष से पहले भी हो सकता है। लोकसभा के चुनाव 1951 म
1957 म 1962 म 1967 म 1971 म 1977 म 1984 म 1989 म
1991 म 1996 म 1997 म 1998 म 1999 म 2004 म 2009 म
2014 म 2019 म संप न हुए। असामा य ि थ तय म चुनाव
आयोग क सलाह से संसद वारा सं वधान संशोधन करके नय मत
चुनाव क या को कु छ समय के लए रोका जा सकता है।
चुनाव क या का ारंभ संसद य एवं वधानसभा चुनाव े क
अ धसूचना जार करने के साथ होता है। संबं धत कानून के अनुसार
अ धसूचना जार होने के 1 स ताह के अंदर या शय को नामांकन
दा खल करना होता है। कसी राजनी तक दल वारा सम थत
उ मीदवार के नामांकन के प म नवाचन े के 1 मतदाता के
वारा समथन कया जाना आव यक है। वतं उ मीदवार के लए
10 मतदाताओं का समथन आव यक है। नामांकन क अं तम त थ
के बाद आवेदन प का नर ण कया जाता है। नामांकन क
अं तम त थ के 2 दन के भीतर कोई उ मीदवार अपना नामांकन
वापस ले सकता है। त प चात 14 दन तक चुनाव चार कया
जाता है। मतदान के 48 घंटे पूव चार काय बंद कर दया जाता है।
● चुनाव हेतु का मक क तैनाती-
मतदान क त थ नि चत हो जाने के बाद संबं धत िजले म मतदान काय
संप न कराने हेतु व भ न वभाग के अ धका रय एवं का मक क नयुि त पीठासीन
8. अ धकार एवं मतदान अ धकार के प म क जाती है और उ ह संबं धत श ण दया
जाता है।
● उ मीदवार क यो यताएं-
कोई भी भारतीय नाग रक जो 25 वष क उ ा त कर चुका हो और िजसका नाम
मतदाता सूची म हो वह लोकसभा और रा य वधान सभाओं के चुनाव म
उ मीदवार के प म खड़ा हो सकता है। रा यसभा के चुनाव हेतु आयु सीमा 30
वष है। वधानसभा के चुनाव के लए उ मीदवार का उसी रा य का नवासी होना
ज र होता है िजस रा य क वधानसभा का चुनाव लड़ने जा रहा है। लोकसभा
चुनाव लड़ने वाले उ मीदवार को 25 हजार क रा श जमा करनी होती है जब क
वधानसभा और रा यसभा का चुनाव लड़ने वाले क डडेट को 10000 क धरोहर
रा श जमा करनी होती है। अनुसू चत जा त और जनजा त के उ मीदवार को
इसक आधी धनरा श जमा करनी होती है। चुनाव म नवाचन े के कु ल मत
का 1 बटा 6 भाग ा त करने पर उ मीदवार को धनरा श वापस कर द जाती
है।लोकसभा म 84 थान अनुसू चत जा त और 47 थान अनुसू चत जनजा त के
लए आर त है। सं वधान के 73 व और 74 व सं वधान संशोधन के मा यम से
ाम पंचायत एवं नगर नगम म 33% थान म हलाओं के लए आर त कए
गए ह।
● आचार सं हता -
राजनी तक दल क सहम त से चुनाव आयोग एक आचार सं हता तैयार
करता है। चुनाव चार करते समय राजनी तक दल और उ मीदवार को
इस सं हता का पालन करना होता है। सं हता का उ दे य चुनाव या को
शां तपूण, न प और पारदश ढंग से संचा लत करना होता है। चुनाव
आयोग यह भी देखता है क स ाधार
दल के वारा सरकार मशीनर एवं पद का दु पयोग चुनावी लाभ के लए
न कया जा सके । वैधा नक प से कोई उ मीदवार लोकसभा के चुनाव म
9. 70 लाख से यादा धन चुनाव चार म नह ं खच कर सकता। छोटे रा य
क वधान सभाओं के चुनाव म यह खच सीमा 2800000 पए है।
● मतप एवं चुनाव च ह-[EVM- VVPAT]
उ मीदवार का नामांकन प रपूण हो जाने पर चुनाव आयोग नवाचन े से
चुनाव लड़ने वाले उ मीदवार का एक मत-प तैयार करता है, िजसमे उ मीदवार
का नाम, उसक फोटो और उसके दल का चुनाव च ह अं कत होता है। वतमान म
चुनाव आयोग वारा मा यता ा त 6 रा य दल ह- बहुजन समाजवाद पाट ,
भारतीय जनता पाट , भारतीय रा य कां ेस, भारतीय सा यवाद दल,
मा सवाद सा यवाद दल और नेशन ल ट कां ेस पाट । रा य दल के प म
मा यता ा त करने के लए यह आव यक है क कोई राजनी तक दल तीन
व भ न रा य से लोकसभा मे 2% थान ा त कर या लोक सभा और रा य
वधानसभा के चुनाव म कम से कम 6% वैध मत के साथ लोकसभा म 4 थान
ा त कर या चार रा य म रा य पाट के प म मा यता ा त कर। मतदान
और मतगणना क या को सुगम बनाने के लए इले ॉ नक वो टंग मशीन का
वकास कया गया है, िजसका योग पेपर ं टंग म आने वाले खच को कम करता
है और व रत प रणाम उपल ध कराता है। ईवीएम का नमाण ‘भारत इले ॉ नक
कॉरपोरेशन ऑफ इं डया’ और ‘इले ॉ नक कॉरपोरेशन ऑफ इं डया’ ने कया है।
ईवीएम के मा यम से मतदान कराने हेतु 1989 म जन त न ध व अ ध नयम म
संशोधन कया गया और धारा 61 [अ] म इसका ावधान कया गया। ईवीएम
मशीन म गड़बड़ी क आशंका को दूर करते हुए 2013 से ईवीएम के साथ वीवीपैट [
वोटर वेर फ़यबल पेपर ऑ डट ेल]जोड़ा गया,िजसके अंतगत ईवीएम के
साथ 1 ंटर जोड़ दया जाता है जो दए गए वोट क पच नकाल कर बैलट
बॉ स म डाल देता है । यह ॉप बॉ स सील बंद होता है।
● नोटा[NONE OF THE ABOVE ] वक प ]
10. भारतीय लोकतं म मतदाताओं क चयन क वतं ता और उनके अ धकार को
सु नि चत करते हुए 27 सतंबर 2013 को सव च यायालय ने अपने नणय म यह
आदे शत कया क मतदाताओं को इस बात क वतं ता होनी चा हए क य द वे कसी
भी उ मीदवार को अपनी आकां ाओं के अनु प पसंद नह ं करते ह, तो वे भी इस संबंध
म अपना मत य त कर सकते ह। इस आदेश के अनुपालन म नवाचन आयोग ने
ईवीएम म द गई उ मीदवार क सूची के अंत म ‘नोटा’ का वक प दया है और इस
वक प का योग करने हेतु मतदाताओं क जाग कता के काय म भी चलाए जाते
ह।नोटा के संबंध म या चका ‘पीपु स यू नयन फॉर स वल लबट ज’ वारा दायर क गई
थी।
● पो टल मतदान-
ऐसे सरकार का मक जो देश के बाहर नयु त ह, सश सेनाओं के का मक , नवारक
नरोध के अंतगत नजरबंद यि तय , वकलांग और 80 वष से ऊपर के नाग रक को एवं
उनक पि नय या प तय को डाक के मा यम से मत देने का अ धकार दया गया है। इसे
‘ स वस वोट ‘ भी कहते ह।
● नवाचन े -
लोकसभा और रा य वधान सभाओं के चुनाव एक सद य नवाचन े के आधार पर
होते ह। लोकसभा के चुनाव म पूरे देश को उतने नवाचन े म बांटा जाता है, िजतने
त न ध नवा चत होने ह और येक े से एक त न ध नवा चत होता
है।प रसीमन आयोग के वारा नवाचन े का नधारण येक जनगणना के बाद
सामा यतः कया जाता है ।
● सामा य बहुमत णाल -
कसी जन त न ध को नवा चत होने के लए कु ल वैध मत का बहुमत ा त होना
ज र है। इसे “ फ ट पा ट द पो ट स टम” कहते ह। रा प त पद के नवाचन के लए
11. उ मीदवार का एक नि चत सं या म मत ा त करना आव यक होता है, िजसे ‘
नवाचन कोटा ‘ कहते ह।
● गु त मतदान-
अ य लोकतां क देश के समान भारत म भी मतदान गु त तर के से होता है। मतदाता
के अ त र त अ य कोई नह ं जान पाता क कस मतदाता ने कस उ मीदवार को मत
दया है। मत दान को गोपनीय बनाए रखने के लए नवाचन आयोग के नदशन म
समु चत यव था क जाती है।
चुनाव संबंधी बुराइयां एवं चुनाव सुधार
भारत क चुनावी राजनी त म न प एवं वतं चुनाव क यापक यव था के
बावजूद कु छ बुराइयां ि टगोचर होती ह। जैसे-
● स ाधार दल के वारा स ा का चुनावी लाभ हेतु योग
● राजनी तक दल के वारा चुनाव अ भयान म असी मत मा ा म धन का योग
एवं लोभन तथा बाहुबल का योग
● गैर गंभीर उ मीदवार के वारा नामांकन
● चुनाव के बाद स ा क ाि त हेतु दल- बदल क वृ
● चुनाव के बाद राजनी तक दल के गठबंधन का अि त व
● पेड यूज़ एवं येलो जन ल म का बढ़ता चलन
चुनाव संबंधी इन बुराइय को नयं त करने के उ दे य से
चुनाव सुधार क आव यकता लंबे समय से अनुभव क जा रह थी और इस दशा म संसद,
मं मंडल एवं वप ी दल वारा नयु त व भ न स म तय और आयोग ने बहुमुखी
यास कए । जग नाथ राव क अ य ता म नयु त कानून सुधार संबंधी संयु त
संसद य स म त ने 1972 म अपनी रपोट तुत कर इस दशा म पहल क । 1974 म
जय काश नारायण ने ‘ सट जंस फॉर डेमो े सी’ के अ य के प म
चुनाव सुधार के लए यायमू त वी. एम. तरकुं डे क अ य ता म एक स म त नयु त
क । “तरकुं डे स म त’’ ने अपनी रपोट म चुनावी टाचार के अनेक प को उजागर
12. कया। जैसे- धन और बाहुबल का योग, सरकार तं का दु पयोग तथा डाले गए वोट
और जीती गई सीट के बीच असंग त । 1977 म जनता पाट क सरकार के अंतगत
क य गृह मं ी चरण संह के नेतृ व म चुनाव सुधार पर एक मं मंडल य स म त ग ठत
क गई। मु य चुनाव आयु त यामलाल शक धर ने चुनाव खच से लेकर मतदान क
पर क जा करने जैसे मु द पर अपने मह वपूण सुझाव दए। मतदान क आयु 21 वष से
घटाकर 18 वष करने पर सहम त य त क गई, इन सुधार को लागू करने से पहले ह
जनता पाट क सरकार अपद थ हो गई। 1990 म व वनाथ ताप संह क रा य
मोचा सरकार के अंतगत कानून मं ी दनेश गो वामी के नेतृ व म चुनाव सुधार हेतु एक
अ य स म त ग ठत क गई,िजसक सफा रश के आधार पर संसद म 4 वधेयक तुत
कए गए, कं तु इन वधेयक के कानून बनने से पहले ह सरकार गर गई। 1996 म
संयु त मोचा क गठबंधन सरकार को वतीय जन त न ध व संशोधन अ ध नयम को
पा रत करने म सफलता मल गई। कस अ ध नयम वारा न नां कत ावधान कए
गए-
● एक याशी एक बार म 2 सीट से चुनाव नह ं लड़ सके गा।
● जमानत रा श ₹500 से बढ़ाकर ₹5000 कर के संसद य और वधानसभा चुनाव म
नामांकन करने वाले गैर गंभीर या शय को रोका जाएगा।
● याशी क मृ यु हो जाने पर चुनाव क पूव सूचना र द नह ं क जाएगी। य द
संबं धत याशी कसी राजनी तक दल का है तो दल को अ धकार होगा क 7
दन के भीतर और नया याशी घो षत कर। वतं उ मीदवार क ि थ त म
इस कार का ावधान लागू नह ं होगा।
● चुनाव अ भयान क अव ध 21 दन के थान पर 14 दन क होगी।
● सव च यायालय का नणय-
सव च यायालय ने मई 2002 म दए गए एक नणय म नवाचन आयोग को
यह नदश दया क मतदाताओं को ा त सूचना के अ धकार के अंतगत
येक उ मीदवार से यह जानने का अ धकार होगा क उसके पास कतनी चल
अचल संप है, उसके दा य व या है, उसक शै णक यो यता या है तथा या
13. कसी मुकदमे के अंतगत उसे यायालय वारा 2 वष के कारावास क सजा या
अथदंड दया गया है। इस नणय को याि वत करते हुए जून 2002 म नवाचन
आयोग के वारा संबं धत दशा- नदश जार कए गए क उ मीदवार को नामांकन
के समय ह उ त सूचनाये शपथ- प के मा यम से देनी होगी।
● दल- बदल वरोधी कानून-
1985 म सं वधान के 52 व संशोधन के मा यम से चुनाव के बाद दल बदल क
वृ को रोकने के उ दे य से यह कानून पा रत कया गया,िजसके अनुसार कसी
पाट के टकट पर चुनाव लड़ने के बाद कोई नवा चत त न ध य द दल बदलता
है, तो उसे सद यता के लए अयो य घो षत कया जा सकता है। य य प यह
कानून समूह म दल बदल क वृ को नह ं रोक सका ।
● कं पनी संशोधन अ ध नयम- 1985 के वारा कं प नय को यह अ धकार दान
कया गया क वे अपने वगत 3 वष के लाभांश का 5% राजनी तक दल को चंदे के
प म दे सकती है, बशत क इस ताव को कं पनी के बोड ऑफ डायरे टस के
वारा पा रत कया गया हो और कं पनी अपना लाभ एवं हा न का लेखा तुत कर
रह हो। उ योगप तय के वारा काले धन को चंदे के प म दान कए जाने क
वृ पर रोक लगाने के उ दे य से यह संशोधन कया गया। 2013 म उनके
योगदान को बढ़ाकर 7.5% कर दया गया।
● राजनी तक दल के आयकर ववरण को सावज नक कया जाना-
2008 तक राजनी तक दल वारा अपने आयकर का ववरण गोपनीय रखा जाता
था, क तु 2005 के सूचना नयम के अनुसार रा य सूचना आयोग ने
राजनी तक दल को आयकर ववरण सावज नक करने का नदश दया। आयोग
ने राजनी तक दल को ‘पि लक अथॉ रट ’ के प म प रभा षत कया। इसके
वरोध म राजनी तक दल के वारा मलकर 2013 म सूचना का
अ धकार अ ध नयम संशोधन वधेयक पा रत कया गया, िजसके अनुसार
राजनी तक दल पि लक अथॉ रट के प म मा य नह ं ह गे।
● चुनावी खच क सीमा तय करना-
14. चुनाव आयोग ने समय-समय पर लोकसभा वधानसभा चुनाव म खच क सीमा को
नि चत कया है। 2011 म लोकसभा चुनाव के लए यह सीमा ₹4000000 क थी
जब क वधानसभा के लए 16 लाख क । 2014 म यह सीमा बढ़ाकर लोकसभा के लए
7000000 और वधानसभा के लए 2800000 कर द गई है ।
● आयकर कानून संशोधन अ ध नयम- 1978 के आयकर संबंधी कानून के
अनुसार राजनी तक दल को व भ न यि तय वारा वे छा से चंदे म द गई
धनरा श पर कर देने से छू ट ा त थी। 1979 म इसम संशोधन करके यह नि चत
कया गया कया क ऐसी छू ट तभी ा त हो सके गी जब राजनी तक दल क
आय का लेखा पर ण हुआ हो और 20000 से ऊपर क धनरा श दान करने वाले
योगदान कताओं का नाम और पता संबंधी रकाड यवि थत हो।
● नोटा को वीकृ त-
सव च यायालय वारा 2013 म दए गए एक नणय के मा यम से मतदाताओं
के लए नोटा का वक प रखा गया िजसके अनुसार मतदाताओं को इस बात का
अ धकार है क य द वे कसी भी उ मीदवार को पसंद नह ं करते ह तो अपनी
असहम त को अपने मत के मा यम से य त कर सक। नवाचन आयोग ने
यायालय के नदशानुसार ईवीएम मशीन म अं तम वक प के तौर पर नोटा को
सि म लत कया। त मलनाडु म एक युवा समूह के वारा नोटा को टाचार के
व ध वोट के प म चा रत कया गया।
● चुनावी बांड-
जनवर 2018 म सरकार ने चुनावी बांड योजना शु क िजसका उ दे य
राजनी तक दल को मलने वाले चंदे म पारद शता लाना था। योजना के अनुसार
कोई भी दानदाता नाग रक बक से चुनावी बांड खर द कर कसी
राजनी तक दल को दान कर सकता है। उसका नाम गोपनीय रखा जाएगा। यह
बांड हजार पए से लेकर एक करोड़ तक का हो सकता है। इसे के वल एस.बी.आई.
वारा जार कया जा सकता है और इसक वैधता 15 दन तक होती है। वह
राजनी तक दल इस बॉ ड को वीकार कर सकते ह,जो जन त न ध व कानून क
15. धारा 29 ए के अनुसार पंजीकृ त हो। इस बांड के व ध मा सवाद क यु न ट
पाट और ‘एसो सएशन फॉर डेमो े टक रफॉ स’ नामक गैर सरकार संगठन के
वारा सव च यायालय म या चका दा खल क गई। यायालय ने इस पर रोक
लगाने से मना कर दया, कं तु शत यह रख द संबं धत राजनी तक दल के लए
यह अ नवाय होगा वह दानदाता के नाम को रसीद के साथ सील बंद करके चुनाव
आयोग को मुहैया कराएं।
● मतदाता जाग कता काय म-
चुनावी बुराइय को दूर करने म मतदाताओं क जाग कता को वीकार करते हुए चुनाव
आयोग के वारा 2009 से तवष 25 जनवर को मतदाता जाग कता काय म
[sveep] आयोिजत कया जाता है, उसम मतदाताओं को मतदान के मह वपूण कत य
के त सचेत करते हुए उ ह राजनी तक या म सहभागी बनाने का यास कया जाता
है।
भारत म चुनाव सुधार हेतु अ य सुझाव-
● राजनी तक दल वारा सम थत उ मीदवार के वोट तशत एवं सीट
ाि त के म य अंतराल को भरने के लए आनुपा तक त न ध व णाल
को अपनाया जाने का सुझाव दया जाता है, िजसके अंतगत उ मीदवार को
चुनाव जीतने के लए मतदाताओं का एक नि चत सं या म मत ा त
करना आव यक होता है। 2014 के लोकसभा चुनाव को देखने से पता
चलता है क राजनी तक दल को ा त सीट एवं ा त मत मे बड़ा
अंतराल है, िजसे न नां कत प म देखा जा सकता है -
राजनी तक दल ा त वोट तशत ा त सीट
1. भारतीय जनता पाट 31.3 % 282
2. कां ेस 19.5 % 44
3. अ ना मुक 3.3% 37
4. तृणमूल कां ेस 3.9% 34
16. 5. बीजू जनता दल 1.7 20
● लोकसभा, वधानसभा एवं पंचायत सं थाओं के चुनाव हेतु एक ह नवाचन
सूची का नमाण करने का सुझाव दया जाता है, ता क धन और समय क
बबाद को रोका जा सके ।
● उ मीदवार वारा झूठा शपथ प दए जाने पर 2 वष क कारावास क
सजा का ावधान रखा जाए, ता क चुनाव को उ मीदवार वारा गंभीरता
से लया जा सके । वतमान म यह सजा 6 मह ने के कारावास एवं अथदंड
क है। हाल ह म सव च यायालय म एक या चका दा खल करके यह मांग
क गई है क झूठा शपथ प देने वाले अपराधी वृ के उ मीदवार पर
आजीवन चुनाव लड़ने पर तबंध लगाया जाए। सं वधान के अनु छेद 14
का हवाला देते हुए कहा गया है क य द यायपा लका और शास नक
अ धका रय को कसी भी अपराध म ल त पाए जाने पर उनका सेवा से
न कासन कर दया जाता है,तो वधा यका मे कायरत जन त न धय पर
भी ऐसा तबंध होना चा हए। ऐसा न होना कानून के सम समानता के
अ धकार का उ लंघन है। उ लेखनीय है क अभी तक कसी भी
सजाया ता उ मीदवार को 6 वष तक चुनाव लड़ने के लए तबं धत
कया जाता है।
● त न धय वारा जन आकां ाओं के अनु प काय न कए जाने पर
कायकाल के म य म ह मतदाताओं को उसे वापस बुलाने का अ धकार
मलना चा हए। 1970 के दशक म यह मांग तेजी के साथ उठ थी।
● आम आदमी पाट के नेतृ व म टाचार वरोधी आंदोलन म यह मांग
पुनः मुखर हुई ।
● उ मीदवार को चुनाव जीतने के लए 50% मतदाताओं का वोट ा त
करना आव यक होना चा हए और य द ऐसा पहल बार मतदान म संभव न
हो,तो सवा धक मत ा त थम 2 उ मीदवार के म य पुनमतदान क
17. यव था होनी चा हए, जैसा क ांस, ईरान, चेको लोवा कया, यूबा आ द
देश म होता है।
● ि व जरलड के समान लोक- नणय एवं आरंभक क यव था होनी
चा हए, िजसके अंतगत मतदाता अपनी पहल पर अपनी एक नि चत
सं या के ह ता र के साथ कानून का ताव दे सके और वधा यका
वारा बनाए गए कानून पर जनता क राय जनमत सं ह के मा यम से ल
जाए।
चुनाव या के प रणाम [outcome]
भारत म चुनाव या के प रणाम को न नां कत बंदुओं म प ट कया
जा सकता है-
1. येक चुनाव का आधारभूत प रणाम सरकार के गठन के प म सामने आता है।
िजस राजनी तक दल को वधानमंडल के नचले सदन म आधे से यादा सं या म
सीट ा त होती ह, रा प त उसके नेता को धानमं ी पद पर नयु त करता है
और धानमं ी क सलाह और सहायता से अ य मं य को नयुि त दान करता
है। य द कसी राजनी तक दल को बहुमत ा त नह ं होता तो रा प त व ववेक
से ऐसे यि त को धानमं ी नयु त करता है, िजसे सदन का व वास मत
ा त होने क आशा हो। ऐसी ि थ त म रा प त के वारा राजनी तक दल के
चुनाव के बाद के गठबंधन को भी मा यता द
जाती है और य द वे सवस म त से अपना नेता चुन लेते ह, तो रा प त उसे ह
धानमं ी पद पर नयु त करता है। चुनाव बाद के गठबंधन के लए ज र होता है क
गठबंधन म शा मल व भ न राजनी तक दल के म य वैचा रक सहम त हो, अ यथा
मतभेद क ि थ त म सरकार गरने क संभावना रहती है। 90 के दशक से भारत म क
सरकार का गठन गठबंधन के आधार पर होता रहा है।
18. 2. चुनाव या का दूसरा प रणाम आम जनता क चुनाव यव था और या के
संबंध म संतुि ट के प म देखने को मलता है। “ इले शन टडी’’ के सव ण के
अनुसार 3 म से 2 मतदाता यह मानते ह क भारत म चुनाव या न प है।
3. सव स ावाद शासन को जनता ने चुनाव के मा यम से नकार दया है। 1975 म
घो षत कए गए रा य आपात काल के दौरान नाग रक अ धकार पर जो चोट
पहुंची, उसका खा मयाजा 1977 के चुनाव म स ाधार कां ेस पाट को भुगतना
पड़ा। कां ेस क हार के साथ धानमं ी क भी करार हार हुई।
4. 1951- 52 म थम आम चुनाव से 2019 म 17 वी लोकसभा के चुनाव का
व लेषण करने पर प ट होता है क मतदान तशत म उ रो र वृ ध हुई है।
1996 के चुनाव से अब तक मतदान 60% से ऊपर रहा है। 2014 के लोकसभा
चुनाव म मतदान तशत म रकॉड वृ ध दज क गई जो 66.4 % थी । सरकार
के व वास मत खो देने के बाद हुए म याव ध चुनाव म मतदान तशत म
गरावट दज क गई। जैसे 1991 म मतदान तशत 55.9% था और 1999 म
पहले के मुकाबले 2% क गरावट दज क गई।
5. चुनावी या का एक प रणाम राजनी तक दल क सं या म उ रो र वृ ध के
प म देखा जा सकता है। 1951- 52 के थम आम चुनाव म जहां के वल 53
राजनी तक दल ने चुनाव म भाग लया था, वह ं 2019 के चुनाव म पंजीकृ त
राजनी तक दल क सं या 2354 पहुंच गई । यह नह ं, 1 सीट के वरोध म थम
आम चुनाव म जहां तीन उ मीदवार नामांकन करते थे,वह ं
आज यह नामांकन सं या एक सीट के व ध 14 उ मीदवार तक पहुंच गई है।
6. लोकसभा और रा य वधान सभाओं के चुनाव प रणाम यह प ट करते ह क
सामा यतया स ाधार दल अगला चुनाव हार जाता है।
7. कु छ रा य म वोट तशत नतांत कम रहता है। जैसे - ज मू क मीर एवं पंजाब।
इसका कारण इन रा य म अशां त का वातावरण है ।
8. म हलाओं क चुनावी सहभा गता म भी वृ ध हुई है। त न ध सं थाओं म
म हलाओं का त न ध व 10.9 तशत तक पहुंच चुका है। कु छ रा य जैसे
-अ णाचल देश, गोवा, के रल, म णपुर, मेघालय, मजोरम, दमन द व और
19. पां डचेर म म हला मतदान तशत पु ष के मुकाबले म अ धक रहा है। 2014 के
चुनाव म म हलाओं का मतदान तशत 65.6 रहा। लोकसभा म म हला
त न धय क सं या म भी वृ ध हुई है। 2009 म जहां यह 52 थी ,वह 2014
म 64 और 2019 म 78 तक पहुंच गई।
9. बहुमत के साथ चुनाव जीतने पर स ाधार दल के वारा चुनावी घोषणा प के
मा यम से कए गए वायद को पूरा करने क वृ हाल के वष म दखाई द है। जैसे-
भाजपा नीत क सरकार ने ज मू क मीर के संबंध म धारा 370 क समाि त एवं
नाग रकता संशोधन कानून को पा रत कर अपने चुनावी वायदे को पूरा करने का यास
कया।
10. मतदाताओं ने वधानसभा चुनाव म े ीय मु द को यान म रखकर वोट दया,
जब क लोकसभा चुनाव म राजनी तक ि थरता, रा य सुर ा एवं आ थक वकास को
यान म रखते हुए मत दया ।
चुनाव प रणाम के नधारक त व
भारत म ारंभ से ह चुनाव प रणाम के वषय म अ ययन होते रहे ह। इन
अ ययन के आधार पर यह कहा जा सकता है क भारतीय मतदाताओं का मत
यवहार और उसके प रणाम व प ा त चुनाव प रणाम न नां कत त व से
भा वत हुए ह-
● श ा-
नसंदेह श त मतदाता मतदान के त जाग क हुए ह और वे इसे अपना
प व सावज नक कत य समझते हुए राजनी तक दल के घोषणा प और
उ मीदवार क यो यताओं को यान म रखते हुए अपने मत का योग
करते ह।रा य म वधान प रषद के चुनाव म वशेष प से श क और
नातक के वारा मता धकार का योग कया जाता है। उ ह पृथक प से
कु ल सद य सं या के 1 /12 भाग के प मे अपने त न धय को चुनने
20. का अ धकार है। वे जानते ह उनका एक अमू य मत अ छ सरकार को
बनाने और अयो य जन त न धय को रोकने म कतना सहायक है। यह
कारण है क श ा के व तार के साथ -साथ मतदान के तशत म भी
वृ ध हुई है। 2019 के 17 वी लोकसभा के चुनाव म 67% से ऊपर रकॉड
मतदान दज कया गया।
● क र मा-
राजनी तक दल के नेता का क र माई यि त व भारत के चुनाव प रणाम
को बहुत बड़ी सीमा तक भा वत करता है। मतदाता नेता के यि तगत
गुण से भा वत होकर शासन क बागडोर उसके हाथ म स पने क इ छा से
उसके दल के उ मीदवार को मत देते ह। नेह , इं दरा, बाजपेई और नर
मोद क जीत के पीछे एक बहुत बड़ा कारण उनका यि त व रहा है। “
इं दरा लाओ, देश बचाओ’’ और “ मोद है तो मुम कन है” जैसे नार ने
चुनावी प रणाम को भा वत कया है। 1977 के चुनाव म जय काश
नारायण के नेतृ व क म कां ेस के वच व को तोड़ कर रख दया। रा य
म भी एन.ट . रामा राव एवं जयल लता जैसे यि त व से मतदाता
भा वत रहे ह।
● जा त-
जा तगत भेदभाव को समा त करने संबंधी संवैधा नक ावधान के बावजूद
जा त आज भी भारतीय राजनी त को वशेष प से चुनावी राजनी त को
भा वत कर रह है। इस संबंध म मॉ रस जॉ स ने ट पणी क है क “
जा त के लए राजनी त और राजनी त के लए जा त पहले क अपे ा आज
बहुत अ धक मह वपूण हो गई है”। जा त का राजनी तकरण समसाम यक
भारतीय राजनी त क एक मह वपूण वशेषता बन गई है। “ जाट क बेट
जाट को, जाट का वोट जाट को’’,‘ ा हण का वोट ा हण को’ जैसे चुनावी
नारे बनाए और सा रत कए जाते ह। राजनी तक दल चुनाव के टकट
21. का बंटवारा करते समय उ मीदवार क जा त और नवाचन े म जा त
वशेष के वच व कार भाव को वशेष प से यान म रखते ह। स ा ढ़
होने के बाद उनके वारा जो नी तयां बनाई जाती है, उनम भी जा तगत
समीकरण को यान म रखा जाता है। ऐसी नी तय को तरजीह द जाती है
जो जा तगत वोट बक को सुर त रख सके । मतदाता भी मत डालते समय
उ मीदवार क जा त और अपनी जा त म सा यता अव य देखते ह।
● वचारधारा-
जा तगत एवं धम गत भावनाओं को उभारने और उसका चुनावी लाभ ा त करने
के राजनी तक दल के य न के बावजूद आज भी कु छ मतदाता ऐसे ह िजनक
वचारधारा वशेष के त तब धता है और वह उ मीदवार को उसक पाट क
वचारधारा के आधार पर मत देते ह। पि चम बंगाल ,के रल और पुरा जैसे रा य
म वामपंथी पा टय के त मतदाताओं का झुकाव उनक वैचा रक तब धता को
य त करता है।
● लोक य नारे-
चुनाव जीतने के मकसद से राजनी तक दल वारा गढ़े गए नारे भावी ढंग से
मतदान को भा वत करते ह। 1967 म भारतीय जनसंघ के वारा नारा दया
गया- “ जनसंघ को वोट दो, बीड़ी पीना छोड़ दो,
बीड़ी म तंबाकू है , कां ेस वाला डाकू है।’’
इस नारे का नणायक भाव पड़ा। कां ेस ने भी नारा दया “ ो ेस ू कां ेस’’
िजस के यु र म शवसेना ने “ कां ेस ऑर ो ेस” का नारा दया। “गर बी
हटाओ, इं दरा लाओ, देश बचाओ’’ का नारा कां ेस वारा 1971 के चुनाव म दया
गया। “ जब तक सूरज चांद रहेगा इं दरा तेरा नाम रहेगा” इं दरा गांधी क ह या के
बाद 1984 म हुए चुनाव म इस नारे ने कां ेस के प म रकॉड मत बटोरा । “
मले मुलायम कांशीराम, हवा हो गए जय ी राम’’, इस नारे ने उ र देश म सपा
और बसपा के गठबंधन को जीत दलाई। “ जात पर न पात पर मोहर लगेगी हाथ
पर’’, 1996 के चुनाव म नर स हा राव के नेतृ व म कां ेस ने यह नारा देकर
अपनी न प चुनावी रणनी त का संदेश दया।
22. ● यि तगत संपक-
कई बार मतदाताओं के वारा उन उ मीदवार को मत देने का वचार बना लया
जाता है िजनके वारा यि तगत प से उनसे संपक था पत कया जाता है।
उ मीदवार के र तेदार और म भी यि तगत संबंध के कारण उसके प म
मत देते ह।
● दल वशेष के त वफादार -
भारतीय जन मानस का एक वग ऐसा भी है जो पीढ़ दर पीढ़ एक ह राजनी तक
दल के त सम पत है और बना इस बात पर यान दए क पाट के वारा कै से
उ मीदवार का चयन कया जा रहा है, वह पाट के नाम पर ह वोट देता है। कई
बार तो वह जानता भी है क िजसे वह मत दे रहा है वह चुनाव हार जाएगा, फर भी
दल के त तब धता के कारण वह उसी उ मीदवार को मत देता है, जो उसक
पसंद क पाट का है। ऐसे मतदाता तब ध मतदाता कहलाते ह।
● धम या पंथ-
धम भी चुनावी राजनी त को भा वत करता है। उ मीदवार का चयन करते
समय राजनी तक दल नवाचन े म धम वशेष के लोग क सं या का यान
रखते ह और उसी के अनु प उ मीदवार का चयन करते ह। राजनी तक दल पर
यह आरोप लगाया जाता है क वे अ पसं यक धमावलं बय को धम के नाम पर
ुवीकृ त करते ह और उनके त तु ट करण क नी त अपनाते ह, ता क उनका
वोट ा त कया जा सके । पछले आम चुनाव म बहुसं यक धमावलं बय को भी
आक षत कर उनका वोट ा त करने का य न सभी राजनी तक दल के वारा
कया गया। धा मक तीक का चुनावी रै लय म योग, धम के नाम पर नार का
नमाण आ द हथकं डे राजनी तक दल के वारा अपनाए जाते ह और मतदाताओं
वारा धा मक वाह म बहकर मत भी दया जाता है।
● भाषा एवं सं कृ त-
भारत एक बहु भाषाई एवं बहु सां कृ तक रा है। सभी भाषाओं और सं कृ तय
के लोग यह चाहते ह क उ ह रा य तर पर पहचान एवं त न ध व ा त हो,
23. अतः मत देते समय वे इन बात पर भी वचार करते ह क कौन सा राजनी तक दल
उनक आकां ा पूर कर सकता है। भाषा के आधार पर रा य का पुनगठन इस
बात का माण है क भारतीय राजनी त म भाषा क अहम भू मका है। रा य क
आ धका रक भाषा के प म अपनी भाषा को पहचान दलाने के लए व भ न
भाषाई समूह य नशील रहते ह और उनक याशीलता चुनावी प रणाम को
भा वत करती है 1967 और1971 म“ डी .एम .के . जैसी पाट ने हंद वरोध के
नाम पर चुनावी जीत हा सल क थी। उ र-पूव के रा य म मतदान तशत क
अ धकता का कारण वहां के लोग का अपनी पहचान के त सजग होना और
त न ध व क ती आकां ा के प म देखा जा सकता है।
● बाहुबल एवं धन बल-
चुनावी सुधार के व भ न य न के बावजूद धन एवं बाहुबल का भाव चुनाव म
बना हुआ है। गर बी रेखा से नीचे जीवन जीने वाले मतदाता समृ ध राजनी तक
दल के नेताओं के धन संबंधी लोभन म आ जाते ह और बना यह वचार कए क
िजस उ मीदवार को वह मत देने जा रहे ह, वह रा के लए हतकार है या नह ं,
उसे मत दे देते ह य द उ ह आ थक लाभ पहुंचा रहा हो । हाल ह म संप न हुए
बहार वधानसभा चुनाव म यह देखा गया क 50% से अ धक उ मीदवार बाहु
बल थे। मतदाता इन बाहुब लय से डरकर उनके प म मत देने के लए बा य हो
जाते ह। ज मू क मीर म मतदान तशत कम होने क एक बड़ी वजह मतदाताओं
को आतंकवाद समूह वारा मलने वाल धमक है जो उ ह राजनी तक या म
भागीदार होने से रोकती है।
● स ाधार दल के वारा अपनाई गई नी तयां एवं उनका भावी या वयन-
भारतीय लोकतं के वकास के साथ-साथ मतदाता भी प रप व होते जा रहे ह
और वे इस बात पर वचार अव य करते ह क िजस राजनी तक दल को उ ह ने
स ा स पी है, वह जनता से कए गए चुनावी वायद के त कतना ईमानदार है।
य द स ाधार दल क नी तय और उसके सफल या वयन से मतदाता संतु ट
होते ह, तो वह पुनः उसी के प म मत देते ह। वपर त ि थ त होने पर
24. मतदाताओं का स ाधार राजनी तक दल से मोह भंग हो जाता है और वे वैकि पक
प म दूसर पाट के हाथ म स ा सोपने हेतु मतदान करते ह।
● उ मीदवार क सावज नक छ व-
अपने नवाचन े म उ मीदवार क छ व भी मतदान यवहार को भा वत
करती है। य द उ मीदवार े ीय मतदाताओं से नरंतर संपक म रहता है, उनक
आशाओं और आकां ाओं से प र चत होता है तो मतदाता नसंदेह उसे अपना वोट
देते ह । यह कारण है क लोकसभा म बहुमत ा त करने वाले
दल के भी कई उ मीदवार अपने नवाचन े म लोक य न होने के कारण चुनाव
हार जाते ह।
● आ थक मु दे-
मुनरो ,क वेट ,ले वस बैक, नाइडर, एंडरसन जैसे वचारको ने 80 और 90 के
दशक म चुनाव एवं अथ यव था के संबंध पर अ ययन कया और ट ट ने अपनी
पु तक “ पॉ ल टकल कं ोल ऑफ द इकॉनमी’’ मे इस न कष पर पहुंचे क
आ थक मु द का चुनावी राजनी त पर गहरा असर पड़ता है। “लोकनी त’ वारा
2019 म कराए गए चुनावी सव ण मे भी यह बात उभर कर सामने आई क
25% मतदाताओ ने बेरोजगार , फसल के मू य म गरावट,बढ़ती महंगाई दर एवं
ामीण जनसं या क आ थक दुदशा के आधार पर मत देने का मन बनाया, जब क
17% मतदाताओं को वकास संबंधी मु द ने भा वत कया एवं 9 %मतदाता
सड़क, पानी, बजल , कू ल, हॉि पटल जैसे मु द से भा वत थे। ह रयाणा,
राज थान और म य देश म संप न हुए वधानसभा चुनाव म े ीय आ थक
मु द का असर बखूबी देखा जा सकता है।
● चार अ भयान-
सूचना तकनीक के वकास के साथ कई बार चुनाव म चार अ भयान नणायक
बन जाते है। अपने संसाधन के अनु प िजस राजनी तक दल क चार तं पर
पकड़ मजबूत होती है, चुनाव प रणाम उस के प म जाने क संभावना बढ़ जाती
25. है। 2014 के चुनाव म एनडीए के वारा जो चार कया गया वह कां ेस के नेतृ व
और रा य राजनी त म टाचार के व ध था। ट यूपीए सरकार को हटाने
के लए भारतीय जनता पाट के वारा टाचार मु त, कां ेस मु त सरकार के
नमाण पर चुनाव अ भयान क त कया गया, िजसने बड़ी सं या म शहर
म यवग के मतदाताओं को आक षत कया। हालां क टाचार वरोधी अ भयान
2011 म ह अ ना हजारे के नेतृ व म” लोकपाल’’ जैसी सं था क मांग के साथ
आरंभ हुआ था, इसका क द ल
था। एंडरसन का कथन है क 2014 का चुनाव चार अमे रकन शैल म मोद के
नेतृ व पर क त था िज ह ने काले धन को वापस लाने, त वष 10000000
रोजगार सृजन का वादा कया । यवि थत और भावी ढंग से ांड मोद का
नमाण कया गया और उसका चार सार कया गया, िजसका असर चुनाव
प रणाम पर देखने को मला। चार अ भयान म सोशल मी डया क मह वपूण
भू मका रह । ेस ट ऑफ इं डया के अनुसार 2014 के लोकसभा एवं वधानसभा
चुनाव म नवाचन आयोग वारा दए गए आ धका रक आंकड़ के अनुसार
भारतीय जनता पाट के वारा 714 करोड़, कां ेस वारा 516 करोड़ ,नेशन ल ट
कां ेस पाट के वारा 51 करोड़ और बहुजन समाज पाट के वारा 30 करोड़ पए
खच कए गए।
न कष-
● लोकतं के वकास के साथ-साथ भारत म चुनावी राजनी त भी प रप व हुई
है।
● चुनाव या को न प एवं वतं बनाने म चुनाव आयोग और सव च
यायालय क मह वपूण भू मका रह है।
● यापक चुनाव सुधार ने चुनाव या और प रणाम को भा वत कया
है।
26. ● मतदाता जाग कता काय म ने मतदाताओं को श त कया है
िजसका प रणाम मतदान तशत म उ रो र वृ ध के प म देखने को
मला है।
● जा त, धम जैसे पारंप रक मु द के साथ श ा, अथ यव था ,पहचान
,लोकनी त जैसे मु द ने चुनावी प रणाम को भा वत कया है।
● सूचना ौ यो गक और चार तं ने हा लया वष म भारत के चुनाव
प रणाम को नणायक ढंग से भा वत कया है।
मु य श द-
● चुनाव या
● चुनाव प रणाम
● चुनाव सुधार
● चुनाव आयोग
● मतदाता जाग कता
● नोटा
● लोक नणय
● चुनावी बॉ ड
● जन त न ध
● अनुपा तक त न ध व
● दल -बदल
References -
● Eci.gov.in
● Fazil khan,”Great Indian Election 1951-2019,The Story How
90 Crore Voters Make Ad Break History
27. ● Haryana,MaharashtraElectionResultsShowlocal
Issues,EconomyMatter,SanjeevMukherjee,25
october,2019,business-standard.com
● Harish Shridharan,Voters Turnout In Lok Sabha Elections
Since 1952
● Indiankanoon.org
● Manjari Katju,Election Campaigning In Transformed
India,thindiaforum.in,june7,2019
● SanjayKumar,ReformingIndian Electoral
Process,Economic And Political
Weekly,Aug,24,2002,jstor.org
● The Issues That Mattered In An Issue-less Election,Lokniti
Team Survey,20 may, 2019,the hindu.com
● wwwepw.in/journal/2019BSER Vol. 54,Issue 13,30
March2019
न-
नबंधा मक-
1. भारत म चुनाव या से जुड़े मु द क ववेचना क िजए ।
2. नवाचन आयोग के गठन एवं उसके काय का मू यांकन क िजए।
3. भारत म चुनाव प रणाम के नधारक त व क ववेचना क िजए।
4. भारतीय मतदाता जाग क एवं प रप व हुआ है, इस कथन के संदभ
म भारत म मतदान यवहार के नधारक त व क ववेचना क िजए।
व तु न ठ न-
1. भारत म थम आम चुनाव कस वष संप न हुआ था।
[अ ] 1950 [ब ]1952 [ स ] 1948 [ड़ ] 1954
2. थापना के समय नवाचन आयोग म कतने सद य थे।
[ अ ] 2 [ ब ] 3 [स ] 1 [ ड़ ] 4
28. 3. मु य नवाचन आयु त क नयुि त कौन करता है।
[अ ] धानमं ी [ब ] रा प त [ स ] संसद [ ड़ ] मतदाता चुनावकरते
ह।
4. नयमानुसार नदल य उ मीदवार के नामांकन का समथन कतने
मतदाताओं वारा कया जाना चा हए।
[ अ ] 8 [ ब ] 9 [ स ] 7 [ड़ ] 10
5. लोकसभा का चुनाव लड़ने वाले उ मीदवार के लए वतमान म चुनावी खच क सीमा
या है।
[अ ] 5000000 पए [ ब ] 45 लाख पए [ स ] 7000000 पये [ ड़ ] 10000000
पए
6. नवाचन े का नधारण कौन करता है।
[अ ] संसद [ ब ] वधानसभा [ स ] प रसीमन आयोग [ड़ ] चुनाव आयोग
7. ईवीएम मशीन म ‘नोटा’ वक प कब सि म लत कया गया ।
[ अ ] 2009 [ ब ] 2008 [ स ] 2013 [ ड़ ] 2001
8. पो टल मतदान क सु वधा न न ल खत म से कस को ा त नह ं है ।
[ अ ] भारत से बाहर रहने वाले सभी भारतीय नाग रक को
[ब ] वदेश म नयु त सरकार का मक को
[ स] सेना के कमचा रय को
[ ड़ ] 80 वष से ऊपर के नाग रक को
9. चुनावी बांड योजना के अंतगत कोई यि त कसी राजनी तक दल को अ धकतम
कतनी धनरा श दान कर सकता है।
[ अ ] 5000000 पए [ ब ] एक करोड़ पए [ स ] 2500000 पए [ड़ ] मनचाह
धनरा श
10. तारकुं डे स म त का संबंध कससे है।
[ अ ] चुनाव सुधार [ ब ] चुनाव आयोग का गठन [ स ] नवाचन े [ ड़ ] उ मीदवार
का नामांकन
29. उ र- 1.ब 2. स 3.ब 4. ड़ 5. स 6.स 7.स 8.अ 9.ब 10. अ
30. References And Suggested Readings
1. Eci.gov.in
2. Fazil khan,”Great Indian Election 1951-2019,The Story How
90 Crore Voters Make Ad Break History
3. Haryana,MaharashtraElectionResultsShowlocal
Issues,EconomyMatter,SanjeevMukherjee,25
october,2019,business-standard.com
4. Harish Shridharan,Voters Turnout In Lok Sabha Elections
Since 1952
5. Indiankanoon.org
6. Manjari Katju,Election Campaigning In Transformed
India,thindiaforum.in,june7,2019
7. SanjayKumar,ReformingIndian Electoral
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Weekly,Aug,24,2002,jstor.org
8. The Issues That Mattered In An Issue-less Election,Lokniti
Team Survey,20 may, 2019,the hindu.com
9. wwwepw.in/journal/2019BSER Vol. 54,Issue 13,30
March2019